शब्दव्याकरण-१व्या-२व्या-३व्या-४व्या-५अर्थ-१अर्थ-२अर्थ-३अर्थ-४अर्थ-५
खंडपुंलिंगपुंलिंग---किसी टूटी या फूटी हुई वस्तु का कोई अंश, टुकड़ा;किसी संपूर्ण वस्तु का कोई विशिष्ट भाग या विभाग।---
खंडहरपुंलिंग----वह स्थान जिस पर बनी हुई इमारत या भवन खंड-खंड होकर गिरा पड़ा हो, गिरे या टूटे हुए मकान का बचा हुआ अंश, भग्नावशेष।----
खंभापुंलिंग----ईंट, पत्थर, लकड़ी, लोहे आदि की बनी हुई गोल या चौकोर रचना जिस पर छत, या कोई भारी चीज टिकी रहती है।----
खगोलपुंलिंग----आकाश मंडल।----
खटकनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---दो वस्तुओं के परस्पर टकराने से शब्द उत्पन्न होना;किसी बात का मन में भली न जान पड़ने के कारण कुछ कष्टदायक जान पड़ना, खलना।---
खटाईस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---खट्टे होने की अवस्था, गुण या भाव;कोई खट्टी वस्तु।---
खट्टाविशेषण----जिसमें खटाई हो, आम, इमली आदि के से स्वाद वाला।----
खड़ाविशेषण----जो धरातल से सीधा ऊपर की ओर उठा हुआ हो।----
खड़ाऊँस्त्रीलिंग----काठ की बनी हुई एक प्रकार की पादुका जिसमें आगे की ओर पैर का अंगूठा और उंगली फंसाने के खूंटी लगी रहती है।----
खतरनाकविशेषण----जो खतरे से भरा हो या खतरे का कारण बन सकता हो, जोखिम-भरा।----
खतरापुंलिंग----अनिष्ट, संकट आदि की आशंका या संभावना से युक्त स्थिति।----
खनिजविशेषणपुंलिंग---खान से खोद कर निकाला हुआ।खनिज पदार्थ।---
खपतस्त्रीलिंग----खपने या खपाने की क्रिया या भाव, माल की कटती या बिक्री।----
खराविशेषणविशेषण---जिसमें किसी प्रकार की खोट या मैल न हो, विशुद्ध;लेन-देन व्यवहार आदि में ईमानदार, सच्चा और शुद्ध हृदय वाला।---
खरादपुंलिंग----एक प्रकार का यंत्र जो लकड़ी अथवा धातु की बनी हुई वस्तुओं को छीलकर उन्हें सुडौल तथा चिकना बनाता है या विशेष आकार देता है।----
खरीदस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---मोल लेने की क्रिया या भाव, क्रय;वह जो खरीदा जाय।---
खरीदनासकारात्मक क्रिया----मोल लेना, क्रय करना।----
खरोंचस्त्रीलिंग----नख अथवा अन्य किसी नुकीली वस्तु से छिलने के कारण पड़ा हुआ दाग या चिह्न, खराश।----
खर्च (खरच)पुंलिंगपुंलिंग---धन, वस्तु, शक्ति आदि का होने वाला उपभोग, व्यय;वह धन-राशि जो किसी वस्तु को खरीदने या बनाने के लिए अथवा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यय की जाती है।---
खलनाअवयय----अनुचित, अप्रिय या कष्टदायक प्रतीत होना, अखरना, खटकना।----
खलियानपुंलिंगपुंलिंग---वह समतल भूमि या मैदान जहाँ फसल काट कर रखी, मांडी तथा बरसाई जाती है;अव्यवस्थित रूप से लगाया हुआ ढेर।---
खलीस्त्रीलिंग----तिलहन का वह अंश जो उसे पेर-कर तेल निकालने के बाद बच रहता है जिसे गाय-भैसों को भूसे में मिलाकर खिलाया जाता है।----
खस्ताविशेषणविशेषण---भुरभुरा, बहुत थोड़ी दाब से टूट जाने वाला, मुलायम तथा कुरकुरा;टूटा-फूटा, भग्न, दुर्दशा ग्रस्त।---
खांसनाअकारात्मक क्रिया----गले में रुका हुआ कफ़ या और कोई अटकी हुई चीज निकालने या केवल शब्द करने के लिए झटके से वायु कंठ के बाहर निकालना, खांसी आने या होने का-सा शब्द करना।----
खाईस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---दुर्ग के चारो ओर खोदी हुई नहर;युद्ध क्षेत्र में छिप कर गोली चलाने के लिए खोदे जाने वाले गड्ढे (ट्रेंच)।---
खाकीविशेषण----खाक अर्थात मिट्टी के रंग का, भूरा।----
खाटस्त्रीलिंग----चारपाई।----
