विक्षनरी:भौतिकी परिभाषा-कोश-१
- a.c conductivity -- a.c. चालकता
- ऐसी चालकता जो प्रत्यावर्ती विद्युत क्षेत्र के अंतर्गत मापी जाती है ।
- a.c. interruption -- a.c. अंतरायण
- दिष्टकारी के निवेश में धारा का अंतरायण ।
- A.C. motor -- प्रत्यावर्ती धारा मोटर
- प्रत्यावर्ती धारा से चलने वाला मोटर ।
- a.m.u. (atomic mass unit) -- परमाणु संहति मात्रक
- द्रव्यमान का एक मात्रक जिसका उपयोग समस्थानिकों के आपेक्षिक द्रव्यमानों को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है । इसका मान इस प्रकार निर्धारित किया जाता है कि कार्बन समस्थानिक 12C का द्रव्यमान 12.00000 u होता है । इस प्रकार 1u = 1.66043 x 10 -24 g । तुल्य ऊर्जा के पदों में यह मात्रक 931.489 M eVके बराबरहोता है । यहसंहति मात्रक भी कहलाता है ।
- aanalytic function -- वैश्लेषिक फलन
- किसी प्रदेश D पर परिभाषित कोई संमिश्रमान फलन किसी बिंदु पर तब वैश्लेषिक माना जाता है जबकि वह बिंदु के प्रत्येक प्रतिवेश में स्थित किसी भी बिंदु पर अवकलनीय हो । कोई फलन किसी समुच्चय में तब वैश्लेषिक होता है जबकि वह समुच्चय के प्रत्येक बिंदु पर वैश्लेषिक हो । पर्याय - holomorphic function
- abbe refractometer -- ऐबे अपवर्तनांकमापी
- एक अपवर्तनामापी जिसमें अपवर्तनांक ज्ञात करने के लिए दो एकसमान कांच-प्रिज्मों के मध्य स्थित किसी द्रव फिल्म के अंतर्पृष्ठ पर पूर्ण परावर्तन के लिए बनने वाले क्रांतिक कोण (critical angle) का उपयोग किया जाता है । इस युक्ति द्वारा अपवर्तनांक का शीघ्रता से प्रत्यक्ष निर्धारण हो जाता है ।
- Abbe`s refractometer -- ऐबे का अपवर्तनांकमापी
- ऐबे (Abbe) का अपवर्तनांकमापी भी पुलफ्रिश अपवर्तनांक मापी की भाँति क्रांतिक कोण के सिद्धाँत पर ही क्रियान्वित होता है, पर यह उसकी अपेक्षा अधिक सुविधाजनक होता है तथा इसके द्वारा अपवर्तनांक जल्दी मापा जा सकता है । इसके द्वारा 1.3 और 1.7 के बीच के अपवर्तनांक वाले द्रवों का अपवर्तनांक दशमलव के चतुर्थ स्थान तक ठीक-ठीक मापा जा सकता है । इसमें काँच का एक समकोणिक प्रिज्म इस प्रकार रखाजाता है कि उसका कर्ण फलक क्षैतिज रहे । उसी पर ठीक वैसे ही दूसरे प्रिज्म का कर्ण फलक रखा होता है । दोनों के बीच में द्रव की एक बूँद रहती है जो पूरे फलक पर फैल जाती है और वहाँ से वायु को हटा भी देती है। इस प्रिज्म युग्म पर प्रकाश नीचे से डाला जाता है और द्रवपृष्ठ पर वह विभिन्न आपतन कोणों पर पड़ता है। जिन किरणों का आपतन कोण क्रांतिक कोण से छोटा होता है वे तो दूसरे प्रिज्म में प्रवेश कर दूरदर्शी में पहुँच जाती हैं और जिनका आपतन कोण क्रांतिक कोण से बड़ा होता है वे पूर्णतः परावर्तित हो जाती हैं और दूरदर्शी में नहीं पहुँचती। अतः उसका दृष्ट क्षेत्र दीप्त और अदीप्त भागों में एक तीक्ष्ण रेखा द्वारा विभाजित हो जाता है। इस रेखा को दूरदर्शी के क्रासतारों पर समंजित करने से क्रांतिक कोण का नाप हो जाता है। यदि क्रांति का मान i हो तो अपर्वतनांक: µ = 1/sin i
- तारों एवं अन्य खगोलीय पिंडों की आभासी स्थिति में प्रकाश की गति और प्रेक्षक के स्थिति-परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव के फलस्वरूप होने वाला लघु विस्थापन ।
- प्रकाशीय तंत्र में एक प्रकार का प्रतिबिंब-दोष जो प्रकाशीय लेंस या दर्पण द्वारा सभी प्रकाश किरणों का एक ही बिंदु पर फोकस न कर सकने के कारण उत्पन्न होता है।
- कैथोड-किरण-नलिका में लेंस द्वारा इलेक्ट्रॉन-किरणपुंज को परदे के किसी भी स्थान पर एक ही तीक्ष्ण फोकस पर न ला सकने के कारण उत्पन्न होने वाला एक प्रतिबिंब-दोष।
- aberration (optical) -- विपथन
- जब एक बिंदु से निकली हुई प्रकाश किरणें, किसी प्रकाश तंत्र (लेन्स या दर्पण) में से गुजरने के बाद एक ही बिंदु पर फोकस नहीं हो सकतीं अर्थात् भिन्न-भिन्न बिंदुओं पर मिलती हैं तब प्रतिबिंब अस्पष्ट तथा विकृत बनता है। इस प्रकार उत्पन्न दोषों को विपथन कहते हैं। इन दोषों में प्रधान वर्ण विपथन और गोलीय विपथन हैं।
- aberration of light -- प्रकाश का अपेरण
- सर्वप्रथम अंग्रेज ज्योतिविद् जेम्स ब्रैडले (James Bradley, 1693-1762) द्वारा 1727 में देखा गया । पृथ्वी के सूर्य-परिक्रमण वेग का जो प्रभाव प्रकाश की आभासी दिशाओं पर पड़ता है, उससे उत्पन्न किसी तारे का आभासी कोणीय विस्थापन ।
- aberrational constant -- अपेरण-स्थिरांक
- किसी खगोलीय पिंड के अपेरण के परिकलन में प्रयुक्त एक स्थिरांक k जिसका सूत्र निम्नलिखित है:
- k = 2πa cosec 1"/ cT√1-e2 जहाँ a पृथ्वी का अर्ध-दीर्धाक्ष है,
- c प्रकाश का वेग है,
- T माध्य सौर सेकंडों में अभिव्यक्त नाक्षत्र वर्ष है और
- e पृथ्वी की कक्षा की उत्केंद्रता है ।
- यदि किसी पिंज की वास्तविक दिशा θ है तो अपेरणाजन्य विस्थापनk sin θ है ।
- ablative material -- अपक्षरणीय पदार्थ
- राकेटों, मिसाइलों अथवा अंतरिक्षयानों के अग्रभागों में लेपन के लिए प्रयुक्त होने वाले पदार्थ। पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने पर अपक्षरण पदार्थों का वाष्पन, गलन अथवा ऑक्सीकरण हो जाता है, जिससे वे पुर्नप्रवेश के समय उत्पन्न अवांछनीय ऊष्मा के कुछ अंश का अपहरण कर लेते हैं और अंतरिक्ष यान के भीतरी भाग की रक्षा करते हैं। ऐसा करने के लिए मैग्नीशियम ऑक्साइड पर लोहा, निकल और क्रोमियम ऑक्साइड का लेप किया जाता है। साथ ही सिलिसियम रेशों से प्रबलित फीनॉलीय, ऐपॉक्सी फ्यूरान और ट्राइविनिल बेन्जीन का भी उपयोग किया जा सकता है।
- abrasion resistance -- अपघर्षण प्रतिरोध
- किसी पृष्ठ का वह गुणधर्म जिसके कारण वह आसानी से नहीं घिस पाता । इसका कारण पृष्ठ की कठोरता नहीं बल्कि उसकी चर्मलता (toughness) है । रबर के टायर अपघर्षण प्रतिरोध के उत्तम उदाहरण हैं।
- कार्तीय निर्देशांक-पद्धति में किसी बिंदु की ऊर्ध्वाधर अक्ष से मापी गई लांबिक दूरी। यदि बिंदु ऊर्ध्वाधर अक्ष की दाईं ओर होता है तो भुज धनात्मक होता है अन्यथा ऋणात्मक ।
- absolute configuration -- निरपेक्ष विन्यास
- किसी असममित कार्बन परमाणु के चारों ओर स्थित चार विभिन्न समूहों की आकाश में स्थिति, प्रयोगों द्वारा केवल कुछ ही यौगिकों के लिए निर्धारित की गई है। "निरपेक्ष विन्यास" शब्द का प्रयोग केवल उन्हीं उदाहरणों के लिए किया जाता है जहाँ यह स्थिति ज्ञात है यद्यपि संकेतन की किसी भी सर्वमान्य पद्धति का प्रयोग नहीं किया जाता है। स्मरण रहे कि प्रकाशिक समावयों के लिए प्रयुक्त विभिन्न संकेत (d, D; 1, L; +, -) या तो वास्तविक ध्रुवण घूर्णन अथवा किसी मान्य पदार्थ के संदर्भ में विन्यास प्रदर्शित करते हैं जो निरपेक्ष विन्यास नहीं होता है।
- absolute humidity -- निरपेक्ष, आर्द्रता
- वायु के एक घन सेंटीमीटर आयतन में विद्यमान जलवाष्प का द्रव्यमान ।
- absolute magnitude -- निरपेक्ष कांतिमान
- किसी खगोलीय पिंड की वह नैज ज्योति जो उससे 10 पारसेकों की दूरी पर परिलक्षित होती है ।
- absolute maximum -- परम उच्चिष्ठ
- यदि किसी नियत अंतराल में किसी वास्तविक एकचर फलन का एक ही उच्चिष्ठ हो, तो उस मान को अंतराल का "परम उच्चिष्ठ" कहते हैं। उच्चिष्ठों की संख्या एक से अधिक होने पर अधिकतम मान का उच्चिष्ठ अंतराल का परम उच्चिष्ठ होता है।
- absolute minimum -- परम निम्निष्ठ
- यदि किसी नियत अंतराल में किसी एकचर वास्तविक फलन का एक ही निम्निष्ठ है तो उस मान को अंतराल का परम निम्निष्ठ कहते हैं। निम्निष्ठों की संख्या एक से अधिक होने पर लघुतम मान का निम्निष्ठ अंतराल का परम निम्निष्ठ होता है।
- absolute ohm -- निरपेक्ष ओम
- किसी चालक के सिरों का विभवांतर एक निरपेक्ष वोल्ट रखने पर यदि उसमें एक निरपेक्ष ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो तो उसका प्रतिरोध एक निरपेक्ष ओम होता है । सन् 1950 से यह प्रतिरोध का वैध मानक है।
- absolute reaction rate theory -- पूर्ण अभिक्रिया-दर वाद
- यह वाद वस्तुतः विगनर, आइरिंग, पोल्यानी आदि द्वारा प्रतिपादित संघटनवाद का संशोधित रूप है। इसके द्वारा अभिक्रिया-दर-नियतांक को अधिक व्यापक रूप में व्यक्त किया जा सकता है। इस वाद के आधार पर अभिक्रिया दर को सिद्धांततः अभिकारी अणुओं की विमाओं, कंपन-आवृत्तियों, द्रव्यमान आदि मौलिक भौतिक गुणों का प्रयोग कर निर्धारित किया जाता है। इस कारण इसे पूर्ण अभिक्रिया-दर वाद भी कहते हैं।
- absolute scale of temperature -- ताप का परम मापक्रम
- ताप का वह मापक्रम जो ऊष्मा गतिकी के व्यापक नियमों पर आधारित है- किसी द्रव्य विशेष के गुणधर्म पर नहीं। इसमें शून्य लगभग-2730C होता है। इसे केल्विन मापक्रम (Kelvin Scale) भी कहते हैं।
- absolute temperature -- परम ताप
- ताप जो ऊष्मागतिकी के नियमों पर आधारित मापक्रम से नापा जाता है, किसी द्रव्य विशेष के गुणधर्म द्वारा नहीं। इसकी डिग्री सेंटीग्रेड डिग्री के बराबर होती है और इसका शून्य जिसे परम शून्य कहते हैं- 273.160C होता है।
- absolute unit -- निरपेक्ष, मात्रक
- जिसकी परिभाषा में केवल द्रव्यमान,लम्बाई तथा समय के मूल मात्रकों का ही उपयोग किया गया हो और जिसका परिमाण किसी वस्तु या पदार्थ विशेष पर अवलम्बित न हो, जैसे बल का मात्रक न्यूटन। मानक कैंडिल निरपेक्ष मात्रक नहीं है क्योंकि वह विशेष प्रकार की मोमबत्ती पर अवलम्बित है।
- absolute value -- निरपेक्ष मान
- 1. किसी संख्या का वह संख्यात्मक मान जिसमें चिन्ह की अपेक्षा न होती हो। संख्या के दोनों ओर खड़ी रेखाएँ लगाकर इसे दिखाया जाता है, जैसे z के निरपेक्ष मान को ।z। लिखा जाता है ।
- 2. सम्मिश्र संख्या का वह मान जिसमें अधिकल्पित अंश की अपेक्षा न होती हो। जैसे
- a + b1 का निरपेक्ष मान√a2 +√b2है और प्रतीक ।a + b1। है।
- absolute zero -- परम शून्य
- ऊष्मागतिकी के अनुसार निम्नतम सम्भव ताप। गैसों के अणुगति सिद्धांत के अनुसार इस ताप पर गैस के अणुओं का वेग शून्य होता है और आदर्श गैस का आयतन भी शून्य हो जाता है। यह -273.160C के लगभग होता है। किसी वस्तु को इस ताप तक ठंडा करना सम्भव नहीं है।
- absorbancy (absorbency) -- अवशोषकता, अवशोषणांक
- (1) अवशोषक होने का गुण या अवस्था।
- (2) किसी पदार्थ के परत की विकिरण को अवशोषित करने की क्षमता जिसे प्रेषणता के ऋणात्मक साधारण लघुगुणक के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- absorbed dose -- अवशोषक खुराक
- किसी अभीष्ट दूरी पर किरणित द्रव्य की प्रति द्रव्यमान इकाई द्वारा आयनकारी कणों से प्राप्त ऊर्जा। इसका मानक "रेड" है।
- कोई पदार्थ, द्रव्य या विलयन जो द्रवों या गैसों को ग्रहण या आकर्षित कर या फंसाकर अक्सर किसी माध्यम या क्षेत्र से बाहर निकाल लेता है।
- absorber -- अवशोषी, अवशोषक
- साधारणतया कोई माध्यम, पदार्थ या अभिलक्षकीय भाग (functional part ) जो द्रव्य या ऊर्जा को ग्रहण करता है। विशेष रूप से विकिरण-स्रोत और संसूचक के बीच समाविष्ट कोई वस्तु जो
- (1) विकिरण की ऊर्जा या स्वभाव को मालूम करने
- (2) विकिरण से संसूचक की रक्षा करने
- (3) विकिरण के एक या अधिक अवयवों को चुनकर प्रेषित करने के काम आती है जिससे विकिरण के ऊर्जा स्पेक्ट्रम में परिवर्तन हो जाता है।
- गैसों, घुले हुए पदार्थों अथवा द्रवों के अणुओं का उन गैसों आदि को स्पर्श करने वाली ठोस वस्तुओं के पृष्ठों पर एक अत्यन्त पतली परत में आसंजित होना (लग जाना )।
- किसी वस्तु द्वारा किसी अन्य वस्तु (या ऊर्जा) को इस प्रकार सोख लेना कि जिससे अवशोषित वस्तु या ऊर्जा अवशोषक वस्तु में हीसमाविष्ट हो जाए।
- absorption coefficient -- अवशोषण गुणांक
- 1. विकिरण तीव्रता का एक अंश जो किसी पदार्थ की मात्रक मोटाई के द्वारा अवशोषित किया जाता है। पदार्थ का यह गुणांक विकिरण के प्रकार ऊर्जा पर निर्भर करता है और पदार्थ की प्रकृति एवं इसकी मोटाई के मात्रकों पर भी। यदि मोटाई लम्बाई के रूप में व्यक्त की जाती है तो अवशोषण गुणांक रैखिक कहलाता है। द्रव्यमान प्रति इकाई क्षेत्रफल में मोटाई व्यक्त करने पर इसे द्रव्यमानी अवशोषण गुणांक कहते हैं और मोल अथवा परमाणु प्रति इकाई क्षेत्रफल में पदार्थ की मोटाई व्यक्त करने पर यह गुणांक क्रमशः मोलीय अथवा परमाण्वीय अवशोषण गुणांक कहलाता है। यदि I पारगामी विकिरण और I0 आपाती विकिरण हो तो अवशोषण गुणांक αनिम्नलिखित सूत्र से प्राप्त होता है : I =I0e-dx जहाँ x उपर्युक्त किसी भी एक विधि से विकिरण द्वारा तय की हुई पदार्थ की मोटाई है।
- 2. (ध्वनि के लिए) किसी परिसीमा पर अवशोषित ध्वनि ऊर्जा एवं आपात्ती ध्वनि ऊर्जा के बीच का अनुपात। इसका मान पदार्थ एवं ध्वनि की आवृत्ति (f) पर निर्भर करता है। अवशोषण गुणांक के कुछ विशिष्ट मान (प्रतिशत में) नीचे सारणी में दिए हैं।
- वायु-पदार्थ सीमाओं के लिए α (%)
- f/Hz कार्पेट कंक्रीट3 प्लाईकाष्ठ
- 250 14 1 28
- 500 37226
- 1000 432 9
- 2000 27212
- 400025 311
- पूर्ण अवशोषक के लिए α का मान 1 के बराबर होता है। ऐसी स्थिति में इसे "खुला द्वार" कहते हैं।
- absorption coefficient -- अवशोषण गुणांक
- (1) किसी पदार्थ या प्रावस्था का दूसरे पदार्थ या प्रावस्था में, जैसे किसी गैस का द्रव में अवशोषण के लिए, अवशोषण गुणांक α, विलायंक के निर्दिष्ट आयतन में विलीन गैस का आयतन होता है अर्थात् α= V0/VP
- जबकि V0 मानक अवस्था में गैस का आयतन,
- V द्रव का आयतन तथा
- P गैस का आंशिक दाब है ।
- (2) अवशोषण गुणांक शब्द का प्रयोग वैद्युत चुम्बकीय विकिरण, परमाण्विक तथा अवपरमाण्विक कणों के लिए भी होता है। यह फोटॉन तथा कण-पुंजों को किसी विशेष पदार्थ में गुजारने से तीव्रता में हुई ह्यस-दर का माप होता है।
- (3) ध्वनि का अवशोषण गुणांक किसी पृष्ठ या माध्यम द्वारा अवशोषित ध्वनि ऊर्जा और कुल आपतित ऊर्जा का अनुपात होता है जबकि पृष्ठ असीमित क्षेत्र का भाग माना गया है।
- absorption coefficient (=coefficient of absorption ) -- अवशोषण गुणांक
- किसी वस्तु या माध्यम में प्रकाश या ध्वनि जैसी ऊर्जा को अथवा गैस आदि द्रव्य को अवशोषित करने की क्षमता का माप। इसे अवशोषित तथा आपाती ऊर्जा या द्रव्य की मात्रा के अनुपात के द्वारा व्यक्त किया जाता है।
- absorption line -- अवशोषण-रेखा
- किसी गैस या वाष्प के अवशोषण स्पैक्ट्रम में एक अदीप्त रेखा।
- absorption lines -- अवशोषण रेखाएँ
- अवशोषण स्पेक्ट्रम में स्थित पतली और काली रेखाएँ।
- absorption spectrophotometry -- अवशोषण स्पैक्ट्रम प्रकाशमिति
- जब किसी प्रकाश किरण-पुंज को किसी द्रव में से गुजारा जाता है तो प्रवेश की अपेक्षा निर्गम पर उसकी तीव्रता कम होती है। तीव्रता में यह कमी अनेक कारणों से होती है। कुछ प्रकाश का अवशोषण स्वयं द्रव कर लेता है। द्रव पानी रासायनिक संरचनाओं के अनुसार अन्य तरंग दैर्ध्यों की तुलना में एक विशिष्ट परास के तरंगदैर्ध्यों का अधिक शोषण करते हैं। इस वरणात्मक स्पैक्ट्रमदर्शी अवशोषण को मापने की तकनीक को अवशोषण स्पैक्ट्रम प्रकाशमिति कहते हैं।
- absorption specturm -- अवशोषण स्पेक्ट्रम
- किसी उत्तप्त ठोस या द्रव वस्तु से निकले हुए सतत (continuous) स्पेक्ट्रम वाले प्रकाश का अपेक्षाकृत कम ताप वाले किसी अवशोषक माध्यम से गुजरने के पश्चात् बना स्पेक्ट्रम। जिन वर्गों तथा तरंग-दैध्यों का माध्यम में अवशोषण हो जाता है उनकी जगह इसमें काले क्षेत्र, पट्टियाँ अथवा रेखाएं होती हैं।
- absorption wavemeter -- अवशोषण-तरंगमापी
- किसी अनुनादी परिपथ के समस्वरण द्वारा रेडियो-तरंगों का तरंग-दैर्ध्य मापने की एक युक्ति। इसमें एक परिवर्ती अंशांकित समस्वरित परिपथ होता है जिसमें एक संधारित्र और प्रेरक किसी अनुनाद-संसूचक के साथ जुड़े होते हैं। तरंगमापी के तरंगदैर्ध्य-स्रोत के तरंगदैर्ध्य से अनुनाद होने पर अनुनाद-संसूचक-स्रोत से अधिकतम ऊर्जा का अवशोषण दर्शाता है और इस स्थिति में अज्ञात तरंगदैर्ध्य अथवा आवृत्ति अंशांकित अनुनाद-डायल पर सूचित हो जाती है। तरंग-पथकों में एक कोटर प्रकार के अनुनादी परिपथ का उपयोग किया जाता है।
- absorptive power (=Absorptance) -- अवशोषकता (=अवशोषण क्षमता )
- किसी वस्तु द्वारा अवशोषित ऊर्जा तथा उस पर आपतित विकिरण ऊर्जा का अनुपात।
- accelerating anode -- त्वरक ऐनोड
- कैथोड-किरण-नलिका और अन्य इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों में काम आने वाला एक इलेक्ट्रोड जो इलेक्ट्रॉन-किरणपुंज के वेग को बढ़ाता है। इसके लिए उस इलेक्ट्रोड को कैथोड की अपेक्षा काफी उच्च धनात्मक वोल्टता पर रखा जाता है। इसे त्वरक इलेक्ट्रोड, त्वरक ग्रिड और त्वरक भी कहते हैं।
- वेग के परिवर्तन की दर। गणित में इसे dv/dt अथवा d2s/dt2से व्यक्त किया जाता है, जो समय tके सापेक्ष वेग का सदिश अवकलज है एवं विस्थापन s का द्वितीय सदिश अवकलज है।
- वेग की वृद्धि की दर अर्थात् प्रति सेकंड होने वाली वेग-वृद्धि। इसको सेंटीमीटर अथवा फुट प्रति सेकंड में व्यक्त किया जाता है। वेग के समान त्वरण भी सदिश राशि होती है। जब वेग की दिशा का परिवर्तन होता है और मान का नहीं तब त्वरण की दिशा वेग की दिशा से समकोणिक होती है।
- acceleration due to gravity -- गुरूत्वीय, त्वरण
- निर्वात में गिरते हुए द्रव्य पिण्ड में पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से उत्पन्न त्वरण। इसका मान पृथ्वी के केन्द्र से पिण्ड की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। समुद्रतल पर इसका माध्यमान 980.6 cm/sec2 या 32.2 फुट/sec2होता है।
- एक प्रकार का उपकरण जिसमें आवेशित कणों को विद्युत्-चुम्बकीय या स्थिर वैद्युत साधनों द्वारा उच्च वेग प्रदान किया जाता है। ये कण नियंत्रित पथों से त्वरित होकर उच्च ऊर्जा-अवस्था में आते हैं। इसके निम्नलिखित उदाहरण हैं-बीटाट्राँन, साइक्लोट्राँन, ऋजु त्वरित्र, सिन्क्रोसाइक्लोट्रॉन, सिन्क्रोट्रॉन तथा वान डी ग्राफ स्थिर वैद्युत जनित्र।
- acceptance angle -- स्वीकरण-कोण
- फोटोनलिका के प्रसंग में काम आने वाला एक घनकोण जिसके अंदर की सभी आपाती किरणें फोटो कैथोड पर पहुंचती हैं।
- 1. अपद्रव्य रूप कोई तत्व जो जर्मेनियम जैसे अर्धचालक में होल संख्या बढ़ा देता है। उदाहरणार्थ-बोरॉन का एक दस सहस्रांश भाग सिलिकॉन की चालकता को दस लाख गुना बढ़ा देता है। धाराप्रवाह अब मूलतःहोल स्थानांतरण के कारण होता है और होल धनात्मक आवेश के तुल्य होने के कारण परिणामी मिश्रधातु p-प्रकार का अर्धचालक कहलाता है। ऐल्युमिनियम, गैलियम और इण्डियम ग्राहियों के उदाहरण हैं जिन्हें ग्राही अपद्रव्य भी कहते हैं।
- 2. देखिए - acceptor circuit
- acceptor circuit -- ग्राही परिपथ
- एक श्रेणीबद्ध अनुनादी परिपथ जो किसी इष्ट आवृत्ति के लिए न्यूनतम प्रतिबाधा उत्पन्न करता है। अन्य सभी आवृत्तियों पर इसके प्रतिबाधा अधिक होती है जिसके कारण सिग्नल पथ में से केवल इष्ट आवृत्ति ही गुजर सकती है।
- acceptor circuit -- ग्राही परिपथ
- श्रेणीबद्ध प्रेरकत्व और धारितायुक्त एक अनुनादी परिपथ जिसकी प्रतिबाधा समस्वरण आवृत्ति पर निम्नतम होती है और इसके अतिरिक्त अन्य सभी आवृत्तियों पर अधिक । इसका उपयोग इष्ट आवृत्ति को गुजारने के लिए सिग्नल पथ के साथ श्रेणीबद्ध रूप में किया जाता है।
- acceptor impurity -- ग्राही अपद्रव्य
- जर्मेनियम जैसे किसी क्रिस्टलीय अर्धचालक में किसी बाहरी द्रव्य की एक अल्पतम मात्रा। यह बाहरी द्रव्य परमाणु-क्रिस्टल-जालक में स्थित इलेक्ट्रॉन को अपनी ओर आकर्षित करता है और इस प्रकार उसकी प्रमुख संरचना में `होल` का निर्माण करता है। इस प्रकार p-प्रकार की चालकता उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए 10 लाख सिलिकॉन के परमाणुओं में बोरान के सिर्फ एक परमाणु की मात्रा से सिलिकान की चालकता में लगभग एक हजार गुनी वृद्धि हो जाती है।
- acceptor level -- ग्राही स्तर
- किसी अर्धचालक क्रिस्टल-जालक के ऊर्जा-स्तर-आरेख में स्थित ऊर्जा का एक बैंड या स्तर जिस पर ग्राही अपद्रव्य बाहर से मिलाया जाता है। यह बैंड सामान्य संयोजकता-बैंड से थोड़ा ऊँचा होता है तथा परम ताप के ऊपर सभी तापमानों पर कुछ इलेक्ट्रॉन तापीय रूप से इस स्तर पर स्थानांतरित हो जाते हैं और इस प्रकार निम्न ऊर्जा बैंड में `होल` छोड़ जाते हैं।
- accidental coincidence -- संयोगी संपात
- अलग-अलग विकिरण संसूचकों में होने वाली असंबद्ध गणना की संयोगी घटना द्वारा होने वाला एक संपात। इसे यादृच्छिक संपात भी कहा जाता है।
- accommodation of eye -- समंजन (नेत्र की) क्षमता
- आँख की अपनी फ़ोकस दूरी को बदलने और विभिन्न दूरियों पर स्थित बिम्बों के स्पष्ट प्रतिबिम्ब बनाने की क्षमता। यह समंजन आँख के लेन्स की आकृति पर नियंत्रण रखने वाली पेशियों के तनाव के परिवर्तन द्वारा होता है।
- accumulation point -- पुंज-बिंदु
- किसी समुच्चय का कोई ऐसा बिंदु जिसके किसी भी प्रतिवेश में उस बिंदु के अलावा समुच्चय का कम से कम एक और बिंदु उपस्थित हो, चाहे प्रतिवेश कितना ही छोटा क्यों न हो । सर्वत्र सघन समुच्चयों में सभी बिंदु पुंज-बिंदु होते हैं ।
- accumulator -- संचायक (=संचायक सेल ) (द्वितीयक सेल )
- ऐसी विद्युत्-सेल जिसमें डायनेमों आदि से प्राप्त विद्युत्-धारा चलाकर वैद्युत ऊर्जा संचित कर ली जाती है। इस क्रिया को चार्ज करना कहते हैं और तब उससे विद्युत्-धारा विपरीत दिशा में प्राप्त होती है। संचित ऊर्जा के खत्म हो जाने पर उसे पुनः चार्ज कर लिया जाता है। इसमें प्राथमिक सेल की तरह कोई पट्टिका नष्ट नहीं होती। ये दो प्रकार की होती है। अधिक प्रचलित प्रकार में सल्फ्यूरिक ऐसिड में दो सीसे के प्लेट रहते हैं जिनमें से एक पर लेड पर आक्साइड जमा रहता है। यही धनात्मक प्लेट होती है। इसमें से विद्युत् धारा लेने से लेड पर आक्साइड का अपचय होकर सीसा बन जाता है। चार्ज करने पर उस पर पुनः आक्साइड बन जाता है। इसका वि0 वा0 बा0 लगभग 2 वोल्ट होता है और आंतरिक प्रतिरोध बहुत कम होता है। अतः इससे प्रबल धारा प्राप्त की जा सकती है। दूसरे प्रकार की सेल में पट्टिकाएँ निकल और लोह की और विलयन पोटेशियम हाइड्रोक्साइड का होता है। इसका वि0 वा0 ब0 लगभग 1.1 वोल्ट होता है।
- यथासंभव माप में त्रुटि अथवा अनिश्चितता का अभाव । अनिश्चितता के परिमाण के अनुसार यथार्थता विभिन्न कोटियों की हो सकती है । इसे माप में होने वाली संभव भूल के मान के द्वारा या भूल की प्रतिशतता के द्वारा व्यक्त करते हैं। उदाहरणार्थ प्रकाश-वेग का मान (2.997930 ± .000003) x 1010 सेंटीमीटर प्रति सेकंड है। इस माप की यथार्थता 3 x 10-6 / 3 = 0.0001 प्रतिशत है ।
- acetate film -- ऐसीटेट फिल्म
- सेलुलोस ऐसीटेट रेजिन से प्राप्त एक चिरस्थायी और उत्तम पारदर्शक फिल्म। इसकी विशेषता है अविरूपण। यह चिकनाई, तेल, धूल और वायुसह होती है। इसका उपयोग मुख्यतः स्तरण, शल्कन, फोटोग्राफी-फिल्म, प्रलेख (दस्तावेज) परि-रक्षण, दाब संवेदी टेप, चुम्बकीय-ध्वनि-अभिलेखन टेप आदि में किया जाता है।
- acetylene black -- ऐसीटिलीन ब्लैक
- एक प्रकार का कार्बन जिसकी विशेषता अपेक्षाकृत उच्च विद्युत चालकता है। इसे ऐसीटिलीन के अपघटन से (किसी रिटॉर्ट में ताप-अपघटन या विस्फोट से) बनाया जाता है। इसका उपयोग मुख्यतः पेन्टों और शुष्क सेलों में तथा रबर और प्लास्टिक में भरक (filler)के रूप में किया जाता है।
- विभिन्न वर्णों में विच्छेदित किए बिना ही जो श्वेत प्रकाश का अपवर्तन करे, अथवा जिसमें होकर निकलने पर प्रकाश किरणें मुड़ तो जाएँ किन्तु रचक (constituent) वर्णों में विच्छेदित न हों, जैसे अवर्णक प्रिज़्म ।
- achromatic prism -- अवर्णक प्रिज़्म
- अवर्णक लेन्स के सिद्धांत पर ही बनाया गया प्रिज़्म जिसमें से होकर आनेवाली श्वेत प्रकाश की किरणें अपवर्तित तो होती हैं पर रचक वर्णों में विच्छेदित होकर स्पेक्ट्रम नहीं बनातीं । यह असमान कोणों तथा भिन्न वर्ण-विक्षेपण-क्षमताओं वाले प्रिज़्मों के सम्मेलन से बनाया जाता है ।
- acid base equilibrium -- अम्ल क्षारक साम्य
- अम्ल और क्षारक के मध्य साम्य जो प्रोटॉन विनिमय के फलस्वरूप स्थापित होता है । जैसे, A <=> H+ + B अम्ल प्रोटॉन क्षारक ब्रन्सटेद के अनुसार अम्ल की प्रवृत्ति प्रोटॉन खोने की तथा क्षारक की प्रवृत्ति प्रोटॉन ग्रहण करने की होती है। जब कोई अम्ल प्रोटॉन खोता है तो प्राप्त अवशिष्ट की प्रवृत्ति कुछ सीमा तक प्रोटॉन को पुनः ग्रहण करने की होती है, अतः वह क्षारक होता है। ऐसा अम्ल अथवा क्षारक जिसमें उपर्युक्त व्यंजक के अनुसार केवल एक प्रोटॉन का अंतर रहता है, सुंयुग्मी-युग्मी कहलाता है। इस तरह प्रत्येक अम्ल का संयुग्मी-क्षारक और प्रत्येक क्षारक का संयुग्मी-अम्ल होता है।
- acid radical -- अम्लीय मूलक
- किसी अम्ल का ऋणात्मक आयन, जैसे SO42- ,cl- आदि। अम्ल-अणु में हाइड्रॉक्सिल समूह के अतिरिक्त शेष भाग। जैसे नाइट्रिक अम्ल का अम्लीय मूलक - NO2 है।
- acidic oxide -- आम्ल ऑक्साइड
- अधातुओं के ऑक्सीजन यौगिक, जैसे SO2, P2O5 आदि । आम्ल ऑक्साइड पानी के साथ संयोग करके ऑक्सी अम्ल तथा क्षारकों के साथ क्रिया कर लवण बनाते हैं।
- (1) अम्ल की विद्यमान मात्रा । किसी विलयन की अम्लता अम्ल के आणविक सांद्रण, नॉर्मलता, मोललता अथवा pH के रूप में व्यक्त की जाती है।
- (2) किसी क्षारक की अम्लता एक परमाणुक अम्ल के अणुओं की वह संख्या है जिसे क्षारक का एक अणु उदासीन कर सकताहै ।
- aclinic line -- शून्य नमन रेखा
- पृथ्वी के उन स्थानों से गुज़रने वाली काल्पनिक रेखा जहाँ चुंबकीय नमन कोण शून्य होता है। इस रेखा पर ऊर्ध्वाधर तल में निर्बाध घूमने वाली चुंबकीय सूची क्षैतिज तल में स्थिर होती है। इसे चुंबकीय निरक्ष भी कहते हैं।
- acousitc delay line -- ध्वानिक लंब लाइन
- एक ऐसी युक्ति जो ध्वनि स्पंदनों को किसी ठोस या द्रव माध्यम में से गुजार कर विलंबित करती है ।
- acoustic attenuation coefficient -- ध्वानिक क्षीणन गुणांक
- ध्वानिक संचरण नियतांक का वास्तविक अंश जिसका मात्रक सामान्यतः नेपर प्रति खण्ड या नेपर प्रति एकांक दूरी होता है ।
- acoustic delay line -- ध्वानिक विलंब-परिपथ
- एक ऐसी युक्ति जो ध्वानिक स्पंदों का प्रेषण और उनका द्रव या ठोस माध्यम में से परिसंचरण करके विलंब उत्पन्न कर सकती है । कंप्यूटरों के प्रसंग में ये स्पंद प्रायः द्वयंक रूप में होते हैं। इसे ध्वानिक संचय और ध्वानिक विलंब लाइन भी कहते हैं।
- acoustic feedback -- ध्वानिक पुनर्निंवेश
- श्रव्य-तंत्र के किसी पिछले भाग में माइक्रोफोन आदि में लाउडस्पीकर जैसे निर्गम से ध्वनि के एक अंश का इस प्रकार पुनर्निवेश कि निवेश का संवर्धन हो। जब पुनर्निवेश अत्यधिक हो जाता है तो लाउडस्पीकर से हा-हू की ध्वनि आने लगतीहै । इसे ध्वानिक पुनर्जनन भी कहते हैं।
- acoustic propagation constant -- ध्वानिक संचरणांक
- किसी माध्यम में ध्वनि संचरण का स्थिरांक जो ध्वनि तरंग पथ में दो बिंदुओं पर कण वेगों, आयतन वेगों या दाबों के सम्मिश्र अनुपात का प्राकृतिक लघुगुणक होता । इसके वास्तविक अंश को ध्वानिक क्षीणन स्थिरांक और अधिकल्पित अंश को ध्वानिक कला स्थिरांक कहा जाता है।
- acoustics -- ध्वानिकी, ध्वनि-विज्ञान
- भौतिकी की एक शाखा जिसके अंतर्गत ध्वनि का उत्पादन, संचरण और इसके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। इस विज्ञान का क्षेत्र अब काफी विस्तृत हो गया है जिसके सामान्य रूप से निम्नलिखित भेद किए जा सकते हैं :-
- 1. भौतिकी ध्वानिकी- जिसमें ठोस, द्रव या गैसीय माध्यम में अनुदैर्घ्य तरंगों का व्यवहार तथा इनके गुणधर्मों का अध्ययन किया जाता है ।
- 2. वैद्युत ध्वानिकी- इसमें वैद्युत और ध्वानिक ऊर्जा के परस्पर रूपान्तरण के सिद्धांतों और उपकरणों का अध्ययन किया जाता है।
- 3. स्थापत्य ध्वानिकी- इसके अंतर्गत भवन एवं सभाकक्ष में अनुकूल ध्वनि के वितरण एवं अवांछनीय ध्वनियों के निराकरण का अध्ययन किया जाता है। इसके अतिरिक्त जैव भौतिकी के अंतर्गत ध्वानिकी की निम्नलिखित शाखाओं का भी अध्ययन किया जाता है - (1) मनोवैज्ञानिक ध्वानिकी- इसके अंतर्गत विभिन्न ध्वनियों के प्रति मानव एवं पशुओं की भावुक एवं मानसिक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। (2) शरीर क्रिया ध्वानिकी- इसके अंतर्गत श्रवण, इसके सुधार या वाक् क्रिया-विधि और प्राणियों पर ध्वनि के भौतिक प्रभावों का अध्ययन किया जाता है ।
- acoustics (=sound) -- ध्वनि विज्ञान
- भौतिकी की वह शाखा जिसमें ध्वनि उत्पन्न करने वाले प्रत्यास्थ कंपनों के उत्पादन, ध्वनि तरंगों के संचरण और संग्रहण तथा ध्वनि के अनुलेखन तथा पुनरूत्पादन आदि का अध्ययन होता है। कान की ध्वनि बोध-क्षमता के सीमित होने के कारण, यह विषय वस्तुतः उन्हीं कंपनों तक सीमित है जिनकी आवृत्ति श्रव्य आवृत्ति-परास के अंतर्गत अर्थात् लगभग बीस और बीस हजार के बीच की होती है। किन्तु इस परास से ऊपर या नीचे वाली आवृत्तियों के कंपनों में वास्तविक भिन्नता न होने के कारण अवश्रव्य और पराश्रव्य कंपनों को भी ध्वानिकी के अध्ययन में सुविधापूर्वक सम्मिलित कर लिया जाता है।
- acoustics of buildidng (architectural acoustics) -- भवन, ध्वनिकी (स्थापत्य ध्वानिकी )
- वह विज्ञान जिसके द्वारा भवनों का डिज़ाइन और निर्माण इस प्रकार किया जाता है कि उनमें भाषण या संगीत स्पष्ट सुनाई दे सके और प्रतिध्वनि तथा अन्य कारणों से उत्पन्न दोष कम से कम हों।
- actinic ray -- क्रियाशील किरण
- ऐसी किरणों जिनमें रासायनिक क्रिया कर सकने का गुण हो। जैसे पराबैंगनी किरणें अथवा एक्स किरणें।
- actinide series -- ऐक्टिनाइड श्रेणी
- भारी रेडियोऐक्टिव धात्विक तत्वों की एक श्रेणी । यह लैन्थेनाइड श्रेणी के अनुरूप मानी जातीहै । यह ऐक्टिनियम (परमाणु क्रमांक 89) अथवा थोरियम (परमाणु क्रमांक 90) से आरम्भ होती है । यह श्रेणी अभी अपूर्ण है और आजकल इसका अंतिम तत्व हॉनियम है, जिसका परमाणु क्रमांक 105 है ।
- actinium series -- ऐक्टिनियम श्रेणी
- ऐक्टिनोयूरेनियम से आरम्भ होकर ऐक्टिनियम D पर समाप्त होने वाली एक रेडियोऐक्टिव श्रेणी। ऐक्टिनोयूरेनियम 235 द्रव्यमान संख्या वाले यूरेनियम का समस्थानिक है और ऐक्टिनियमD, 207 द्रव्यमान संख्या वाले सीसे का अरेडियोऐक्टिव समस्थानिक है।
- actinometre -- ऐक्टिनोमीटर, प्रकाश रसोक्रियमापी
- प्रकाश रसायनतः सक्रिय विकिरण की तीव्रता को मापने के लिए प्रयुक्त एक उपकरण। इसमें एक विशेष परदे की प्रतिदीप्ति अथवा आपाती विकिरण द्वारा प्रेरित रासायनिक अपघटन की मात्रा निर्धारित की प्रकाश की तीव्रता को मापते हैं।
- actinometry -- ऐक्टिनोमीट्री, प्रकाश रसोक्रियमिती
- प्रकाश की प्रकाश- रासायनिक तीव्रता का मापन ।
- activate -- 1. सक्रिय करना; 2. उत्तेजित करना
- सक्रिय या अधिक क्रियाशील बनाना । उदाहरणार्थ- (1) अणुओं को अभिक्रिया के योग्य बनाना या समीपस्थ समूहों की उपस्थिति के द्वारा उन्हें पूर्णतः या अंशतः सक्रिय करना ।
- (2) किसी यौगिक आदि को सक्रिय रूप में ऐसे भिन्न यौगिक में बदलना जिसकी कोई विशेष जैविक क्रिया होती है । उदाहरणार्थ अर्गोस्टिरॉल को विकिरित कर विटामिन D2 में बदलना ।
- (3) किसी पदार्थ को रेडियोऐक्टिव, संदीप्तिशील, प्रकाश-सुग्राही या प्रकाश चालक बनाना ।
- activated complex -- सक्रियित संकुल
- एक अल्पजीवी संक्रमण अवस्था जो रासायनिक अभिक्रियाओं के दौरान होती है जब कि अणु न तो अभिक्रियक और न ही उत्पाद माने जा सकते हैं। अभिक्रिया-पथ में सक्रियित संकुल की ऊर्जा अधिकतम होती है । सक्रियित संकुल ऊर्जा और अभिकर्मकों की ऊर्जा का अंतर अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा के बराबर होता है । इसी प्रकार सक्रियण,ऐन्ट्रॉपी, सक्रियित संकुल की ऐन्ट्रॉपी और अभिकर्मकों की ऐन्ट्रॉपी का अंतर होता है ।
- किसी इलेक्ट्रॉन-नलिका के टार्गेट या कैथोड को उत्सर्जन के लायक बनाना अथवा उत्सर्जन में वृद्धि करना । नोट-नाभिकीय भौतिकी और विद्युत-बैटरी के संबंध में इसका अर्थ भिन्न होता है ।
- (1) किसी पदार्थ को अधिक सक्रिय रूप में या ऐसे रूप में बदलना जिसमें वह अधिक प्रभावी ढंग से काम करे। उदाहरणार्थ, अधिक अवशोषी बनाने के लिए धात्विक या अकार्बनिक उत्प्रेरकों का पुनरूत्पादन, किसी एन्जाइम का निष्क्रिय रूप में रूपान्तरण, सूक्ष्म विभाजित सिलिका या कार्बन के अनेक रूपों का उपचार और परमाणुओं या अणुओं का उत्तेजन।
- (2) किसी परमाणु-तंत्र में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा का स्थानांतरण जिससे वह उत्तेजित अवस्था में पहुँच जाए ताकि वह ऐसे प्रक्रमों में भाग ले सके जिनमें वह मूल अवस्था में भाग नहीं ले पाता ।
- (3) नाभिकीय भौतिकी में न्यूट्रॉन-बमबारी द्वारा या विकिरण की अन्य विधियों द्वारा रेडियो सक्रियता को प्रेरित करने का प्रक्रम ।
- (4) इलेक्ट्रॉन - नली औद्योगिकी में एक प्रक्रम जिसमें कैथोड का इस प्रकार उपचार किया जाता है कि उसमें अधिकतम उत्सर्जन हो ।
- activation analysis -- सक्रियण विश्लेषण
- समस्थानिकों द्वारा विश्लेषण की एक अत्यन्त सुग्राही विधि। इससें तत्व की सूक्ष्म मात्रा को, जिसका निर्धारण करना कठिन होता है, सक्रियण-कणों (उदाहरणार्थ साइक्लोट्रॉन में ड्यूट्रॉन अथवा नाभिकीय रिएक्टर में न्यूट्रॉन) के प्रभाव में रखा जाता है। इस प्रकार किसी तत्व के एक या अधिक स्थायी समस्थानिक विकिरण समस्थानिकों में परिवर्तित हो जाते हैं जिन्हें उनके अभिलाक्षणिक विकिरणों और अर्ध-आयु से पहचाना जा सकता है। इस विश्लेषण के द्वारा औषधियों, उर्वरकों, खाद्य पदार्थों, ईंधन, खनिजों आदि में सूक्ष्ममात्रिक तत्वों की मात्रा का निर्धारण किया जाता है।
- activation cross section -- सक्रियण परिक्षेत्र
- प्रायः न्यूट्रॉन प्रेरित अभिक्रिया द्वारा किसी निर्दिष्ट रेडियो न्यूक्लाइड के निर्माण का परिक्षेत्र।
- activation energy -- सक्रियण ऊर्जा
- मूल अवस्था-ऊर्जा से अधिक वह ऊर्जा जो किसी विशेष प्रक्रम को चालू करने के लिए अणु या परमाणु-तंत्र को मिलनी आवश्यक हो। उदाहरण के लिए अधिचालकों में, चालन बैंड तक पहुँचने के लिए जालक-दोषों को अथवा संदीप्ति उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित करने के लिए दी जाने वाली आवश्यक ऊर्जा।
- activation energy -- सक्रियण ऊर्जा
- मूल अवस्था-ऊर्जा से अधिक वह ऊर्जा जो किसी विशेष प्रक्रम को चालू करने के लिए अणु या परमाणु-तंत्र को मिलनी आवश्यक हो। उदाहरण के लिए अधिचालकों में, चालन बैंड तक पहुँचने के लिए जालक दोषों को अथवा संदीप्ति उत्पन्न करने के लिए इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित करने के लिए दी जाने वाली आवश्यक ऊर्जा।
- activation energy -- सक्रियण ऊर्जा
- किसी कण या परमाणु को सक्रियित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा जिससे वह रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग ले सके। किसी अभिक्रिया में जिन अणुओं में यह अतिरिक्त ऊर्जा होती है वे अन्तिम उत्पाद बनाने से पहले एक मध्यवर्ती अवस्था से गुजरकर सक्रियित संकुल बनाते हैं। विसरण, विद्युत, अपघटनी चालन, श्यान प्रवाह आदि अनेक क्रियाओं को संक्रमण-अवस्था में आने से पहले सक्रियण की आवश्यकता होती है। सक्रियण-ऊर्जा का मान आर्रेनिअस-समीकरण द्वारा व्यक्त ताप के साथ अभिक्रिया-दरों में वृद्धि से ज्ञात किया जा सकता है।
- active area -- सक्रिय-क्षेत्र
- 1. अर्धचालकीय दिष्टकारी की दिष्टकरण संधि का वह क्षेत्र जिसके द्वारा अग्र विद्युत-धारा का प्रवाह होता है।
- 2. सौर सेल में आपाती प्रकाश के अभिलंब प्रदीप्त क्षेत्र । इसका क्षेत्रफल फलक क्षेत्रफल में से संपर्क क्षेत्रफल घटा कर प्राप्त किया जाता है ।
- active centre -- सक्रिय-केंद्र
- किसी क्रिस्टल के शिखाग्र अथवा उसके किसी फलक या सिरे पर स्थित परमाणु अपने विद्युत् स्थैतिक आकर्षण का निकटवर्ती परमाणुओं के साथ असामान्य रूप से कम सहभाजन करता है। इसका परिणाम यह होता है कि इस परमाणु के पास उत्प्रेरण या अधिशोषण के लिए अधिक अवशिष्ट क्षेत्र रह जाता है। ऐसे `असंतृप्त` परमाणु सक्रिय केंद्र कहलाते हैं। क्रिस्टल के सिरे, फलक तथा अन्य असतताएँ असंतृप्तिनिरूपित करती हैं तथा सक्रिय केंद्र का कार्य करती हैं।
- active components -- सक्रिय-घटक
- विद्युत्-परिपथ का एक ऐसा घटक जो परिपथ में लबिध उत्पन्न करने या स्विचन क्रिया के लिए वोल्टता या धाराओं का नियंत्रण कर सकता है । इसके उदाहरण इलेक्ट्रॉनीय युक्तियाँ, लौह-चुबंकीय क्रोड आदि हैं ।
- 1. रेडियोऐक्टिव वस्तु में से ऐल्फ़ा, बीटा, गामा किरणों का उत्सर्जन
- 2. किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ के प्रति सेकंड विघटित होने वाले परमाणुओं की संख्या । इसका मात्रक क्यूरी(curie) होता है ।
- activity coefficient -- सक्रियता गुणांक
- एक स्वेच्छ संख्या जो रासायनिक सक्रियता और सांद्रता का अनुपात होती है । विलयनों का सक्रियता गुणांक उनके सांद्र विलयन का किसी आदर्श विलयन से विचलन का माप होता है । आदर्श विलयनों का सक्रियता गुणांक एक (1) होता है ।
- वह कोण जो परिमाण में समकोण से छोटा होता है (प्रायः समकोण से छोटे धन कोण के लिए प्रयुक्त पद)।
- adamantine compound -- हीरकसम यौगिक
- वह यौगिक जिसकी क्रिस्टल संरचना में हीरे के समान परमाणु-विन्यास होता है । इसमें प्रत्येक परमाणु अपने पास के चार परमाणुओं से सहसंयोजी आबंधों द्वारा जुड़ा रहता है । ZnS इसका उदाहरण है । यह ध्यान देने योग्य है कि Zn और S परमाणु, इलेक्ट्रॉनों का समान रूप से योगदान नहीं करते । S परमाणु 6 इलेक्ट्रॉन और Zn परमाणु 2 इलेक्ट्रॉन देता है ।
- 1. कंम्यूटर में ऐसी युक्ति जो किसी दो या अधिक मुद्रित संस्थाओं या राशियों को जोड़ती है ।
- 2. एक ऐसा परिपथ जिसमें दो या अधिक सिग्नलों का इस प्रकार संयोजन होता है कि निर्गत सिग्नल आयाम निवेश-सिग्नलों के आयाम के योग का समानुपाती होता है। रंगीन दूरदर्शन में योजक वर्णकता (chrominance) और ज्योतिर्मयता (luminance) सिग्नलों का संयोजन करता है।
- adder cricuit -- योजक परिपथ, संकलन
- 1. एक ऐसा परिपथ अथवा चरण जिसमें दो अथवा अधिक सिग्नल इत्यादि इस प्रकार मिश्रित किए जाते हैं कि मिश्रित सिग्नल पृथक् घटकों के योग के बराबर अथवा समानुपाती होता है ।
- 2. एक ऐसी कंप्यूटर-युक्ति जो दो या अधिक संख्याओं अथवा राशियों का योग कर सकती है। यह युक्ति कंप्यूटर की मूलभूत घटक होती है और बड़े कंप्यूटरों में इसका प्रचालन वैद्युत अथवा इलेक्ट्रॉनिक परिपथों द्वारा होता है।
- एक अंकगणितीय संक्रिया जिसमें दो संकार्य-योजक और योज्य जुड़ जाते हैं और फलस्वरूप योगफल प्राप्त हो जाता है ।
- एक ऐसा अंकीय अथवा अन्य व्यंजक जो कंप्यूटर में संचय, स्मृति तंत्र अथवा सूचना के किसी अन्य स्रोत या गंतव्य में विशिष्ट स्थान निर्धारण सूचित करता है।
- 1. अभिकलित्र में किसी पंजी, संग्रह-स्थान अथवा अन्य सूचना-स्रोत को पहचानने के लिए स्वीकृत संख्यात्मक या अन्य प्रकार के संकेतों वाला लेबिल नाम आदि ।
