वैशाख
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- हिन्दू पंचांग का दूसरा मास[१]
पर्याय
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
वैशाख संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. मथनी में का ड़ंड़ा । मंथनदंड़ ।
२. लाल गदहपूरना ।
३. बारह महीनों में से एक महीना जो चांद्र गणना से दूसरा और सौर गणना के अनुसार पहला महीना होता है । इस मास की पूर्णिमा विशाखा नक्षत्र में पड़ती है, इसीलिये इसे वैशाख कहते है । चैत के बाद का और जेठ के पहले का महीना ।
४. एक प्रकार का ग्रह जिसका प्रभाव घोड़ों पर पड़ता है और जिसके कारण उनका शरीर भारी हो जाता है और वे काँपने लगते हैं ।
५. धनुष पर वाण चलाने के समय की एक मुद्रा । दे॰ 'विशाख' (को॰) । यौ॰—वैशाखनंदन= (१) वैशाख में आनंदित होनेवाला । (२) गधा । खर । वैशाखरज्जु = मंथनदंड़ की रस्सी । नेत्र ।