शब्दव्याकरण-१व्या-२व्या-३व्या-४व्या-५अर्थ-१अर्थ-२अर्थ-३अर्थ-४अर्थ-५
शंकास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---संशय, संदेह, शक ;भय, अंदेशा, खटका।---
शंखपुंलिंगपुंलिंग---समुद्र में पैदा होने वाला एक जंतु का कड़ा और सफेद खोल ;दस खर्ब अथवा एक लाख करोड़ की संख्या।---
शकुनपुंलिंग----विशिष्ट पशु-पक्षी, व्यक्ति, वस्तु, व्यापार आदि के देखने-सुनने, होने आदि से मिलने वाली शुभ-अशुभ की पूर्व-सूचना।----
शक्करस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---चीनी ;कच्ची चीनी, खांड।---
शक्तिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---पराक्रम, बल, सामर्थ्य;दुर्गा।---
शक्तिशालीविशेषण----बलवान, शक्ति संपन्न।----
शताब्दीस्त्रीलिंग----सौ वर्षों की अवधि, शती, सदी।----
शत्रुपुंलिंग----वैरी, दुश्मन।----
शपथस्त्रीलिंग----सौगंध, कसम।----
शब्दकोशपुंलिंग----वह ग्रंथ जिसमे शब्दों के सम्यक् वर्ण विन्यास, अर्थ प्रयोग, पर्याय आदि हों।----
शमनपुंलिंगपुंलिंग---बढ़े हुए उपद्रव, कष्ट, दोष को दबाने की क्रिया, दमन ;शांति।---
शरणस्त्रीलिंग----आश्रय, संरक्षण, पनाह।----
शरणार्थीपुंलिंगपुंलिंग---शरण चाहने वाला, असहाय ;किसी अन्य देश में भागकर शरण लेने के लिए आया हुआ, विस्थापित।---
शरमानाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---झेंपना ;लज्जित होना।---
शराबस्त्रीलिंग----मद्य, मदिरा।----
शरीरपुंलिंग----देह, तन, जिस्म।----
शल्य-क्रियास्त्रीलिंग----शारीरिक विकार को दूर करने के लिए की जाने वाली चीर-फाड़।----
शव-परीक्षास्त्रीलिंग----मृत व्यक्ति के शव की मृत्यु के कारणों की जाँच के लिए की जाने वाली परीक्षा या जाँच (पोस्ट मार्टम)।----
शस्त्रपुंलिंग----हाथ मे रखकर प्रयोग किया जाने वाला हथियार।----
शहदपुंलिंग----मधु (हनि)।----
शहीदविशेषण----अपने धर्म, सदाचार, कर्त्तव्य-परायणता के लिए अथवा देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण देने वाला (मार्टेअर)।----
शांतविशेषणविशेषण---आवेग, चंचलता, वासना अथवा विकास से रहित ;नि:शब्द, नीरव, चुप, मौन।---
शांतिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--नीरवता, सन्नाटा, स्तब्धता ;उत्पाद, उपद्रव, कलह आदि से रहित अवस्था, अमन ;आराम, चैन।--
शाकाहारीपुंलिंग, विशेषण----मांस न खाने वाला, निरामिष भोजी।----
शानदारविशेषणविशेषण---भड़कीला, तड़क-भड़क वाला ;ऐश्वर्यपूर्ण, उच्च कोटि का।---
शापपुंलिंग----अनिष्ट कामना के उद्देश्य से कहा गया कथन, अभिशाप, बद्दुआ।----
शायदअव्यय----कदाचित, संभवत:।----
शायिकास्त्रीलिंग----शयनिका (स्लीपर)----
शालीनविशेषण----लज्जाशील, शुशील, शिष्ट।----
शाश्वतविशेषण----सतत्, स्थायी, नित्य, सनातन।----
शासकपुंलिंग----शासन करने वाला व्यक्ति, शासन-कर्ता।----
शासनपुंलिंगपुंलिंग---सरकार, हुकूमत;सरकार या किसी अन्य द्वारा नियन्त्रण, संचालन, व्यवस्था आदि।---
शास्त्रपुंलिंगपुंलिंग---धर्म ग्रंथ ;किसी कला, विद्या या विशिष्ट विषय का सांगोपांग ग्रंथ, विज्ञान।---
शिकायतस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--किसी के दोष या अनुचित काम का किसी के समक्ष किया गया कथन;किसी के अनुचित काम के प्रति होने वाला असंतोष ;हल्का, शारीरिक कष्ट या रोग।--
