शब्दव्याकरण-१व्या-२व्या-३व्या-४व्या-५अर्थ-१अर्थ-२अर्थ-३अर्थ-४अर्थ-५
डंकपुंलिंग----बिच्छू, मधुमक्खी आदि में पीछे का जहरीला कांटा।----
डंडापुंलिंग----लकड़ी का मोटा सीधा लंबा टुकड़ा जिसका मुख्य प्रयोग मारने या बांधने के लिए होता है, दंड।----
डकारस्त्रीलिंग----भोजन करने के पश्चात पेट में भरी वायु का कंठ से शब्द के साथ निकल पड़ने का शारीरिक व्यापार।----
डकैतीस्त्रीलिंग----डाका, लूट-मार।----
डगपुंलिंग----कदम।----
डगमगानाअकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---लड़खड़ाना, डिंगना, हिलना;विचलित होना या करना।---
डरनाअकारात्मक क्रिया----भयभीत होना।----
डरपोकविशेषण----कायर, भीरु----
डरानासकारात्मक क्रिया----किसी के मन में डर उत्पन्न करना, धमकाना।----
डरावनाविशेषण----भयानक।----
डसनासकारात्मक क्रिया----किसी जहरीले कीड़े का किसी को इस प्रकार काटना कि उसके शरीर में जहर प्रवेश हो जाए।----
डांटस्त्रीलिंग----किसी को सचेत करने के लिए कड़ी बात कहना।----
डांवाडोलविशेषणविशेषण---जो सहसा किसी आघात से हिलने-डुलने लगे;(व्यक्ति अथवा स्थिति) अनिश्चित।---
डाकस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---पत्रों, बंडलों आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने की सरकारी व्यवस्था;उक्त व्यवस्था द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया जाने वाला पत्र या सामग्री।---
डाकघरपुंलिंग----डाकखाना।----
डाकापुंलिंग----डकैती, लूट-मार।----
डाकूपुंलिंग----डाका डालने वाला।----
डालस्त्रीलिंग----पेड़-पौधे आदि की टहनी या शाखा।----
डालनासकारात्मक क्रिया----किसी आधान या पात्र में कोई चीज कुछ ऊंचाई से गिराना, छोड़ना या रखना।----
डाहस्त्रीलिंग----ईर्ष्या, जलन, कुढ़न।----
डिबियास्त्रीलिंग----किसी वस्तु को रखने का ढक्कनदार बहुत छोटा आधान, बहुत छोटा डिब्बा।----
डिब्बापुंलिंगपुंलिंग---सामान रखने का बड़ा ढक्कनदार आधान जो पीतल, लकड़ी आदि का बना होता है;रेलगाड़ी का एक घटक, माल या सवारी गाड़ी का डिब्बा।---
डींगस्त्रीलिंग----अपने बल, योग्यता या साहस के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बात करना, शेखी।----
डुबानासकारात्मक क्रिया----ऐसा काम करना जिससे कोई चीज डूब जाए।----
डेढ़विशेषण----मान, मात्रा, संख्या आदि की किसी एक इकाई और उसकी आधी इकाई के योग का सूचक विशेषण।----
डेरापुंलिंग----पैदल यात्रा आदि के समय अस्थायी रूप से बीच में ठहरने का स्थान, पड़ाव।----
डोंगीस्त्रीलिंग----एक प्रकार की छोटी खुली नाव।----
डोरस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---सूत आदि का बटा हुआ पतला मजबूत धागा;पतंग आदि उड़ाने के लिए वह धागा जिस पर मांझा लगा होता है।---
डोलपुंलिंग----कुएं से पानी खींचने का बरतन;----
डोलीस्त्रीलिंग----पालकी की तरह की एक प्रसिद्ध चौकोर छाई हुई सवारी जिसे दो कहार कंधे पर उठाकर चलते हैं और जिस पर प्राय: वधू बैठकर पहले-पहल ससुराल जाती है।----
