शब्दव्याकरण-१व्या-२व्या-३व्या-४व्या-५अर्थ-१अर्थ-२अर्थ-३अर्थ-४अर्थ-५
फकीरपुंलिंगपुंलिंग---भिखमंगा, भिखारी ;संत, साधु, महात्मा।---
फटकनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---सूप आदि के द्वारा अन्न साफ करना ;कपड़े को इस प्रकार झाड़ना कि उसमें से लगी हुई धूल या सिलवटें निकल जाएँ।---
फड़कनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--शरीर के किसी अंग में स्फुरण होना।कोई बहुत बढ़िया या विलक्षण चीज देखकर मन में उक्त प्रकार का स्फुरण होना जो उस चीज के विशेष प्रशंसक होने का सूचक होता है।पक्षियों के पर हिलना, फड़फड़ाना।--
फबनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---किसी वस्तु या व्यक्ति का शोभन तथा सुंदर लगना ;बात आदि का ठीक मौके पर उपयुक्त लगना।---
फर्कपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--दो विभिन्न वस्तुओं, व्यक्तियों आदि में होने वाली विषमता, भिन्नता ;हिसाब-किताब आदि में भूल-त्रुटि आदि के कारण पड़ने वाला अंतर ;भेद-भाव, दुराव।--
फलपुंलिंगपुंलिंग---पेड़ का फल ;किसी प्रकार की क्रिया, घटना, प्रयत्न आदि के परिणाम के रूप में होने वाली बात।---
फलनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--वृक्ष का फलों से युक्त होना ;किसी काम या बात का शुभ परिणाम प्रकट होना ;सुख-समृद्धि का कारण बनना।--
फसलस्त्रीलिंग----खेत मेंबोये हुए अनाजों आदि की पैदावार (क्रॉप/हार्वेस्ट)।----
फब्बारापुंलिंग----एक विशिष्ट प्रकार का उपकरण जिससे पानी या किसी तरल पदार्थ की बूंदें निरन्तर गिरती हैं, फुहारा (फाउन्टेन)।----
फहरानाअकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---खुले या फैले हुए वस्त्रों या झंडे का हवा में उड़ना (हाइस्ट)।कोई चीज इस प्रकार खुली छोड़ देना जिससे वह हवा में हिले और उड़े।---
फांसनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---फंदे में किसी पशु-पक्षी को फंसाना ;छल, ठगी, युक्ति आदि से किसी व्यक्ति को अपने लाभ के लिए फंसाना।---
फांसीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---प्राणदंड;रस्सी का वह फंदा जिसे लोग गले में फंसाकर आत्महत्या के लिए झूल या लटक जाते हैं।---
फाटकपुंलिंग----मुख्य द्वार पर लगा हुआ बड़ा दरवाजा (मेन गेट)।----
फाड़नासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--कागज, कपड़े आदि को बलपूर्वक खींचकर टुकड़े-टुकड़े कर देना ;किसी वस्तु का मुंह साधारण से अधिक और दूर तक फैलाना या बढ़ाना ;किसी गाढ़े द्रव पदार्थ के संबंध में ऐसी क्रिया करना कि उसका जलीय अंश तथा ठोस अंश अलग हो जाए।--
फालतूविशेषणविशेषण---जो किसी उपयोग में न आ रहा हो आवश्यकता से अधिक ;बेकार।---
फिरक्रिया विशेषणक्रिया विशेषणक्रिया विशेषण--दोबारा या पुन: ;पीछे, अनंतर, उपरान्त, बाद ;तब।--
फीकाविशेषणविशेषणविशेषण--स्वादहीन (पदार्थ) ;जो यथेष्ट चमकीला या तेज न हो, (रंग);जिसमें आनन्द की प्राप्ति न हुई हो, नीरस (खेल) तमाशा आदि।--
फीतापुंलिंगपुंलिंग---सूत आदि की बनी हुई कम चौड़ी और लम्बी पट्टी (लेस) ;वह पट्टी जिस पर इंचों आदि के निशान बने होते हैं और जो लंबाई, चौड़ाई आदि नापने के काम आती है (टेप)।---
