शब्द |
व्याकरण-१ |
व्या-२ |
व्या-३ |
व्या-४ |
व्या-५ |
अर्थ-१ |
अर्थ-२ |
अर्थ-३ |
अर्थ-४ |
अर्थ-५
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रिया |
पुंलिंग |
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विपत्ति, मुसीबत, आफत, आपत्ति। |
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संकलन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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एकत्र करने की क्रिया, संग्रह करना; |
ऐसी साहित्यिक कृति जिसमें अनेक ग्रंथों या स्थानों से बहुत-सी रचनाएं इकट्ठी करके रखी गई हों। |
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संकल्प |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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दृढ निश्चय, इरादा ; |
सभा-समिति में किसी विषय में विचारपूर्वक किया हुआ पक्का निश्चय (रिज़ोल्यूशन)। |
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संकीर्ण |
विशेषण |
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तंग, संकुचित, अनुदार। |
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संकेत |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अभिप्राय सूचक अंगचेष्टा, इशारा ; |
चिह्न, निशान। |
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संकोच |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सिकुड़ने की क्रिया या भाव ; |
झिझक, हिचक। |
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संक्रान्ति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि मे जाना ; |
वह दिन जिसमें सूर्य का उक्त प्रकार का संचार होता है, जो हिन्दुओ में माना जाता है। |
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संक्रामक |
विशेषण |
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एक से दूसरे में संक्रमण करने वाला छूत आदि से फैलने वाला (रोग) (कान्टेजियस)। |
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संक्षिप्त |
विशेषण |
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छोटा किया हुआ लेख, पुस्तक आदि का रूप, सार, संक्षेप। |
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संक्षेप |
पुंलिंग |
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लेख आदि का काट-छांटकर छोटा किया हुआ रूप, सार। |
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संख्या |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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गिनती, तदाद, गणना ; |
2, 1, 2, 3 आदि अंक। |
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संगठन |
पुंलिंग |
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कार्य विशेष की सिद्धि के लिए निर्मित कोई संस्था। |
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संगति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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मेल-मिलाप, संग, साथ, सोहबत ; |
सामंजस्य, उपयुक्तता। |
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संगीत |
पुंलिंग |
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ध्वनियों या स्वरों का कुछ विशिष्ट लय में होने वाला प्रस्फुटन (म्यूज़िक)। |
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संगोष्ठी |
स्त्रीलिंग |
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किसी निर्धारित विषय पर आमंत्रित विद्वानों की चर्चा तथा उनका निबंध-पाठ। |
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संग्रहालय |
पुंलिंग |
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वह स्थान जहाँ विशेष महत्त्व की वस्तुओं का संग्रह किया गया हो (म्युज़ियम)। |
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संग्राम |
पुंलिंग |
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युद्ध, लड़ाई, समर। |
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संघटन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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कार्य विशेष की सिद्धि के लिए निर्मित कोई संस्था ; |
किसी चीज के विभिन्न अवयवों को जोड़कर उसे प्रतिष्ठित करना, रचना। |
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संघर्ष |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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स्पर्धा, होड़ ; |
कठिनाइयों या प्रबल विरोधी शक्तियों को दबाने के लिए प्राणपण से की जाने वाली चेष्टा। |
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संचय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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चीजें इकट्ठी करने की क्रिया या भाव; |
इकट्ठी की हुई चीजों का ढेर या राशि। |
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संचार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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गमन, चलना, चलाना ; |
आजकल संदेश, समाचार तथा समान आदि भेजने की क्रिया, प्रकार और साधन। |
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संचालक |
विशेषण |
पुंलिंग |
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चलाने या गति देने वाला (कंडक्टर)। |
वह प्रधान अधिकारी जो किसी कार्य, विभाग, संस्था आदि चलाने की सारी व्यवस्था करता हो, निदेशक। |
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संतति |
स्त्रीलिंग |
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संतान, बाल-बच्चे, औलाद। |
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संताप |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अग्नि, धूप आदि का बहुत तीव्र ताप; |
बहुंत तीव्र मानसिक क्लेश या पीड़ा। |
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संतुलन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह स्थिति जिसमें सभी अंग बराबर के या यथास्थान हो ; |
तोलते समय दोनो पलड़ो का बराबर होना। |
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संतुष्ट |
विशेषण |
विशेषण |
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जिसका संतोष कर दिया गया हो या हो गया हो, तृप्त ; |
जो समझाने-बुझाने से राजी हो गया या मान गया हो। |
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संतुष्टि |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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संतुष्ट होने की क्रिया या भाव तृप्ति; |
संतोष। |
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संतोष |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह मानसिक अवस्था जिसमें व्यक्ति प्राप्त होने वाली वस्तु को यथेष्ट समझता है और उससे अधिक की कामना नहीं करता ; |
सब्र, धीरज, इतमीनान। |
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संतोषजनक |
विशेषण |
विशेषण |
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संतोष देनेवाला, संतोषप्रद ; |
पर्याप्त, यथेष्ठ, काफी। |
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संदर्भ |
पुंलिंग |
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पुस्तक, लेख आदि में वर्णित प्रसंग, विषय आदि जिसका विचार या उल्लेख हो, प्रसंग। |
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संदेश |
पुंलिंग |
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समाचार, पैगाम, खबर। |
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संन्यास |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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पूरी तरह से छोड़ना, परित्याग करना; |
चतुर्थ आश्रम (हिन्दुओं का) जिसमें सब प्रकार के सांसारिक संबंध छोड़कर मनुष्य त्यागी और विरक्त हो जाता है। |
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संन्यासी |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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जिसने संन्यास आश्रम ग्रहण किया हो ; |
त्यागी और विरक्त। |
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संपन्न |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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पूरा किया हुआ, पूर्ण मुकम्मल ; |
किसी गुण या वस्तु से युक्त ; |
खुशहाल, धनी, अमीर। |
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संपर्क |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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मेल, संयोग ; |
आपस में होने वाला किसी प्रकार का लगाव, वास्ता या संसर्ग ; |
स्पर्श। |
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संपर्क भाषा |
स्त्रीलिंग |
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वह भाषा जिससे विभिन्न देशों अथवा प्रदेशों के लोग आपस में सूचना, विचारों आदि का आदान-प्रदान करते हैं। |
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संपादक |
पुंलिंग |
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वह जो किसी पुस्तक, सामयिक पत्र आदि के सब लेख या विषय अच्छी तरह ठीक करके उन्हे प्रकाशन के योग्य बनाता है (एडिटर)। |
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संपादकीय |
विशेषण |
पुंलिंग |
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संपादक संबंधी या संपादक का। |
संपादक द्वारा लिखी हुई टिप्पणी या अग्रलेख। |
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संपादन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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पूरा करना, प्रस्तुत करना ; |
किसी पुस्तक का विषय आदि ठीक करके उन्हे प्रकाशन के योग्य बनाना (एडिटिंग)। |
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संपूर्ण |
विशेषण |
विशेषण |
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आदि से अंत तक सब, सारा कुल, समूचा ; |
पूरा या समाप्त किया हुआ। |
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संप्रदाय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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एक ही तरह का मत या सिद्धान्त रखने वाले लोगों का समूह या वर्ग ; |
परंपरा से चला आया हुआ ज्ञान या सिद्धान्त, प्रथा, परिपाटी या रीति ; |
कोई विशिष्ट धार्मिक मत या सिद्धान्त, धर्म। |