ड्योढ़ीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---किसी भवन या मकान के मुख्य प्रवेश द्वार के आसपास की भूमि या स्थान;घर के मुख्य द्वार के अंदर का वह भाग जिसमें से होकर घर के कमरों, आंगन आदि में जाया जाता है।---
ढंगपुंलिंग----कोई काम करने की रीति।----
ढकनासकारात्मक क्रियापुंलिंग---किसी पर आवरण डालना ताकि वह दिखाई न पड़े।वह चीज या रचना जिससे कोई चीज ढकी जाती है, ढक्कन।---
ढकेलनासकारात्मक क्रिया----धक्का देकर आगे बढ़ाना।----
ढकोसलापुंलिंग----स्वार्थ-सिद्धि के लिए अपनाया हुआ झूठा रूप, दिखावा।----
ढक्कनपुंलिंग----ढकना।----
ढलाईस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---ढालने की क्रिया या भाव;पिघली हुई धातु को सांचे में ढालकर बरतन, मूर्त्तियां आदि बनाने की क्रिया, भाव और मजदूरी।---
ढलानस्त्रीलिंग----कोई ऐसा भूखंड जो चपटा और समतल न हो, बल्कि तिरछा हो जिसमें नीचे की ओर ढाल हो।----
ढांचापुंलिंगपुंलिंग---कोई वस्तु या रचना बनाते समय उसके विभिन्न मुख्य अंगों को जोड़ या वांध कर खड़ा किया हुआ आरंभिक रूप (फ्रेम);ठठरी या पंजर।---
ढाईविशेषण----(इकाई या मान) जिसमें पूरे दो के साथ आधा और मिला हुआ हो।----
ढाढ़सपुंलिंग----तसल्ली, सांत्वना, धीरज।----
ढाबापुंलिंग----वह स्थान जहां पकी हुई कच्ची रसोई बिकती या दाम लेकर लोगों को खिलाई जाती है।----
ढालस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---चमड़े, धातु आदि का बना हुआ वह गोलाकार उपकरण जिसे युद्ध क्षेत्र में सैनिक लोग तलवार, भाले आदि का वार रोकने के लिए अपने बाएं हाथ में रखते थे;किसी भूखंड का ऐसा तल जो क्षितिज के समतल न हो बल्कि तिरछा या नीचे की ओर झुका हो, ढलान।---
ढिंढोरा (ढंढोरा)पुंलिंगपुंलिंग---वह डुग्गी या ढोल जिसे बजा कर किसी बात की सार्वजनिक घोषणा की जाती है;उक्त प्रकार से की हुई घोषणा।---
ढीठविशेषणविशेषण---जो जल्दी किसी से डरता न हो और जो भय या संकट के समय भी अपने हठ पर अड़ा रहता हो, धृष्ट;जो प्राय: ऐसे अवसरों पर भी संकोच न करता हो जहां बड़ों की मान-मर्यादा का ध्यान रखना आवश्यक हो।---
ढीलाविशेषणविशेषणविशेषण--शिथिल;जिसमें उचित कसाव-खिंचाव या तनाव का अभाव हो;जो नाप में आवश्यकता से अधिक गहरा, लंबा या चौड़ा हो।--
ढुलाईस्त्रीलिंग----ढोने की क्रिया, भाव या मजदूरी।----
ढूंढनासकारात्मक क्रिया----कोई छिपी या इधर-उधर पड़ी हुई वस्तु या आंख से ओझल व्यक्ति का पता लगाना, खोजना।----
ढेरपुंलिंग----एक स्थान पर विशेषत: एक दूसरे पर रखी हुई बहुत सी वस्तुओं का ऊंचा समूह।----
ढेलापुंलिंग----मिट्टी या पत्थर का कड़ा टुकड़ा।----
ढोंगीविशेषण----झूठा आडंबर खड़ा करने वाला धोखेबाज, पाखंडी।----
ढोनासकारात्मक क्रिया----पीठ या सिर पर रखकर कोई भारी चीज एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना।----