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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वृंद संज्ञा पुं॰ [सं॰ वृन्द]

१. समूह । झुंड । राशि । ढेर । यौ॰—वृंदगान=समवेत गायन । कई गायकों का एक साथ गाना । वृंदगायक = अनेक गायकों के साथ साथ गानेवाला । वृंदमीत । वृंदमाधव = चिकित्सापरक एक ग्रंथ । वृंदवाद्य । वृंदसंहिता, वृंदसिंधु = आयुर्वेद के ग्रंथ का नाम ।

२. सौ करोड़ की संख्या ।

३. एक मुहूर्त का नाम । उ॰—माघ शुक्ल भूता दिन जानो वृंद मुहूरत में पहिचानों । विश्राम (शब्द॰) ।

४. गुच्छा । स्तवक (को॰) ।

५. कोरस (को॰) । सहगान । वृंदगान (को॰) ।

६. गले का फोड़ा, अर्बुद या ग्रंथि (को॰) ।

७. आयुर्वेद के एक विद्वान् (को॰) ।

वृंद वि॰ अत्यधिक । बेशुमार [को॰] ।