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संबंध |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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रिश्ता, नाता ; |
आपस में होने वाली घनिष्टता या मेल-जोल। |
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संभव |
विशेषण |
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जो किया जा सकता हो, या हो सकता हो, मुमकिन। |
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संभालना (सम्हालना) |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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पालन करना, सहारा देना ; |
प्रबंध करना, भार उठाना ; |
गिरते हुए को बीच में रोकना। |
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संयुक्त |
विशेषण |
विशेषण |
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किसी के साथ जुड़ा, मिला, लगा या सटा हुआ ; |
जिसके दो या अधिक भागीदार हों, साझा। |
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संरक्षक |
विशेषण |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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देखभाल, निरीक्षण करने वाला, आश्रयदाता, अभिभावक। |
संस्थाओं आदि में वह बड़ा और मान्य व्यक्ति जो उसके प्रधान पोषकों और समर्थकों में माना जाता है ; |
वह जिसके निरीक्षण या देख-रेख में किसी वर्ग के कुछ लोग रहते हों (गार्डियन)। |
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संरक्षण |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अच्छी और पूरी तरह से रक्षा करने की क्रिया या भाव, पूरी देख-रेख और हिफाजत (कस्टडी) ; |
अपने आश्रय में रखकर पालना-पोसना, आश्रय। |
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संरचना |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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कोई ऐसी वस्तु बनाने की क्रिया या भाव जिसमें अनेक प्रकार के बहुत से अंगो-उपांगों का प्रयोग करना पड़ता है ; |
उक्त प्रकार से बनी हुई कोई चीज (स्ट्रक्चर)। |
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संवाद |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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बातचीत, वार्तालाप ; |
खबर, समाचार। |
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संवाददाता |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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संवाद या समाचार भेजने वाला ; |
आजकल वह व्यक्ति जो समाचारपत्रों में छपने के लिए स्थानिक घटनाओं का विवरण लिखकर भेजता हो (रिपोर्टर कारेस्पान्डेन्ट)। |
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संवारना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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सुसज्जित करना, सजाना ; |
सुधारना, मरम्मत करना। |
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संवाहक |
पुंलिंग |
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ठोकर अथवा किसी प्रकार एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाला, वहनक, वाहक (कॅरिअर)। |
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संविधान |
पुंलिंग |
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राजनीति और शासनतंत्र में कानून के रूप में बने वे मौलिक नियम और सिद्धान्त जिनके अनुसार किसी राष्ट्र, राज्य या संस्था का संघटन और संचालन होता है (कान्स्टिट्यूशन)। |
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संवेग |
पुंलिंग |
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मन में होने वाली खलबली, उद्विग्नता, घबराहट, डर। |
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संवेदना |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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मन में होने वाला बोध या अनुभूति, अनुभव ; |
दु:ख या सहानुभूति प्रकट करने की क्रिया या भाव (कन्डोलेन्स)। |
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संशय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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संदेह, शक, अनिश्चय ; |
खतरे या संकट की आशंका या संभावना। |
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संशोधन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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त्रुटि, दोष आदि दूर करके ठीक और दुरुस्त करना, सुधार ; |
शुद्ध करना या साफ करना। |
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संस्करण |
पुंलिंग |
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पुस्तकों आदि की एक बार में एक ही तरह की होने वाली छपाई, आवृत्ति (एडिशन)। |
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संस्कार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किसी वस्तु को ठीक करके उचित रूप देने की क्रिया, परिष्कार ; |
पूर्व जन्म के आचार-व्यवहार, पाप-पुण्य आदि का आत्मा पर पड़ा वह प्रभाव जो मनुष्य के परवर्ती जन्म में उसके कार्यों, प्रवृत्तियों आदि के रूप में प्रकट होता है ; |
हिन्दुओं में जन्म से मरण तक होनेवाले वे विशिष्ट धार्मिक कृत्य जो द्विजातियों के लिए विहित हैं। |
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संस्कृति |
स्त्रीलिंग |
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आचरणगत परम्परा, सभ्यता (कल्चर)। |
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संस्तुति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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अच्छी या पूरी तरह से होने वाली तारीफ या स्तुति ; |
अनुशंसा, सिफारिश (रिकमेन्डेशन)। |
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संस्था |
स्त्रीलिंग |
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समाज या समूह, सभा, समिति। |
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संस्थान |
पुंलिंग |
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साहित्य, कला, विज्ञान आदि की उन्नति के लिए स्थापित संस्था या संघटन। |
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संस्थापक |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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स्थापित करने वाला ; |
नए काम या बात का प्रवर्तन करने वाला, प्रवर्तक ; |
किसी संस्था, सभा या समाज की पहले-पहल स्थापना करने वाला। |
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संस्मरण |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किसी व्यक्ति के जीवन की महत्वपूर्ण और मुख्य घटनाओं या बातों का उल्लेख या कथन ; |
इष्ट देव आदि का बारबार स्मरण करना या उनका नाम जपना। |
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संहार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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ध्वंस, नाश ; |
बहुत से व्यक्तियों की युद्ध आदि में एक साथ होने वाली हत्या। |
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सकपकाना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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चंकित होना, चौकना ; |
घबराना (लज्जा आदि के कारण)। |
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सख्त |
विशेषण |
विशेषण |
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कठोर, कड़ा ; |
कठिन, मुश्किल। |
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सघन |
विशेषण |
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घना, अविरल, ठोस। |
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सचमुच |
क्रिया विशेषण |
क्रिया विशेषण |
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यथार्थत: वास्तव में ; |
निश्चित रूप से अवश्य। |
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सच्चरित्र |
विशेषण |
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जिस का चरित्र अच्छा हो, सदाचारी। |
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सच्चा |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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सच बोलने वाला, सत्यवादी ; |
ईमानदार ; |
जो नकली या बनावटी न हो, बल्कि असली और वास्तविक हो, जिस में खोट न हो। |
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सजनी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सखी, सहेली ; |
प्रेमिका। |
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सज़ा |
स्त्रीलिंग |
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अपराधी को दिया जाने वाला दंड। |
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सजाना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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वस्तुओं को ऐसे क्रम से रखना कि वे आकर्षक और सुंदर जान पड़ें, संवारना ; |
अलंकृत करना। |
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सजावट |
स्त्रीलिंग |
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सजे हुए होने की अवस्था, क्रिया या भाव, शोभा। |
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सजीव |
विशेषण |
विशेषण |
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जीव युक्त, जिस में प्रण हों ; |
तेज, फुरतीला। |
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सज्जन |
विशेषण, पुंलिंग |
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भला आदमी, सत्पुरुष; शरीफ़। |
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सज्जा |
स्त्रीलिंग |
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साज समान। |
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सटीक |
विशेषण |
विशेषण |
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जिस में मूल के साथ टीका भी हो, व्याख्या सहित टीका सहित; |
बिलकुल ठीक, उपयुक्त। |
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सड़क |
स्त्रीलिंग |
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मार्ग, रास्ता, पथ। |
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सड़ना |
अकारात्मक क्रिया |