फीसस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---विशिष्ट कार्यों के बदले दिया गया धन;वह धन जो विद्यार्थी की शिक्षा के लिए मासिक रूप में देना पड़ता है, शुल्क।---
फुंकारस्त्रीलिंग----वह शब्द जो कुछ जंतुओ के वेगपूर्वक सांस बाहर निकालते समय होता है; फूत्कार, फुफ़कार।----
फुटकरविशेषणविशेषण---भिन्न या अनेक प्रकार का ;जो इकट्ठा या एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग या खंडों में आता या रहता हो, थोक का विपर्याय (रिटेल)।---
फुदकनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---थोड़ी-थोड़ी दूरी पर उछलते हुए आते-जाते रहना ;उमंग में आकर अथवा प्रसन्नता-पूर्वक उछलते हुए इधर-उधर आना-जाना।---
फुलझड़ीस्त्रीलिंग----छोटी, पतली डंडी की तरह की आतिशबाजी जिसमें से फूल की सी चिनगारियाँ निकली हैं।----
फूलवारीस्त्रीलिंग----फूलों से भरा छोटा उद्यान या बगीचा।----
फुसफुसानासकारात्मक क्रिया----बहुत ही धीमे स्वर में कुछ बोलना।----
फुहारस्त्रीलिंग----ऊपर से गिरने वाली पानी की या किसी तरल पदार्थ की छोटी-छोटी बूँदे।----
फुहारापुंलिंगपुंलिंग---ज़मीन से फूट पड़ने वाली तेज धार (स्प्रिंग);एक विशिष्ट प्रकार का उपकरण जिससे पानीया किसी तरल पदार्थ की बूंदे निरन्तर गिरती हैं, फव्वारा (फाउन्टेन)।---
फूंकनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--मुँह का विवर समेटकर वेग के साथ हवा छोड़ना ;आग लगाना, जलाना या सुलगाना;बुरी तरह से नष्ट या बरबाद करना।--
फूटस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---आपसी अनबन या बिगाड़ ;एक प्रकार की बड़ी ककड़ी जो पकने पर प्राय: खेतों में ही फट जाती है।---
फूलपुंलिंगपुंलिंग---पुष्प, कुसुम ;शव के जल जाने के बाद बची हुई हड्डियाँ।---
फूलदानपुंलिंग----फूल सजाने के लिए मिट्टी, धातु, शीशे आदि का बना पात्र, गुलदान।----
फूलनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--फूलों से युक्त होना ;उमंग से भर जाना, बहुत प्रसन्न होना ;बहुत अधिक उभर जाना या ऊंचा होना, सूजना।--
फेंकनासकारात्मक क्रिया----हाथ से किसी चीज को ऊंचा उछाल कर गिरा देना।----
फेनपुंलिंग----बुलबुलों का समूह, झाग।----
फेरापुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--किसी चीज के चारों ओर घूमने की क्रिया या भाव ;विवाह के समय वर-बधू द्वारा की जाने वाली अग्नि की परिक्रमा ;बार-बार कहीं आने-जाने की क्रिया या भाव।--
फैलनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी चीज का विस्तार होना ;किसी बात आदि का व्यापक क्षेत्र में चर्चा का विषय बनना।---
फोड़नासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--शीशा, चीनी, या मिट्टी आदि की कोई वस्तु खंड-खंड करना या तोड़ना ;किसी खोखली या वायु-भरी वस्तु को आघात या दबाव द्वारा तोड़ना ;किसी दल या पक्ष के व्यक्ति को प्रलोभन देकर अपनी ओर मिलाना।--
बंगलापुंलिंग, स्त्रीलिंगपुंलिंग, स्त्रीलिंग---चारों तरफ से खुला हुआ एक मंजिला मकान;बंगाल की भाषा।---
बंजरविशेषण----ऊसर भूमि जहाँ कुछ पैदा न हो सके।----
बंदविशेषणविशेषणविशेषण--बंधा हुआ, कसा हुआ ;चारों ओर की दीवारों आदि से घिरा (स्थान) ;बाधा युक्त।--
बंदनवारपुंलिंग----आम, अशोक आदि की पत्तियों को किसी लंबी रस्सी में जगह-जगह टांकने पर बनने वाली श्रृंखला जो शुभ अवसरों पर दरवाजों पर लटकाई जाती है।----
