प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शंब ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शम्ब]

१. इंद्र का वज्र ।

२. लोहे की जंजीर जो कमर के चारों तरफ पहनी जाय ।

३. प्राचीन काल की एक माप ।

४. नियमित रूप से हल जोतने की क्रिया ।

५. दुहरी जुताई । दुबारा हल चलाने की क्रिया ।

६. मुसल के सिरे पर लगी हुई लोहे की गोल पट्टी । साम (को॰) ।

शंब ^२ वि॰

१. सुखी । भाग्यवान् ।

२. दरिद्र । अभागा [को॰] ।