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किसी वस्तु के संयोजक तत्वों का अलग-अलग हो जाना, गलना। |
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सतत |
अव्यय |
अव्यय |
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निरंतर, बराबर, लगातार ; |
सदा, हमेशा। |
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सतर्क |
विशेषण |
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सचेत सावधान, सजग, होशियार। |
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सतर्कता |
स्त्रीलिंग |
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सावधानी, होशियारी, सजगता। |
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सत्कार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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आदर-सम्मान ; |
आवभगत, आतिथ्य, खातिर। |
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सत्ता |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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अस्तित्व, हस्ती ; |
अधिकार, शक्ति, सामर्थ्य। |
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सत्तू |
पुंलिंग |
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भुने हुए जौ, चने आदि का आटा या चूर्ण। |
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सत्यनिष्ठा |
स्त्रीलिंग |
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सत्य पर निष्ठा, सत्य में विश्वास, सच या वास्तविक से प्रेम। |
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सत्याग्रह |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सत्य का पालन और रक्षा करने के लिए किया जाने वाला आग्रह या हठ ; |
आधुनिक राजनीति में वह अहिंसात्मक कार्रवाई जो किसी सत्ता या अधिकारी के व्यवहार आदि के प्रति असंतोष प्रकट करने के लिए की जाती है (पेसिव रिजिस्टेंस)। |
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सत्यापन |
पुंलिंग |
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जाँच या मिलान करके देखना कि ज्यों का त्यों और ठीक है कि नहीं (बैरिफ़िकेशन)। |
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सत्रावसान |
पुंलिंग |
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आधुनिक राजतंत्र में, विधान मंडल सा संसद में सर्वप्रधान अधिकारी के द्वारा अनिश्चित और दीर्घकाल के लिए किया जाने वाला स्थगन (प्रोरोगेशन)। |
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सत्संग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अच्छे आदमियों का साथ, अच्छी सोहब्बत, सज्जनों के साथ उठना-बैठना ; |
वह समाज या जन-समूह जिसमें कथावार्ता या रामनाम का पाठ होता है। |
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सदन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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घर मकान ; |
वह स्थान जहाँ किसी देश या राज्य के विधान बनने के कार्य होते हों। |
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सदस्य |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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उन व्यक्तियों में से हर एक जिनके योग से कुटुम्ब, परिवार, समाज आदि बनते हैं ; |
वह व्यक्ति जिसका संबंध किसी समुदाय से हो और जिसका वह नियमित रूप से चंदा आदि देता हो या उसके कार्यों में सम्मिलित होता हो (मेम्बर दोनों अर्थों में)। |
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सदा |
क्रिया विशेषण |
क्रिया विशेषण |
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नित्य, हमेशा, हरसमय; |
निरंतर, लगातार। |
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सदाचार |
पुंलिंग |
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अच्छा और शुभ आचरण, अच्छा चालचलन। |
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सदुपयोग |
पुंलिंग |
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अच्छा और उत्तम उपयोग। |
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सद्भाव |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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शुभ भाव, हित का भाव, छल कपट, द्वेष आदि से रहित भाव ; |
दो व्यक्तियों या पक्षों में होने वाली मैत्रीपूर्ण स्थिति। |
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सदव्यवहार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अच्छा बरताव, अच्छा सलूक या व्यवहार ; |
सदवृत्ति, सदाचार। |
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सन्नाटा |
पुंलिंग |
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निस्तब्धता, निरवता, शांति। |
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सपना (स्वप्न) |
पुंलिंग |
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वह घटना या दृश्य जो सोए होने पर अन्तर्मन में काल्पनिक रूप से भासित होता है (ड्रीम)। |
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सपरिवार |
विशेषण |
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परिवार के सदस्यों के साथ। |
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सप्तक |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सात वस्तुओं का समूह ; |
संगीत के सात स्वरों का समाहार। |
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सफ़र |
पुंलिंग |
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यात्रा। |
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सफल |
विशेषण |
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कृतकार्य, कामयाब। |
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सफलता |
स्त्रीलिंग |
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कामयाबी, सिद्धि। |
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सबल |
विशेषण |
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बलवान, ताकतवर, बलशाली। |
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सभा |
स्त्रीलिंग |
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परिषद्, समिति। |
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सभापति |
पुंलिंग |
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सभा का अध्यक्ष। |
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सभी |
विशेषण |
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सारे, सम्पूर्ण। |
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सभ्य |
विशेषण |
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शिष्ट, संस्कृत, विनम्र। |
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सभ्यता |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सभ्य होने की अवस्था या भाव ; |
किसी जाति या देश की बाह्य तथा भौतिक उन्नतियों का सामूहिक रूप (सिविलिज़ेशन)। |
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समकक्ष |
विशेषण |
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जोड़ या बाराबरी का, सब बातों में बराबरी करने वाला। |
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समझना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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जान लेना, ठीक और पूर्ण ज्ञान प्राप्त करना ; |
विचारना। |
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समझौता |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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राजीनामा, मेल, सुलह ; |
आपस में होने वाला करार या निश्चय, संधि। |
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समता |
स्त्रीलिंग |
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सादृश्य, बराबरी, संतुलन। |
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समदर्शी |
विशेषण |
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सब को एक सा देखने-समझने वाला। |
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समन्वय |
पुंलिंग |
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वह अवस्था जिसमें कथनों या बातों का पास्परिक विरोध न रहे। |
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समय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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दिन-रात के विचार से काल का कोई मान, वक्त ; |
अवसर, मौका। |
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समय-सारिणी |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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समय सूचित करने के लिए बनाई हुई सारणी; |
वह पुस्तिका जिस में विभिन्न गाड़ियों के विभिन्न स्टशनों से छूटने और पहुँचने के समय का उल्लेख सारिणियों में किया जाता है। (टाईमटेबल)। |
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समर |
पुंलिंग |
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सुद्ध, संग्राम, लड़ाई। |
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समर्थ |
विशेषण |
विशेषण |
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बलवान, सशक्त ; |
योग्य, उपयुक्त। |
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समष्टि |
स्त्रीलिंग |
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सामूहिकता, संपूर्णता। |
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संमातर (समानांतर) |
क्रिया |
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जो समान अंतर पर रहे। (पैरलल) |
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समाचार |
पुंलिंग |
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खबर, वृत्तांत, संदेश। |
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समाचार-पत्र |
पुंलिंग |
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नियमित समय पर प्रकाशित होने वाला वह पत्र जिसमें अनेक प्रदेशों, राष्ट्रों आदि से संबंधित समाचार रहते हों (न्यूज़पेपर)। |
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समाज |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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बहुत से लोगों का समूह ; |
किसी विशिष्ट उद्देश्य से स्थापित की हुई सभा ; |
किसी प्रदेश या भूखंड में रहने वाले लोग जिन में सांस्कृतिक एकता होती है। |
