विरल
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनविरल ^१ वि॰ [सं॰]
१. जो घना न हो । जिसके बीच बीच में अवकाश हो । जिसके बीच बीच में खाली जगह हो । 'सघन' का उलटा । जैसे,—आगे चलकर यह बन विरल होता गया है ।
२. जो पास पास न हो । जो दुर दुर पर हो ।
३. जो अधिकता से न मिले । जो केवल कहीं कहीं पाया जाय । दुर्लभ । जैसे,—ऐसे लोग संसार में बहुत बिरल हैं ।
४. जो गाढ़ा न हो । पतला । ढीला ।
५. शून्य । निर्जन ।
६. अल्प । थोड़ा ।
विरल ^१ संज्ञा पुं॰ जमाया हुआ दुध । दही ।
विरल ^३ अव्य॰ कठिनाई से । कभी कभी ।