प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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विभीषण ^१ वि॰ [सं॰] बहुत डरावना । बहुत भयानक ।

विभीषण ^२ संज्ञा पुं॰

१. एक राक्षस जो रावण का भाई था और रावण के मारे जाने पर राम द्वारा लंका का राजा बनाया गया था । विशेष—यह विश्रवा मुनि द्वारा कैकयी राक्षसी के गर्भ से उत्पन्न हुआ था और सुमाली नामक राक्षस का दौहित्र (नाती) था । एक दिन सुपाली ने कुबेर को पुष्पक विमान पर चढकर जाते देखा । उसे यह इच्छा हुई कि मेरे भी ऐसा ही दौहित्र होता । उसने अपनी परम रूपवती कन्या कैकयी को विश्रवा मुनि के पास भेजा । जिस समय वह गई, उस समय मुनि ध्यान में मग्न थे । वे उसका अभिप्राय समझकर बोले—'तू बड़े विकट समय में आई । इससे इस बार तुझे एक विकट आकृति का पुञ उत्पन्न होगा ।' कैकयी के बहुत विनय करने पर ऋषि ने फिर आशीर्वाद दिया—'अच्छा जा ! तेरा अंतिम पुत्र मेरे ही वंश का सा और परम धार्मिक होगा' । वही अंतिम पुत्र विभीषण हुआ । अपने बड़े भाइयों रावण और कुंभकर्ण के साथ विभीषण ने भी घोर तप किया । जब ब्रम्हा वर देने आए, तब विभीषण ने यही वर माँगा—मेरी मति धर्म में सदा स्थिर रहे' । ब्रह्मा ने वर दिया—'तुम बड़े धार्मिक और अमर होगे' । वरप्राप्ति के उपरांत विभीषण भी रावण के साथ लंका में ही आकर रहने लगा । रावण ने जब सीता- हरण किया, तब यह राम की ओर हो गया था ।

२. नल तृण । नरसल का पौधा ।