प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शंढ संज्ञा पुं॰ [सं॰ षण्ढ]

१. नपुंसक । वंध्या पुरुष ।

२. वृष । साँड़ ।

३. उन्मत्त साँड़ ।

४. राजाओं के अंतःपुर का वह सेवक जो पुस्त्वविहीन हिंजड़ा होता था ।

५. उन्मत्त पुरुष । पागल व्यक्ति [को॰] ।