व्यय
संज्ञा
खर्चा, लागत, अदायगी, चुकाना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
व्यय संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. किसी पदार्थ का, विशेषतः धन आदि का, इस प्रकार काम में आना कि वह समाप्त हो जाय । किसी चीज का किसी काम में लगना । खर्च । सरफा । खफत । जैसे,—(क) उनका व्यय १००) मासिक है । (ख) व्यर्थ अपनी शक्ति व्यय मत करो ।
२. नाश । बरबादी ।
३. दान ।
४. छोड़ देना । परित्याग ।
५. बृहस्पति के चार के एक वर्ष या संवत्सर का नाम ।
६. महाभारत के अनुसार एक नाग का नाम ।
७. रुकावट । अड़चन (को॰) ।
८. अपव्यय । फजूलखर्ची (को॰) ।
९. धन । संपत्ति ।
१०. जन्मकुंडली में लग्न से १२ वाँ स्थान (को॰) ।
११. व्याकरण में विभक्ति में प्रयुक्त प्रत्यय । शब्द- रूपांतर (को॰) ।