वित्त

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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वित्त ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. धन । संपत्ति । उ॰—पर हुई गति और ही नृप चित्त की । सोच कर घटना । वणिक के वित्त की ।— शकुं॰, पृ॰ ४० ।

२. प्राप्त वस्तु (को॰) ।

३. अधिकार (को॰) । शक्ति (को॰) ।

५. सोना (को॰) ।

६. कुंडली के जन्मलग्न का दूसरा स्थान (को॰) ।

वित्त ^२ वि॰

१. सोचा या विचारा हुआ ।

२. जाना या समझा हुआ ।

३. मिला या पाया हुआ ।

४. विख्यात । प्रसिद्ध । मशहूर ।

५. परीक्षित [को॰] ।