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समाज-विज्ञान |
पुंलिंग |
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समाज शास्त्र (सोशिअलाजी)। |
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समाजीकरण |
पुंलिंग |
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किसी काम, बात, व्यवहार को ऐसा रूप देना कि उस पर समाज का अधिकार हो जाए और सब लोग समान रूप से उसका लाभ उठा सकें। (सोशिअलाइज़ेशन)। |
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समाधान |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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आपत्ति की निवृत्ति करना, संदेह निवारण करना ; |
समस्या का हल। |
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समापन |
पुंलिंग |
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समाप्त करने की क्रिया या भाव, समाप्ति। |
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समाप्ति |
स्त्रीलिंग |
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खतम या पूरा करने की क्रिया या भाव, समापन |
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समायोजन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अनुकूल बनाने की क्रिया या भाव ; |
आंकड़ों का मेल बिठाना या ठीक ठाक करने की क्रिया या भाव। |
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समारोह |
पुंलिंग |
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कोई ऐसा शुभ आयोजन जिसमें चहल-पहल हो। |
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समालोकच |
पुंलिंग |
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समीक्षक, समालोचना करने वाला। |
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समास |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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योग, मेल ; |
दो या अधिक पदों के मेल से बनने वाला नया पद। |
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समाहार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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बहुत सी चीज़ों को एक जगह इकट्ठा करना, संग्रह ; |
ढेर, राशि। |
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समिति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सभा, समाज ; |
किसी विशेष कार्य के लिए गठित कुछ व्यक्तियों की सभा। |
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समुदाय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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समाज, बिरादरी ; |
समूह, राशि। |
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समुद्र |
पुंलिंग |
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सागर। |
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समूह |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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ढेर, राशि ; |
झुँड, समुदाय। |
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समृद्ध |
विशेषण |
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सम्पन्न, धनवान। |
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समृद्धि |
स्त्रीलिंग |
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बहुत अधिक सम्पन्नता, अमीरी, ऐश्वर्य। |
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सम्मान |
पुंलिंग |
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- |
इज्ज़त, आदर, प्रतिष्ठा। |
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सम्मेलन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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मनुष्यों का किसी विशेष उद्देश्य से अथवा किसी विषय पर विचार करने के लिए एकत्र होने वाला समाज ; |
कोई स्थायी बहुत बड़ी संस्था। |
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सम्मोहन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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मुग्ध करना ; |
मुग्ध करने की शक्ति या गुण। |
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सम्राट |
पुंलिंग |
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- |
साम्राज्य का स्वामी। |
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सरकना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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जमीन से सटे हुए आगे बढ़ना, रेंगना। |
धीरे-धीरे तथा थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ना। |
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सरकार |
स्त्रीलिंग |
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- |
किसी देश के सम्राट, अधिनायक, राष्ट्रपति या मुख्यमंत्री द्वारा चुने हुए मंत्रियों का वह दल जो सामूहिक रूप से संविधान के अनुसार उस देश का शासन करता है। |
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सरल |
विशेषण |
विशेषण |
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सीधा, भोला ; |
आसान, सहज। |
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सरस |
विशेषण |
विशेषण |
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- |
रसयुक्त, रसीला ; |
रचना जो भावमयी और मोहक हो। |
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सराहना |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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तारीफ, प्रशंसा। |
तारीफ करना, प्रशंसा करना। |
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सरोकार |
पुंलिंग |
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वास्ता, संबंध। |
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सरोवर |
पुंलिंग |
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तालाब। |
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सर्ग |
पुंलिंग |
- |
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किसी ग्रंथ विशेषत: काव्य ग्रंथ का अध्याय। |
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सर्जन |
पुंलिंग |
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उत्पन्न करना या जन्म देना। |
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सर्प |
पुंलिंग |
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- |
सांप। |
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सर्वज्ञ |
विशेषण |
पुंलिंग |
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सब कुछ जानने वाला। |
ईश्वर। |
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सर्वत्र |
क्रिया विशेषण |
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सब जगह। |
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सर्वव्यापक |
पुंलिंग |
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जो सब स्थानों और सब पदार्थों में व्याप्त हो। |
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सर्वसम्मति |
स्त्रीलिंग |
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सबकी एक सम्मति या राय, मतैक्य। |
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सर्वांगीण |
विशेषण |
विशेषण |
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- |
सब अंगो में व्याप्त होने वाला ; |
जो सभी अंगों से युक्त हो। |
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सर्वेक्षण |
पुंलिंग |
- |
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- |
- |
किसी विषय के सही तथ्यों की जानकारी के लिए उसके सभी अंगो का किया गया अधिकारिक निरीक्षण। |
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सर्वोदय |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
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- |
सभी का उदय या उन्नति ; |
सब लोगों के आर्थिक, नैतिक तथा सामाजिक उत्थान के लिए चलाया गया स्वतंत्र भारत का एक आन्दोलन। |
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सलाहकार |
पुंलिंग |
- |
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- |
- |
राय देने वाला, परामर्शदाता। |
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सस्ता |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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कम मूल्य का ; |
घटिया। |
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सहकारिता |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
साथ मिल कर काम करना, मदद, सहायता। |
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- |
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सहज |
विशेषण |
विशेषण |
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जन्मजात, प्राकृतिक ; |
आसान। |
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सहन शक्ति |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
सहने की शक्ति, सहिष्णुता, सहनशीलता, सह्यता। |
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- |
-
|
सहना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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सहन करना, झेलना ; |
बर्दाश्त करना, कष्ट उठाना। |
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- |
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|
सहमत |
विशेषण |
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- |
- |
- |
जिसका मत दूसरे से मिलता हो। जो दूसरे के मत को मान कर उसकी पुष्टि करता हो। |
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- |
- |
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|
सहमति |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
सहमत होने का भाव या अवस्था, एक मत होना। |
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|
सहयोग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
- |
साथ मिलकर काम करना ; |
किसी के काम में हाथ बटाना ; |
सहायता देना। |
- |
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|
सहयोगी |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
सहयोगी। |
- |
- |
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|
सहलाना |
सकारात्मक क्रिया |
