शब्दव्याकरण-१व्या-२व्या-३व्या-४व्या-५अर्थ-१अर्थ-२अर्थ-३अर्थ-४अर्थ-५
जंगपुंलिंगपुंलिंग---युद्ध;वायु और नमी के प्रभाव से उत्पन्न होकर लोहे पर जमने वाला मैला या विकृत अंश।---
जंगलपुंलिंगपुंलिंग---वन;निर्जन स्थान।---
जंगलापुंलिंग----बरामदे, छज्जे आदि के किनारे-किनारे की गई रचना जिसमें लोहे या लकड़ी की छड़ें या जाली लगी हो।----
जंजीरस्त्रीलिंग----धातु की बहुत-सी कड़ियों को एक दूसरे में पहनाकर बनाई जाने वाली लड़ी, सांकल, श्रृंखला।----
जंतुपुंलिंग----प्राणी, जीव।----
जकड़नासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---कोई चीज इस प्रकार कसकर पकड़ना या बांधना कि वह हिलडुल न सकें।शीत आदि के कोप से शरीर का ऐंठना या तन जाना, अकड़ना।---
जगत्पुंलिंग----संसार, विश्व।----
जगतपुंलिंग----कुएं के चारों ओर बना हुआ चबूतरा जिस पर खड़े होकर पानी खींचा जाता है।----
जगमगानाअकारात्मक क्रिया----अपने या दूसरे के प्रकाश से चमकने लगना।----
जटिलविशेषण----कठिन, पेचीदा।----
जड़-----जिसमें जीवन अथवा चेतना न हो, निर्जीव, अचेतन;पेड़-पौधों आदि का नीचे वाला मूल भाग जो जमीन के अंदर हो।---
जनगणनास्त्रीलिंग----किसी देश या राज्य के निवासियों की गिनती।----
जनजातिस्त्रीलिंग----जंगलों, पहाड़ों आदि पर रहने वाली पिछड़ी जाति जो साधारणत: एक ही पूर्वज की वंशज हो और जिसका प्राय: एक ही पेशा, रहन-सहन और विचार आदि हो।----
जनतंत्रपुंलिंग----ऐसी शासन प्रणाली जिसमें देश या राज्य का शासन जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा होता हो।----
जनतास्त्रीलिंग----किसी देश या राज्य में रहने वाले व्यक्तियों की संज्ञा, जनसाधारण, प्रजा।----
जनेऊपुंलिंगपुंलिंग---हिंन्दुओं में बालकों का यज्ञोपवीत नामक संस्कार जिसमें सूत की तिहरी माला पहनाई जाती है;यज्ञोपवीत, ब्रह्मसूत्र।---
जन्मकुंडलीस्त्रीलिंग----वह चक्र जिसमें जन्मकाल के ग्रहों की स्थिति बताई गई हो।----
जन्म-दिनपुंलिंग----वह दिन जब किसी ने जन्म लिया हो।----
जन्म भूमिस्त्रीलिंग----वह देश, राज्य या स्थान जहां किसी का जन्म हुआ हो।----
जपनासकारात्मक क्रिया----फल-प्राप्ति के लिए किसी शब्द, पद, वाक्य आदि को श्रद्धापूर्वक मन ही मन बार-बार कहना।----
जबरदस्तविशेषण----प्रबल अथवा स्वभाव से कड़ा (व्यक्ति)।----
जमाविशेषणस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग-बचाकर या जोड़कर रखा हुआ।मूलधन, पूंजी;जोड़ (गणित) ;खाते या बही का वह भाग या कोष्ठक जिसमें प्राप्त हुए धन का ब्योरा दिया जाता है।-
ज़मानतस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---वह जिम्मेदारी जो न्यायलय द्वारा इस रूप में दी जाती है कि यदि कोई व्यक्ति विशेष समय पर कोई काम नहीं करेगा तो उसका दंड या हरजाना भरा जाएगा (बेल) ;वह धन जो कोई जिम्मेदारी लेते समय किसी अधिकारी के पास जमा किया जाता है (सिक्योरिटि)।---
जमानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी तरल पदार्थ को शीत अथवा अन्य किसी प्रक्रिया से ठोस बनाना;एक वस्तु को दूसरी वस्तु पर दृढ़तापूर्वक स्थित करना या बैठाना।---
ज़मानापुंलिंग----काल, समय।----
जमींदारपुंलिंग----जमीन का मालिक, भूमि का स्वामी।----
