"शूद्र": अवतरणों में अंतर
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एसकेएस2345 (वार्ता | योगदान) →शब्दसागर: बरियाई से शिल्प विद्या को गलत न परोशो ये शरीर बनाने वाले शिल्पी है। ब्रह्मांड बनने वाले शिल्पी है। दुनिया में जितना अविष्कार है। शब शिल्पी का देन है। पूरा ज्ञान न हो तो नही लिखना चाहिए टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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=== शब्दसागर ===
शूद्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ शूद्रा, शूद्री] <br><br>१. प्राचीन आर्यों के लोकविधान के अनुसार चार वर्णों में से चौथा और अंतिम वर्ण । विशेष—इनका कार्य अन्य तीन वर्णों की सेवा
[[श्रेणी: हिन्दी-प्रकाशितकोशों से अर्थ-शब्दसागर]]
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