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धीरे-धीरे मलना या हाथ फेरना। |
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सहानुभूति |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
हमदर्दी। |
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|
सहायता |
स्त्रीलिंग |
- |
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- |
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मदद। |
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सहिष्णु |
विशेषण |
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- |
- |
सहने वाला, बरदाश्त करने वाला। |
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|
सहिष्णुता |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
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- |
सहनशीलता। |
- |
- |
- |
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|
सहृदयता |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
दयालुता, करुणा ; |
रसज्ञता। |
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सांकेतिक |
विशेषण |
विशेषण |
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संकेत संबंधी ; |
संकेत रूप में होने वाला। |
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- |
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सांगोपांग |
विशेषण |
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- |
- |
सभी अंगो और उपांगों सहित। |
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|
सांत्वना |
स्त्रीलिंग |
- |
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- |
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शोकाकुल या संतप्त व्यक्ति को शांत करने या समझाने-बुझाने की क्रिया, तसल्ली। |
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साकार |
विशेषण |
विशेषण |
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मूर्त, आकारयुक्त ; |
बात या योजना जिसे क्रियात्मक रूप प्राप्त हुआ हो। |
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साक्षरता |
स्त्रीलिंग |
- |
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- |
पढ़े-लिखे होने का भाव। |
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साजन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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- |
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पति, स्वामी ; |
प्रेमी। |
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|
साज-समान |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
- |
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सामग्री, उपकरण, असबाब ; |
ठाठ-बाट। |
- |
- |
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|
साझेदारी |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
- |
हिस्सेदारी, शराकत! |
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- |
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सात्विक |
विशेषण |
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- |
सतोगुणी, सत्वगुण-प्रधान, अनुभूति या भावनाजन्य। |
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सादर |
क्रिया विशेषण |
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- |
- |
आदरपूर्वक, इज्जत से। |
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- |
- |
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|
सादा |
विशेषण |
विशेषण |
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- |
खालिस, बिना मिलावट ; |
जिसमें किसी तरह की उलझन, पेंच की बात या बनावट न हो, सरल। |
- |
- |
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|
सादृश्य |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
समानता, तुल्यता, बराबरी। |
- |
- |
- |
-
|
साधन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
- |
सामान, सामग्री, उपकरण ; |
कोई ऐसी चीज़ या वस्तु जिससे कुछ करने की शक्ति आती है (मीन्स); |
जिसके सहारे कोई काम पूरा होता है (रिसोर्सिस)। |
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|
साधना |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
- |
- |
- |
कोई कार्य सिद्ध या सम्पन्न करना ; |
ऐसी आराधना या उपासना जो बहुत कष्ट सहते हुए मनोयोग-पूर्वक की जाती है अथवा किसी महत्वपूर्ण कार्य को सिद्ध करने के लिए त्याग तथा परिश्रम से किया गया प्रयत्न या प्रयास। |
- |
- |
-
|
साधारण |
विशेषण |
विशेषण |
- |
- |
- |
जिसमें कोई विशेषता न हो, सामान्य, मामूली ; |
सहज, सुगम, सरल। |
- |
- |
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|
साधु |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
- |
- |
संत, महात्मा ; |
बढ़िया, उत्तम ; |
सज्जन, भला, आदमी। |
- |
-
|
साध्य |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
- |
- |
जो सिद्ध या पूरा किया जा सके; |
निष्पाप ; |
(रोग आदि) अच्छा करने योग्य। |
- |
-
|
सान्निध्य |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
निकटता, समीपता। |
- |
- |
- |
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|
साक्षेप |
विशेषण |
- |
- |
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- |
जो किसी की अपेक्षा रखता हो, जो दूसरों पर अवलम्बित हो। |
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- |
- |
-
|
साफ़ |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
- |
- |
स्वच्छ, निर्मल ; |
जिसकी बनावट, रचना रूप आदि में कोई त्रुटि न हो या जो ऊबड़-खाबड़ न हो ; |
जिसमें किसी प्रकार का भ्रम या संदेह न रह गया हो। |
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-
|
साबुन |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
सोडा तेल आदि के योग से बना हुआ एक पदार्थ जिससे शरीर और कपड़े साफ किए जाते हैं (सोप)। |
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- |
- |
-
|
सामंजस्य |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
वह स्थिति जिसमें परस्पर किसी प्रकार की विपरीतता या विषमता न हो, संगति, अनुकूलता। |
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- |
- |
-
|
सामग्री |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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- |
आवश्यक वस्तुओं का समूह, सामान ; |
किसी उत्पादन, निर्माण रचना आदि के सहायक अंग या तत्व। |
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- |
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सामने |
अव्यय |
अव्यय |
- |
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आगे, समक्ष ; |
मुकाबले में। |
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- |
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|
सामर्थ्य |
पुंलिंग |
- |
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- |
- |
कोई कार्य करने की योग्यता और शक्ति। |
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- |
- |
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सामयिक |
विशेषण |
विशेषण |
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- |
समयोचित, ठीक समय में ; |
वर्तमान समय का। |
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- |
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|
सामाजिक |
विशेषण |
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- |
- |
- |
समाज का, समाज के संबंध रखने वाला। |
- |
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सामान्य |
विशेषण |
विशेषण |
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मामूली ; |
सार्वजनिक, आम। |
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|
साम्राज्य |
पुंलिंग |
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- |
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- |
वे अनेक राष्ट्र या देश जिन पर कोई एक शासक-सत्ता राज्य करती हो। |
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- |
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साम्राज्यवाद |
पुंलिंग |
- |
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- |
- |
वह सिद्धान्त जिसमें यह माना जाता है कि किसी देश को अपने अधिकृत देशों में वृद्धि करते हुए अपने साम्राज्य का विस्तार करते रहना चाहिए (इम्पीरियलिज़म)। |
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सामुद्रिक |
विशेषण |
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समुद्र संबंधी, समुद्र से संबंध रखने वाला। |
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|
सामुद्रिक |
पुंलिंग |
- |
- |
- |
- |
फलित ज्योतिष की वह शाखा जिसमें मनुष्य की हस्त रेखाओं और शरीर के चिह्नों आदि के शुभ-अशुभ फल पर विचार होता है। |
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सामूहिक |
विशेषण |
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- |
- |
- |
समूह से संबंध रखने वाला। |
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सार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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मूल भाग, सत ; |
तात्पर्य या निष्कर्ष, सारांश। |
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सारणी |
स्त्रीलिंग |
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आजकल कोई ऐसा कागज़ या फलक जिसमें बहुत से खाते होते हैं तथा जिन में विशेष प्रकार की गणना या विवेचन के लिए कुछ अंक शब्द आदि लिखे होते है (टेबल)। |
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सारांश |
पुंलिंग |
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संक्षिप्तरूप, सार, निचोड़, उपसंहार। |
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सारा |
विशेषण |
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कुल, समस्त, पूरा, समय। |
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सार्थक |
विशेषण |
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जिसका कुछ अर्थ हो अर्थवान। |
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सार्वजनिक |
विशेषण |
विशेषण |
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सर्वसाधारण-संबंधी। |
समान रूप से सब लोगों के काम आने वाला। |
