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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

विप्रतिषेध संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. दो बातों का परस्पर विरोध, मेल न बैठना ।

२. नियंत्रण या वश में रखना (को॰) ।

३. प्रति- षेध । रोक । वर्जन (को॰) ।

४. व्याकरण में समान रूप से महत्वपूर्ण दो नियमों की एक स्थान पर उपस्थिति । जहाँ दो प्रसंग अन्वयार्थ एक साथ प्राप्त हों ।—यंत्र द्वौ प्रसंगान्वयार्थौ एकस्मिन् प्राप्नुनः सः विप्रतिषेधः (काशिका) ।