शंबूक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनशंबूक संज्ञा पुं॰ [सं॰ शम्बूक]
१. एक तपस्वी शूद्र । विशेष—शूद्र होने के कारण इसकी कठोर तपस्या के प्रभाव से त्रेतायुग में रामराज्य में एक ब्राह्मण का पुत्र अकाल मृत्यु को प्राप्त हुआ था; अतः इसे राम ने मारकर मृत ब्राह्मणपुत्र को पुनरुज्जीवित किया था ।
२. घोंघा ।
३. शंख ।
४. एक दैत्य का नाम ।
५. हाथी के सूँड़ का अगला भाग ।