प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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विनोद संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कौतूहल । तमाशा । मनोरंजक व्यापार ।

२. क्रीड़ा । खेल कूद । लीला ।

३. प्रमोद । हँसी । दिल्लगी । परिहास ।

४. कामशास्त्र के अनुसार एक प्रकार का आलिंगन ।

५. एक प्रकार का प्रासाद । प्रमोदगृह ।

६. हर्ष । आनंद । प्रस- न्नता । थौ॰—विनोदरसिक=क्रीड़ाशील । कौतुकी । विनोद में आनंद लेनेवाला । विनोदस्थान=आनंददायक स्थान । क्रीड़ा विनोद की जगह ।

७. हटाना । दूर करना । अपनयन । जैसे, श्रमविनोद (को॰) ।

८. औत्सुक्य । उत्सुकता । उत्कंठा (को॰) ।