- 2. किसी अनुदेश का संकार्य भाग।
- 3. संदेश-प्रेषण में संदेश पहुँचने के स्थान का प्रतीकात्मक निरूपण ।
- adfected quadratic equation -- मिश्र द्विघात समीकरण
- द्विघात समीकरण का व्यापक रूप ax2 + bx + c = 0, शुद्ध द्विघात समीकरण ax2 + b = 0 की तुलना में इसमें चर का प्रथम घात वाला पद भी है ।
- एक-दूसरे को स्पर्श करने वाली दो भिन्न पदार्थों की परस्पर चिपक जाने की प्रवृत्ति जो स्पर्शतल के निकटवर्ती अणुओं के पारस्परिक आकर्षण के कारण होती है ।
- adiabatic change -- रूद्धोष्म परिवर्तन
- किसी तन्त्र के दाब और आयतन में होने वाला ऐसा परिवर्तन जिसमें तन्त्र और पर्यावरण के बीच कोई ऊष्मा-विनिमय नहीं होता। इसके फलस्वरूप तन्त्र की ऊष्मा में कोई हानि या लाभ नहीं होता और ताप का स्वतः समायोजन हो जाता है।
- adiabatic demagnetisation -- ऐडियाबेटिक विचुम्बकन, रूद्धोष्म विचुम्बकन
- परम शून्य ताप के निकट एक डिग्री के हजारवें अंश तक ताप प्राप्त करने के लिए काम आने वाली एक तकनीक जिसमें किसी पूर्व शीतलित चुम्बकीय लवण के परमाण्वीय चुम्बकों का अनुयोजन करने के लिए प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाता है और फिर पदार्थ को अपने पर्यावरण से रूद्धोष्म करके चुम्बकीय क्षेत्र को हटा लिया जाता है जिससे परमाण्वीय चुम्बकों के परिणामी दिक्विन्यास में ऊष्मा का अवशोषण होकर ताप कम हो जाता है।
- adjoint matrix -- सहखंडज आव्यूह
- किसी वर्ग आव्यूह Aके संदर्भ में उस आव्यूह का परिवर्त जो A के प्रत्येक अवयव के स्थान पर इसके सहखंड को रखने पर प्राप्त होता है । पर्याय - adjugate matrix >
- adjoint space -- संलग्न समष्टि
- यदि V कोई सदिश समष्टि हो जिससे सम्बद्ध अदिश क्षेत्र F हो औरV*ऐसे रैखिक फलनों (फलनकों) की समष्टि हो जिनका प्रांत V हो और जिनका परिसर F में अंतर्विष्ट हो तोV* को Vकी संलग्न समष्टि कहते हैं ।
- किसी उपकरण के विभिन्न अंगों को यथोचित स्थिति में लाने की क्रिया ।
- किसी परिपथ में से प्रत्यावर्ती धारा-प्रवाह की सुगमता का एक माप जो प्रतिबाधा का व्युत्क्रम होता है। इस प्रकार यदि
- Z= प्रतिबाधा
- R = प्रतिरोध
- X = प्रतिघात हो तो
- Y = 1/Z = 1/R+JK = R/|Z|2 = G+JB
- जहाँ G=R/|Z|2 चालकतत्व है,
- B = -X/|Z|2 अधिकल्पित प्रवेश्यता है।
- प्रवेश्यता का व्यावहारिक मात्रक mho`मो`है जो ohm का उल्टा है। इसका प्रतीक y है।
- adsorption isotherm -- अधिशोषण समतापीवक्र
- पदार्थ के पृष्ठ पर अधिशोषित मात्रा x और अनधिशोषित मात्रा cमें परस्पर एक आनुभाविक सम्बन्ध, x/m = αC1/n जिसमें m अधिशोषी की मात्रा तथा और प्रायोगिक स्थिरांक है।
- adsorption potential -- अधिशोषण विभव
- किसी अणु या आयन के गैस या विलयन प्रावस्था से अधिक शोषी के पृष्ठ पर जाने से होने वाला ऊर्जा-परिवर्तन।
- aerial (=antenna) -- ऐरियल
- एक या एक से अधिक विद्युत्-चालक जिनका उपयोग रेडियो तरंगों के प्रेषण अथवा अभिग्रहण के लिए किया जाता है । ये बहुत लम्बे तार होते हैं जो ऊँचे स्थान पर लटकाए जाते हैं । कुछ एरियल एक या अनेक फेरों की कुंडली के रूप में भी होते हैं ।
- aerial array -- एरियल-ब्यूह
- साधारण एरियलों का एक समुच्चय । ये एरियल आकाश में इस प्रकार रखे जाते हैं जिससे कि प्रेषित या ग्राही ऊर्जा किसी एक या अधिक दिशाओं में सकेंद्रित होती है ।
- aerobacter -- वायु जीवाणु, ऐरोबैक्टर
- वायुजीवी, ग्रैम-अग्राही (ग्रैम-निगैटिव) जीवाणु का एक वंश जो डैक्सट्रोस, लैक्टोस आदि अनेक शर्कराओं से अम्ल और कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करता है। यह प्रकृति में मल, मिट्टी, पानी तथा आदमियों और जानवरों की आंतों में पाया जाता है। यह प्राय: दूध को खट्टा करने का कारण भी होता है।
- aerodynamics -- वायुगतिकी
- विज्ञान की एक शाखा जिसमें मुख्यतः किसी ठोस और इसके संपर्क में आने वाली वायु अथवा अन्य गैस की सापेक्ष गति से उत्पन्न होने वाले विक्षोभ और ठोस पिंडों पर होने वाली प्रतिक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
- aerodynamics -- वायुगतिकी
- गति विज्ञान का वह विभाग जिसमें निम्नांकित विषयों का निरूपण है :- (1) वायु और अन्य गैसों की गतियाँ ।
- (2) वे बल जो गैसों के भीतर गतिमान वस्तुओं को प्रभावित करते हैं ।
- (3) वे बल जो गैसों की गति के कारण किसी वस्तु पर प्रभाव डालते हैं।
- aerodynamics -- वायुगतिकी
- गतिविज्ञान की वह शाखा जिसमें वायु तथा अन्य गैसीय तरलों की गति का तथा इन तरलों के सापेक्ष चलने वाले पिंडों पर लगने वाले बलों का अध्ययन किया जाता है ।
- वह पृष्ष्ठ जिसके अनुप्रस्थ परिच्छेद का आकार इस प्रकार होता है कि पृष्ठ के आस-पास तरल प्रवाह लगभग अघूर्णी बना रहता है तथा वायु-धारा में रखे जाने पर पर्याप्त मात्रा में उत्थापन और अपेक्षाकृत कम कर्षण उत्पन्न होता है।
- विमान संबंधी विज्ञान तथा विमानों के चलाने की कला ।
- विज्ञान की एक शाखा जिसमें ऊपरी वायुमंडल की घटनाओं का अध्ययन किया जाता है । इसमें सौर विकिरण के प्रभाव भी सम्मिलित हैं ।
- aeroplane -- विमान (हवाई जहाज)
- हवा से भारी वायुयान (aircraft)। यह इंजन से चलने वाले नोदक (Propeller) या पंखे द्वारा पीछे की ओर फेंकी हुई वायु अथवा पीछे की ओर उच्च वेग से निकलती हुई गैस के जेट (jet) के कारण चलता है।
- सम्पूर्ण आकाश में तथा समस्त द्रव्यों के अंतरंग में व्याप्त एक परिकल्पित माध्यम जिसके द्वारा प्रकाश तथा अन्य विद्युत्-चुंबकीय तरंगें संचरित होती मानी गई है। ईथर के अस्तित्व की पुष्टि न तो किसी प्रयोग से की जा सकती है और न ही आपेक्षित सिद्धांत के लिए इसकी आवश्यकता है। अतः इसके अस्तित्व को अब अधिकांश वैज्ञानिक नहीं मानते हैं।
- affinity curve -- बंधुता वक्र
- वह वक्र जो किसी तत्व के विभिन्न द्विअंगी यौगिकों की संभवन ऊष्माओं को उनके साथ संयोग करने वाले विभिन्न तत्वों के परमाणु-क्रमांकों के प्रति आलेखित करने पर प्राप्त होता है ।
- affinity, chemical -- रासायनिक बंधुता
- किसी तत्व या परमाणु की दूसरे तत्व या परमाणु के प्रति रासायनिक बंधुता, उनका परस्पर संयोग करने की आपेक्षिक प्रवृत्ति है। आजकल किसी अभिक्रिया की "बंधुता" शब्द का प्रयोग तन्त्र में हुए मुक्त ऊर्जा परिवर्तनों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जो अभिक्रिया करने की प्रवृत्ति का वास्तविक माप है। जैसे इलेक्ट्रॉन बंधुता, अवशिष्ट बंधुता।
- after glow -- उत्तर दीप्ति
- (1) किसी गैस-विसर्जन नलिका या संदीप्तिशील परदे से निकलने वाले विकिरण जो उत्तेजक स्रोत के हटने के बाद भी कुछ समय तक रहते हैं।
- (2) जलते हुए पदार्थ की ज्वाला बुझा देने के बाद भी उसका कुछ समय तक चमकते रहना ।
- age -- काल प्रभावित होना, काल प्रभावित करना
- जीवित द्रव्य में समय के साथ-साथ होने वाला कोई भी अनुत्क्रमणीय परिवर्तन। समय के साथ-साथ प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से परिपक्व होना। प्राकृतिक काल प्रभावन के लिए किसी बाह्य कर्मक अथवा वातावरण आदि की आवश्यकता नहीं पड़ती। कृत्रिम काल प्रभावन में परिपक्वन की गति को बढ़ाने के लिए बाह्य कर्मकों की आवश्यकता होती है। काल प्रभावन के फलस्वरूप मदिरा या वार्निश में वांछित गुण आ जाते हैं।
- age hardening -- काल कठोरन
- कक्षा-ताप या उससे अधिक ताप पर काल-प्रभाव द्वारा कुछ मिश्रातुओं के कठोरीकरण का एक प्रक्रम । इसका सम्बन्ध मिश्रातुओं के गुणों में, समय के साथ-साथ हुए परिवर्तन से है । जब ठोस अवस्था में, अतिसंतृप्त विलयन, विलेय धातु को अंतराधातुक यौगिक के रूप में आंशिक अवक्षेपण के साथ अपघटित करता है तो कठोरन हो जाता है । इस अवक्षेपण के पहले चरणों में प्रभ्रंश (dislocation) समाप्त हो जाते हैं। जिसके फलस्वरूप कठोरता बढ़ जाती है और तन्यता घट जाती है । डूरैलूमिन मिश्रातु काल कठोरन प्रदर्शित करता है । यह प्रक्रम `कृत्रिम` या `उच्च` ताप काल कठोरन तथा `अवक्षेपण कठोरन` भी कहलाता है ।
- agglomerate -- संपिंडित, संपिंड
- (1) कंदु या संहति के रूप में एकत्रित ।
- (2) दो या अधिक अलग-अलग कणों का समूह जो संसंजन बलों के द्वारा संयुक्त होकर एक हो जाता है। जैसे कोलॉइडी कण बहुत से अणुओं के संपिंडन से बनते हैं।
- (3) विभिन्न साइज और कोणीयता वाले ज्वालामुखीय खंडों से बनी शैल । इस शैल के विस्फोटन के संघट्ट अवयव पुनः प्राप्त हो जाते हैं ।
- सर्वनिष्ठ गुणधर्मों वाला गणितीय अवयवों का समूह ।
- aging (ageing) -- काल प्रभावन
- 1. उपयोग के दौरान किसी युक्ति के अभिलक्षणों में काल के साथ-साथ परिवर्तन होना।
- 2. एक प्रक्रम जिसे किसी स्थायी चुम्बक, संधारित्र, मापी या अन्य युक्ति के अभिलक्षणों को अपरिवर्ती बनाया जाता है। इसके लिए युक्ति को कभी वोल्टता लगाकर या तब तक वैसे ही छोड़ दिया जाता है जब तक कि इसके अभिलक्षण अपरिवर्ती न बन जाएँ।
- 3. एक अभिक्रिया जिसके द्वारा काल-प्रभाव उत्पन्न किए जाते हैं।
- aging test -- काल प्रभावन परीक्षण
- उग्र परिस्थितियों में किया गया काल प्रभावन सम्बन्धी परीक्षण । इसके आधार पर यह शीघ्रता से ज्ञात किया जाता है कि किसी दीर्घ अवधि में द्रव्य किस प्रकार व्यवहार करेगा ।
- मिश्रण प्राप्त करने के लिए यांत्रिक साधन द्वारा किसी तंत्र में गति उत्पन्न करने का प्रक्रम। इस शब्द का प्रयोग अक्सर दो द्रवों को मिश्रित करने या ठोस को द्रव की अधिक मात्रा में विलीन करने अथवा ताप आदि की दृष्टि से द्रव को एक समान संहति के रूप में रखने के उद्देश्य से उसे विलोडित करने के लिए किया जाता है।
- agonic line -- शून्य दिक्पाती रेखा
- एक काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी के उन स्थानों से होकर जाती है, जहाँ निर्बाध रूप से लटकाई गई चुंबकीय सूची ठीक भौगोलिक उत्तर-दक्षिण दिशा में संतुलित होकर स्थित होती है। इस रेखा पर दिक्पात कोण शून्य होता है।
- एक पात्र जिसमें वायु के द्वारा वांछित ताप बनाए रखा जाता है ।
- air capacitor -- वायु-संधारित्र
- ऐसा संधारित्र जिसमें दोनों प्लेटों के बीच सिर्फ वायु को ही डायइलेक्ट्रिक माध्यम के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- air classifier -- वायु वर्गीकारक
- वायु में निलंबित धूलिकणों को उनके आकार के अनुसार वर्गीकरण करने का प्रक्रम। ये कई प्रकार के होते हैं परन्तु सभी में मुख्य वायु प्रवाह से कण किसी न किसी अपकेन्द्री क्रिया द्वारा अलग कर लिए जाते हैं। ये अक्सर किसी पेषण उपस्कर के साथ काम में लाए जाते हैं, जैसे कन्दुक पेषणी आदि। इन्हें कभी-कभी वायु पृथकित्र भी कहते हैं।
- air equivalent -- वायु तुल्यांक
- नाभिकीय अथवा अन्य विकिरण के अवशोषक की क्षमता का एक माप। इसे मानक ताप और दाब पर वायु के स्तर की उस मोटाई के रूप में व्यक्त किया जाता है जो अवशोषक के बराबर ही विकिरण मात्रा का अवशोषण अथवा विकिरण ऊर्जा का ह्रास करती है।
- ईंधन की इकाई मात्रा के जलने के लिए वस्तुतः आवश्यक वायु और सिद्धांततः आवश्यक वायु के आयतनों का अनुपात
- (1) एक दाह्य गैस जो गैसोलीन जैसे वाष्पशील हाइड्रोकार्बन मिश्रण को वायु द्वारा चार्ज करके प्राप्त की जाती है । इसका उपयोग प्रकाश करने पर तापन के लिए होता है ।
- (2) एक प्रकार की उत्पादक गैस जो केवल वायु को उत्पादक के अन्दर प्रवाहित करके प्राप्त की जाती है । इसमें मुख्यतः कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन का मिश्रण होता है ।
- संपीडित वायु के माध्यम से द्रवों के उत्थापन की एक विधि जिसमें अक्सर विस्थापन-पम्प का प्रयोग किया जाता है । इसमें भिन्न साइज की एक के भीतर एक या संलग्न दो नलिकाएं होती हैं । संपीडित वायु या गैस छोटी नलिका द्वारा प्रवेश कराई जाती है जिसके फलस्वरूप पम्प किया जाने वाला द्रव विसरित होकर बड़ी नली में से होकर ऊपर उठता है ।
- किसी बर्तन या बन्द स्थान से वायु को निकालने का या उसमें संपीडित करने का यंत्र। पंप कई प्रकार के होते हैं। कुछ पंपों में सिलिण्डर और पिस्टन, या इसी प्रकार के अन्य साधन होते हैं। अन्य पंप पारे, जल आदि की धारा की चूषण क्रिया पर आधारित होते हैं, जैसे फ़िल्टर पंप।
- किसी पात्र या बन्द स्थान से वायु का विरेचन करने के लिए प्रयुक्त एक पम्प । इसका प्रयोग वायु के संपीडन के लिए अथवा किसी अन्य उपकरण में वायु का प्रवेश कराने के लिए भी किया जाता है । ये पम्प विभिन्न प्रकार के होते हैं ।
- इंजन से चलाए जाने वाला, वायु से हल्का वायुयान। इसमें हाइड्रोजन या हीलियम भरा होता है और गति तथा दिशा के नियंत्रण की व्यवस्था होती है।
- अंतरिक्ष किरणों का वायुमंडल में से गुजरने पर बौछार का रूप धारण कर लेना । इसमें मुख्यतः इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा अधिक वेधी कण होते हैं ।
- यात्रियों तथा भारी वस्तुओं को वायु में उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का साधन या निर्मिति संरचना (structure)। वह वायु से भारी होता है।
- algebraic expression -- बीजीय व्यंजन
- वह व्यंजक जिसमें केवल बीजीय प्रतीकों और संक्रियाओं का प्रयोग होता है जैसे X2 +2x + 4,2 √(-x+y) इत्यादि।
- algebraic function -- बीजीय फलन
- वह फलन जो एक बीजीय समीकरण के अनुसार स्वतंत्र चर अथवा चरों पर आश्रित रहता है ।
- अंग्रेजी के Algorithmic Languageका शब्द-संक्षेप जो कंप्यूटर में काम आने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय गणित-भाषा का वाचक है। इसके द्वारा किसी विशिष्ट समस्या का हल करने के लिए मूल प्रोग्राम कंप्यूटर करता है। ये अनुदेश कथन या घोषणा के रूप में होते हैं जो बीजगणित के सूत्र और प्रयुक्त भाषा के वाक्यों से मिलते-जुलते है। इस भाषा का विकास यूरोप में हुआ जो पहले अंतर्राष्ट्रीय बीजगणितीय भाषा (International Algebra Language) कहलाती थी। कंप्यूटर में काम आने वाली दूसरी भाषा फोर्ट्रन (Fortran) है।
- algorithm -- कलन-विधि, ऐल्गोरिथ्म
- किसी विशेष समस्या के हल के लिए प्रयुक्त कोई गणितीय विधि अथवा प्रक्रम जिसमें किसी निश्चित क्रम में कुछ गणितीय क्रियाएँ करके अभीष्ट परिणाम प्राप्त किया जाता है। उदा. महत्तम समापर्वतक निकालने के लिए यूक्लिड की कलन-विधि।
- 1. (क) किसी तंत्र के अनेक अवयवों का इस प्रकार समंजन करने का प्रक्रम कि उनमें परस्पर एक उपयुक्त संबंध स्थापित हो जाए। इसका उपयोग विशेष रूप से
- (1) इलेक्ट्रॉनीय प्रवर्धक के समस्वरित परिपथ के समंजन में इष्ट आवृत्ति-अनुक्रिया प्राप्त करने और
- (2) किसी तंत्र के घटकों में तुल्यकालन के लिए किया जाता है।
- (ख) जड़त्वीय नौसंचालन उपस्कर के प्रसंग में उपस्कर का उपयोग होने वाले निर्देशांक तंत्र के सापेक्ष जड़त्वीय घटकों के मापन-अक्षों का दिक्विन्यास । इसमें गमन से पूर्व मापन अक्षों का निर्देशांक तंत्र के सापेक्ष एक अभीष्ट दिक्विन्यास किया जाता है जिसे प्रारंभिक अनुयोजन कहते हैं। प्रकाशिकी में इसका अर्थ `संरेखन` होता हैं।
- aliquot part -- अशेषभाजक खंड, संखंड
- वह राशि, जिससे किसी निर्दिष्ट राशि को विभाजित करने से कोई शेष न बचे ; किसी राशि का कोई गुणनखंड। प्रायःइस शब्द का प्रयोग पूर्णांकों के लिए ही किया जाता है।
- alkaline earth metal -- क्षारीय मृदा धातु
- कैल्सियम, स्ट्राँशियम और बेरियम तत्वों का कुल जो आवर्त सारणी के समूह IIA में स्थित है। कुछ लोग रेडियम को भी इस कुल का तत्व मानते हैं परन्तु यह रेडियोऐक्टिव होता है। ये तत्व वायु के संपर्क में मलिन हो जाते हैं।
- all wave antenna -- सर्व तरंग ऐन्टेना
- एक ऐसा ऐन्टेना जो आवृत्तियों के विस्तृत परिसर का अच्छी प्रकार अधिग्रहण करताहै । इसके अंतर्गत मानक लघु तरंग बैंड और प्रसारण बैंड भी आ जाते हैं ।
- allelomorph -- युग्मविकल्पी, ऐलीलोमॉर्फ
- दो या अधिक सामकृतिक पदार्थों जिनमें एक ही संयोजकता के समान परमाणु होते हैं लेकिन उनके आबंध भिन्न-भिन्न होते हैं ।
- कोई प्रतिदीप्ति अथवा प्रकाश का पुनर्विकिरण जिसमें उत्सर्जित प्रकाश का तरंगदैर्घ्य (इसलिए रंग) अवशोषित प्रकाश के तरंगदैर्घ्य से भिन्न होता है ।
- किसी तत्व का दो या अधिक रूपों में पाया जाना जो भौतिक और रासायनिक गुणधर्मों में एक दूसरे से पर्याप्त भिन्न होते हैं । भिन्न रूपों में अंतर का कारण
- (1) क्रिस्टल संरचना या
- (2) गैस के अणु में परमाणुओं की संख्या या
- (3) द्रव की अणु-संरचना होता है। कार्बन भिन्न क्रिस्टल संरचना का उदाहरण है जिसके हीरा, कार्बन कज्जल और ग्रेफाइट क्रिस्टल-रूप हैं।ऑक्सीजन और ओंजोन दूसरे वर्ग के तथा द्रव गंधक और हीलियम तीसरे वर्ग के उदाहरण हैं। यूरेनियम के तीन, मैंगनीज के चार और प्लूटोनियम के कम से कम छः क्रिस्टल रूप होते हैं। इनके अतिरिक्त अनेक अन्य तत्वों के भी अपररूप होते हैं।
- allowed band -- अनुमत बैंड
- ठोस-अवस्था-भौतिकी में ऊर्जा-स्तर अथवा बैंडों का पूरा परिसर जिसमें किसी पदार्थ के इलेक्ट्रान रह सकते हैं। चालन-बैंड और संयोजकता-बैंड इसके उदाहरण हैं, इनके बीच का अंतराल वर्जित अंतराल कहलाता है।
- allowed transition -- अनुमत संक्रमण
- किसी परमाण्विक या नाभिकीय क्वान्टम यांत्रिकीय तंत्र की दो अवस्थाओं के बीच क्वांटम संख्याओं में उपयुक्त वरण नियम के अनुसार होने वाला एक प्रातियकतम संक्रमण।
- दो या अधिक धातुओं का घनिष्ठ (अंतरंग) मिश्रण जो बहुधा उन्हें परस्पर पिघलाकर या पिघली अवस्था में परस्पर विलीन करके बनाया जाता है। जैसे ताम्र और यशद का मिश्रातु पीतल है। धातु तथा अधातु के परस्पर संयोग से बना पदार्थ भी मिश्रातु कहलाता है। जैसे इस्पात, लोह और कार्बन का मिश्रातु है। सीस और यशद अथवा निकल या रजत के संयोग से मिश्रातु नहीं बनते क्योंकि पिघलने पर ये धातु परस्पर विलीन नहीं होते। ठोस होने पर पिघले हुए मिश्रातु या तो ठोस विलयन अथवा दो या अधिक विभिन्न धात्विक क्रिस्टलों का असमांग घनिष्ठ (अंतरंग) मिश्रण बनाते हैं। कुछ मिश्रातुओं के घटक परस्पर संयोग करके रासायनिक यौगिक बनाते हैं। मिश्रातुओं में धात्विक गुण होते हैं। ये मूल घटकों की तुलना में अधिक कठोर, अधिक गलनीय, कम आघातवर्ध्य तथा घटिया चालक होते हैं। इनका उपयोग उद्योगों में होता है।
- alloyed transistor -- मिश्रातु ट्रांजिस्टर
- एक प्रकार का संधि ट्रांजिस्टर जो जर्मेनियम के n-प्रकार के वेफर के ऊपर एवं नीचे इंडियम जैसे p-प्रकार के अपद्रव्य की घुंडियाँ लगाकर बनाया जाता है। फिर इसे तब तक गरम किया जाता है जब तक कि अपद्रव्य जर्मेनियम के साथ मिल कर मिश्रातु नहीं बन जाता। इस प्रकार एक p-n-p प्रकार का ट्रांजिस्टर बन जाता है। इसे संगलित संधि ट्रांजिस्टर भी कहते हैं।
- एक प्रकाशन जिसमें दिए हुए वर्ग के दिनों, सप्ताहों एवं महीनों के अनुसार व्यवस्थित खगोलीय एवं मौसम-विज्ञान-सम्बन्धी सामग्री दी होती है, जैसे सूर्य और चंद्र के उदय और अस्त का समय, चंद्र की कलाएँ, ग्रहण, ज्वार-भाटे का समय इत्यादि ।
- almucantar circle -- उन्नतांश वृत्त
- खगोल का एक लघु वृत्त जो क्षितिज के समांतर होता है और किसी दिए हुए उन्नतांश के सभी बिंदुओं को मिलाता है।
- alpha disintegration -- ऐल्फ़ा विघटन
- एक ऐसा रेडियोऐक्टिव प्रक्रम जिसमें नाभिक से ऐल्फ़ा कण का उत्सर्जन होता है। फलस्वरूप ऐसा विघटन उत्पाद प्राप्तहोता है जिसके न्यूक्लाइड का परमाणु-क्रमांक मूल न्यूक्लाइड से दो मात्रक तथा द्रव्यमान संख्या चार मात्रक कम होती है।
- alpha particle -- ऐल्फ़ा कण
- एक ऐसा धन आवेशित स्थायी कण जिसमें दो प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉन होते हैं। ऐल्फ़ा कणों का उत्सर्जन रेडियम, यूरेनियम और थोरियम जैसे रेडियोऐक्टिव पदार्थों के स्वतः विघटन में होता है। उत्सर्जन के समय इसका वेग 1.4 से 2.0 x 109 cm/s तक होता है और इसके द्वारा वायु में अपने पथ के साथ-साथ काफी आयनन होता है। यद्यपि इनकी वेधन क्षमता कम होती है फिर भी ये जीवित ऊतक को हानि पहुँचा सकते हैं। अध्ययन किए गए सभी गुणधर्मों की दृष्टि से ऐल्फ़ा कण हीलियम परमाणु के समरूप पाए गए हैं। ऐल्फ़ा कण का आवेश 2e और सापेक्ष परमाण्विक द्रव्यमान 4.00260 है।
- alphas particle -- ऐल्फा कण
- दो प्रोटॉनों ओर दो न्यूटॉनों से बना हुआ एक धनात्मक चार्ज वाला कण जो कुछ रेडियोऐक्टिव विघटनों में बड़े वेग से निष्काषित होता है और पथ में विद्यमान वायु तथा गैस को प्रचुर मात्रा में आयनित करता है। वास्तव में यह धन चार्जयुक्त हीलियम का नाभिक ही है। इसका द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान से लगभग चौगुना और इसका विद्युत् चार्ज हाइड्रोजन नाभिक के चार्ज से दुगुना होता है।
- alternate angle -- एकांतर कोण
- कोई तिर्यक् छेदी रेखा दो रेखाओं के साथ जो दो आसन्नेतर कोण बनाती है उनमें से कोई एक कोण। ये दो कोण तिर्यक् छेदी रेखा के विपरीत पार्श्वों में होते हैं।
- alternating current -- प्रत्यावर्ती धारा
- विद्युत की आवर्ती धारा जिसका परिमाण प्रतिक्षण किसी नियम के अनुसार बदलता रहता है और जिसकी दिशा भी समय-समय पर उलट जाती है। एक नियत काल के बाद इसकी दिशा तथा परिमाण पुनः पूर्ववत् हो जाते हैं। इसे उसका आवर्तन काल कहते हैं और एक सेकंड़ में जितनी बार यह आवर्तन होता है उसे उसकी आवृत्ति कहते हैं। इसे संक्षेप में प्र.धा. (A.C) लिखते हैं।
- alternating group -- एकांतर समूह
- कोटि n के सममित समूह Sn के अंतर्गत सभी सम क्रमचयों का समूह ।
- alternating series -- एकांतर श्रेणी
- वह श्रेणी जिसके किसी भी पद का चिन्ह अगले पद के चिन्ह के विपरीत होता है ।
- alternator -- आल्टरनेटर ( प्रत्यावर्तित्र)
- ऐसा यांत्रिक जनित्रजिससे प्रत्यावर्ती विद्युत् धाराओं का उत्पादन होता है।
- किसी निश्चित बिन्दु (सामान्यतः समुद्र के ऊपरी तल) से किसी वस्तु की ऊँचाई तथा नीचाई मापने का उपकरण। साधारणतया निर्द्रव बैरोमीटर ही का उपयोग इस कार्य के लिए किया जाता है।
- altitude -- 1. उन्नतांश 2. शीर्ष लम्ब
- 1. उन्नतांश प्रेक्षक के क्षितिज से किसी खगोलीय पिंड की कोणीय दूरी जो उस पिंड से होकर जाने वाले ऊर्ध्वाधर वृत्त की दिशा में ऊपर की ओर मापी जाती है।
- 2. शीर्ष लंब किसी ज्यामितीय आकृति के शीर्ष से उसके आधार पर खींची गई लंब रेखा-खंड या उसकी लंबाई ।
- altitude (=height) -- तुंगता
- निर्धारित तल से किसी वस्तु की ऊँचाई ।
- altitude effect -- उन्नतांश-प्रभाव
- तुंगता के फलन के रूप में अंतरिक्ष किरणों की तीव्रता में परिवर्तन जो वायु-मंडल के शीर्ष से नीचे लगभग 45 mm पारद दाब के स्थान पर अधिकतम होता है ।
- aluminized screen -- ऐलुमिनित आवरण
- दूरदर्शन (टेलिविजन) की चित्रनलिका का एक पर्दा। इसमें फास्फर का एक स्तर होता हैजिसके पिछले हिस्से में ऐल्यूमिनियम का एक पतला लेप होता है। किरणपुंज के इलेक्ट्रान शीघ्र ही इस लेपन में प्रवेश कर जाते हैं और प्रतिबिंब बनाने के लिए फास्फर को सक्रिय कर देते हैं। ऐल्युमिनियम के कारण प्रकाश का परिवर्तन बाहर की ओर हो जाता है जिससे चमक में काफी सुधार हो जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो यह परवर्तन नलिका के अंदर ही हो जाता है और प्रतिबिंब में अवरोध पैदा हो जाता है। इसे धातुविलेपित, धात्विक एवं पृष्ठ-दर्पण पर्दा भी कहते हैं।
- am/fm receiver -- am/fm अभिग्राही
- एक प्रकार का रेडियो अभिग्राही जो आयाम माडुलित अथवा आवृत्ति माडुलित तरंगों को ग्राह्य सिग्नलों में बदल देता है जिनकी आवृत्ति प्रायः श्रव्यावृत्ति होती है । इस प्रकार के अभिग्राही सुपर हेटेरोडाइन प्रकार के होते हैं और आयाम-माडुलन और आवृत्ति माडुलन दोनों के ही अभिग्रहण के लिए एक उभयनिष्ठ प्रवर्धक (preamplifier), परिवर्तक (converter) और माध्यमिक आवृत्ति चरण (i.f. stage) का उपयोग करते हैं ।
- पीताभ भूरे रंग का एक पारभासक फॉसिल रेज़िन (fossil resin) जो कपड़े से रगड़ने पर ऋणात्मक विद्युत् से आवेशित हो जाता है । यह उत्तम विद्युत्-रोधी (insulator) होता है ।
- ambient temperature -- परिवेश ताप
- विद्युत मशीनरी और उपकरणों के संपरीक्षण के संदर्भ में प्रयुक्त एक शब्द । यह आसपास की हवा के ताप को व्यक्त करता है ।
- 1. नौसंचालन के प्रसंग में एक ऐसी संदिग्ध स्थिति जिसमें नौसंचालन निर्देशांक एक से अधिक बिंदु-स्थिति-रेखा या स्थिति-पृष्ठ की सूचना देते हैं ।
- 2. ऐसी स्थिति जिसमें एक सिन्क्रो अथवा सर्वोतंत्र एक से अधिक शून्य स्थितियों को खोजता है।
- "एक ऐक्टिनाइड रेडियोऐक्टिव धात्विक तत्व जो यूरेनियम पर उच्च ऊर्जा वाले हीलियम-नाभिकों द्वारा बमबारी से उत्पन्न होता है। इसका संकेत Am और परमाणु क्रमांक 95 है। यह प्रकृति में नहीं पाया जाता। इसके सभी समस्थानिक रेडियोऐक्टिव होते हैं।
- इलेक्ट्रॉन-संरचनाः 1s2 2s2 3p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 5d10 5f7 6s2 6p6 6p6 7s2"
- विद्युत-धारा को मापने का ऐसा गैल्वैनोमीटर या धारामापी जो धारा का मान सीधा ऐम्पिरो में बता दे। यह बहुधा सुग्राही बनाया जाता है जिसमें बहुत कम प्रबलता वाली धारा मापी जा सके। जब अधिक प्रबल धारा नापनी है तब इसकी कुंडली से एक शंट पार्श्वबद्ध कर दिया जाता है। धारा का अधिकतर भाग तो इस शंट में से प्रवाहित होता है और एक निश्चित अंश ही कुंडली में से जाता है। अंशाकंन ऐसा कर दिया जाता है कि पूरी धारा की प्रबलता का मान डायल पर पढ़ा जा सकता है। ऐमीटर की सर्वाधिक प्रचलित किस्में हैं :-
- (1) चल-कुंडली ऐमीटर (moving coil ammeter)।
- (2) चल-लोह ऐमीटर (moving iron ammeter) ।
- (3) ताप वैद्युत ऐमीटर (thermo-ammeter) ।
- (4) तप्त तार ऐमीटर (hot wire ammeter) ।
- ammonium hydroxide -- अमोनियम हाइड्रॉक्साइड
- अमोनिया को चल में विलीन करने से प्राप्त यौगिक जिसका अस्तित्व सामान्य ताप पर विलयन में ही है। अणुभार 35.05.।
- amorphism -- अक्रिस्टलीयता
- किसी ठोस पदार्थ की अक्रिस्टलीय अवस्था। इसका कारण अनियमित आणविक जमाव है।
- amorphous material -- अक्रिस्टलीय पदार्थ
- ऐसा कोई भी पदार्थ जिसमें तीनों विमाओं में परमाणु का विन्यास आवर्ती रूप में नहीं होता।
- फ्रांसिसी भौतिकीविद् आंद्रे मारी ऐम्पियर (Andre Marie Ampere) [(1775-1836) के नाम पर ]। विद्युत-धारा का व्यावहारिक मात्रक। निरपेक्ष ऐम्पियर 0.1 ऐब ऐम्पियर (ab ampere) के बराबर होता है अर्थात् वह धारा के विद्युत-चुंबकीय मात्रक के ठीक दशमांश के बराबर होता है। सन् 1950 से धारा का वैद्युत मात्रक निरपेक्ष ऐम्पियर (absolute ampere) है। इसके पूर्व अंतर्राष्ट्रीय ऐम्पियर (international ampere) था। अंतर्राष्ट्रीय ऐम्पियर उस अपरिवर्ती दिष्टधारा को कहते हैं जिसे सिल्वर नाइट्रेट के जलीय विलयन में प्रवाहित करने पर 1.11800 मिलीग्राम प्रति-सेकंड की दर से रजत कैथोड पर निक्षिप्त होती है। अंतर्राष्ट्रीय ऐम्पियर=0.999835 निरपेक्ष ऐम्पियर
- विद्युत्धारा का एक SI मात्रक । यह धारा की वह मात्रा है जो निर्वात में उपेक्षणीय अनुप्रस्थ-काट अनंत लंबाई वाले उन दो सरल रेखीय समांतर चालकों के मध्य जो कि एक मीटर की दूरी पर स्थित हैं, प्रतिमीटर लंबाई पर 2 x 10-7 न्यूटन बल उत्पन्न करती है। व्यावहारिक रूप में एम्पियर की माप निर्धारित विमाओं की धारा-वाहक कुंडलियों के मध्य उत्पन्न होने वाले बल द्वारा प्राप्त की जाती है। इसे मानक सेलों और प्रतिरोधकों का प्रयोग करके भी मापा जाता है।
- (A) विद्युत्धारा का एक SI मात्रक। यह धारा की वह मात्रा है जो निर्वात में उपेक्षणीय अनुप्रस्थ-काट व अनंत लम्बाई वाले उन दो सरल रेखीय समांतर चालकों के मध्य जो कि एक मीटर की दूरी पर स्थित है, प्रति मीटर लंबाई पर 2 x 10-7 न्यूटन बल उत्पन्न करती है। व्यावहारिक रूप में ऐम्पियर की माप निर्धारित विमाओं की धारा वाहक कुंडलियों के मध्य उत्पन्न होने वाले बल द्वारा प्राप्त की जाती है। इसे मानक सैलों और प्रतिरोधकों का प्रयोग करके भी मापा जाता है।
- ampere hour -- ऐम्पियर घंटा
- विद्युत् राशि का एक मात्रक। इसका मान ऐम्पियरों में व्यक्त विद्युत् धारा और घंटों में व्यक्त धारा-प्रवाह की अवधि के गुणनफल से प्राप्त होता है। इसका उपयोग मुख्यतः पुनः आवेशित होने से पूर्व किसी संचायक बैटरी द्वारा अथवा बदलने से पूर्व किसी प्राथमिक बैटरी द्वारा प्राप्त हो सकने वाली संपूर्ण ऊर्जा को दर्शाने के लिए किया जाता है।
- ampere hour -- ऐम्पियर घंटा
- विद्युत् की वह मात्रा जिसे एक ऐम्पियर की अपरिवर्ती धारा एक घंटे में स्थानांतरित कर देती है। संचायक सेलों की क्षमता बताने के लिए यह मात्रा काम में लाया जाता है। एक ऐम्पियर घंटा = 3600 कूलंब।
- ampere turn -- ऐम्पियर फेरा
- SI मात्रकों में चुंबकीय क्षेत्र प्रबलता का एक मात्रक। ऐम्पियर फेरे प्रतिमीटर समान रूप से लपेटी हुई लंबी एक ऐसी परिनालिका के अंदर उत्पन्न होने वाली चुंबकीय क्षेत्र-प्रबलता है जिसकी कुंडली को अक्षीय दूरी के प्रतिमीटर में एक ऐम्पियर वाले रैखिक धारा-घनत्व द्वारा उत्तेजित किया जाता है।
- Ampere`s rule -- ऐम्पियर का नियम
- किसी विद्युत-धारा से उत्पन्न चुंबकीय बल की दिशा बताने का सरल नियम। यदि कल्पना की जाए कि कोई मनुष्य विद्युत्-धारा की दिशा में तैर रहा है और उसका मुख चुंबकीय सूची की ओर है तो सूची का उत्तरी ध्रुव उसके बाएँ हाथ की ओर धूम जाएगा।
- amphion (zwitterion) -- ऐम्फिआयन
- ऐसा आयन जो धन आविष्ट भी हो और ऋणि आविष्ट भी, जैसे विलयन में एमीनो अम्ल का आयन। उभयधर्मी आयन (ग्लाइसीन का द्विध्रुवी आयन + H3NCH2 COO-) । इसे उभयाविष्ट आयन (zwitter ion) भी कहते हैं ।
- एक घूर्णी चुंबकीय प्रवर्धक जिसका उपयोग सर्वोयंत्रावली और नियंत्रण-प्रयुक्तियों में किया जाता है। इसकी शक्ति-लब्धि उच्च होती है और यह धनात्मक पुनर्भरण की उच्चकोटि वाली एकलपदी युक्ति है। इलेक्ट्रॉनीय प्रवर्धक के साथ मिलकर यह युक्ति स्थिति, चाल, त्वरण और वोल्टता , धारा का यथार्थ नियंत्रण करती है।
- amplification -- प्रवर्धन
- किसी सिग्नल की सामर्थ्य (विद्युत्धारा, वोल्टता अथवा शक्ति) बढ़ाने का एक प्रक्रम।
- amplification factor -- प्रवर्धन-गुणक
- 1. किसी निर्वात नलिका का दक्षतांक जो प्लेट-वोल्टता के अल्प परिवर्तन और ग्रिडवोल्टता के उस अल्प परिवर्तन का अनुपात है जो प्लेट धारा में समान परिवर्तन उत्पन्न करने के लिए आवश्यक होता है जबकि दूसरी सभी इलेक्ट्रोड-वोल्टताएँ तथा धाराएँ अचर रखी जाती हैं। इसका प्रतीक µ है।
- 2. किसी भी युक्ति के संबंध में निर्गत आयाम और निर्विष्ट आयाम का अनुपात।
- amplification factor -- प्रवर्धन-गुणक
- 1. किसी निर्वात नलिका का दक्षतांक जो प्लेट-वोल्टता के अल्प परिवर्तन और ग्रिडवोल्टता के उस अल्प परिवर्तन का अनुपात है जो प्लेट धारा में समान परिवर्तन उत्पन्न करने के लिए आवश्यक होता है जबकि दूसरी सभी इलेक्ट्रोड-वोल्टताएँ तथा धाराएँ अचर रखी जाती हैं। इसका प्रतीक µ है।
- 2. किसी भी युक्ति के संबंध में निर्गत आयाम और निर्विष्ट आयाम का अनुपात ।
- amplifier -- ऐम्पलीफ़ायर (=प्रवर्धक)
- तरंग के अभिलक्षणिक रूप में बिना परिवर्तन किए किसी रेडियो-संकेत या प्रत्यावर्ती विद्युत्-धारा की प्रबलता में वृद्धि करने का साधन। प्रवर्धक में साधारणतया एक या अधिक इलेक्ट्रॉन नलिकाएँ या ट्रांजिस्टर (transistor) तथा अन्य उपकरण होते हैं। प्रवर्धक किसी अन्य स्रोत की शक्ति के द्वारा संकेत को या धारा को प्रबल बनाता है जबकि ट्रांसफ़ार्मर संकेत की धारा या वोल्टता को बाहर से शक्ति लिए बिना ही न्यूनाधिक कर देता है।
- किसी वैद्युत निवेश राशि की बढ़ी हुई तीव्रता सहित पुनरूत्पादन करने की एक युक्ति। यदि बढ़ी हुई राशि किसी उच्च प्रतिबाधा पर लगा हुआ विद्युत्वाहक बल हो तो इस युक्ति को वोल्टता प्रवर्धक कहते हैं और यदि यह राशि निर्गत से किसी अपेक्षाकृत निम्न प्रतिबाधा में काफी धारा प्रवाह के रूप में हो तो यह युक्ति शक्ति प्रवर्धक कहलाती है। सामान्य रूप से काम आने वाले अधिकांश प्रवर्धक ट्रांजिस्टर या तापायनिक नलिकाओं द्वारा प्रचालित होते है। प्रवर्धक वर्ग A, वर्ग B, वर्ग AB आदि तथा पुनर्भरण, सर्वो आदि अनेक प्रकार के होतेहैं। इसका प्रतीक है।
- किसी वैद्युत निवेश राशि की बढ़ी हुई तीव्रता सहित पुनरूत्पादन करने की एक युक्ति। यदि बढ़ी हुई राशि किसी उच्च प्रतिबाधा पर लगा हुआ विद्युत्वाहक बल हो तो इस युक्ति को वोल्टता-प्रवर्धक कहते हैं और यदि यह राशि निर्गत से किसी अपेक्षाकृत निम्न प्रतिबाधा में काफी धारा प्रवाह के रूप में हो तो यह युक्ति शक्ति-प्रवर्धक कहलाती है। सामान्य रूप से काम आने वाले अधिकांश प्रवर्धक ट्रांजिस्टर या तापायनिक नलिकाओं द्वारा प्रचालित होते है। प्रवर्धक वर्ग A, वर्ग B, वर्ग AB आदि तथा पुनर्भरण, सर्वो आदि अनेक प्रकार के होतेहैं। इसका प्रतीक है।
- amplifier noise -- प्रवर्धकीय रव
- पूर्णतया अलग किए हुए प्रवर्धक में स्वयं उत्पन्न होने वाले सभी मिथ्या अथवा अवांछित सिग्नल।
- किसी प्रत्यावर्ती राशि का धनात्मक या ऋणात्मक दिशा में शिखर मान।
- ampliltude discriminator -- आयाम विविक्तिकारी
- 1. एक ऐसी युक्ति जिससे केवल उन्हीं निवेश सिग्नलों के लिए निर्गत सिग्नल प्राप्त होता है जो परिमाण में पूर्व निर्धारित स्तर से अधिक होते हैं। यह निर्गत सिग्नल प्रायः एक समान आयाम का होता है।
- 2. आयाम तुलना करने वाला एक परिपथ । तुलना के अतिरिक्त इससे आयामों की अभिदिशा और असमानता का परिमाण भी मिल सकता है ।
- ampliltude limiter -- आयाम-सीमक
- एक ऐसी इलेक्ट्रॉनीय युक्ति जिसमें किसी क्रांतिक मान के ऊपर सभी निवेशों के लिए निर्गम का मान नियत होता है। इसका उपयोग आयाम-माडुलन को हटाने और कोणीय माडुलन को प्रेषित करने के लिए किया जा सकता है। दूरदर्शन में F-M ग्राही में अंतिम I-F अवस्था इसका उदाहरण है। ऐसी अवस्था का काम, सभी प्रकार के आयाम-विसरण अथवा किसी F-M सिग्नल में हुए परिवर्तन को दूर करना है। इसे स्वतः शिखर-सीमक, क्लिपर, शिखर-क्लिपर एवं शिखर-सीमक भी कहा जता है।
- amplitude -- 1. आयाम 2. कोणांक
- 1. आयाम किसी कण के सरल आवर्त दोलन X=a cos (kt + ɸ)में राशि a जो दोलन के केंद्र से दाईं या बाईं ओर उस बिंदु तक की दूरी होती है जहाँ तक कण जाता है और फिर वापस आता है।
- 2. कोणांक (क) किसी संमिश्र संख्या को निरूपित करने वाले सदिश द्वारा क्षैतिज अक्ष के साथ बनाया गया कोण । संमिश्र संख्या r(cos ɵ + i sin ɵ) में कोण ɵ उसका कोणांक है।
- (ख) ध्रुवीय निर्देंशांकों में ध्रुवांतर रेखा द्वारा प्रारंभिक रेखा के साथ बनाया गया कोण।
- किसी आवर्त गति दोलन या कम्पन में वस्तु का मध्य स्थित से महत्तम विस्थापन।
- amplitude distortion -- आयाम-विरूपण
- इलेक्ट्रॉनीय प्रवर्धक या अन्य किसी युक्ति में सिग्नल आयाम का एक ऐसा विरूपण जिसमें निर्गत आयाम विदेशी आयाम का रैखिक फलन नहीं होता है।
- amplitude modulation -- आयाम-माडुलन
- एक ऐसा माडुलन जिसमें परिवर्ती अभिलाक्षणिक, वाहक का आयाम होता है। इसमें ध्वनि-चित्र अथवा अन्य प्रेषणीय सिग्नल को अपरिवर्ती आवृत्ति के वाहक के साथ इस प्रकार मिलाया जाता है कि वाहक का आयाम, सिग्नल के अनुसार बदलता रहता है। यह रेडियो-तरंगों द्वारा सूचना-प्रेषण की मुख्य विधियों में से एक विधि है ।
- amplitude modulation -- आयाम मॉडुलन
- एक ऐसा माडुलन जिसमें परिवर्ती अभिलाक्षणिक, वाहक का आयाम होता है। इसमें ध्वनि चित्र अथवा अन्य प्रेषणीय सिग्नल को अपरिवर्ती आवृत्ति के वाहक के साथ इस प्रकार मिलाया जाता है कि वाहक का आयाम, सिग्नल के अनुसार बदलता रहता है। यह रेडियो-तरंगों द्वारा सूचना-प्रेषण की मुख्य रीतियों में से एक रीति है।
- ana position -- ऐना स्थिति
- विकर्णतः विपरीत परमाणुओं पर दो प्रतिस्थापी समूहों की स्थिति। सममिततः संलयित वलयों में α-स्थिति या नैफ्थेलीन वलय में 1,5 तथा 4,8 स्थितियाँ (जो सर्वसम हैं)।
- analog computer -- अनुरूप अभिकलित्र
- एक प्रकार का अभिकलित्र जो तुल्य विद्युत्-परिपथ की मदद से अनेक समस्याओं का समाधान करता है एवं चरों को उसके संगत भौतिक घटनाओँ में परिवर्तन करके मापता है। अनुरूप अभिकलित्र सन्निकट समाधान देता हैजबकि अंकीय अभिकलित्र बिल्कुल सही समाधान देता है।
- analog converter -- अनुरूप परिवर्तक
- एक ऐसा परिवर्तक जो अनुरूप अभिकलित्र के निर्गत सिग्नलों को जो कि भौतिक गति अथवा वैद्युत वोल्टता आदि के रूप में होते हैं ऐसे समानुपाती अंकीय निरूपण में परिवर्तित कर देता है जिनका उपयोग अंकीय अभिकलन-तंत्र में किया जा सके। इसे अंकरूपक भी कहते हैं।
- analog/digital converter -- अनुरूप / अंकीय परिवर्तक
- एक ऐसा परिवर्तक जो अनुरूप अभिकलित्र के निर्गत सिग्नलों को जो कि भौतिक गति अथवा वैद्युत-वोल्टता आदि के रूप में होते हैं ऐसे समानुपाती अंकीय निरूपण में परिवर्तित कर देता है जिनका उपयोग अंकीय अभिकलन-तंत्र में किया जा सके। इसे अंकरूपक भी कहते हैं।
- 1. (किसी समस्या के संबंध में) दिए गए आंकड़ों, अन्य संबद्ध आंकड़ों, प्राप्य परिणामों तथा बीच के चरणों को गणितीय भाषा में प्रस्तुत करना
- 2. गणित की वह शाखा जिसमें मुख्यतः कलन संबंधी विषयों, विशेषतः सीमा-प्रक्रमों का प्रयोग होता है । संस्थिति-विज्ञानइसकी एक शाखा है । समाकलन-गणित और अवकलन गणित भी इसके अंतर्गत आते हैं ।
- किसी जटिल वस्तु का उसके सरल अवयवों में विभाजन करना, जैसे प्रकाश का स्पेक्ट्रमीय विश्लेषण।
- (1) गुणात्मक विश्लेषण विभिन्न विधियों द्वारा पदार्थों या पदार्थों के मिश्रण में विद्यमान घटकों की पहचान करना।
- (2) मात्रात्मक विश्लेषण- किसी मिश्रण या यौगिक में उपस्थित तत्व या समूह की मात्रा का आकलन करना ।
- analytical chemistry -- वैश्लेषिक रसायन
- रसायन की वह शाखा जिसके अन्तर्गत किसी पदार्थ अथवा उसके किसी अंश का, चाहे वह तत्व हो या मूलक, गुणात्मक परीक्षणों द्वारा आकलन किया जाता है। इसके लिए अवक्षेपण, अनुमापन और विलायक-निष्कर्षण आदि पुरानी विधियों का अब भी अक्सर प्रयोग किया जाता है। साथ ही साथ हिमांकमापी, रेडॉक्स तथा दाबमितीय (उन अभिक्रियाओं के लिए जिनसे गैसीय उत्पाद प्राप्त होते है) आदि नई अनुमापन विधियों और फ्लुओराइड सुग्राही इलेक्ट्रोड का भी अब प्रयोग होने लगा है। पिछले कुछ दशकों में, विशेष रूप से न्यूक्लीय विज्ञान के आविष्कार के बाद, अनेक नई तकनीकों का भी विकास हुआ है। इनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं-
- (1) अवरक्त, पराबैंगनी और एक्स-किरण स्पेक्ट्रमिकी-इन विधियों के द्वारा धात्विक तत्व की उपस्थित और मात्रा का पता उस तत्व के उत्सर्जन या अवशोषण स्पेक्ट्रम में रेखाओं द्वारा लगता है।
- (2) वर्णमिति- इसके द्वारा किसी विलयन में विद्यमान पदार्थ की प्रतिशत मात्रा का निर्धारण रंग की तीव्रता से किया जाता है।
