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संज्ञा

  1. बहुत बड़ा, विकराल

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

विराट संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मत्स्य देश जहाँ के राजा के यहाँ पाँचो पांड़व अजातवास के समय छिपे थे । विशेष—मनुस्मृति में मत्स्य देश का उल्लेख कुरुक्षेत्र और पांचाल के साथ है; इससे अनुमान होता था कि वह थानेसर के आस पास होगा । पर अब यह बात एक प्रकार से निश्चित हो गई है कि अलवर और जयपुर के बीच का प्रदेश ही महाभारत के समय मत्स्य देश कहलाता था । उक्त प्रदेश के अंतर्गत 'बैराट' और' माचड़ी' दो स्थान अब तक विराट और 'मत्स्य' का स्मरण दिलाते हैं ।

२. मत्स्य देश का राजा । विशेष—इनके यहाँ अज्ञातवास के समय पांड़व नौकर के रूप में रहते थे । इनकी कन्या उत्तरा का विवाह अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु से हुआ था जिससे परीक्षित की उप्तत्ति हुई ।

३. महाभारत का एक पर्व ।

४. संगीत में एक ताल का नाम ।