बंदरगाहपुंलिंग----समुद्र के किनारे का वह स्थान जहाँ जहाज ठहरते हैं (सी पोर्ट, हार्बर)।----
बंदीपुंलिंग----कैदी (प्रिज़नर)।----
बंदूकस्त्रीलिंग----ऐसा अस्त्र जिसमें कारतूस, गोली आदि भरकर इस प्रकार छोड़ी जाती है कि लक्ष्य पर गिरे, (गन, राईफल, मस्केट)।----
बंधकपुंलिंग----गिरवी या रेहन।----
बकनासकारात्मक क्रिया----ऊटपटांग या व्यर्थ की बहुत सी बातें करना।----
बकायाविशेषणपुंलिंग---बाकी बचा हुआ।किसी काम, बात या राशि का वह अंश जिसकी अभी पूर्ति होनी शेष हो।---
बगीचापुंलिंग----छोटा बाग या फुलवारी।----
बचतस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---व्यय आदि से बची रहने वाली धन राशि;लागत आदि निकालने के बाद बचा हूआ धन, मुनाफा, लाभ।---
बचनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--उपयोग, व्यय आदि हो चुकने के बाद जो कुछ शेष रहे;बंधन, विपद, संकट आदि से किसी प्रकार सुरक्षित रहना ;किसी कार्य, व्यक्ति से संकोच करना।--
बचपनपुंलिंग----बाल्यावस्था----
बच्चापुंलिंगपुंलिंग---प्राणी का नवजात शिशु ;बालक।---
बजनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---किसी चीज पर आघात किए जाने पर ऊँची ध्वनी निकलना ;संगीत अथवा वाद्ययंत्र में से ध्वनि निकलना।---
बजेअव्यय----समय-मान, जैसे दस बजे, ग्याहर बजे (ओ क्लॉक)।----
बटुआपुंलिंग----कपड़े-चमड़े आदि का खानों वाला तथा ढक्कनदार आधान जिसमें रुपये-पैसे रखे जाते हैं (पर्स)।----
बड़ाविशेषणविशेषणपुंलिंग--जो अपने आकार-प्रकार या विस्तार के विचार से औरों से बढ़चढ़ कर हो विशाल ;जो पद, गरिमा, गुण आदि की दृष्टि से बड़ा हो, महान, श्रेष्ठ।उरद की दाल का एक प्रकार का नमकीन पकवान।--
बड़ाईस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---बड़े होने की अवस्था या भाव ;प्रशंसा, तारीफ।---
बढ़नाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--आकार, क्षेत्र, परिमाण, विस्तार, सीमा आदि की वृद्धि होना;आगे की ओर चलना या अग्रसर होना;किसी प्रकार की उन्नति या तरक्की होना।--
बढ़ानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--किसी को बढ़ने में प्रवृत्त करना ;परिणाम, मात्रा, संख्या आदि में वृद्धि करना ;किसी प्रकार की व्याप्ति में विस्तार करना।--
बढ़ियाविशेषण----जो गुण, रचना, रूप-रंग आदि की दृष्टि से उच्च कोटि का हो उत्तम, (उम्दा)।----
बतानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---कोई बात कहकर किसी को कोई जानकारी या परिचय कराना ;किसी प्रकार का निर्देश या संकेत करना।---
बत्तीसीस्त्रीलिंग----मनुष्य के 32 दाँतों का समूह।----
बदनामविशेषण----जिसकी निंदा हो रही हो, कुख्यात।----
बदलनाअकारात्मक क्रिया----परिवर्तन होना।----
बदलापुंलिंग----प्रतिकार, पलटा।----
बदसूरतविशेषण----भद्दी सूरत वाला, कुरूप।----
बधाईस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---मंगल अवसर का गाना-बजाना ;मुबारकबाद।---
बधिरविशेषण----बहरा।----
बनजारापुंलिंग----वह व्यक्ति जो बैलों पर अन्न लादकर बेचने के लिए एक देश से दूसरे देश को जाता है।----
बनानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी वस्तु को तैयार या प्रस्तुत करना ;बातचीत में किसी की प्रशंसा करते हुए उसे ऐसी स्थिति में लाना कि वह आत्म-प्रंशसा करता-करता औरों की दृष्टि में उपहासास्पद और मूर्ख सिद्ध हो।---
बनावटीविशेषणविशेषण---जिसमें तथ्य या वास्तविकता कुछ भी न हो, ऊपरी या बाहरी ;वास्तविकता के अनुकरण पर बनाया हुआ, कृत्रिम, नकली।---
बनियापुंलिंगपुंलिंग---व्यापार करने वाला व्यक्ति या वैश्य ;आटा, दाल, नमक, मिर्च आदि बेचने वाला दुकानदार।---
बरसनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---वर्षा होना, गिरना ;किसी चीज का बहुत अधिक मात्रा, मान, संख्या में लगातार गिरना।---
बरसातस्त्रीलिंग----बारिश, वर्षा-ऋतु।----
बरसीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---किसी के मरने के बाद हर वर्ष पड़ने वाली तिथि ;मृत का वार्षिक श्राद्ध।---
बरातीपुंलिंग----किसी की बरात में सम्मिलित होने वाला या होने वाले व्यक्ति।----
बराबरविशेषणविशेषणक्रिया विशेषण--जो तुलना के विचार से एकसा हो, समान;(तल) जो ऊँचा-नीचा या खुरदरा न हो सम।लगातार, निरन्तर।--
बर्फस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---हिम (स्नो) ;बहुत अधिक ठंडक के कारण जमा हुआ पानी जो ठोस हो जाता है और आघात लगने पर टुकड़े-टुकड़े हो जाता है (आइस)।---
बर्बरविशेषण----जंगली, असभ्य।----
बलपुंलिंगपुंलिंग---ज़ोर, शक्ति, ताकत ;कपड़ो आदि पर पड़ने वाली सिलवट, शिकन।---
बलवान्विशेषण----शक्तिशाली, ताकतवर।----
बलात्कारपुंलिंगपुंलिंग---बलात् या बलपूर्वक कोई काम करना ;किसी लड़की अथवा स्त्री के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध बलपूर्वक किया जाने वाला यौनाचार।---
बलिदानपुंलिंगपुंलिंग---देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उनके उद्देश्य से किसी पशु का किया जाने वाला वध, बलि ;किसी उद्देश्य या बात के लिए अपने प्राण तक दे देना, कुर्बानी।---
बल्किअव्यय----ऐसा नहीं, इसके स्थान पर आदि का आशय सूचित करने वाला अव्यय, प्रत्युत, वरन्।----
बवंडरपुंलिंग----आँधी, तूफान।----
बहकानासकारात्मक क्रिया----चकमा या भुलावा देना।----
बहनाअकारात्मक क्रिया----द्रव पदार्थ का धारा के रूप में किसी नीचे तल की ओर प्रवाहित होना।----
बहराविशेषण, पुलिंग----जिसे सुनाई न पड़ता हो, वधिर।----
बहलानासकारात्मक क्रिया----किसी को प्रसन्न या शांत करना।----
बहसस्त्रीलिंग----तर्क, युक्ति आदि के द्वारा होने वाला खंडन-मंडन, विवाद।----
बहादुरविशेषण----वीर, शूर-वीर, सूरमा।----
बहानापुंलिंग----तथ्य को छिपाने के लिए चालाकी की बात करना।----
बहारस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---फूलों के खिलने का मौसम, वसंत ऋतु;सौंदर्य आदि के फलस्वरूप होने वाली रमणीयता या शोभा।---
बहिर्मुखविशेषणविशेषण---जिसका मुँह बाहर की ओर हो ;जो बाहर की ओर उन्मुख या प्रवृत्त हो।---
बहिष्कारपुंलिंगपुंलिंग---जाति, समुदाय आदि से बाहर निकालाना;देश-विदेश के माल का सामूहिक व्यवहार-त्याग (बायकॉट)।---
बही-खातापुंलिंग----हिसाब-किताब लिखने की पुस्तक।----
बहुतविशेषणक्रिया विशेषण---परिमाण, मात्रा आदि में आवश्यकता से अधिक।अधिक परिमाण या मात्रा में, ज्यादा।---
बहुभाषीपुंलिंगपुंलिंग---बहुत भाषाएँ जानने बोलने वाला ;बहुत बोलने वाला, बकवादी।---