- (3) विभिन्न वर्णलेखकी-किसी द्रव या गैसीय मिश्रण के अवयवों का निर्धारण उसे किसी सरंध्र-पदार्थ-स्तम्भ से भेजकर अथवा सूक्ष्म विभाजित ठोसों की पतली पर्तों से भेजकर किया जाता है।
- (4) आयन-विनिमय-स्तम्भों द्वारा मिश्रणों का पृथक्करण ।
- (5) रेडियोऐक्टिव अनुरेखक विश्लेषण- प्रकाशिक और इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शिकी, द्रव्यमाम स्पेक्ट्रममिति, सूक्ष्म-विश्लेषण नाभिकीय चुंबकीय-अनुनाद की तकनीक तथा हाल में विकसित एन.क्यू.आर. स्पेकट्रमिकी आदि। उपर्युक्त सभी तकनीकों का प्रयोग आजकल वैश्लेषिक रसायन में किया जाता है।
- AND gate -- AND गेट, अथ द्वार
- अंकीय अभिकलित्रों (कंप्यूटरों) में काम आने वाला एक बहुनिवेश टर्मिनल वाला गेट परिपथ। इसमें तब तक कोई सिग्नल प्राप्त नहीं होगा जब तक कि सभी निवेश टर्मिनलों पर एक साथ स्पंद न लगे । इसे AND परिपथ संपात गेट भी कहते हैं।
- AND gate -- AND गेट, अथ द्वार
- अंकीय अभिकलित्रों में काम आने वाला एक बहुनिवेश टर्मिनल वाला गेट परिपथ। इसमें तब तक कोई भी निर्गत सिग्नल प्राप्त नहीं होगा जब तककि सभी निवेश टर्मिनलों पर एक साथ स्पंद न लगे। इसे AND परिपथ संपात गेट भी कहते हैं।
- anemograph -- पवन वेगलेखी
- पवन के वेग के अभिलेखन का उपकरण। कभी-कभी इसके द्वारा पवन की दिशा का भी अभिलेख किया जाता है।
- anemometer -- पवनमापी (= वायुवेग मापी)
- वायु का वेग मापने का उपकरण।
- aneroid barometer -- निर्द्रव, बैरोमीटर
- ऐसा बैरोमीटर जिसमें वायुदाब मापने के लिए किसी द्रव का उपयोग नहीं किया जाता। इसमें मूलतः धातु का एक चपटा सिलिंडराकार बंद बक्स होता है जिसमें से अंशतः वायु निकाल दी जाती है। उसका ढक्कन पतला प्रत्यास्थ तथा नालीदार होता है। जैसे-जैसे बाहरी वायुदाब में परिवर्तन होता है, वैसे-वैसे इस ढक्कन का केन्द्र ऊपर-नीचे उठता है और एक संकेतक द्वारा वायु का दाब प्रदर्शित करता है । इसका प्रयोग ऊँचाई मापने के लिए भी किया जाता है।
- (1) एक बिंदु पर दो सरल रेखाओं के मिलने से बनी आकृति अथवा इन रेखाओं से दो ओर घिरा हुआ क्षेत्र।
- (2) किसी रेखा या समतल को किसी दूसरी रेखा या समतल का संपाती या समांतर होने के लिए जितना मोड़ना पड़े उसका माप ।
- 1. एक ही बिंदु से जाने वाली दो रेखाओं या एक ही रेखा से होकर जाने वाले दो पृष्ठों से बनी हुई आकृति।
- 2. (क) दो प्रतिच्छेदी रेखाओं में से किसी एक को जिस मात्रा में घुमाने पर वह दूसरी रेखा के साथ संपाती हो जाए उस घुमाव का माप । ख) दो प्रतिच्छेदी असमांतर रेखाओं, दो प्रतिच्छेदी समतलों या दो प्रतिच्छेदी वक्रों के अपसरण का माप ।
- 3. एक समुच्चय जिसके सदस्य एक बिन्दु P से निकलने वाली दो अर्ध रेखाएं होती हैं । (कभी-कभी यह अपेक्षित होता है कि ये दोनों अर्ध रेखाएं एक रेखा पर स्थित न हों ) ।
- angle modulation -- कोण-माडुलन
- एक प्रकार का माडुलन जिसमें ज्या-तरंग-वाहक के कोण का अपने निर्देश-मान से माडुलन किया जाता है। यह निर्देश-मान प्रायः अमाडुलित तरंग का कोण माना जाता है।
- angle of deviation -- विचलन कोण
- जब प्रकाश किसी प्रिज़्म या अन्य प्रकाशीय साधन पर आपतित होकर बाहर निकले तब आपतित किरण और निर्गत किरण के बीच का कोण।
- angle of friction -- घर्षण कोण
- जब तक पिंड दूसरे पर फिसलता है तो उनके स्पर्श तल पर दो बल काम करते हैं, एक घर्षण बल जो स्पर्श तल में गति-दिशा की विपरीत दिशा में काम करता है और दूसरा अभिलम्ब बल जो स्पर्श तल के अभिलम्ब की दिशा में काम करता है, इसका नाम, अभिलम्ब प्रतिक्रिया है। इन दोनों का परिणामी बल स्पर्श तल के अभिलम्ब के साथ जो कोण बनाता है उसको घर्षण कोण कहते हैं। घर्षण कोण का कम या अधिक होना दोनों पिंडों के गुणधर्मों पर आश्रित होता है। इस कोण की स्पर्शज्या (tongent) स्थैतिक घर्षण गुणांक कहलाती है।
- angle of incidence -- आपतन कोण
- वह कोण जो किसी पृष्ठ पर गिरने वाली (आपतित) प्रकाश किरण, अथवा अन्य किरण, उस पृष्ठ पर खींचे गए अभिलंब के साथ बनाती है।
- angle of minimum deviation -- न्यूनतम विचलन कोण
- प्रिज़्म से पारगमित होने वाली प्रकाश किरण के विचलन कोण का न्यूनतम मान।
- angle of reflection -- परावर्तन कोण
- परावर्तित किरण तथा परावर्ती पृष्ठ पर खीचें गये अभिलम्ब के बीच का कोण।
- angle of refraction -- अपवर्तन कोण
- प्रकाश आदि की अपवर्तित किरण तथा अपवर्तक पृष्ठ पर खींचे गए अभिलम्ब के बीच का कोण।
- angle of torsion (=angle of twist) -- ऐंठन कोण
- तार आदि जैसी किसी वस्तु को ऐंठने पर उसके किसी अनुप्रस्थ काट (transverse section) की किसी त्रिज्या का कोणीय विस्थापन।
- angle of total reflection -- पूर्ण परावर्तन कोण
- साधारणतया जब कोई किरण एक माध्यम में से किसी दूसरे माध्यम के पृष्ठ पर आपतित होती है तो उसका कुछ भाग अपवर्तित होकर दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है किन्तु जब माध्यम अधिक सघन होता है तब अपवर्तन कोण आपतित कोण से बड़ा होता है। आपतन कोण के जिस विशेष मान के लिए अपवर्तन कोण 900 हो जाता है उसे क्रांतिक कोण कहते हैं और जब अपवर्तित किरण का लोप हो जाताहै। आपतित किरण की पूरी ऊर्जा परावर्तित हो जाती है अतः इस आपतन कोण को पूर्ण परावर्तन कोण भी कहते हैं।
- angstrom unit -- ऐंगस्ट्रॉम, मात्रक
- [(स्वीडन निवासी भौतिकीविद् ए.जे. ऐंगस्ट्राम A.J. Angstorm(1814-1874) के नाम पर) ]। लंबाई का एक सूक्ष्म मात्रक जिसका उपयोग प्रकाश आदि की तरंगों का दैर्ध्य बतलाने के लिए किया जाता है। यह सेंटीमीटर के दस करोड़वें भाग के अर्थात् 3 x 10-6 cm के बराबर होता है। इसका संकेत Å या AU है।
- angular acceleratrion -- कोणीय त्वरण
- कोणीय वेग की प्रति सेकंड होने वाली वृद्धि। इसे रेडियन प्रति सेकंड, प्रति सेकंड या इसी प्रकार के अन्य मात्रकों में व्यक्त किया जाता है।
- angular momentum -- कोणीय संवेग, संवेग-आघूर्ण
- किसी बिंदु O के सापेक्ष किसी पिंड के संवेग mv तथा गति-सदिश r का सदिश गुणनफल rxmv
- angular momentum -- कोणीय, संवेग
- कोणीय संवेग, घूर्णन-अक्ष के गिर्द जड़त्व आघूर्ण तथा कोणीय वेग के गुणनफल के बराबर हेता है। इसे संवेग-आघूर्ण भी कहते हैं। यह सदिश राशि है और उसकी दिशा घूर्णन-अक्ष की दिशा होती है।
- ऋणात्मक चार्जवाला आयन जो विद्युत् का प्रवाह होने पर ऐनोड की ओर जाता है।
- anisotrophic -- विषमदैशिक
- जिस पदार्थ के गुणधर्म सब दिशाओं में एक से नहीं होते अर्थात् विभिन्न दिशाओं में नापने से उनके मान विभिन्न होते हैं उसे विषमदिक् कहते हैं। यथा यदि किसी क्रिस्टल में प्रकाश का अपवर्तनांक नापा जाए तो क्रिस्टल के अक्षों के सापेक्ष विभिन्न दिशाओं में उसके मानों में फर्क पाया जाता है।
- anisotropic conductivity -- विषमदैशिक चालकता
- धारा की दिशा पर निर्भर करने वाली चालकता।
- anisotropy -- विषमदैशिकता
- विषमदिक हीन का गुण अर्थात् विभिन्न दिशाओं में भौतिकगुण के मानों की विभिन्नता।
- anisotropy (aelotropism) -- विषमदैशिकता
- पदार्थ का वह गुण जिसके फलस्वरूप यह विभिन्न दिशाओं में विभिन्न प्रकाशीय या अन्य भौतिक गुणधर्म प्रदर्शित करता है। उदाहरणार्थ लकड़ी और कैल्साइट क्रिस्टल विषमदैशिक होते हैं।
- anneal -- ऐनील करना (तापानु-शीतन करना)
- किसी ठोस पदार्थ तथा इस्पात को एक विशेष ताप तक गर्म करना और उसी ताप पर कुछ देर तक बनाए रखना और तब धीरे-धीरे ठंडा करना। इस प्रक्रम से धातुएँ नर्म हो जाती हैं और काँच की वस्तुओं पर यह क्रिया करने से उनकी भंगुरता कम हो जाती है क्योंकि उनके निर्माण के समय जो विषमताएँ पैदा हो जाती हैं वे इस क्रिया से दूर हो जाती हैं।
- annihilation radiation -- विलोपन विकिरण
- विलोपन अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले विद्युत चुम्बकीय विकिरण। कण और प्रतिकण के पारस्परिक संघट्टन के दौरान जो विलोपन विकिरण पैदा होता है उसमें प्रायः दो फ़ोटॉन पाए जाते हैं।
- annual equation -- वार्षिक समीकरण
- सूर्य और पृथ्वी की दूरी में एक वर्ष के दौरान होने वाले परिवर्तनों के फलस्वरूप चंद्रमास के परिमाण की घटबढ़। (वर्ष के जिस अर्धभाग में पृथ्वी से सूर्य की दूरी औसत दूरी से कम होती है उसमें चंद्र पर सूर्य का आकर्षण अधिक होने के कारण चंद्रमास का परिमाण बढ़ता है और दूसरे अर्ध भाग में यह कम होता है। एक वर्ष में इस असमता का अधिकतम मान 11 मिनट 9 सेकंड है)।
- annual parallax -- वार्षिक लंबन
- किसी खगोलीय पिंड की पृथ्वी एवं सूर्य से प्रेक्षित स्थितियों का आभासी अंतर। यह पृथ्वी की कक्षा की त्रिज्या द्वारा पिंड पर अंतरिक्ष कोण के बराबर है।
- वलय या वृत्त की आकृति का।
- annular eclipse -- वलयाकार ग्रहण
- ऐसा सूर्य ग्रहण जिसमें सूर्य-बिंब की केवल परिधि पतले वलय के रूप में दिखाई देती है।
- किसी विद्युत-अपघटनी सेल, विसरण-नलिका, वाल्व अथवा ठोस अवस्था दिष्टकारक का एक धनात्मक इलेक्ट्रोड। किसी तंत्र में इसके द्वारा धारा का प्रवेश होता है।
- जिस इलैक्ट्रोड से धन विद्युत् की धारा किसी विद्युत अपघटनी सेल, गैस विसर्जन नलिका, अथवा इलैक्ट्रॉन वाल्व में प्रवेश करती है।
- anode bend detector -- ऐनोड मोड़ संसूचक
- एक संसूचक जिसमें एक ट्रायोड-निर्वात-नलिका का प्रचालन ऐनोड-धारा-ग्रिड-वोल्टता अभिलक्षण-वक्र के निम्न वक्र भाग पर किया जाता है । इससे वाहक सिग्नल के ऋणात्मक भागों की तुलना में धनात्मक भागों का कहीं अधिक प्रवर्धन होता है जिसके परिणामस्वरूप दिष्टकरण का प्रभाव पैदा होता है जो संसूचन के लिए आवश्यक होता है।
- anode break - down voltage -- ऐनोड भंग वोल्टता
- किसी गैस-नलिका के मुख्य अंतराल में से विद्युत-चालन के लिए उस स्थिति में लगाई गई ऐनोड-वोल्टता जबकि प्रारंभिक अंतराल से चालन नहीं हो रहा हो और नलिका के अन्य सभी अवयव कैथोड-विभव पर हों।
- anode characteristic -- ऐनोड अभिलक्षण
- एक अभिलेख जो इलेक्ट्रॉन-नलिका में ऐनोड-वोल्टता के परिवर्तन से इसकी ऐनोड-धारा में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है।
- anode current -- एनोड-धारा
- किसी तापयनिक वाल्व में ऐनोड से कैथोड की ओर बहने वाली धारा। वाल्व के अंदर यह धारा इलेक्ट्रॉनों का कैथोड से ऐनोड की ओर प्रवाह के कारण होती है।
- anode efficiency -- ऐनोड-दक्षता
- किसी इलेक्ट्रॉन-नलिका में a.c. लोड-परिपथ-शक्ति एवं d-c ऐनोड-शक्ति-निवेश के बीच का अनुपात। इसे प्लेट-क्षमता भी कहते हैं।
- anode glow -- ऐनोड दीप्ति
- गैस विसर्जन नलिका में धन स्तंभ से ऐनोड की ओर स्थित एक संकीर्ण द्युतिमान ज़ोन।
- anode resistance -- ऐनोड-प्रतिरोध
- ऐनोड-वोल्टता में होने वाले अल्प परिवर्तन का ऐनोड धारा में होने वाले संगत अल्प परिवर्तन के साथ अनुपात जबकि सभी इलेक्ट्रोड वोल्टताएँ अपरिवर्ती रखी जाती हैं। ऐनोड प्रतिरोध, ऐनोड चालकत्व के व्युतक्रम के बराबर होता है।
- anomalistic month -- परिमास
- भूमि-नीच से पुनः भूमि-नीच तक चंद्र द्वारा पृथ्वी के परिक्रमण में लगा हुआ माध्य समय, जो लगभग 27.554550 दिन होता है।
- anomalistic year -- परिवर्ष
- रविनीच से पुनः रविनीच तक पृथ्वी द्वारा सूर्य के परिक्रमण का समय, जो 365 दिन, 6 घंटे, 13 मिनट और 53.1 सेकंड होता है।
- antapex -- प्रत्यभिसरण बिंदु
- कोलंबा तारामंडल में स्थित और सौर अभिबिंदु के ठीक सामने का वह खगोलीय बिंदु जिससे सौर परिवार लगभग 19.6 कि.मी. प्रति घंटे की दर से पीछे हट रहा है।
- मुक्त आकाश में रेडियो तरंगों के प्रेषण या अभिग्रहण के लिए काम में आने वाली युक्ति। इसमें विकिरण तक की संचरण लाइन अथवा तरंग पथ निर्धारित्र शामिल नहीं है।
- मुक्त आकाश में रेडियो-तरंगों के प्रेषण या अभिग्रहण के लिए काम में आने वाली युक्त। इसमें विकिरण तक की संचरण-लाइन अथवा तरंग-पथ निर्धारित्र शामिल नहीं है।
- (1) विपरीत अर्थ व्यक्त करने वाला एक उपसर्ग जैसे प्रतिऑक्सीकारक।
- (2) दो ज्यामितीय समावयवों में से एक जिसमें कुछ परमाणु या समूह तल के विपरीत दिशा में होते हैं जैसे प्रति बेन्जैल्डॉक्सिम ।
- (3) किसी मूल कण के नाम के पहले लगाया जाने वाला उपसर्ग जो कुछ सममिति अभिलक्षणों वाले अन्य कण को व्यक्त करता है, जैसे प्रतिप्रोटॉन, प्रति-न्यूट्रीनो ।
- anti-coincidence -- प्रतिसंपात
- विकिरण के किसी विशेष संसूचक में एक ऐसी गणना का उत्पन्न होना जिसके साथ अन्य निर्दिष्ट संसूचकों में से एक या अधिक में युगपत् गणना अथवा किसी दिए हुए समयांतराल में कोई गणना उत्पन्न न हो।
- anti-transit receive switch -- ATR-स्विच
- 1. एक इलेक्ट्रॉनीय स्विच जो स्वतः ही अभिग्रहण के दौरान प्रेषित का ऐंटेना से वियुग्मन कर देता है। इसका उपयोग साधारणतया तभी होता है जबकि प्रेषण एवं अभिग्रहण के लिए एक ही ऐंटेना काम में आता है।
- 2. एक गैसयुक्त रेडियो आवृत्तिस्विचन-नलिका जिसका उपयोग स्पंद-अभिग्रहण के लिए अंतरायण के समय किसी प्रेषित्र को अलग करने के लिए होता है।
- anticathode -- प्रतिकैथोड, ऐन्टिकैथोड
- कैथौड से उत्पन्न किरणों के मार्ग में किसी निर्वात नली में रखे धात्विक इलेक्ट्रोड या टार्गेट।
- anticlastic surface -- असदृशवक्रित पृष्ठ
- वह पृष्ठ अथवा पृष्ठ का वह भाग जिसके प्रत्येक बिंदु पर दोनों मुख्य वक्रता-त्रिज्याएँ असमान चिन्हों वाली हों।
- anticoincidence circuit -- प्रतिसंपाती परिपथ
- गणित्रों तथा संबद्ध परिपथों की एक ऐसी व्यवस्था जिसमें तभी गणना होती है जबकि किसी विशिष्ट समय-अंतराल में कोई आयनकारी कण दूसरे सभी गणित्रों में से न गुजर कर केवल एक गणित्र में से गुजरता हो।
- anticycione -- प्रतिचक्रवात
- वायुमंडलीय विक्षोभ जिसमें वायु सर्पिलाकार चक्कर लगाती हुई उच्च दाब के केन्द्र से बाहर की ओर फैलती है। इसका घूर्णन उत्तरी गोलार्ध में दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्ध में वामावर्त होता है।
- antimony electrode -- ऐन्टिमनी इलेक्ट्रोड
- धात्विक एन्टिमनी का इलेक्ट्रोड जिसकी सतह पर पर्याप्त मात्रा में ऐन्टिमनी ऑक्साइड Sb2O3 होता है। यह इलेक्ट्रोड pH- मापन में ऑक्साइड-इलेक्ट्रोड की भाँति कार्य करता है।
- antineutron -- ऐन्टिन्यूट्रॉन
- एक ऐसा प्राथमिक कण जिसे अन्य गुणधर्म तो न्यूट्रॉन के समान ही होते हैं परन्तु चुम्बकीय आघूर्ण न्यूट्रॉन प्रचक्रण से विपरीत चिन्ह वाला होता है।
- antinucleon -- प्रतिन्यूक्लिऑन
- एक कम जिसका द्रव्यमान न्यूक्लिऑन के बराबर होता है किन्तु उसके विद्युत आवेश अथवा चुम्बकीय आघूर्ण की दिशा विपरीत होती है। इसका न्यूक्लिऑन के साथ संलयन हो सकता है जिससे प्रतिन्यूक्लिऑन तथा न्यूक्लिऑन दोनों नष्ट हो जाते हैं।
- ऐसा कण जो द्रव्यमान, प्रचक्रण और आयु में तो अपने मूल कण के सर्वसम होता है परन्तु वैद्युत, चुम्बकीय और अन्य गुणधर्मों में उससे विपरीत होता है। जब कोई कण अपने ऐन्टिकण के साथ अन्योन्य क्रिया करता है तो दोनों का विलोपन होकर विलोपन विकिरण उत्पन्न होता है।
- antiproton -- ऐन्टिप्रोटॉन
- एक प्रकार का प्राथमिक कण जिसके अन्य गुणधर्म प्रोटॉन के समान ही होते हैं परन्तु इसके विद्युत आवेश और चुम्बकीय आघूर्ण प्रोटॉन के विपरीत होते हैं।
- antiresonance -- प्रतिअनुनाद
- समांतरबद्ध दो या दो से अधिक प्रतिबाधकों की अधिकतम प्रतिबाधा की स्थिति।
- antiresonant frequency -- प्रति अनुनादी आवृत्ति
- 1. ऐसी आवृत्ति जिस पर किसी तंत्र की प्रतिबाधा बहुत ही अधिक होती है।
- 2. किसी क्रिस्टल एकक में विशिष्ट कंपन-विधा की आवृत्ति जिस पर यदि क्षय की उपेक्षा कर दी जाए तो क्रिस्टल-एकक की प्रभावी प्रतिबाधा अनंत हो जाती है ।
- Antonoff`s rule (Antonow`s rule) -- आन्टोनोफ-नियम
- साम्य में स्थित किन्हीं दो संतृप्त द्रवों की पर्तों के अंतरापृष्ठ के बीच का तनाव। यह दोनों संतृप्त विलयनों का हवा या वाष्प के सापेक्ष ज्ञात किये गये अलग-अलग पृष्ठ तनावों के अन्तर के बराबर होता है।
- युग्म तारों में से किसी एक तारे की कक्षा में वह स्थान जहाँ यह तारा दूसरे तारे से अधिकतम दूरी पर होता है।
- ऐसी गति जिसमें लोलक के समान दोलन या कम्पन न हो और जिसमें प्रारम्भ के महत्तम वेग के क्रमशः घटने पर विराम की स्थिति प्राप्त हो जाए। इसका कारण घर्षण आदि द्वारा उत्पन्न अत्याधिक अवमंदन होता है। जिस उपकरण में ऐसी गति होती है वह भी अनावर्ती कहलाता है, यथा अनावर्ती गैल्वैनोमीटर।
- लेन्स अथवा दर्पण का वह भाग जिसमें से प्रकाश की किरणें गुजरती हैं। बहुधा यह वृत्ताकार होता है और उसका मान वृत्त के व्यास द्वारा व्यक्त किया जाता है।
- aperture ratio -- द्वारक अनुपात
- द्वारक के व्यास तथा फ़ोकस दूरी का अनुपात। इसे भी कभी-कभी संक्षेप में द्वारक कहते हैं।
- apex of solar motion -- सौर अभिबिंदु
- तारामंडल हरकुलीज की कोर के निकट एक बिंदु जो अभिजित से लगभग 100 दक्षिण-पश्चिम में होता है और जिसकी ओर सूर्य और संपूर्ण सौर परिवार 19.6 कि.मी. प्रति सेकंड की चाल से बढ़ता जा रहा है।
- aphelion -- सूर्योच्च, रवि-उच्च, अपसौर
- किसी ग्रह या धुमकेतु की कक्षा का वह बिंदु जो सूर्य के केंद्र से अधिकतम दूरी पर होता है। पृथ्वी प्रतिवर्ष पहली जुलाई के आसपास इस बिंदु पर पहुंचती है।
- पृथ्वी के उपग्रह (जैसे, चंद्रमा या कोई कृत्रिम उपग्रह) की कक्षा का वह बिंदु जो पृथ्वी के केन्द्र से अधिकतम दूरी पर होता है।
- प्रयोगात्मक अथवा क्रियात्मक (operative) कार्य विशेष में काम करने वाली वस्तुओं, औज़ारों तथा पात्रों आदि का समूह, विशेषकर, किसी यांत्रिक अथवा रासायनिक कार्य के लिए प्रस्तुत किया हुआ साधन।
- (1) जो वास्तविक प्रतीत हो पर यथार्थतः सत्य अथवा वास्तविक न हो, उदाहरणार्थ आभासी गभीरता।
- (2) जो प्रतिबिम्ब दिखाई तो पड़ता है किन्तु किसी पर्दे पर ग्रहण नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रकाश की किरणें वहां से आती हुई तो मालूम होती हैं किन्तु वास्तव में वहाँ से चलती नहीं ।
- apparent equilibrium -- आभासी साम्यावस्था
- जब किसी अभिक्रिया का वेग इतना कम हो कि वह समय के साथ अपरिवर्तित जान पड़े तो इस स्थिति को आभासी साम्यावस्था कहा जाता है। यद्यपि यह वास्तविक साम्य नहीं होता। यदि तंत्र को विक्षुब्ध कर दिया जाए तो वह स्वतःपुनः स्थापित नहीं होता जब कि वास्तविक साम्य में यह हो जाता है।
- apparent solar time -- आभासी सौर समय
- धूप-घड़ी द्वारा सूचित समय जिसका माध्य और समय से अंतर समय-समीकार के बराबर होता है।
- Applegate diagram -- ऐपिलगेट आरेख
- वेग मॉडुलित नलिका में इलेक्ट्रॉन-गुच्छन का ग्राफ़ीय चित्रण जो अपवहन प्रदेश के साथ-साथ उनकी स्थिति दर्शाता है। यह गुच्छन ऊर्ध्वाधर निर्देशांक के रूप में आलेखित किया जाता है जबकि समय क्षेतिज अक्ष के साथ-साथ।
- Appleton layer -- ऐपल्टन परत
- अंगेजी भौतिकीविद् एडवर्ड विक्टर ऐपल्टन (Sir Edward Victor Appleton) (1892) के नाम पर। वायुमंडल में लगभग 180 किलोमीटर की ऊँचाई पर अति आयनित वायु का प्रवेश जिसकी अधिक विद्युत् चालकता के कारण कुछ दशाओं में लघु रेडियो-तरंगें बहुत अधिक अपवर्तित होकर पृथ्वी पर लोट आती हैं। इसमें F1 और F2 दो परतें होती हैं जो लगभग 90 किलोमीटर की ऊँचाई वाली हेविसाइड परत (Heaviside layer) की E1 और E2 परतों के ऊपर होती हैं। आयनित वायु की ये परतें पृथ्वी पर एक गोलीय आवरण के भाग हैं और इस आवरण को आयन मंडल (ionosphere) कहते हैं।
- Appleton layer -- ऐपल्टन स्तर
- आयनमंडल के F-स्तर में विभिन्न ऊँचाईयों पर प्राप्त होने वाली आयनित वायु के अनेक स्तरों में से एक स्तर। इस स्तर से लगभग 50 MHz तक की आवृत्ति वाली रेडियो तरंगों का वापिस पृथ्वी पर परावर्तन हो जाता है।
- Applied mathematics -- अनुप्रयुक्त गणित
- गणित की वह शाखा जिसका संबंध भौतिक, जैविक एवं सामाजिक विषयों के अध्ययन से होता है। इसके अंतर्गत दृढ़ एवं विरूपणीय पिंडों का बल-विज्ञान, विद्युत् एवं चुंबक सिद्धांत, आपेक्षिकी विभव-सिद्धांत, ऊष्मागतिकी, जैवगणित एवं सांख्यिकी इत्यादि विषय आते हैं।
- किसी फलन के मान का उसकी सीमा के रूप में स्वीकृत किसी निश्चित संख्या के अत्यंत निकट होने की अवस्था।
- किसीखगोलीय पिंड की कक्षा का वह बिंदु जहाँ पिंड आकर्षण-केन्द्र से अधिकतम अथवा अल्पतम दूरी पर होता है।
- aqueous tension -- वाष्प दाब
- निर्दिष्ट ताप पर शुद्ध जल या जलीय विलयन के ऊपर का जल वाष्प दाब।
- aquo ion -- वारि आयन, ऐक्वोआयन
- संकुल आयन जिनमें जल के कई अणु होते हैं, जैसे [M(H2O)2]** जिसमें M द्विसंयोजी धातु है।
- arbitary origin -- स्वेच्छ मूल-बिंदु
- किसी बारंबरता-बंटन में मनमाने ढंग से लिया हुआ कोई मान जिसके सापेक्ष आघूर्णों का परिकलन होता है। बाद में बंटन के समांतर माध्य के सापेक्ष इन आघूर्णों का रूपांतरण किया जाता है।
- किसी वक्र रेखा या वक्र पथ का कोई संतत भाग।
- किसी वक्र रेखा का एक भाग, जैसे किसी वृत्त या दीर्घवृत्त का चाप।
- एक प्रकार की विद्युत दीप जिसमें दो इलेक्ट्रोडों के बीच उत्पन्न आर्क से प्रकाश निकता है और उसका ताप 300000C तक पहुंच जाता है। प्रकाश की तीव्रता बहुत ज्यादा होती है। चलचित्र प्रक्षेपकों में इसका उपयोग लाभदायक होता है।
- arc process -- आर्क प्रक्रम
- वायुमंडलीय नाइट्रोजन के यौगिकीकरण का एक पुराना प्रक्रम। वायु को जल्दी-जल्दी बहुत से छोटे-छोटे विद्युत् आर्कों पर से प्रवाहित किया जाता है जो उसको इतने ताप तक गर्म कर देता है जिससे वायु में उपस्थित कुछ नाइट्रोन, तथा ऑक्सीजन के संयोग से नाइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइडों के मिश्रण में उपचयित हो जाता है। जो जल द्वारा अवशोषित होकर नाइट्रिक अम्ल बनाता है।
- दाबहीन (गलन) संधान जिसमें संधान-ऊष्मा किसी चाप से प्राप्त की जाती है। यह चाप, अपधातु या संधान-धातु और एक इलेक्ट्रॉड के बीच या दो इलेक्ट्रोडों के बीच उत्पन्न किया जाता है।
- Archimedes Principle -- आर्किमिडीज का नियम
- जब कोई वस्तु पूर्णतः अथवा अंशतः किसी तरल में डुबोई जाती है तो उस वस्तु के भार में उसके द्वारा विस्थापित तरल के भार के बराबर कमी हो जाती है।
- archimedes principle -- आर्किमीडीज़-सिद्धांत
- रल-यांत्रिकी का आर्किमीडीज़ द्वारा स्थापित निम्नलिखित नियमः-किसी पिंड को किसी तरल में पूर्णतः अथवा अंशतः निमज्जित करने पर उसके भार में आभासी कमी आती है जो उसके द्वारा विस्थापित तरल के भार के बराबर होती है।
- area -- 1. क्षेत्र2. क्षेत्रफल
- 1. क्षेत्रः किसी आकृति का पृष्ठीय विस्तार।
- 2. क्षेत्रफलः किसी आकृति के पृष्ठीय विस्तार का माप। भुजाओं x और y वाले आयत का क्षेत्रफल xy है। किसी परिबद्ध समतल समुच्चय का क्षेत्रफल उस समुच्चय के अंतर्गत अनतिव्यापी आयतों के परिमित समूह के क्षेत्रफलों के योग का लघुतम उपरि परिबंध α, अथवा ऐसे ही समूह के क्षेत्रफलों के योग का बृहत्तम निम्न परिबंध β होता है। इन दोनों स्थितियों में लिए गए सभी आयतों द्वारा संपूर्ण क्षेत्र ढक जाता है और अंततोगत्वा =β होता है।
- Argand diagram -- आरगाँ आरेख
- ऐसेदो लांबिक अक्षों का तंत्र जिनमें एक अक्ष संमिश्र संख्या के वास्तविक भाग को निरूपित करता है और दूसरा शुद्ध अधिकल्पित भाग को निरूपित करता है। इस तरह संमिश्र संख्याओं को आलेखित करने के लिए एक निर्देश-तंत्र प्राप्त हो जाता है।
- argument of a complex number -- संमिर संख्या का कोणांक
- किसी समिश्र संख्या को निरूपित करने वाले सदिश द्वारा क्षैतिज अक्ष के साथ बनाया गया कोण। संमिश्र संख्या r(cosɵ + sinɵ) में कोण ɵ उसका कोणांक है। पर्यायः amplitude।
- argument of a function -- स्वतंत्र चर
- किसी फलन के प्रांत की वह राशि (अथवा राशियाँ) जिसको विशेष मान देने से फलन निश्चित मान ग्रहण करता है।
- arithmetic mean -- समांतर माध्य
- संबंधित राशियों को किसी भी क्रम में जोड़कर उनकी संख्या से भाग देने पर निकला हुआ सामान्य माध्य। इसे औसत भी कहते हैं।
- arithmetical progression -- समांतर श्रेढी
- संख्याओं अथवा राशियों का वह अनुक्रम जिसमें किसी संख्या और उसके ठीक पहले आने वाली संख्या का अंतर सदैव समान रहता है।
- 1. यंत्र आदि का पतला भाग, जो मुख्य भाग, अक्ष या आलम्ब से बाहर निकला हुआ हो, जैसे किसी तुला की भुजा।
- 2. किसी बलयुग्म के रचक बलों की क्रिया-रेखाओं के बीच के लम्बतः मापी हुई दूरी ।
- 3. किसी विद्युत् परिपथ-जाल का वह भाग जिसके दोनों सिरों से अन्य चालक जुड़े हों ।
- 1. (विद्युत) वैद्युत डायनेमों या मोटर का एक आवश्यक अंग जिस पर अवस्थित चालक चुम्बकीय बल-क्षेत्र में घूमते हैं। डायनमों में प्रेरण के कारण इन चालकों में विद्युत् धारा उत्पन्न होती है। वैद्युत् मोटर में जब इन चालकों में विद्युत् धारा चलाई जाती है तो उनमें गति उत्पन्न होती है और आर्मेचर घूमने लगता है।
- 2. (चुम्बक) किसी चुम्बक या विद्युत् चुम्बक के ध्रुवों के समीप रखा हुआ मृदु लोह (soft iron) या इस्पात का टुकड़ा जो चुम्बकीय बल के कारण ध्रुवों की ओर खिंच जाता है ।
- Armstrong oscillator -- आर्मेस्ट्रांग-दलित्र
- ई. एच. आर्मस्ट्रांग द्वारा विकसित एक समस्विरित ग्रिड अथवा समस्वरित ऐनोड-दोलित्र-परिपथ। इसमें एक समांतर अनुनादी परिपथ उस समय इष्ट प्रेरणिक ऐनोड लोड के रूप में कार्य करता है जब इसे ग्रिड-टैंक-परिपथ या क्रिस्टल की अनुनाद आवृत्ति से थोड़ी भी अधिक आवृत्ति पर समस्वरित किया जाता है। दोलित्र नलिका की अंतराइलेक्ट्रोड-धारिता पुनर्भरण-पथ के रूप में कार्य करती है।
- 1. पंक्तियों एवं स्तंभों में व्यवस्थित गणितीय अवयवों का निकाय।
- 2. प्रेक्षणों के किसी समूह का स्पष्ट निरूपण, विशेष रूप से इन प्रेक्षणों का परिमाण के क्रम में विन्यास ।
- arrier frequency -- वाहक तरंग आवृत्ति
- किसी आमाडुलित रेडियो, रेडार, वाहक संचार या अन्य प्रेषित्र द्वारा उत्पन्न होने वाली आवृत्ति अथवा किसी सममित सिग्नल द्वारा मॉडुलित होने पर उत्सर्जित तरंग की आवृत्ति ।
- artesian well -- आर्टिज़ियन कूप (बुम्ब कूप)
- ऐसा कूप जिसमें से पानी फव्वारे की तरह अपने आप निकलता हो। यह ऐसे स्थान पर होता है जिसके चारों ओर की जमीन ऊँची हो और उसके अन्दर पानी उस स्थान से अधिक ऊँचाई तक भरा हो। इस पानी के दबाव के कारण कुएँ में से पानी ऊपर उठ जाता है। (आर्टीज़ियन की व्युत्पति `आर्टोइस` (Artois) नगर के नाम से है क्योंकि इस प्रकार के कूपों के बारे में उसी नगर के कूपों से ज्ञान प्राप्त हुआ।
- मानवकृत अर्थात् प्राकृतिक से विपरीत, जैसे कृत्रिम प्रकाश।
- artificial radioactivity -- कृत्रिम रेडियोऐक्टिवता
- देखिए - radioactivity
- artificial radioactivity -- कृत्रिम रेडियोऐक्टिवता
- ऐल्फा कणों, प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों और ड्यूटरॉनों आदि की बमबारी से स्थायी तत्वों में उत्पन्न रेडियोऐक्टिवता। इसे प्रेरित रेडियोऐक्टिवता (induced radioactivity) भीकहते हैं। उदाहरण के लिए ऐल्फा कणों द्वारा ऐलुमिनियम की बमबारी करने से 30 द्रव्यमान वाले फॉस्फोरस और न्यूट्रॉन का बनना। 13AI27 + 2He4 → 15P30+ 0n1 रेडियोऐक्टिव फॉस्फोरस एक पोजीट्रॉन उत्सर्जित कर 30 द्रव्यमान वाला स्थायी समस्थानिक सिलिकॉन बनाता है। 15P 30 → 14Si 30 +1e0
- artihmetic space -- अंकगणितीय समष्टि
- वास्तविक संख्याओं के एन-कों (x1,x2…..xn) के समुच्चय को n-विम अंकगणितीय समष्टि कहते है। समुच्चय (x1,x2,…..xn) को समष्टि का एक बिंदु कहते हैं और प्रत्येक संख्या x1, x2 आदि को उस बिंदु का निर्देशांक कहते हैं।
- artithmetic mean -- समांतर माध्य
- n राशियों को (किसी भी क्रम में) जोड़कर उस जोड़ को n से भाग दें तब प्राप्त राशि इन राशियों का समांतर माध्य है। यदि किसी संतत बंटन का बंटन फलन F (x) है तो समाकल बंटन का समांतर माध्य है।
- रेशेदार ऐसा खनिज जो अग्नि से नहीं जलता। इसका उपयोग ऊष्मारोधन (heat insulation) के लिए भी किया जाता है, क्योंकि इसकी ऊष्मा चालकता बहुत कम (0.3 x 10-3) होती है। यह मैगनीसियम, कैलसियम, सोडियम तथा लोह का मिश्र सिलिकेट होता है।
- ascending node -- आरोही पात
- किसी खगोलीय पिंड का वह पात जिस पर उसकी गति उत्तर की ओर होती है।
- चूषण द्वारा गैसों अथवा द्रवों को पात्र में पहुँचाने वाला उपकरण, जैसे चूषक पंप।
- associative law -- साहचर्य-नियम
- मान लीजिए a,b,c किसी समुच्चय S के सदस्य हैं और इस समुच्चय में परिभाषित कोई संक्रिया है। यदि सभी a,b,c & S के लिए (a.b).c =a.(b.c) हो तो इस नियम को इस संक्रिया का साहचर्य नियम कहते हैं। अंकगणित में योग और गुणा इस नियम का पालन करते हैं।
- astable circuit -- अस्थायी परिपथ
- एक ऐसा इलेक्ट्रानिक परिपथ जो स्वतः और निरंतर दो अस्थायी अवस्थाओं के बीच झूलता रहता है, जिसकी आवृत्ति परिपथ के स्थिरांकों पर निर्भर रहती है। किसी भी पुनरावर्ती निवेश सिग्नल की आवृत्ति पर तुरंत इसका तुल्यकालन किया जा सकता है। निरोध दोलित्र और कुछ बहुकंपित्र इसके उदाहरण हैं।
- जिसमें किसी विशेष दिशा में स्थित होने की प्रवृत्ति बहुत थोड़ी हो या बिल्कुल न हो। जैसे, अस्थैतिक चुम्बकीय सूची।
- astatic galvanometer -- अस्थैतिक, गैल्वैनोमीटर ।
- ऐसा गैल्वैनोमीटर जिसका चल-चुंबक तंत्र अस्थैतिक होता है।
- astatic needle -- अस्थैतिक सुई (अस्थैतिक सूची)
- दो पतले चुम्बकों का समान्तर स्थिति में दृढता पूर्वक जुड़ा हुआ युग्म। दोनों के चुम्बकीय ध्रुवों के सामर्थ्य बराबर होतें है। और विपरीत ध्रुव पास-पास होते हैं। इस पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का प्रभाव अत्यन्त अल्प होता है। इसे निलंबित करने पर इसकी प्रवृत्ति उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित होने की बहुत ही कम अथवा बिल्कुल नहीं होती।
- asteroid -- क्षुत्र ग्रह, ग्रहिका
- उन हजारों छोटे ग्रहों में से कोई ग्रह जिनमें से अधिकांश की कक्षाएँ बोडे-नियम के अनुसार मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच में है और जो सूर्य से औसतन 2.8 खगोलीय मात्रकों की दूरी पर परिक्रमण करते हैं। इनमें कई एक छोटे पिंडों का व्यास एक मील से भी कम है और लगभग 500 मील व्यास के पिंड भी इनमें सम्मिलित हैं।
- astigmatism (of a lens) -- अबिन्दुकता
- किसी लेन्स या गोलीय दर्पण का दोष जिसके कारण किसी एक बिन्दु से निकली हुई किरणें किसी भी एक बिन्दु पर फ़ोकस नहीं होती और उस बिन्दु के दो प्रतिबिम्ब छोटी रेखाओं के रूप में बनते हैं। इन रेखाओं की दिशाएँ समकोणिक होती हैं और ये लेन्स या दर्पण से विभिन्न दूरियाँ पर बनती हैं।
- astigmatism (of eye) -- एस्टिगमैटिज्म
- नेत्र का वह दोष जिसके कारण दो समकोणिक दिशाओं में खींची हुई रेखाओं के प्रतिबिम्ब नेत्र में तब फ़ोकस होते हैं जब वे रेखाएँ नेत्र से भिन्न दूरियों पर रखी जाती हैं। इस दोष को दूर करने के लिए सिलन्डराकार लेन्स के चश्मे की आवश्यकता होती है।
- aston mass spectrograph -- ऐस्टन का द्रव्यमान स्पेक्ट्रमलेखी
- एक ऐसा स्पेक्ट्रमलेखी जिसमें आवेश-द्रव्यमान के नियम अनुपात वाली किरणों को किसी फ़ोकसी रेखा पर फ़ोकस करने के लिए उत्तरोत्तर वैद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों का उपयोग किया जाता है।
- इस नियम के अनुसार रेडियोऐक्टिव तत्वों को छोड़कर विषम परमाणु क्रमांक वाले किसी भी तत्व के दो से अधिक समस्थानिक नहीं होते।
- astronautics -- अंतरिक्षयानिकी
- भौतिकी की एक शाखा जिसमें अंतरिक्ष नौचालन संबंधी सभी यांत्रिक, तकनीकी और आयुर्विज्ञान संबंधी समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। रॉकेट, मिसाइल, कृत्रिम उपग्रह और अंतर्ग्रहीय यात्राओं के अध्ययन इसमें सम्मिलित हैं।
- astronomical latitude -- खगोलीय अक्षांश
- किसी दिए हुए स्थान पर गुरूत्व की दिशा और विषुवत् समतल के बीच का कोण यह खगोलीय ध्रुव के उन्नतांश के बराबर होता है।
- astronomical refraction -- खगोलीय अपवर्तन
- बाहरी आकाश के निर्वात प्रदेश से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने पर होने वाला प्रकाश-किरण का बंकन।
- astronomical telescope -- खगोलीय, दूरदर्शक
- दूरबीन जो सूर्य, चन्द्रमा तथा ग्रहों और तारों के प्रेक्षण के काम में आती है। इसके अभिदृश्यक लेन्स का व्यास बड़ा होता है जो अच्छी दूरबीनों में लगभग एक मीटर तक का होता है। इससे बड़े अभिदृश्यक गोलीय दर्पण के रूप में 5 मीटर के व्यास के भी बनाए गए हैं। व्यास बड़ा बनाने के दो लाभ हैं
- (1) अधिक प्रकाश प्रतिबिम्ब में पहुँचता है और मंद ज्योति वाले तारों को भी हम देख सकते हैं।
- (2) तारों के प्रतिबिम्ब छोटे बनते हैं जिससे दो बहुत पास-पास स्थित तारों को भी हम अलग-अलग देख सकते हैं। अर्थात् दूरदर्शक की विभेदन-क्षमता (resolving power) बहुत बढ़ जाती है। दूरदर्शक के अभिदृश्यक की फ़ोकस-दूरी भी बहुत लंबी होती है जिससे दूरबीन की आवर्धन-क्षमता बहुत बढ़ जाती है। यह वर्णविपथन तथा गोलीय विपथन के दोषों से रहित बनाया जाता है। जो प्रतिबिम्ब दिखाई देता है वह उल्टा होता है। दूरबीन भारी भी बहुत होता है और उसको संघानित करने के लिए विद्युत् मोटरों की सहायता ली जाती है।
- astronomical triangle -- खगोलीय त्रिभुज
- वह त्रिभुज जिसका प्रयोग खगोलीय समस्याओं को हल करने में किया जाता है। इसके शीर्ष शिरोबिंदु, क्षितिजो-परि स्थित ध्रुव और प्रेक्षित पिंड हैं तथा भुजाएँ रेखांश-पूरक, खगोलीय पिंड की ध्रुवीय दूरी और खगोलीय पिंड की शिरोबिंदु-दूरी है।
- वह विज्ञान जिसमें खगोलीय पिंडों की, स्थितियों, कांतिमानों, गतियों, दूरियों, बनावटों, भौतिक स्थितियों, पारस्परिक संबंधों, इतिहास तथा उनके भविष्य का अध्ययन किया जाता है।
- astrophysics -- खगोल भौतिकी / तारा भौतिकी
- भौतिकी की एक शाखा जिसमें खगोलीय पिंडों की भौतिक प्रकृति, आंतरिक संरचना और उनके परस्पर संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
- यदि किसी वक्र का कोई बिंदु वक्र की किसी शाखा के अनुदिश अनंत की ओर प्रवृत्त होता हो तो वह रेखा उस वक्र की अनंतस्पर्शी कहलातीहै।
- athermal solution -- अनूष्मीय विलयन
- अनादर्श विलयनों (nonideal solutions) का एक वर्ग जिसके लिए अतिरिक्त गिब्स मुक्त ऊर्जा मुख्यतः अतिरिक्त ऐन्ट्रॉपी के कारण होती है। (Ge ≈ -Tse) ऐसी स्थिति मुख्यतः स्थूल अणुओं के मिश्रण में पाई जाती है जिसके लिए आदर्शता (ideality) से होने वाले विचलनों का कारण मुख्यतः विलायक और विलीन के अणुओं में आकार का अंतर है।
- atmosphere (earth`s) -- वायुमंडल
- पृथ्वी को चारों ओर से घेरने वाला वायु का आवरण।
- किसी तत्व का विद्युत आवेश से रहित वह लघुत्तम भाग जो रासायनिक संयोगों में भाग ले सकता है। सभी रासायनिक यौगिक परमाणुओं के संयोग से बने हुए हैं। परमाणु के मध्य में धन आवेशित नाभिक होता है जिसमें परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान निहित होता है और नाभिक के चारों ओर एक या अधिक इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते रहते हैं।
- परमाणुवाद के अनुसार किसी तत्व का लघुतम कण जो रासायनिक क्रियाओं में अविभाजित रहता है। यह अकेला भी रह सकता है और उसी या किसी अन्य तत्व के एक या अधिक परमाणुओं से संयुक्त होकर अणु (molecule) के रूप में भी रह सकता है। उन्नीसवीं शताब्दी के अंत तो यह विश्वास था कि परमाणु के टुकड़े हो ही नहीं सकते किन्तु अब ज्ञात हो गया है कि उसका विघटन और विखंडन स्वतः भी हो जाता है और कृत्रिम रूप से भी किया जा सकता है।
- atomic bomb -- ऐटम बम, परमाणु बम
- एक प्रकार का नाभिकीय बम जिसमें विस्फोटक पदार्थ के रूप में यूरेनियम 235 या प्लूटोनियम 239 जैसा पदार्थ होता है जिसका नाभिक विखंडनशील होता है। इसमें नाभिक-विखंडन के तत्क्षण असाधारण मात्रा में नाभिकीय ऊर्जा पैदा होती है जो अन्य प्रकार के घातकतम बमों की ऊर्जा से लाखों गुना होती है। संलयन प्रक्रम पर आधारित हाइड्रोजन बम से भिन्नता दिखाने के लिए इसे विखंडन बम भी कहते हैं।
- atomic clock -- परमाणु घड़ी
- एक अत्यन्त यथार्थ आवृत्ति स्रोत या घड़ी जो r.f. विद्युत् चुम्बकीय क्षेत्र लगाए जाने पर सीज़ियम जैसे विशिष्ट पदार्थों के अणु या परमाणुओं की अनुनाद-आवृत्ति से नियंत्रित होती है। इससे एक सेकण्ड के करोड़वें भाग तक से भी अधिक यथार्थता प्राप्त हो जाती है। एक अन्य प्रकार की परमाणु घड़ी में गैस मेसर में अमोनिया अणु का उपयोग किया जाता है।
- atomic energy -- परमाणु ऊर्जा
- 1. परमाणुओं के नाभिकों की पुनर्व्यवस्था से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा जो नाभिकीय विखंडन या संलयन के प्रक्रम में मुक्त होती है। वास्तव में इसे नाभिकीय ऊर्जा कहना चाहिए।
- 2. परमाणु की संघटनात्मक अंतऊर्जा जो अपने रचक कणों से परमाणु का निर्माण होने पर अवशोषित हो जाती है और रचक कणों में परमाणु का विघटन होने पर मुक्त होती है । यह बंधन ऊर्जा के सर्वसम रूप है और द्रव्यमान-क्षति की समानुपाती है ।
- atomic heat -- परमाणु ऊष्मा
- यह किसी पदार्थ के एक ग्राम-परमाणु (gram atom) भार का ताप 10C बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा का मान है।
- atomic heat -- परमाणु-ऊष्मा
- किसी तत्व का ग्राम परमाणु भार और उसकी विशिष्ट ऊष्मा का गुणनफल लगभग 6.3 ग्राम कैलोरी है, अर्थात् परमाणु-ऊष्मा = परमाणु भार x विशिष्ट ऊष्मा = 6.3 ग्राम कैलोरी। यह सम्बन्ध ड्यूलाँ और पती का नियम कहलाता है। किसी तत्व की आपेक्षिक ऊष्मा निर्धारित करके इस नियम द्वारा उसका सन्निकट परमाणु-भार ज्ञात किया जा सकता है। सिलिकॉन, बोरॉन, बेरिलियम तथा कार्बन इस नियम के अपवाद हैं।
- atomic hydrogen -- परमाण्वीय हाइड्रोजन
- आंशिक रूप से परमाणु अवस्था में पाई जानी वाली हाइड्रोजन जो विद्युत् चाप के अति उच्च ताप पर आण्विक हाइड्रोजन के वियोजन से उत्पन्न होती है। जब हाइड्रोजन परमाणु संयोग कर हाइड्रोजन अणु बनाते हैं तो अत्यधिक ऊष्मा प्राप्त होती है जिससे परमाण्विक हाइड्रोजन का उपयोग संधान के लिए होता है। इससे जो अत्यधिक ऊष्मा प्राप्त होती है वह आण्विक हाइड्रोजन के जलने से प्राप्त ऊष्मा की अपेक्षा कहीं अधिक होती है।
- atomic hydrogen welding -- परमाणु-हाइड्रोजन संधान
- हाइड्रोजन की धारा मे टंग्स्टेन इलेक्ट्रोडों के साथ किये जाने वाला चाप-संधान। इसमें कुछ हाइड्रोजन के वियोजन से अत्यंत अपचायी परमाण्विक हाइड्रोजन प्राप्त होती है।
- atomic hypothesis -- परमाण्वीय परिकल्पना
- एक अभिधारणा जिसके अनुसार द्रव अपरिमित रूप से विभाज्य नहीं है बल्कि चरम अणुओं अर्थात् परमाणुओं से मिलकर बना है। इस परिकल्पना का प्रतिपादन सन् 1803 में जॉन डाल्टन ने किया था किन्तु यह विचार बहुत पहले यूनानी दार्शनिकों ने भी प्रस्तुत किया था।
- atomic mass -- परमाणु संहति
- किसी उदासीन परमाणु की संहति जिसमें इसके नाभिक और इलेक्ट्रॉनों का द्रव्यमान सम्मिलित है। यह संहति निम्नलिखित सूत्र से दर्शायी जाती हैः
- M(A,Z)=m (A,Z) + Zme.-Be.