जम्हाईस्त्रीलिंग----एक शारीरिक व्यापार जिसमें, मनुष्य गहरा सांस लेने के लिए पूरा मुंह खोलता है (यानिंग)।----
जयंतीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---जन्मतिथि पर मनाया जाने वाला उत्सव;किसी महत्वपूर्ण कार्य के आरंभ होने की वार्षिक तिथि पर होने वाला उत्सव।---
जय-मालास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---विजेता को पहनाई जाने वाली माला;विवाह के समय फूलों आदि की वह माला जो कन्या अपने भावी पति के गले में डालती है।---
जरीस्त्रीलिंग----सोने के वे तार जिनसे कपड़ों पर बेल-बूटे आदि बनाए जाते हैं।----
जरूरक्रिया विशेषण----अवश्य।----
जर्जरविशेषणविशेषण---(वस्तु) कमजोर, बेकाम;खंडित, टूटा-फूटा, जीर्ण।---
जलचरपुंलिंग----जल में रहने वाले जीव जंतु।----
जलनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--आग का संयोग होने पर किसी वस्तु से लपट, प्रकाश, ताप या धुआं आदि निकलने की स्थिति;उक्त प्रकार के संयोग से विकृत होना, झुलसना या भस्म होना;ईष्या, द्वेष आदि से कुढ़ना, संतप्त होना।--
जलपानपुंलिंग----कलेवा, नाश्ता।----
जलप्रपातपुंलिंग----ऊंचाई से गिरने वाला, जल-प्रवाह, झरना (वाटर फाल)।----
जलयानपुंलिंग----वह यान या सवारी जो जल में चलती हो।----
जलवायुपुंलिंग----किसी प्रदेश की प्राकृतिक या वातावरणिक स्थिति जिसका विशेष प्रभाव जीवों, जंतुओं वनस्पतियों आदि की उपज, विकास तथा स्वास्थ्य पर पड़ता है (क्लाइमेट)।----
जलसापुंलिंग----उत्सव, समारोह, अधिवेशन, बैठक।----
जलाशयपुंलिंग----तालाब, झील।----
जलूस (जुलूस)पुंलिंग----गलियों, बाजारों, सड़कों आदि पर प्रचार, प्रदर्शन आदि के लिए निकलने वाला लोगों का समूह।----
जल्दीस्त्रीलिंग----शीघ्रता, तेजी, उतावलापन।----
जहांक्रिया विशेषण----जिस जगह, जिस स्थान पर।----
जहाजपुंलिंग----जलयान।----
जांचस्त्रीलिंग----छान-बीन, परख, तहकीकात।----
जांचनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी प्रक्रिया, प्रयोग आदि के द्वारा किसी वस्तु की प्रामाणिकता, शुद्धता आदि का पता लगाना;किसी बात, सिद्धान्त आदि की उपयुक्तता, सत्यता का पता लगाना।---
जागरणपुंलिंगपुंलिंग---जागते रहने की अवस्था या भाव;किसी उत्सव, पर्व आदि के उपलक्ष में रात को जागते रहने का भाव।---
जाड़ापुंलिंगपुंलिंग---सरदी, शीत;शीतकाल।---
जातिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---जात, संप्रदाय, नस्ल;पदार्थो या जीव-जन्तुओं की आकृति, गुण, धर्म आदि की समानता के विचार से किया हुआ विभाग, वर्ग।---
जादूपुंलिंगपुंलिंग---बुद्धि के कौशल और हाथ की सफाई से दिखाया जाने वाला कोई खेल जिसका रहस्य न समझने के कारण उसे अलौकिक कृत्य समझा जाए (मैजिक);किसी वस्तु का वह गुण या शक्ति जिसके कारण उस वस्तु की ओर लोग बरबस आकृष्ट हो जाते हैं, वशीकरण।---
जादूगरपुंलिंगपुंलिंग---जादू के खेल दिखाने वाला व्यक्ति;आश्चर्यजनक रीति से विलक्षण कार्य करने वाला।---
जानकारीस्त्रीलिंग----जानकार होने की अवस्था, गुण या भाव, परिचय।----
जाननासकारात्मक क्रिया----किसी बात, वस्तु, विषय आदि के संबंध की वस्तुस्थिति से अवगत होना।----