खादस्त्रीलिंग----सड़ाया हुआ गोबर, पत्ते आदि जो खेत को उपजाऊ बनाने के लिए उनमें डाले जाते हैं (मैन्योर)।----
खादीस्त्रीलिंग----हाथ से कते सूत का हाथ करघे पर बना कपड़ा, खद्दर।----
खाद्यविशेषणपुंलिंगपुंलिंग--जो खाए जाने के लिए हो अथवा खाये जाने के योग्य हो, भक्ष्य, भोज्य।खाए जाने वाले पदार्थ;भोजन।--
खाद्यान्नपुंलिंग----वे अन्न जो खाने के काम आते हों।----
खानस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---वह स्थान जहां से धातु, पत्थर आदि खोद कर निकाले जाते हैं;वह स्थान जहां कोई वस्तु अधिकता से होती या पाई जाती है।---
खानासकारात्मक क्रियापुंलिंगपुंलिंग--पेट भरने के लिए मुंह में कोई खाद्य वस्तु रखकर उसे चबाना और निगल जाना, भोजन करना।भोजन;दीवार, आलमारी, मेज आदि में बना हुआ वह अंश या विभाग जिसमें वस्तुएं आदि रखी जाती हैं।--
खाराविशेषण----जिसमें क्षार का अंश या गुण हो, जो स्वाद में नमकीन हो।----
खालस्त्रीलिंग----पशुओं आदि के शरीर पर से खींच कर उतारी हुई त्वचा जिस पर बाल या रोएं होते है, चमड़ी।----
खालीविशेषणविशेषणविशेषण--जिसके अंदर कोई चीज न हो, रीता;रोजगार-रहित;जो उपयोग में न आ रहा हो।--
खासविशेषणविशेषण---विशेष, विशिष्ट;किसी के पक्ष में व्यक्तिगत रूप से होने वाला, निज का।---
खिड़कीस्त्रीलिंग----घर, गाड़ी, जहाज आदि की दीवारों में बना हुआ वह बड़ा झरोखा जिसमें से धूप और रोशनी अंदर जाती है और जिसमें से झांक कर बाहर का दृश्य देखा जाता है (विंडो)।----
खिन्नविशेषणविशेषण---उदास, विकल;अप्रसन्न, अंसतुष्ट।---
खिलखिलानाअकारात्मक क्रिया----बहुत प्रसन्न होने पर जोर से हंसना----
खिलनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--कली या फूल का पंखुडियां खोलना;कोई सुखद कार्य या बात होने पर आनंदित या प्रसन्न होना;सुन्दर लगना, फबना।--
खिलाड़ीपुंलिंग----वह जो खेल खेलता हो।----
खिलानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--किसी को कोई चीज खाने में प्रवृत्त करना, भोजन कराना;खेल खिलाना;दुलारना।--
खिलौनापुंलिंगपुंलिंग---बच्चों के खेलने के लिए बनाई हुई धातु, मिट्टी आदि की आकृति, चीज या सामग्री;किसी के मन बहलाने का साधन या सामग्री।---
खिसकनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--बैठे-बैठे किसी ओर बढ़ना या हटना, सरकना;किसी वस्तु का अपने स्थान से कुछ हट जाना;चुपके से उठ कर चल देना।--
खींचनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--किसी वस्तु को बलपूर्वक अपनी ओर लाना या अपने साथ लेते हुए आगे बढ़ना;किसी वस्तु या स्थान में स्थित कोई दूसरी वस्तु बलपूर्वक बाहर निकालना;किसी वस्तु का तत्व, सार या सुगंध निकालना।--
खुजलीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---शरीर के किसी अंग में रक्त का संचार रुक जाने के कारण होने वाली सुरसुरी;एक चर्म रोग जिसमें शरीर पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं और बहुत अधिक खुजलाहट होती है, खाज।---
खुजानासकारात्मक क्रिया----शरीर के किसी अंग में खुजली होने पर उस स्थान को नाखूनों अथवा उंगलियों से बार-बार मलना या रगड़ना।----
खुदरापुंलिंगपुंलिंगविशेषण--किसी पूरी चीज के छोटे-छोटे अंश, खंड या टुकड़े, फुटकर;वस्तुओं की बिक्री का वह प्रकार जिसमें वे इकट्ठी या थोक नहीं बल्कि एक-एक करके या थोड़ी-थोड़ी बेची जाती हैं।थोड़ा-थोड़ा करके बिकने वाला।--
खुरपुंलिंग----कुछ पशुओं के पैरों का अगला सिरा जो प्राय: गोल तथा बीच में से फटा हुआ होता है, टाप, सुम।----