- जिसमें M(A,Z)परमाणु संहति है
- m (A,Z) नाभिकीय संहति,
- meइलेक्ट्रॉन संहति, -
- Z परमाणु क्रमांक और
- Be. इलेक्ट्रॉन की बंधन ऊर्जा है।
- atomic nucleus -- परमाणु-नाभिक, परमाणु न्यूक्लियस
- परमाणु का धन आवेशित क्रोड जिसमें परमाणु का लगभग संपूर्ण द्रव्यमान गर्भित है परन्तु इसके आयतन का मात्र अल्प भाग ही। नाभिक में स्थायी कण के रूप में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं।
- atomic number -- परमाणु क्रमाँक
- किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या। सभी तत्वों के भिन्न -भिन्न परमाणु क्रमांक होते हैं जिससे आवर्त सारणी में उनकी स्थिति निर्धारित होती है। परमाणु क्रमांक 1 से लेकर 106 तक के तत्व अभी तक प्राप्त हुए हैं जिसमें सबसे हल्के तत्व हाइड्रोजन का परमाणु क्रमांक 1 है। उदासीन परमाणु में यह परमाणु क्रमांक नाभिक के बाहर इलैक्ट्रॉनों की संख्या भी बताता है।
- atomic physics -- परमाणु भौतिकी
- भौतिकी की एक शाखा जिसमें सम्पूर्ण परमाणु की एक इकाई मान कर इसके भौतिक गुणधर्मों का अध्ययन किया जाता है। यह नाभिकीय भौतिकी से भिन्न है जिसमें कि अकेले नाभिक का ही अध्ययन किया जाता है।
- atomic plane -- परमाण्वीय समतल
- मिलरसूचकांक के अनुसार बराबर दूरियों पर स्थित समान्तर समतलों में से क्रिस्टल के मूल बिन्दु से गुजरने वाला एक समतल है।
- atomic power -- परमाणु शक्ति
- नाभिकीय अभिक्रियाओं से प्राप्त होने वाली शक्ति । यह शक्ति आमतौर पर औद्योगिक कार्यों के लिए विद्युत् शक्ति अथवा नोदान के लिए गतिदायी शक्ति देती है ।
- atomic radius -- परमाणु-त्रिज्या
- तत्वों के क्रिस्टलों में परमाणुओं की समीपस्थ दूरी का आधा परमाणु-त्रिज्या कहलाता है । किसी तत्व की परमाणु त्रिज्या, नियत नहीं होती क्योंकि यह परमाणुओं को परस्पर बाँधने वाले अंतरापरमाणुक बलों के स्वभाव तथा प्रत्येक परमाणु के चारों ओर स्थित अन्य परमाणुओं की संख्या पर निर्भर करती है। इस प्रकार क्रिस्टलीय कार्बन के दो रूपों में C-C दूरी, हीरे में 1.54 Å और ग्रेफाइट में 1.42 Å होती है। परमाणु-क्रमांकों के प्रति आलेखित करने पर तत्वों की क्रिस्टल संरचना से निगमित परमाणु-त्रिज्याएँ सुस्पष्ट आवर्तता प्रदर्शित करती हैं।
- atomic reactor -- परमाणु रिऐक्टर, परमाणु पाइल
- एक युक्ति जो स्वतः पोषी श्रृंखला अभिक्रिया के रूप में नाभिकीय विखंडन बनाए रख सकती है जिससे परमाणु ऊर्जा का उन्मोचन होता है। विखण्डनीय पदार्थ के रूप में प्रायः यूरेनियम या प्लूटोनियम काम आता है और नाभिकीय श्रृंखला अभिक्रिया का नियंत्रण करने के लिए कार्बन या भारी पानी अवमंदक के रूप में प्रयुक्त होता है।
- atomic scattering factor (atomic scattering power) -- परमाण्वीय प्रकीर्णन गुणक (परमाण्वीय प्रकीर्णन शक्ति)
- किसी परमाणु द्वारा प्रकीर्णता विकिरण और एकल इलेक्ट्रॉन द्वारा प्रकीर्णित) विकिरण के आयामों के अनुपात की मात्रा। यदि विकिरण का तरंगदैध्र्य λ हो और वह ɵ कोण पर प्रकीर्णित हो तो प्रकीर्णन-गुणक निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जा सकता है (Formula)
- जिसमें K = 4π Sinɵ / λ
- U (r) विकिरण वितरण फलन और
- U (r) dr उन गोलाकार पृष्ठों के बीच इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रदर्शित करता है
- जिनके अर्धव्यास r और r + dr हैं और केंद्र परमाणु के नाभिक पर हैं ।
- atomic stopping power -- परमाणु अवरोधन क्षमता
- किसी पदार्थ में से गुजरने वाले कणों की ऊर्जा में गति की दिशा के अभिलम्ब पदार्थ के प्रति एकांक क्षेत्रफल में प्रति परमाणु होने वाली औसत हानी । इसे अवरोधन परिक्षेत्र भी कहते हैं ।
- atomic structure -- परमाणु संरचना
- क्वांटम यान्त्रिकी के अनुसार परमाणु की आंतरिक संरचना जिसमें इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर भिन्न कक्षाओं में घूमते रहते हैं ।
- atomic susceptibility -- ग्राम परमाणुक चुम्बकीय प्रवृत्ति
- एकांक तीव्रता का चुम्बकीय क्षेत्र लगने पर किसी पदार्थ के एक ग्राम-परमाणु के चुम्बकीय आघूर्ण में होने वाला परिवर्तन ।
- atomic volume -- परमाणु-आयतन
- किसी तत्व के परमाणु भार को इसके घनत्व से भाग देने पर प्राप्त होने वाला एक संख्यात्मक परिणाम जो परमाणु क्रमांक के सापेक्ष आलेखित करने पर आवर्तता दिखाता है ।
- atomization -- कणीकरण, कणन
- (1) किसी द्रव या ठोस को बारीक फुहार, सूक्ष्म कणों या महीन धूल में बदलना ।
- (2) किसी ठोस का परमाणु के आकार में विभाजन ।
- atomosphere (unit) -- ऐटमॉस्फियर (मात्रक)
- दाब का मात्रक जो वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है । मानक ऐटमॉस्फियरO0C पर स्थित 760.00.mm पारद स्तंभ के दाब के बराबर होता है । एक ऐटमॉस्फियर का मान 1013.250 मिलीबार = 1.013 x106 डाइन प्रतिवर्ग सेंटीमीटर होता है ।
- attenuation constant -- क्षीणन नियतांक
- 1. संचरणांक का वास्तविक घटक ।
- 2. किसी प्रसंगाधीन आवृत्ति पर प्रगामी समतल तरंग के लिए संचरण की दिशा में विद्युत्-क्षेत्र के किसी घटक (वोल्टता या धारा) के आयाम की घातांक रूप से ह्रास होने की दर। इसे नेपर अथवा डेसीबल प्रति मात्रक लंबाई के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- attenuation equalizer -- क्षीणन समकारी
- एक प्रकार का संशोधक-परिपथ-जाल जिसकी डिजाइन टर्मिनलों के दो चुने हुए युग्मों की स्थानांतरण-प्रतिबाधाओं के निरपेक्ष मान को किसी इष्ट परिसर के अंदर सभी आवृत्तियों के स्थिर करने के लिए बनाई जाती है ।
- attracted disc electometer -- आकृष्ट मंडलक इलेक्ट्रोमीटर
- इसमें धातु की एक वृत्ताकार पट्टिका कमानी पर लगी होने के कारण धातु की दूसरी बड़ी पट्टिका के समांतर ऊपर नीचे विस्थापित हो सकती है । यदि इन पट्टिकाओं में विभवांतर हो तो वैद्युत बल के कारण ऊपर वाली पट्टिका नीचे वाली की ओर इतनी आकृष्ट हो जाती है कि इस बल की कमानी के बल से संतुलन हो जाता है । इस बल को नापने से विभवांतर का नाप हो जाता है । विभवांतर का नाम मूलभूत यौगिक राशियों में होने के कारण यह उपकरण निरपेक्ष इलेक्ट्रोमीटर भी कहलाता है । पट्टिकाओं के बीच के बल क्षेत्र को सर्वत्र एक समान रखने के लिए ऊपर वाली पट्टिका के चारों ओर एक संरक्षी वलय (guard ring) लगा रहता है ।
- द्रव्य कणों, चुम्बकीय ध्रुवों, विद्युत आवेशों में बिना किसी वाह वाह्यबल की सहायता के एक दूसरे की ओर खिंचने की प्रवृत्ति; यह क्रमशः गुरूत्वाकर्षण, चुम्बकीय और वैद्युत आकर्षण कहलाते हैं।
- attractive force (in liquids) -- आकर्षण बल (द्रवों में)
- द्रवीकृत विरल गैसों को छोड़कर कोई भी अन्य द्रव-अणु अपने आस-पास आकर्षण बल डालता है। यह दूरी के बढ़ने के साथ-साथ घटता जाता है और अणु-व्यास से कुछ अधिक दूरी पर नगण्य हो जाता है। द्रवीकृत विरल गैसों में आकर्षण बल वान्डरवाल्स प्रकार के होते हैं।
- किसी वस्तु या व्यक्ति की वह पहचान जो मात्रात्मक या चर के रूप में निरूपणीय न होकर किसी विशेषता की उपस्थिति को सूचित करने वाली हो, जैसे, व्यक्ति का स्त्री या पुरूष होना । इसकी तुलना में व्यक्ति की आयु एक चर है ।
- Atwood`s machine -- ऐटवुड की मशीन
- अंग्रेज गणितज्ञ जार्ज ऐटवुड (George Atwood) 1746-1807 द्वारा निर्मित एक उपकरण जिसमें लगी घिरनी पर चढ़ी हुई रस्सी के सिरों पर दो भार बंधे होते है । इस यंत्र का उपयोग गति संबंधी न्यूटन के नियमों का निदर्शन करने के लिए किया जाता है ।
- श्रव्य होने का गुण ।
- audio frequency -- श्रव्य-आवृत्ति
- एक ऐसी आवृत्ति जिस पर ध्वनि सामान्यतया सुनी जा सकती है । व्यावहारिक रूप में इसका परिसर20 Hzसे 20 RHz तक होता है ।
- audio frequency amplifier -- श्रव्य-आवृत्ति-प्रवर्धक
- एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक युक्ति जो 20 Hzसे 20 KHz तक की आवृत्ति वाले सिग्नलों का प्रवर्धन करती है। इस युक्ति में एक या अधिक इलेक्ट्रॉन-नलिका अथवा ट्रांजिस्टर (या दोनों) हो सकते हैं। यह प्रवर्धक वरणात्मक या अवरणात्मक हो सकता है। किसी आवाज अथवा संगीत-सिग्नल के प्रवर्धन के लिए अवरणात्मक प्रचालन का उपयोग किया जाता है।
- audo frequency -- श्रव्य आवृत्ति
- श्रव्य ध्वनि तरंग की आवृत्ति साधारणतया हमारा कान लगभग 15 से 20,000 आवर्तन प्रति सेकंड तक की आवृत्ति वाली ध्वनि को सुन सकता है । ये निम्नतम तथा उच्चतम आवृत्तियाँ श्रव्यता की सीमाएँ कहलाती हैं ।
- Auger effect -- ओजेप्रभाव
- ओजे नामक फ्रांसीसी भौतिकीविद् के नाम से प्रसिद्ध एक प्रभाव जिसमें किसी परमाणु की उत्तेजित ऊर्जा अवस्था से निम्न ऊर्जा अवस्था तक ऐसा विकिरणहीन संक्रमण होता है जिसके साथ एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होता है ।
- autodyne circuit -- ऑटोडाइन परिपथ
- एक ऐसा निर्वात नलिका परिपथ जिसमें नलिका अवयव स्वतः युगपत हैट्रोडाइन दोलक एवं संसूचक का काम देते हैं ।
- autodyne reception -- आटोडाइन-अभिग्रहण
- इस तंत्र में आगत सिग्नल एक दोलित्र संसूचक के साथ विस्पंदित किया जाता है । जिससे श्रव्य विस्पंद आवृत्ति उत्पन्न की जाती है ।
- autogenous welding -- स्वतः संधान
- संधान का एक प्रक्रम जिसमें धातुओं के दो टुकड़ों को बिना झाले या अन्य धातु का प्रयोग न कर उनके सिरों को पिघलाकर जोड़ा जाता है । इस विधि का प्रयोग अक्सर दो विभिन्न धातुओं से उत्पन्न प्रभाव को दूर करने के लिए किया जाता है जो अन्यथा झाल या संधान धातु के प्रयोग से उत्पन्न हो सकते हैं ।
- autoignition temperature -- आत्मज्वलन ताप
- किसी भी पदार्थ (ठोस, द्रव या गैस) का आत्मज्वलन ताप वह न्यूनतम ताप है जिस पर (autoignition point) उसका स्वतंत्र रूप से दहन प्रारम्भ हो सके। ज्वलन ताप के आंकड़े, प्रयुक्त परीक्ष्य विधि तथा परीक्षण पात्र के साइज, आकार, द्रव्य तथा अन्य बातों पर निर्भर करते हैं और इसी कारण इनके मानों में पर्याप्त विचरण होता है। कुछ पदार्थों के आत्मज्वलन ताप निम्नलिखित हैः
- ऐसीटोन 10000F,
- एमिल ऐसीटेट 7500F,
- ऐनिलीन 10000F,
- ब्यूटेन 8060F,
- कार्बन डाइसल्फाइड 2120F,
- एथिल ईथर 3560F आदि।
- ऐसा यंत्र या उपकरण जिसका समंजन स्वतः हो जाए और उसके लिए किसी बाह्य बल की आवश्यकता न पड़े ।
- automatic frequency control (AFC) -- स्वचालित आवृत्ति नियंत्रक
- 1. एक इलेक्ट्रानीय परिपथ जो किसी दोलित्र की आवृत्ति को निर्दिष्ट सीमाओं में बनाए रखने के काम आता है। इसका उपयोग सिग्नल प्रेषित्र आदि में किया जाता है ।
- 2. ग्राही आदि में काम आने वाला एक इलेक्ट्रानीय परिपथ जो अपने स्थानीय दोलित्र को नियंत्रण करके किसी खास आवृत्ति के लिए अतिसंकरण अभिग्राही को बिल्कुल ठीक-ठाक समस्वरित करने में काम आता है ।
- 3. रेडार अतिसंकरण अभिग्राही में काम आने वाला एक परिपथ जो किसी स्थानीय दोलित्र आवृत्ति का इस प्रकार परिवर्तन करता है ताकि प्राप्त होने वाले प्रतिध्वनि सिग्नल के आवृत्ति परिवर्तनों का प्रतिकार किया जा सके।
- 4. दूरदर्शन-अभिग्राही में काम आने वाला एक परिपथ जो प्रसर्प दोलित्र की आवृत्ति को प्राप्त होने वाले सिग्नलों के तुल्यकालन स्पंदों की आवृत्ति के संगत बनाता है ।
- automatic gain control -- स्वचालित लब्धि-नियंत्रक
- 1. रेडियो-अभिग्राही में काम आने वाला एक प्रकार का इलेक्ट्रानीय परिपथ जिसका उपयोग अभिग्राही की निर्गम-प्रबलता को नियत बनाए रखने के लिए किया जाता है चाहे अभिग्राही पर लगे सिग्नल की तीव्रता में कितना ही परिवर्तन क्यों न हो।
- 2. अपने-आप कार्य करने वाली एक परिपूरक इलेक्ट्रानीय युक्ति जो किसी संचरण-तंत्र के निर्गम को तंत्र के क्षीणन में विस्तृत परिवर्तन होने पर भी अल्प परिसर के अंदर रखकर नियत बनाए रखती है ।
- 3. एक परिपथ जो प्राप्त होने वाले सिग्नलों की लंबी कतार अथवा वाहक का निम्न आवृत्ति पर माडुलन होने पर भी रेडार के अभिग्राही को संतृप्त नहीं होने देता।
- automatic tracking -- स्वतः अनुवर्तन
- रेडार में काम आने वाला एक ऐसा प्रक्रम जिसके द्वारा प्रतिध्वनि सिग्नल द्वारा चालू किया गया कार्य रेडार-किरणपुंज को स्वतः ही लक्ष्य पर टिकाए रखता है और साथ ही परास का निर्धारण भी करता है।
- automatic volume control (AVC) -- स्वतः प्रबलता-नियंत्रण
- निवेश-प्रबलता के परिवर्तनों के विशिष्ट परिसर में अपरिवर्ती निर्गम-प्रबलता प्राप्त करने की एक युक्ति।
- automatic welding -- स्वतः संधान
- चाप-संधान जिसमें चाप स्वतः संधानित रेखा के साथ चलता रहता है। साथ ही इलेक्ट्रोड-भरण और चाप-लंबाई का नियन्त्रण भी स्वतः होता रहता है।
- 1. स्वतः चालित साधनों द्वारा प्रक्रमों का कार्यान्वयन।
- 2. किसी प्रक्रम को अधिक स्वचालित बनाने का सिद्धांत, कला या तकनीक।
- 3. प्रक्रमों को स्वतःचालित, स्वतःगामी, या स्वतः नियंत्रक बनाने वाली विधियों का अन्वेषण, डिजाइन, विकास और अनुप्रयुक्ति ।
- autoprotolysis -- आत्म प्रोटोपघटन, आत्म प्रोटांशन
- वह प्रक्रम जिसमें कोई अणु अन्य समान अणु को प्रोटॉन या हाइड्रोजन आयन देता है। यह प्रक्रम पानी के आयनीकरण में होता है जबकि पानी के दो अणु एक हाइड्रोनियम आयन और एक हाइड्रॉक्सिल आयन देते हैं। 2H20 <=>H30+ + OH-
- autotransformer -- स्वचालित ट्रांसफ़ार्मर
- एक प्रकार का ट्रांसफ़ार्मर जिसमें कुंडली का कुछ हिस्सा दोनों परिपथों-प्राथमिक एवं द्वितीयक में उभयनिष्ठ होता है।
- autumnal equinox -- शरद विषुव, जल विषुव
- वह क्षण जब सूर्य उत्तर से दक्षिण को जाते हुए विषुव वृत्त को पार करता हुआ दिखाई देता है। यह प्रतिवर्ष 23 सितंबर को होता है। क्रांतिवृत्त के उस बिन्दु को भी शरद विषुव या जल विषुव कहते हैं जहाँ इस क्षण पर सूर्य की स्थिति हो।
- avalanche -- ऐवलांश, अवधाव
- इलेक्ट्रॉन-जनन का एक ऐसा गुणात्मक प्रक्रम जिसमें वैद्युत क्षेत्र द्वारा त्वरित कोई एकल आवेशित कण उदासीन गैस-अणुओं के साथ संघट्टन करने पर अतिरिक्त आवेशित कण उत्पन्न करता है जिनसे और अधिक आयनन होने पर आवेशित कणों का एक विशाल समुदाय बन जाता है ।
- किसी पहाड़ या ढलान से नीचे की ओर तीव्रता से सुढ़कता हुआ हिमपिंड या मिट्टी या चट्टानों आदि का बड़ा-सा ढेर ।
- avalanche -- अवधाव, ऐवलांश
- इलेक्ट्रॉन जनन का एक ऐसा गुणनात्मक प्रक्रम जिसमें वैद्युत क्षेत्र द्वारा त्वरित कोई एकल आवेशित कण उदासीन गैस अणुओं के साथ संघट्टन करने पर अतिरिक्त आवेशित कण उत्पन्न करता है जिनसे और अधिक आयनन होने पर आवेशित कणों का एक विशाल समुदाय बन जाता है।
- Avalanche (cosmic rays) -- अवधाव (अंतरिक्ष किरण)
- ऐसा संचयी प्रक्रम (cumulative process) जिसमें विद्युत से आविष्ट कणों का त्वरण वैद्युत बल के कारण इतना अधिक हो जाए कि गैस के अणुओं या परमाणुओं से टकराकर उतरोत्तर अधिकाधिक आविष्ट कण उत्पन्न कर दें ।
- avalanche break down -- एवलांशी भंग
- किसी अर्द्धचालक डायोड में अविनाशी भंग। जब किसी प्राचीर क्षेत्र के बीच वैद्युत क्षेत्र काफी तीव्र हो तो धारा-वाहकों की चालन इलेक्ट्रॉनों से टक्कर होती है और ऐसा होने से आयनन होता है एवं वाहकों का क्रमविनिमय गुणन हो जाता है। अकसर इसे जैनर भंग मान लेते हैं जो वास्तव में भिन्न होता है और जिसमें किसी प्राचीर क्षेत्र के बीच वैद्युत क्षेत्र काफी ऊँचा होता है जिससे कि एक प्रकार का क्षेत्र-उत्सर्जन पैदा होता है जो उस क्षेत्र में वाहकों की संख्या में एकाएक वृद्धि कर देता है।
- 1. मानों के किसी समुच्चय के लक्षणों और गुणधर्मों को संक्षिप्त रूप से निरूपित करने वाला कोई मान।
- 2. xi(i = 1,2,...n) द्वारा निरूपित राशियों के संदर्भ में निम्नलिखित व्यापक सूत्र द्वारा दिया गया A का मान
- (Formula)
- जहाँ qi भार है और
- y कोई स्वेच्छ राशि है।
- कभी-कभी समांतर माध्य को ही औसत या माध्य कहते हैं जो वस्तुतः उपर्युक्त सूत्र की एक विशेष स्थिति है।
- Avogadro`s hypothesis -- आवोगाड्रो की परिकल्पना
- [इटली निवासी आमिडियो आवोगाड्रो (Amedeo Avogadro) (1776-1856) के नाम पर]। सन् 1811 में आवोगाड्रो द्वारा प्रतिपादित नियम जिसके अनुसार समान ताप और दाब पर सभी गैसों के बराबर आयतनों में अणुओं की संख्या बरार होती है। अर्थात् किसी नियत ताप और दाब पर सभी गैसों के एक ग्राम-अणु द्रव्यमान का आयतन समान होता है।
- Avogadro`s number -- आवोगाड्रो संख्या
- किसी पदार्थ के एक ग्राम-अणु में विद्युमान अणुओं की संख्या। इसका मान 6.023 x 1023 प्रति ग्राम अणु होता है। साधारणतया यह N से निरूपित किया जाता है।
- axes of coordinates -- निर्देशांक-अक्ष
- 1. दो प्रतिच्छेदी सरल रेखाएँ जिनका प्रयोग समतल कार्तीय ज्यामिति में निर्देश रेखाओं के रूप में किया जाता है ।
- 2. एक सर्वनिष्ठ बिंदु पर मिलने वाली तीन सरल रेखाएँ जो त्रिविम कार्तीय ज्यामिति में तीन निर्देश-समतलों की प्रतिच्छेद रेखाएँ होती हैं।
- axiom -- 1. स्वयंसिद्ध 2. अभिगृहीत
- 1. वह नियम जिसका प्रमाण स्वयं उसमें ही निहित हो।
- 2. वह कथन जिसे बिना किसी उपपत्ति के स्वीकार किया जाता है। किसी गणितीय तंत्र के अभिगृहित वे आधारभूत साध्य होते हैं जिनसे अन्य सभी साध्यों को व्युत्पन्न किया जाता है।
- स्वतः सिद्ध और सर्वमान्य बात जिसे आधार मान कर विवेचन किया जाए। इसके प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती।
- axiom of choice -- वरण-अभिगृहीत
- गणितीय तर्कशास्त्र का निम्नलिखित अभिगृहीत-समुच्चयों के किसी संग्रह में प्रत्येक समुच्चय से एक खास अवयव को चुनने की एक विधि होती है जिसके अनुसार उस अवयव को उस समुच्चय के विशिष्ट अवयव के रूप में निर्दिष्ट कर सकते हैं। यदि समुच्चयों का कोई संग्रह A दिया हुआ हो तो एक ऐसे फलन f(s) का निर्धारण कर सकते हैं कि A के प्रत्येक समुच्चय S के लिए f(s) उसका एक अवयव होता है। पर्याय-जर्मेलो-अभिगृहीत।
- axiom of continuity -- सांतत्य-अभिगृहीत
- यह अभिगृहीत कि वास्तविक संख्या-अक्ष के प्रत्येक बिंदु की संगति में एक (परिमेय अथवा अपरिमेय) वास्तविक संख्या का अस्तित्व होता है।
- 1. एक सरल रेखा जिसकी चारों तरफ कोई पिंड अथवा त्रिविम आकृति घूर्णन करती है ।
- 2. एक सरल रेखा जिसका सापेक्षता में किसी पिंड, आकृति अथवा बिंदु-निकाय की अरीय अथवा पार्श्वीय सममिति होती है।
- 3. एक सरल रेखा जिसकी चारों ओर किसी रेखा, वक्र या समतल आकृति को घुमाकर किसी ठोस पिंड या पृष्ठ को जनित करते हैं ।
- 4. निर्देश-तंत्र की निर्देश-रेखाओं में से कोई एक रेखा (जैसे कार्तीय तंत्र में x-अक्ष)।
- axis of revolution -- परिक्रमण अक्ष
- वह रेखा जिसके चारों ओर कोई वस्तु परिक्रमण करती हो।
- axis of revolution -- परिक्रमण अक्ष
- वह रेखा जिसके चारों ओर कोई वस्तु परिक्रमण करती हो।
- axis of rotation -- घूर्णन अक्ष
- किसी वस्तु में ऐसी वास्तविक या कल्पित सीधी रेखा जिस पर वह वस्तु घूमती है, जैसे पृथ्वी का अक्ष।
- axis of symmetry -- सममिति अक्ष
- वह रेखा जिसके सापेक्ष कोई ज्यामितीय आकृति या विन्यास (configuration) सममित हो। दूसरे शब्दों में वह रेखा जिसके परितः किसी वस्तु अथवा बिन्दु विन्यास2/n को रेडियन के कोण के बराबर घुमाने पर वह स्वसंपाती (self coincidence) स्थिति में आ जाए अर्थात् उसकी इस नई स्थिति में और पूर्व स्थिति में कोई अन्तर न रहे। n का मान 1 से बड़ी कोई पूर्ण संख्या होना चाहिए। ऐसी दशा में उस वस्तु की सममिति n-गुणी कहलाती है और सममिति अक्ष भी n-गुणा अक्ष कहलाता है।
- वह धुरी या दण्ड जिस पर पहिए घूमते हैं।
- क्षितिज के दक्षिण बिंदु से पश्चिम की ओर क्षितिज के अनुदिश उस स्थान तक अंशों में मापी गई दूरी जहाँ तारे अथवा किसी अन्य खगोलीय पिंड से होकर जाने वाला ऊर्ध्वाधर वृत्त क्षितिज से मिलता है।
- azimuth (=bearing) -- दिशाकोण
- क्षैतिज तल में किसी वस्तु की दिशा को व्यक्त करने वाला कोण अर्थात् प्रेक्षण स्थल से उस वस्तु को जोड़ने वाली ऋजुरेखा के लंब प्रक्षेप (projection) और एक नियत निर्देश रेखा के बीच का कोण। इसे बेयरिंग (bearing) भी कहते हैं।
- azimuth (astron) -- दिगंश
- किसी तारे तथा खगोलीय शिरोबिन्दु में से जाने वाले ऊर्ध्वाधर समतल तथा प्रेक्षण स्थान के याम्योत्तर तल के बीच का कोण।
- azimuthal quantum number -- दिगंशी क्वांटम संख्या
- वह क्वांटम संख्या जिससे परमाणु में किसी इलेक्ट्रॉन की विशिष्ट क्वांटम अवस्था का कक्षा कोणीय संवेग लक्षित होता है और जिसका मान पूर्णोकों में शून्य से लेकर मुख्य क्वांटम संख्या के मान से एक कम तक हो सकता है। इसे कक्षीय क्वांटम संख्या भी कहते हैं।
- एक बैटरी जो किसी निर्वात नलिका के ऐनोड को धनात्मक वोल्टता प्रदान करती है।
- आयताकार रेडारदर्शी प्रदर्श जिसमें लक्ष्य एक चमकीले बिंदु की तरह दिखाई पड़ता है। इसमें लक्ष्य का दिग्मान, क्षैतिज निर्देशांक से और उसकी दूरी ऊर्ध्वाधर निर्देशांक से सूचित होती है। इसे B क्रमवीक्षण एवं परास दिग्मान प्रदर्श भी कहते हैं।
- B.E.T. adsorption theory -- बी.ई.टी. (ब्रूनावर, एमेट और टेलर) अधिचूषणवाद
- ठोसों पर गैसों और वाष्पों के अधिचूषण तथा उनसे प्राप्त विभिन्न अधिचूषण समतापी वक्रों (adsorption isotherm) की गुणात्मक व्याख्या करने के लिए सन् 1938 में ब्रूनावर, एमेट और टेलर द्वारा प्रतिपादित एक सिद्धांत। इसके मूल अभिगृहीत निम्नलिखित हैं:-
- (क) वाष्प-अधिचूषण एकस्तरीय न होकर बहुस्तरीय होता है तथा प्रत्येक स्तर लैंगम्यूर समीकरण का पालन करती है ।
- (ख) दूसरे अधिचूषित स्तर में औसत अधिचूषण ऊष्मा तीसरी और अगली अधिचूषित स्तर में औसत अधिचूषण ऊष्मा जितनी होती है तथा यह वाष्प की संघनन ऊष्मा के बराबर होती है ।
- (ग) पहले स्तर में औसत अधिचूषण ऊष्मा अन्य स्तरों की अधिचूषण ऊष्मा से भिन्न होती है। समीकरण का रैखिक-रूप निम्नलिखित है:-(Formula)
- जबकि p साम्य दाब, vअधिचूषित गैस का आयतन, Vm सम्पूर्ण सतह को एक अणु जितनी मोटी अधिशोषित गैस से ढकने के लिए आवश्यक गैस का आयतन, Ps वाष्प दाब तथा c स्थिर ताप पर एक स्थिरांक है। हार्किन ने इस समीकरण को बी.ई.टी. समीकरण नाम दिया। इस समीकरण की सहायता से सूक्ष्म विभाजित ठोस पदार्थों का पृष्ठ-क्षेत्रफल निकाला जा सकताहै।
- Babbit metal -- बैबिट धातु
- मृदु मिश्रातुओं का एक समूह जिनका प्रयोग बेयरिंग बनाने में होता है। अवस्तर धातु के साथ उनके अच्छे बंधक गुण होते हैं। वे अपने पृष्ठों पर तेल-परत बनाए रखते हैं तथा घर्षणरोधी होते हैं। इनका उपयोग संचित या मशीनित द्विधातुक बेयरिंगों के इस्पात-आधार पर पतली परत चढ़ाने में होता है। इसके मुख्य प्ररूप सीस मूलक, सीस-रजत मूलक, सीस-रजत मूलक, कैमियम मूलक और आर्सेनिकीय होते हैं। आर्सेनिकीय प्ररूप में 3 प्रतिशत तक आर्सेनिक होता है। इनकी धूल विषैली होती है।
- back bonding -- पश्च आबंधन
- किसी धातु के पूर्ण कक्षक का उस धातु के संलग्नी (ligand) या रिक्त कक्षक के साथ अतिव्यापन। इस प्रक्रम से धातु पर ऋण आवेश का जमाव सामान्यतया कम हो जाता है किन्तु केवल संलग्नी से धातु पर इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है।यह आबंधन अधिकतर अल्प ऑक्सीकरण-अवस्था वाले धातु-संकुलों में होता है, जैसे कार्बोनिल यौगिकों में।
- back firing -- पश्च-ज्वालन
- अंतर्दहन इंजन को चालू करने में होने वाला समयपूर्व ज्वलन। इसके कारण संपीडन चरण के समाप्त होने से पहले ही विस्फ़ोट हो जाता है और घूर्णन की दिशा उलट जाती है।
- back scattering -- पश्च प्रकीर्णन
- 1. किसी दिशिक ऐन्टेना द्वारा पीछे की ओर होने वाला अवांछित विकिरण।
- 2. किसी लक्ष्य से ऊर्जा का प्रदीपक रेडार की ओर होने वाला परावर्तित विकिरण।
- 3. कणों अथवा विकिरण का प्रकीर्णन प्रक्रमों द्वारा गति की मूल दिशा से 900 से अधिक कोण पर होने वाला विक्षेपण।
- background count -- पृष्ठभूमि गिनती
- विकिरणमापी गणित्रों में, नापे जाने वाले विकिरण के अतिरिक्त अन्य किसी आयनकारी विकिरण द्वारा उत्पन्न होने वाली गणना संख्या। ये आयनविकिरण प्रायः अन्तरिक्ष किरणें अथवा आस-पास के रेडियोऐक्टिव विकिरण होते हैं।
- background noise -- पृष्ठभूमि रव
- 1. अभिलेखन और पुनरूत्पादन के प्रसंग में तंत्र में उपस्थित कुल रव जो सिग्नल की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति पर निर्भर नहीं करता। इस रव में सिग्नल सम्मिलित नहीं होता।
- 2. रेडियो अभिग्राही में वाहक पर सिग्नल माडुलन के अभाव में होने वाला रव।
- 3. आवर्ती या यादृच्छिक अथवा दोनों प्रकार के श्रव्य विक्षोभों से उत्पन्न होने वाला रव ।
- 4. प्रोग्राम-सामग्री में बलात् प्रवेश कर जाने वाली कोई भी अवांछित ध्वनि जैसे कि डिस्क रिकार्ड में पृष्ठ की अपूर्णताओं से उत्पन्न होने वाली ध्वनि ।
- वह दूरी जहाँ तक किसी यंत्र का कोई एक भाग ढीला होने के कारण श्रृंखलित भागों को हटाए बिना अपने स्थान से हट जाए। जैसे किसी पेंच या गीयर की पिच्छट।
- backward difference -- पश्चांतर
- y=f(x) की अंतर-सारणी के संदर्भ में राशि f(x)=f(x)-f(x-h), जहाँ h स्वतंत्र चर xके दो क्रमागत मानों का अंतर है और जिसका संपूर्ण सारणी में एक ही मान होता है। इसका प्रयोग अंतर्वेशन-सूत्रों में होता है।
- backward difference operator -- पश्चांतर संकारक
- पश्चांतर की परिभाषा f(x)=f(x)-f(x-h) में आने वाला संकारक जिसका प्रयोग अंतर्वेशन की समस्याओं की समस्याओं में बीजीय समीकरणों के स्वतंत्र चर के रूप में किया जा सकता है।
- backward reaction -- प्रतीप अभिक्रिया
- वह अभिक्रिया जिसमें, सामान्य अवस्थाओं में, उत्पाद परस्पर अभिक्रिया कर पुनः अभिकारकों को उत्पन्न करते हैं। उदाहरणार्थ, A + B C+D इसमें A और B की परस्पर क्रिया से C और D उत्पाद प्राप्त होते हैं जिसे अग्र अभिक्रिया कहते हैं, तथा C और D परस्पर क्रिया कर A और B पुनः उत्पन्न करते हैं जिसे प्रतीप अभिक्रिया कहते हैं। इसके फलस्वरूप एक नियत ताप पर अन्ततः एक साम्यावस्था प्राप्त हो जाती है। इस साम्यावस्था पर सभी पदार्थों की सांद्रताएँ स्थिर होती हैं।
- backward reading vernier -- पश्चाभिपाठी वर्नियर
- इस प्रकार के वर्नियर में वर्नियर के n प्रभाग सामान्यतः मुख्य पैमाने के (n+1) प्रभागों के बराबर होते हैं और मुख्य पैमाने के प्रभागों से उलटी ओर पढ़े जाते हैं।
- backward wave -- पश्चगामी तरंग
- एक प्रकार की तरंग जो तरंग की सामान्य दिशा के विपरीत चलती है। उदाहरण के लिए किसी प्रगामी तरंग-नलिका में चलने वाली तरंग जिसका समूह-वेग उसकी इलेक्ट्रॉनधारा की गति के विपरीत दिशा में होता है अथवा किसी कुमेलित संचरण लाइन में परावर्तित तरंग।
- backward wave tube -- पश्च-तरंग-नली
- एक ऐसी गतिशील तरंग-नलिका जिसमें तरंग-संचरण की दिशा इलेक्ट्रॉन-धारा के विपरीत हो जाती है।
- Baeyer`s strain theory -- बेयर विकृतिवाद, बेयर स्ट्रेनवाद
- फॉन बेयर द्वारा प्रतिपादित विभिन्न कार्बन यौगिकों के आपेक्षित स्थायित्व की व्याख्या करने वाला एक सिद्धांत। इसके अनुसार कार्बन की चार संयोजकताएँ सामान्यतया आकाश में सममित रूप से दिष्ट रहती हैं और परस्पर 1090 28` का कोण बनाती हैं। इन संयोजकताओं की दिशाओं के विचलन से अणु में एक विकृति उत्पन्न हो जाती है जैसा कि द्वि-आबंध और वलय यौगिकों के बनने में होता है। इस सिद्धांत के आधार पर ऐलिसाइक्लिक यौगिकों का आपेक्षिक स्थायित्व समझाया जा सकता है।
- baffle -- बाधिका, व्यारोध
- 1. कोई भी परिरक्षी अथवा विक्षेपी संरचना या विभाजन।
- 2. किसी ध्वानिक तंत्र में दो बिन्दुओं के बीच बाह्य संचरण पथ की प्रभावी लम्बाई बढ़ाने के काम आने वाले विभाजन । आमतौर पर इनसे व्यतिकरण अथवा ध्वनि तीव्रता में कमी हो जाती है ।
- 3. किसी परिपथ विच्छेदक में तेल अथवा गैस का विक्षेपण करने की युक्ति ।
- 1. किसी इलेक्ट्रॉनीय निर्वात नलिका की नियन्त्रक ग्रिड पर लगने वाला एक दिष्ट धारा विभव जो नलिका का प्रचालन बिन्दु निर्धारित करता है ।
- 2. किसी ट्रांजिस्टर के नियंत्रक इलेक्ट्रोड पर लगने वाली दिष्ट धारा वोल्टता ।
- 1. व्यकलन की संक्रिया से प्राप्त फल।
- 2. किसी लेखा में जमा खाते में नामे खाते से अधिक बची हुई राशि ।
- आघूर्ण (moment) के सिद्धांत पर वस्तुओं के द्रव्यमान ज्ञात करने वाली एक तराजू। इसमें मध्य बिंदु पर आधारित धातु या लकड़ी का एक दृढ़ और हल्का दंड या लीवर होता है जिसके दोनों सिरों पर बराबर द्रव्यमान के दो पलड़े लटके होते हैं। एक पलड़े में वस्तु और दूसरे में बांट रखे जाते हैं। जब दोनों पलड़ों पर पृथ्वी का आकर्षण बराबर होता है तब लीवर क्षैतिज दिशा में हो जाता है। तुलाएँ कई प्रकार की होती हैं जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:-
- (1) कमानी तुला: इस्पात की सर्पिल कमानी वाला प्रत्यास्थता के आधार पर भार मापने का उपकरण जिसमें एक अंशांकित पैमाना लगा होता है। यह वस्तुतः द्रव्यमान को नहीं नापता किंतु वस्तु पर पृथ्वी के आकर्षण बल को नापता है। पहाड़ पर इसके द्वारा भार कम निकलता है क्योंकि वहाँ गुरूत्वाकर्षण कम होता है।
- (2) भौतिक तुला: यह साधारण तुला का ही एक सुग्राही रूप है। इसमें लीवर एक क्षुर धार पर आधारित रहता है। संतुलन की स्थिति दर्शाने के लिए दंड के मध्य में एक संकेतक लगा होता है।
- (3) रासायनिक तुला:दे. Chemical balance ।
- (4) एक पलड़ा तुला: यह रासायनिक तुला का ही संशोधित रूप है । इसमें बांट बाहर से नहीं रखे जाते, परंतु ये तुला के पिछले भाग में बंद रहते हैं जो घुंडी घुमाने पर स्वतः लीवर द्वारा दंड पर आ जाते हैं। ठीक-ठीक द्रव्यमान पैमाने पर पढ़कर ज्ञात हो जाता है। इसकी सहायता से द्रव्यमान दशमलव के पाँच और छः अंकों तक ज्ञात किया जा सकता है।
- आघूर्ण के सिद्धांत पर दो द्रव्यमानों की तुलना करने वाली तराजू। इसमें मध्य बिंदु पर आधारित धातु या लकड़ी का एक दृढ़ और हल्कादंड अथवा लीवर होता है जिसके दोनों सिरों पर बराबर द्रव्यमान के दो पलड़े लटके रहते हैं। एक पलड़े में वस्तु रखी जाती है और दूसरे में बाँट। जब दोनों पलड़ों पर पृथ्वी का आकर्षण बराबर होता है तब लीवर क्षैतिज दिशा में हो जाता है।
- balanced modulator -- संतुलित मॉडुलित्र
- एक प्रकार का आयाम मॉडुलक जिसमें दो नलिकाओं के नियंत्रक-ग्रिडों को समांतर प्रचालन के लिए तथा आवरक ग्रिड एवं प्लेटों को कर्षापकर्षी प्रचालन के लिए जोड़ दिया जाता है। मॉडुलन के बाद निर्गम में बिना वाहक के दो पार्श्व-बैंड होते हैं।
- Balbach process -- बेल्बैक प्रक्रम
- सोने और चांदी को पृथक करने का विद्युत अपघटनी प्रक्रम। जिस धातु को पृथक करना हो उसका ऐनोड बनाया जाता है। विद्युत् अपघटन सिल्वर नाइट्रेट के अवगाह में होता है और चाँदी कैथोड पर जमा होती है।
- ballb earing -- बाल-बेयरिंग
- ऐसा बेयरिंग (bearing) जिसमें घूर्णनशील भाग की धुरी इस्पात की गोलियों पर घूमती है। सरलतापूर्वक घूमती हुई ये गोलियाँ सर्पी घर्षण (sliding friction) को लोटनिकी घर्षण (rolling friction) में परिवर्तित कर गति को सुगम कर देती है।
- (क) अस्त्रों (missiles) के फेंकने की क्रिया से या अस्त्र विज्ञान से संबंधित।
- (ख) क्षणिक धक्के के कारण दोलन करने वाला, जैसे प्राक्षेपिक गैल्वैनोमीटर ।
- ballistic galvanometer -- गैल्वैनोमीटर, प्रक्षेप
- क्षणिक धारा से विद्युत् आवेश की जो मात्रा किसी परिपथ में प्रवाहित होती है उसे मापने के अनुकूल बनाया गया गैल्वैनोमीटर। इसमें धारा के प्रवाह काल की अपेक्षा गैल्वैनोमीटर के चल-भाग के दोलन का आवर्त काल बहुत अधिक होना आवश्यक है और उसका अवमंदन भी बहुत कम होना चाहिए। इसमे कोई स्थायी विक्षेप (deflection) नहीं होता अतः विद्युत् आवेश को गैल्वैनोमीटर के प्रथम प्रक्षेप (throw) अर्थात् पहली बार के विक्षेप के अधिकतम मान के द्वारा नापा जाता है।
- ballistic missile -- प्रक्षेपास्त्र
- एक ऐसा मिसाइल जिसका डिजाइन मूलरूप से प्राक्षेपिकी के नियमों के अनुसार बनाया जाता है। प्रक्षेप-पथ के उपरिमुखी भाग में शक्ति चालित उड़ान के दौरान तो इसका निर्देशन किया जाता है किन्तु उड़ान के बाद की लक्ष्योन्मुख अवस्थाओं में यह केवल मुक्त रूप से गिरने वाला एक पिंड रह जाता है।
- ballistic missile -- प्रक्षेपास्त्र
- वह अस्त्र जिसका उड़ान के प्रारंभिक चरणों में शक्ति दी जाती है और शक्ति हटा लेने के बात वह एक उच्च वक्रित प्रक्षेप-पथ में चलने लगता है।
- ballistics -- अस्त्र विज्ञान / प्राक्षेपिकी
- प्रक्षेप्य और उसकी गति सम्बन्धी विज्ञान विशेषतः बन्दूकों और तोपों से निकले हुए गोले की गति का विज्ञान।
- Balmer series -- बॉमर श्रेणी
- परमाण्वीय हाइड्रोजन के दृश्य स्पेक्ट्रम में स्पेक्ट्रम रेखाओं का एक समूह जिनकी तरंग आवृत्ति का मान निम्नलिखित सूत्र से प्राप्त होता है
- u = Rc (1/n12-1/n22)
- जिसमें u तो तरंग संख्या आवृत्ति है, तथा
- c प्रकाश का वेग,
- R रिड्वर्ग स्थिरांक है और
- n1 = 2 तथा n2 के विभिन्न पूर्णांकी मान होते हैं।
- 1. दो निश्चित सीमाओं के बीच आवृत्तियों का कोई भी परिसर।
- 2. अधिकृत प्राधिकरण द्वारा किसी प्रकार की रेडियो-सेवा के लिए निर्धारित रेडियो-चैनलों का समूह ।
- 3. किसी इलेक्ट्रानिक कंप्यूटर में चुंबकीय ड्रम पर लीकों अथवा चैनलों का समूह ।
- 1. दो निश्चित सीमाओं के बीच आवृत्तियों का कोई भी परिसर।
- 2. अधिकृत प्राधिकरण द्वारा किसीविशेष प्रकार की रेडियो-सेवा के लिए निर्धारित रेडियो-चैनलों का समूह ।
- 3. किसी इलेक्ट्रानिक अभिकलित्र में चुंबकीय ड्रम पर लीकों अथवा चैनलों का समूह ।
- band chart -- पट्ट संचित्र
- ऐसा संचित्र जिसमें विभिन्न घटकों के योग के रूप में निरूपित राशियों के विचरण का प्रदर्शन इस प्रकार जाता है कि उसमें घटकों का विचरण भी निरूपित होता हो और यह विचरण संचित्र में पट्ट के रूप में दिखाई देता हो।
- band expansion factor -- बैंड-विस्तारी गुणक
- रेडियो में चैनल बैंड-चौड़ाई का माडुलक आवृत्ति के साथ अनुपात। यह विचलन अनुपात का दुगुना होता है।
- band pass filter -- बैंड पारक फ़िल्टर
- एक ऐसा तरंग फ़िल्टर जो उन प्रत्यावर्ती धाराओं को तो पार कर देता है जिनकी आवृत्तियाँ निर्दिष्ट उच्च एवं निम्न अंतक मानों के बीच होती हैं किन्तु बैंड से बाहर वाली सभी आवृत्तियों को यथेष्ट रूप से क्षीण कर देता है।
- band pass filter -- बैंड पारक फ़िल्टर
- एक ऐसा तरंग-फ़िल्टर जो उन प्रत्यावर्ती धाराओं को तो पार कर देता है जिनकी आवृत्तियाँ निर्दिष्ट उच्च एवं निम्न अंतक मानों के बीच होती हैं किन्तु बैंड से बाहर वाली सभी आवृत्तियों को यथेष्ट रूप से क्षीण कर देता है।
- अनेक आवृत्ति बैंड में से किसी एक बैंड पर अभिग्राही सिग्नल जनित्र अथवा प्रेषित्र का प्रचालन करने वाला एक स्विच। इसे बैंड स्विच भी कहते हैं।
- band spectrum -- बैंड स्पेक्ट्रम
- अणुओं का एक बैंडाकृति वाला स्पेक्ट्रम जिसमें अति निकट अंतराल वाली रेखाओँ के समूह अथवा बैंड होते हैं। बैंड स्पेक्ट्रम का निर्माण केवल अणुओं के कंपन और घूर्णन से होता है।
- band spectrum -- बैंडस्पैक्ट्रम
- एक प्रकार का स्पैक्ट्रम जिसमें साधारणतया कई बैंड अर्थात् पट्टियाँ दिखाई देती हैं। उच्च विभेदन करने पर प्रत्येक बैंड में बहुत-सी बारीक रेखाएँ अलग-अलग दिखाई देती हैं। बैंड स्पैक्ट्रम की उत्पत्ति अणुओं की आंतरिक ऊर्जा के परिवर्तन से होती है इसलिए इसे आणविक स्पैक्ट्रम भी कहते हैं।
- band spreading -- बैंड-विस्तारण
- 1. आवृत्ति के किसी सघन बैंड में से किसी एक आवृत्ति का चयन करने के लिए इस बैंड को पूरी मापनी पर फैलाने की विधि। बैंड-विस्तारण के लिए प्रत्येक मुख्य समस्वरक संधारित्र के साथ एक ट्रिगर-संधारित्र लगा होता है।
- band width -- बैंड की चौड़ाई
- 1. किसी निर्दिष्ट तरंग बैंड की आवृत्ति सीमाएँ।
- 2. किसी निर्धारित प्राकृतिक तन्त्र में उच्चतम और निम्नतम आवृत्ति घटकों के बीच हर्ट्ज में अभिव्यक्त अन्तर जो प्रतिकृति सिग्नलों के उपर्युक्त प्रेषण के लिए आवश्यक होता है ।
- 3. आवृत्तियों का एक परिसर जिसमें किसी युक्ति के निष्पादन अभिलक्षण निर्दिष्ट सीमाओं के अन्दर रहते हैं ।
- band width -- बैंड-विस्तार
- 1. बैंड की सीमांत आवृत्तियों के बीच का अंतर।
- 2. किसी युक्ति के प्रसंग में आवृत्तियों का एक परिसर जिसके अंदर किसी अभिलक्षण के सापेक्ष कार्य-निष्पादन किसी विशेष सीमा के अंदर होता है ।
- bang-bang control -- बैंग-बैंग-नियंत्रण
- एक प्रकार का मिसाइल अथवा चालक-रहित वायुयान-नियंत्रक तंत्र जिसमें सर्वोगति के सभी संशोधनों को पूरी तौर पर लगाया जाता है ताकि दो स्थितियाँ अथवा चालू-बंद नियंत्रण प्राप्त किया जा सके।
- दाब का एक मात्रक जो 105Nm-2 के बराबर होता है। यह मात्रक लगभग 1 वायुमणडल दाब के बराबर होता है। 1 बार=105 Nm-2 = 0.986923 वायुमण्डल
- bar -- परीक्षण रेखा, धारी
- टेलीविजन में एक ऊर्ध्वाधर अथा क्षैतिज कृष्णरेखा जिसका उपयोग परीक्षण विन्यास के रूप में किया जाता है।
- bar generator -- धारी जनित्र
- एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिय सिग्नल जनित्र जो एक समान कालान्तराल वाली स्पन्द उत्पन्न करता है। किसी टेलीविजन तंत्र की तुल्यकालक स्पन्दों के द्वारा इन स्पन्दों का तुल्यकालन किया जाता है जिससे टेलीविजन के पर्दे पर एक अप्रगामीधारी-चित्राम बन जाता है।
- सीधा दण्डाकार चुंबक।
- barium glass -- बेरियम कांच
- ऐसा कांच जिसमें साधारण चूना-सोडा कांच में उपस्थित कुछ कैल्सियम ऑक्साइड के स्थान पर बेरियम ऑक्साइड रहता है।
- barkhousen criterion -- बार्कहाउजेन कसौटी
- दोलित्रों के डिजाइन एवं विश्लेषण में काम आने वाली एक कसौटी। इसे निम्नलिखित समीकरण से दर्शाया जाता है
- Kr = 1/β
- जहाँ Kr निवेश से निर्गत तक होने वाला किसी तंत्र का संपूर्ण प्रवर्धन है, और β पुनर्भरण गुणक है। इस प्रकार
- β= निवेशी पुनर्भरण वोल्टता /निर्गम वोल्टता
- कभी-कभी किसी दोलित्र के लिए बार्कहाउजेन कसौटी को बार्कहाजेन स्थिति कहा जाता है।
- नाभिकीय अनुप्रस्थ परिच्छेद की माप के लिए काम आने वाले क्षेत्रफल का एक मात्रक-1 बार्न=10-28m2 यह मान इसलिए लिया गया था क्योंकि सभी उद्देश्यों के लिए अधिकांश नाभिकों के अनुप्रस्थ परिच्छेद के परास 10-23 से 10-31m2 तक सीमित रहते हैं।
- Barnard`s star -- बर्नार्ड तारा
- अमरीकी खगोलविद् बर्नार्ड द्वारा 1916 में पता किया गया एक तारा जिसकी निजी गति अभी तक ज्ञात तारों में सर्वाधिक है। इसका कांतिमान 10 वीं कोटि का है और सूर्य से केवल 6.1 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है।
- समय के साथ वायुमंडल के दाब के परिवर्तन को स्वतः अंकित करने वाला उपकरण।
- barometer -- बैरोमीटर (=वायुदाब मापी)
- वायुमंडल का दाब मापने का उपकरण। इसके द्वारा मौसम के संभावी परिवर्तनों के बारे में निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं। सामान्यतः इसमें एक कांच की नली का खुला सिरा पारे की कुंडी में डूबा रहता है और दूसरा सिरा बन्द होता है। इसकी सब हवा निकाल देने पर पारा नली में चढ़ जाता है और इस पारद-स्तम्भ का दाब कुंडी के पारे पर पड़ने वाले वायुमण्डल के दाब के बराबर हो जाता है। इस पारद-स्तम्भ की ऊँचाई के द्वारा इस दाब को व्यक्त किया जाता है।
- barometric height -- बैरोमीटर स्तम्भ की ऊँचाई (=वायुदाबमापी स्तम्भ की ऊँचाई)
- वायुदाबमापी की नली में पारे के ऊपरी पृष्ठ की तथा नली के बाहर कुंडिका के पारे के पृष्ठ की ऊँचाइयों का अंतर जिसके द्वारा वायुमंडल का दाब नापा जाता है।
- barometric pressure -- बैरोमीटर दाब (=वायुमंडलीय दाब)
- वायुमंडल का दाब, जिसे साधारणतया पारद-स्तम्भ की ऊँचाई से व्यक्त किया जाता है। वस्तुतः यह इतनी ऊँचाई वाले तथा एक वर्ग सेन्टीमीटर अनुप्रस्थ काट वाले पारद-स्तम्भ के भार के बराबर होता है। समुद्र-तल पर मानक दाब 1.013 x 106 की ऊँचाई के द्वारा व्यक्त किया जाता है।
- वायुदाबमापी द्वारा दाब मापने का प्रक्रम और विज्ञान।
- baroscope -- वायुदाबदर्शी
- वायुमंडल के दाब में परिवर्तन दिखाने वाला एक उपकरण। स्थूल रूप से मौसमी परिवर्तनों का पूर्वानुमान करने वाला उपकरण।
- barrel distrotion -- बैरल-विरूपण, ढोलकाकार विरूपण
- टेलिविज़न में प्राप्त होने वाले चित्र की एक विकृति जिससे चित्र चारों ओर से बैरल की तरह बाहर की ओर उभरा होता है।
- ऐसा तेजमापी जिसमें प्रतिरोधकता के धनात्मक ताप-गुणांक वाली धातु फिल्म या एक सूक्ष्म तार होता है जिससे ताप के अनुरूप प्रतिरोध में वृद्धि होती है। इसका प्रयोग सूक्ष्म तरंग युक्तियों में शक्ति मापने में किया जाता है। यह थर्मिस्टर के विपरीत होता है जिससे ताप की वृद्धि से प्रतिरोध का ह्रास होता है।
- व्यापार की वह विधा जिसमें एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का लेन-देन होता है और मुद्राओं का प्रयोग नहीं होता।
- 1. किसी पिंड का वह बिंदु जिसमें से होकर पिंड के प्रत्येक बिंदु पर लगे हुए गुरूत्वाकर्षण-बलों का परिणामी बल गुजरता है, चाहे पिंड को किसी भी स्थिति में रखा गया हो।
- 2. किसी त्रिभुज का वह बिंदु जिस पर त्रिभुज के शीर्ष से सामने की भुजा के मध्य बिंदु को मिलाने वाली रेखाएँ एक दूसरे को काटती हैं ।
- 1. किसी ट्रांजिस्टर के उत्सर्जक और संग्राही के बीच का क्षेत्र। इस क्षेत्र में से उत्सर्जक से आने वाले आवेश-वाहकों का संग्राही के प्रति पारगमन होता है। ट्रांजिस्टर में इसका वही कार्य होता है जो इलेक्ट्रॉन-नलिका में ग्रिड का। इसका प्रतीक B है।
- 2. राकेट विज्ञान में कोई संभरण अथवा प्रचालन-केंद्र ।
- 1. किसी ट्रांजिस्टर के उत्सर्जक और संग्राही के बीच का क्षेत्र। इस क्षेत्र में से उत्सर्जक से आने वाले आवेश-वाहकों का संग्राही के प्रति पारगमन होता है। ट्रांजिस्टर में इसका वही कार्य होता है जो इलेक्ट्रॉन-नलिका में ग्रिड का। इसका प्रतीक B है।
- 2. राकेट विज्ञान में कोई संभरण अथवा प्रचालन-केंद्र ।
- 1. (संख्या आधार) एक से बड़ी कोई वास्तविक संख्या जिसका प्रयोग वास्तविक संख्याओं को स्थानात्मक पद्धित में निरूपित करने में किया जाता है। कोई भी संख्या ajnj के रूप के पदों में परिमित या अनंत योग के रूप में व्यक्त की जाती है जहाँ j और aj ऐसे पूर्णांक हैं कि 0≤aj≤n-1 उदाहरणार्थ दशमिक प्रणाली का
- 45 = 1 x 25 + 0 x 24 + 1x23 + 1x22 + 0x21 + 1x20 = 101101 (आधार 2) 4/3= 1x 100 +3x10-1 + 3x10-2+......= 1.333... (आधार 10)।
- 2. (लघुगणक का आधार) दे. Logarithm
- 3. किसी ज्यामितीय आकृति की वह भुजा (अथवा फलक) जिससे प्रायः आकृति की ऊंचाई मापी जाती है ।
- 4. (सांस्थितिक समष्टि का आधार) किसी सांस्थितिक समष्टि x के विवृत उपसमुच्चयों का एक ऐसा समुच्च्य B कि x का प्रत्येक विवृत उपसमुच्चय B के समुच्चयों का सम्मिलन हो ।
- 1. इलेक्ट्रॉन नलिका का वह विद्युतरोधी भाग जिससें पिन प्रणायक एवं दूसरे टर्मिनल होते हैं जिनके साथ सीधे अथवा सॉकेट के द्वारा बाह्य संबंधन किए जाते हैं।
- 2. मुद्रित परिपथ पट्ट पर प्लास्टिक, सिरेमिक अथवा कोई और अवरोधी भाग जिसका उपयोग मुद्रित तार विन्यास को थामने के लिए किया जाता है ।
- 3. एक प्रकार की प्लास्टिक फ़िल्म जिसका उपयोग चुम्बकीय टेप के चुम्बकीय चूर्ण अथवा फ़ोटोग्राफ़िक फ़िल्म इमल्शन के लिए आधार रूप में किया जाता है ।
- 4. वह पूर्णांक जिसके साथ कम्प्यूटरों की स्थानगत अंकर पद्धति में संपूर्ण अंक संबंधित होते है। उत्तरोत्तर अंक, आधार के उत्तरोत्तर घातांकी के गुणांक होते हैं । आम आधार 2,8 एवं 10 हैं । ये मूलांक भी कहलाते हैं ।
- त्रिभुज के आधार के दो सिरों पर के कोण ।
- किसी खास वाहक के माडुलन में काम आने वाला आवृत्ति बैंड जो सभी प्रेषित सिग्नलों में पाया जाता है। उदाहरण के लिए टेलिविजन में इस प्रकार का बैंड चित्र-प्रेक्षण एवं तुल्यकालन के काम आता है।
- base metal -- 1. अपधातु 2. आधार धातु 3. क्षारक धातु
- 1. जस्त, सीसा और पीतल आदि कोई धातु अथवा मिश्रातु जो उत्कृष्ट धातुओं की अपेक्षा सस्ते होते हैं और कुछ गुणधर्मों (जैसे संक्षारणरोध) में घटिया होते हैं।
- 2. कोई धातु जिस पर लेपन अथवा पट्टन किया जाता है ।
- 3. कोई धातु जिसका हाइड्रॉक्साइड पानी में घुल जाता है ।
- 1. किसी सदिश समष्टि का एक ऐसा रैखिकतः स्वतंत्र समुच्चय कि समष्टि के प्रत्येक सदस्य का निरूपण उसके सदस्यों के रैखिक संचय के रूप में किया जात सकता हो।
- 2. किसी सांस्थितिक सदिश समष्टि X के सदिशों का एक ऐसा अनुक्रम कि X के प्रत्येक x काƩ x = Ʃajxj
- के रूप में निरूपण किया जा सके ।
- रेडियोऐक्टिव पदार्थों से बीटा क्षय प्रक्रम में उत्पन्न होने वाले बीटा कणों की धारा ।
- bathochromic group -- वर्णापकर्षी समूह
- कोई मूलक, अणु या समूह जो किसी यौगिक में प्रविष्ट किए जाने पर उस यौगिक के अवशोषण-स्पेक्ट्रम को रक्त या अवरक्त की ओर विस्थापित करता है। स्पेक्ट्रम के इस विस्थापन को वर्णापकर्षी-सृति (bathochromic shift) कहते हैं।
- दो या दो से अधिक से जो वैद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए उचित रूप से जुड़े होते हैं।
- अधिक धारा या वोल्टता प्राप्त करने के लिए दो या दो से अधिक संचायकों (accumulators) या प्राथमिक सैलों का श्रेणीबद्ध अथवा पार्श्वबद्ध समूह।
- battery eliminator -- बैटरी-विलोपक
- एक ऐसी युक्ति जिसमें बैटरी की जगह किसी प्रत्यावर्ती धारा से दिष्ट धारा प्राप्त की जाती है।
- battrery charger -- बैटरी आवेशक
- एक दिष्टकारक यूनिट जो संचायक बैटरी को आवेशित करने के लिए a.c. शक्ति को d.c. शक्ति में बदलने में काम करता है।
- आपेक्षिक घनत्व या हाइड्रोमीटर पैमाना जो धीरे-धीरे अप्रचलित होता जा रहा है। बोमे और आपेक्षिक घनत्व का संबंध इस प्रकार है-
- (1) डिग्री बोमे = 1400/600/600F-1300 (पानी से हल्के द्रवों के लिए )
- (2) डिग्री बोमे =1450 -1450 /600/600F(पानी से भारी द्रवों के लिए )
- हाइड्रोमीटर, वेस्टफाल तुला या पिक्नोमीटर द्वारा आपेक्षिक घनत्व मालूम किया जाता है और उपर्युक्त सूत्र द्वारा डिग्री बोमे में बदल दिया जाता है। प्रायः इस पैमाने का उपयोग पेट्रोलियम उद्योग में तथा मुख्यतः निमज्जन-नियंत्रण और प्रवाह-लेपन प्रक्रमों में होता है।
- 1. संकेद्रित रूप में विद्युत्-चुम्बकीय विकिरण का एकदिशीय प्रवाह जो समांतर, अभिसारी या अपसारी प्रकार का हो सकता है।
- 2. विकिरित ऊर्जा अथवा इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉनों जैसे कणों का एकदिशीय प्रवाह ।
- 3. ध्वनि तरंगों का संकेन्द्रित एकदिशीय प्रवाह ।
- beam current -- किरणपुंज-धारा
- इलेक्ट्रॉन-किरणपुंज में इलेक्ट्रॉनों के वेग और संख्या से निर्धारित होने वाली विद्युत-धारा।
- beam of a balance -- तुला दण्ड
- तुला का दण्ड जिसके छोर पर पलड़े लटकाए जाते हैं।
- beam of light -- किरण पुंज
- प्रकाश की किरणों का समूह।
- beam power tube -- किरणपुंज-शक्ति-नलिका
- एक प्रकार की इलेक्ट्रॉन-किरण-पुंज-नलिका जिसमें इसकी शक्ति संधारण-क्षमता को दिष्ट इलेक्ट्रॉन-किरण-पुंजों के द्वारा बढ़ाया जाता है। इसमें नियंत्रक ग्रिड और आवरक ग्रिड बिल्कुल एक सीध में होते हैं और किरणपुंज बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनों का संकेंद्रण प्रायः विशेष प्रकार के विक्षेपक इलेक्ट्रोडों द्वारा किया जाता है। इसे किरणपुंज टेट्रोड भी कहते है।
- beam width [(aperture angle) (apex angle)] -- किरणपुंज कोण, द्वाराक कोण, शीर्षकोण
- रेडियो, रेडार अथवा किसी अन्य किरणपुंज की कोणीय चौड़ाई जो क्षेत्र की अर्ध शक्ति वाले बिन्दुओं अथवा अन्य निर्देश रेखाओं के बीच मापी जाती है।
- bearing -- दिक्मान, दिक्कोण
- किसी स्थान से देखने पर किसी वस्तु या बिंदु की आपेक्षिक क्षैतिज दिशा। इसे प्रायः उत्तर दिशा से दक्षिणावर्त अभिदिशा में O0 से 3600 तक मापा जाता है। कभी-कभी किसी मुख्य दिशा से अगली मुख्य दिशा तक की अभिदिशा में O0 से 900 तक के माप के रूप में भी इसको व्यक्त करते हैं। जैसे पूर्व 600 दक्षिण आदि।
- किसी अरैखिक इलेक्ट्रानिक युक्ति पर दो भिन्न आवृत्ति वाली ज्वावक्रीय तरंगें लगने पर उत्पन्न होने वाली एक तरंग जिसकी आवृत्ति इनकी अंतर आवृत्ति के बराबर होती है।
- लगभग बराबर आवृत्ति की तरंगों के व्यतिकरण (interference) से उत्पन्न आयाम की आवर्ती घट-बढ़। प्रति सेकंड विस्पंदों की संख्या तरंगों की आवृत्तियों के अंतर के बराबर होती है।
- beat frequency -- विस्पंद आवृत्ति
- एक सेकंड में होने वाले विस्पंदों की संख्या जो दोनों मूल तरंगों की आवृत्तियों के अंतर के बराबर होती है।
- beat frequency -- विस्पंद आवृत्ति
- दो अलग-अलग आवृत्तियों के संयोग से उत्पन्न होने वाली दो अतिरिक्त आवृत्तियों में से एक आवृत्ति। एक विस्पंद आवृत्ति दोनों मूल आवृत्तियों के योग से और दूसरी इनके अंतर से बनतीहै।
- beat frequency oscillator -- विस्पंद आवृत्ति दोलित्र
- एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनीय दोलित्र जिसकी निर्गत आवृत्ति, दो दोलित्रों की निर्गत आवृत्तियों के योग अथवा अंतर से प्राप्त होती है। इस प्रकार के दोलित्र का अधिकतर उपयोग श्रव्य आवृत्तियों को उत्पन्न करने के लिए होता है।
- Beattie Bridgeman`s equation -- बीटि-ब्रिजमन समीकरण
- किसी गैस के दाब, आयतन, ताप और गैस-नियतांक में संबंध स्थापित करने वाले अवस्था-समीकरण का एक रूप। बीटि-ब्रिजमन समीकरण अनेक कारणों से अणु-समुच्चयन द्वारा अणुओं की प्रभावी संख्या में कमी के लिए संशोधन प्रस्तुत करता है। यह इस प्रकार है-
- P = RT (1- ɛ )/V2 (V + B) - A/V2
- P=दाब
- V=आयतन
- T=परम ताप
- r=गैस नियतांक तथा A,B और ɛ स्थिरांक है जिनका पाँच अन्य आनुभाविक स्थिरांकोंAo]Bo] a,b और c के साथ निम्नलिखित संबंध है।
- A = Ao (1 - a/V) B = Bo (1 - b/V) ε = c/VT3
- Beckmann thermometer -- बेकमान थर्मामीटर
- बेकमान उपकरण के लिए प्रयुक्त एक थर्मामीटर जो लगभग 60C के परास में 0.010C तक ताप पढ़ सकता है । यह अत्यन्त सुग्राही पारद थर्मामीटर है जिसका प्रयोग हिमांक अवनमन और क्वथनांक-उन्नयन विधियों द्वारा अणुभार के निर्धारण में किया जाता है ।
- Beer - Lambert Law -- बियर - लैम्बर्ट नियम
- वह प्रकाश रासायनिक नियम जिसके अनुसार अवशोषित प्रकाश की मात्रा, अवशोषी स्तर की मोटाई (d) तथा स्तर में अवशोषित पदार्थ के आणविक सांद्रण (c) पर निर्भर करती है । इसे निम्नलिखित रूप में लिख सकते हैं ।1 = loe-kcd जबकि Io आपाती विकिरण की और I पारगत विकिरण की तीव्रताएँ हैं तथा k एक स्थिरांक है जो आणविक अवशोषण-स्थिरांक कहलाता है । यह नियत आवृत्ति वाले प्रकाश के लिए अवशोषी पदार्थ का लाक्षणिक होता है । यह नियम केवल तनु विलयनों के लिए सार्थक है ।
- ऐलेक्जैंडर ग्राहम बेल के नाम से प्रसिद्ध शक्ति-तुलना का एक मात्रक जो शक्तियों की दो मात्राओं के अनुपात के 10 आधारी लॉगेरिथम के बराबर होता है । इसमें से एक शक्तिमान तो विचाराधीन शक्ति-स्तर P1 और दूसरा शक्तिमान एक निर्देश स्तर P2 होता है । आमतौर पर बेल के दसवें भाग डेसिबेल का उपयोग किया जाता है ।
- गणितीय रूप में बेल (bel) = log10(P1/P2)
- bell shaped curve -- घंटाकार वक्र
- एक सममित बारंबारता वक्र जो प्रायः किसी संतत बारंबारता बंटन का वक्र होता है और जो आकार में किसी घंटे के ऊर्ध्वाधर परिच्छेद से मिलता जुलता है ।
- bell-jar -- बेलजार (= घंटाकार आच्छादन = घंटाकार ढकना)
- घंटे की आकृति का ढक्कन जो प्रायः काँच या किसी पारदर्शक पदार्थ का होता है ।
- 1. फ़ोटो के कैमरे में लेन्स तथा प्लेट के बीच की चमड़े या कपड़े की प्रकाश अभेद्य थैली जिससे इन दोनों के बीच की दूरी बदलकर स्पष्ट प्रतिबिंब प्राप्त किया जाता है
- 2. ऐसा उपकरण जो क्रमशः फूलकर और सिकुड़कर वाल्व या किसी छेद के द्वारा हवा खींचता है और उसे बलपूर्वक एक नल द्वारा बाहर फेंकता है । इसका उपयोग भट्टी की आग को प्रज्वलित करने के लिए होता है ।
- bench error -- बेंच त्रुटि
- प्रकाशिक बेंच पर लगे स्केल द्वारा प्रेक्षित दूरी तथा माप्य दूरी के वास्तविक मान का अन्तर । यदि प्रेक्षित दूरी अधिक होती है तो त्रुटि धनात्मक अन्यथा ऋणात्मक कहलाती है। हमेशा इस त्रुटि को प्रेक्षित दूरी में से घटाकर वास्तविक दूरी निकाली जाती है ।
- bending moment -- वंकन-आघूर्ण
- किसी दंड के किसी अनुप्रस्थ परिच्छेद के उदासीन अक्ष के सापेक्ष दंड पर वंकन उत्पन्न करने वाले वलों के तंत्र का परिणामी आघूर्ण ।
- benzene ring -- बेन्जीन वलय
- एक समष्टभुज जिसका प्रयोग बेन्जीन में छः कार्बन परमाणुओं की अणु-संरचना प्रदर्शित करने के लिए होता है । बाईं ओर दी गई संरचना कार्बन परमाणुओं की संख्यांकित स्थितियाँ बतलाती हैं तथा दाई ओर दी गई संरचना p-कक्षकीय वितरण बतलाती हैं।
- ऐक्टिनाइड श्रेणी का एक संश्लिष्ट रेडियोएक्टिव धातु । परमाणु क्रमांक 97, प्रतीक Bk । रेडियोएक्टिव क्षय के कारण इसकी अल्पायु होती है । इसे सबसे पहले कनिंघम और टॉम्सन ने 1959 में 243 समस्थानिक के रूप में साक्लोट्रॉन में अमरीशियम पर हीलियम आयनों की बमबारी से बनाया था । बर्केलियम के रासायनिक गुणों का अनुरेखी तकनीक द्वारा अध्ययन किया गया है जो अन्य परा यूरेनियम तत्वों के गुणों के सदृश हैं । इलेक्ट्रॉन-संरचनाः
- IS2 2s22p6 3s23p63d10 4s24p64d10 4f14 5s25p65d105f9 6s26p6 7s2.
