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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

शंकरचूर संज्ञा पुं॰ [सं॰ शङ्करचूर (- सं॰चूड़ = चूड़ा)] एक प्रकार का सर्प । विशेष—कहते हैं, इसकी उत्पत्ति पातराज और दूधराज सर्प के जो़ड़े से होतो है । यह कभी कभी ९, १० हाथ लंबा होता है । इसके जहर के दाँत बड़े होते हैं, इसी से इसका काटना सांघातिक होता है, यह बहुत कम देखने में आता है और वंग देश में केवल सुंदरवन में होता है । यह बहुत ही भयंकर होता और इसका पकड़ना बड़ा कठिन है ।