खुरचनासकारात्मक क्रिया----किसी नुकीली वस्तु को किसी दूसरी वस्तु पर इस प्रकार रगड़ना कि वह कुछ छिल जाए।----
खुराकस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--खाद्य पदार्थ, भोजन, आहार;भोजन की उतनी मात्रा जितनी एक बार अथवा एक दिन में खाई जाय;किसी दवाई की उतनी मात्रा जितनी एक बार में लेनी उचित या उपयुक्त हो।--
खुशविशेषण----प्रसन्न, संतुष्ट----
खुश किस्मतविशेषण----अच्छे भाग्यवाला, सौभाग्यशाली, भाग्यवान।----
खुशखबरीस्त्रीलिंग----प्रसन्न करने वाला समाचार, शुभ समाचार----
खुश्कविशेषणविशेषणविशेषण--जो तर न हो, सूखा;जो चिकना हो, चिकनाई-रहित;जिसमें कोमलता या रसिकता न हो।--
खूनपुंलिंगपुंलिंग---रक्त, रुधिर, लहू;हत्या।---
खूबविशेषणक्रिया विशेषण---सब प्रकार से अच्छा और उत्तम, बढ़िया।अच्छी तरह से, भली भांति।---
खूबसूरतविशेषण----जो देखने में बहुत अच्छा लगता हो, सुन्दर।----
खेतपुंलिंग----वह भू-खंड जो फसल उपजाने के लिए जोता-बोया जाता है।----
खेतिहरपुंलिंग----जमीन को जोत-बोकर उसमें फसल उपजाने वाला व्यक्ति, किसान, कृषक।----
खेतीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---खेत को जोतने-बोने तथा फसल उपजाने की कला तथा काम;खेत में बोई हुई फसल।---
खेदपुंलिंग----कोई अपेक्षित काम न करने अथवा कोई काम या बात ठीक तरह से न होने पर मन में होने वाला दु:ख, अप्रसन्नता, रंज।----
खेनासकारात्मक क्रिया----डांडों की सहायता से नाव को चलाना।----
खेलपुंलिंगपुंलिंग---समय बिताने तथा मन बहलाने के लिए किया जाने वाला कोई काम, क्रीडा;बहुत साधारण या तुच्छ काम।---
खेल-कूदस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---खेल, क्रीडा;(बच्चों की) उछलकूद, आमोद-प्रमोद, कलोल।---
खेलनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---मन बहलाने के लिए शारीरिक क्रियांए करना या व्यायाम करना;खेलवाड़ (खिलवाड़) समझकर और परिणाम का ध्यान छोड़कर कोई काम करना।---
खैरातस्त्रीलिंग----दान के रूप में दिया जाने वाला धन या पदार्थ, दान।----
खोखलाविशेषणविशेषण---जिसके भीतर कुछ न हो, भीतर से रिक्त;निस्सार, थोथा।---
खोजस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---कोई नई बात, तथ्य आदि का पता लगाने का काम, शोध, अनुसंधान;किसी खोई या छिपी हुई वस्तु को ढूंढने की क्रिया।---
खोजनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी खोई या छिपी हुई वस्तु के पता लगाने का प्रयत्न करना, ढूंढना;अनुसंधान या शोध करना।---
खोटस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--दूसरों को ठगने के लिए सोने में मिलाया हुआ तांबा;दोष;किसी कार्य या व्यक्ति के प्रति मन में होने वाली बुरी भावना।--
खोटाविशेषणविशेषण---मिलावटी;नकली, झूठा, बनाबटी।---
खोदनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--कुदाल आदि से जमीन पर आधात करके गड्ढा बनाना;उक्त क्रिया द्वारा दबी पड़ी हुई वस्तु बाहर निकालना;नक्काशी करना।--
खोनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---किसी वस्तु को भूल से कहीं छोड़ देना;असावधानी, दुर्घटना, मृत्यु आदि के कारण क्षति से ग्रस्त होना।---
खोलपुंलिंगपुंलिंग---किसी चीज का ऊपरी आवरण;विशिष्ट प्रकार के कीडे-मकोड़ों का प्राकृतिक आवरण।---
खोलनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--अनावृत करना, आवरण हटाना;किसी बंधी हुई वस्तु को मुक्त करना;मोड़ी या तह की हुई वस्तु को फैलाना।--