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सावधान |
विशेषण |
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सचेत, सतर्क, खबरदार। |
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साहित्य |
पुंलिंग |
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ग्रन्थों का समूह, किसी भाषा की समस्त गद्य तथा पद्यात्मक रचनाएं। |
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साहित्यकार |
पुंलिंग |
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साहित्य की रचना करने वाला। |
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साहूकार |
पुंलिंग |
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बड़ा व्यापारी, महाजन। |
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सिंगार (श्रृंगार) |
पुंलिंग |
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सजधज, सजावट। |
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सिंगारदान |
पुंलिंग |
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श्रृंगार की सामग्री रखने का छोटा संदूक। |
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सिंदूर |
पुंलिंग |
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एक प्रकार का लाल चूर्ण जिसे सौभाग्यवती स्त्रियाँ मांग में भरती हैं। |
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सिंहनाद |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सिंह का गर्जन ; |
युद्ध आदि के समय गरज कर की जाने वाली ललकार, जोरदार शब्दों में ललकार कर कही जाने वाली बात। |
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सिंहासन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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राजगद्दी। |
राजाओं के बैठने या देव मूर्तियों की स्थापना के लिए बना हुआ एक विशेष प्रकार चौकी के आकार का आसन जिसके दोनों ओर शेर के मुख की आकृति बनी होती है। |
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सितारा |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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तारा, नक्षत्र ; |
भाग्य। |
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सिद्धान्त |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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निश्चित मत जिसे सत्य के रूप में ग्रहण किया जाए, उसूल (प्रिंसिपल)। |
कला, विज्ञान आदि के संबंध में कोई ऐसी मूल बात जो किसी विद्वान द्वारा प्रतिपादित हो और जिसे बहुत से लोग ठीक मानते हों (थीअरी)। |
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सिपाही |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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फौजी आदमी, सैनिक ; |
पुलिस विभाग का साधारण कर्मचारी। |
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सिफारिश |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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किसी का कोई काम करने के लिए दूसरे से कहना ; |
किसी के गुण योग्यता आदि का परिचय देने वाली बात किसी दूसरे व्यक्ति से कहना जो उस पहले व्यक्ति का कोई उपकार कर सकता है, संस्तुति। |
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सिर्फ |
विशेषण |
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बस, इतना ही, केवल। |
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सिलसिला |
पुंलिंग |
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क्रम, श्रृंखला। |
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सिलाई |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सीने की क्रिया या भाव ; |
सिलने पर दिखाई पड़ने वाल टाँके; |
सिलने के बदले में मिलने वाली मजदूरी। |
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सिवाय |
अव्यय |
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जो है या हो उसको छोड़कर। |
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सींचना |
सकारात्मक क्रिया |
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खेत या पेड़ पौधों में पानी देना। |
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सीखना |
सकारात्मक क्रिया |
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किसी विषय या कला का ज्ञान प्राप्त करना, पढ़ना। |
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सीधा |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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जिस में टेढ़ापन या घुमाव न हो ; |
जिस में छलकपट न हो ; |
सरल, सुगम, आसान। |
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सीना |
सकारात्मक क्रिया |
पुंलिंग |
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सिलाई करना। |
छाती, वक्षस्थल। |
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सीमा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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हद, सरहद (फ्रंटियर)। |
वह अंतिम हद जहाँ तक कोई बात हो सकती हो या होनी उचित हो, नियम या मर्यादा की हद (लिमिट)। |
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सीमित |
विशेषण |
विशेषण |
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सीमाओं से बंधा हुआ ; |
जिसका प्रभाव या विस्तार एक निश्चित सीमा के अंतर्गत हो। |
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सुचित |
विशेषण |
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जो अच्छे मन वाला हो , जिसका चित अच्छा हो |
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सुंदर |
विशेषण |
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जो आंखों को अच्छा लगे, खूबसूरत। |
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सुख |
पुंलिंग |
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वह अनुभूति जो तन मन को भाए, चैन, आराम। |
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सुख-सुविधा |
स्त्रीलिंग |
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ऐसी चीजें जिनके होने पर मनुष्य सुखपूर्वक जीवन बिता सके। |
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सुगंध |
स्त्रीलिंग |
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अच्छी गंध, खुशबू, प्रिय महक। |
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सुगम |
विशेषण |
विशेषण |
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सहज में आने या पाने योग्य ; |
आसान, सरल। |
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सुघड़ |
विशेषण |
विशेषण |
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जिसकी बनावट सुन्दर हो, सुडौल ; |
कुशल, निपुण, होशियार। |
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सुचारु |
विशेषण |
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अत्यंत सुंदर, मनोहर, बहुत खूबसूरत। |
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सुझाव |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सुझाने की क्रिया या भाव ; |
वह नई बात जो किसी को सुझाई गई हो या जिसकी ओर ध्यान आकृष्ट किया गया हो (सजेस्चन)। |
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सुडौल |
विशेषण |
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सुंदर डीलडौल या आकार वाला। |
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सुध-बुध |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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होश-हवास, चेत ; |
याद। |
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सुधा |
स्त्रीलिंग |
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अमृत, पीयूष। |
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सुधार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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दोष को दूर करने या होने का भाव (इम्प्रूवमेंट)। |
वह कांट-छांट जो किसी रचना को अच्छा रूप देने के लिए की जाती है (मॉडिफिकेशन)। |
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सुधीर |
विशेषण |
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बहुत धैर्यवान, जिसमें यथेष्ट धैर्य हो। |
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सुनना |
सकारात्मक क्रिया |
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कानों से शब्द या ध्वनि ग्रहण करना। |
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सुनहरा (सुनहला) |
विशेषण |
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सोने के रंग का। |
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सुबोध |
विशेषण |
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जो आसानी से समझ आ जाए, सरल और बोधगम्य। |
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सुमति |
स्त्रीलिंग |
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अच्छी मति या बुद्धि। |
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सुमन |
पुंलिंग |
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पुष्प, फूल। |
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सुरंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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जमीन खोद कर उसके नीचे बनाया हुआ रास्ता (टनल); |
जमीन या समुद्र के नीचे बारूद की सहायता से बिछाया गया जाल अदि जिससे व्यक्ति या जहाज नष्ट हो जाते हैं (माइन)। |
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सुर |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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गले, बाजे आदि से निकलने वाला स्वर ; |
देवता। |
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सुरक्षा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सम्यक, समुचित रक्षा ; |
आक्रमण, आघात आदि से बचने के लिए किया जाने वाला प्रबन्ध। |
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सुरभि |
स्त्रीलिंग |
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सुगंध, खुशबू। |
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सुरमा |
पुंलिंग |
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एक खनिज पदार्थ जिसका बारीक चूर्ण आंखों में अंजन की तरह लगाया जाता है। |
