विग्रह
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनविग्रह संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. दूर या अलग करना ।
२. विभाग ।
३. यौगिक शब्दों अथवा समस्त पदों के किसी एक अथवा प्रत्येक शब्द को अलग करना (व्याकरण) ।
४. कलह । लड़ाई । झगड़ा ।
५. युद्ध । समर ।
६. नीति के छह गुणों में से एक । विपक्षियों में फूट या कलह उत्पन्न करना ।
७. आकृति । शकल ।
८. शरीर ।
९. मूर्ति ।
१०. सजावट । श्रृंगार ।
११. सांख्य के अनुसार कोई तत्व ।
१२. शिव का एक नाम ।
१३. स्कंद के एक अनुचर का नाम ।
१४. दूसरे के प्रति हानिकारक उपायों का प्रत्यक्ष प्रयोग ।
१५. विस्तार । फैलाव । प्रसार (को॰) ।