शिकारपुंलिंगपुंलिंग---मृगया, आखेट ;मृगया अथवा आखेट में मारा या पकड़ा गया पशु-पक्षी।---
शिक्षास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---किसी प्रकार के ज्ञान के सीखने-सिखाने का क्रम, पढ़ाई या उक्त प्रकार से प्राप्त ज्ञान या विद्या ;उपदेश, सबक, नसीहत।---
शिखरपुंलिंगपुंलिंग---किसी चीज का सबसे ऊपरी भाग, सिरा, चोटी, कलश, कंगूरा (मंदिर, मकान के संदर्भ में) ;पर्वत की चोटी।---
शिथिलविशेषणविशेषणविशेषण--जो कसकर बंधा न हो ढीला ;आलसी, सुस्त ;जिसे कुछ छूट दी गई हो, जिसका पालन दृढ़तापूर्वक न हो।--
शिरकतस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---शरीक होने की अवस्था क्रिया या भाव, मिलना ;साझेदारी।---
शिरोमणिपुंलिंगपुंलिंगविशेषण--सिर या मस्तक पर धारण करने का रत्न, चूड़ामणि ;श्रेष्ठ पुरुष।सर्वश्रेष्ठ।--
शिलान्यासपुंलिंगपुंलिंग---नए भवन की नींव के रूप में पत्थर रखना ;नींव रखने का कृत्य या समारोह।---
शिलालेखपुंलिंगपुंलिंग---पत्थर पर गुदा हुआ लेख ;लेख आदि से गुदा हुआ पत्थर।---
शिल्पपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--हस्तकला, दस्तकारी ;रचना विधान, निर्माण ;स्थापत्य, वास्तुकला।--
शिल्पकारपुंलिंग----शिल्पी, कारीगर।----
शिल्पीपुंलिंग----शिल्प संबंधी काम करने वाला, शिल्पकार।----
शिविरपुंलिंगपुंलिंग---पड़ाव, छावनी;खेमा, तंबू।---
शिशुपुंलिंगपुंलिंग---बहुत ही छोटा बच्चा;सात आठ वर्ष की अवस्था तक का बच्चा।---
शिष्टविशेषण----सभ्य, सज्जन।----
शिष्टतास्त्रीलिंग----शिष्ट होने की अवस्था गुण भाव, सौजन्य।----
शिष्टाचारपुंलिंगपुंलिंग---शिष्टापूर्ण आचरण और व्यवहार ;औपचारिक आचरण।---
शिष्यपुंलिंगपुंलिंग---छात्र, विद्यार्थी ;अनुयायी, चेला।---
शीघ्रक्रिया विशेषण----जल्द, अविलंब, तुरंत, फौरन।----
शीघ्रतास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---जल्दी ;तेजी, फुर्ती।---
शीतलविशेषणविशेषण---ठंडा, सर्द ;आवेशरहित, शांत, सौम्य।---
शीर्षपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--किसी चीज का सबसे ऊपरी तथा उन्नत सिरा ;सिर ;ज्यामिति में वह बिन्दु जिसपर दो ओर से दो तिरछी रेखाएं आकर मिलती हों।--
शीर्षकपुंलिंग----किसी लेख अथवा ग्रंथ आदि के ऊपर दिया जाने वाला नाम जिससे उनके विषय का कुछ परिचय मिलता है (टाइटल)।----
शीशापुंलिंग----दर्पण, आईना।----
शुद्धविशेषणविशेषणविशेषण--पवित्र, निर्मल ;मिलावट रहित, असली ;अशुद्धि, गलती या भूल से रहित, ठीक, सही।--
शुभ-चिंतकविशेषण----किसी की भलाई की सोचने वाला, शुभेच्छु।----
शुभागमनपुंलिंग----मंगलप्रद या सुखद आगमन।----
शुरुपुंलिंग----आरंभ, प्रारंभ।----
शुल्कपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--वह धन जो वस्तुओं की उत्पत्ति, उपभोग, आयात, निर्यात आदि करने पर कानूनन कर के रूप में देय हो ;विशिष्ट सुविधा प्रदान करने पर किसी संस्था को दिया जाने वाला धन, फीस ;चंदा।--
शुष्कविशेषणविशेषण---सूखा ;सहृदयता एवं कोमलता रहित।---