जानाअकारात्मक क्रिया----एक स्थान से चलकर अथवा और किसी प्रकार की गति में होकर दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए आगे या उसकी ओर बढ़ना, गमन या प्रस्थान करना।----
जालपुंलिंगपुंलिंग---धागे, सुतली आदि की बुनी हुई वह छेदों वाली रचना जो चिड़िया, मछलियां आदि फंसाने के काम आती है;फंसाने की युक्ति या फंदा।---
जालसाजपुंलिंग----धोखाधड़ी करने वाला, धूर्त्त।----
जाला-----मकड़ी द्वारा बुना हुआ जाला;आंख का एक रोग जिसमें पुतली पर झिल्ली-सी आ जाती है।---
जालीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगविशेषण--कोई ऐसी रचना जिसमें प्राय: नियत और नियमित रूप से छेद या कटाव हो;एक प्रकार का कपड़ा जिसमें बहुत छोटे-छोटे छेद होते हैं।धोखा देने के लिए बनाया गया, झूठा, नकली या बनावटी।--
जासूसपुंलिंग----वह व्यक्ति, जो गुप्त रूप से अपराधियों, प्रतिपक्षियों आदि का भेद लेता हो। गुप्तचर, भेदिया।----
जासूसीस्त्रीलिंगविशेषण---जासूस का काम, पद या विद्या।जासूस संबंधी।---
जिज्ञासास्त्रीलिंग----जानने की इच्छा।----
जितनाक्रिया विशेषण----जिस मात्रा या परिमाण में।----
जिम्मेदारपुंलिंग----वह जिस पर किसी कार्य, वस्तु अथवा और किसी बात की जावाबदेही हो।----
जिलापुंलिंग----किसी राज्य का वह छोटा विभाग जो किसी एक प्रधान अधिकारी की देख-देख में हो और जिसमें कई तहसीलें हो (डिस्ट्रिक्ट)।----
जीतनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---युद्ध, मुकदमा, खेल आदि में विपक्षी के विरुद्ध सफल होना;दमन करना, वश में करना।---
जीनासकारात्मक क्रिया----जीवित रहना, जीवन के दिन बिताना।----
ज़ीनापुंलिंग----सीढ़ी।----
जीवपुंलिंगपुंलिंग---जीवधारी, प्राणी;प्राणियों में रहने वाला चेतन तत्व, जीवात्मा।---
जीव-विज्ञानपुंलिंग----वह विज्ञान जिसमें जीव जन्तुओं, वनस्पतियों आदि की उत्पत्ति, विकास, शारीरिक रचना तथा उनके रहन-सहन के संबंध में विचार किया जाता है (बायॅलाजी)।----
जीवाणुपुंलिंग----सेन्द्रिय जीवों का वह मूल और बहुत सूक्ष्म रूप जो विकसित होकर नये जीव का रूप धारण करता है।----
जुआ (जूआ)पुंलिंगपुंलिंग---गाड़ी, हल आदि के आगे की वह लकड़ी जो जोते जाने वाले पशुओं के कंधों पर रखी जाती है (योक);धन आदि की बाजी लगाकर खेला जाने वाला खेल (गैंबलिंग)।---
जुआरीपुंलिंग----जिसे जुआ खेलने का व्यसन हो।----
जुटनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---चीजों, व्यक्तियों आदि का इकट्ठा होना;किसी काम में जी लगाकर योग देना।---
जुड़नाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---संबंध होना;इकट्ठा होना।---
जुड़वांविशेषणविशेषण---जिनका जन्म एक साथ हुआ हो;(कोई ऐसे दो या अधिक पदार्थ) जो आपस में एक साथ जुड़े, लगे या सटे हों।---
जुताई (जोताई)स्त्रीलिंग----जुतने या जोते जाने की क्रिया, भाव या मजदूरी।----
जुरमाना (जुर्माना)पुंलिंग----किसी अपराध, दोष या भूल के दंड स्वरूप ली जाने वाली धनराशि, अर्थ दंड।----
जूझनाअकारात्मक क्रिया----शारीरिक बल लगाते हुए प्रयत्न करना, संघर्ष करना, लड़ना।----
जूड़ापुंलिंग----सिर के बालों को लपेट कर बनाया हुआ आकार-विशेष।----
जेबपुंलिंग----कुरते, कमीज़ आदि में रुपए-पैसे आदि रखने के लिए बनी हुई थैली (पाकेट)।----
जेबकतरापुंलिंग----दूसरों के जेब के रुपए-पैसे उड़ाने वाला।----