खौलनासकारात्मक क्रिया----तरल पदार्थ को इतना अधिक गरम करना कि उसमें उबाल आने लगे, उबालना।----
ख्यातिस्त्रीलिंग----यश, प्रसिद्धि, कीर्त्ति।----
गंजाविशेषण, पुंलिंग----जिसके सिर के बाल झड़ गए हों (बॉल्ड)।----
गंदाविशेषणविशेषण---अपवित्र, दूषित, बुरा;धूल, मिट्टी आदि से युक्त, मैला।---
गंधस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---कुछ विशिष्ट पदार्थों से सूक्ष्म कणों का वायु के साथ मिलकर होने वाला प्रसार जिसका अनुभव नाक से होता है, बास, दुर्गधं;सुगंधित द्रव्य।---
गंभीरविशेषणविशेषणविशेषण--गहरा;जटिल, गूढ;शांत, धीर।--
गंवानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---खोना;नष्ट करना।---
गंवारविशेषण, पुंलिंगविशेषण, पुंलिंग---असभ्य, अशिष्ट;मूर्ख, अनाड़ी।---
गगनपुंलिंग----आकाश, आसमान।----
गजपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--हाथी;लंबाई की एक माप जो सोलह गिरह या छत्तीस इंच के बराबर होती है, माप उपकरण;उक्त माप का उपकरण।--
गजरापुंलिंग----फूलों की घनी गुंथी हुई माला।----
गड़बड़पुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--ऐसी अवस्था जिसमें क्रम, व्यवस्था आदि का अभाव हो;असावधानी, भूल आदि से कुछ का कुछ कर देने की क्रिया या भाव;उत्पाद, उपद्रव।--
गढ़पुंलिंगपुंलिंग---किला, दुर्ग;केन्द्र, मुख्य स्थान, अड्डा।---
गढ़नासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---कोई नई चीज बनाने के लिए किसी स्थूल पदार्थ को काट, छील ढाल कर तैयार या दुरुस्त करना;कोई कल्पित बात बनाना या कोई बात नमक-मिर्च लगाकर सुन्दर रूप में प्रस्तुत करना।---
गणपुंलिंग----समूह, झुंड, वर्ग।----
गणतंत्रपुंलिंग----वह राज्य या राष्ट्र जिसकी सत्ता जनसाधारण (विशेषत: मतदाताओं या निर्वाचकों) में निहित होती है।----
गणनास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---गिनती करने की क्रिया या भाव;गिनती, संख्या।---
गणितपुंलिंग----वह शास्त्र जिसमें परिमाण, मात्रा, संख्या आदि निश्चित करने की रीतिओं का विवेचन होता है, हिसाब (मैथेमेटिक्स़)।----
गतिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--चाल, रफ्तार;हरकत, चेष्टा, हिलना-डुलना;दशा, अवस्था, हालत, स्थिति।--
गतिरोधपुंलिंगपुंलिंग---चलते हुए काम का रुक जाना;झगड़े या बातचीत के समय की ऐसी स्थिति जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़ जाते हैं और समझौते का कोई रास्ता दिखाई नही देता (डैड लॉक)।---
गतिविधिस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--कार्य-कलाप;चेष्टा, हरकत;आचरण-व्यवहार करने या रहने-सहने का रंग-ढंग।--
गदरानाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---फलों आदि का पकने पर आना;जवानी में शरीर के अंगों का भरना और सुडौल होना।---
गद्दापुंलिंग----बिछाने की मोटी रूई दार भारी तोशक।----
ग़बनपुंलिंग----अमानत की रकम खा जाना (ऐम्बैज़लमेंट)----
गमलापुंलिंग----नांद के आकार का एक प्रकार का मिट्टी, धातु या लकड़ी का पात्र जिसमें फूलों आदि के पौधे लगाए जाते हैं।----
गरजनाअकारात्मक क्रिया----गंभीर तथा घोर शब्द करना, जोर से कड़क कर बोलना।----
गरम (गर्म)विशेषणविशेषण---साधारण से अधिक तापमान वाला, उष्ण;उग्र, उत्कट, आवेश प्रधान।---
गरिष्ठविशेषणविशेषण---बहुत भारी;(खाद्य पदार्थ) जो बहुत कठिनता से या देर में पचता हो।---
गरीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---नारियल के अंदर का वह सफेद मुलायम गूदा जो खाया जाता है;किसी बड़े बीच के अंदर का मुलायम गूदा, गिरी।---
गरीबविशेषण, पुंलिंगविशेषण, पुंलिंगविशेषण, पुंलिंग--निर्धन, दरिद्र;दीन और नम्र;निरुपाय, बेचारा।--
गर्वपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--अपने को दूसरों से बढ़कर समझने का भाव, अभिमान, घमंड;अपनी शक्ति, समर्थता आदि की दृष्टि से मन में होने वाली अयुक्तिपूर्ण अहंभावना;अपने किसी श्रेष्ठ कार्य, बात, वस्तु और व्यक्ति आदि के संबंध में होने वाली न्यायोचित अहंभावना।--
गलतविशेषणविशेषणविशेषण--जो सही या ठीक न हो, अशुद्धमिथ्या, असत्य।अनुचित।--
गलतीस्त्रीलिंग----भूल, अशुद्धि, त्रुटि।----
गलानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--किसी ठोस वस्तु को तरल बनाना, पिघलाना;किसी कड़ी चीज या कच्चे अन्न आदि को उबाल कर नरम करना;घुलाना--
गलीस्त्रीलिंग----सड़क से कम-चौड़ा, संकरा रास्ता जिसके दोनों ओर मकानो की कतार हो।----
गवाहपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--ऐसा व्यक्ति जिसने कोई घटना स्वयं देखी हो अथवा जिसे किसी घटना, तथ्य, बात आदि की ठीक और पूरी जानकारी हो, साक्षी;न्यायालय में तथ्य का सत्यापन या समर्थन करने वाला, साक्षी;दो पक्षों में होने वाले लेन देन, व्यवहार, समझौते आदि के लेख पर हस्ताक्षर करने वाला। (विटनेस, उक्त तीनों अर्थों में)।--
गहनविशेषणविशेषणविशेषण--गहरा;दुर्लभ, दुरूह, कठिन;घना, निविड़।--
गहनापुंलिंग----आभूषण, जेवर।----
गहराविशेषणविशेषणविशेषण--जिसका तल चारों ओर के स्तर से नीचे की ओर अधिक दूरी तक हो;जिसकी थाह बहुत नीचे हो, 'उथला' का विपर्याय;(व्यक्ति या विषय) गूढ, गहन, गंभीर।--
गांवपुंलिंग----बहुत छोटी बस्ती, खेड़ा, ग्राम।----
गाड़नासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---गड्ढे में रखकर मिट्टी से ढकना, दफनाना;धरती या दीवार आदि में धंसाना।---
गाढ़ाविशेषणविशेषणविशेषण--जो पतला न हो;(रंग आदि) जो अधिक गहरा हो;दृढ़, पक्का, घनिष्ठ।--
गानासकारात्मक क्रियापुंलिंग---लय, ताल के साथ पदों का उच्चारण करना।गाई जाने वाली चीज या रचना, गीत।---
गायकपुंलिंग----गाने वाला, गवैया।----
गाहक (ग्रहक)पुंलिंग----खरीदने वाला, खरीददार।----
गिनतीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग--गिनने की क्रिया या भाव, गणना;संख्या;एक से सौ तक की अंक माला।--
गिननासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---संख्या सूचक अंको का नियमित क्रम से उच्चारण करना, गिनती करना;गणना करना।---
गिरजापुंलिंग----ईसाइयों का प्रार्थना-मंदिर।----
गिरफ्तारविशेषण----जो किसी अपराध के कारण पुलिस अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया हो।----
गिरवीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---बंधक, रेहन;बंधक रखी हुई चीज।---
गिरानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--नीचे डालना, फेंकना;ढहाना, जमीन पर लुढ़का देना;किसी वस्तु या रचना को तोड़-फोड कर उसका नाश या ध्वंस करना।--
गिरोहपुंलिंग----एक साथ काम करने वाले व्यक्तियों का समूह, गुट या झुंड।----
गीतपुंलिंग----छोटी पद्यात्मक रचना जो गाए जाने के लिए बनी हो, गाना।----
गीतकारपुंलिंग----गीत लिखने वाला।----
गुंडाविशेषण, पुंलिंग---बुरे चाल-चलने वाला, बदमाश।----
गुंडागर्दीस्त्रीलिंग----गुंडो का सा आचरण या व्यवहार, बदमाशी।----