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सुराही |
स्त्रीलिंग |
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जल आदि रखने का मिट्टी का पात्र जिसका नीचे का भाग लोटे की तरह गोल और ऊपर का भाग लम्बे चोगे या नल की तरह होता है। |
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सुलगना |
अकारात्मक क्रिया |
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इस प्रकार जलना कि उसमें से लपट न निकले, बल्कि धुंआ निकले, धीरे-धीरे जलना। |
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सुलझना |
अकारात्मक क्रिया |
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उलझनों से मुक्त होना, किसी समस्या अथवा उलझी हुई डोर आदि की पेचीदगी का दूर होना। |
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सुलभ |
विशेषण |
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जो आसानी से मिल जाए। |
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सुवास |
स्त्रीलिंग |
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अच्छी महक, खुशबू, सुगन्ध। |
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सुविधा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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आसानी ; |
आराम। |
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सुसज्जित |
विशेषण |
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भली-भांति सजा या सजाया हुआ। |
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सुस्ताना |
अकारात्मक क्रिया |
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थकावट दूर करना, थोड़ी देर के लिए आराम करना। |
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सुहाग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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विवाहिता स्त्री की वह स्थिति जिसमें उसका पति जीवित हो, सौभाग्य ; |
विवाह के समय कन्यापक्ष में गाए जाने वाले मांगलिक गीत। |
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सुहागा |
पुंलिंग |
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एक क्षार द्रव्य जो सोना गलाने और दवा के काम आता है (बोरेक्स)। |
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सूक्ष्मदर्शी |
विशेषण |
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बारीकी से देखने वाला। |
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सूखा |
विशेषण |
विशेषण |
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शुष्क, निर्जल ; |
" जिसमें सरसता, भावुकता आदि कोमल गुणों का अभाव हो।" |
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सूचना |
स्त्रीलिंग |
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कुछ बताने या जताने के लिए कही या लिखी गई बात, इत्तिला। |
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सूची |
स्त्रीलिंग |
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किसी प्रकार की वस्तुओं, नामों, बातों आदि का क्रमबद्ध लेखा या विवरण। |
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सूजना |
अकारात्मक क्रिया |
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रोग, चोट, वात आदि के कारण शरीर के किसी अंग का अधिक फूल या फैल जना। |
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सूझना |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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दिमाग या ध्यान में आना ; |
दृष्टि में आना, दिखाई देना। |
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सूत्र |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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पतला और महीन डोरा या तागा; |
गूढ़ अर्थ से युत्त संक्षिप्त वाक्य या पद; |
संकेत, पता सुराग। |
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सूद |
पुंलिंग |
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ब्याज। |
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सूना |
विशेषण |
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जनहीन, निर्जन। |
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सूराख |
पुंलिंग |
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छेद, छिद्र। |
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सूर्य |
पुंलिंग |
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सौर जगत का सबसे उज्जवल और मुख्य ग्रह, जिसकी अन्य सब ग्रह परिक्रमा करते हैं और जिससे सब ग्रहों को ताप तथा प्रकाश प्राप्त होता है, रवि। |
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सृजन |
पुंलिंग |
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सृष्टि करने अर्थात जन्म देने की क्रिया या भाव, रचना। |
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सृष्टि |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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सारा विश्व तथा इसके सभी प्राणी एवं पदार्थ; |
निर्माण, रचना। |
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सेंकना |
सकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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आंच के पास या आग पर रख कर गरम करना अथवा पकाना; |
शरीर को गरमी या धूप देना। |
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सेठ |
पुंलिंग |
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बहुत धनवान या संपन्न व्यक्ति। |
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सेतु |
पुंलिंग |
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नदी आदि पार करने के लिए बनाया हुआ रास्ता, पुल। |
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सेना |
स्त्रीलिंग |
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रण-शिक्षा प्राप्त सशस्त्र व्यक्तियों का दल, फौज। |
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सेनापति |
पुंलिंग |
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सेना का नायक, फौज का अफ़सर। |
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सेवा |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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परिचर्या, टहल ; |
नौकरी ; |
पूजा, आराधना। |
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सैकड़ा |
पुंलिंग |
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सौ, शत की संख्या का सूचक जो इस (100) प्रकार लिखा जाता है। |
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सैनिक |
विशेषण |
पुंलिंग |
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सेना-संबंधी, सेना का। |
सेना या फौज का सिपाही, फौजी। |
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सैर |
स्त्रीलिंग |
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मनोरंजन के लिए घूमना-फिरना, भ्रमण। |
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सोचना |
अकारात्मक क्रिया |
सकारात्मक क्रिया |
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चिंता या फिक्र में पड़ना। |
किसी विषय पर मन में विचार करना, कल्पना करना या अनुमान करना। |
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सोना |
पुंलिंग |
अकारात्मक क्रिया |
अकारात्मक क्रिया |
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स्वर्ण, कांचन। |
निद्रागस्त होना, नींद लेना ; |
एक ही स्थिति में रहने के कारण सुन्न होना। |
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सोपान |
पुंलिंग |
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सीढ़ी, जीना। |
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सौंपना |
सकारात्मक क्रिया |
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(कोई वस्तु आदि) किसी के जिम्मे या सुपुर्द करना, किसी के अधिकार में देना। |
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सौजन्य |
पुंलिंग |
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भलमनसत, सज्जनता। |
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सौतेला |
विशेषण |
विशेषण |
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सौत अथवा सपत्नी संबंधी ; |
सौत से उत्पन्न। |
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सौभाग्य |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अच्छा भाग्य, अच्छी किस्म्त ; |
सुहाग। |
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स्तंभ |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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खंभा। |
पत्र-पत्रिका आदि में ऐसे विभाग जिनमें किसी विशेष विषय का प्रतिपादन अथवा निरूपण होता है। |
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स्तब्ध |
विशेषण |
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जड़ीभूत, निश्चेष्ट, हक्का-बक्का। |
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स्तुति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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आदर भाव से किसी के गुणों के कथन करने का भाव, बड़ाई, तारीफ ; |
वह पद या रचना जिसमें किसी देवता आदि के गुण का बखान हो, स्तोत्र। |
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स्तोत्र |
पुंलिंग |
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वह रचना, विशेषत: पद्बद्ध रचना जिसमें किसी देवता आदि की स्तुति हो, स्तव, स्तुति। |
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स्त्री |
पुंलिंग |
स्त्रीलिंग |
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मनुष्य जाति की क्यस्क मादा, पुरुष का विपर्याय ; |
पत्नी, जोरू। |
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स्थगन |
पुंलिंग |
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सभा की बैठक, बात की सुनवाई या विचार अथवा कोई चलता हुआ काम कुछ समय के लिए रोक रखना। |
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स्थान |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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जगह, स्थल ; |
पद ओहदा। |
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स्थानांतरण |
