"परिवार": अवतरणों में अंतर

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== प्रकाशितकोशों से अर्थ ==
 
=== शब्दसागर ===
परिवार संज्ञा पुं॰ [सं॰] <br><br>१. कोई ढकनेवाली चीज । परिच्छद । आवरण । <br><br>२. म्यान । नियाम । कोष । तलवार की खोली । <br><br>३. वो लोग जो किसी राजा या रईस की सवारी में उसके पीछे उसे घेरे हुए चलते हैं । परिषद । <br><br>४. वे लोग जो अपने भरण पोषण के लिये किसी विशेष व्यक्ति के आश्रित हों । आश्रित वर्ग । पोष्य जन । <br><br>५. एक ही कुल में उत्पन्न और परस्पर घनिष्ठ संबंध रखनेवाले मनुष्यों का समुदाय । भाई, बेटे आदि और सगे संबंधियों का समुदाय । स्वजनों या आत्मीयों का समुदाय । परिजनसमूह । कुटुंब । कुनबा । खानदान । <br><br>६. एक स्वभाव या धर्म की वस्तुओं का समूह । कुल । उ॰—अमिय मूरिमय चूरन चारू । समन सकल भवरुज परिवारू ।—तुलसी (शब्द॰) ।
 
परिवार समूह । उ॰—(क) जाति पाँति कुल धर्म बड़ाई । धन बल परिजन गुण चतुराई ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) मेरे जाति पाँति न चहों काहू की जाति पाँति मेरे कोऊ काम को न हौं काहू के काम को ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) वहाँ नहीं है दिन अरु राती । ऊँच न नीच जाति या पाँती ।—कबीर सा॰, पृ॰ ८२३ ।
 
[[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]]