जेलपुंलिंग----कारा, कारागार।----
जैसाविशेषणविशेषण---जिस आकार-प्रकार या रूप रंग का, जिस तरह का;समान, सदृश।---
जोंकस्त्रीलिंग----पानी में रहने वाला एक कीड़ा जो अन्य जीवों के शरीर से चिपक कर उनका रक्त चूसता है।----
जोसर्वनामविशेषण---एक संबंधवाचक सर्वनाम जिसका प्रयोग पहले कही हुई किसी बात अथवा पहले आई हुई संज्ञा, सर्वनाम या पद के संबंध में कुछ और कहने से पहले किया जाता है।किसी अज्ञात या अनिश्चित बात का सूचक।---
जोखिमस्त्रीलिंग----हानि, अनिष्ट, घाटे की संभावना, खतरा।----
जोड़नासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--दो वस्तुओं या टुकड़ों को एक दूसरे के साथ चिपकाना, सीना, मिलाना आदि;अपनी ओर से कुछ मिलाना;गणित में संख्याओं का योग करना।--
जोड़ापुंलिंगपुंलिंग---एक सी या एक साथ काम में आने वाली दो वस्तुएँ;एक ही प्रकार के जीवों का नर-मादा का युग्म।---
जोतनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---कोई चीज घुमाने या चलाने के लिए उसके आगे कोई पशु बांधना;खेत को बोये जाने के योग्य बनाने के लिए उसमें हल चलाना।---
जोरदारपुंलिंगपुंलिंग---(व्यक्ति) जिसमें ज़ोर अर्थात् बल हो;(बात) जो तत्वपूर्ण और प्रभावशाली हो।---
जोर-शोरपुंलिंग----किसी काम को पूरा करने के लिए लगाया जाने वाला जोर और दिलाया जाने वाला उत्साह तथा प्रयास।----
जोशपुंलिंगपुंलिंग---आंच या गरमी के कारण द्रव-पदार्थ में आने वाला उफान, उबाल;आवेश, मनोवेग, उत्साह।---
जौहरीपुंलिंग----हीरा, लाल आदि बहुमूल्य रत्न परखने और बेचने वाला व्यापारी।----
ज्ञानपुंलिंग----जानकारी, बोध।----
ज्ञापनपुंलिंग----कोई बात किसी को जतलाने, बतलाने या सूचित करने का भाव, क्रिया या पात्र।----
ज्यादाविशेषण----अधिक, अतिरिक्त, बहुत।----
ज्योतिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---प्रकाश, उजाला;लपट, लौ।---
ज्योतिषपुंलिंग----ग्रह, नक्षत्रों की गति, स्थिति आदि से उत्पन्न प्रभावों का विचार करने वाला शास्त्र।----
ज्वरपुंलिंग----शरीर की वह गर्मी जो अस्वस्थता प्रकट करे, ताप, बुखार (फीवर)।----
ज्वारभाटापुंलिंग----चंद्रमा और सूर्य के आकर्षण से समुद्र की जलराशि का चढ़ाव और उतार।----
ज्वालास्त्रीलिंग----आग की लपट या लौ, अग्निशिखा----
ज्वालामुखीपुंलिंग----वे पर्वत जिनकी चोटी में से धुआं, राख तथा पिघले या जले हुए पदार्थ बराबर अथवा समय-समय पर निकलते रहते हैं (वालकैनो)।----
झंकारस्त्रीलिंग----धातु के किसी पात्र अथवा तार पर आधात होने से निकलने वाला झनाहट का शब्द।----
झंडापुंलिंग----पताका, निशान।----
झगड़ापुंलिंग----दो पक्षों में होने वाली कहासुनी या विवाद, लड़ाई।----
झगड़ालूविशेषण----जो प्राय: दूसरों से झगड़ा करता हो।----
झटकनासकारात्मक क्रिया----किसी चीज को एकाएक जोर से हिलाना, झटका देना।----
झटकापुंलिंग----हलका धक्का, झोंका, आधात।----
झटपटअव्यय----अति शीघ्र, तुरंत ही, एकदम।----
झड़पस्त्रीलिंग----दो जीवों या प्राणियों में कुछ समय के लिए होने वाली ऐसी छोटी लड़ाई जिसमें वे एक-दूसरे पर रह-रह कर झपटते हों।----
झड़ीस्त्रीलिंग----कुछ समय तक लगातार होने वाली वर्षा।----
झपकीस्त्रीलिंग----हलकी नींद, थोड़ी देर की नींद।----