पुंलिंग |
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किसी वस्तु या व्यक्ति को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर पहुँचाना या भेजना, बदली, तबादला। |
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स्थानीय |
विशेषण |
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स्थान, विशेष का, मुकामी, स्थानिक। |
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स्थापना |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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स्थापित करने की क्रिया या भाव, स्थापन ; |
प्रतिपादन, निरूपण। |
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स्थायी |
विशेषण |
विशेषण |
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सदा स्थित रहने वाला, हमेशा बना रहने वाला, स्थिर, अटल, नियत ; |
टिकाऊ। |
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स्थिति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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दशा, हालत, अवस्था ; |
पद, मर्यादा आदि के विचार से समाज में स्थान ; |
किसी कार्य आदि की प्रगति की अवस्था, चरण। |
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स्थिर |
विशेषण |
विशेषण |
विशेषण |
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अटल, निश्चल ; |
स्थायी ; |
धीर, शांत। |
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स्नेह |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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प्रेमियों, हमजोलियों, बच्चों आदि के प्रति होनेवाला प्रेमभाव ; |
चिकना पदार्थ, चिकनाहट वाली चीज़। |
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स्पंदन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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धीने-धीरे हिलना या कांपना ; |
फकड़, प्रस्फुरण, गति। |
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स्पर्धा |
स्त्रीलिंग |
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प्रतियोगिता आदि में किसी से होने वाली होड़। |
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स्पर्श |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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त्वचा का वह गुण जिससे छूने, दबने आदि का अनुभव होता है ; |
एक वस्तु के तल का दूसरी वस्तु के तल से सटना या छूना, संपर्क। |
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स्पष्ट |
विशेषण |
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जिसे देखने, समझने, सुनने आदि में नाम मात्र भी कठिनता न हो, बिलकुल साफ। |
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स्फूर्ति |
स्त्रीलिंग |
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तेजी, फुर्ती। |
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स्मरण |
पुंलिंग |
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कोई बात फिर से याद आने की क्रिया या भाव, स्मृति, याद। |
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स्मारक |
विशेषण |
पुंलिंग |
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स्मरण कराने वाला। |
स्मरण चिह्न, यादगार। |
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स्मृति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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स्मरण शक्ति ; |
याद, अनुस्मरण ; |
धर्म, आचार-व्यवहार आदि से संबंधित हिन्दू धर्मशास्त्र जिनकी रचना ऋषियों और मुनियों ने वेदों का स्मरण या चिंतन करके की थी। |
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स्रष्टा |
विशेषण |
पुंलिंग |
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सृष्टि या रचना करने वाला, रचयिता, निर्माता। |
ब्रह्मा, सृष्टि का रचयिता। |
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स्वचालित |
विशेषण |
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अपने आप चलने वाला, जिसके अंदर ऐसे कल-पुरजे लगे हों कि एक पुरजा चलाने से ही वह आपने आप चलने या कोई काम करने लगे। |
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स्वजन |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अपने परिवार के लोग, आत्मीय जन; |
सगे संबंधी, रिश्तेदार, बन्धु-बांधव। |
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स्वतंत्र |
विशेषण |
विशेषण |
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जिसका तंत्र अथवा शासन अपना हो, जो किसी के तंत्र या शासन में न हो, आजाद। |
किसी प्रकार के नियंत्रण दबाव या बंधन से रहित। |
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स्वतंत्रता |
स्त्रीलिंग |
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स्वतंत्र रहने या होने की अवस्था या भाव, आज़ादी, स्वातंत्र्य। |
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स्वप्न |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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सपना, ख्वाब ; |
मन ही मन की जाने वाली बड़ी-बड़ी कल्पनाएँ और बांधे जाने वाले मनसूबे। |
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स्वभाव |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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प्रकृति, ख़ासियत, मिजाज ; |
आदत, बान। |
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स्वयं |
विशेषण |
क्रिया विशेषण |
पुंलिंग |
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(सर्वनाम) जिसके द्वारा वक्ता अपने व्यक्तित्व पर जोर देते हुए कोई बात कहता है। |
अपने आप करने या होने वाला अपनी इच्छा से, बिना किसी जोर या दबाव के। |
खुद (व्यक्ति)। |
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स्वरूप |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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आकृति, रूप, शक्ल ; |
प्रकृति, स्वभाव, गुण। |
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स्वर्ग |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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देवलोक ; |
ऐसा स्थान जहाँ सभी प्रकार के सुख प्राप्त हों और नाममात्र भी कष्ट या चिंता न हो। |
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स्वर्ण-युग |
विशेषण |
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ऐश्वर्य, ललित कलाओं की समृद्धि एवं शासनिक रूप से शांतिपूर्ण काल। |
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स्वर्णिम |
विशेषण |
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सोने का, सुनहला। |
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स्वस्थ |
विशेषण |
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रोग, विकार आदि से रहित। |
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स्वागत |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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किसी मान्य या प्रिय व्यक्ति के आने पर आगे बढ़कर आदरपूर्वक उसका अभिनंदन करने की क्रिया या भाव, अभ्यर्थना ; |
किसी के कथन, विचार आदि को अच्छा या अनुकूल समझकर ग्रहण अथवा मान्य करने की क्रिया या भाव। |
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स्वाद |
पुंलिंग |
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कोई चीज खाने चा पीने पर जबान या रसनेन्द्रिय को होने वाली अनुभूति, जायका। |
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स्वादिष्ट |
विशेषण |
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जिसका जायका या स्वाद बहुत अच्छा हो, जो खाने में बहुत अच्छा जान पड़े। |
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स्वाभाविक |
विशेषण |
विशेषण |
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प्राकृतिक, कुदरती ; |
जो या जैसा प्रकृति के या स्वभाव के अनुसार साधारणत: हुआ करता है, सहज। |
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स्वामित्व |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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मालिक अथवा स्वामी होने की अवस्था या भाव, मालिकी ; |
प्रभुता, आधिपत्य। |
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स्वामी |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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वह व्यक्ति जिसे किसी वस्तु पर पूरे और सब प्रकार के अधिकार प्राप्त हों, मालिक ; |
पति शौहर। |
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स्वार्थ |
पुंलिंग |
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अपना अर्थ या उद्देश्य, अपना मतलब। |
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स्वार्थी |
विशेषण |
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मात्र अपने उद्देश्य कही सिद्धि चाहने वाला, खुदगर्ज। |
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स्वावलंबन |
पुंलिंग |
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अपने पर ही भरोसा रखने और दूसरे से सहायता न लेने की अवस्था, गुण या भाव, आत्मनिर्भरता। |
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स्वावलंबी |
विशेषण |
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अपने ही बल पर काम करने वाला, दूसरे की सहायता न लेने वाला, आत्मनिर्भर। |
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स्वास्थ्य |
पुंलिंग |
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स्वस्थ अर्थात निरोग होने की अवस्था, गुण या भाव, निरोगता, आरोग्यता, तन्दरुस्ती। |
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स्वीकार |
पुंलिंग |
पुंलिंग |
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अपना बनाने, ग्रहण करने या लेने या अपनाने की क्रिया या भाव ; |
कोई बात मान लेने की क्रिया या भाव। |
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स्वीकृति |
स्त्रीलिंग |
स्त्रीलिंग |
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स्वीकार करने की क्रिया या भाव सहमति ; |
प्रस्ताव, शर्त आदि मान लेने अथवा ग्रहण करने की क्रिया या भाव। |
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