प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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विन्यास संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ विन्यस्त]

१. स्थापन । रखना । धरना । उ॰—शेली ने प्रबंधक्षेत्र में भी अच्छी तरह घुसकर भावों की अनेकरूपता का विन्यास किया था ।—रस॰, पृ॰ ६९ ।

२. यथास्थान स्थापन । ठीक जगह पर करीने से रखना या बैठाना । सजाना । रचना ।

३. जड़ना ।

४. किसी स्थान पर डालना ।

५. सौंपना । समर्पण (को॰) ।

६. संग्रह । समवाय (को॰) ।

७. फैलाना । विस्तार करना (को॰) ।

८. आधार । स्थान (को॰) ।

९. स्थिति । जैसे, अंगविन्यास (को॰) ।