- bernouljli`s numbers -- बर्नूली-संख्या
- x/1-e-xअथवा xex/ex-1 के प्रसार में x2/L2, x4/L4,....x2n/L2nके गुणांकों के संख्यात्मक मान। उचित प्रसार और विभाजन से उपर्युक्त व्यंजक (Formula)
- का रूप धारण धारण करता है ।
- (Formula) के बाद सभी विषम पद शून्य हो जाते हैं। बर्नूली संख्याओं को B1, B2 आदिसे द्योतित करने पर,
- (Formula) और व्यापक रूप से
- (Formula)
- Bernoulli distribution -- बर्नूली-बंटन
- द्विपद वंटन का दूसरा नाम ।
- Berthelot equation -- बेर्तलो समीकरण
- अवस्था-समीकरण का एक रूप जो किसी गैस के दाब, आयतन और ताप तथा गैस नियतांक R के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है । बेर्तलो-समीकरण, क्लाउजिअस समीकरण का व्युत्पन्न है जिसका रूप इस प्रकार हैः
- PV = RT (Formula)
- इसमें P = दाब
- V = आयतन
- T = परम ताप
- R = गैस नियतांक
- Tc = कांतिक ताप
- Pc = क्रांतिक दाब है ।
- दूसरे वर्ग की एक धातु । परमाणु क्रमांक 4, परमाणु भार 9.0122, संकेत Be ।यह कठोर, असंक्षारणीय धूसर काली धातु है जो षट्कोणीय क्रिस्टलों में पायी जाती है । धनत्व 1.85, गलनांक 12850, अम्लों और क्षारकों में विलेय । यह द्विसंयोजी है और यौगिकों की एक श्रेणी बनाता है । इसका उपयोग नाभिकीय अभिक्रियाओं में मंदक के रूप में, कम भार वाली संरचनाओं को शक्ति प्रदान करने तथा ऐलुमिनियम मिश्रातुओं को कठोरता प्रदान करने के लिए होता है । इलेक्ट्रॉन संरचना 1s2 2s2
- Bessel function -- बेसल-फलन
- किसी धनात्मक अथवा ऋणात्मक पूर्ण संख्या n के लिए, t और (Formula) के घातों में ez (t-1/t) / 2 का प्रसारण करने पर प्राप्त श्रेणी में tn का गुणांक ।
- व्यापक रूप में n वाँ बेसल फलन
- या
- (जहाँ n -1, -2…... )
- best estimator -- श्रेष्ठतम आकलक
- प्रतिदर्श द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर समष्टि-प्राचलों के आकलनार्थ स्वीकृत किसी निकष के अनुसार की गई तुलना में सबसे उत्तम सिद्ध होने वाला आकलक । पर्याप्तता, न्यूनतम प्रसरण, निकटता आदि के लिए विविध निकष सुझाए गए हैं ।
- beta disintegration -- बीटा विघटन
- किसी न्यूक्लाईड का ऐसा रेडियोएक्टिव रूपान्तरण जिसमें परमाणु क्रमांक की वृद्धि अथवा कमी हो जाती है और द्रव्यमान संख्या अपरिवर्तित रहती है । परमाणु क्रमांक में वृद्धि ऋण बीटा कण (इलेक्ट्रॉन) के उत्सर्जन होने पर होती है एवं कमी धन बीटा कण (पॉजिट्रॉन ) उत्सर्जन अथवा इलेक्ट्रॉन के प्रग्रहण होने परहोता है । यह β क्षय भी कहलाता है । बीटा विघटन के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं - (Formula)
- beta emitter -- बीटा उत्सर्जक
- एक ऐसा रेडियो न्यूक्लाइड जिसके विघटन में बीटा कणों का उत्सर्जन होताहै ।
- beta function -- बीटा फलन
- समाकल
- इसका प्रतीक है और फलन के साथ इसका संबंध इस प्रकार हैः
- रेडियो-ऐक्टिव (radio-active) पदार्थों के स्वतः विघटन में उसके परमाण्विक नाभिकों से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन ।
- beta ray (= β ray) -- बीटा किरण
- रेडियो-ऐक्टिव पदार्थों से निकले हुए इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह । इन इलेक्ट्रॉनों का महत्तम वेग प्रकाश वेग के .9995 तक हो सकता है ।
- 1. यह किरण गैसों को आयनित करती है ।
- 2. अत्यन्त पतले धातु के पत्रों के पर निकल सकती है ।
- 3. फोटो के प्लेटों को प्रभावित कर देती है ।
- beta spectrometer -- बीटा स्पेक्ट्रोमीटर
- बीटाकण, आंतरिक रूपांतरण इलेक्ट्रॉन और प्रकाश इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा अथवा ऊर्जा वितरण मापने का एक उपकरण । इस उपकरण में विभिन्न ऊर्जा वाले आवेशित कण एक चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरते हैंजिसमें उनके प्रक्षेप पथ संवेग के अनुसार अलग-अलग हो जाते हैं ।
- beta-ray spectrum -- बीटाकिरण स्पेक्ट्रम
- बीटा-क्षय प्रक्रम में उत्सर्जित बीटा कणों की ऊर्जा अथवा संवेग का बंटन । β-किरण स्पेक्ट्रम किसी अधिकतम ऊर्जा तक सदैव संतत होता है और इसकी आकृति विशिष्ट β क्षय पर निर्भर होती है ।
- एक प्रकार का इलेक्ट्रॉन-ऊर्जा प्रवर्धक जिससे उच्च ऊर्जा युक्त इलेक्ट्रॉन किरण पुंज प्राप्त होते हैं । इस युक्ति में इलेक्ट्रॉनों का ऊर्जा-प्रवर्धन एक अतिशीघ्र परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा होता है जबकि कणों की वृत्तीय कक्षा की त्रिज्या अपरिवर्ती रहती है । निर्गत इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा 100 MeV तक हो सकती है जो किसी लक्ष्य पर पड़ने पर अतिवेधी X-किरण उत्पन्न करते हैं ।
- देखें- (GeV)
- एक प्रकार का प्रोटॉन-त्वरक जिसमें एक विशाल चुम्बक के ध्रुवों के मध्य प्रोटॉन चक्कर लगाते हैं । निर्गत प्रोटॉनों की ऊर्जा 1 अरब इलेक्ट्रॉन वोल्ट से भी कहीं अधिक होती है ।
- 1. किसी इलेक्ट्रानीय निर्वात नलिका की नियंत्रक ग्रिड पर लगने वाला एक दिष्टधारा विभव जो नलिका का प्रचालन-बिंदु निर्धारित करता है ।
- 2. किसी ट्रांजिस्टर के नियंत्रक इलेक्ट्रोड पर लगने वाली दिष्टधारा-वोल्टता ।
- सामान्यतः एक ऐसा प्रभाव जो क्रमबद्ध रूप से किसी सांख्यिकीय परिणाम के प्रतिनिधान-क्षमता को विकृत करता है। यह प्रभाव किसी यादृच्छिक त्रुटि के प्रभाव से भिन्न है जो सन्दर्भ-विशेष में आंकड़ों को विकृत करता है, परन्तु विकृति को औसतन संतुलित भी करता है ।
- इलेक्ट्रानीय नलिका में ग्रिड की ऋणात्मक वोल्टता प्रदान करने वाली बैटरी ।
- bichromate cell -- सेल, बाइक्रोमेट
- प्राथमिक विद्युत्-सेल जिसमें ऋणात्मक इलेक्ट्रोड जस्ते (zinc) का छड़ होता है और धनात्मक इलेक्ट्रोड एक या एक से अधिक कार्बन के छड़ । इसका विद्युत् अपघट्य (depolariser) पोटेशियम बाईक्रोमेट । इसका वि. वा. ब. 2 वोल्ट के लगभग होता है ।
- biconcave lens -- लेन्स, उभयावतल
- वह लेन्स जिसके दोनों पृष्ठ अवतल हों ।
- biconvex lens -- उभयोत्तल लेन्स
- वह लेन्स जिसके दोनों पृष्ठ उत्तल हों ।
- bifilar winding -- द्विसूत्री कोष्ठिका
- कंप्यूटर संचायक की एक मूल कोष्ठिका जो किसी एक समय में दो स्थायी अवस्थाओं में से किसी एक में रह सकती है और इस प्रकार इसमें सूचना का एक बिट संचित हो जाता है ।
- bifocal (lens) -- द्विफोक्सी (लेन्स)
- चश्मे का ऐसा लेन्स जिसके दो भाग भिन्न-भिन्न फ़ोकस-दूरी वाले होते हैं- एक भाग पास की वस्तु देखने के लिए और दूसरा भाग दूर की वस्तु देखने के लिए ।
- bifocal lens -- लेन्स द्विफ़ोकसी
- चश्मे का ऐसा लेन्स जिसके दो भाग भिन्न-भिन्न फ़ोकस दूरी वाले होते हैं । एक भाग पास की वस्तु देखने के लिए और दूसरा भाग दूर की वस्तु देखने के लिए ।
- bijection -- एकैकी आच्छादन
- किसी समुच्चय A से किसी समुच्चय B में एक फलन जो एकैकी और आच्छादी दोनों होता है ।
- bilinear form -- द्वि-एकघाती समघात
- एक ऐसा द्विघात बहुपद जो चरों में और चरों में प्रथम घात का होता है और जिसका प्रत्येक पद एक ही घात का होता है । निम्नलिखित रूप का एक बहुपदः
- billion -- 1. दशखर्व, दस खरब, 2. अरब, अर्बुद
- एक संख्या जो संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और फ्रांस में 1,000,000,000 (109) के बराबर होती है और इंग्लैंड और जर्मनी में 1,000,000,000,000 (1012) के बराबर होती है ।
- bimetallic element -- द्विधातुक पट्टी
- दो विभिन्न रैखिक प्रसार गुणांक वाली धातु की पट्टिकाओं को समांतर जोड़ कर बनाई हुई पट्टिका । ताप बढ़ने से एक पट्टिका की लंबाई दूसरे से अधिक हो जाती है । फलतः पट्टिका वक्र हो जाती है । इसका उपयोग तापमापी तथा ताप स्थायी बनाने के लिए किया जाता है ।
- bimodal distribution -- द्विबहुलक वंटन
- दो बहुलकों वाला बारंबारता बंटन ।
- bimolecular reaction -- द्वि-अणुक अभिक्रिया
- इस शब्द का प्रयोग दो अभिकारी अणुओं के मध्य अभिक्रिया को प्रदर्शित करने के लिए होता है । इन अभिक्रियाओ की कोटि भी दो होती है ।
- binary -- 1. द्विआधारी 2. युग्मतारा
- 1. द्विआधारी जिसका आधार 2 हो, यथा वास्तविक संख्याओं की संकेतन-पद्धति के संदर्भ में जिसका आधार 10 के स्थान पर 2 हो ।
- 2. युग्मतारा ऐसे दो तारों का जोड़ा जिनमें से प्रत्येक किसी उभयनिष्ठ गुरूत्व-केन्द्र की चारों ओर परिक्रमण करता हो ।
- binary code -- द्वयाधारी कोड
- 1. एक को जिसका प्रत्येक अवयव दो भिन्न-भिन्न प्रकार अथवा मानों में से कोई एक हो सकता है ।इसका उदाहरण किसी स्पंद की उपस्थिति या अनुपस्थिति है ।
- 2. एक कोड जिसमें दो संप्रतीक (प्रायः 0 और 1) वाले वर्णों का उपयोग किया जाता है । द्वयाधारी संख्या-पद्धति अनेक द्वयाधारी कोडों में से एक है ।
- binary coded decimal system -- द्वयाधारी कूट दशमलव पद्धति
- संख्या का निरूपण करने वाली एक पद्धति जिसमें प्रत्येक दशमलन अंक का निरूपण किसी चार द्वयाधारी अंकों का एक समूह करता है । इस पद्धति में दशमलव अंक निम्नलिखित प्रकार से दर्शाये जाते हैं ।
- संख्या
- 1 000010 0
- 0120 010
- 3 001140
- 1 005010
- 01118 10
- 00910 01
- इस उदाहरण के लिए इस पद्धति में 17 को निम्न प्रकार से दर्शाते हैं
- 1700010111
- binary digit -- द्वि-आधारी अंक
- मूलांक-2 से छोटे किसी पूर्णांक को निरूपित करने के लिए प्रयुक्त कोई संप्रतीक, यथा 0 या 1. अभिकलित्र में परिपथ की अवस्थाओं के रूप में इनका निरूपण होता है । यथा बुझी हुई अथवा जली हुई बत्ती । द्वि-आधारी अंक अथवा द्वयंक किसी संदेश में संचारणीय सार्थक सूचना-एककों में लघुतमहै ।
- binary number system -- द्वयाधारी संख्या-पद्धति
- दो प्रतीक (प्रायः 0 और 1 ) काम में लाने वाली एक संख्या-पद्धति जिसका आधार 2 होता है । यह पद्धति सामान्य रूप से काम आने वाली दशमलव संख्या-पद्धति के समान ही है जिसमें 10 प्रतीक (0,1......9) और 10 को आधार के रूपमें उपयोग किया जाता है ।
- binary point -- द्वयाधारी बिंदु
- द्वयंक-पद्धति में काम आने वाला मूलांक बिंदु (Radixpoint) यह दशमलव संख्या में दशमलव बिंदु के सदृश है । यह बिंदु दो के भिन्न अंकीय घातों को पूर्णांकी घातों से अलग करता है । उदाहरण के लिए 100.0101 का अर्थ है- 4+1/4+1/16
- binary point -- द्वि-आधारी बिंदु
- किसी द्विआधारी संख्या में वह बिंदु जो भिन्नात्मक भाग से पूर्णांकी भाग को पृथक् करता है ।
- ऐसे दो समीपस्थ तारों में एक जो अपने उभयनिष्ठ गुरूत्व केंद्र के चारों ओर परिक्रमण करतेहैं ।
- binary star -- युग्म तारा
- दो तारे जो बहुत ही पास-पास दिखाई देते हैं । कुछ तो इतने अधिक मिले हुए होते हैं कि दूरबीन से भी अलग नहीं मालूम होते, केवल स्पेक्ट्रममापी द्वारा ही उनका विभेदन हो सकता है । कुछ ऐसे होते हैं जो दोनों के गुरूत्व केन्द्र के चारों ओर घूमते रहते हैं । इससे कभी-कभी एक तारा दूसरे के पीछे आवर्त रूप से छिपता रहता है ।
- binding energy -- बंधन ऊर्जा
- 1. नाभिक से बंधे बाह्य इलेक्ट्रॉन की बंधन ऊर्जा । परमाणु से इस इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए इतनी ऊर्जा देना आवश्यक है ।
- 2. किसी नाभिक के अपने अवयवों (प्रोट्रॉन और न्यूट्रॉन) में पूर्ण विघटित होने पर उत्सर्जित ऊर्जा । नाभिक का द्रव्यमान इसके अवयवों के सम्मिलित द्रव्यमान से कम होता है और द्रव्यमान का यह अन्तर आइन्स्टाइन के द्रव्यमान-ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुसार विघटन में उत्सर्जित होने वाली ऊर्जा के बराबर होता है ।
- binocular -- बाइनाक्यूलर (द्विनेत्री)
- दो दूरबीनें या सूक्ष्मदर्शी जो इस प्रकार जुड़े हों कि दोनों आँखों से एक साथ देखा जा सके ।
- binocular -- द्विनेत्री (बाइनाक्यूलर)
- दो दूरबीन या सूक्ष्मदर्शी जो इस प्रकार जुड़े हुए हों कि दोनों आँखों से एक साथ देखा जा सके ।
- binocular vision -- द्विनेत्री दृष्टि
- दोनों आँखों द्वारा देखने की क्रिया । दोनों आँखें बिंब को अलग-अलग कोण से देखती हैं । फलतः जो प्रतिबिंब नेत्र के रेटिना (Retina) पर बनते हैंउनमें थोड़ा अंतर होता है जिससे हमें प्रतिबिंब में लंबाई और चौड़ाई के अतिरिक्त मोटाई का भी बोध हो जाता है ।
- दो पदों वाला एकबहुपद- जैसे
- 2x + 5yया 2 - (a+b) ।
- binomial coefficient -- द्विपद गुणांक
- (x+y)n के प्रसारण में क्रम में आने वाले गुणांक ।
- उदाहरणार्थः
- (x +y)2= x2 + 2xy + y2
- जिसमें 1.2 और 1 द्विपद गुणांक होते हैं ।
- binomial distribution -- द्विपद बंटन
- वह सांख्यिकीय बंटन जिससे n स्वतंत्र प्रयत्नों में ठीक बार किसी घटना के घटने की प्रायिकता nCrq n-rPrके रूप मे प्राप्त होती है जहां घटना की प्रयिकता है और q = 1-p इस बंटन की प्रयिकताएँ (q+p)n के द्विपद विस्तार के क्रमिक पदों द्वारा निरूपित होती हैं । जैसे एक पासे को 10 बार उछालने पर `1` का अंक 6 बाद दिखाई देने की प्रायिकता 10C6(5/6)4(1/6)6 है ।
- binomial theorem -- द्विपद प्रमेय
- किसी द्विपद के किसी घात के प्रसार करने की विधि को बताने वाला प्रमेय जो यह हैः (a + x)n = (Formula) जहां nci एक द्विपद गुणांक है ।
- किसी आकाशीय वक्र के बिंदु P के सन्दर्भ में P से होकर जाने वाली वह रेखा जो बिंदुP पर वक्र के आश्लेषी समतल पर अभिलंब होती है ।
- biocatalyst -- जैव-उत्प्रेरक
- कोई पदार्थ जो जैव-रासायनिक अभिक्रिया को सक्रिय या उत्तेजित करता हो । जैसे इन्सूलिन, सह-एंजाइम, विटामिन तथा हार्मोन ।
- bioelectronics -- इलेक्ट्रॉन जैविकी
- विज्ञान की एक शाखा जिसमें इलेक्ट्रानीय सिद्धांतों और तकनीकों का उपयोग जैविकी की समस्याओं को हल करने में किया जाता है ।
- biological half life -- जैव अर्ध-आयु
- वह कालावधि जिसमें कोई सजीव ऊतक, अंग अथवा व्यक्ति अपने में प्रविष्ट रेडियोऐक्टिव पदार्थ की मात्रा के आधे भाग का निरसन कर देता है ।
- bionics -- बायोनिकी, जैव इलेक्ट्रानिकी (जैवनिकी)
- जैविकी के ज्ञान की इलेक्ट्रानिक इंजीनियरी और इंजीनियरी के अन्य क्षेत्रों में अनुप्रयुक्ति जैसे कि जीवित तंत्र के कार्यकलापों का अनुकरण ।
- bionics -- जैव इलेक्ट्रॉनिकी (जैवनिकी)
- जैव भौतिकी की एक शाखा जिसमें जैव तकनीकों के आधार पर इलेक्ट्रॉनीय उपकरण और तन्त्रों की अभिकल्पना की जाती है । इसके अन्तर्गत ऐसे तन्त्रों का भी अध्ययन किया जाता है जो सजीव तंत्रों की तरह काम करते हैं ।
- विज्ञान की एक शाखा जिसमें भौतिक विधियों द्वारा प्राणियों के विभिन्न तंत्रों में होने वाले जैव प्रक्रमों का अध्ययन किया जाता है । इसके अन्तर्गत किसी सजीव तंत्र अथवा इसके किसी एक भाग द्वारा दर्शायी जाने वाली भौतिक घटनाओं का भी अध्ययन होता है ।
- भू और इसेक वायुमंडल का वह भाग जिसमें जीव और वनस्पति जीवित रहते हैं ।
- bipolar transistor -- द्विध्रुवी ट्रांजिस्टर
- एक ऐसा ट्रांजिस्टर जिसमें ऋणात्मक एवं धनात्मक दोनों ही प्रकार के आवेश-वाहकों का एक विशेष महत्व होता है ।
- biquadratic equation -- चतुर्घात समीकरण
- चार घात वाला कोई बीजीय समीकरण । जैसे : x4+ax3+bx2+cx+d = 0
- क्वार्ट्ज की ऐसी पट्टिका जिसका आधा भाग बामावर्ती तथा आधा दक्षिणावर्ती क्वार्ट्ज का बना होता है । दोनों का प्रकाशिक अक्ष पट्टिका पृष्ठ पर अनुलम्ब होता है । इस पर जो रेखा-ध्रुवित प्रकाश पड़ता है उसके ध्रुवण तल का घूर्णन दोनों भागों में बराबर परिमाण का किन्तु विपरीत दिशाओं में होता है । ध्रवणमापी मे इसका उपयोग करने से माप की यथार्थता बहुत बढ़ जाती है ।
- bisector -- अर्धक, द्विभाजक
- दो बराबर भाग करने वाला, विशेषतः वह सरल रेखा जो किसी कोण अथवा रेखा-खंड को अर्धित करती है ।
- bisector -- अर्धक (= द्विभाजक)
- जो किसी रेखा या कोण को दो बराबर भागों में विभाजित करे ।
- बिस्मथ और मैंगनीज का एक चुम्बकीय मिश्रातु । विश्वास किया जाता है कि यह मैंगनीज विस्मथाइड है । यह चूर्ण धातु की (powder metallurgy) तकनीक द्वारा प्राप्त किया जाता है तथा चुम्बकीय विधि द्वारा अपने घटकों से अलग किया जाता है । इसका निग्रह बल (coercive force) 3000 आर्रेस्टेड है ।
- 1. एक ऐसा परिपथ घटक जिसमें दो स्थायी प्रचालन अवस्थाएँ होती हैं- इसका एक उदाहरण फ़्लिप-फ्लाप-परिपथ है जिसमें एक ट्रांजिस्टर संतृप्त होता है जबकि दूसरे में धाराप्रवाह नहीं होता प्रत्येक निवेश स्पंद या ट्रिगर के लिए इसकी अवस्था बदल जाती है ।
- bit -- द्वयंक, द्विआधारी अंक
- 1. किसी भाषा का कोई एकल अभिलक्षण जिसमें दो भिन्न प्रकार के अभिलक्षण सम्मिलित होते हैं । किसी आंकिक अभिकलित्र में ये बन्द-चालू स्थितियों के संगत होते हैं । साधारणतया इन स्थितियों को 0 और 1 से दर्शाया जाता है ।
- 2. किसी संचय युक्ति की क्षमता का एक मात्रक । बिटों में यह संचय क्षमता इसकी सम्भाव्य अवस्थाओं की उस संख्या के लॉग के बराबर होती है जिसका आधार दो होता है ।
- bit -- द्वयंक (द्वि-आधारी अंक)
- द्वि-आधारी अंक का संक्षिप्त रूप । दे. binary digit
- द्वयाधारी अंकन-पद्धति में काम आने वाले दो अंकों (0,1) में से एक (1) अंकीय कंप्यूटर में ये अंक चालू या बंद स्थिति दर्शाते हैं।
- 2. संचयक्षमता का एक मात्रक जिसके द्वारा कंप्यूटर के शब्द का साइज और कंप्यूटर की संचय-क्षमता व्यक्त की जाती है । उदाहरण के लिए कंप्यूटर की संचय-क्षमता हम इस प्रकार दर्शा सकते हैं 2048 36 विट शब्द अर्थात् 2048 स्थान जिनमें से प्रत्येक की संचय-क्षमता 36 विट है ।
- दो चरों से संबद्ध, अथवा जिसमें दो चर हों । (बंटन आदि) ।
- bivariate distribution -- द्विचर बंटन
- विचरों x1 और x2 के किसी युग्म का बंटन जिसे संतत स्थिति में निम्न रूप में व्यक्त किया जाता है ।
- dF = f(x1,x2) dx1, dx2
- कुछ बिना जला कार्बन और अदाह्य खनिज पदार्थ मिला अशुद्ध सोडियम कार्बोनेट, जो सोडावुड-लुगदी-उपलब्धि प्रक्रम में प्राप्त होता है ।
- वह आदर्श वस्तु जो अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश के सभी तरंगदैर्ध्यों की ऊर्जा को पूर्णतया अवशोषित करे अर्थात् जरा भी परावर्तित न होने दे ।
- black body radiation -- कृष्णिका विकिरण
- आदर्श कृष्णिका से उत्सर्जित विकिरण जिसकी ऊर्जा का स्पेक्ट्रमीय वितरण प्लांक के नियम के अनुसार होता है । यह ऊर्जा वितरण केवल विकिरण के ताप पर ही निर्भर होता है ।
- 1. इलेक्ट्रानी उपस्कर का अभिग्राही अथवा प्रवर्धक जैसा एक घटक जिसे वायुयान आदि में एकल पिंड के रूप में रखा जा सकता है या उससे घटाया जा सकता है । इस प्रकार के घटक को साधारणतया काले रंग से रंग दिया जाता है । इसलिए इसे कृष्ण बक्स कहते हैं ।
- 2. इलेक्ट्रानीय परिपथों में काम आने वाली एक गणितीय विधि अथवा वह उपस्कर जिसका संबंध केवल निवेश और निर्गम से ही होता है और जिसमें विविक्त या समाकलित भीतरी अवयवों का कोई ख्याल नहीं रखा जाता ।
- एक प्रकार का आरेख जिसमें किसी तंत्र के अनिवार्य अंश एकक खंडों के रूप में दिखाए जाते हैं । ये खंड प्रायः आयत, कभी-कभी वृत्त, त्रिभुज या अन्य आकार के होते हैं और इनका पारस्परिक संबंध उपयुक्त संबंधन रेखाओं द्वारा दर्शाया जाता है । चित्र में एक लघु खंड आरेख दिखाया गया है ।
- black Japan -- ब्लैक जापान
- एक शीघ्र सूखने वाली काली वार्निश जो लगभग पारदर्शी होती है और प्रायः खनिज ऐस्फाल्टम से बनाई जाती है ।
- black lead -- ब्लैक लेड, ग्रेफाइट
- एक व्यापारिक ग्रेफाइट । यह कार्बन का एक क्रिस्टलीय रूप है । इसका प्रयोग कृष्णन (blackening) और चकासन (polishing) में होता है ।
- black level -- कृष्ण स्तर
- दूरदर्शन सिग्नल का तात्क्षणिक आयाम जो अभिगृहीत चित्र में कृष्ण क्षेत्र के संगत होता है । यह स्तर प्रायः तुल्यकालन संपदों के अधिकतम सिग्नल आयाम का 75 प्रतिशत देखा जाता है ।
- black light -- अदृश्य प्रकाश
- संदीप्तिशील पेन्टों में प्रयुक्त एक शब्द जिसका उपयोग पराबैंगनी अथवा लगभग पराबैंगनी विकिरण-ऊर्जा को व्यक्त करने के लिए होता है । यह ऊर्जा स्फुरदीप्त और प्रतिदीप्तिशील पदार्थ के उत्तेजन के लिए प्रयुक्त होती है क्योंकि यह विकिरण प्रायः आँख से दिखाई नहीं देता । इस अदृश्य प्रकाश का स्पेक्ट्रमी परास लगभग 3200 से 4200 ऐंग्स्ट्रम होता है, जो पराबैंगनी परास के निकट है ।
- black oils -- काला पेट्रोलियम
- काले रंग के तेल जिनका उपयोग भारी, धीरे चलने वाली स्थूल मशीनरी के स्नेहन के लिए होता है जहाँ उच्च कोटि के स्नेहकों का उपयोग अव्यवहार्य या महंगा होता है ।
- (solar flares) सौरप्रज्वाल के साथ संबद्ध अत्यधिक अवशोषण के कारण रेडियो संचार का अंतरायण । घोर तिमिरायण के दौरान लगभग 1500 हर्ट्स के ऊपर की सभी आवृत्तियों का दिवा-प्रकाश के क्षेत्र में अत्यधिक अवशोषण हो जाता है ।
- black powder (gun powder) -- काला बारूद
- पोटेशियम नाइट्रेट, कोयला तथा गंधक से बना एक विस्फोटक चूर्ण । कभी-कभी इसमें पोटेशियम नाइट्रेट के स्थान पर सोडियम नाइट्रेट का भी प्रयोग किया जाता है । इनका अनुपात अक्सर 75, 15 तथा 10 प्रतिशत रहता है । बंदूक की बारूद संभवतः इसकी सबसे पुरानी किस्म है । उद्दहन विस्फोटक (deflagrating explosive) होते हुए भी यह ताप, स्फुलिंग तथा घर्षण के प्रति अत्यन्त सुग्राही है । इसका उपयोगी विस्फोट और गोलों में समय-साक्षेप फ्यूज और ज्वलन के रूप में तथा आतिशबाजी में होता है । पुरानी किस्म की बंदूकों में भी इसका प्रयोग होता था ।
- black tellurium -- काला टेलूरियम
- सोने और सीसे का एक प्राकृतिक सल्फोटेलूराइड जिसमें बहुधा कुछ ऐन्टिमनी भी रहता है । इसके भूरे अष्टफलकीय क्रिस्टल होते हैं ।
- black-out -- रेडियो तिमिरायन
- रेडियो संचार में स्वाभाविक कारणों द्वारा पैदा हुई एक ऐसी स्थिति जिसमें रेडियो अभिग्राही सेट सिग्नल ग्रहण करने में चूक जाते हैं । रेडियो अभिग्राही का कोई दोष इस स्थिति का कारण नहीं होता ।
- किसी निकटवर्ती प्रेक्षित्र के अधिक शक्तिशाली सिग्नल अथवा अन्य बाधा के कारण सिग्नल का आच्छादन जिससे कि वह रेडियो अभिग्राही द्वारा ग्रहण नहीं हो पाता ।
- अभीष्ट समयान्तराल के लिए किसी चैनल अथवा युक्ति को निष्प्रभावी बनाने का एक प्रक्रम । टेलीविजन में यह लोपन पूर्व निर्धारित अन्तरालों के दौरान चित्र-सिग्नल का ऐसे सिग्नल द्वारा प्रतिस्थापन है जिसका तात्कालिक आयाम वापसी अनुरेख को अदृश्य बना देता है ।
- 1. रेडियो-संचार में काम आने वाला एक प्रक्रम जिससे किसी चैनल या युक्ति को इष्ट अवधि के लिए निष्प्रभावी कर दिया जाता है।
- 2. दूरदर्शन में निर्दिष्ट अवधि के बीच चित्र सिग्नल के स्थान पर ऐसे सिग्नल का प्रतिस्थापन जिसका तात्क्षणिक आयाम वापसी पथ को अदृश्य बना देता है ।
- blanking level -- लोपन-स्तर
- संमिश्र दूरदर्शन-चित्र-सिग्नल में वह स्तर जो चित्र-सूचना को तुल्य-कालक सूचना से पृथक कर देता है । यह स्तर तुल्यकालक स्पंदों के आधार-स्तर का संपाती होता है ।
- blanking signal -- लोपन-सिग्नल
- पुनरावर्ती स्पंदों से बनी हुई एक तरंग जो क्रमवीक्षण-प्रक्रम के साथ काल संबद्ध होती है और लोपन के काम में आती है । दूरदर्शन में यह सिग्नल-लाइन और क्षेत्र आवृत्तियों के स्पंदों का बना होता है जो प्रायः किसी केंद्रीय तुल्यकालक जनित्र में उत्पन्न होती हैं और उद्ग्राही उपस्कर पर लोपित चित्र सिग्नल बनाने के लिए चित्र सिग्नल के पास मिश्रित की जाती हैं । इसमें एक तुल्यकालक सिग्नल और जुड़ जाने से संमिश्र चित्र-सिग्नल पूरा हो जाता है ।
- bleeder resistor -- स्रावी प्रतिरोधक
- किसी विद्युत्-शक्ति-संकुल या अन्य वोल्टता-स्रोत के आर-पार लगा एक प्रतिरोधक जो निरंतर नियत धारा ग्रहण करके वोल्टता-नियमन का सुधार करता है । इसका उपयोग परिपथ को बंद किए जाने पर फिल्टर संधारित्रों के अवशिष्ट आवेश को क्षय करने के लिए किया जाता है ।
- blocked impedance -- अवरूद्ध प्रतिबाधा
- ट्रांसड्यूसर के निवेश पर उत्पन्न होने वाली प्रतिबाधा जबकि निर्गम तंत्र की प्रतिबाधा अनंत बना दी जाय ।
- blocking capacitor -- अवरोधी संधारित्र
- एक संधारित्र जो उच्च आवृत्ति वाली प्रत्यावर्ती धारा के प्रवाह को रोके बिना निम्न आवृत्ति वाली प्रत्यावर्ती धारा या दिष्ट धारा के प्रवाह को सीमित रखने के लिए उच्च श्रेणी प्रतिबाधा प्रस्तुत करता है । इस प्रकार का संधारित्र युग्मित परिपथों में a.c. और d.c. घटकों को पृथक करने के काम आ सकता है ।
- blocking oscillator -- अवरोधी दोलक
- एक इलेक्ट्रॉन-नलिका-दोलित्र जिसका प्रचालन आंतरायिक रूप से होता है । दोलन के दौरान इसका ग्रिड बायस बढ़ता हुआ उस बिंदु तक पहुंच जाता है जबकि दोलन बंद हो जाता है । फिर इस स्थिति से ग्रिड बायस तब तक घटता जाता हैजब तक कि दोलन पुनः प्रारंभ न हो जाये । इसका उपयोग कैथोड-किरण-नलिका के लिए प्रसर्प वोल्टता के रूप में कामवाली आरादंती वोल्टा-तरंग उत्पन्न करने के लिए किया जात है ।
- blower -- आध्माता, ब्लोअर
- वायु या गैस के प्रवाह को उत्पन्न करने की एक युक्ति जिसका प्रयोग भ्राष्ट्र में वायु-प्रवाह में वृद्धि करने, भवन के संवातन में, तथा अनाज आदि को स्वच्छ करने में होता है ।
- blue water gas -- नील जल गैस
- लगभग समान मात्राओं में कार्बन मोनोक्साइड और हाइड्रोजन का मिश्रण । यह भाप को तप्त कोक के ऊपर प्रवाहित करने से प्राप्त होती है । सामान्यता अच्छी कोटि की नील जल-गैस का विश्लेषण इस प्रकार हैः
- कार्बन मोनोक्साइड = 42.3%
- मेथेन = 0.3%
- हाइड्रोजन = 49.3%
- कार्बन डाइऑक्साइड = 3.9%
- नाइट्रोजन = 4.2%
- उपर्युक्त संघटन वाली गैस का कुल कैलोरीमान 295.3 ब्रिटिश थरमल यूनिट प्रति घनफुट होता है । इसका प्रयोग औद्योगिक तापन में होता है ।
- कम ताप पर गरम कर इस्पात पर ऑक्साइड की फिल्म उत्पन्न करना । प्रकाश-अपवर्तन के कारण इसका रंग नीला होता है । इसका उपयोग इस्पात स्प्रिंगों के ऊष्मा-उपचार और शीतन से उत्पन्न विकृतियों को कम करने के लिए होता है ।
- जर्मन खगौलज्ञ बोडे द्वारा सन् 1972 ई. में स्थापित एक नियम जिसमें सूर्य से ग्रहों की दूरी के लिए एक आनुभविक सूत्र दिया गया है । इस सूत्र के अनुसार सूर्य से प्रत्येक ग्रह की दूरी लगभग 0.4 + 2n-1 x 0.3 खगोलीय मात्रक है जहां n शुक्र से लेकर आगे के ग्रहों के लिए सूर्य से निकटता के क्रम में ग्रहों की क्रम-संख्या है । बुध, नेपचून और प्लूटो के विषय में यह सूत्र कुछ परिवर्तन के साथ लागू होता है । इस सूत्र के अनुसार मंगल और बृहस्पति के बीच में एक रिक्ति थी जहाँ बाद में क्षुद्र ग्रह खोज निकाले गए थे ।
- (सं.) संदर्भ के अनुसार श्यानता, गाढ़ता और अपारदर्शिता को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त एक शब्द । (क्रि.) किसी पदार्थ में कोई पेन्ट या अन्य किसी पदार्थ को मिलाना जिससे उसकी अपारदर्शिता तथा श्यानता अक्सर बढ़ जाती है ।
- body centred cubic structure -- काय केन्द्रित घन-संरचना अंतः केन्द्रित घन-संरचना
- एक प्रकार की क्रिस्टल संरचना जिसमें परमाणु किसी घन या आयत के कोनों के अतिरिक्त, कोनों से समदूरस्थ केन्द्रीय बिंदु पर भी स्थित रहते हैं । इस व्यवस्था में प्रत्येक परमाणु या आयन के आठ पड़ोसी होते हैं जो उससे समदूरस्थ होते हैं । निम्नलिखित धातु, काय-केन्द्रित घन-संरचना में क्रिस्टलित होते हैं- क्षर-धातु (Li, Na, k, Rb, Cs); Ba,B,Zr,V,Nb आदि ।
- Bohr magneton -- बोर मैग्नेटॉन
- चुम्बकीय आघूर्ण का एक मात्रक जो किसी परमाण्वीय कण अथवा कण तंत्र का चुम्बकीय आघूर्ण निर्दिष्ट करने के काम आता है । इसका मान निम्नलिखित समीकरण द्वारा प्राप्तहोता है । µ = eh/4πmec = 9.27 x 10-21 erg gauss-1(Formula)
- जिसमें me इलेक्ट्रॉन का विराम द्रव्यमान है, h प्लांक नियतांक और C प्रकाश का वेग है । इसका µB प्रतीक है ।
- Bohr magneton -- बोर मैगनेटॉन
- परमाणु-विज्ञान में प्रयुक्त चुम्बकीय आघूर्ण का एक मात्रक ।
- (1) इलेक्ट्रॉनिक बोर मैगनेटॉन- इस मात्रक का सर्वाधिक प्रयुक्त रूप है । यह निम्नलिखित व्यंजक द्वारा व्यक्त किया जाता है ।
- µo = eh/4πmec = 9.27 x 1021
- अर्ग गाउस-1 जिसमें µo इलेक्ट्रॉनिक बोर मैगनेटॉन, e इलेक्ट्रॉनिक आवेश, h प्लांक नियतांक, me इलेक्ट्रॉन का विराम-द्रव्यमान तथा cप्रकाश का वेग है ।
- (2) नाभिकीय बोर मैगनेटॉन- निम्न व्यंजक से व्यक्त किया जात है ।
- µ1 = eh / 4πMc = µo/ 1836
- जिसमें M प्रोटॉन का विराम-द्रव्यमान है तथा अन्य प्रतीकों का वही अर्थ है जो (1) व्यंजक में दिया गया है ।
- Bohr radius -- बोर त्रिज्या
- हाइड्रोजन परमाणु के बोर मॉडल में निम्नतम ऊर्जा वाली कक्षा की त्रिज्या। इसी मॉडल की अन्य अनुमेय कक्षाओं में किसी भी कक्षा की त्रिज्या rn भी बोर त्रिज्या कहलाती है ।
- Bohr theory -- बोर सिद्धांत
- हाइड्रोजन परमाणु की संरचना का सिद्धांत जिसे बाद में विकसित कर, दूसरे तत्वों के परमाणुओं पर भी लागू किया गया था । हाइड्रोजन परमाणु को धनावेशित नाभिक माना है जिसके चारों ओर एक इलेक्ट्रॉन घूमता रहता है । यह इलेक्ट्रॉन अनेक संभाव्य गोलाकार कक्षाओं में से किसी एक में घूमता है । प्रत्येक कक्षा की पृथक ऊर्जा-अवस्था होती है ।
- Bohr-Wheeler theory -- बोर-ह्रीलर सिद्धांत
- द्रव्य बूंद के सादृश्य पर आधारित नाभिकीय विखण्डन का एक वैश्लेषिक सिद्धांत जो यह बताता है कि नाभिकीय विखण्डन किन-किन स्थितियों में संभव हो सकता है ।
- किसी द्रव का ऊष्मा द्वारा बुलबुलों के रूप में वाष्पन करना ।
- ऊष्मा के कारण किसी द्रव का वाष्प बनकर बुलबुले के रूप में बाहर निकलना ।
- boiler -- बॉयलर (=वाष्पित्र)
- वह उपकरण जिसमें जल को खौलाकर किसी यंत्र या इंजन को चलाने के लिए उच्च दाब वाली माप बनाई जाती है ।
- boiling point -- क्वथनांक
- वह ताप जिस पर कोई द्रव उबल कर वाष्प में परिवर्तित होता है । क्वथनांक पर द्रव के वाष्प का दाब बाह्य दाब के बराबर होता है । बाह्य दाब के परिवर्तन से द्रव के क्वथनांक में भी परिवर्तन हो जाता है । समुद्र-तल और 76 से.मी. के दाब पर जल का क्वथनांक 1000C अर्थात् 2120 फ़ोरेनाइट होता है । पृथ्वी-तल के निकट प्रत्येक 300 मीटर की ऊँचाई पर क्वंथनांक 10C कम हो जाताहै ।
- विकिरण ऊष्मा (radiant heat) की सूक्ष्म मात्राओं की मापने का वैद्युत् उपकरण । इसे प्लटिनम की काली की हुई पत्तियों के प्रतिरोध के परिवर्तन द्वारा नापा जाता है । इसका उपयोग तारों के ताप को मापने और अवरक्त (infrared) स्पेक्ट्रम के अनुसंधान के लिए किया जाता है । इसे बोलोमीटर भी कहते हैं ।
- bolometer -- तेजमापी, बोलोमीटर
- एक युक्ति जिसका उपयोग सूक्ष्मतरंग अवरक्त ऊर्जा को मापने के लिए होता है । इसमें एक प्रतिरोधी अवयवहोता है । जिसका प्रतिरोध किसी विकिरण ऊर्जा से तृप्त होने पर बदल जाता है। इसका उपयोग अवरक्त अनुसंधान एवं मिसाइलों के अभिलक्ष्य उपस्कर में किया जाता है। इसका इस्तेमाल तरंगपथक में सूक्ष्मतरंग शक्ति को मापने के लिए एवं अप्रगामी तरंग अनुपात को ज्ञात करने के लिए भी किया जाता है। सामान्यतः बोलीमीटर दो प्रकार के होते हैं- बैरेटर एवं थर्मिस्टर । इसे ऊष्मीय संसूचक भी कहा जाता है ।
- Boltzmann constant -- बोल्ट्समान नियतांक
- (1) गैस-नियतांक और आवोगाद्रो नियतांक का अनुपात (R/N) जिसका मान
- 1.3803 x 10-16 ग्राम सेमी 2 सेकंड -2 डिर्गी से. C-3 होता है ।
- (2) किसी अवस्था की ऐन्ट्रॉपी और उसके प्रायिकता के लघुगणक के मध्य सम्बन्ध स्थापित करने वाला एक गुणक नियंताक, जिसमें S ऐन्ट्रॉपी और W प्रायिकता है ।
- (3) यह औसत गतिक ऊर्जा और परमताप के परस्पर सम्बन्ध में बी गुणक नियतांक है ।
- अर्थात् E = 1/2 KT
- Boltzmann distribution law -- बोल्ट्समान बंटन नियम
- वैद्युत चुम्बकीय या गुरूत्वीय क्षेत्रों के प्रभाव में किसी नियत ताप पर कणों की विशाल संख्या का सांख्यिकीय बंटन । सांख्यिकीय साम्यावस्था में किसी क्षेत्र के प्रति इकाई आयतन में अणुओं की संख्या निम्नलिखित व्यंजक द्वारा व्यक्त की जाती हैः
- (n=noe (-e/kt)
- जबकि K बोल्ट्समान नियतांक, T परम ताप, E उस क्षेत्र में कण की स्थैतिज ऊर्जा (वैद्युत, चुम्बकीय या गुरूत्वीय) तथा noप्रति इकाई आयतन में अणुओं की संख्या है जब E =O हो ।
- bomb calorimeter -- बम ऊष्मामापी
- मज़बूत इस्पात का बना ऐसा कैलॉरीमीटर जिसमें कोयले आदि को जलाकर दहन ऊष्मा मापी जाती है और विस्फोटक मिश्रणों का परीक्षण किया जाता है ।
- संरचना-सूत्र में किसी अणु की संयोजकताओं की संख्या और संलग्न समूहों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त प्रतीक । आबंध को प्रदर्शित करने के लिए दो परमाणुओं के बीच बिंदु या रेखा खींची जाती है, जैसे
- (H.O.H या H-O-H )
- द्वि-और त्रि-आबंधों का प्रयोग भी किया जाता है जो यदि एक तत्व के दो परमाणुओं के बीच हों तो असंतृप्ति बतलाते हैं । उदाहरणार्थ -
- (=C=O, H2C=CH2, Ca=O, HC=CH दे.) chemical bond.
