"हिन्दी": अवतरणों में अंतर

reverted to last stable/un-vandalized version
No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति ३०:
हिंदी ^३ संज्ञा स्त्री॰ <br><br>१. हिंदुस्तान की भाषा । भारतवर्ष की बोली । <br><br>२. हिंदुस्तान के उत्तरी या प्रधान भाग की भाषा जिसके अंतर्गत कई बोलियाँ हैं और जो बहुत से अंशों से सारे देश की एक सामान्य भाषा मानी जाती है । विशेष—मुसलमान पहले पहल उत्तरी भारत में ही आकर जमे और दिल्ली, आगरा और जौनपुर आदि उनकी राजधानियाँ हुई । इसी से उत्तरी भारत में प्रचलित भाषा को ही उन्होंने 'हिंदवी' या 'हिंदी' कहा । काव्यभाषा के रूप में शौर- सेनी या नागर अपभ्रंश से विकसित भाषा का प्रचार तो मुसल- मानों के आने के पहले ही से सारे उत्तरी भारत में था । मुसलमानों ने आकर दिल्ली और मेरठ के आसपास की भाषा को अपनाया और उसका प्रचार बढ़ाया । इस प्रकार वह भी देश के एक बड़े भाग की शिष्ट बोलचाल की भाषा हो चली । खुसरो ने उसमें कुछ पद्यरचना भी आरंभ की जिसमें पुरानी काव्यभाषा या ब्रजभाषा का बहुत कुछ आभास था । इससे स्पष्ट है कि दिल्ली और मेरठ के आसपास की भाषा (खड़ी बोली) को, जो पहले केवल एक प्रांतिक बोली थी, साहित्य के लिये पहले पहल मुसलमानों ने ही लिया । मुसलमानों के अपनाने से खड़ी बोली शिष्ट बोलचाल की भाषा तो मानी गई, पर देश को साहित्य की सामान्य काव्यभाषा वह ब्रज (जिसके अंतर्गत राजस्थानी भी आ जाती है) और अवधी रही । इस बीच में मुसलमान खड़ी बोली को अरबी फारसी द्वारा थोड़ा बहुत बराबर अलंकृत करते रहे, यहाँ तक कि धीरे धीरे उन्होंने अपने लिये एक साहित्यिक भाषा और साहित्य अलग कर लिया जिसमें विदेशी भावों और संस्कारों की प्रधानता रही । ध्यान देने की बात यह है कि यह साहित्य तो पद्यमय ही रहा, पर शिष्ट बोलचाल की भाषा के रूप में खड़ी बोली का प्रचार उत्तरी भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक हो गया । जब अँगरेज भारत में आए, तब उन्होंने इसी बोली को शिष्ट जनता में प्रचलित पाया । अतः उनका ध्यान अपने सुबीते के लिये स्वभावतः इसी खड़ी बोली की ओर गया और उन्होंने इसमें गद्य साहित्य के आविर्भाव का प्रयत्न किया । पर जैसा ऊपर कहा जा चुका है, मुसलमानों ने अपने लिये एक साहित्यिक भाषा उर्दू के नाम से अलग कर ली थी । इसी से गद्य साहित्य के लिये एक ही भाषा का व्यवहार असंभव प्रतीत हुआ । इससे कलकत्ते के फोर्ट विलियम कालेज के प्रोत्साहन से खडी़ बोली के दो रूपों मे गद्य साहित्य का निर्माण आरंभ हुआ—उर्दू में अलग और हिंदी में अलग । इस प्रकार 'खड़ी बोली' का ग्रहण हिंदी के गद्य साहित्य में तो हो गया, पर पद्य की भाषा बहुत दिनों तक एक ही—वही ब्रजभाषा—रही । भारतेंदु हरिश्चंद्र के समय तक यही अवस्था रही । पीछे हिंदी साहित्यसेवियों का ध्यान गद्य और पद्य की एक भाषा करने की ओर गया और बहुत से लोग 'खड़ी बोली' के पद्य की ओर जोर देने लगे । यह बात बहुत दिनों तक एक आंदोलन के रूप में रही; फिर क्रमशः खड़ी बोली 'में भी बराबर हिंदी