बहुमूल्यविशेषणविशेषण---जिसक मूल्य बहुत हो ;जो गुण, महत्त्व की दृष्टि से अति प्रशंसनीय या उपयोगी हो।---
बहुरूपियापुंलिंग----अनेक प्रकार के रूप धारण करने वाला।----
बहूस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---नव विवाहिता स्त्री ;पत्नी, जोरु।---
बांगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---भोर के समय में मुरगे के बोलने का स्वर ;मसजिद में आकर नमाज पढ़ने के लिए बुलाने के लिए मुल्ला द्वारा की जाने वाली उच्च स्वर में पुकार।---
बांझविशेषण, स्त्रीलिंग----वह स्त्री जो संतान उत्पन्न न कर सके।----
बांटनासकारात्मक क्रिया----किसी चीज को कई भागों में विभ़क्त करना या वितरित करना, वितरण।----
बांधपुंलिंग----वह वास्तु-रचना जो किसी नदी की धारा को रोकने अथवा किसी ओर प्रवृत्त करने के लिए बनाई गई हो (डैम)।----
बांधनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---डोरी, रस्सी आदि कसकर किसी चीज के चारों ओर लपेटना ;कागज, कपड़े आदि से किसी चीज को इस प्रकार लपेटना कि वह बाहर न निकले (पैक)।---
बांसुरीस्त्रीलिंग----मुरली या वंशी।----
बाकीविशेषणस्त्रीलिंग---जो व्यय या क्षय होने के बाद बच रहा हो।गणित में बड़ी संख्या में से छोटी संख्या घटाने पर निकलने वाला फल।---
बागडोरस्त्रीलिंग----लगाम।----
बाज़ारपुंलिंग----वह स्थान जहाँ अनेक चीजों की बिक्री के लिए पास-पास दुकानें होती हैं।----
बाजीगरपुंलिंग----जादू के खेल दिखाने वाला, जादूगर।----
बाटस्त्रीलिंगपुंलिंग---राह, रास्ता, मार्ग ;पत्थर, लोहे आदि का वह टुकड़ा जो चीजें तौलने के काम आता है (वेट्स)---
बाढ़स्त्रीलिंग----नदी-नाले की वह स्थिति जब उसका पानी किनारों से बाहर बहकर आस-पास के मकान, झोंपड़ों आदि को बहाने लगता है।----
बाणपुंलिंग----इस प्रकार का नुकीला अस्त्र जो कमान या धनुष पर वढ़ाकर चलाया जाता है, तीर।----
बातचीतस्त्रीलिंग----वार्तालाप।----
बादअव्यय----पश्चात्, अनंतर, पीछे।----
बादलपुंलिंग----मेघ।----
बादशाहपुंलिंग----बड़े साम्राज्य का शासक, सम्राट।----
बाधकपुंलिंगपुंलिंग---बाधा के रूप में होने वाला ;विघ्न या अड़चन डालने वाला।---
बाधास्त्रीलिंग----रोक, रुकावट, अड़चन।----
बापपुंलिंग----पिता या जनक।----
बायांविशेषण----'दायां' का उल्टा, (लैफ्ट)।----
बारूदस्त्रीलिंग----गंधक, शोरे, कोयले आदि का वह मिश्रण जो विस्फोटक होता है और तोपें, बंदूकें आदि चलाने के काम आता है।----
बारे मेंअव्यय----(किसी के) प्रसंग, विषय या संबंध में।----
बालपुंलिंगपुंलिंग---वह जो अभी जवान न हुआ हो, बालक, बच्चा ;जीव-जन्तुओं के शरीर में त्वचा से ऊपर निकले हुए वे सूक्ष्मतंतु जो रोयों से मोटे होते हैं और बढ़ते रहते हैं, सिर के बाल, केश।---
बालीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---कानों में पहनने का एक वृत्ताकार आभूषण ;अनाज की हरी नन्हीं बाल, सिट्टा।---
बालूपुंलिंग, स्त्रीलिंग----पत्थरों का चूर्ण जो रेगिस्तानों में या नदियों के तटों पर अत्यधिक मात्रा में पड़ा रहता है, रेत।----
बावलाविशेषण, पुंलिंग----विक्षिप्त, पागल, दीवाना।----
बासीविशेषण----जो एक या अधिक दिन पहले बना या पका हो, 'ताजा' का विपर्याय।----
बाहरक्रिया विशेषण----किसी क्षेत्र, घेरे, विस्तार आदि की सीमा से परे, 'अंदर' और 'भीतर' का विपर्याय।----
बिंदीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---गोलाकार टीका जो प्राय: विवाहित स्त्रियाँ माथे पर लगाती हैं ;शून्य का सूचक चिह्न (सिफर)।---
बिंबपुंलिंगपुंलिंग---किसी आकृति की वह झलक जो किसी पारदर्शक पदार्थ में दिखाई पड़ती है, परछाहीं।प्रतिमूर्त्ति।---
बिखरनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---किसी चीज के कपड़ों, रेशों, इकाइयों आदि का अधिक क्षेत्र में फैल जाना ;अलग-अलग या दूर-दूर होना।---
बिखेरनासकारात्मक क्रिया----वस्तुओं को बिना किसी सिलसिले के फैलाकर रखना या डालना।----
बिगाड़नासकारात्मक क्रिया----ऐसी क्रिया करना जिससे किसी काम, चीज या बात में किसी तरह की खराबी आ जाए, खराब करना।----
बिछानासकारात्मक क्रिया----दूर तक फैलाना या बिखेरना।----
बिछुड़नासकारात्मक क्रिया----अलग होना।----
बिछौनापुंलिंग----बिछावन, बिस्तर।----
बिजलीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---आकाश में सहसा उत्पन्न होने वाला वह प्रकाश जो बादलों की रगड़ के कारण उत्पन्न होता है (लाइटिनिंग) ;घर्षण, ताप और रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होने वाली एक शक्ति जिससे ताप और प्रकाश उत्पन्न होता है (इलेक्ट्रिसिटि)।---
बिजलीघरपुंलिंग----वह स्थान जहाँ रासायनिक प्रक्रियाओं, जल-प्रपातों आदि से बिजली उत्पन्न करके कलकारखानों आदि चलाने और घरों के प्रकाशं आदि करने के लिए जगह-जगह तार की सहायता से पहुँचाई जाती है (पावर-हाउस)।----
बिनाअव्ययअव्यय---बगैर ;अतिरिक्त, सिवा।---
बिनौलापुंलिंग----कपास का बीज।----
बिरादरीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---विशेषत: किसी एक ही जाति या वर्ग के वे सब लोग जो सामाजिक उत्सवों पर एक दूसरे के यहाँ आते-जाते हैं (समाज) ;भाईचारा, बंधुत्व।---
बिलपुंलिंगपुंलिंग---जमीन के अंदर खोद कर बनाया हुआ जीव-जन्तुओं के रहने का स्थान ;किसी को हिसाब चुकता करने के लिए किया जाने वाल वह पुरजा जिसमें प्राप्य मूल्य का पूरा ब्यौरा लिखा रहता है।---
बिलकुलक्रिया विशेषणक्रिया विशेषण---पूरा-पूरा, कुल, सब, जितना हो, उतना सब ;निरा, निपट।---
बिलखनाअकारात्मक क्रिया----रोना, कलपना, विलाप करना।----
बिलोनासकारात्मक क्रिया----किसी तरल पदार्थ में कोई चीज डालकर अच्छी तरह हिलाना, मथना।----
बिस्तरपुंलिंग----बिछावन या बिछौना।----
बीचपुंलिंगअव्यय---किसी वस्तु का वह केन्द्रीय अंश या भाग जहाँ से उसके सभी छोर समान दूरी पर पड़ते हैं, मध्य।दरमियान, अंदर, में।---
बीजपुंलिंग----अन्न आदि का वह कण जो खेत में बोने के काम आता है। (सीड)।----
बीजकपुंलिंगपुंलिंग---सूची, फेहरिस्त;वह सूची जिसमें किसी को भेजे जाने वाले माल का ब्यौरा, दर, मूल्य आदि लिखा रहता है (इन्वॉयस)।---
बीजगणितपुंलिंग----गणित का वह प्रकार जिसमें अक्षरों को अज्ञात संख्याएं मानकर वास्तविक मान या संख्याएं जानी जाती हैं (अलजेबरा)।----
बीननासकारात्मक क्रिया----छोटी-छोटी चीजों को उठाना या चुनना, छाँटना।----
बीमापुंलिंग----किसी प्रकार की विशेषत: आर्थिक हानि पूरी करने की जिम्मेदारी जो कुछ निश्चित धन लेकर उसके बदले में की जाती है (इन्श्योरेन्स)।----
बीमारविशेषण----वह व्यक्ति जो किसी रोग अथवा ज्वर से पीड़ित हो, रोगी।----
