व्यंतर १. संज्ञा पुं॰ [सं॰ व्यन्तर] जैनों के अनुसार एक प्रकार के पिशाच और यक्ष । २. अंतर । अवकाश (को॰) । ३. अंतर न होना (को॰) ।