शब्दव्याकरण-१व्या-२व्या-३व्या-४व्या-५अर्थ-१अर्थ-२अर्थ-३अर्थ-४अर्थ-५
हँसनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---आनन्द, तृप्ति आदि प्रकट कने की एक क्रिया, जिसमें चेहरा खिल उठता है, आंखें कुछ फैल जाती हैं, मुँह ,सुल जाता है और गले में से ध्वनियाँ निकलने लगती हैं, प्रसन्न होना ;दिल्लगी, माजक या परिहास करना।---
हँसमुखविशेषण----जिसका मुख सदा हँसता हुआ सा रहता हो, विनोदी।----
हँसलीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---गले के नीचे और छाती के ऊपर के धनुषाकार हड्डी ;स्त्रियों का गले में पहनने का एक गहना जो प्राय: उक्त हड्डी के समानांतर रहता है।---
हँसीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---हंसने की क्रिया, ध्वनि या भाव ;परिहास, दिल्लगी, मज़ाक, ठट्ठा।---
हकलानाअकारात्मक क्रिया----स्वर नाली के ठीक काम न करने या जीभ के तेजी से न चलने के कारण बोलने के समय बीच-बीच में अटकना, रुक-रुक कर बोलना (स्टैमरिंग)।----
हटनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--किसी स्थान से चल कर खिसक कर या सरक कर दूसरी जगह जाना ;किसी काम या बात से दूर होना बचना या विमुख होना, मुँह मोड़ना।किसी काम या बात का समय टलना, स्थगित होना।--
हड़तालस्त्रीलिंग----दु:ख, रोष-विरोध या असंतोष प्रकट करने के लिए कल-कारखानों, कार्यालायों आदि के कर्मचारियों का सब कारोबार, दूकाने आदि बंद कर देना (स्ट्राइक)।----
हड़पनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---मुँह में डाल कर निगलना या पेट में उतारना ;किसी चीज अनुचित रूप से लेकर दबा बैठना।---
हत्थापुंलिंग----हाथ से चलाये जाने वाले बड़े औजारों और छोटी कलों का वह हिस्सा, जिसे हाथ से पकड़ कर घुमाने या चलाने से वे चलते हैं, दस्ता।----
हथ-करघा (हाथ-करघा)पुंलिंग----कपड़ा बुनने का वह करघा जो हाथ से चलाया जाता है (हैंडलूम)।----
हथियानासकारात्मक क्रिया----अपने प्रभुत्व या अधिकार में कर लेना।----
हथियारपुंलिंग----अस्त्र-शस्त्र।----
हथौड़ापुंलिंग----धातु, पत्थर, ईंट आदि ठोकने-पीटने वाला लोहे का एक औजार (हैमर)।----
हदबंदीस्त्रीलिंग----दो खेतों, प्रदेशों, राज्यों, देशों की सीमा निर्धारण करना।----
हमसर्वनाम----उत्तम पुरुष बहुवचन सूचक सर्वनाम 'मैं' का बहुवचन।----
हमाराविशेषण, सर्वनाम----'हम' का संबंधकारक रूप।----
हमेशाअव्यय----सदा, सर्वदा, सदैव।----
हरणपुंलिंग----छीनना या लूटना, उठा ले जाना।----
हराविशेषणविशेषणविशेषण--ताजी उगी हुई घास या पत्तों के रंग का, हरित सब्ज़ ;हरियाली से भरा हुआ ;हरा रंग।--
हरितविशेषण----हरे रंग का, हरा।----
हरित-क्रांतिस्त्रीलिंग----फल-फूल, पौधे आदि को लगाए जाने के लिए किया जाने वाला आन्दोलन।----
हरियालीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---हरे-भरे पेड़ पौधों आदि का विस्तृत फैलाव या समूह ;आनन्द, प्रसन्नता।---
हर्षपुंलिंग----प्रसन्नता, आनंद, खुशी।----
हलपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--खेत जोतने का एक प्रसिद्ध यंत्र ;गणित के प्रश्न का उत्तर ;किसी विषय या समस्या का समाधान।--
हलचलस्त्रीलिंग----वह अवस्था या स्थिति जिसमें किसी स्थान पर लोगों का चलना-फिरना लगा रहता हो, शोरगुल।----
हवनपुंलिंग----देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अग्नि में घी, जौ आदि की आहुति देने की क्रिया, होम।----
हवाई-अड्डापुंलिंग----वायुयानों के उतरने, रुकने या उड़ान भरने का स्थान।----
हवाई जहाज़स्त्रीलिंग----हवा में उड़ने वाला यान, वायुयान, विमान।----
हवाई-डाकस्त्रीलिंग----वायुयान द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जाने वाली डाक, चिट्ठियाँ आदि।----
हस्तकलास्त्रीलिंग----हाथों के कौशल द्वारा किया जाने वाला काम।----
हस्तक्षेपपुंलिंग----किसी दूसरे काम के में अनावश्यक रूप से तथा बिना अधिकार दखल देना।----
हस्तांतरणपुंलिंग----सम्पत्ति, स्वत्व आदि का एक के हाथ से दुसरे के हाथ में जाना या दिया जाना, अंतरण (ट्रांसफ़रेन्स)।----
हस्ताक्षरपुंलिंग----किसी व्यक्ति द्वारा लिखा जाने वाला अपना नाम जो इस बात का सूचक होता है कि ऊपर लिखी हई बातें मैंने लिखी हैं और उनका दायित्व मुझ पर है, दस्तखत (सिगनेचर)।----