- आबंधित परमाणुओं के नाभिकों को मिलाने वाली सरल रेखाओं के बीच का कोण । उदा. पानी में H--O आबंधों के बीच का कोण 1050 होता है ।
- bond dissociation energy -- आबंध वियोजन ऊर्जा
- दो परमाणुओं के बीच रासायनिक आबंध को तोड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा । यह प्रायः प्रति ग्राम-अणु कैलोरियों में व्यक्त की जाती है और इसे प्रकाश-रासायनिक, स्पेक्ट्रमदर्शी, ताप रासायनिक या गतिज विधियों द्वारा ज्ञात किया जाता है । आबंध ऊर्जा दो सम्बन्धित परमाणुं के स्वभाव पर ही नहीं, बल्कि उनके आण्विक परिवेश पर भी निर्भर करती है । जैसे मेथेन में C-H आबंध की ऊर्जा, बेन्जीन के C-H आबंध की ऊर्जा के बराबर नहीं होती है । आबंध ऊर्जाएं साधारणतया 4 और 100 किलोकैलोरी प्रति ग्राम के बीच होती है ।
- bond distance -- आबंध आयाम
- परस्पर आबद्ध दो परमाणुओं के केन्द्रों के बीच की दूरी । यह दो परमाणुओं के प्रभावी परमाण्विक अर्धव्यासों का योग होता है । (प्रभावी अर्धव्यास वास्तविक स्थिरांक नहीं होते और आबंध के स्वभाव पर निर्भर करते हैं) ।
- bond energy -- आबंध-ऊर्जा
- देखिएः bond dissociation energy
- bond moment -- आबंध आघूर्ण
- परमाणुओं के बीच रासायनिक आबंध का स्थिर वैद्युत द्विध्रुव घूर्णक । देखिएः dipole moment
- वायुयान, वाहन, संरचना या किसी खोल के धात्विक भागों का इस प्रकार संबंध करना जिससे संलग्न धात्वि भागों में विघ्न उत्पन्न करने वाली स्थैतिक या (r-f) वोल्टता का निर्माण न हो सके ।
- bonding electron -- आबंधी इलेक्ट्रॉन
- परमाणुओं में आबंध स्थापित करने वाले इलेक्ट्रॉन । इन इलेक्ट्रॉनों की स्थितिज-ऊर्जा परमाणु की अपेक्षा अणु में कम हो जाती है ।
- boolean algebra -- बूलीय बीजवली
- जार्ज बूल द्वारा प्रतिपादित प्रतीकात्मक तर्क की एक शाखा जिसमें साध्य वस्तुवर्ग द्वयंगी कोष्ठिका आदि आदि AND, OR, NOT, IF, EXCEPT, NEITHER NOR, और IF .......THENजैसे संकारकों के द्वारा संबद्ध होते हैं । इन संकारकों द्वारा दर्शायी गई संक्रियाओं के सदृश होते हैं । बूलीय बीजगणित द्वारा प्रतीकात्मक तर्क की संक्रियाएँ इस प्रकार दर्शायी जा सकती हैं जिससे ये संक्रियाएँ इस उद्देश्य के लिए बनाए गए किसी स्वतः चालित कंप्यूटर से तुरंत पूरी की जा सकें ।
- 1. एक वाहक-आवृत्ति-प्रवर्धक जो प्रायः एक स्वतः पूर्ण एकक होता है और ऐंटेना या संचरण-लाइन और दूरदर्शन या रेडियो अभिग्राही के बीच संबद्ध होता है ।
- 2. एक मध्यवर्ती रेडियो या दूरदर्शन केंद्र जो किसी नियत स्टेशन से अन्य स्टेशन को सिग्नलों का पुनसंचार करता है ।
- 3. एक लघु और स्वतः पूर्ण ट्रांसफार्मर जो कैथौड किरण-नलिका के साकेट में तंतु-वोल्टता बढ़ाने के लिए जोड़ा जाता है । इससे नलिका की आयु बढ़ जाती है ।
- 4. मिसाइल के साथ जाने वाला एक अतिरिक्त नोदन (propulsion) तंत्र जो मिसाइल को अपना आवेग देने के पश्चात् मिसाइल से अलग हो सकता है अथवा नहीं भी ।
- booster amplifier -- वर्धन प्रवर्धक, बूस्टर प्रवर्धक
- श्रव्य इंजीनियरी में काम आने वाला एक प्रकार का प्रवर्धक जो किसी श्रव्य कंसॉल के मिश्रक नियंत्रकों से आने वाले सिग्नल की शक्ति में वृद्धि करता है जिससे कि सिग्नल रव अनुपात को अच्छी तरह कायम रखा जा सके ।
- booster rocket -- बूस्टर रॉकेट
- ठोस अथवा द्रव ईंधन वाला एक रॉकेट इंजन जो रॉकेट-उड़ान की कुछ प्रावस्थाओं में रॉकेट के सामान्य प्रणोदक तंत्र की सहायता करता है ।
- boro-carbon resistor -- बोरो कार्बन प्रतिरोध
- चीनी मिट्टी जैसे रूपक पर कार्बन एवं बोरान हाइड्राइड की एक सूक्ष्म क्रिस्टलीय फ़िल्म के निक्षेप से बना हुआ अग्निक्रीड़ा प्रकार का एक प्रतिरोध । चूंकि कार्बन का ताप-अभिलक्षण ऋणात्मक एवं बोरान का धनात्मक होता है अतः इस प्रकार का प्रतिरोध ताप-परिवर्तनों की प्रतिपूर्ति कर देता है ।
- Bose Einstein Statistics -- बोस-आइन्सटाइन सांख्यिकी
- बोस-आइन्सटाइन द्वारा विकसित अविभेद्य कणों की क्वांटम सांख्यिकी । यह मैक्सवेल-बोल्ट्समान सांख्यिकी का संशोधिक रूप है । यह सांख्यिकी, फोटॉनों अर्थात् विकिरणों पर और उन अणुओं और परमाणुओं पर लागू होती है जिनमें प्रोटॉन न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या समान होती है । इसमें यह कल्पना की गई है कि तन्त्र का आइगेन फलन (eigen function) सममितीय है । इसके अनुसार किन्हीं दो कणों के निर्देशांकों के अंतरपरिवर्तन से, तंत्र के आइगेन फलन के चिन्ह में कोई परिवर्तन नहीं होता है । प्रत्येक ऊर्जा-अवस्था से संबंधित अलग-अलग तरंग-फलनों की संख्या, सांख्यिकीय भार p1 के बराबर होती है और बोस-आइन्सटाइन सांख्यिकी में प्रत्येक तरंग-फलन से संबंधित अविभेद्य कणों की संख्या n1 पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है । अधिकतम प्रायिकता-तंत्र के लिए वितरण-नियम इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है ।
- ni = (Formula)
- जिसमें ni उन कणओं की संख्या है जिनमें ऊर्जा हो और C एक स्थिरांक है ।
- Bose Einstein Statitics -- बोस-आइंसटाइन सांख्यिकी
- क्वांटम सांख्यिकी का एक रूप जो अनेक अनुमत ऊर्जा मानों में कणों के वितरण से संबंधित है । इस सांख्यिकी का पालन करने वाले कण किसी एक ही ऊर्जा अवस्थामें सामूहिक रूप से रह सकते हैं अर्थात् इन कणों पर पाउली अपवर्जन सिद्धांत लागू नहीं होता । उच्च ताप पर जहाँ अनेक ऊर्जा स्तर उत्तेजित होते हैं,फ़र्मी डिराक सांख्यिकी की तरह बोस-आइंसटाइन सांख्यिकी भी मैक्सवेल-बोल्ट्जमान सांख्यिकी के रूप में बदल जाती है ।
- 1. बोस-आइन्सटाइन सांख्यिकी का पालन करने वाला कण । इसका प्रचक्रण पूर्णांक होता है । बोसॉन के अतंर्गत फ़ोटॉन, पाई मेसॉन, ऐल्फ़ा कण और कणों की समसंख्या वाले सभी नाभिक आते हैं ।
- 2. एस.एन. बोस के नाम पर आधारित एक मूल कण जो बोस आइन्सटाइन सांख्यिकी का पालन करता है । सांख्यिकी के साथ प्रचक्रण के संबंध से यह स्पष्ट है कि सभी बोसॉनों का प्रचक्रण पूर्णांकीय अथवा शून्य होता है ।
- Boume hydrometer -- बाउमे उत्प्लव घनत्वमापी
- यह एक विशेष प्रकार का परिवर्ती निमज्जन किस्म का उत्प्लव घनत्वमापी है जो इस प्रकार बना होता है कि उसके निमज्जन की गहराई द्रव के घनत्व की व्युत्क्रमानुपाती होती है और उसका पैमाना इस प्रकार अंकित होता है कि पाठ्यांक (B) से उस द्रव का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र की सहायता लेना पड़ती है ।
- आपेक्षिक घनत्व = 144.3/1443-B
- किसी संख्या समुच्चय की वह संख्या जो या तो समुच्चय की प्रत्येक संख्या के बराबर अथवा इससे छोटी हो अथवा वह संख्या जो समुच्चय की प्रत्येक संख्या के बराबर अथा इससे बड़ी हो । पहली संख्या निम्न परिबंध और दूसरी संख्या उपरि परिबंध है ।
- bound electron -- परिबद्ध इलेक्ट्रॉन
- ऐसा इलेक्ट्रॉन जो स्थिर वैद्युत् आकर्षण द्वारा किसी परमाणु के नाभिक से बँधा होता है ।
- boundary layer -- परिसीमा स्तर
- जिस पिंड से होकर किसी तरल का प्रवाह हो रहा है उसके पृष्ठ के निकट तरल के मंदित प्रवाह का प्रदेश ।
- boundary value problem -- परिसीमा मान समस्या
- किसी अवकल समीकरण अथवा अवकल समीकरण-तंत्र के हल में आने वाली ऐसी समस्या जिसमें स्वतंत्र चर के कुछ मानों के विषय में कुछ विशेष प्रतिबंध दिए हुए होते हैं । इन मानों को परिसीमा-मान कहते हैं ।
- bounded function -- परिबद्ध फलन
- कोई ऐसा फलन f(z) जिसके साथ एक ऐसा अचर होता हो कि के परिभाषा-प्रांत में सभी z के लिए f (z) < M
- Boyle temperature -- बॉयल ताप
- वह ताप जिस पर कोई गैस शून्य से लेकर विस्तृत दाब परासों तक आदर्श गैस नियम का पालन करती है । यह ताप भिन्न-भिन्न गैसों के लिए भिन्न-भिन्न होता है ।
- Boyle`s law -- बायल का नियम
- आयरलैंड निवासी वैज्ञानिक राबर्ट बॉयल (Robert Boyle) (1627-1691) के नाम पर ।
- यदि किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान को स्थिर ताप पर संपीडित किया जाए अर्थात् दबाया जाए तो इसके दाब और आयतन का गुणनफल स्थिर रहता है अर्थात् आयतन दाब का व्युक्रमानुपाती होता है ।
- इस नियम का पालन बहुत हद तक स्थायी गैसें करती हैं पर पूर्ण रूप से पालन केवल आदर्श गैस ही करती हैं । इस नियम को मेरिओत (Marriotte) का नियम भी कहते हैं।
- Bragg curve -- ब्रैग-वक्र
- ब्रैग द्वारा प्रतिपादित एक ऐसा वक्र जिसमें किसी गैस (प्रायः वायु) में से गुजरने वाले ऐल्फ़ा कणों को विशिष्ट आयनन स्रोत से उनकी दूरी के सापेक्ष आलेखित किया जाता है । इससे ऐल्फ़ा कणों का परास निर्धारण किया जा सकता है ।
- ब्रैग द्वारा प्रतिपादित एक नियम । यह नियम किसी क्रिस्टल से एकवर्णी ऐक्स किरणों के समान्तर किरणपुंज के विवर्तन में तरंगदैर्ध्य, आपात या परावर्तन कोण और क्रिस्टल अंतराल का पारस्परिक संबंध दर्शाता है जिसे निम्न समीकरण से व्यक्त किया जाता हैः
- जहाँ n = एक पूर्णांक जो विवर्तन की कोटि दर्शाता है ।
- nλ = 2d sin ɵ
- λ = ऐक्स किरणों का तरंगदैर्ध्य ।
- d = क्रिस्टल के दो समान्तर परमाण्विक तलों के बीच की दूरी ।
- ɵ = इन तलों के साथ किरणपुंज का आपात कोण ।
- यह समीकरण इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन के विवर्तन के लिए भी लागू होता है । इसका उपयोग क्रिस्टल-संरचना के अध्ययन में होताहै ।
- Bragg spectrometer -- ब्रैग स्पेक्ट्रममापी
- ब्रैग द्वारा आविष्कृत एक उपकरण जो क्रिस्टल से होने वाले विवर्तन द्वारा ऐक्स-किरण अथवा गामा-किरण तरंगदैर्ध्य मापन के लिए प्रयुक्त होता है । इसे क्रिस्टल स्पेक्ट्रममापी भी कहेत हैं ।
- गति रोकने का साधन । वाहन (vehicle) इंजन आदि के वे पुर्जे जिनसे उसकी गति घर्षण आदि द्वारा मंद की जाती है ।
- brake horsepower -- ब्रैक अश्वशक्ति
- इंजन के क्रैंकशाफ्ट (crankshaft) पर उपलब्ध वास्तविक अश्व-शक्ति जो बहुधा इंजन परब्रेक लगा कर नापी जाती है ।
- Bramah press -- ब्रामा संपीडक
- इस संपीडक में पिस्टन युक्त दो सिलिंडर होते हैं जो एक नलिका द्वारा जुड़े रहते हैं और जिनमें पानी भरा रहता है। एक सिलिंडर का व्यास दूसरे से बहुत अधिक होता है । छोटे सिलिंडर के पिस्टन पर थोड़ा बल लगाने से पानी में दाब बढ़ जाता है । यह दाब दूसरे सिलिंडर के पिस्टन पर बल लगाता है और उस पिस्टन का क्षेत्रफल बड़ा होने के कारण उस पर लगने वाले पूरे बल का परिमाण बहुत ज्यादा हो जाता है । इसके द्वारा रूई आदि को दबाकर गाँठें बनाई जाती हैं ।
- branch instruction -- शाखा चयन अनुदेश
- एक प्रकार का कंप्यूटर-अनुदेश जिसके द्वारा कम्प्यूटर-प्रोग्राम के निष्पादन में उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों के अनुसार दो वैकल्पिक उपकार्यक्रमों में से एक का चयन होता है ।
- branching ratio -- शाखन अनुपात
- एक प्रकार की विधा से क्षय होने वाले एवं दूसरी प्रकार की विधा से क्षय होने वाले जनक परमाणुओं की संख्या का अनुपात अथवा एक निर्दिष्ट शाखन भिन्नों का अनुपात ।
- (1) आघात द्वारा या प्रतिबल लगाकर किसी वस्तु को टुकड़ों या भागों में विभाजित करना ।
- (2) पायस को उसके दो या अधिक घटकों में पृथक करना ।
- (3) किसी तेल को पर्याप्त समय तक रखा रहने पर या गरम करने पर उसमें से एक ऊर्णी पदार्थ का पृथक हो जाना ।
- (4) वार्निश में से किसी घटक रेजिन या शुष्कक के पृथक हो जाने की क्रिया । वह वार्निश का खंडन कहलाती है ।
- (5) इस शब्द का प्रयोग कभी-कभी उस दोष को व्यक्त करने के लिए भी होता है जो पेन्ट लगाने के शीघ्र बाद प्रकट होता है । इसमें द्रव, पेन्ट से अलग होकर बहने लगता है ।
- breakpoint -- विच्छेदबिन्दु, खण्ड बिन्दु
- 1. कम्प्यूटर प्रोग्राम में एक ऐसी स्थिति जहाँ सप्रतिबन्ध विच्छेद किया जा सकता हैताकि चाक्षुष जाँच, मुद्रण या अन्य कोई विशिष्ट क्रिया की जा सके । बग उन्मूलन के दौरान इसका प्रायः उपयोग किया जाता है ।
- 2. अधिशोषण चक्र की एक ऐसी स्थिति जिसमें बहिस्रावी पदार्थ अधिशोषण द्रव्य के सांद्रण में सुस्पष्ट वृद्धि दर्शाने लगता है ।
- breeder reactor -- प्रजनक रिऐक्टर
- 1. एक प्रकार का नाभिकीय रिऐक्टर जिसमें विखण्डनीय ईंधन की जनन मात्रा उपयुक्त मात्रा से अधिक होती है ।
- 2. एक प्रकार का नाभिकीय रिऐक्टर जो उपर्युक्त ईंधन जैसा ही विखण्डनीय ईंधन उत्पन्न करता है । इसमें उत्पन्न होने वाले ईंधन की मात्रा विचारणीय नहीं होती । ऊर्वर सामग्री में न्यूट्रॉनों का अवशोषण होने पर प्रजनन की प्रक्रिया द्वारा इस अतिरिक्त विखण्डनीय सामग्री का निर्माण होता है ।
- किसी नाभिकीय रिऐक्टर में न्यूट्रॉनों के अवशोषण द्वारा विखण्डनीय ईंधन के उपयोग होने की दर से कहीं अधिक मात्रा में नाभिकीय ईंधन का उत्पादन । यह नव उत्पादित ईंधन उपयुक्त ईंधन के प्रकार का भी हो सकता है ।
- breeding ratio -- प्रजनन अनुपात
- किसी प्रजनन रिऐक्टर में उत्पन्न होने वाले विखण्डनीय परमाणुओं की संख्या और रिऐक्टर में उपयोग किए गए विखण्डनीय परमाणुओं की संख्या का अनुपात । प्रजनन अनुपात में से 1 घटाकर प्रजनन लब्धि प्राप्त होती है ।
- प्रजनन अनुपात - 1 प्रजन लब्धि ।
- 1. (क) कोक या चारकोल बनाने के उपरांत अवशिष्ट पदार्थ ।
- (ख) कोक या चारकोल का चूरा या छोटे-छोटे टुकड़े ।
- 2. भ्राष्ट्र में बची राख ।
- 3. आंशिक रूप से ब्रीज से बना, निर्माण के काम आने वाला पदार्थ (जैसे ईंट या कंक्रीट)
- bridge rectifier -- सेतु दिष्टकारी
- चार अवयवों द्वारा बना सेतुनुमा एक पूर्ण तरंग दिष्टकारक जो इस प्रकार जुड़ा होता है कि संधियों के युग्म पर प्रयुक्त प्रत्यावर्ती वोल्टता के कारण इसके ठीक विपरीत या सामने वाली दो संधियों के युग्म पर दिष्टधारा-वोल्टता प्राप्त होती है ।
- किसी निर्दिष्ट दिशा में किसी पृष्ठ से उत्सर्जित प्रकाश की वह राशि जो उसके प्रति मात्रक क्षेत्रफल से प्रति मात्र ठोस कोण में निकलती हैं । इसे कैंडिल शक्ति प्रतिमात्रक क्षेत्रफल (candle power per unit area) द्वारा व्यक्त करते हैं । द्युति का मात्रक लैम्बर्ट होता है ।
- brightness conrol -- द्युति-नियंत्रण
- दूरदर्शन-अभिग्राही में काम आने वाला एक नियंत्रण जो पुरनरूत्पादित प्रतिबिंब की औसत द्युति को बदल देता है ।
- brightness control -- द्युति नियंत्रण
- टेलीविजन और रेडार अभिग्राहियों तथा कैथोड किरण दौलनदर्शियों में काम आने वाला एक ऐसा नियंत्रण जो कैथौड किरण नलिका के ग्रिड बायस में परिवर्तन करके नलिका केप्रतिदीप्तिशील पर्दे पर द्युति का नियंत्रण करता है । इससे औसत द्युति और चित्र के विपर्यास दोनों पर ही प्रभाव पड़ता है ।
- 1. नमक से संतृप्त जल ।
- 2. सांद्र लवणीय विलयन, (जैसे प्रशीतन में प्रयुक्त कैल्सियम क्लोराइड)
- 3. समुद्र या नमक की झील का पानी
- British thermal unit -- ब्रिटिश ऊष्मा मात्रक
- अधिकतम घनत्व के ताप पर जल के एक पौंड के ताप में 1o F की वृद्धि के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा, जो लगभग 252 कैलॉरी होती है ।
- ऐसे ठोस पदार्थ जिनमें विरूपक बल लगाने से विकृति नहीं उत्पन्न होती, किन्तु वे टूट जाते हैं।
- 1. आसानी से टूटने या चटकने वाला । थोड़ा मोड़ने या विरूपम से टूटने वाला ।
- 2. वह धातु या मिश्रातु जिसका आघातवर्ध्यता और तन्यता बहुत कम हो ।
- रेडियो तरंगों द्वारा संगीत या वार्ता का दूर-दूर तक चारों ओर प्रेषण ।
- broadside on position -- स्थिति निरक्षीय ( = Bस्थिति)
- चुंबकत्वमापी की वह स्थिति निरक्षीय स्थिति कहलाती है जिसमें उसकी चुंबकीय सूची माप्य चुंबक के चुंबकीय निरक्ष पर अर्थात् उस चुंबक के केन्द्र से चुंबकीय अक्ष के लंबवत् खींची गई रेखा पर स्थित होती है । इसे गौस की B-स्थिति भी कहते हैं ।
- bromide paper -- ब्रोमाइड कागज
- सिल्वर ब्रोमाइड को जिलेटिन में निलंबित करने से प्राप्त पायस की पर्त लगा सुग्राही कागज । इसका उपयोग फोटोग्राफी में विवर्धन (enlargement) या संपर्क-प्रिन्ट के लिए होता है ।
- bromonium ion -- ब्रोमिनियम आयन
- काल्पनिक आयन H2Br+ अथवा उसका कोई व्युत्पन्न जो हाइड्रोजन परमाणुओं को अन्य परमाणुओं या समूहों द्वारा प्रतिस्थापित करने से प्राप्त होते हैं ।
- brush (electric) -- बुरूश (वैद्युत्त)
- किसी जनित्र या मोटर आदि के घूमते हुए भाग में विद्युत धारा को प्रविष्ट कराने या उससे लेने का साधन । बुरूश साधारणतः कार्बन का बना होता है और स्थिर रहता है ।
- brush discharge -- बुरूश विसर्जन
- बुरूश के बालों के गुच्छे की आकृति वाला विद्युत् का दीप्त विसर्जन । किसी चालक से यह विसर्जन उस समय होता है जब उसके पृष्ठ के पास का विद्युत् क्षेत्र एक न्यूनतम मान से तो अधिक हो पर स्फुलिंग निकलने के लिए पर्याप्तहो। बुरूश विसर्जन की उत्पत्ति के लिए यह आवश्यक है कि विद्युत् क्षेत्र एक समान न हो ।
- bubble chamber -- बुदबुद कोष्ठ
- एक ऐसा कोष्ठ जिसमें दाब के अन्तर्गत द्रव हाइड्रोजन जैसा कोई पारदर्शी द्रव अति तृप्त दशा में भरा होता है जिससे इसमें से गुजरने वाला कोई आयनकारी कण अपने पथ के साथ-साथ गैस बुदबुद पैदा करता हुआ एक अति विक्षुब्ध क्वथन प्रारंभ कर देता है जिससे कण का पथ प्रत्यक्ष देखा जा सकता है । इसका भी उपयोग अभ्रकोष्ठ के समान ही किया जा सकता है ।
- Buchner funnel -- बुकनर फनेल, बुकनर कीप
- बेलनाकार शीर्ष युक्त पोर्सिलेन कीप । इसमें एक सछिद्र पोर्सिलिन प्लेट होती है जिसमें निस्यंदक पत्र रखा जाता है ।
- bucking coil -- प्रतिकारी कुंडली
- विद्युतचुंबक पर ऐसा कोई भी कुंडलन जो मुख्य कुंडलन के क्षेत्र का विरोध करता है । इस प्रकार की कुंडली विद्युतचुंबकीय लाउडस्पीकरों में प्रदाय वोल्टता के स्पंदनों को दूर करने के काम आती है ।
- buffer -- बफर, उभय प्रतिरोधी
- 1. एक विद्युत्-परिपथ या घटक जो किसी विद्युत्-परिपथ को दूसरे से अलग करता है ।
- 2. इलेक्ट्रॉनीय परिपथों में काम आने वाली एक निर्वात नलिका जो अन्य दो चरणों में होने वाली अवांछनीय परस्पर क्रिया को रोकती है । प्रेषित्र में यह निर्वात नलिका समान्य रूप से प्रमुख दोलित्र चरण के बाद लगाई जाती है ।
- 3. इलेक्ट्रॉनीय कंप्यूटर में काम आने वाला पृथक्कारी परिपथ जो चालित परिपथ के संगत चालक परिपथ पर प्रतिक्रिया को रोकता है ।
- buffered computer -- बफर अभिकलित्र
- एक प्रकार का अभिकलित्र जिसमें एक संचायक युक्ति जुड़ी होती है जिससे निवेश एवं निर्गत दत्त अस्थायी रूप से संचित हो जाते हैं ताकि अभिकलित्र के उच्चतर वेग के साथ निवेशी निर्गत युक्तियों के निम्न वेग का सुमेल हो जाए तथा अभिकलित्र के निवेशी और निर्गत दोनों प्रचालनों को युगपत् किया जा सके ।
- 1. एक अर्धस्वचालित टेलिग्राफ भेजने वाली कुंजी जिसमें एक उत्तोलक होता है जिसे एक ओर करने से मार्स कोड की एक बिंदु श्रेणी और दूसरी ओर करने से रेखा उत्पन्न होती है ।
- 2. गलत तरीके से डिजाइन करने के कारण किसी परिपथ का एक दोष ।
- 3. एक इलेक्ट्रॉनीय श्रवण-युक्ति जो प्रायः लघु और गुप्त होती है । इसका उपयोग व्यापारिक या सैनिक जासूसी के लिए किया जाता है ।
- buk modulus of elasticity -- आयतन प्रत्यावस्था गुणांक
- हुक (Hooke) के नियम का पालन करने वाले प्रत्यास्थ पदार्थ में प्रतिबल (stress) और आयतन विकृति का अनुपात जबकि प्रतिबल = दाब प्रतिमात्रक क्षेत्र, और
- आयतन विकृति = आयतन में परिवर्तन / मूल आयतन
- पहचान और परीक्षण के लिए युग्मों का परस्पर समूह बनाना। वेग माडुलित इलेक्ट्रॉन-धारा में उत्पन्न होने वाली वह क्रिया जिससे वेग-माडुलन से उत्पन्न होने वाले इलेक्ट्रॉन संक्रमण कालांतरों के सीधे परिणामस्वरूप एक प्रत्यावर्ती संवहन-धारा-घटक उत्पन्न हो जाता है ।
- Bunsen burner -- बुन्सन ज्वालक ( बुन्सन बर्नर)
- प्रयोगशाला में प्रयुक्त गैस ज्वालक, जिसमें एक विशेष प्रकार की सीधी नली होती है और पेंदे में वायु के प्रवेश के लिए एक छिद्र होता है । गैस पैंदे के एक बारीक छेद में से प्रवेश कराई जाती है और वायु तथा गैस का मिश्रण ऊपरी सिरे पर जलता है । इसमें वायु के प्रवाह को नियमित करने के लिए प्रबन्ध होता है जिससे ज्वाला का ताप नियंत्रित किया जा सके। इसका अविष्कार प्रो. बुन्सन ने किया था ।
- Bunsen cell -- बुन्सेन सेल
- दो तरलों वाला प्राथमिक सेल । इसमें धन इलेक्ट्रोड कार्बन का होता है जो सांद्र नाइट्रिक अम्लमें डूबा रहता है और ऋण इलेक्ट्रोड पारदित जस्त का होता है जो 10 प्रतिशत सल्फ्यूरिक अम्ल में डूबा रहता है । इसकी वोल्टता 1.95 है ।
- Bunsen cell -- सेल, बुन्सेन
- इस सेल के अवयव वही है जो ग्रोव सेल में होते हैं । अन्तर केवल इतना है कि प्लेटिनम के स्थान पर इसमें कार्बन की छड़ होती है जिससे सेल का मूल्य कम हो जाता है ।
- 1. किसी ठोस को किसी तरल में पूर्णतया या अंशतः डुबाने पर उसके भार में आभासी कमी । इसका कारण यह है कि तरल उस ठोस पर ऊपर की ओर एक बल लगता है जिसे उत्प्लावन बल (buoyancy force) कहते हैं । यह बल विस्थापित तरल के भार के बराबर होता है और उसके गुरूत्व केंद्र पर कार्यकर होता है ।
- 2. तरल में अथवा तरल की सतह पर प्लवन करने का गुणधर्म, तरल में निमज्जित किसी पिंड की प्लवन करने अथवा ऊपर उठने की प्रवृत्ति जो पिंड और तरल के आपेक्षिक घनत्वों के अंतर के कारण होती है ।
- रोधनी वाली बेलनाकार अंशांकित कांच की नली । इसका उपयोग आयतनी विश्लेषण में द्रवों का आयतन मापने के लिए होता है । गैस-विश्लेषण में प्रयुक्त ब्यूरेटों में रोधनी अक्सर अंशांकित नली के ऊपरी सिरे पर लगी होती है । नली का निचला सिरा रबर की नली द्वारा एक हौज से जुड़ा रहता है जिसमें पारा या पानी रहता है ।
- buring glass -- आतशी शीशा
- उत्तल लेंस जो सूर्य की किरणों को अपने मुख्य फोकस पर केन्द्रित कर उच्च ताप उत्पन्न करता है ।
- गैस की ज्वाला से वस्तुओं को गर्म करने का साधन जैसे बुन्सन बर्नर ।
- 1. एक चालक या चालकों का एक समूह जो दो या दो से अधिक परिपथों के लिए सर्वनिष्ठ संबंधनों की तरह काम करता है ।
- 2. कंप्यूटर में काम आने वाला एक या एक से अधिक चालकों का समूह जो अनेक लक्ष्यों में से किसी एक लक्ष्य को सूचना संचरित करने के लिए पथ का काम करता है ।
- एक भारी एवं दृढ़ धात्विक चालक जो साधारणतया विद्युत्रोधी नहीं होता । इसका उपयोग विशाल विद्युत्-धारा का वहन करने या अनेक परिपथों के बीच सर्वनिष्ठ संबंधन के लिए किया जाता है । इसे बस भी कहते हैं ।
- butterfly resonator -- तितली-अनुनादक
- एक अनुनादी परिपथ जो 100 - 300 मेगाहर्ट्ज की आवृत्ति के परिसर में काम करता है । इसमें एक परिवर्ती संधारित्र होता है जिसमें स्टेटर तथा रोटर प्लेट लगे होते हैं । जो देखने में तितली के पंख जैसे होते हैं ।
- बिजली की घंटी के समान वैद्युत् संकेत का एक साधन जो गूंजन-ध्वनि उत्पन्न करता है ।
- by-product -- उपोत्पाद, उपजात
- किसी निर्माण प्रक्रम में प्रमुख पदार्थ के अलावा प्राप्त होने वाले अन्य उत्पाद । उदा. कोलगैस के निर्माण में कोलतार का बनना ।
- C.G.S. system -- C.G.S. पद्धति
- लंबाई, भार और समय के मापन की वह पद्धति जिसमें क्रमशः सेंटीमीटर, ग्राम और सेकंड मूलभूत मात्रक मान लिए गए हैं ।
- C.G.S. system -- सेन्टीमीटर ग्राम सेकंड पद्धति
- ऐसी सुव्यवस्थित पद्धति जिसमें लंबाई के मात्रक के लिए सेन्टीमीटर को, द्रव्यमान (mass) के मात्रक के लिए ग्राम को और समय के मात्रक के लिए सेंकड को आधार माना गया है । किसी भी भौतिक राशि को इन तीनों मात्रकों के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है ।
- c.g.s. unit -- मात्रक, सेंटीमीटर-ग्राम-सेकंड
- किसी राशि को नापने के लिए सेंटीमीटर-ग्राम-सेकंड पद्धति पर आधाति मात्रक ।
- कई तारों का बना एक विद्युत् रूद्ध् चालक या ऐसे अनेक चालकों का समूह । इसका उपयोग तथा तार संकेत के संचरण में किया जाता है । यह बाह्य आवरण द्वारा जल सह (water proof) बनाकर जल अथवा ज़मीन के अंदर भी डाला जाता है ।
- समुद्रीतार से भेजी जाने वाली खबर ।
- cadmium cell -- कैडमियम सेल
- एक मानक सेल जिसका विद्युत्-रसायन में प्रचुरता से प्रयोग होता है । इसका कैथोड 12.5 प्रतिशक कैडमियम अमलगम होता है जो
- CdSO4. 8/3 H20 के
- क्रिस्टलों से ढका होता है । पारद-स्तर ऐनोड का कार्य करता है जो पारद और मर्क्यूरस सल्फेट के मिश्रण से ढका होता है । संतृप्त कैडमियम सल्फेट का विलयन विद्युत्-अपघट्य का कार्य करता है । t0 ताप पर सेल का वि.वा.ब. निम्नलिखित व्यंजक द्वारा व्यक्त किया जाता हैः
- E = 1.01485-4.05 x 10-5 (t-20)-9.5 x 10-7 (t-20)2
- इस व्यंजक से स्पष्ट है कि सेल के वि.वा.ब. का ताप के साथ विचलन बहुत कम होता है । इस प्रकार 200C पर E=1.0485 वोल्ट । इसे वेस्टन सेल या वेस्टन मानक सेल भी कहते हैं ।
- cadmium ratio -- कैडमियम अनुपात
- कैडमियम से बिना ढकी पर्णिका में न्यूट्रान प्रेरित संतृप्त सक्रियता और कैडमियम से ढकी होने पर उसी प्रणिका की संतृप्त सक्रियता का अनुपात । यह अनुपात तापीय ऊर्जाओं एवं उच्चतर ऊर्जाओं के न्यूट्रॉनों की सापेक्ष संख्याओं का एक माप है ।
- caesium cell -- सीजियम सेल
- एक प्रकाश वैद्युत सेल जिसका कैथोड, चाँदी की छोटी-छोटी गोलिकाओं पर सीजियम की पतली परत जमाकरबनाया जाता है । यह अवरक्त विकिरण के लिए विशेष रूप से संवेदनशील है ।
- एक मानक उपकरण से तुलना करके किसी उपकरण के अंशांकनों की त्रुटि को मापना ।
- calibration, graduation -- अंशांकन
- किसी भी राशि को मापने के उपकरण या यंत्र पर ऐसे निशान अंकित करना जिनके द्वारा उस राशि का मान प्रत्यक्ष पढ़ा जा सके, जैसे तापमापी पर डिग्रियों के तथा उनके हिस्सों के निशान अंकित करना या ऐम्पियरमापी परऐम्पियरों के निशान बनाना ।
- californium -- कैलीफॉनियम
- ऐक्टिनाइड श्रेणी का तीसरे वर्ग का रेडियोऐक्टिव तत्व परमाणु क्रमांक 98, प्रतीक Cf, परमाणु भार 251 । इसे क्यूरियम-242 पर ऐल्फा कणों की बमबारी से खोजा गया था । इसके 244 से 254 तक द्रव्यमान-संख्या वाले समस्थानिक प्राप्त करने के लिए कम द्रव्यमान वाले समस्थानिकों पर न्यूट्रॉनों या ऐल्फा कणों की बमबारी अथवा यूरेनियम लक्ष्य पर कार्बन या नाइट्रोजन आयनों की बमबारी की जाती हैं । इसके सबसे अधिक स्थायी समस्थानिक Cf- 249 तता Cf-251 हैं जिनकी अर्ध आयु क्रमशः 470 तथा 800 वर्ष है । यह अन्य तत्वों से आयन-विनिमय-प्रक्रिया दवारा पृथक कियाजाता है । इसका कोई भी ठोस यौगिक ज्ञात नहीं है । विश्वास किया जाता है कि इसका ऑक्सीकरण अवस्था3है ।
- इलेक्ट्रॉन-संरचना - 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 5d10 5f106s2 6p6 7s2.
- एक कीलक द्वारा जुड़ी हुई दो वक्र भुजाओं वाला उपकरण, जो नली आदि के व्यास को मापने के काम आता है ।
- call number -- आह्यन-संख्या
- कंप्यूटर (अभिकलित्र) की उपनेमका का अभिनिर्धारण करने वाले संप्रतीकों का एक समुच्चय जिसमें उपनेमका में दिए जाने वाले प्राचलों से संबद्ध सूचना होती है । यह सूचना उपनेमका को उत्पन्न करने में काम आती है या संकार्यों से संबद्ध होती है ।
- एक आह्वान-संख्या जो कंप्यूटर (अभिकलित्र) नेमका में एक शब्द के स्थान में पूरी तरह फिट बैठ जाती है ।
- एक सुबाह्य यंत्र जिसमें दिन के प्रकाश का पराबैंगनी प्रकाश के स्त्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है ।
- calomel electrode -- कैलोमेल इलेक्ट्रोड
- बहुधा प्रयोगशाला में मानक इलेक्ट्रोड के रूप में हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के स्थान पर कैलोमेल इलेक्ट्रोड का प्रयोग किया जाता है । यह एक मानक अर्ध-सेल इलेक्ट्रोड है जिसमें पारा होता है, जो मार्क्यूर-क्लोराइड (कैलोमेल) और पारे के पेस्ट से ढका रहता है । यह मिश्रण मर्क्यूरस क्लोराइड से संतृप्त पोटेशियम क्लोराइड के मानक विलयन के संपर्क में रहता है । सेल का विभव पारद पर विकसित होता है तथा प्लेटिनम तार द्वारा उचित संपर्क बनाया जाता है। निम्लिखित तीन प्रकार के कैलोमेल इलेक्ट्रोड प्रयोग में लाए जाते हैं जिनके 200C पर हाइड्रोजन मापनी पर विभव निम्नलिखित हैं ।
- संतृप्त पोटेशियम क्लोराइड 0.2492 वोल्ट
- 1.0 M पोटेशियम क्लोराइड 0.2860 वोल्ट
- 0.1 M पोटेशियम क्लोराइड 0.3379 वोल्ट
- calorific power -- ऊष्मीय शक्ति
- (1) ईंधनों या गैसों के दहन से प्राप्त बड़ी क्लोरियों की संख्या ।
- (2) भोजन या दैनिक खुराक के पाचन से उत्पन्न छोटी कैलोरियों की संख्या ।
- calorific value (of a fuel) -- ऊष्मीय मान (ईंधन का)
- ईंधन के एक मात्रक द्रव्यमान के पूर्ण दहन से उपलब्ध ऊष्मा की मात्रा। ऊष्मीय मान बम कैलॉरीमीटर से मापा जाता है तथा प्रायः ब्रिटिश ऊष्मा मात्रक (B.Th.U.) प्रति पाउंड अथवा कैलॉरी प्रति ग्राम के मात्रकों में व्यक्त किया जाता है ।
- calorimeter -- ऊष्मामापी (= कैलॉरीमीटर)
- ऊष्मा की मात्राओं को मापने का उपकरण । साधारणतया यह ताँबे का एक पात्र होता है जिसमें जल भरा रहता है । गर्म वस्तु को इस जल में डुबाने पर जल के ताप की जो वृद्धि होती है, उसी के द्वारा ऊष्मा मापी जाती है ।
- calorimeter -- ऊष्मामी, कैलोरीमापी
- ऊष्मारोधी धातु का बना पात्र जिसमें पानी रखा जाता है और एक तापमापी लगा होता है । मापी जाने वाली ऊष्मा की मात्रा को पानी में प्रवेश कराया जाता है । ताप वृद्धि को, ग्रामों में पानी की मात्रा से गुणा करने पर ऊष्मा की मात्रा कैलोरियों में प्राप्त होती है । पात्र, तापमापी और अन्य उपसाधनों द्वारा अवशोषित ऊष्मा के लिए संशोधन करना आवश्यक है । इसके लिए उनके जल-तुल्यांक को पानी के द्रव्यमान में जोड़ दिया जाता है । विकिरण या चालन द्वारा नष्ट ऊष्मा के लिए संशोधन, न्यूटन के शीतलन नियम द्वारा किया जाता है ।
- calorimetery -- ऊष्मामिति (= कैलॉरीमिति)
- कैलॉरीमीटर द्वारा ऊष्मा का मापन ।
- फ़ोटो खींचने का उपकरण । यह प्रकाशरोधी बक्स होता है जिसके अग्र भाग में एक उत्तल लेन्स होता है और पश्च भाग में फ़ोटो की प्लेट या फ़िल्म लगा दी जाती है । इसे आगे-पीछे खिसकाने से लेन्स में से जाने वाले प्रकाश से प्लेट पर वस्तु का उल्टा प्रतिबिंब फ़ोकस हो जाता है । प्रतिबिंब की प्रदीप्ति की तीव्रता के संमंजन के लिए लेन्स के निकट एक शटर लगा होता हैजो प्रकाश को यथोचित काल के लिए प्रवेश करने देता है ।
- camera tube -- कैमरा ट्यूब
- टेलीविजन कैमरा में काम आने वाली एक इलेक्ट्रॉन किरण-पुंज नलिका जो प्रकाशीय प्रतिबिंब को इसके संगत आवेश घनत्व वाले वैद्युत् प्रतिबिंब में रूपांतरित कर देती है और फिर इस वैद्युत प्रतिबिंब को एक पूर्व निर्धारित क्रम में क्रमवीक्षित करके उपर्युक्त विद्युत्-सिग्नल प्रदान करती है । मूर्तिदर्शी, प्रतिबिम्ब विच्छेदक आदि इसके उदाहरण हैं ।
- canada balsam -- कैनाडा बाल्सम
- पारदर्शक द्रव जिसका अपवर्तनां 1.55 होता है । इसका उपयोग प्रिज्मों और लेन्सों आदि के जोड़ने के लिए होता है ।
- प्रकाश की तीव्रता का मात्रक । यह अभिलंब दिशा में एक ऐसे कृष्ण पिंड के 1/600000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले पृष्ठ की प्रकाश तीव्रता हैजिसका ताप 101325 न्यूटन प्रति वर्गमीटर के दाब पर प्लैटिनम के हिमांक (लगभग 2042 K ) के बराबर होता है । इसका प्रतीक cd है । --
- candle (unit) -- कैंडिल (मात्रक)
- ज्योतीय तीव्रता (luminous intensity) का एक मात्रक । 120 ग्रेन प्रति घंटे की दर से जलने वाली 7/8" व्यास की व्हेल (whale) की चर्बी से बनी मोमबत्ती की ज्योतीय तीव्रता इस मात्रक के लगभग बराबर होती है ।
- candle power -- कैंडिल शक्ति
- लैंप आदि की ज्योतीय तीव्रता जिसे अंतर्राष्ट्रीय कैंडिलों द्वारा व्यक्त किया जाता है ।
- अनेक रबर वृक्षों और झाड़ियों का स्कंदित क्षीर । पीला, अक्रिस्टलीय, आ. घ. 0.9. बेन्जीन में विलेय । इसका उपयोग विद्युत् रोधन, खिलौनों और पट्टों के निर्माण में होता है ।
- रबर का आसवन-उत्पाद जिसमें मुख्यतः आइसोप्रीन होता है । इसका उपयोग रबर के विलायक और ऐल्कोहॉल के विकृतीकारक के रूप में होता है ।
- संधारित्र में, किसी एक इलेक्ट्रोड से दूसरे इलेक्ट्रोड की ओर स्थानांतरित वैद्युत आवेश तथा उनके मध्य विभवान्तर का अनुपात । इसके मात्रक फ़ैराड, माइक्रोफ़ैराड व पिकोफ़ैराड आदि हैं, गणितीय रूप
- C =Q/Vजहाँ C = संधारित्र की धारिता,
- Q = स्थानांतरित आवेश, और
- V = इलेक्ट्रॉनों के मध्य विभवान्तर हैं ।
- प्रत्यावर्ती धारा के प्रसंग में संधारित्र का प्रतिघात
- 1/ jѡc = 1/j2πfc होता है।
- जहाँ z j = √-1, f
- प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति और c संधारित्र की धारिता है ।
- capacitance coefficient -- धारिता-गुणांक
- विद्युत् की वह मात्रा जो किसी चालक के विभव को शून्य से एकांक तक लाने के लिए आवश्यक होती है जबकि यह चालक विद्युतरोधी चालकों के ऐसे तंत्र में स्थिति हो जो शून्य विभव पर स्थित किसी चालक खोल द्वारा घिरा हुआ हो या अनंत चालक समतल के किसी एक पार्श्व पर स्थिति हो और तंत्र के अन्य सभी चालक खोल अथवा समतल के विभव पर स्थित हों ।
- capacitance integrater -- संधारित्र समाकलन
- एक ऐसा परिपथ जिसमें मूल रूप से एक प्रतिरोध एवं एक संधारित्र श्रेणीक्रम में जुड़े होते हैं तथा जिसका निर्गम संधारित्र में प्रवाहित विद्युत-धारा का समानुपाती है ।
- capacitive load -- धारिता लोड
- एक ऐसा वैद्युत लोड जिसमें धारा वोल्टता से आगे रहती है । सामान्यतः धारिता-लोडमें प्रतिरोध और धारिता का एक संयोजन होता है । शुद्ध धारिता-लोड में धारा की कला वोल्टता की कला से 900 आगे रहती है । यह लोड विद्युत् लाइन से पश्चगामी धारा खींचने वाले मोटर और कुंडलियों जैसे अधिकांश a.c. उपकरणओं के साथ संलग्न होकर संपूर्ण वैद्युत् धारा और वोल्टता को लगभग एक ही कला में ला देता है । इस प्रकार शक्ति गुणक बढ़ जाता है ।
- एक या एक से अधिक चालकों के युग्मों का एक समुच्चय जो अचालकों द्वारा पृथक्कृत रहता है । ये चालक इलेक्ट्रोड कहलाते हैं और इनको पृथक करने वाला अचालक ठोस, द्रव अथवा गैस के रूप में हो सकता है, जिसे परावैद्युत कहते हैं । संधारित्र अनेक प्रकार के होते हैं जिनके कुछ उदाहरण सिरेमिक, अपघटनी, संरक्षी, अभ्रक और कागजी संधारित्र हैं ।
- 1. पात्र की (of a vessel) - पात्र में समा सकने वाले पदार्थ की मात्रा जो उस मात्रा के अभ्यंतर आयतन द्वारा व्यक्त की जाती है ।
- 2. वैद्युत (electrical) (क) चालक की (of conductor) - किसी चालक के वैद्युत् विभव में एक मात्रक की वृद्धि करने के लिए आवश्यक चार्ज ।
- (ख) संचायक की (of accumulator) - किसी संचायक के निरावेशन (discharge) द्वारा प्राप्त विद्युत् की मात्रा = धारा x समय जो ऐम्पियर-घंटों (ampere hours) में मापी जाती है ।
- (ग) संधारित्र की (of condensor)-किसी संधारित्र के दोनों चालकों के विभवांतर में एक मात्रक की वृद्धि करने के लिए आवश्यक चार्ज ।
- इसे पृष्ठ तनाव (surface tension) भी कहतेहैं । यदि किसी बहुत पतली काँच की नली (केशिका) के दोनों सिरे खुले हों और उसके एक सिरे को किसी द्रव में डुबा दिया जाए तो इसके कारण नली में द्रव पृष्ठ बाहर वाले द्रव पृष्ठ से या तो ऊँचा उठ जाता है (यथा जल में) या नीचे उतर जाता है (यथा पारे में ) ।
- कोई भी ऐसा प्रक्रम जिसमें परमाणु, आयन, अणु अथवा नाभिक अतिरिक्त कण प्राप्त करते हैं । नाभिकों में इलेक्ट्रॉन प्रग्रहण होने पर गामा किरणों का उत्सर्जन होता है । इस प्रकार का प्रग्रहण विकिरणी प्रग्रहण कहलाता है । इलेक्ट्रॉन प्रग्रहण में नाभिक अपने ही किसी कक्षीय इलेक्ट्रॉन का प्रग्रहण करता है । उदाहरणार्थ 74Be नाभिक अपने परमाणु K- के कोश में स्थित किसी एक इलेक्ट्रॉन का ग्रहण कर लेता है और स्वयं 73Li नाभिक में परिवर्तित हो जाता है, प्रक्रम इस प्रकार हैः
- p+e → n+v
- जिसमें न्यूट्रिनों (V) ऊत्सर्जित होता है । आमतौर पर इस प्रक्रम में K- कोण के इलेक्ट्रॉन का प्रग्रहण होता है, परन्तु कभी-कभी इसमें अन्य कोश भी भाग लेते हैं । परमाणु, अणु अथवा आयन की किसी कक्षा मेंहोने वाले इलेक्ट्रॉन प्रग्रहण को इलेक्ट्रॉन-संयोजन कहते हैं ।
- capture cross section -- प्रग्रहण-परिक्षेत्र
- विकिरणी प्रग्रहण के परिक्षेत्र ।
- capture effect -- प्रग्रहण-प्रभाव
- 1. एक ही आवृत्ति के दो आवृत्ति माडुलित सिग्नलों में से प्रबलता सिग्नल का इस प्रकार वरण ताकि दुर्बल सिग्नल बिल्कुल ही समाप्त हो जाए ।
- 2. किसी ट्रांसड्यूसर में होने वाला एक प्रभाव जिसमें अधिकतम परिमाण वाली निवेश-तरंग निर्गम का नियंत्रण करती है ।
- बहुमूल्य पत्थरों के भार और सोने की शुद्धता का मात्रक । शुद्ध सोने का मानक 24 कैरट होता है । उदाहरणार्थ 18 कैरट सोने की शुद्धता 75 प्रतिशत होगी । 1 कैरट = 205 मि.ग्रा. या 3.163 ट्रॉय ग्रेन ।
- H3C या R3C- जैसा ऋण कार्बनिक आयन जिसमें तदनुरूपी मुक्त मूलक की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन अधिक होता है । कार्ब-ऋणायन अल्पजीवी होते हैंपरंतु क्षारक-उत्प्रेरित बहुकलन तथा ऐल्किलन अभिक्रियाओं में महत्वपूर्ण मध्यवर्ती का कार्य करते हैं ।
- carbocyclic compounds -- कार्बोसाइक्लिक यौगिक, कार्बवलयी यौगिक
- ऐसे समचक्री वलय यौगिक जिनके वलय में सभी कार्बन परमाणु होते हैं । जैसे बेन्जीन, नैफ्थैलीन आदि ।
- carbon arc -- कार्बन-आर्क
- 1. कार्बन इलेक्ट्रोड युक्त आर्क लैंप ।
- 2. कार्बन इलेक्ट्रोडों के बीच अथवा एक कार्बन इलेक्ट्रोड और अन्य पदार्थ (जैसे कार्बन आर्क द्वारा संधान में जनक धातु) के बीच उत्पन्न आर्क ।
- carbon arc -- आर्क, कार्बन
- कार्बन इलेक्ट्रोडों का विद्युत् आर्क, इसके लिए 40 से 100 वोल्ट का विभावान्तर काफी होता है ।
- carbon microphone -- कार्बन माइक्रोफ़ोन
- एक प्रकार का माइक्रोफोन जिसमें कार्बन कणों से भरे पात्र पर लगे एक पतले डायाफ्राम का दाब ध्वनि तरंगों के कारण घटता-बढ़ता रहता है और तदनुसार कार्बन कणों का विद्युत-प्रतिरोध बदलता रहता है । इस प्रकार ध्वनि के कंपन, अनुरूपी वैद्युतधारा के कंपनों में परिणत हो जाते हैं ।
- carbon monoxide -- कार्बन मोनोक्साइड CO
- एक रंगहीन, गंधहीन तथा अत्यन्त आविषालु गैस जो नीली ज्वाला के साथ जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बनाती है । यह कार्बन के अपूर्ण दहन से प्राप्त होती है जैसे भाप-अंगार गैस में, प्रोड्यूसर गैस में, अंतर्दहन इंजनों से प्राप्त रेचक गैसों में तथा विस्फोटकों के अधिस्फोटन (detonation) से प्राप्त गैसों में । इसका उपयोग मुख्यतः कार्बोनिलों, फॉस्जीन और अनेक कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में होता है ।
- carbonium ion -- कार्बोनियम आयन
- H3C+, H2RC+, R3C+ जैसा कोई धन आवेशित कार्बनिक आयन जिसमें तदनुरूपी मुक्त मूलक की तुलना में एकइलेक्ट्रॉन कम होता है । ये आयन तदनुरूपी ऋण आवेशित आयनों की उपस्थिति में ही पाए जाते हैं और इनकी उपस्थिति वैद्युत चालकता के प्रयोगों द्वारा सिद्ध होती है । ये अत्यंत क्रियाशील होते हैं। कई कार्बनिक पुनर्विन्यस्त और प्रतिस्थापी अभिक्रियाओं की व्याख्या कार्बोनियम मध्यवर्ती के आधार पर भली-भाँति की जा सकती है । प्रोपिलीन तथा अन्य ऑलिफीनों के अम्ल उत्प्रेरित बहुकलन में निम्नलिखित विधि से कार्बोनियम आयन बनता हैः
- H3C-HC=CH2+H+ → H3C-HC+-CH3
- कार्बोनियम आयन, मुक्त मूलक तथा कार्बनऋणायन में अंतर निम्नलिखित ढंग से दर्शाया जा सकता हैः
- carcinotron -- कार्सिनोट्रॉन
- एक वोल्टता समस्वरित इलेक्ट्रॉन-नलिका जिसे प्रगामी तरंग-सिद्धांत का प्रयोग करके एक पश्चगामी तरंग-दोलित्र के रूप में इस्तेमाल किया जाता है । इसके द्वारा परा उच्च आवृत्ति से लेकर 100 G.Hz या इससे भी अधिक आवृत्ति वाली सूक्ष्म तरंगों को उत्पन्न किया जाता है ।
- cardinal point -- प्रधान-दिग्बिंदु
- 1. दिक्सूचक के उत्तर, पश्चिम, पूर्व और दक्षिण बिंदु ।
- 2. क्रांति वृत्त के दो विषुव-बिंदु और दो अयनांत बिन्दु ।
- cardiogram -- कार्डियोग्राम
- विद्युत् हद्लेखी द्वारा बनाया हुआ एक ग्राफीय अभिलेख । चित्र में एक सामान्य हद्लेख को बड़ा करके दिखाया गया है जिसमें तीन आधारभूत तरंगें P,Q,R,S,T दिखाई गई हैं । P अलिन्द (auriol) के संकुचन से प्राप्त होती है, तीक्ष्ण शिखर Q,R,S निलय सक्रियता (Ventricle activity ) से संबद्ध है और T तरंग निलय (Ventricle) पेशी की विद्युत पुनर्स्थिति (electrical recovery) से प्राप्त होती है ।
- cardiomicrophone -- कार्डियोमाइक्रोफोन
- एक ऐसे दैशिक चित्राम वाला माइक्रोफोन जिसका आकार हृदय की तरह होता है । इसके कारण एक ही दिशा में 180 परिसर तक इसकी अनुक्रिया लगभग एकसमान होती है तथा विपरीत दिशा में सबसे कम अनुक्रिया होती है । इसके एक प्रकार में दो अवयव होते हैं जिसमें से एक तो दाब- चालित गतिज माइक्रोफोन-अवयव होता है और दूसरा रिबन-माइक्रोफोन-अवयव, जिसका प्रचालन वेग के सिद्धांत पर होता है । निर्गम में इन दोनों अवयवों का बराबर योगदान होता है ।
- cark space -- अदीप्त प्रदेश
- निर्वात नलिका में विद्युत् विसर्जन के समय ऋण दीप्ति (negative glow) के दोनों सिरों पर जो स्थान दीप्त नहीं होते । कैथोड़ी या क्रुक्स का अदीप्त प्रदेश कैथोड के तथा ऋण दीप्ति के बीच में होता है और फैरेडे का अदीप्त प्रदेश ऋण दीप्ति तथा धन दीप्ति के बीच में होता है । गैस का दाब बहुत कम हो जाने पर कैथोड़ी अदीप्त प्रदेश फैलकर पूरी नलिका मे व्याप्त हो जाता है । दे. ऋण दीप्ति ।
- Carnot`s cycle -- कार्नो-चक्र
- एक उत्क्रमणीय चक्र जिसमें किसी कार्यकारी पदार्थ का संपीडन रूद्धोष्मतः ताप T2 से T1 तक किया जाता है (चित्र देखें) । ताप T1 पर पदार्थ का समतापीय रूप से प्रसार होता है और T1 से T2 तक रूद्धोष्म रूप से और अंत में ताप T2 पर इसका समतापीय रूप से संपीडन होता है । इस प्रक्रम से दाब, आयतन और ताप अपने मूल मानों पर आ जाते हैंयह चक्र आदर्श ऊष्मा-इंजन के चक्र का द्योतक है । समान ताप परिसर में काम करने वाले उत्क्रमणीय इंजन से अधिक दक्ष अन्य कोई इंजन नहीं हो सकता ।
- प्रतिकृति संचरण में अलग-अलग निर्देश-दोलित्रों के सिग्नलों का अवांछनीय हेट्रोडाइन जिसके कारण प्राप्त कापी पर व्यतिकरण चित्राम बन जाता है ।
- carrier frequency -- वाहक आवृत्ति
- अमाडुलित रेडियो, रेडार, वाहक संचार या अन्य प्रेषित से उत्पन्न होने वाली आवृत्ति अथवा उत्सर्जित तरंग की औसत आवृत्ति जबकि किसी सममित सिग्नल द्वारा इसका माडुलन किया गया हो । इसे केन्द्र आवृत्ति और विराम-आवृत्ति भी कहते हैं ।
- carrier mobility -- वाहक गतिशीलता
- समांगी अर्धचालक में वाहक प्रतिमात्रक विद्युत क्षेत्र में औसत अपवहन वेग इलेक्ट्रॉन गतिशीलता प्रायः होल गतिशीलता से भिन्न होती है ।
