प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शतमान संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सुवर्ण की कोई वस्तु जो तौल में सौ मान की हो ।

२. सोना या चादी तौलने के लिये सौ मान की तौल या बाट ।

३. चाँदी का एक पल ।

४. आढ़क नाम की प्राचीन काल की तौल जौ प्रायः पौने चार सेर की होती थी ।

५. रुपामाखी या तारमाक्षिक नाम की उपधातु ।