गुंबदपुंलिंग----वास्तु रचना में वह शिखर जो गोले के आकार का और अंदर पोला होता है, गुंबज।----
गुच्छापुंलिंग----एक ही प्रकार की बहुत-सी वस्तुओं का समूह जो एक साथ गुंथा या उपजा हो।----
गुजरनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया---किसी स्थान से होते हुए आगे बढ़ना;व्यतीत होना, बीतना।---
गुटपुंलिंग----टोली, गिरोह, छोटा दल।----
गुणपुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--महत्वपूर्ण विशेषता जिसके कारण एक वस्तु दूसरी से अलग मानी जाती है;किसी वस्तु का लाभदायक तत्व, प्रभाव;प्रशंसनीय बात।--
गुणवानविशेषण----गुणशाली, गुणी, गुणों से युक्त।----
गुणापुंलिंग----गणित में जोड़ने की एक संक्षिप्त रीति जिसमें कोई संख्या कई बार जोड़ने की बजाय एक बार में ही उतनी गुनी बढ़ाई जा सकती है (मल्टीप्लिकेशन)।----
गुदगुदानासकारात्मक क्रिया----किसी के कोमल या मांसल अंगों को इस तरह खुजलाना या सहलाना कि वह हंसने लगे।----
गुदगुदीस्त्रीलिंग----गुदगुदाने की क्रिया या भाव।----
गुनगुनाविशेषण----हल्का गरम।----
गुनगुनानासकारात्मक क्रिया----धीमे स्वर में अस्पष्ट शब्दोच्चारण करते हुए गाना।----
गुप्तचरपुंलिंग----जासूस, भेदिया।----
गुफास्त्रीलिंग----जमीन अथवा पहाड़ के अंदर का गहरा तथा अंधेरा गड्ढा, कंदरा।----
गुब्बारापुंलिंग----बच्चों के खेलने की रबड़ की थैली जिसमें हवा, गैस भरी जाती है (बैलून)।----
गुमनामविशेषणविशेषण---अप्रसिद्ध;बिना नाम का, जिसमें किसी का नाम न लिखा हो, अनाम।---
गुरुविशेषणविशेषणपुंलिंग--भारी;कठिन, मुश्किल।विद्या देने वाला, शिक्षक।--
गुरुकुलपुंलिंगपुंलिंग---गुरु का वास स्थान जहाँ रह कर शिष्य विद्याध्ययन करते हों;प्राचीन पद्धति पर स्थापित विद्यापीठ।---
गुर्रानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---कुत्ते बिल्ली आदि का क्रोध में मुंह बंद करके भारी आवाज निकालना;क्रोध में कर्कश स्वर से बोलना।---
गुलामपुंलिंगपुंलिंग---मोल लिया हुआ नौकर, दास;ताश का एक पत्ता जिस पर गुलाम की आकृति होती है।---
गुलालपुंलिंग----एक प्रकार का रंगदार चूर्ण जिसे होली के दिनों में एक-दूसरे पर डालते या मलते है।----
गुल्लक (गोलक)स्त्रीलिंग----वह थैली या संदूक जिसमें धन संग्रह किया जाता है।----
गूंगाविशेषण----जो बोल न सके, मूक।----
गूंजस्त्रीलिंग----टकरा कर लौटने वाली आवाज, प्रतिध्वनि।----
गूंजनाअकारात्मक क्रिया----आवाज का टकराकर लौटना, किसी ध्वनि से किसी स्थान का व्याप्त होना, ध्वनि का देर तक सुनाई देते रहना।----
गूंधनासकारात्मक क्रिया----किसी प्रकार के चूर्ण में थो थोडा पानी अथवा कोई तरल पदार्थ मिला कर तथा हाथ से मलते हुए उसे गाढ़े अवलेह के रूप में लाना, मांडना, सानना।----
गूढविशेषणविशेषण---छिपा हुआ, गुप्त;समझने में कठिन, दुरूह।---
गूथना-----धागो या बालों को समेट कर सुंदरतापूर्वक बांधना;पिरोना।---
गूदापुंलिंगपुंलिंग---फल आदि के अंदर का कोमल और गुदगुदा सार भाग;किसी चीज को कूट कर तैयार किया हुआ उसका गीला पिंड या रूप (पल्प)।---
गृहयुद्धपुंलिंग----किसी एक ही राष्ट्र के विभिन्न प्रदेशों के निवासियों या राजनीतिक दलों का आपस में होने वाला युद्ध (सिविल वार)।----
गृहस्थीस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---घर-बार और बाल-बच्चे;घर का सब सामान, माल-असबाब।---
गृहिणीस्त्रीलिंग----घर की मालकिन, पत्नी।----
गेरूपुंलिंग----एक प्रसिद्ध खनिज, लाल मिट्टी जो रंगने और दवा के काम आती है।----
गोलेन्द्रपुंलिंग----गोलेन्द्र

[सं. पु.]