हांअव्ययस्त्रीलिंग---स्वीकृति, सहमति, समर्थन, निश्चय, आत्मतोष, स्मृति आदि का सूचक शब्द।स्वीकृति देने या हां करने का कार्य।---
हांकनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---जानवरों को आगे बढ़ाने के लिए मुंह से कुछ कहते हुए चाबुक आदि लगाना, पशु वाली गाड़ी चलाना ;बहुत बढ़-चढ़ कर बातें करना।---
हांफनाअकारात्मक क्रिया----थकावट, भय आदि के कारण फेफड़ों का जल्दी-जल्दी और लंबे सांस लेना।----
हाथापाईस्त्रीलिंग----वह लड़ाई जिसमें एक-दूसरे के हाथ पकड़ कर खींचते और ढकेलते हैं।----
हाथी दांतपुंलिंग----हाथी के मुंह के दोनों ओर निकले हुए सफेद दांत।----
हानिस्त्रीलिंग----क्षति, नुकसान।----
हारस्त्रीलिंगपुंलिंग---पराजय, जीत का विपर्याय।फूलों मोतियों आदि की माला।---
हारनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---युद्ध, खेल, आदि में पराजित होना, गंवाना, खोना;विफल होना।---
हार्दिकविशेषण----हृदय में रहने या होने वाला, हृदय का।----
हालचालपुंलिंग----अवस्था, दशा, वृत्तांत, समाचार।----
हालांकिअव्ययअव्यय---यद्यपि ;अगरचे।---
हास्यपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--हंसने की क्रिया या भाव, हंसी, हास ;दिल्लगी, मज़ाक ;साहित्यक में नौ स्थायी भावों या रसों में से एक।--
हिंसास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---हत्या, वध ;किसी प्रकार की हानि पहुंचाने, अनिष्ट या अपकार करने, कष्ट या दुख देने की क्रिया या भाव।---
हिचकीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---खांसी, छींक, डकार आदि की तरह का एक शारीरिक व्यापार जिसमें सांस लेने के समय क्षण भर के लिए फेफड़े का मुंह बंद होकर पेट की वायु कुछ रुक कर हल्का शब्द करती हुई बाहर निकलती है (हिकप);उक्त के फलस्वरूप झटके सें होने वाला तीव्र शब्द जो कंठ से निकलता है।---
हितैषीविशेषण----भला चाहने वाला, कल्याण मानने वाला, हितचिंतक।----
हिनहिनानाअकारात्मक क्रिया----घोड़े का हिन-हिन शब्द करना, हींसना।----
हिरासतस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---किसी को इस प्रकार अपने बंधन या देख-रेख में रखना कि वह भाग कर कहीं जाने न पाए, अभिरक्षा, परिरक्षा (कस्टडी)।वह स्थान जहां उक्त प्रकार के लोग बंद करके रखे जाते हैं (लाक-अप)।---
हिलानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी को हिलने में प्रवृत करना, झुलाना ;बच्चे को प्यार करके अपने साथ हिलाना, हेल-मेल में लाना, परचाना।---
हिसाब-किताबपुंलिंगपुंलिंग---आय-व्यय आदि का विवरण, लेखा जोखा ;व्यापारिक लेन-देन या व्यवहार।---
हिस्सापुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--भाग, विभाग, अंश, खंड ;वह धन जो किसी साझे की वस्तु या व्यवसाय में कोई एक या हर एक साझेदार लगाए हो (शेयर)।साझेदार को मिलने वाला अनुपातिक लाभ या अंश।--
हुंडिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---अपना प्राप्य धन पाने के लिए किसी के नाम लिखा हुआ वह पत्र जिस पर लिखा रहता है कि इतने रुपये अमुक व्यक्ति, महाजन या बैंक को दे दिए जांए (बिल आफ एक्सचेंज ड्राफ्ट) ;भारतीय महाजनी क्षेत्र में वह पत्र जो कोई महाजन किसी से ऋण लेने के समय उसके प्रमाण स्वरूप ऋण देने वाले को लिख कर देता है और जिस पर लिखा रहता है कि वह धन इतने दिनों में ब्याज समेंत चुका दिया जाएगा (बांड, डिबेंचर)।---
हृदयपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--कलेजा, दिल (हार्ट);उक्त के पास छाती के मध्य भाग में माना जाने वाला वह अंग जिसमें प्रेम, हर्ष, शोक, क्रोध आदि मनोविकार उत्पन्न होते रहते हैं ;अंत: करण, विवेक।--
हृष्ट-पुष्टविशेषण----मोटा-ताजा।----
हेरा-फेरीस्त्रीलिंग----चालबाजी, दांव-पेंच, गड़बड़।----
होनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---अस्तित्व में आना ;कार्य या घटना का क्रियात्मक या वास्तविक रूप में सामने आना।---
होनीस्त्रीलिंग----ऐसी घटना या बात, जिसका घटित होना अनिवार्य हो।----
होशपुंलिंगपुंलिंग---चेतना, संज्ञा ;याद, स्मृति।---
होशियारविशेषणविशेषणविशेषण--सावधान, सतर्क, सजग, चौकस ;चतुर, चालाक ;माहिर, कुशल, दक्ष।--
ह्रासपुंलिंगपुंलिंग---क्षय, क्षीणता, नाश, अपव्यय, अभाव, कमी, घटती ;पतन, अवनति, अपकर्ष।---