प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

शतघ्नी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. प्राचीन काल का एक प्रकार का शस्त्र । विशेष—किसी बड़े पत्थर या लकड़ी के कुंद में बहुत से कीलकाँटे ठोंककर यह शस्त्र बनाया जाता था और इसका व्यवहार युद्ध के समय शत्रुओं पर फेंकनें में होता था । लोग इसे तोप या राकेट जैसा शस्त्र कहते हैं जिससे सैकड़ों व्यक्ति मारे जा सकते थे ।

२. वृश्चिकाली । बिछाती ।

३. एक प्रकार की घास ।

४. करंज या कंजे का पेड़ ।

५. भावप्रकाश के अनुसार गले में होनेवाला एक प्रकार का रोग । विशेष—इसमें त्रिदोष के कारण गले में बत्ती के समान लंबी और मोटी तता कंठ को रोकनेवाली, मांस के अंकुरों से भरी हुई और बहुत पीड़ा देनेवाली सूजन हो जाती है । यह रोग प्राणनाशक कहा गया है ।