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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

विभंग ^१ वि॰ चपल । उ॰—विमल विपुल बहसि वारि सीतल भय ताप हारि भँवर बर विभंग तर तरंग मालिका ।—तुलसी (शब्द॰) ।