प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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विजै पु † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ विजय]दे॰ 'विजय' । उ॰—हारि जात नर करि उपाय । कपट न तिनको यह कँपाय । सोइ अकंपन पद कहाय । त्रैलोक्य विजै जौ रहा पाय ।—देव स्वामी (शब्द॰) ।