जिसका लक्ष्य इंद्र के समान हो।

(दरअसल 'गोलेन्द्र' शब्द हिंदी का शब्द नहीं है। यह हंग्रेजी का शब्द है। यह अंग्रेजी के 'गोल (Goal)' और हिंदी के 'इंद्र' शब्द से बना है। इसमें संस्कृत के संज्ञा सूत्र 'अदेङ् गुणः' और विधि सूत्र 'आद्गुणः' का नियम है। अर्थात् इसमें गुण संधि है।)

1.गोलेन्द्र=गोल+इन्द्र;

2.गोलेन्द्र=गोला+इन्द्र।

'इन्द्र' के साथ-साथ 'गोल' और 'गोला' भी हिन्दी के तत्सम(संस्कृत) शब्द हैं। ये तीनो ही शब्द अनेकार्थक हैं। 'इन्द्र' का अर्थ 'स्वामी' और 'गोल' का अर्थ 'अंतरिक्ष' लेने पर 'गोल+इन्द्र' (गोलेन्द्र)का अर्थ होगा 'अन्तरिक्ष का स्वामी'। 'गोला' का अर्थ 'दुर्गा'( देवी पार्वती)लेने पर 'गोला+इन्द्र' (गोलेन्द्र)का अर्थ होगा 'महादेव शङ्कर'। || - || - || गोलेन्द्र एक किसान कवि हैं। || -

गोंदपुंलिंग----कछ विशिष्ट पौधों तथा वृक्षों से निकलने वाला चिपचिपा लसीला, तरल निर्यास जिसे पानी में घोल कर कागज आदि चिपकाए जाते है तथा जिसे औषधि के रूप में भी प्रयुक्त किया जाता है।----
गोतापुंलिंग----शरीर को जल में इस प्रकार डुबाना जिससे शरीर का कोई अंग बाहर न रह जाए, डुबकी।----
गोदस्त्रीलिंग----बैठे हुए व्यक्ति का सामाने कमर और घुटनों के बीच का भाग जिसमें बच्चों आदि को लिया जाता है, अंक।----
गोदामपुंलिंग----वह बड़ा स्थान जहां तिजारती माल जमा करके रखा जाता है।----
गोधूलिस्त्रीलिंग----सायंकाल का वह समय जब जंगल से चरकर लौटती हुई गौओं के खुरों से धूल उड़ती है और शुभ कार्यों के लिए अच्छा मुहूर्त्त माना जाता है।----
गोपनीयविशेषण----छिपाने लायक, जिसे दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए।----
गोबरपुंलिंग----गाय का मल जो लीपने और पोतने के काम आता है तथा जिसे सुखा कर जलाने के काम में लाते है, भैंस का मल।----
गोराविशेषण----श्वेत वर्ण वाला (व्यक्ति), गौर।----
गोलविशेषणपुंलिंग---मण्डलाकार या वृताकार।फुटबाल आदि खेलों का गोल।---
गोलीस्त्रीलिंग----शीशा, लोहा या अन्य किसी पदार्थ का छोटा गोलाकार पिंड।----
गोष्ठीस्त्रीलिंग----कुछ व्यक्तियों का इकट्ठे होकर किसी विषय पर चर्चा करना।----
गौनापुंलिंग----विवाह के बाद की एक रस्म जिसमें वर वधू को पहले-पहल अपने साथ अपने घर ले जाता है।----
गौरवपुंलिंगपुंलिंग---आदर, प्रतिष्ठा, मान-मर्यादा;बड़प्पन, महत्व।---
ग्रंथपुंलिंगपुंलिंग---किताब, पुस्तक;धार्मिक या साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कोई बड़ी पुस्तक।---
ग्रस्तविशेषणविशेषण---ग्रसा हुआ, पकड़ा हुआ;पीड़ित।---
ग्रहपुंलिंगपुंलिंग---आकाशस्थ पिंड जो सौर जगत का अंग हो और सूर्य की परिक्रमा करता हो;पकड़ने या वश में करने की क्रिया या भाव।---
ग्रामपुंलिंग----छोटी बस्ती, गांव।----
ग्रामीणविशेषणविशेषण---ग्राम-संबंधी;गांव का।---
ग्वालापुंलिंग----अहीर, गोप।----
घंटापुंलिंगपुंलिंगपुंलिंग--दिन-रात का चौबीसवां भाग जो 60 मिनट का होता है;पूजा में या समय की सूचना देने वाला घड़ियाल;कोई काम करने की निश्चित अवधि (पीरियड)।--
घंटीस्त्रीलिंग----छोटा उपकरण जिससे ध्वनि उत्पन्न की जा सकती हो, जैसे साइकिल या मेज पर की घंटी।----
घटनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--घटित होना;ऐसी बातें या काम आदि जो हो चुका हो;कम होना।--
घटानासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--कम करना;शेष निकालना;गणित में किसी एक राशि में से कोई दूसरी राशि निकालना।--
घटियाविशेषण----जो गुण, कर्म आदि की दृष्टि से औरों की तुलना में हीन हो।----
घड़ापुंलिंग----धातु, मिट्टी आदि का बना एक गोलाकार पात्र जो प्राय: पानी भरने के काम आता है, गागर, मटका।----
घनघोरविशेषणविशेषण---बहुत अधिक, घना;भीषण, विकट।---
घनाविशेषणविशेषणविशेषण--जिसके अव्यव या अंश आसपास सटे हों;गहरा;बहुत अधिक, अतिशय।--
