संज्ञा

पु.

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

विज्ञान संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. ज्ञान । जानकारी ।

२. किसी विशिष्ट विषय के तत्वों या सिद्धांतों आदि का विशेष रूप से प्राप्त किया हुआ ज्ञान जो ठीक क्रम से एकत्र या संगृहीत हो । किसी विषय की जानी हुई बातों का ठीक तरह से किया हुआ संग्रह जो एक अलग शास्त्र के रूप में हो । शास्त्र । जैसे,—पदार्थ विज्ञान, राजनीति विज्ञान, शरीर विज्ञान, ज्योतिर्विज्ञान, समाज- विज्ञान आदि ।

३. किसी विषय का अनुभवजन्य, पूरा और अच्छा ज्ञान । कार्यकुशलता ।

४. कर्म ।

५. माया या अविद्या नाम की वृत्ति ।

६. बौद्धों के अनुसार आत्मा के स्वरूप का ज्ञान । आत्मा का अनुभव ।

७. ब्रह्म ।

८. आत्मा ।

९. आकाश ।

१०. निश्चयात्मिका बुद्धि ।

११. मोक्ष ।

१२. संगीत (को॰) ।

१३. चौदह विद्याओं का ज्ञान (को॰) ।

१४. व्यवसाय । नियोजन (को॰) ।

यह भी देखिए