बुझानासकारात्मक क्रिया----ऐसी क्रिया करना जिससे आग अथवा किसी जलते हुए पदार्थ का जलना बंद हो जाए।----
बुढ़ापापुंलिंग----बुड्ढ़े होने की अवस्था या भाव, वृद्धावस्था।----
बुद्धिस्त्रीलिंग----विचार या निश्चय करने की शक्ति, अक्ल, समझ।----
बुनकरपुंलिंग----कपड़ा बुनने वाला कारीगर।----
बुननासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---करघे के द्वारा वस्त्र बनाना ;ऊन, तार आदि से स्वेटर, चटाई आदि बनाना।---
बुराविशेषण----ख़राब, दोषयुक्त।----
बुरादापुंलिंग----आरे से लकड़ी चीरने या धातु रेतने पर उसमें से निकलने वाला महीन अंश, चूरा।----
बुलानासकारात्मक क्रिया----किसी को अपनी ओर आने के लिए आवाज देना या पुकारना।----
बूटिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---ऐसी जंगली वनस्पति जिसका उपयोग औषध आदि के रूप में होता है ;छोटे पौधों या फूलों के आकार का कोई अंकन या चित्रण।---
बूढ़ाविशेषण, पुंलिंग----बड़ी आयु का प्राणी, वृद्ध।----
बेईमानविशेषणविशेषण---जिसका ईमान ठीक न हो, अधर्मी;अविश्वसनीय।---
बेगारस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---ऐसा काम जो जबरदस्ती और बिना पारिश्रमिक दिए करवाया जाए ;अनिच्छित रूप से चलता किया जाने वाला काम।---
बेचनासकारात्मक क्रिया----अपनी कोई चीज या संपत्ति किसी से दाम लेकर देना।----
बेचाराविशेषण----नि:सहाय, दीन, गरीब।----
बेलपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--एक प्रसिद्ध वृक्ष जिसका फल पेट के रोग के लिए गुणकारी होता है ;लता ;कपड़े आदि पर टंका जाने वाला फीता।--
बेलबूटापुंलिंग----किसी चीज पर लताओं, पेड़-पौधों आदि के अंकन या चित्र।----
बैठकस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---बैठने का स्थान ;सभासदों का एकत्र होना।---
बैठनाअकारात्मक क्रिया---असीन होना अथवा स्थान-ग्रहण करना।----
बैरपुंलिंग----शत्रुता या बदला लेने की भावना, दुश्मनी।----
बैरापुंलिंग----होटलों आदि में खाना खिलाने वाला सेवक।----
बैलपुंलिंग----गाय का नार जो गाड़ी और हल आदि में जोता जाता है।----
बैलगाड़ीस्त्रीलिंग----बैल द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी।----
बोझपुंलिंग----वजन, भार।----
बोतलस्त्रीलिंग----शीशी।----
बोनासकारात्मक क्रिया----पेड़-पौधे उगाने के लिए जमीन में बीज डालना।----
बोलचालस्त्रीलिंग----वार्तालाप।----
बोलनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---शब्द, ध्वनि, आदि को स्वर में उच्चारित करना ;शब्दों द्वारा कहकर विचार प्रकट करना।---
बौखलानाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---मानसिक संन्तुलन खो बैठना;आबेश या क्रोध में आकर अंड-बंड बकना।---
बौछार (बौछाड़)स्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---बूदों की झड़ी जो हवा के झोंके में तिरछी गिरती हों ;बहुत अधिक संख्या में लगातार किसी वस्तु का बरसना।---
बौद्धिकविशेषण----बुद्धि संबंधी, बुद्धि द्वारा ग्रहण किए जाने के योग्य।----
ब्याजपुंलिंग----वह धन जो ऋण देने अथवा बैंक आदि में जमा करवाने पर मूलधन के ऊपर मिले (इन्टरेस्ट)।----
ब्यौरापुंलिंग----किसी घटना के अन्तर्गत एक-एक बात का उल्लेख या कथन, पूरा वृत्तान्त।----