घनिष्ठविशेषण----जिसके साथ बहुत अधिक मित्रता या संबंध हो।----
घबरानाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--व्याकुल होना;हिचकना;सकपकाना (आश्चर्य आदि से)।--
घमंडीविशेषण----जिसे घमंड हो, अभिमानी।----
घरपुंलिंग----मकान, गृह।----
घरेलूविशेषणविशेषण---घर-संबंधी;पालतू।---
घसियारापुंलिंग----घास छील कर बेचने वाला।----
घसीटनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया--किसी वस्तु को इस प्रकार खींचना कि वह जमीन से रगड़ खाती हुई आए;जल्दी-जल्दी तथा अस्पष्ट लिखना;किसी को किसी काम में जबरदस्ती शामिल करना।--
घाटपुंलिंग----नदी, झील आदि के तट पर वह स्थान जहाँ लोग नहाते-धोते और नावों पर चढ़ते-उतरते हैं।----
घाटापुंलिंग----नुकसान, हानि, क्षति।----
घाटीस्त्रीलिंग----पर्वतीय प्रदेशों के बीच का मैदान या संकरा मार्ग।----
घातकविशेषणविशेषण---मार देने वाला;हानिकार।---
घायलविशेषण----जख्मी, आहत।----
घासस्त्रीलिंग----छोटी हरी वनस्पति जिसे चौपाए खाते हैं (ग्रास)।----
घिसनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--किसी वस्तु को किसी वस्तु पर इस प्रकार रगड़ना कि वह छीजने लगे;किसी बरतन आदि पर जमी हुई मैल छुड़ाने के लिए उस पर कोई चीज़ रगड़ना, मांजना।रगड़ से कटना या छीजना।--
घुंघरालाविशेषण----जिसमें छल्ले की तरह कई बल पड़े हों (कर्ली)।----
घुंघरूपुंलिंग----चांदी, पीतल आदि का गोल पोला दाना जिसके अंदर कंकड़ी रहती है और जिसके हिलने से ध्वनि होती है। प्राय: नृत्य के समय इन्हें पैरों में पहना जाता है।----
घुटनस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---दम घुटने की सी अवस्था या भाव;ऐसी अवस्था जिसमें कर्त्तव्य न सूझने पर मन में बहुत घबराहट होती है।---
घुसनाअकारात्मक क्रिया----बलपूर्वक धंसना, प्रवेश करना या आगे बढ़ना।----
घुसपैठस्त्रीलिंग----प्रयत्न करके या बलपूर्वक कहीं पहुँचकर अपने लिए स्थान बनाने की क्रिया या भाव (इन्फिल्ट्रेशन)----
घूंघटपुंलिंग----स्त्रियों की चुंदरी, धोती, साड़ी आदि का वह भाग जिसे वे सिर से कुछ नीचे कर अपना अपना मुंह ढंकती हैं।----
घूंटपुंलिंग----तरल पदार्थ की उतनी मात्रा जितनी एक बार मुंह में भर कर गले के नीचे उतारी जाती है।----
घूंसापुंलिंग----बंधी हुई मुट्ठी का वह रूप जिसमें किसी पर प्रहार किया जाता है, मुक्का।----
घूमनाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रियाअकारात्मक क्रिया--चक्कर लगाना;सैर करना;किसी ओर मुड़ना।--
घूरनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---आंखे गड़ाकर देखना;काम या क्रोध से एकटक देखना।---
घूसस्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---रिश्वत;चूहे के वर्ग का एक बड़ा जन्तु जो पृथ्वी के अंदर बिल खोद कर रहता है।---
घूसखोरीस्त्रीलिंग----रिश्वत लेने की क्रिया या भाव।----
घेरनासकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---चारों ओर से रोकना, अवरोध करना;कोई जगह इस प्रकार भरना कि औरों के लिए स्थान न रह जाय;---
घेरापुंलिंगपुंलिंग---लंबाई-चौडाई आदि का सारा विस्तार या फैलाव;इस प्रकार घेर कर खड़े होने की स्थिति जिससे उस स्थान से कोई बाहर न निकल सके।---
घोंसलापुंलिंग----वृक्ष आदि पर तिनके, पत्ते आदि का बना हुआ स्थान जिसमें पक्षी रहते तथा अंडे देते हैं (नेस्ट)।----
घोंटना (घोटना)सकारात्मक क्रियासकारात्मक क्रिया---गले को इस तरह दबाना कि सांस रुक जाए;मुंहजबानी याद रखना, रटना।---
घोलपुंलिंग----किसी तरल पदार्थ में कोई दूसरी (घुलनशील) वस्तु मिलाकर तैयार किया हुआ मिश्रण।----
घोलनासकारात्मक क्रिया----किसी तरल पदार्थ में कोई अन्य घुलनशील वस्तु मिलाना।----
घोषणास्त्रीलिंगस्त्रीलिंग---जन-साधारण को सुनाकर जोर से कही जाने वाली बात;सार्वजनिक रूप से निकाली गई राजाज्ञा।---