- carrier modulation -- वाहक माडुलन
- 1. दूर संचार में काम आने वाला एक प्रक्रम जिसमें वाहक के किसी अभिलक्षण को माडुलक-तरंग के अनुसार बदला जाता है ।
- 2. वाहक के किसी अभिलक्षण का माडुलक-तरंग के तदनुरूप परिवर्तन ।
- carrier system -- वाहक तंत्र
- दूर संचार का एक ऐसा तंत्र जिसमें एक ही परिपथ पर अनेक स्वतंत्र संचार संभव होते हैं । इसमें प्रत्येक चैनल का अलग-अलग वाहक आवृत्ति द्वारा माडुलन किया जाता है जिनको अभिग्रहण-स्थल पर विमाडुलित करके मूल रूप में सिग्नल प्राप्त पर लिया जाता है ।
- carrier to noise ratio -- वाहक-रव अनुपात
- रेडियो-तरंग-संचरण में वाहक और अभिग्राही पर वरण के पश्चात् और आयाम सीमन या संसूचन जैसे किसी रैखिक प्रक्रम से पूर्व मापे गए रव के परिमाणों के बीच का अनुपात । यह अनुपात कई प्रकार से दर्शाया जाता है जैसे आवेग-रव की स्थिति में शिखर पद् में, यादृच्छिक रव की स्थिति में वर्ग माध्य मूल के मानों में ।
- carrier transmission -- वाहक संचरण
- विद्युत् संचारण का एक प्रकार जिसमें एकल वाहक आवृत्ति का माडुलन उन सिग्नलों द्वारा होता है जिनमें प्रेषित की जाने वाली सूचना मौजूद होती है ।
- carrier wave -- वाहक तरंग
- प्रेषित्र से उत्पन्न होने वाली रेडियो तरंग जब कि कोई माडुलक सिग्नल, अन्य कोई भी तरंग पुनरावर्ती स्पंदमाला या ऐसी दिष्ट धारा मौजूद नहीं होती जिसका माडुलन किया जा सके ।
- उच्च आवृत्ति की विद्युत्-चुंबकीय रेडियो तरंगें, जो ध्वनि के लिए वाहक का काम करती हैं अर्थात् जिनकी सहायता से ध्वनि प्रकाश-वेग से स्थानांतरित की जाती हैं । ध्वनि के कंपन पहले उसी आवृत्ति के वैद्युत् दोलनों में परिवर्तित किए जाते हैंऔर तब उनका अध्यारोपण वैद्युत् दोलनों पर कर दिया जाता है जिससे रेडियो तरंगें माडुलित (modulated) हो जाती हैं । अभिग्राही स्थान पर पहुँचने के बाद विमाडुलन के द्वारा तरंगें पुनः उत्पन्न कर ली जाती हैं ।
- 1. दत्त संसाधन के द्वारा कंप्यूटर में उत्पन्न होने वाला एक संप्रतीक सिग्नल जबकि एक ही स्तंभ में दो अंकों का जोड़ उपयोग में आने वाले संख्या-तंत्र के मूलांक के बराबर या इससे अधिक हो जाता है अथवा जब दो अंकों का अंतर शून्य से कम हो जाता है ।
- 2. हासिल को आगे भेजने की क्रिया ।
- 3. एक ऐसा आदेश जो हासिल को आगे भेजने का निर्देश करता है ।
- Cartesian axix -- कार्तीय अक्ष
- कार्तीय निर्देशांक प्रणाली में प्रयोग किए जाने वाले निर्देशाक्ष ।
- Cartesian coordinates -- कार्तीय निर्देशांक
- समतल में किसी बिंदु के स्थान-निर्धारण के लिए दो प्रतिच्छेदी सरल रेखाओं से दूरियों के रूप में निरूपित दो मान ।
- cascade shower -- सोपानी बौछार
- एक प्रकार का अंतरिक्ष किरण वर्षण (cosmic ray shower) जो उस समय होता है जब कोई उच्च ऊर्जा का इलेक्ट्रॉन द्रव्य में से गुजरते समय लगभग अपने बराबर ऊर्जा के एक या अधिक फ़ोटॉन (photon) उत्पन्न करता है और ये फ़ोटॉन इलेक्ट्रॉन और पाज़िट्रॉन के जोड़ों में परिवर्तित हो जाते हैं ।
- cascade shower -- सोपानी बौछैर
- अंतरिक्ष किरणों द्वारा उत्पन्न कणों और Ƴ -विकिरणों की सोपानी बौछार जिसमें उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉनों के गुजरने पर लगभग इतनी ही परिमाण की ऊर्जा वाले एक अथवा अधिक फ़ोटान उत्पन्न होते हैं । ये फ़ोटॉन युग्म निर्माण प्रक्रम द्वारा इलेक्ट्रॉनों और पाज़िट्रॉनों में रूपांतरित हो जाते हैं । ये द्वितीयक इलेक्ट्रॉन भी प्राथमिक इलेक्ट्रॉनों की तरह इसी प्रकार के प्रक्रम को चालू करते हैं । इसी प्रकार का प्रक्रम एक उच्च ऊर्जा वाले फोटॉन द्वारा भी प्रारंभ हो सकता है ।
- (क्रि.) द्रव या सुघट्य रूप में किसी पदार्थ को किसी सांचे में डालकर विशेष आकार देना। इसमें बिना दबाव के पदार्थ को कठोर होने दिया जाता है ।
- (सं.) किसी साँचे में डालकर बनी वस्तु ।
- एक छोटा परंतु तीक्ष्ण नम्य तार जो क्रिस्टल अथवा अर्धचालक के पृष्ठ पर स्थित दिष्टकरण उत्पन्न करने वाले सुग्राही बिंदु से संपर्क करने के काम आता है ।
- समकोणिक निर्देशांकों में समीकरण
- y = a/2 (ex/a + e-x/a)
- द्वारा निरूपित समतल वक्र, जहाँ a वक्र का /y- अंतःखंड है । किसी लचीली रस्सी को किन्हीं दो बिंदुओं से ढीले लटकाने पर रस्सी इस वक्र के आकार में लटकती है ।
- cathetometer -- ऊर्ध्वतामापी (= कैथेटोमीटर)
- ऊँचाई के सूक्ष्म अंतर को ठीक-ठीक मापने का उपकरण । इसमें एक दूरबीन लगी होती है जो एक सूक्ष्मतया अंशांकित दंड पर ऊपर-नीचे खिसकाई जा सकती है ।
- cathetometer -- कैथेटोमीटर ( =ऊर्ध्वता-मापी)
- ऊँचाई के सूक्ष्म अंतर को ठीक-ठीक मापने का उपकरण । इसमें एक दूरबीन लगी होती है जो एक सूक्ष्मता अंशांकित दंड पर ऊपर नीचे खिसकाई जा सकती है ।
- 1. सामान्य रूप से वह इलेक्ट्रोड जिस पर कोई धनात्मक विद्युत् धारा किसी ऐसी विद्युत्युक्ति से बाहर निकलती है जिसमें ठोस माध्यम से होने वाले विद्युत्चालन को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार के वैद्युत् चालन का उपयोग किया जाता है ।
- 2. इलेक्ट्रॉन-नलिका में वह इलेक्ट्रोड जिसके माध्यम से प्राथमिक इलेक्ट्रॉन-धारा अंतराइलेक्ट्रोडी आकश में प्रवेश करती है ।
- 3. बैटरी का धनात्मक टर्मिनल ।
- 4. विद्युत् लेपन सेल का ऋणात्मक जिसके माध्यम से इलेक्ट्रॉन सेल में प्रवेश करते हैं और इसीलिए जिस पर धन आवेशित आयनों का विसर्जन होता है ।
- 5. अग्र दिशा में अभिनत होने वे अर्धचालक डायोड में अन्य टर्मिनल के सापेक्ष ऋणात्मक टर्मिनल ।
- किसी विद्युत् अपघटनी सेल, गैस विसर्जन नलिका अथवा इलेक्ट्रॉन से धनात्मक विद्युत् की धारा निकल कर बाहर के परिपथ में जाती है ।
- cathode dark space -- कैथोडी अदीप्त प्रदेश
- दीप्ति विसर्जन और शीत कैथोड वाली नलिका में कैथोड दीप्ति और ऋण दीप्ति के बीच एक अपेक्षाकृत ज्योतिहीन प्रदेश । इसे क्रुक्स अदीप्त प्रदेश भी कहते हैं ।
- cathode follower -- कैथोड अनुगामी
- एक ऐसा परिपथ जिसमें निर्गत लोड इलेक्ट्रॉनिक नलिका के कैथोड परिपथ में जुड़ा होता है तथा नियंत्रण ग्रिड और कैथोड लोड के सुदूर अंत्य के बीच निवेश लगाया जाता है जो किसी भू-विभव पर हो सकता है ।
- cathode follower -- कैथोड अनुगामी
- एक निर्वात नलिका-परिपथ जिसमें निवेशी सिग्नल को नियंत्रण ग्रिड एवं भू के बीच लगाया जाता है और लोड को कैथोड और भू के बीच जोड़ा जाता है । कैथोड अनुगामी की निर्गत प्रतिबाधा निम्न होती है और निवेशी प्रतिबाधा उच्च तथा वोल्टता-लब्धि एक से कम होती है । प्रचालन आवृत्ति पर एनोड भू-विभव पर होता है, अतः इसे भूसंपर्कित-ऐनोड प्रवर्धन भी कहते हैं । इसका उपयोग प्रतिबाधा सुमेलन के लिए एक उच्च प्रतिबाधा वाले स्रोत को निम्नप्रतिबाधा वाले लोड से संबंधित करन में होता है ।
- cathode glow -- कैथोड-दीप्ति
- शीत कैथोड वाली दीप्ति विसर्जन नलिका में कैथोड और कैथोडी अदीप्त प्रदेश के बीच की दीप्ति ।
- cathode luminescence -- कैथोडी संदीप्ति
- निर्वात में किसी धातु पर उच्च वेग वाले इलेक्ट्रॉनों से बमबारी होने पर उत्पन्न होने वाली ज्योति । इससे उत्तेजित अवस्था में धातु का सूक्ष्म मात्रा में वाष्पीकरण हो जाता है जिससे फिर धातु का अभिलक्षणिक विकिरण उत्सर्जित होता है ।
- cathode phosphorescence -- कैथौडी स्फुर दीप्ति
- निर्वात में उच्च वेग वाले इलेक्ट्रॉनों द्वारा धातु पर बमबारी से उत्पन्न होने वाली स्फुर ज्योति ।
- cathode ray -- कैथौड किरण
- किसी नलिका की तृप्त तंतु से उत्सर्जित अथवा निम्न दाब पर गैस विसर्जन नलिका में उच्च विभव लगाने पर उत्सर्जित होने वाली इलेक्ट्रॉन धारा । इन किरणों से स्फुर दीप्ति, रासायनिक परिवर्तन, यांत्रिकीय प्रभाव और ऐक्स किरणें उत्पन्न हो सकती हैं ।
- cathode ray oscilloscope / oscillograph -- कैथोड-किरण-दोलनलेखी / कैथौड किरण ऑसिलोग्राफ
- एक प्रकार का परीक्षण यंत्र जिससे प्रत्यावर्ती धारा के सिग्नलों का चाक्षुष निरीक्षण किया जा सकता है । इसमें एक प्रवर्धक, समयाधारी जनन परिपथ और कैथोड किरण नलिका का उपयोग किया जाता है । समय अथवा अन्य राशि के फलन-रूप में तीव्र गति से बदलते हुए वैद्युत् सिग्नल कैथोड किरण नलिका के प्रतिदीप्तशील पर्दे पर दृश्य रूप में प्रगट होते हैं ।
- cathode ray tube -- कैथोड-किरण नलिका
- दोलनलेखी नलिका में काम आने वाली एक विशेष प्रकार की निर्वात नलिका । इसमें प्रायः परोक्ष तृप्त कैथोड वाली एक इलेक्ट्रॉन गन काफी परिमाण में इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन करती है जो स्थिर वैद्युत अथवा विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों द्वारा एक संकीर्ण किरणपुंज के रूप में एक प्रतिदीप्तिशील पर्दे पर फ़ोकस किया जाता है । आन्तरिक प्लेटों या बाह्य विद्युत चुम्बकीय कुंडलियों पर उपर्युक्त सिग्नल लगाने पर प्रतिदीप्तिशील पर्दे पर किरणपुंज की स्थिति और तीव्रता में परिवर्तन आता है जिससे दृश्य अनुरेख और चित्राम आदि बनते हैं ।
- cathode sputtering -- कैथोडी कणरंजन
- किसी पदार्थ के पृष्ठ पर धातु के अत्यंत सूक्ष्म स्तर जमाने की एक विधि जिसमें धातु को निर्वात नलिका का कैथोड बनाकर इस पर उच्च वोल्टता पर धनात्मक आयनों द्वारा प्रबल बमबारी की जाती है । जिस पिंड पर लेप चढ़ाना है उसे नलिका के अंदर रखा जाता है जहाँ पर कैथोड से निकलने वाले कणों को ग्रहण कर लेता है ।
- cathodemodulation -- कैथोड माडुलन
- एक प्रकार का आयाम-माडुलन जिसमें माडुलक-वोल्टता को ऐसी इलेक्ट्रॉन-नलिका के कैथोड-परिपथ पर लगाया जाता है जिसमें वाहक मौजूद होता है ।
- धन विद्युत् से आविष्ट आयन जो विद्युत् दार का प्रवाह होने पर कैथोड की ओर जाता है और वहां निरावेशित (discharged) होकर बाहर निकल जाता है । अथवा कैथोड पर निक्षिप्त (deposit)हो जाताहै ।
- कारणता का अभिप्राय है कि एक सी परिस्थितियाँ सदा एक-सा ही प्रभाव उत्पन्न करती हैं । दार्शनिक कारणता का विश्वास करने वाली चिरसम्मत भौतिकी (classical physics) की मान्यता है कि यदि किसी वस्तु निकाय की आरंभिक अवस्था का यथातथ निर्धारण संभव हो और उस अवस्था को परिवर्तन करन वाले कारण (बल, ताप आदि) ज्ञात हों तो उसकी अंतिम अवस्था का निश्चयात्मक पूर्वानुमान प्राप्त किया जा सकता है ।
- caustic curve (& surface) -- किरणस्पर्शी वक्र (एवं पृष्ठ)
- किसी बिम्ब से निकली हुई तथा चौड़े गोलीय पृष्ठ के अक्षीय समतल (meridican plane) में स्थित समांतर किरणें गोलीय पृष्ठ से परावर्तित या अपरावर्तित होने के बाद एक ही बिन्दु पर फ़ोकस नहीं होतीं । उस पृष्ठ के दो क्रमागत बिन्दुओं से परावर्तित अथवा अपवर्तित किरणों के प्रतिच्छेद बिन्दुओं के बिन्दु पथ को किरणस्पर्शी वक्र कहते हैं । इस वक्र का शीर्ष (apex) या उभयाग्र (cusp) उन किरणों के फ़ोकस पर होता है जिनका आपतन-बिंदु गोलीय पृष्ठ के अक्ष के निकट होता है । इस वक्र के अक्षीय परिक्रमण से जो पृष्ठ प्राप्त होता है उसे किरणस्पर्शी पृष्ठ कहते हैं । समस्त परावर्तित और अपवर्तित किरणें इस पृष्ठ को स्पर्श करती हैं ।
- caustic silver -- दाहक रजत AgNO3
- सिल्वर नाइट्रेट, जो षट्भुजी या समचतुर्भुजी क्रिस्टलों में पाया जाता है । घनत्व 4,352, गलनांक 2090 (अपघटन), पानी में विलेय । इसका उपयोग अभिकर्मक (विशेषतः हैलोजनों के लिए ) और स्थानीय पूर्तिरोधी के रूप में, रजत-लेपन और स्थायी धुलाईरोधी निशान डालने में होता है । यह बालों और फर को रंगने में तथा रजत-लवणों के निर्माण में व फोटोग्राफी में भी उपयोगी है ।
- cavity -- कोटर (= गुहिका)
- किसी वस्तु में स्थित खोखला स्थान ।
- cavity resonator -- कोटर अनुनादक
- एक कोटर जो 1 से 100 GHz तक की रेडियो आवृत्तियों पर अनुनाद करता है । ये अनुनादी आवृत्तियां कोटर के आकार और साइज पर निर्भर करती हैं । अनुनादक का उपर्युक्त उत्तेजन होने पर यह एक आवर्ती विद्युत् चुंबकीय क्षेत्र को बनाये रखता है । कोटर अनुनादक सूक्ष्म तरंग नलिकाओं में अनुनादी परिपथ के रूप में, तरंगमापियों और फ़िल्टरों में समस्वरण-अवयवों के रूप में और आवृत्ति मापन में काम आते हैं ।
- celestial altitude -- खगोलीय उन्नतांश
- प्रेक्षक के स्थानीय क्षितिज से ऊपर अथवा इसके नीचे किसी दिए हुए बिंदु की कोणीय दूरी जिसे इस बिंदु और अधोबिंदु से होकर जाने वाले वृहत् खगोलीय वृत्त (ऊर्ध्वाधर वृत्त) के अनुदिश मापा गया हो । जब बिंदु क्षितिज के ऊपर होती है तब दूरी धनात्मक होती है और नीचे होने पर ऋणात्मक होती है ।
- आकाश में अवस्थित द्रव्य का पुंज, जो खगोलीय अध्ययन के लिए एकक (unit) माना जा सके जैसे- तारा ग्रह, उपग्रह, धूमकेतू आदि ।
- celestial body -- खगोलीय पिंड, खपिंड
- उन सभी वस्तुओं के लिए एक व्यापक शब्द जिन्हें पृथ्वी के वायुमंडलीय आवरण के परे आसमान में देखा जा सकता है । उदाहरणार्थः सूर्य, चंद्र, ग्रह, और उनके उपग्रह, उल्काएं, धूमकेतु, तारे, नीहारिका तथा बाह्य गैलेक्सी ।
- celestial circle -- खगोलीय वृत्त, खवृत्त
- खगोल का कोई बृहत् अथवा लघु वृत्त, जैसे विषुव-वृत्त, क्रांति-वृत्त इत्यादि ।
- celestial coordinates -- खगोलीय निर्देशांक
- किसी खगोलीय पिंड के स्थिति-निर्धारण के लिए स्वीकृत और समकोण पर एक दूसरे को काटने वाले दो खगोलीय बृह्दवृत्तों से ली गई कोणीय दूरी पर आधारित निर्देशांक । जैसे
- (1) विषुबांश और क्रांति,
- (2) खगोलीय अक्षांश और देशांतर,
- (3) गैलेक्सीय अक्षांश और देशांतर ।
- celestial equator -- खगोलीय विषुवद् वृत्त
- खगोल का वह बृहद् वृत्त जिसके सभी बिंदु खगोलीय ध्रुवों से 900 पर होते हैं ।
- celestial horizon -- खगोलीय क्षितिज
- खगोल का वह वृहद् वृत्त जिसका प्रत्येक बिन्दु प्रेक्षक-सापेक्ष शिरोबिंदु और अधोबिंदु से 900 की कोणीय दूरी पर हो । पृथ्वी-केंद्र से होकर प्रेक्षक के संवेद्य क्षितिज के समांतर जाने वाले समतल का खगोल के साथ प्रतिच्छेद ।
- celestial latitude -- शर, खगोलीय अक्षांश
- क्रांतिवृत्त के उत्तर या दक्षिण में किसी ग्रह या तारे की कोणीय दूरी जो अक्षांश-वृत्त की दिशा में मापी जाती है ।
- celestial longitude -- भोगांश, खगोलीय देशांतर
- विषुव-उन्मंडल के पूर्व या पश्चिम में किसी ग्रह या तारे की कोणीय दूरी जो विषुव-उन्मंडल के विषुव-बिंदु से उस बिंदु तक क्रांतिवृत्त की दिशा में मापी गई हो जो ग्रह या तारे से होकर जाने वाले अक्षांश वृत्त का पाद हो । यह दूरी विषुव-बिंदु से पूर्व की दिशा में मापी जाती है और 00 से 3600 तक होती है ।
- celestial longitude (=right ascension) -- रेखांश, खगोलीय (विषुवांश, खगोलीय)
- किसी खगोलीय पिंड तथा दोनों खगोलीय ध्रुवों में से गुजरने वाला वहृत्-वृत्त और मेषादि अर्थात् (बसन्त विषुव) तथा दोनों खगोलीय ध्रुवों में से गुजरने वाले विषुव वृहत्त वृत्त के समतलों के बीच का कोण, जो उक्त विषुव वृहत् वृत्त से पूर्व की ओर 0 से 360 अंश तक मापा जाता है । यह उन दो कोणों में से एक है जिनके द्वारा आकास में खगोलीय पिंड का स्थान निर्दिष्ट होता है । दूसरे कोण को खगोलीय अक्षांश या विक्षेप भी कहते हैं ।
- celestial mechanics -- खगोलीय यांत्रिकी
- खगोल-विज्ञान की वह शाखा जिसमें गुरूत्व-बलों के अधीन चलने वाले खगोलीय पिंडों की गतियों के बारे में अध्ययन किया जाता है । इसे गुरूत्व-खगोलिका तथा गणितीय खगोलिकी भी कहा जाता है ।
- celestial meridian -- खगोलीय याम्योत्तर
- पृथ्वी के किसी याम्योत्तर का खगोल पर प्रक्षेप । पृथ्वी के किसीस्थान का खगोलीय याम्योत्तर, खगोल का वह बृहद् वृत्त होता है जो खगोलीय ध्रुवों, अधोबिन्दु तथा शिरोबिन्दु से होकर जाता है और जो ठीक उत्तर तथा दक्षिण में क्षितिज को काटता है ।
- celestial meridian -- खगोलीय याम्योत्तर
- पृथ्वी के किसी स्थान के शिरोबिंदु (zenith) तथा खगोलीय ध्रवों में से गुजरने वाला वृहत्-वृत्त तथा उसका समतल । यह ऊर्धवाधर समतल उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित होता है ।
- celestial navigation -- खगोलीय नौसंचालन
- खगोलीय पिंडों के प्रेक्षणों द्वारा आकाशयानों का नौसंचालन ।
- पृथ्वी के चारों ओर अपरिमित त्रिज्य का एक काल्पनिक गोला जिसका केन्द्र पृथ्वी के केन्द्र पर होता है । इसकी कल्पना खगोलीय यांत्रिकी, आकाशीय नौसंचालन और अन्य संबंधित विषयों की समस्याओं का आसानी से हल प्राप्त करने के लिए की गई है ।
- वह काल्पनिक गोला जिस पर सभी खगोलीय पिंड घूमते हुए प्रतीत होते हैं, जिसका केंद्र स्वयं प्रेक्षक का स्थान है और जिसकी त्रिज्या अनंत है ।
- celestial sphere, astronomy -- खगोल
- 1. तारों से भरा आकाश जो पृथ्वी के चारों ओर गोले के रूप में दिखाई देता है । इसका विस्तार बहुत ही बड़ा है क्योंकि तारों तथा नीहारिकाओं की दूरी इतनी अधिक है कि वहाँ से 3 x 1010 से.मी.प्रति सेकंड के वेग से आने वाले प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने मे सैकड़ों-हजारों वर्ष लग सकतेहैं ।
- 2. खगोल तथा खगोलीय पिंड- सूर्य, ग्रह, तारों-संबंधी विज्ञान ।
- 1. एक छोटा पात्र, यथा अवशेषण सेल ।
- 2. रासायनिक क्रिया द्वारा विद्युत् धारा उत्पन्न करने का साधन ।
- census -- 1. गणना 2. जनगणना
- 1. गणनाः किसी नियत समय पर किन्हीं सुनिश्चित विशेषताओं के आधार पर वस्तुओं अथा व्यक्तियों की किसी समष्टि की गिनती ।
- 2. जनगणनाः किसी राज्य, नगर अथवा अन्य प्रशासकीय क्षेत्र की जनसंख्या की गिनती जिसमें प्रायः जन्म-मृत्यु संख्या एवं सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से संबंधित सूचनाएँ भी सम्मिलित रहती हैं ।
- cente of percussion -- आघात-केंद्र
- किसी भौतिक लोलक का वह बिंदु जिस पर आघात करने से लोलक के अक्ष को झटका नहीं लगता ।
- centesimal system (of angles) -- शतिक पद्धति
- कोण-मापन की वह पद्धति जिसमें समकोण का सौवाँ भाग अंश कहलाता है, अंश का सौवाँ भाग कला (मिनट ) है और कला का सौवाँ भाग विकला (सेकंड) है ।
- centigrade scale (Celsius scale) -- तापक्रम, सेंटीग्रेड
- ताप का वह मापक्रम जिसका अविष्कार 1742 में स्वीडेन निवासी ज्योतिविद् सेल्सियस (Celsius) ने किया था । इसमें दो प्रामाणिक बिंदुओं अर्थात् जल के हिमांक और क्वथनांक का अंतराल 100 बराबर भागों या डिग्रियों में विभाजित होता है । हिमांक 0 डिग्री से. तथा क्वथनांक 100 डिग्री से. होता है। इसे सेल्सियस तापक्रम भी कहते हैं।
- किसी बारंबारता-बंटन में संपूर्ण बारंबारता को सौ बराबर भागों में बांटने वाले चर-मानों के समुच्च्य का कोई सदस्य ।
- मीटर का 1/100 वाँ भाग ।
- central conic -- सकेंद्र शांकव
- वह शांकव जिसका कोई केंद्र हो । दीर्घवृत्त और अतिपरवलय सकेंद्र शांकव हैं जबकि परवलय अकेंद्र है ।
- central difference operator -- केंद्रीय अंतर संकारक
- केन्द्रीय अंतर की परिभाषा f(x) में आने वाला
- f(x + h/2) - f(x - h/2)
- संकारक जिसका प्रयोग अंतर्वेशन की समस्याओं में बीजीय समीकरणों के स्वतंत्र चर के रूप में किया जा सकता है ।
- central force -- केंद्रीय बल
- कोई बल जिसकी दिशा सदा ही एक नियत बिंदु अर्थात् केंद्र की ओर होती है । केवल केंद्रीय बल के अधीन चलने वाले किसी कण का केंद्र-सापेक्ष कोणीय आघूर्ण एक अचर सदिश होगा और इसलिए उसकी गति समतलीय होगी ।
- central force -- केन्द्रीय बल
- वह बल जो किसी वक्र पथ पर चलने वाले कण को उस वक्र पथ के केन्द्र की दिशा में आकर्षित या प्रतिकर्षित करे ।
- central tendency -- केंद्रीय प्रवृत्ति
- मात्रात्मक आंकड़ों की वह विशेषता जिसमें इन आंकड़ों का प्रभाव किसी केंद्रीय मान के आस-पास अधिक घना होता है । इस केंद्रीय मान का निर्धारण प्रायः माध्य, बहुलक, माध्यिका आदि के रूप में किया जाता है ।
- 1. कोई बिंदु जिसके सापेक्ष बिंदुओं अथवा अन्य ज्यामितीय तत्वों का कोई निकाय सममित रहता हो । जैसे वृत्त का केंद्र जिससे वृत्त के प्रत्येक बिंदु समान दूरी पर रहते हैं ।
- 2. किसी समूह G का केन्द्र, समुच्चय Z होता है जिसकी परिभाषा निम्नलिखित हैः
- Z = { Z Є G
- जहां सभी xЄ G के लिए Zx = xz} ।
- यह G का एक उपसमूह होता है ।
- centre of buoyancy -- उत्पालवकता केन्द्र (= उत्प्लावन केन्द्र)
- किसी तरल में ठोस को पूर्णतः या अंशतः डुबाने पर ठोस के डूबे हुए भाग के आयतन के बराबर आयतन का तरल विस्थापित होता है । इस विस्थापित तरल का गुरूत्व केन्द्र उत्प्लावकता केन्द्र कहलाता है ।
- centre of buoyancy -- उत्प्लावकता-केंद्र
- किसी तरल पदार्थ में तैरते हुए या डूबाए हुए किसी पिंड द्वारा विस्थापित किए गए तरल का संहति-केंद्र ।
- centre of curvature -- वक्रता-केंद्र
- 1. किसी समतल वक्र के किसी बिंदु से जाने वाले उस वृत्त का केंद्र जिसकी त्रिज्या उस बिंदु पर वक्र की वक्रता का व्युत्क्रम हो ।
- 2. किसी पृष्ठ के किसी बिंदु P के संदर्भ में P और Q से खींचे गए पृष्ठ के अभिलंबों का प्रतिच्छेद-बिंदु जहाँ बिंदुQ बिंदु P का सन्निकट बिंदु है और सीमांत स्थिति में उसकी प्रवृत्ति से संपाती होने की है ।
- centre of gravity -- गुरूत्व केंद्र
- वह बिंदु जिससे होकर किसी पिंड की प्रत्येक स्थिति में उस पर लग रहे गुरूत्व-बलों का परिणामी बल गुजरता है ।
- centre of mass -- संहित-केन्द्र
- 1. स्थानांतरण गति के सम्बन्ध में पिंड का वह बिन्दु जिस पर पिंड का सम्पूर्ण द्रव्यमान संकेन्द्रित माना जा सकता है । इस बिन्दु के प्रति पिंड के प्रत्येक द्रव्यमान-अंशों के आघूर्णों का योग शून्य होताहै ।
- 2. किसी निकाय के दो पिंडों को जोड़ने वाली रेखा पर स्थित एकबिन्दु जिसके चारों ओर वे पिंड एक निकाय के रूप में स्वतंत्रता से प्रक्रिया कर सकते हैं ।
- centre of mass -- संहति-केंद्र
- किसी पिंड को अनेक अलग-अलग छोटे पिंडों का बना हुआ माना जा सकता है । इन पिंडों के संदर्भ में एक ऐसे बिंदु का अस्तित्व है जिसके सापेक्ष इनका आघूर्ण लेने पर इन आघूर्णों का जोड़ शून्य हो जाता है । इन बिंदु को पिंड का संहति-केंद्र कहते हैं ।
- centre of mass system -- संहित केन्द्री (निर्देश) तंत्र
- सामान्यतः कोई भी निर्देश तंत्र जो किसी निकाय के संहति केन्द्र के साथ-साथ चलता है । दूसरे निर्देशांक तंत्रों की अपेक्षा संहति केन्द्री तंत्र में परिकलन सरल होते हैं क्योंकि संहति केन्द्री तंत्र में सम्पूर्ण संवेग हमेशा शून्य होता है ।
- centre of oscillation -- दोलन केंद्र
- किसी भौतिकी लोलक का वह बिंदु जो लोलक के निलंबन-बिंदु और संहति-केंद्र को मिलाने वाली रेखा पर निलंबन केंद्र के नीचे उतनी दूरी पर रहता है जितना कि एक तुल्यकाली सरल लोलक की लंबाई होती है ।
- centre of pressure -- दाब-केंद्र
- किसी निमज्जित पिंड के किसी क्षेत्र का वह बिंदु जिस पर क्षेत्र पर लगे हुए दाब-बलों का परिणामी बल कार्य करता है ।
- centrifugal force -- अपकेंद्र बल
- वह बल जो किसी वक्र पथ पर चलने वाले किसी कण द्वारा उसकी गति को प्रतिबंधित करने वाले बल पर लगाई हुई प्रतिक्रिया के रूप में अनुभव होता है । इसकी दिशा बिंदु पर वक्र की वक्रता-त्रिज्या की बाहर की ओर की दिशा है ।
- centrifugal pump -- अपकेन्द्री पम्प
- यह अपकेन्द्री क्रिया पर आधारित है । इसमें पीपे के आकार का बन्द पात्र होता है जिसमें फलक युक्त चक्री तीव्र गति से घूमती है । यदि पात्र में जल भर दिया जाए तो वह चक्री द्वारा घूमने लगता है और यदि वहाँ से बाहर निकलने का रास्ता हो तो अपकेन्द्रीबल के कारण जल उससे बाहर वेग से निकलने लगता है । इसका परिणाम यह होता है कि पानी बाहर से इस पात्र में अक्ष के पास प्रवेश करने लगता है ।
- centrifuge -- अपकेन्द्रण यंत्र (= अपकेन्द्रीत्र)
- किसी मिश्रण से भिन्न द्रव्यमान वाले कणों को घूर्णन द्वारा पृथक करने की मशीन जैसे दूध से क्रीम निकालने की मशीन । अधिक अपकेन्द्री बल के कारण भारी कण घूर्णन केन्द्र से निकट आ जाते हैं और हल्के कण केन्द्र से दूर हट जाते हैं । द्रव में निलम्बित बहुत बारीक कण इस मशीन के द्वारा शीघ्र ही अपकेन्द्रीत होकर अलग किए जा सकते हैं ।
- centripetal acceleration -- अभिकेन्द्री त्वरण
- वृत्तीय पथ में घूमने वाले किसी कण का केन्द्र की ओर त्वरण । यदि वेग v हो और पथ की त्रिज्या r हो तो यह त्वरण v2/rके बराबर होता है ।
- centripetal force -- अभिकेंद्र बल
- वह बल जिसके प्रभाव में कोई कण किसी वक्र-पथ पर इस प्रकार चलता है कि कण के त्वरण की दिशा पथ के वक्रता-केंद्र की ओर हो । द्रव्यमान m वाले किसी कण का अभिकेंद्र बलmv2/r होता है जहां rपथ की वक्रता त्रिज्या है और v उस कण की चाल है ।
- centripetal force -- अभिकेन्द्र बल
- वह बल जो किसी कण या वस्तु में अभिकेन्द्र त्वरण उत्पन्न करता है और उसे वृत्ताकार पथ पर चलाता है । यह केन्द्र की ओर उद्दिष्ट होता है । यदि वृत्ताकार पथ की त्रिज्या rहो और कण का द्रव्यमान mतथा वेग हो तो इस बल का परिमाणmv2/r होता है ।
- centrode -- सेन्ट्रोड, घूर्णन-केंद्र-पथ
- समतल पर चलने वाली किसी आकृति के तात्कालिक केंद्र का पथ ।
- किसी दी हुई ज्यामितीय आकृति का वह बिंदु जिसके निर्देशांक आकृति के सकल निर्देशांकों के माध्यमान होते हैं । यदि आकृति में द्रव्य का वितरण समांग है तो गुरूत्व-केंद्र और केंद्रक एक ही होंगे ।
- cepletion layer transistor -- हासी स्तर-ट्रांजिस्टर
- ऐसे अनेक प्रकार के ट्रांजिस्टरों में से कोई भी एक ट्रांजिस्टर जिसका प्रचालन हासी स्तरों में से आवेश - चालकों की गति पर निर्भर करता है ।
- ceramics -- मृत्तिकाशिल्प
- (क) मृत्तिका को गढ़कर और उच्च ताप पर पकाकर उपयोगी या सजावट की वस्तुओं को बनाने की कला या प्रक्रम ।
- (ख) कोई मृत्तिका उत्पाद बनाने का उद्योग । मृत्तिका निर्माण का शिल्प-विज्ञान ।
- Cerenkov counter -- सेरेन्कोव गणित्र
- उच्च ऊर्जा वाले आवेशित कणों को संसूचित करने वाला एक उपकरण जिसमें एक पारदर्शी माध्यम आवेशित कणों के प्रवेश करने पर सेरेन्कोव विकिरण उत्पन्न करता है । यह विकिरण एक प्रकाश-इलेक्ट्रॉन संवर्धक नलिका द्वारा संसूचित किया जाता है । इस गणित्र द्वारा दिशात्मक अभिलक्षण भी निर्धारित किए जाते हैं ।
- Cerenkov radiation -- सेरेन्कोव विकिरण
- एक नीला सा दृश्य प्रकाश जो किसी पारदर्शी माध्यम में से गुजरने वाले ऐसे आवेशित कणों द्वरा उत्पन्न होता है जिनका वेग उस माध्यम में प्रकाश के वेग से कहीं अधिक होता है । इसका उपयोग आवेशित कणों के वेग और दिशा मापने के लिए किया जाता है ।
- एक दुर्लभ मृदा तत्व, परमाणु-क्रमांक 58, एक धूसर आघातवर्ध्य धातु, घनत्व 7.042, गलनांक 6230 क्वथनांक 14000, संकेत Ce . यह मैग्नीशियम की भांति हवा में जलता है और पानी का अपघटन करता है । अन्य दुर्लभ मृदा धातुओं के साथ यह सिलिकेट (सीराइट और ऐलैनाइट ) और फॉस्फेट (मोनाजाइट ) के रूप में पाया जाता है। यह दो प्रकार के यौगिक बनाता है, तीन संयोजकता वाले सीरम Ce***तथा चार संयोजकता वाले सीरिक Ce**** । यह गलित क्लोराइड के जल-अपघटन से बनाया जाता है । इसका उपयोग हल्के चकमकों के लिए मिश्रातुओं में (मिश धातु), मशीनगन अनुज्ञापक गोलियों, रेडियो नलियों मे उत्कृष्ठ गैसों के गेटर के रूप में, इस्पात निर्माण के अपमार्जक के रूप मे रक्षण प्रभा चूर्णों (flash light powder) में होता है । इसके यौगिक विषैले होते हैं जिनका उपयोग तापदीप्त गैस मैंटलों में होता है ।
- chain reaction -- श्रृंखला अभिक्रिया
- अभिक्रियाओं की एक श्रेणी जो आरंभिक अभिक्रिया के लिए आवश्यक पदार्थ के बनने पर स्वपोषी हो जाती है । कोई सक्रियित परमाणु, अणु, मूलक तथा नाभिकीय-श्रृंखला-अभिक्रिया में तापीय-न्यूट्रॉन, श्रृंखला प्रारंभ करते हैं जो श्रृंखला-वाहक कहलाते हैं । इस प्रकार आरंभ हुई अभिक्रिया तब तक चलती रहती है तब तक सभी अभिकारक समाप्त न हो जायें या श्रृंखला तोड़ने वाली कोई क्रायविधि आरंभ न हो जाये । हाइड्रोजन और क्लोरीन का प्रकाश रासायनिक संयोग इसका उदाहरण है ।
- (1) CI2 + hv ---->2Clश्रृंखला समारंभन
- (2) CI + H2 ------->HCl + H श्रृंखला
- (3) H + Cl2 ---->HCl + Cl संचरण
- (4) Cl + Cl ---->Cl2 श्रृंखला समापन
- (5) H + H ---->H2
- इस प्रक्रम में दूसरी और तीसरी अभिक्रियायों द्रुत गति से सम्पन्न होती हैं जिनमें हाइड्रोजन तथा क्लोरीन परमाणु उत्पन्न होते हैं । तत्पश्चात् हाइड्रोजन और क्लोरीन के परस्पर संयोग से हाइड्रोजन क्लोराइड बनता है । आरंभ में थोड़े से हाइड्रोजन या क्लोरीन के परमाणुओं की उपस्थिति से श्रृंखला-अभिक्रिया आरंभ हो जाती है और तब तक चलती रहती है जब तक उनमें से एक या दोनों अभिकारक समाप्त न हो जायें अथवा तंत्र में से हाइड्रोजन या क्लोरीन परमाणुओं को निकाल देने से श्रृंखला टूट न जाय ।
- श्रृंखला अभिक्रायाओं की संकल्पना, अनेक तापीय, प्रकाश-रासायनिक और नाभिकीय अभिक्रियाओं और समांग उत्प्रेरण तथा विलयन में ऋण उत्प्रेरण आदि के लिए लागू होती है । इस प्रकार न्यूट्रॉन-विखंन श्रृंखला अभिक्रिया में एक न्यूट्रॉन और एक विखंडनीय परमाणु, विखंडन उत्पन्न करते हैं जिससे अनेक न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं जो आगे विखंडन करते हैं । परमाणु बम का विस्फोट तथा औद्योगिक बहुलकों का निर्माण, श्रृंखला अभिक्रियाओं के उदाहरण हैं ।
- chain reaction -- श्रृंखला अभिक्रिया
- 1. आण्विक या नाभिकीय कोई भी ऐसा प्रक्रम जो एक बार प्रारंभ हो जाने पर उसी से उत्पन्न ऊर्जा अथवा कणों द्वारा स्वतः चालू रहता है । विशेषतया विखंडन (fission) की श्रृंखला क्रिया जिसमें किसी परमाणु के विखंडन से उन्मुक्त ऊर्जा या उत्पन्न कण अन्य परमाण्विक नाभिकों का विखंडन करते हैं और इसी प्रकार उत्तरोत्तर विखंडन की क्रिया का विस्तार होता रहता है । उदाहरणार्थ परमाणु बम में होने वाली श्रृंखला क्रिया ।
- 2. अभिक्रियाओं की एक ऐसी श्रृंखला जिसमें श्रृंखला चालू रखने वाला कारक स्वयं अभिक्रिया द्वारा उत्पन्न होता हैजिससे फिर इसी प्रकार की अन्य अभिक्रियायें उत्पन्न होती हैं । रासायनिक श्रृंखला अभिक्रिया और नाभिकीय श्रृंखला अभिक्रिया इसके उदाहरण हैं । न्यूट्रॉन-विखंडन श्रृंखला अभिक्रिया में एक न्यूट्रान और विखंडनीय परमाणु द्वारा विखंडन होता हैः जिससे अनेक न्यूट्रॉन उत्पन्न होकर दूसरे विखंडनों को पैदा करते हैं ।
- किसी घटना के अथवा किसी परिणाम के प्राप्त होने की संभावना अथवा उसकी मात्रा ।
- change of axes -- अक्ष-परिवर्तन
- निर्देशांकों के एक ही तंत्र में निर्देशांकों के स्थानांतरण और घूर्णन द्वारा विस्थापन, अथवा एक तंत्र से दूसरे तंत्र में परिवर्तन ।
- change of state -- अवस्था परिवर्तन
- पदार्थ की किसी एक भौतिक अवस्था ठोस, द्रव या गैस का किसी अन्य अवस्था में परिवर्तन, जैसे बर्फ का पिघल कर पानी में बदलना ।
- 1. किसी विशिष्ट कार्य के लिए निर्धारित किया गया रेडियो आवृत्तियों का बैंड । मानक प्रसारण चैनल का विस्तार 10 MHz होता है जबकि टेलिविजन चैनल का विस्तार 6MHz होता है ।
- 2. सिग्नल के लिए पथ । (श्रव्य प्रवर्धक के अनेक निवेश चैनल होते हैं, स्टीरिओ प्रवर्धक के कम से कम दो पूर्ण चैनल होते हैं ।
- 3. रिऐक्टर में ईंधन स्लगों या ऊष्मा स्थानान्तरक तरल के लिए रास्ता ।
- 4. कम्यूटर में अंकीय अथवा दूसरी सूचना प्रवाहित करने वाला पथ ।
- 5. कम्प्यूटर में निर्धारित पठन केन्द्र के लिए उपलब्ध संचयी माध्यम का भाग, जैसे कि चुंबकीय टेप, ड्रम अथवा विलंब लाइन-स्मृति की कोर के समांतर पथ ।
- 1. किसी विशिष्ट कार्य के लिए निर्धारित किया गया रेडियो-आवृत्तियों का बैंड । मानक प्रसारण-चैनल का विस्तार 100 MHz होता है जबकि टेलिविजन चैनल का विस्तार 6MHzहोता है ।
- 2. सिग्नल के लिए पथ । श्रव्य प्रवर्धक के अनेक निवेश चैनल होते हैं, स्टीरिओ प्रवर्धक के कम से कम दो पूर्ण चैनल होते हैं ।
- 3. कंप्यूटर में अंकीय अथवा दूसरी सूचना प्रवाहित करने वाला पथ ।
- 4. कंप्यूटर में निर्धारित पठन-केन्द्र के लिए उपलब्ध संचयी माध्यम का भाग, जैसे कि चुंबकीय टेप, ड्रम अथवा विलंब लाइन-स्मृति की कोर के समांतर पथ ।
- channel capacity -- चैनलक्षमता
- प्रति सेकंड प्रतीकों की अधिकतम संख्या जो किसी चैनल के माध्यम से प्रेषित की जा सकती है ।
- channel effect -- चैनल-प्रभाव
- संधि ट्रांजिस्टरों में उत्सर्जक और संग्राहक के बीच पाये जाने वाली एक विद्युत्-धारा जो आधार (base) प्रदेश में से प्रवाहित नहीं होती बल्कि क्षरण के कारण पृष्ठीय पथों से गुजरती है ।
- कोई सरल चिन्ह जो अन्य चिन्हों से मिलकर किन्हीं आंकड़ों का प्रतिनिधित्व करता है । ये अक्षरों, अंकों, विरामादि चिन्हों आदि के समुच्च्यों के सदस्य होते हैं और इनको शब्दों, संख्याओं आदि के रूप में विन्यस्त कर सकते हैं । ये वैद्युत स्पंद, ध्वनि-तरंग आदि भौतिक इकाइयाँ भी हो सकती हैं । अभिकलित्र-तकनीक में ये संप्रतीक ही मुख्य साधन होते हैं ।
- character -- लक्षण / संप्रतीक
- कम्प्यूटर द्वारा पढ़ने, लिखने अथवा संचार करने योग्य सूचना को व्यक्त करने में काम आने वाला अक्षर (A-Z), अंक (0-9) मूलचिन्ह अथवा घटना ।
- character generator -- संप्रतीक जनित्र
- एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनीय युक्ति जो कैथोड-किरण पर्दे अथवा दूसरे किसी दृश्य पृष्ठ पर अक्षरों, संख्यांकों एवं प्रतीकों को निर्धारित क्रम में उत्पन्न करती है ।
- characteristic -- 1. अभिलक्षणिक 2. पूर्णांश
- 1. अभिलक्षिणिक किसी पूर्णांकीय प्रांत D के संदर्भ में ऐसा न्यूनतम धन पूर्णांक p कि D के किसी शून्येतर अवयव a के लिए pa शून्य के बराबर हो । यह सिद्ध किया जा सकता है कि p या तो शून्य है या एक अभाज्य पूर्णांक । p शून्य है तो D को शून्य अभिलक्षणिक वाला पूर्णांकीय प्रांत कहते हैं, अन्यथा परिमित अभिलक्षणिक वाला पूर्णांकीय प्रांत ।
- 2. पूर्णांश दे. Characteristic of logarithm
- characteristic -- अभिलक्षण
- वह गुण जो किसी वस्तु की विशिष्टता बताए या जो उसे अन्य वस्तुओं से अलग करे ।
- characteristic curve -- अभिलक्षणिक वक्र
- एकघात आंशिक अवकल समीकरण
- f(x,y) (Formula)
- के संदर्भ में वह वक्र जिसके प्राचलीय समीकरण
- x = x (t), y=y (t), z=z (t)
- हैं जहां
- dx/dt = f(x,y), dy/dt= g (x,y)
- dx/dt = h(x,y)
- characteristic impedance -- अभिलक्षणिक प्रतिबाधा
- 1. विद्युत्-लाइन की वह चालन-बिंदु-प्रतिबाधा जो लाइन को अनंत लंबाई वाली मानकर प्राप्त होती है ।
- 2. विलंब लाइन में समापन-प्रतिरोध का वह मान जिससे परिपथ जाल के निवेश और निर्गत का न्यूनतम परावर्तन होता है ।
- 3. एक ऐसी संचरण-लाइन के प्रत्येक बिंदु पर वोल्टता एवं धारा का अनुपात जिस पर कोई अप्रगामी तरंग नहीं होती ।
- 4. विद्युत् लाइन की खुली और लघु पथ प्रतिबाधाओं के गुणनफल का वर्गमूल ।
- characteristic of dynamo, motor or valve) -- अभिलक्षणिक
- वह वक्र जिसके द्वारा उपकरण की विशिष्टता और उसके आचरण का ज्ञान होता है ।
- characteristic of logarithm -- लघुगुणक का पूर्णांश
- साधारण लघुगुणक का पूर्णांकीय भाग । एक से दस तक की संख्याओं के लिए पूर्णंश शून्य के बराबर होगा और 10 तथा उससे बड़ी संख्याओं के लिए पूर्णांकीय भाग की अंक-संख्या से एक कम होगा । एक से छोटी संख्याओं के लिए पूर्णांश ऋणात्मक होंगे और उतने से एक अधिक होगा जितने कि दशमलव बिंदु के बाद शून्य हैं ।
- characteristic radiation -- अभिलक्षणिक विकिरण
- X-किरणों के असंतत तरंग-दैर्ध्य वाले समूहों की श्रृंखला जो उत्सर्जक तत्व की अभिलक्षणिक होती है और इसके रासायनिक संयोजन की स्थिति पर निर्भर नहीं करती । यह विकिरणउत्सर्जक द्वारा उच्चतर आवृत्ति की X-किरणों के अवशोषण से उत्पन्न होता है ।
- characteristic vector -- अभिलक्षणिक सदिश
- यदि V क्षेत्र F पर कोई परिमितविम सदिश समष्टि हो, T समष्टि V पर कोई रैखिक रूपांतरण हो, (अर्थात् T Є A (V) जहाँ A(V) इन रूपांतरणों की बीजावली है) और λЄ रैखिक रूपांतरण T का एक अभिलक्षणिक मूल हो तो उस शून्येतर सदिश vЄV को T का Ƴ से संबद्ध अभइलक्षणिक सदिश कहते हैं जिसके लिए vT = Єv ।
- charactron -- कैरेक्ट्रान
- एक प्रकार की कैथोड-किरण-नलिका जिसमें एक निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉन किरणपुंज के द्वारा नलिका के पर्दे पर उपर्युक्त संदीपकों काइस प्रकार उत्तेजन किया जाता है कि दृश्य अंक या अन्य संप्रतीक पर्दे पर प्रदर्शित हो जाता है ।
- किसी वस्तु में व्यक्त विद्युत् की मात्रा अर्थात् ऋणात्मक इलेक्ट्रॉनों की न्यूनता या अधइकता इसे नापने का व्यावहारिक विद्युत् चुंबकीय मात्रक कूलंब हैं । इलेक्ट्रॉनों की न्यूनता होने पर आवेश धनात्मक और अधिकता होने पर ऋणात्मक कहलाता है ।
- charge - mass ratio -- आवेश-संहति अनुपात
- किसी आवेशित कण के विद्युत आवेश और द्रव्यमान का अनुपात । इलेक्ट्रॉन, आयन और आण्विक कोटि के अन्य विद्युन्मय पिंडों के अध्ययन में इसका बड़ा महत्व है । इसका प्रतीक Q/mहै जिसमें Q कण का विद्युत्-आवेश और इसका द्रव्यमान है ।
- charge carrier -- आवेश वाहक
- अर्धचालक में एक गतिशील चालक इलेक्ट्रॉन या होल ।
- charge storage tube -- आवेश संचयन नलिका
- कम्प्यूटर में काम आने वाली एक संचयी नलिका जिसके पृष्ठ पर विद्युत् आवेशों के रूप मे सूचना का संचय होता है ।
- charge storage tube -- आवेश-संचयन-नलिका
- कंप्यूटर में काम आने वाली एक संचयी नलिका जिसके पृष्ठ पर विद्युत् आवेशों के रूप में सूचना का संचय होता है ।
- Charles` law -- चार्ल्स का नियम
- [फ्रांसीसी भौतिकीविद् जैकुई चार्ल्स (Jaques Charles 1746-1823) के नाम पर ]यदि किसी गैस का दाब स्थिर रहे तो ताप में एक डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि होने से उसके आयतन मे जो वृद्धि होती है वह उसके 00C करन आयतन के एक निश्चित अंश ( 1/273 वें भाग) के बराबर होती है अर्थात् सभी गैसों का आयतन प्रसार गुणांक1/273 = 0036 होता हैऔर
- (Formula)
- दूसरे शब्दों में स्थिर दाब पर गैस का आयतन परम ताप का समानुपाती होता है । इस नियम का पालन पूर्णतः केवल आदर्श गैस द्वारा ही होता है ।
- chemical affinity -- रासायनिक बंधुता
- किसी पदार्थ की अन्य पदार्थ के सापेक्ष रासायनिक बंधुता उनके रासायनिक संयोग की प्रवृत्ति की माप है। बंधुता की संकल्पना रसायन मे प्राचीन काल से ही है जब सन् 1718 में जिओफ्रॉय ने और 1775 में बर्गमैन ने इस शब्द की परिभाषा इस प्रकार की थी - मानाA,B और C तरल पदार्थ हैं और A की, C की अपेक्षा B के लिए प्रबल बंधुता है तो A, BC का अपघटन कर C और AB का बनायेगा ।
- A + BC = AB + C
- इस आधार पर किसी पदार्थ के लिए पदार्थों के समूहों की बंधुताओं की तुलनात्मक सारणियों तैयार की गई । अब `रासायनिक अभिक्रिया की बंधुता` शब्द का प्रयोग अभिक्रिया - तंत्र मे मुक्त - ऊर्जा परिवर्तन को व्यक्त करने के लिए होता है जो क्रिया करने की प्रवृत्ति की सही माप है ।
- chemical balance -- रासायनिक तुला
- 1. एक विशेष प्रकार की अत्यन्त सुग्राही तुला जिसका प्रयोग यथार्थ द्रव्यमान के निर्धारण मे ह ता है । प्रयोगशाला मे इसका उपयोग मुख्यतः मात्रात्मक रासायनिक विश्लेषण मे किया जाता है । इसकी सहायता से द्रव्यमान दशमलव के चार अंकों तक ज्ञात किया जाता है । इसे वैश्लेषिक तुला भी कहते हैं ।
- 2. छोटी मात्रा के रासायनिक पदार्थों को अधिक यथार्थता पूर्वक तोलने की सुग्राही तुला ।
- chemical composition -- रासायनिक संघटन
- किसी रासायनिक यौगिक अथवा मिश्रण का उसके अवयवों की किस्म और मात्राओं की दृष्टि से स्वरूप । सामान्य रूप से कीस रासायनिक यौगिक के एक अणु में, प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या अथवा प्रत्येक तत्व की भार की दृष्टि से प्रतिशत मात्रा ।
- chemical constant -- रासायनिक नियतांक
- वाष्प-दाब समीकरण में आने वाला एक स्थिरांक जिसे निरपेक्ष एन्ट्रॉपी का समावेश कर निर्धारित किया जाता है । देखिए - ऊष्मागतिकी का तीसरा नियम ।
- chemical equivalent -- रासायनिक तुल्यांक
- किसी पदार्थ का रासायनिक तुल्यांक अथवा तुल्यांकी भार उसका वह भार है जो ऑक्सीजन के भार में आठ भागों से संयोग करता है या विस्थापित करता है । तुल्यांकों का निर्धारण बहुधा अप्रत्यक्ष रूप से तुल्यांकी समानुपात के नियम के प्रयोग से किया जाता है । इस प्रकार ऑक्सीजन के 8 ग्राम, क्लोरीन के 35.5 ग्रामों के तुल्य है । अतः किसी पदार्थ का तुल्यांक इस प्रकार भी ज्ञात काय जा सकता है कि उसके कितने ग्राम क्लोरीन के 35.5 ग्राम से संयोग या विस्थापित करेंगे ।
- chemical formula -- रासायनिक सूत्र
- प्रतीकों का प्रयोग कर किसी रासायनिक सत्ता अथवा संबंध का लिखित निरूपण । यह रासायनिक प्रतीकों की व्यवस्था है जो पदार्थों का संघटन और संरचना निरूपित करती है । रासायनिक सूत्र निम्नलिखित प्रकार के होते हैः
- (1) आनुभविक -यह सरलतम रूप में एक या अधिक यौगिकों के अणु में परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या और किस्म को व्यक्त करता है । उदाहरणार्थ, CH ऐसीटिलीन और बेंजीन दोनों का आनुभविक सूत्र है । यह संरचना न दर्शाकर संघटन दर्शाता है ।
- (2) आण्विक- यह किसी रासायनिक सत्ता अर्थात् कीस अणु, मूलक या आयन में परमाणुओं की वास्तविक संख्या और किस्म को व्यक्त करता है । उदाहरणार्थ, हाइड्रोजन के एक अणु को, - 3 एक मेथिल मूलक को और 42- एक सल्फेट आयन को व्यक्त करता है ।
- (3) संपरचनात्मक - यह किसी अणु में एक दूसरे के सापेक्ष परमाणुओं, मूलकों और आयनों की स्थिति तथा रासायनिक आबंधों की स्थिति को प्रदर्शित करताहै । उदाहरणार्थ,
- (4) वांशगत - यह कार्बनिक यौगिक के व्यापकीकृत रूप को प्रदर्शित करता है जिसमें चर किसी समजातीय श्रेणी में परमाणुओं की संख्या अथा मूलक की किस्म को बतलाते हैं । उदाहरणार्थ,
- (5) इलेक्ट्रॉनिक - यह संरचनात्मक सूत्र को व्यक्त करता है जिसमें आबंधों के स्थान पर बिंदु रखे जाते हैं जो इलेक्ट्रॉन - युग्मों को प्रदर्शित करते हैं । एक आबंध एक इलेक्ट्रॉन - य ग्म के तुल्य होता है जिसे दो परमाणु समभाजित करते हैं । उदाहरणार्थ, मेथेन का इलेक्ट्रॉनिक सूत्र इस प्रकार है ।
- chemical hygrometer -- आर्द्रतामापी, रासायनिक
- इससे निरपेक्ष आर्द्रता मापी जाती है । इसमें एक चूषित्र (aspirator) से आर्द्रता - शोषक पदार्थ से भारी कुछ श्रेणीबद्ध नलिकाएँ जुड़ी होती हैं । नलिकाओं को आरम्भ में तोल लिया जाता है तथा उनके अन्दर निश्चित आयतन की हवा चूसने के पश्चात् उन्हें फिर तौला जाता है । इससे हवा के उस आयतन में विद्यामान जल वाष्प का द्रव्यमान ज्ञात हो जाता है । आपेक्षिक आर्द्रता मालूम करने के लिए उसीआयतन की यु को उसी ताप पर संतृप्त करने के लिए आवश्यक जल वाष्प का द्रव्यमान रेनो की सरणी से ज्ञात कर लिया जाता है । इन दोनों द्रव्यमानों के अनुपात से आपेक्षिक आर्द्रता ज्ञात कर ली जाती है ।
