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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

विचारी संज्ञा पुं॰ [सं॰ विचारिन्]

१. वह जिसपर चलने के लिये बहुत बड़े बड़े मार्ग बने हों (जैसे, पृथ्वी) ।

२. जो इधर उधर चलता हो । विचरण करनेवाला ।

३. वह जो विचार करता हो । विचार करनेवाला ।

४. कबंध के एक पुत्र का नाम ।

५. जो लंपट वा कामुक हो (को॰) ।