शून्यविशेषण, पुंलिंगविशेषण, पुंलिंग---रिक्त, खाली ;गणित में अभाव सूचक चिह्न (जीरो)।---
शूरविशेषण, पुंलिंग----बहादुर, वीर, सूरमा।----
श्रृंखलास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---क्रम, तारतम्य माला, पंक्ति, कतार ;जंजीर, सिकड़ी।---
श्रृंगारपुंलिंगपुंलिंग---सौंदर्य वृद्धि के लिए सौन्दर्य-प्रसाधनों द्वारा बनाव-सजाब;साहित्य में एक रस, रसराज।---
शेषविशेषण----बचा हुआ, बाकी।----
शैलीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---ढंग, तरीका, पद्धति ;(साहित्य, कला) रचना अथवा अभिव्यक्ति का विशिष्ट ढंग।---
शैशवपुंलिंग----शिशु होने की अवस्था, गुण या भाव बचपन, लड़कपन।----
शोकपुंलिंग----इष्ट वस्तु या आत्मीयजन के वियोग, नाश या मृत्यु के कारण होने वाली मानसिक व्यथा, घोर दु:ख।----
शोधपुंलिंगपुंलिंग---छिपी हुई तथा रहस्यपूर्ण बातों की खोज करना, अन्वेषण;जाँच, परीक्षण।---
शोभास्त्रीलिंग----कांति, चमक।----
शोषणपुंलिंग----परोक्ष उपायों से किसी की कमाई या धन धीरे-धीरे अपने हाथ में करना (एक्सप्लायटेशन)।----
श्रद्धांजलिस्त्रीलिंग----किसी पूज्य या बड़े व्यक्ति के संबंध में श्रद्धा और आदरपूर्वक कही जाने वाली बातें।----
श्रद्धास्त्रीलिंग----पूज्य और बड़े लोगों के प्रति आदरपूर्ण आस्था या भावना।----
श्रमपुंलिंगपुंलिंग---मेहनत, परिश्रम ;जीविका-निर्वाह या धन उपार्जन के लिए किया जाने वाला कार्य।---
श्रमदानपुंलिंग----किसी सामूहिक हित के लिए स्वेच्छा से नि:शुल्क श्रम करना।----
श्रमिकपुंलिंग----शारीरिक श्रम द्वारा जीविका चलाने वाला, मजदूर।----
श्राद्धपुंलिंगपुंलिंग---सनातनी हिन्दुओं में पितरों या मृत व्यक्तियों को प्रसन्न कराने के उद्देश्य से किए जाने वाले पिंडदान, ब्राह्मण भोजन आदि कृत्य जो उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए किए जाते हैं।आश्विन मास का कृष्ण पक्ष, जिसमें विशिष्ट रूप से उक्त प्रकार के कृत्य करने का विधान है, पितृपक्ष।---
श्रीमान (श्रीमती)पुंलिंग----'श्री' पुरुषों के नाम से पूर्व प्रयुक्त एक आदरसूचक विशेषण (स्त्री के नाम के पूर्व श्रीमति)।----
श्रुतलेखपुंलिंग----वह लेख जो किसी के द्वारा बोले हुए वाक्यों को सुनकर लिखा जाए (डिक्टेशन)।----
श्रेणीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---कतार, पंक्ति ;कार्य, योग्यता, आदि के विचार से पदार्थों, व्यक्तियों आदि का वर्ग, विभाग या दर्जा।---
श्रेयपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--अच्छाई, उत्तमता ;मंगल, कल्याण ;यश।--
श्रेष्टविशेषण----गुण, मान आदि के विचार से बढ़कर, उत्तम, उत्कृष्ट।----
श्रोतापुंलिंगपुंलिंग---सुननेवाला (लिसनर);किसी सभा, नाटक-प्रदर्शन आदि के दर्शक, सुनने वाले या पाठक (बहुवचन में) (आड्यंस)।---
श्लाघनीयविशेषण----प्रशंसनीय।----
श्लाघास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---प्रशंसा ;चापलूसी।---
श्वासपुंलिंगपुंलिंग---प्राणियों का नाक से श्वास खींचकर अंदर फेफड़ों या हृदय तक पहुँचाना और फिर बाहर निकालना, सांस ;दमा नामक रोग।---
श्वेतविशेषणविशेषण---धवल, उजला, सफेद, गोरा ;निर्मल, स्वच्छ, साफ।---
षड्यन्त्रपुंलिंग----साजिश, कुचक्र।----