झपटनाअकारात्मक क्रिया----किसी चीज को लेने, पकड़ने अथवा उस पर आक्रमण करने के लिए तेजी से लपकना।----
झरनापुंलिंगपुंलिंगअकारात्मक क्रिया--ऊंचे स्थान से नीचे गिरने वाला जल-प्रवाह, प्रपात;चश्मा, सोता।ऊंचे स्थान से पानी या किसी चीज का लगातार नीचे गिरना।--
झरोखापुंलिंग----दीवार में बनी हुई जालीदार छोटी खिड़की, गवाक्ष।----
झलकस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---चमक, दमक, आभा;आकृठति का आभास या प्रतिबिंब।---
झांकीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---किसी पूज्य या प्रिय वस्तु, घटना या व्यक्ति का सुखद अवलोकन, दर्शन;सजीव दृश्य, नाटकीय दृश्य, मनोहर दृश्य।---
झागपुंलिंग----किसी तरल पदार्थ के फेंटने या बिलौने से निकलने वाला फेन।----
झाड़नासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---फटकार कर धूल-गर्द साफ करना, बुहारना;फटकारना।---
झाड़ीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---छोटा झाड़ या पौधा;कंटीले पौधों या झाड़ों का समूह।---
झाडूपुंलिंग----लंबी सींकों अथवा ताड़ या खजूर के पत्तों आदि का वह मुट्ठा जिससे कूड़ा-करकट, धूल आदि साफ की जाती है।----
झिझकस्त्रीलिंग----किसी काम को करने मे होने वाला संकोच, हिचक।----
झिड़कनासकारात्मक क्रिया----अवज्ञा या तिरस्कारपूर्वक बिगड़ कर कोई बात कहना।----
झीलस्त्रीलिंग----लंबा-चौड़ा प्राकृतिक जलाशय (लेक)।----
झुंझलानाअकारात्मक क्रिया----झल्लाना, खिझलाना, चिड़चिड़ाना।----
झुंझलाहटस्त्रीलिंग----झुंझलाने की अवस्था, क्रिया या भाव, झल्लाहट।----
झुंडपुंलिंगपुंलिंग---पशु-पक्षियों आदि का समूह;व्यक्तियों या जीवों का समूह।---
झुकनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---टेढ़ा होना, मुड़ना;आदर, लज्जा अथवा बोझ, भार आदि के कारण नमित होना।---
झुग्गीस्त्रीलिंग----झोंपड़ी या कुटी।----
झुठलानासकारात्मक क्रिया----किसी को झूठा ठहराना, सिद्ध करना या बहकाना।----
झुर्रीस्त्रीलिंग----त्वचा पर पड़ने वाली शिकन।----
झूठपुंलिंग----असत्य, मिथ्या।----
झूमनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---बार-बार आगे पीछे इधर उधर झुकते या हिलते-डुलते रहना, हलकी गति में झोंके खाना;नशे, नींद, प्रसन्नता या मस्ती में शरीर को धीरे-धीरे हिलाना।---
झूलनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---किसी लटकी हुई चीज का बार-बार आगे-पीछे होना।झूले पर बैठ कर पेंग लेना।---
झूलापुंलिंग----पेड़ की डाल, छत या किसी अन्य ऊंचे स्थान से बांधकर लटकाई हुई जंजीरें या रस्सियां जिनपर तख्ता आदि लगा कर झूलते हैं (स्विंग)।----
झेंपस्त्रीलिंग----लज्जा, संकोच, शर्म।----
झेंपनाअकारात्मक क्रिया----लज्जित होना, शर्माना।----
झेलनासकारात्मक क्रिया----अपने ऊपर लेना, सहना।----
झोंकनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी वस्तु को आग में फेंकना;वेग से किसी चीज को डालना या फेंकना।---
झोंकापुंलिंगपुंलिंग---थोड़े समय के लिए सहसा वेगपूर्वक चलने वाली वायुलहरी;थोड़े समय के लिए सहसा आने वाली नींद।---
झोंपड़ीस्त्रीलिंग----घास-फूस से छाया हुआ छोटा, कच्चा घर, झुग्गी।----
झोलापुंलिंग----चीजें रखने की कपड़े की थैली या थैला।----