की कविताएँ लिखी जाने लगीं । इस प्रकार हिंदी साहित्य के भीतर अब तीन बोलियाँ आ गईं—खड़ी बोली, ब्रजभाषा और अवधी । हिंदी साहित्य की जानकारी के लिये अब इन तीनों बोलियों का जानना आवश्यक है । साहित्यिक खड़ी बोली की हिंदी और उर्दू दो शाखाएँ हो जाने से साधारण बोलचाल की मिलीजुली भाषा को अँगरेज हिंदुस्तानी कहने लगे । यौ॰—हिंदीदाँ = हिंदी भाषा का जानकार । हिंदी का ज्ञाता । हिंदीदानी = हिंदी लिखना और पढ़ना जानना । हिंदीसाज = हिंदी को सँवारनेवाला । हिंदी का तुकबाज । उ॰—कोई हिंदीसाज इनके नाच और बाजे की तारीफ में योँ कह गया है कि बंपारन बाजा लगा बजने झार मन ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ १५२ ।
=== अन्य भाषाओं में ===
{| width=100%
|-
|bgcolor="#f9f9f9" valign=top width=48% style="border:1px solid #aaaaaa; padding:5px;"|
{|
:*{{af}}: [[Hindoes]], [[Hindi]] [[:af:Hindoes]]
:*{{am}}: [[ሐንድኛ]]
:*{{ar}}: [[هندية]]
:*{{hy}}: [[Հինդի]]
:*{{az}}: [[Һинд]]
:*{{eu}}: [[Hindi]] [[:eu:Hindi]]
:*{{be}}: [[хіндзі]]
:*{{bg}}: [[хинди]]
:*{{ca}}: [[Hindi]]
:*{{chr}}: [[ᎯᏅᏗ]]
:*{{zh}}: [[印地语]] [[:zh:印地语]]
:*{{hr}}: [[Indijski]]
:*{{cs}}: [[hindský]]
:*{{da}}: [[hindi]] [[:da:hindi]]
:*{{en}}: [[Hindi]] [[:en:Hindi]]
:*{{eo}}: [[hindia]]
:*{{et}}: [[Hindi]]
:*{{fa}}: [[هندى]]
:*{{fi}}: [[hindi]]
:*{{fr}}: [[hindi]] पु. [[:fr:hindi]]
:*{{ka}}: [[ჰინდი]]
:*{{de}}: [[Hindi]] [[:de:Hindi]]
:*{{el}}: [[Χιντού]], [[Χίντι]]
:*{{gu}}: [[હિન્દી]] स्त्री. [[:gu:હિન્દી]]
:*{{he}}: [[הינדית]]
:*{{hu}}: [[Hindi]]
:*{{is}}: [[Hindí]]
:*{{id}}: [[Hindi]]
:*{{ga}}: [[Hiondúis]]
:*{{it}}: [[hindi]] [[:it:hindi]]
:*{{ja}}: [[ヒンディー語]] [[:ja:ヒンディー語]]
:*{{ko}}: [[힌디어]]
:*{{kn}}: [[ಹಿಂದಿ]]
:*{{lv}}: [[Hindu]]
|}
| width=1% |
|bgcolor="#f9f9f9" valign=top width=48% style="border:1px solid #aaaaaa; padding:5px;"|
{|
:*{{lt}}: [[Hindi]]
:*{{mk}}: [[хинду]]
:*{{ms}}: [[Hindi]]
:*{{mt}}: [[Ħindi]]
:*{{mr}}: हिन्दी [[:mr:हिन्दी]]
:*{{mdf}}: [[хинди]]
:*{{mn}}: [[Энтхэг]]
:*{{ne}}: हिन्दी [[:ne:हिन्दी]]
:*{{nl}}: [[Hindi]] [[:nl:Hindi]]
:*{{no}}: [[Hindi]]
:*{{oc}}: [[Indi]]
:*{{pl}}: [[Hindi]], [[Hinduski]]
:*{{pt}}: [[Hindi]]
:*{{ro}}: [[hindusă]]
:*{{ru}}: [[хинди]] पु. [[:ru:хинди]]
:*{{sr}}: [[хинди]]
:*{{wen}}: [[Hindišćina]]
:*{{es}}: [[hindi]] [[:es:hindi]]
:*{{sw}}: [[Kihindi]]
:*{{sv}}: [[hindi]] [[:sv:hindi]]
:*{{tl}}: [[Wikang Bumbáy]]
:*{{ta}}: [[இந்தி]](indhi)
:*{{tt}}: [[хинди]]
:*{{th}}: [[ชาวฮินดู]], [[ภาษาฮินดู]]
:*{{tr}}: [[Hintçe]] [[:tr:Hintçe]]
:*{{uk}}: [[хінді]]
:*{{ur}}: [[ہندي]]
:*{{vi}}: [[Tiếng Hin-đi]]
:*{{wa}}: [[Hindi]]
:*{{cy}}: [[Hindi]]
|}
|}
 
[[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]]