विमुख
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनविमुख वि॰ [सं॰]
१. मुखरहित । जिसके मुँह न हो ।
२. जिसने किसी बात से मुँह फेर लिया हो । जो किसी कार्य या विषय में दत्तचित न हो । जो किसी काम से हटा या अलग हो । अतत्पर । विरत । निवृत्त । जैसे,—कर्तव्य से विमूख होना ।
३. जो अनुरक्त न हो । जैसे, परवाह न हो । जिसने मन न लगाया हो । उदासीन । जैसे—हरिपद विमुख ।
४. जो किसी के हित के प्रतिकूल हो । जिसको स्थिति या आचरण अनुकूल न हो । विरुद्ध । खिलाफ । अप्रसन्न । जैसे,—जब ईश्वर ही विमुख है, तब क्या हो सकता है ।
५. मुखरहित । छिद्ररहित ।
६. जिसकी चाह या माँग पूरी न हुई हो । अप्राप्तमनोरथ । निराश । जैसे,—उनके यहाँ से कोई पाचक विमुख नहीं गया । उ॰—जो ऐहै सो भोजन पैहैं । विमुख कोउ इततें नहिं जैहे ।—रघुराज (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।