- chemical physics -- रासायनिक भौतिकी
- भौतिकी की एक शाखा जिसमें भौतिक विधियों द्वारा अणु संरचना तथा आण्विक अन्योन्य क्रिया और आण्विक आबंधों (bonds) का अध्ययन किया जाता है ।
- chemical potential -- रासायनिक विभव
- जे. डब्ल्यू. गिब्ज द्वारा प्रतिपादित एक ऊष्मागति फलन जो किसी शुद्ध घटक के लिए, उसकी ग्राम - अणुक मुक्त ऊर्जा के समान लेता है । परन्तु किसी मिश्रण में µA उसकी आंशिक ग्राम - अणुक मुक्त ऊर्जा के बराबर होता है ।
- अर्थात् यह के ग्राम - अणुओं की अत्यंत सूक्ष्म मात्रा को मिलाने पर मिश्रण की मुक्त - ऊर्जा की परिवर्तन - दर को व्यक्त करता है जबकि मिश्रण के अन्य अवयवों का ताप, दाब तथा ग्राम - अणुओं की संख्या स्थिर रहे । यह फलन साम्यावस्था सिद्धांत में महत्वपूर्ण कार्य करता है ।
- chemical structure -- रासायनिक संरचना
- किसी अणु में परमाणुओं के बंधन की प्रणाली जो उसकी रचना या बनावट को व्यक्त करती है ।
- chemical warfare -- रासायनिक युद्ध
- सैनिक कार्यों के लिए रासायनिक कर्मकों का प्रयोग जो जलन पैदा कर, दम घोंटकर अथवा विषैली गैसों द्वारा शत्रु पक्ष को हताहत करते हैं । इन कर्मकों द्वारा वातावरण को दूषित करना, धूम उत्पन्न कर अपने आक्रमण को छिपाना, नापाम बम या मैग्नीशियम और थर्माइट द्वरा आग लगाकर हानि पहुँचाना आदि भी इसमें सम्मिलित है । आजकल जैव युद्ध के अंतर्गत जीवाणुओं और अन्य संक्रामकों का भी शत्रु की सेना या आबादी के विरूद्ध प्रयोग किया जाता है ।
- chemistry -- रसायन, रसायन विज्ञान
- प्राकृतिक विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत संपूर्ण द्रव्य के संघटन और ऊर्जा परिवर्तन के कारण उस पर होने वाले रूपांतरणों का अध्ययन किया जाता है ।
- chemotherapy -- रसायन चिकित्सा
- परपोषी ऊतकों (host tissues) को कोई नुकसान पहुँचाये बिना, जीवित शरीर मे सूक्ष्मजीवों और अन्य परिजीवियों को नष्ट या संदमित करने के लिए विशिष्ट रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करना । आजकल इस शब्द का प्रयोग कैंसर जैसे दुर्दम (malignant) ऊतकों के रासानिक संहार के लिए भी होने लगा है । रसायन चिकित्सा के लिए सुग्राही कुछ प्रमुख परजीवी और कोष्ठक में दी हुई तदनुरूपी औषधियाँ इस प्रकार हैं
- गोलाकृमि (सैन्टोनिन), सूत्रकृमि या पिन कृमि (पिपरैजीन) अंकुश कृमि (टेट्राक्लोरएथेन), बिल्हारजिया (कार्बनिक ऐन्टिमनी यौगिक), मलेरिया परजीवी (क्वीन, ऐटाब्रीन, क्लोरोविवन), अमीवी अतिसार (एमेटीन, क्विनोलीन व्युत्पन्न )आदि हैं ।
- 1. विद्युत्-परिपथ में काम आने वाला एक प्रेरक अवयव जो किसी निर्दिष्ट आवृत्ति - परिसर से ऊपर की आवृत्तियों के लिए उच्च प्रतिबाधा प्रस्तुत करता हैपरंतु दिष्टधार -प्रवाह पर कोई खास प्रभाव नहीं डालता । इसे चोक - कुंडली भी कहते हैं ।
- 2. तरंग-पथक-पृष्ठ पर बना हुआ कोई खाँचा अथवा अन्य असातत्य जिसका आकार - प्रकार इस प्रकार का होता है कि एक सीमित आवृत्ति परिसर में आने वाली निर्देशित तरंगों के गुजरने में उच्च प्रतिबाधा आ जातीहै ।
- प्रेरकत्व वाला ताँबे के तार की कुंडली जो प्रत्यावर्ती धारा के किसी परिपथ में विद्युत् धारा को कम करने के काम आती है । इस कुंडली का प्रतिरोध कम और प्रेरकत्व अधिक होता है । अतः इसमें ऊर्जा की हानि बहुत कम होती है । प्रेरकत्व को अधिक बढ़ाने के लिए इस कुंडली का क्रोड लोहे का बनाया जाता है ।
- choke coupling -- चोक युग्मन
- 1. प्रवर्धक चरण के निर्गत में चोक का उपयोग जिससे अंतराचरण परिणामित्र की प्राथमिकता कुंडली की आवश्यकता नहीं पड़ती ।
- 2. तरंग - पथक मे काम आने वाला एक प्रकार का अप्रत्यक्ष युग्मन जिसमें सूक्ष्म तरंगीय चोकों का प्रयोग करके उच्च आवृत्ति - क्षरण को रोक दिया जाता है ।
- chopper -- सविरामी अवरोधक, अंतरायित्र
- 1. एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनीय युक्ति जिसका उपयोग नियमित अंतरालों पर किसी विद्युत् - धारा अथवा प्रकाश - किरणपुंज का अंतरायन करने के ले किया जाता है । प्रवर्धन की सुविधा के लिए इनका खूब उपयोग किया जाता है ।
- 2. एक प्रकार का विद्युत् यांत्रिकीय स्विच जो रूपांतरित आयत तरंगें उत्पन्न करने के काम में आता है । इन तरंगों की आवृत्ति चालक ज्या-तरंग के समान होती है और इसके साथ इन तरंगों का सुनिश्चित संबंध होता है ।
- 3. एक प्रकार की विद्युत्-यांत्रिकीय अथवा इलेक्ट्रॉनीय युक्ति जो नियमित अंतरालों पर किसी d.c. या निम्न आवृत्ति वाले a.c. सिग्नल के द्वारा सिग्नल का प्रवर्धन सुगम हो जाता है । इस युक्ति का उपयोग a.c. सिग्नल को d.c. में बदलने के लिए विमाडुलक के रूप में भी किया जा सकता है ।
- chopper amplifier -- अंतरायिक प्रवर्धक
- एक प्रकार का वाहक प्रवर्धक जिसमें एक निम्नपारक फ़िल्टर द्वारा फ़िल्टर होने के बाद दिषअटनिवेश का आयताकार प्रत्यावर्ती सिग्नल में परिवर्तन किया जाता है । प्रवर्धन के पश्चात आयताकार तरंग सिग्नल का समकालिक दिष्टकार करके इष्ट प्रवर्धित दिष्ट निर्गत प्राप्त कर लिया जाता है ।
- किसी दिए हुए वक्र अथवा पृष्ठ के दो निर्दिष्ट बिंदुओं के बीच एक सरल रेखा द्वारा अंतरित खंड ।
- choroma control -- क्रोमा नियंत्रक
- रंगीन दूरदर्शन में एक प्रकार की नियंत्रक युक्ति जो अभिग्राही द्वारा पुननिर्मित चित्रों में वर्ण - संतृप्ति की मात्रा का समंजन करती है । जब यह युक्ति अपनी शून्य स्थिति में होती है तो प्राप्त होने वाले चित्र कृष्ण और श्वेत बन जाते हैं ।
- chromatic aberration -- विपथन, वर्ण
- विभिन्न वर्णों के प्रकाश की अपवर्तनशीलता (refrangibbility) की विभिन्नता के कारम लेन्स या दर्पण द्वारा निर्मित प्रतिबिंब में उत्पन्न दोष । अलग - अलग वर्णों के लिए पारदर्शी माध्यमों के अपवर्तनांक अलग - अलग होते हैं । अतेव अकेले एक लेन्स द्वारा एक वस्तु का एक प्रतिबिंब नहीं बनता वरन् प्रतिबिंबों की एक माला बनती है, जिसमें विभिन्न वर्णों के प्रतिबिंब विभिन्न दूरियों पर होते हैं । उदाहरणार्थ यदि लेन्स पर अक्ष के समांतर सफ़ेद प्रकाश की किरणें पड़ें तब बैंगनी किरणों का फ़ोकस लेन्स के निकटतम होगा और लाल किरणें कम अपवर्तनशील होने के कारण उनका फ़ोकस लेन्स से अपेक्षाकृत अधिक दूरी पर होगा । इनके बीच अन्य वर्णों के अलग - अलग फ़ोकस होंगे। अतः बैंगनी फ़ोकस पर रखे पर्दे पर लाल वलय के केन्द्र में एक बैंगनी बिंदु दिखाई देगा और लाल फ़ोकस पर रखे पर्दे पर बैंगनी वलय के केन्द्र में लाल बिंदु दिखा देगा और लाल फ़ोकस पर रखे पर्दे पर बैंगनी वलय के केन्द्र में लाल बिंदु दिखाई देग । किरणें एक स्थान पर सबसे छोटा वृत्त बनाएँगीं। इसे अल्पतम अस्पष्टता वृत्त कहते हैं । वर्म विपथन दूर करने की अनेक विधियाँ हैं । सर्वाधिक प्रचलित विधि में क्राउन और फ्लिंट काँच के पतले - पतले तथा भिन्न फ़ोकस दूरियों वाले लेन्सों को सटा कर रखा जाता है । एक अन्य विधि में एक ही काँच के दो पतले लेन्सों को इस प्रकार संमंजित किया जाता है कि उनके बीच की दूरी उनकी फ़ोकस दूरियों के योग की आधी होती है ।
- chromatron -- क्रोमोट्रॉन
- 1. रंगीन दूरदर्शन में काम आने वाली एक कैथोड़-किरण-नलिका जिसमें चार पर्दे होते हैं ।
- 2. एकल गन रंगीन चित्र-नलिका जिसमें पर्दे के ऊपर बिंदु की जगह पट्टिका के रूप में फ़ास्फ़र जमा किये जाते हैं ।
- chrome steel -- क्रोम रील
- उत्कृष्ट इस्पात निर्माण की स्वीकृत विधियों में से किसी एक विधि द्वारा बनाया गया इस्पात । इसमें 0.2 से 1.6 प्रतिशत क्रोमियम का मिश्रात्वन तत्व के रूप में प्रयोग किया जाता है । ऊष्मारोधी, घर्षणरोधी और जंगरोधी इस्पातों में क्रोमियम की मात्रा 25 प्रतिशत तक हो सकती है ।
- chromium plating -- क्रोमियम विद्युत् लेपन
- धातुओं का विद्युत् अपघटनी विलेपन जिसमें निकेल की परत के ऊपर क्रोमियम की 0.00001 इंच मोटी परत चढ़ाई जाती है । इसमे धातु का पृष्ठ असंक्षारणीय हो जाता है ।
- chromophore -- वर्णमूलक, क्रोमोफोर
- वे रासायनिक समूह जो किसी ऐरोमैटिक यौगिक (क्रोमोजन) में उपस्थित होने पर दृश्य स्पेक्ट्रम मे अवशोषक बैंड का विस्थापन कर या उन्हें प्रकट कर यौगिक को रंग प्रदान करते हैं । रंजकों मे उपस्थित, प्रमुख वर्ण - मूलकों के आधार पर भी कभी - कभी रंजकों का वर्गीकरण किया जाता है । जैसे - , नाइट्रोसो रंजक 2 नाइट्रो रंजक, ऐजो रंजक आदि ।
- chromosphere -- क्रोमोस्फ़ियर (=वर्णमंडल)
- सूर्य के प्रकाश-मंडल (photosphere) का आवरण जो तापदीप्त हाइड्रोजन, हीलियम आदि गैसों का बना होता है । इसे पूर्ण सूर्य ग्हरण के समय देखा जो सकता है और उसमें से लाल - लाल ज्वालाएँ निकलती दिखाई देती हैं । स्पेर्ट्रमदर्शी द्वारा किसी भी समय इसका अध्ययन किया जा सकता है ।
- chronometer -- क्रोनोमीटर
- परिशुद्ध समय-मापन के लिए विशेष प्रकार की लोलक रहित सुवाह्य (portable) घड़ी । इसमें ताप के परिवर्तन के कारण होने वाले प्रभाव के प्रतिकार का ऐसा अच्छा प्रबंध ररहता है कि इसकी चाल मे प्रतिदिन एक सेकंड के दो - चार शतांशों से अधिक का फ़र्क नहीं होता । साधारणतया इसमें आधे - आधे संकंड के बाद खटका होता रहता है । इसका उपयोग खगोलीय प्रेक्षणों में तथा समुद्र में जहाज़ के स्थान का रेखांश या देशांतर मालूम करने के लिए किया जाता है ।
- chronotron -- क्रोनोट्रॉन, अतिशूक्ष्मकालमापी
- एक युक्ति जो स्पन्दों के बीच मिलीमाइक्रोसेकंड तक के काल - अंतरालों को मापती है । एक प्रकार के क्रोनोट्रॉन में अन्तराल निर्धारित करने वाली स्पन्दों का भरण संचरण - लाइन में किया जाता है और लाइन पर स्पन्दों के बीचअंतरण माप लिया जाता है ।
- cinematograph (=kinematograph) -- चलचित्रदर्शी
- ऐसा यंत्र जिसके द्वारा पर्दे पर ऐसे चित्र दिखाए जाते हैं जिनमें मनुष्य आदि चलते - फिरते नज़र आते हैं । इसकी युक्ति यह है कि फ़िल्म पर दृश्य के अनेक फ़ोटो चित्र लगभग 1/16 सेकंड के अंतराल से खींच लिये जाते हैं । इन चित्रों में दृश्य के परिवर्तन के कारण थोड़ा - थोड़ा फ़र्क होता है । इन चित्रों के प्रतिबिंब पर्दे पर उतने ही कालान्तराल से उत्तरोत्तर दिखाए जाते हैं । प्रत्येक चित्र पर्दे थोड़ी देर स्थिर रहता है और तब दूसरा चित्र तुरंत स्थान ले लेता है । इस चित्र परिवर्तन के समय पर्दे पर अंधकार रहता है । नेत्र की दृष्टि निर्बन्ध के कारण हमें चित्र अलग - अलग नहीं दिखाई देते किन्तुदृश्य बदलता हुआ दिखाई देता है ।
- प्रतीक 0 जो शून्य को द्योतित करता है । पूरा शब्द शून्य बिंदु है जिसको शून्य कह देते हैं ।
- एक समतल वक्र जिसके सभी बिंदु समतल में स्थित एक नियत बिंदु से एक दी हुई दूरी पर होते हैं ।
- circle - dot mode -- वृत्त-बिंदु-विधा
- किसी संचायक-नलिका में द्विचरी अंकों को संचय करने की एक विधि जिसमें किसी एक प्रकार के अंक को पर्दे पर वृत द्वारा तथा दूसरे प्रकार के अंक को समकेन्द्री वृत्त द्वारा जिसके केन्द्र में बिंदु होते हैं, दर्शाया जाता है ।
- circle of convergence -- अभिसरण वृत्त
- घात-श्रेणी c0+c1 (z-a)+c2 (z-a)2 +…….+ cn(z-a)n+…... के संदर्ब मे समिश्र समतल का वह वृत्त जिसाक केंद्र है और जिसकी त्रिज्य श्रेणी की अभिसरण - त्रिज्या है । इसका समीकरण
- [z-a]=R है ।
- circle of curvature -- वक्रता-वृत्त
- किसी समतल वक्र के किसी बिंदु से जाने वाला वह वृत्त जिसकी त्रिज्या उस बिंदु पर वक्र की वक्रता का व्युतक्रम हो, जिसकी उस बिंदु पर वक्र के साथ एक उभयनिष्ठ स्पर्श रेखा हो और जो इस स्पर्श रेखा के उसी पार्श्व पर स्थित हो जिस पर वक्र स्थित है ।
- अनेक विद्युत् चालकों को आपस में जोड़कर बनाया हुआ पथ, जिसमें विद्युत धारा का प्रवाह हो सके । यदि यह पथ ऐसा हो कि उसमें विद्युत् धारा घूमकर पुनः पूर्व स्थान पर लौटसके तो इसे बन्द परिपथ कहते हैं । जब परिपथ बन्द नहीं होता तो उसे खुला परिपथ (circuit) कहते हैं ।
- circuit analyser -- परिपथ-विश्लेषक
- एक ही कोष्ठ में अनेक यंत्रों या यंत्र-परिपथों का एक संयोजन जिसाक उपयोग विद्युत-परिपथ में दो या अधिक वैद्युत राशियों का माप करने में किया जाता है ।
- circuit breaker -- परिपथ-विच्छेदक
- एक प्रकार की स्वतः चालित विद्युत यांत्रिकीय युक्ति जो विद्युत - परिपथ में पूर्व निर्धारित मान से धारा का मान अधिक हो जाने पर परिपथ को खोल देती है । यह युक्ति फ्यूज के विपरीत होती है क्योंकि असामान्य परिसितियों मे भी फ्यूज की तरह इसको कोई क्षति नहीं पहुंचती और किसी उत्तोलक या अन्य किसी साधन से इसको दुबारा सेट किया जा सकतै है ।
- circuit diagram -- परिपथ-आरेख
- वैद्युत इलेक्ट्रॉनीय युक्ति अथवा उपकरण के कार्य-कलाप और इसके विभिन्न अवयवों के पारस्परिक संबंधों का प्रतीक रूप में दर्शाया हुआ चित्र ।
- circuit efficiency -- परिपथ दक्षता
- इलेक्ट्रॉन नलिकाओं के निर्गत परिपथों के संबंध में दोलित्र या प्रवर्धक के लोड पर इष्ट आवृत्ति पर प्रदान की हुई विद्युतशक्ति और निर्गत परिपथ को इलेक्ट्रॉन - धारा द्वारा इष्ट धारा प्रदान की हुई विद्युतशक्ति का अनुपात ।
- circuit element -- परिपथ-अवयव
- विद्युत्-परिपथ में अंतर संबंधन को छोड़कर इसका अन्य कोई घटक ।
- circular function -- वृत्तीय फलन
- ज्या, कोज्या आदि त्रिकोणमितीय फलन ।
- circular permutation -- वृत्तीय क्रमचय
- वस्तुओं का वह क्रमचय जिसमें वस्तुएँ एक वृत्त की परिधि में विन्यस्त हैं ।
- circular point -- वृत्तीय बिंदु
- किसी पृष्ट का वह बिंदु जिस पर अभिलंब-वक्रता की मुख्य त्रिज्याएँ बराबर होती हैं ।
- circularly polarised light -- वृत्तध्रुवित प्रकाश
- ईथर सिद्धांत के अनुसार प्रकाश-तरंग अनुप्रस्थ होती है । अर्थात् ईथर के किसी भी कण के कंपन तरंग - संचरण की दिशआ से समकोणिक समतल में होते हैं । इनकी दिशआ क्षण - क्षण बदलती रहती है । किंतु युदि ये कंपन किसी निर्दिष्ट दिशआ में ही हों तो प्रकाश रेखा - ध्रुवित कहलाता है । रेखा - ध्रुवित प्रकाश की किरण में विभिन्न कणों के कंपन एक ही समतल में होते हैं अतः इसको समतल ध्रुवित प्रकाश भी कहते हैं । यदि अनुप्रस्थ समतल में कंपन ऐसे हों कि कणों का गमन पथ दीर्घवृत्तीय या वृत्तीय हो तो प्रकाश क्रमशः दीर्घवृत्त - ध्रुवित या वृत्त - ध्रुवित कहलाता है ।
- circulating memory -- परिसंचारी स्मृति
- अंकीय कंप्यूटर में काम आने वाली युक्ति जो सूचना का संचय करने के लिए विलंब- लाइन का उपयोग करती है । यह सूचना स्पंद श्रृंखला के रूप में संचित की जाती है । निर्गत स्पंदों का संसूचन वैद्युत रूप से होता है और इसका प्रवर्धन तथा पुनःरूपण करके विलंब-लाइन के प्रारंभ में इसका पुनर्निवेशन किया जाता है ।
- circulation -- परिचक्रण ( परिसंचरण)
- ऐसी गति जिसमें चलने वाली वस्तु चक्कर लगाकर पुनः उसी स्थान परजाए जहाँ से उसने चलना प्रारंभ किया था । यथा शरीर में खून का परिसंचरण ।
- circumcentre -- परिकेंद्र
- किसी त्रिभुज अथवा तीन से अधिक भुजाओं वाले किसी समभुज के परिवृत्त के शीर्ष बिंदुओं से जाने वाले वृत्त का केंद्र ।
- किसी त्रिभुज अथवा तीन से अधिक भुजाओं वाले समभुज के सभी शीर्ष बिंदुओं से होकर जाने वाला वृत्त।
- circumpolar star -- परिध्रुवी तारा, सदोदित तारा
- पृथ्वी के किसी स्थान के संदर्भ में वह तारा जिसका संपूर्ण दैनिक परिक्रमण उस स्थान के क्षितिज के ऊपर रहता है ।
- एक उपसर्ग जिसका लैटिन में अर्थ है-इस ओर । यह दो ज्यामितीय समावयवों में उस समावयव को व्यक्त करता है जिसमें कुछ विशिष्ट परमाणु अथवा समूह तल के एक ही ओर होते हैं । जैसे सिस-सिनेमिक अम्ल में दोनों हाइड्रोजन परमाणु एक ओर हैः
- C6H5CH
- HOOCCH
- इन समावयवों में दो कार्बन परमाणुओं के बीच युग्म-आबंध होता है । इस कारण मुक्त घूर्णन नहीं हो सकता है और प्रतिस्थापी समूहों या परमाणुओं के दो भिन्न आकाशीय व्यवस्थायों संभव होती है । तुलना -trans.
- cis-isomer -- सिस-समावयव, समपक्ष-समावयव
- किसी यौगिक के दो ज्यामितीय समावयवों में से एक जिसमें कुछ परमाणु या समूह तल के एक ही ओर स्थित होते हैं ।
- clamp -- क्लैम्प (= शिकंजा)
- ऐसा साधन जिसके अवयवों को, सामान्यतः पेंच द्वारा, एख - दूसरे के समीप लाकर कोई वस्तु पकड़ी या दबाई जा सके ।
- clamping circuit -- बंधन-परिपथ
- 1. एक इलेक्ट्रॉनीय परिपथ जो किसी तरंगाकार के किसी भी एक आयाम को दो सीमाओं मे से किसी भी एक को निर्दिष्ट विभव पर बनाये रखता है ।
- 2. एक प्रकार का परिपथ जो किसी तरंगाकार के आधार को एक निर्दिष्ट विभव अथवा धारा पर बनाये रखता है ।
- Clapeyron-Clausius equation -- क्लेपेरोन-क्लाउसियस समीकरण
- एक ऊष्मागतिकीय व्यंजक जो किसी शुद्ध पदार्थ के दो प्रावस्था संतुलन (उदाहरण ठोस - द्रव्य, द्रव - वाष्प आदि) के लिए लागू होता है । यथार्थ समीकरण यह है -
- (Formula)
- जिसमें दाब,
- परमताप,
- प्रावस्था परिवर्तन की ग्राम अणुक गुप्त ऊष्मा और
- तदनुरूप ग्राम - अणुक आयतन के परिवर्तन को व्यक्त करता है ।
- यदि एक प्रावस्था वाष्प हो तो व्यंजक बदलकर निम्नलिखिंत रूप ले लेता है ।
- जिसमें द्रव या ठोस का वाषअपदाब,
- गैस - स्थिरांक और
- पदार्थ का स्थिरांक है ।
- Clark cell -- क्लार्क सेल
- इसका धनात्मक ध्रुव पारद का होता है जिसके चारों ओर मरकरी सल्फेट का पेस्ट (paste) होता है । जिंक - सल्फेट के संतृप्त विलयन में डूबी हुई जस्ते की छड़ ऋणात्मक ध्रुव का कार्य करती है । इस सेल का 150 पर वि.वा.ब. (e.m.f.) सदैव 1.4345 वोल्ट ही होता है । इस कारण इसे मानक (standard) सेल माना जाता है । इस सेल का ताप गुणांक (temperature coefficient) 00056 वोल्ट प्रति डिग्री है । यह वेस्टन केडमियम सेल से काफी अधिक होने के कारण आजकल यह कम उपयोग में लाया जाता है ।
- clarke cell -- क्लार्क सेल
- विभवमापी द्वारा विद्युत्वाहक बल को ठीक - ठीक मापने के ले, स्थिर वोल्टता के ज्ञात स्रोत की आवश्यकता होती है जो विशेष प्रकार के विद्युत् - अपघटनी सेल द्वरा ही संभव है । इनमें एक क्लार्क सेल है जिसमें एक पारद - कैथोड और एक पारदित जिंक ऐनोड होता है । कैथोड को मर्क्यूरस सल्फेट के पेस्ट में जुबा दाय जाता है । इसमें विद्युत् अपघट्य 00 पर संतृप्त जिंक सल्पेठ का विलयन होता है । इस पूरे सेल को एक कांच की नली में सील कर देते हैं । स सेल का विद्युत् - वाहक बल 150 पर 1.440 वोल्ट होता है, जो प्रति डिग्री ताप - वृद्धि पर 0.00056 वोल्ट घट जाता है । आजकल कैडमियम सेल का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसका तापगुणांक लगभग नगण्य होता ह । देखिए - cadmium cell ।
- 1. फलनों, समुच्चयों आदि गणितीय तत्वों का कोई संग्रह, जो किन्हीं विशिष्ट लक्षणओं के अनुसार संगृहीत है । उदा. तुल्यता - वर्ग ।
- 2. किसी बंटन के विचर मानों का कोई समुच्चय जो विश्लेषण की सुविधा के लिए संपूर्ण परिसर को किसी क्रम में विभक्त करके बनाया गया हो ।
- 3. किसी समूह के परस्पर संयुग्मी अवयवों का संपूर्ण समूह ।
- class interval -- वर्ग-अंतराल
- किसी बारंबारता-बंटन में किसी बारंबारता-वर्ग के विचर मानों में सबसे बड़े और सबसे छोटे मानों का अंतर ।
- clathrate compound -- क्लैथरेट यौगिक, पंजर यौगिक
- वे मिश्रण जिनमें एक घटक के अणु दूसरे घटक के क्रिस्टल - जलाक - ढाँचे में उपस्थित रहते हैं । यह ढाँचा चैनलों, पिंजरों या पर्तों के रूप में होता है । ये दोनों घटक स्टाइकियोमीट्री अनुपात में नहीं रहते, परंतु इनका एक सीमित अनुपात हो सकता है । इस विधि से बिल्कुल विपरीत पदार्थों को संयुक्त किया जा सकता है । उदाहरणार्थ, हाइड्रोक्विनोन में आर्गन को अथवा निकैल सायनाइड - अमोनिया संकर में बेन्जीन को संयुक्त किया जा सकात है । ये संकर सामान्य तापों पर स्थायी होते हैं । संकरों को पिघलाने या घोलने से फंसा घटक निकल जाता है । क्लैथरेट यौगिकों को बनाकर, रासायनिक दृष्टि से समान किन्तु भौतिक दृष्टि से भिन्न अणुओं को पृथक् काय जा सकता है, जब कि पृथक् किए जाने वाले अणुओं का स्पष्टतः, भिन्न आकार होता है । उदाहरणार्थ, निकेल सायनाइड - अमोनिया संकर, हइड्रोकार्बन अशुद्धियों में से बेन्जीन को पृथक् कर देता है और 99.92 शुद्ध बेन्जीन प्राप्त की जा सकती है ।
- Clausius - Mossotti equation -- क्लाउसियस मोसोटी समीकरण
- साधारण अध्रुवीय अणुओं और परमाणुओं की ध्रुवणीयता a का परिकलन, प्रति इकाई आयतन में उपस्थिति परमाणुओं के घनत्व N0से तथा क्लाउसियस मोसोटी समीकरण द्वारा स्थैतिक परावैद्युतांक Єs से किया जाता है ।
- (Formula)
- स्थिर घनत्व के लिए समीकरण (1) के अनुसार परावैद्युतांक पर ताप का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और स्थिर ताप पर किसी गैस का परावैद्युतांक दाब पर निर्भर करता है । यह समीकरण तब तक सही रहता है जब तक अल्प - परास अन्तराणुक बलों की उपेक्षा की जा सके । समीकरण (1) का वैकल्पिक रूप इस प्रकार है -
- (Formula)
- जिसमें अणु - द्रव्यमान घनत्व और
- (Formula)
- ग्राम अणुक ध्रुवणीयता है । ( N ऐवोगैड्रो स्थिरांक है) ।
- clilnical thermometer -- डाक्टरी थर्मामीटर (= ज्वरमापी)
- काँच का पारद तापमापी जो सामान्यतः 940F से 1100F तक अंशांकित होता है । इसका उपयोग शरीर का ठीक - ठीक ताप जानने के लिए किया जाता है। ताप के बढ़ने से पतली दीवार वाले वाल्व में स्थिर पारे का प्रसार हात है और वह संकुचिति (constriction) में होकर केशिका नली में होता है । रोगी के शरीर से थर्मामीटर हटाने के पश्चात् नली में आया हुआ पारा संकुचित होने के कारण बल्ब में वापस नहीं आ सकता । अतः ताप का पाठ्यांक बदलता नहीं और सुविधानुसार थोड़ी देर बाद भी पढ़ा जा सकता है ।
- किसी स्थान की मौसमी हालत तथा प्रवृत्तियों का औसत । यह औसत कई वर्षों की मौसमी हालत का प्रेक्षण करके निर्धारित किया जाता है ।
- clippping circuit -- वर्तन - परिपथ
- 1. एक प्रकार का परिपथ जो वैद्युत सिग्नल के शीर्ष आयाम को एक विशिष्ट मान तक सीमित रखता है ।
- 2. स्पंद-परिपथों में काम आने वाली एक युक्ति जिसके द्वारा आवृत्तियों का प्रवर्धन एक निर्दिष्ट आवृत्ति से कम रखा जाता है और एक नियत काल के पश्चात् स्पंद के पुच्छ को हटा दिया जाता है ।
- clock frequency -- कालद आवृत्ति
- अंकीय कंप्यूटर में काम आने वाले कालद स्पंदों की मास्टर आवृत्ति जिनके द्वारा प्रचालनों की रूपरेखा का नियंत्रण किया जाता है ।
- जो वस्तु उस दिशा में घूमती हो जिस दिशआ में घड़ी की सुइयाँ चलती हैं अर्थात् जो परिभ्रमण करने या घूमने में दाहिनी ओर चलता दिखाई ।
- close coupling -- गाढ़ युग्मन
- वैद्युत युग्मन की कोई भी मात्रा जिसका मान क्रांतिक युग्मन से अधिक होता है । इसका एक उदाहरण (r-f) या (i-f) ट्रांसफार्मर के प्राथमिक और द्वितीयक कुंडलनों के अतिसमीप होने पर प्राप्त होता है ।
- closed interval -- बंद अंतराल
- 1. कोई समुच्चय जिसके सदस्य ऐसी संख्याएँ हैं जो किसी नियत संख्या के बराबर या उससे बड़ी हैं और किसी नियत संख्या के बराबर या उससे छोटी हैं ।
- 2. किसी n- विम समष्टि के संदर्भ मे उन बिंदुओं का समुच्चय जो के प्रत्येक पूर्णांकीय मान के लिए असमिका a1 xbi(Formula)bi द्वारा निर्धारित है जहां a1, a2.... और b1, b2..... नियत संख्याएँ हैं और सभी iके लिए ai <bi होता है ।
- closed subroutine -- बंद उपनेमका
- कंप्यूटर में काम आने वाली एक प्रकार की उपनेमका जो मुख्य उपनेमका से अलग संचित की जाती है । यह उपनेमका कूद कर प्रवेश करती है और बंद उपनेमका के अंत में मुख्य उपनेमका के उपर्युक्त स्थल पर इसकी वापसी की गुंजाइश रखी जाती है ।
- cloud -- अभ्र ( =मेघ, बादल)
- वायुगत वाष्प के द्रवित होने से बना हुआ जल अथवा बर्फ के कणों का दृष्ट (visible) समूह । यह साधारणतया असमान में दिखाई देता है किन्तु किसी पात्र में भी बन सकता है ।
- cloud chamber -- अभ्र कोष्ठ
- विल्सल (C.T.R. Wilson) द्वारा 1912 ई. में अविष्कृत एक उपकरण जिसमें अणुओं को आयनित करने वाले कणों के पथ आँख से दिखाई देते हैं और उनके फोटो लिए जा सकते हैं । इसमे अनिवार्यरूप से एक बेलनाकार या आयताकार कोष्ठ होता है जिसमें पारदर्शक खिड़कियाँ लगी होत है । इसका तला एक चलायमान पिस्टन द्वारा बन्द रहता है। कोष्ठ में कोई गैस और जल का संतृप्त वाष्प भरा रहता है। थोड़ा जल द्रव रूप में भी विद्यामान रहता है । कोष्ठ के पिस्टन को खींच कर एकाएक उसका आयतन बढ़ा दिया जाता है जिससे गैस शीघ्रता से शीतल होकर वाष्प को अतिसंतृप्त कर देती है । यह अतिसंतृप्त अवस्था साधारणतया दीर्घकाल तक बनी रह सकती है, परन्तु यदि गैस में आयनित अणु विद्यमान हों तो उन पर द्रव की छोटी - छोटी बूँदें तुरन्त जम जाती हैं । जब कोई आयनीकारक कम कोष्ट से गुजरता है तब उसके पथ मे सर्वत्र आयन उत्पन्न होते हैं और उन पर जमी हुई बूँदों के कारण यथोचित प्रदीपन होने पर वह पथ दिखाई देने लगता है ।
- cloud chamber -- अभ्रकोष्ठ, मेघ कक्ष
- विल्सन द्वारा आविष्कृत एक कोष्ठ जिसमें वायु आकस्मिक प्रसार द्वारा जल या अलकोहल वाष्प से अतिसंतृप्त हो जाती है । जब इसमें से आयनकारी कण गुजरते हैं तो उनके पथ पर बने आयन युग्म संघनन के लिए केन्द्रकों का काम करते हैं जिससे कणों के पथ पर बिन्दुओं की पंक्तियाँ बन जाती हैं । कोष्ठ को प्रदीप्त करने पर प्रकाश की दिशा के अभिलम्ब आयनकारी कणों का पथ दृष्टिगोचर हो जाताहै । इसे प्रसार कोष्ठ भी कहते हैं । इसका उपयोग अन्तरिक्ष किरणों के अध्ययन में विशेष तौर पर किया गया था ।
- cluster of stars -- तारा-गुच्छ
- ऐसे तारों का समूह जो आकाश में एक स्थान पर सटे हुए दिखाई देते हैं और जिनके बारे में निजी गति आदि के आधार पर यह प्रमाण प्राप्त है कि वे एक ही तारा-तंत्र के सदस्य हैं । जैसे कृत्तिका, हियादीस आदि और अन्य अनेक गुच्छ जो दूरबीन से देखे जा सकते हैं ।
- cluster variable -- गुच्छ चरकांति तारा
- तारों के किसी गुच्छ के अंतर्गत कोई चरकांति तारा ।
- सारणिक के किसी अवयव का सचिन्ह उपसारणिक । यदि अवयव की पंक्ति - क्रमसंख्या और स्तंभ - क्रमसंख्या का जोड़सम है तो चिन्ह धन होता और विषय है तो चिन्ह ऋण होगा । उदाहरणार्थः
- सारणी
- में b1 का सहखंड
- (Formula)
- कोलॉइड-कण के स्थायित्व का कारण उसमें पृष्ठीय विद्युत् आवेश या जलयोजन - आच्छद अथवा दोनों की उपस्थिति है । स्थायित्व के इन कारणों को समाप्त करने वाला कोई भी रासायनिक या भौतिक प्रभाव स्कन्दन कर सकता है । इस प्रकार किसी कोलॉइडी विलय में से विद्युत् धारा को प्रवाहित करने से कोलॉइडी कण इलेक्ट्रोडों की ओर गमन करने लगेत हं, जहाँ वे निरावेशित होकर स्कंदित हो जाते हैं । धूमों और धूमिकाओं (mist) का वैद्युत् अवक्षेपण भी इस तरह होता है । जलभीत कोलॉइड के स्कंदन में विद्युत् अपघट्यों की सूक्ष्म मात्रा का कार्य महत्वपूर्ण है । कोलॉइड का स्कंदन, अपने आवेश से विपरीत आवेश के आयनों के अधिशोषण द्वारा होता है । इस प्रकार् आर्सेनिक सल्फाइड विलय (ऋणात्मक) का स्कंदन एक - धन (unipositive) धनायनों से किया जा सकता है किन्तु द्वि - धन धनायन अधिक क्षमतापूर्नक तथा त्रिधन आयन तो और भी अधिक क्षमतापूर्वक अर्थात् अत्यन्त तनुता पर भी स्कंदन करते हैं । पराश्रव्य कंपन, पराबैंगनी प्रकाश और क्वथन अन्य क्संदनकारक हैं । बाद के दो कारक मूलतः रासायनिक हैं । जलयोजित या जलरागी कोलॉइड केवल उच्च सांद्रताओं वाले विद्युत् - अपघट्यों द्वारा ही स्कंदित होते हैं । इसे लवण - निक्षेपण कहते हैं ।
- coagulation value (coagulation power) -- स्कंदन-मान
- किसी स्कंदक सांद्रण जिसके कारण किसी कोलॉइडी या अन्य परिक्षिप्त तंत्र की निश्चित मात्रा का स्कंदन होता है ।
- coaxial circles -- समाक्ष वृत्त
- ऐसे वृत्त जिनमें से किन्हीं दो का मूलाक्ष किसी भी अन्य जोड़े के मूलाक्ष से अभिन्न हो ।
- 1. संकेतः सार्थक संचरण के लिए प्रयुक्त कुछ प्रतीकों का एक निकाय ।
- 2. कूटः किसी अभिकलित्र या सारणीयन - यंत्र के आंकड़ों अथवा अनुदेशों को निरूपित करने के लिए प्रयुक्त प्रतीकों का कोई निकाय ।
- 1. सूचना दर्शन के लिए काम में आने वाले प्रतीक एवं नियमों का एक तंत्र । इसके उदाहरण मोर्स कोड और इ.आई.ए. वर्ण कोड आदि हैं ।
- 2. कोड के द्वरा सूचना दर्शाने का प्रक्रम ।
- 3. कोड के प्रयोग से उत्पन्न होने वाले संप्रतीकों का सेट ।
- 4. सिग्नल-प्रेषण का एक तंत्र जिसमें बिंदु-रेखा-अंतराल- चिन्ह अंतराल या अन्य किसी विधि का उपयोग किया जाता है जिसमें प्रत्येक अक्षर या अंक को पूर्ण नियोजित संयोजनों से दर्शाया जाता है ।
- coded program -- कोडित प्रोग्राम
- अंकीय कम्प्यूटर के लिए आवश्यक कोड में अभिव्यक्त प्रोग्राम । यह प्रोग्राम मशीन-भाषाओं में कोडित निर्देश सूची के रूप में होता है ।
- 1. एक युक्ति जो रेडियो बीकनों और प्रशनकों के लिए अभीष्ट परिवर्तीत दैध्यों अथवा अंतरालों वाली स्पंदों का जनन करके कूट सिग्नल पैदा करती है ।
- 2. वह व्यक्ति जो कम्प्यूटर-अनुदेशों के अनुक्रम को मशीन द्वारा ग्राहा कूट सिग्नलों में रूपांतरित करता है ।
- यंत्रीय अभिकलन में प्रोग्रामकर्ता के अनुदेशों और प्रवाह संचित्रों (flow charts) से ऐसे यंत्रीय आदेशों की विस्तृत रूप से तैयारी जिनकी सहायता से विचाराधीन समस्याओं का हल प्राप्त हो जाए ।
- 1. गुणलफल के रूप में व्यक्त किसी पद के अंतर्गत किसी गुणनखंड के गुणक के रूप में मानी गई संख्या अथवा राशि, जेसे 2z, az, z (b+c), 7xyzमें क्रमशः 2, a, b+c और 7xy गुणनखंड z के गुणांक हैं । बीजीय समीकरणों मे आने वाली अचर राशियों को चरों के गुणांक कहते हैं ।
- 2. किसी पदार्थ के किसी गुणधर्म या किसी प्रक्रम अथवा युक्ति की किसी विशेषता के माप के रूप में स्वीकृत कोई राशि जो प्रायः अभिकलनों में गुणकों के रूप में अथवा सांख्यिकीय प्राचालों के रूप मे प्रयुक्त होते हैं । जैसे, सहसंबंध गुणांक, घर्षण - गुणांक आदि ।
- coefficient of correlation -- संहसंबंध गुणांक
- एक गुणांक जिसका प्रयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि दो विचर एक दूसरे से कितने स्वतंत्र हैं । दो विचर-समूहों x1, x2......xn और y1, y2,.......yn और क्रमशः इन दोनों समूहों के लिए नियत किए गए समकों aij और bij के संदर्भ में सहसंबंध गुणांक का व्यापक सूत्र
- (Formula)
- है । संकलन और के से तक के उन सभी मानों के लिए किया जाता है जिनके लिए i #j; कोटि सहसंबंध गुणांक, गुणन - आघूर्ण - सहसंबंध गुणांक आदि इसके विशिष्ट प्रकार हैं ।
- coefficient of elasticity -- गुणांक, प्रत्यास्थता
- हुक के नियम (Hooke`s law) को मानने वाली वस्तु के आंतरिक प्रतिबल (stress) तथा उससे उत्पन्न विकृति (strain) का अनुपात । प्रत्यास्थता गुणांक = प्रतिबल/ विकृति । उदाहरणार्थ बिना आकृति परिवर्तन के आयतन परिवर्तन का प्रत्यास्थता गुणांक (आयतन प्रत्यास्थता गुणांक) दाब वृद्धि P और v/V का अनुपात है जब कि प्रारंभिक आयतन V हो और इस दाब वृद्धि के कारण आयतन में होने वाली न्यूनता v हो । विभिन्न प्रकार की विकृति के अनुसार विभिन्न गुणांक होते हैं । जैसे आयतन प्रत्यावस्था गुणांक, दृढ़ता गुणांक आदि ।
- coefficient of expansion -- गुणांक, प्रसार
- ताप में 1 डिग्री से की वृद्धि होने पर किसी वस्तु की लंबाई (L), क्षेत्रफल (S) या आयातन (V) जो वृद्धि I, s या vहोती है, उसका तथा मूल लंबाई, क्षेत्रफल याआयतन का अनुपात रेखिक प्रसार गुणांक = (Formula)
- coefficient of friction (kinetic or sliding) -- गुणांक घर्षण (गतिक या सर्पी)
- दो संस्पर्शी पृष्ठों की सापेक्ष गति को एक समान (त्वरणहीन) रखने के लिए आवश्यक स्पर्शरेखीय बल और दोनों पृष्ठों के बीच अभिलंब प्रतिक्रिया R अर्थात् एक पृष्ठ को दूसेर पर दबाने वाले बल का अनुपात F/R । साधारणतया यह स्थैतिक घर्षण गुणांक से कम होता है ।
- coefficient of friction (static) -- गुणांक, घर्षण (स्थैतिक)
- दो संस्पर्शी पृष्ठों के बीच सापेक्ष गति को प्रारंभ करने के लिए आवश्यक न्यूनतम स्पर्शरेखीय बल (सीमांत बल) F और दोनों पृष्ठों के बीच अभिलंब प्रतिक्रिया R अर्थात् एक पृष्ठ को दूसेर पर दबाने वाले बल का अनुपात F/R । साधारणतया यह सर्पी घर्षण गुणांक से अधिक होता है ।
- coefficient of Linear expansion -- गुणांक, रेखिक प्रसार
- लंबाई के प्रसार का गुणांक ।
- coefficient of regression -- समाश्रयण - गुणांक
- समाश्रयण-समीकरण में किसी स्वतंत्र चर का गुणांक ।
- coefficient of restitution -- प्रत्यावस्थान गुणांक (= प्रतयानयन गुणांक)
- जब किसी वस्तु को विकृत या विरूपित किया जाता है तो उसके अन्दर कुछ प्रतिबल उत्पन्न हो जाते हैं जिनमें पुनः उस वस्तु को पूर्वावस्था मे लाने की प्रवृत्ति होती है । इस प्रकार के बलों को प्रत्यावस्थान बल कहते हैं ।
- coefficient of restitution -- प्रत्यवस्थान - गुणांक
- दो प्रत्यास्थ पिंडों के संदर्भ में टकराव के बाद दोनों पिंडों के अलग होने के सापेक्ष वेग से टकराव के पहले के उनके सापेक्ष वेग का अनुपात ।
- coefficient of rigidity -- अपरूपण गुणांक - दृढ़ता गुणांक
- जो स्पर्शरेखी बल किसी ठोस वस्तु के किसी समतल को अन्य समांतर समतलों की अपेक्षा विस्थापित करे वह अपरूपक बल कहलाताहै । इससे उस वस्तु में जो प्रतिबल प्रतिमात्रक क्षेत्रफल प्रत्यावस्था के कारण उत्पन्न होता है वह अपरूपक प्रतिबल कहलाताहै । इस प्रतिबल के कारण जो विकृति होती है उसे अपरूपण विकृति कहते हैं । अपरूपण गुणांक = अपरूपक प्रतिबल / अपरूपण विकृति ।
- coefficient of thermal conductivity -- ऊष्मा चालकता गुणांक
- किसी पादार्थ की ऊष्मा-चालन की क्षमता को व्यक्त करने वाला स्थिरांक । ऊष्मा चालन को स्थायी दशआ मे एक सेंटीमीटर मोटाई की प्लेट के दोनों पृष्टों के बीच तापांतर 10C हो तो प्लेट के 1 cm2 क्षेत्रफल मे से प्रति संकंड भिलंबतः संचरित होने वाली ऊष्मा की मात्रा से इसका परिमाण नाणा जाता है । यदि Q मात्रा की ऊष्मा e मोटी की प्लेट के A क्षेत्रफल में से t सेकंड में अभिलंबतः चले और उसके पृषअठों के ताप क्रमशः
- ɵ1 और ɵ2 हों तोः
- Q =(Formula) xt
- स्थिरांक पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है । इसे पदार्थ का ऊषअमा - चालकता - गुणांक कहते हं । इसका मात्रक एक कैलॉरी प्रति सेकंड प्रति सेंटीमीटर प्रति डिग्री सेंटीग्रेड होता है ।
- coelostat -- श्यानता गुणांक
- तरल पदार्थों के क्षोभहीन प्रवाह के लिए न्यूटन का नियम है
- F = ŋA (Formula)
- जहाँ तरल में dx के अंतराल वाले दो समांतर स्तरों का आपेक्षिक वेग dv होने पर उन स्तरों A के क्षेत्रफल पर लगने वाले स्पर्शरेखीय बल का मान है । इस सूत्र के स्थिरांक ŋ को श्यानता गुणांक कहते हैं। विभिन्न पदार्थों के लिए यह विभिन्न मानों का होता है। इसकी परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है-किसी तरल के 1 सें.मी. दूरी पर स्थित दो समांतर तलों के 1 से.मी./से. के पारस्परिक वेग को बनाए रखने के लिए आवश्यक 1 से.मी.2 क्षेत्रफल पर कार्य करने वाला बल ।इसका मात्रक प्वाज़ (poise) कहलाता है ।
- coelostat -- तारास्थापी, सीलोस्टैट
- एक खगोलिकीय यंत्र जिसका प्रयोग किसी खगोलीय पिंड से आने वाले प्रकाश को सदैव एक नियत दिशा में भेजने के लिए किया जाता है । इसके मुख्य भाग पृथ्वी के समांतर रहने वाला और पृथ्वी के घूर्णन के साथ-साथ घूमने वाला एक दर्पण और एक दूसरा अचल दर्पण है ।
- दो या दो से अधिक कलाओं के मध्य सांख्यिकीय अथवा समय सहसंबंध ।
- coherent radiation -- काल संबद्ध विकिरण
- ऐसा विकिरण जिसमें तरंगें समय और आकाश दोनों की ही दृष्टि से एक कला मे होती हैं । यदि किसी विशिष्ट समय अथवा स्थिति में कला और आयाम ज्ञात हों तो उत्तरोत्त्र समय अथवा स्थिति में भी कला व आयाम ज्ञात किये जा सकते हैं । अधिक समय तक अधिकांश व्यावहारिक विकिरण स्रोत कला - संबद्ध नहीं रहते हैं क्योंकि सीमित लांबाई वाली तरंग मालायें यादृच्छिक अन्तरालों पर उत्सर्जित होती है। लेसर कला - संबद्ध विकिरण का एक स्रोत है । जो विकिरण कला संबद्ध नहीं है उसे कला - असंबद्ध विकिरण कहते हैं । चूंकि प्रकाश के व्यतिकरम मे दो कला - संबद्ध स्रोतों की आवश्यकता होती है इसीलिए एकल स्रोतों के साथ एक ऐसी युक्ति लगा दी जाती है जो प्रकाश को दो किरण पुंजों में विभक्त कर दे । दो लेसर किरण पुंज सुस्पष्ट व्यतिकरण चित्राम उत्पन्न कर सकते हैं ।
- coherent scattering -- कला-संबद्ध प्रकीर्णन
- ऐसा प्रकीर्णन जिसमें आपाती एवं प्रकीर्णित कणों अथवा प्रोटॉनों के बीच निश्चित कला संबंध होता है ।
- अणुओं का पारस्परिक आकर्षण जिससे किसी वस्तु के सभी कण परस्पर आबद्ध रहते हैं और जो वस्तु के अवयवों के एक दूसरे से अलग होने का विरोध करता है ।
- विद्युत रोधी आवरण युक्त तार को एक या एक से अधिक फेरों में लपेटकर बनाया हुआ उपकरण । यह बहुधा गिट्टी पर लपेटे डोरे के समान कुंडलिनी के रूप में होता है ।
- दो बिंदुओं, रेखाओं या आकृतियों का एक ही स्थान पर अवस्थित होना ।
- coincidence circuit -- संपात-परिपथ
- एक इलेक्ट्रॉनिक परिपथ जो उपयुक्त निर्गत स्पन्द केवल तभी उत्पन्न करता है जब इसके दो अथवा अधिक निवेशी टर्मिनलों मे से प्रत्येक टर्मिनल एक साथ या निर्धारित काल अन्तराल मे स्पन्द ग्रहण करता है। इसे संपात - गणित्र और संपात गेट भी कहते हैं ।
- coincidence circuit -- संपाती परिपथ
- एक इलेक्ट्रॉनिक परिपथ जो उपर्युक्त निर्गत स्पंद केवल तभी उत्पन्न करता है जब इसके दो अथवा अधिक निवेशी टर्मिनलों मे से प्रत्येक टर्मिनल एक साथ या निर्धारित काल - अंतराल में स्पंद ग्रहण करता है । इसे संपात - गणित्र और संपात - गेट भी कहते हैं ।
- cold cathode -- शीत कैथोड
- 1. ऐसा इलेक्ट्रोड जो द्वितीयक उत्सर्जन द्वारा इलेक्ट्रॉन-उत्सर्जित करता है ।
- 2. एक ऐसा कैथोड जिसके प्रचालन के लिए इसका ताप परिवेशी ताप से अधिक नहीं बढ़ाना पड़ता ।
- cold neutron -- अवतापीय न्यूट्रॉन
- अत्यधिक निम्न ऊर्जा वाला इलेक्ट्रॉन । अवतापीय न्यूट्रॉनों का तरंगदैर्ध्य क्रिस्टल जालक के अंतरालों क कोटि का होता है । इसलिए क्रिस्टलों द्वारा इसका विवर्तन हो सकता है । इनका उपयोग क्रिस्टल संरचना के अध्ययन में किया जाता है ।
- collector -- संग्राहक, संग्राही
- 1. ट्रांजिस्टर में एक अर्धचालकीय क्षेत्र जिसमें होकर आवेश वाहकों का प्राथमिक प्रवाह ट्रांजिस्टर के बेस को छोड़ता है । इस क्षेत्र में लगा हुआ इलेक्ट्रोड या टर्मिनल भी संग्राहक कहलाता है जो इलेक्ट्रॉन नलिका में ऐनोड के संगत होता है ।
- 2. इलेक्ट्रॉन-नलिका में काम आने वाला एक इलेक्ट्रोड जो इलेक्ट्रॉन और आयनों का काम पूरा हो जाने पर इनका संग्रहण कर लेता है । संग्राहक तो इलेक्ट्रॉनों का काम पूरा हो चुकने पर इनका संग्रहण करता है परंतु ऐनोड उन इलेक्ट्रॉनों का ग्रहण करता है जिनसे नलिका के बाहर स्थित परिपथ में उपयोगी कार्य किया जाता है ।
- collector current -- संग्राहक धारा
- ट्रांजिस्टर में आवश्यक बायस का प्रयोग करने पर उसके संग्राहक पर प्रवाहित होने वाली धारा ।
- collector junction -- आधार संग्राही संधि
- ट्रांजिस्टर के आधार और संग्राहक इलेक्ट्रोडों के बीच स्थित एक अर्धचालकीय संधि । सामान्यतः यह संधि उच्च प्रतिरोध की दिशा में अभिनत होती है जिससे कि संधि में से गुजरने वाली विद्युत् धारा का नियंत्रण अल्पोश वाहकों का प्रवेश कराके नियंत्रित किया जा सकता है ।
- collimator -- कॉलीमेटर (= समांतरित्र)
- एक ऐसी नलिका जिसके एक सिरे पर उत्तल लेन्स (convex lens) होता है और दूसरे सिरे पर एक स्लिट होती है जिसे आगे - पीछ खिसकाकर लेन्स के मुख्य फ़ोकस पर लाया जा सकता है । इसका उपयोग स्पेक्ट्रमानापी में इसलिए किया जाता है कि स्लिट के प्रत्येक बिंदु से चलने वाली प्रकाश किरणें लेन्स मे से निकलने के बाद समांतर हो जाएँ ।
- जो एक ही ऋजु-रेखा पर अवस्थित हों ।
- collineation -- रेखा-पररिक्षी रूपांतरण
- समतल अथवा अवकाश का वह रूपांतरण जो बिंदुओं को बिंदुओं में और समतल को समतलों मे रूपांतरित करता है ।
- collision -- संघट्ट, टक्कर, संघट्टन
- मुक्त कणों, कण-समूहों अथवा दृढ़ पिंडों के बीच ऐसी अन्योन्य क्रिया जिसमें ये पदार्थ एक दूसरे के इतने निकट आ जाते हैं कि वे एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं और प्रायः ऊर्जा का विनिमय करते हैं । संघट्टन में यह जरूरी नहीं है कि पदार्थ एक दूसरे को छुएँ ।
- collision number -- संघट्टवाद संख्या
- अभिक्रिया-दर वाद (reaction rate theory) में प्रयुक्त शब्द जो अणुओं के आपस में प्रति सेकंड प्रति इकाई सांद्रण में होने वाले संघट्टों को व्यक्त करता है ।
- collision theory -- संघट्टवाद
- रासायनिक अभिक्रियाओं की दर को ज्ञात करने का एक सिद्धांत । इसमें यह परिकल्पना की गई है कि पर्याप्त सक्रियण - ऊर्जा युक्त दो अणुओं के प्रत्येक संघट्ट से अभिक्रिया संपन्न होती है । दूसरे शब्दों में, किसी संघट्ट के फलस्वरूप अभिक्रिया की प्रायिकता, स्थानांतरीय स्वतंत्रता की कोटि पर निर्भर करती है । उदाहरणार्थ, यह माना जा सकता है कि यह प्रायकिता एक स्थिरां है जबकि केंद्रों की रेखा के आपेक्षिक अनुदिश स्थानांतरीय ऊर्जा का एक निर्दिष्ट मान होता है जो से अधिक है और अन्यथा शून्य होता है ।
- दर - स्थिकांक को निम्नलिखित समीकरण से व्यक्त किया जाता है -
- K = a2 D2 (Formula) exp (Formula)
- जिसमें संघट्ट -D व्यास और
- μ समानीत द्रव्यमान है ।
- E* सक्रियण - ऊर्जा और k बोल्ट्समान स्थिरांक है । यह व्यंजक सरल प्रक्रमों के लिए परिमाण का सही मान देता है । उपर्युक्त समीकरण को इस प्रकार भी लिखा जा सकता हैः K = αιe - Ex/kT αι को आवृत्ति - गुणक (frequency factor) कहते हैं । अनेक उदाहरणों में यह सिद्धांत असफल रहा है ।
- colloid mill -- कोलॉइड चक्की
- ये कोलॉइडी लंबनों या पायसों को बनाने की युक्तियाँ हैं जबकि कणों के बिंदुकों का साइज एक माइक्रोन से कम होता है । तरल के अन्दर उच्च अपरूपक - बलों को उत्पन्न करने से कणों का साइज़ छोटा हो जाता है और साथ ही साथ उनका परिक्षेपण भी हो जाता है । ये बल अनेक विधियों से प्राप्त होते हैं । मंडलक प्रकार की चक्की में ठोस या द्रव या दो द्रवों के मिश्रण को दो ऐसे मंडलकों में से गुजारा जाता है जिनके बीच में स्थान कम होता है और जो परस्पर विपरीत दिशा में उच्च गति से घूमते हैं । भरण, बीच में डाला जाता है और उत्पाद किनारों से निकलकर चारों और स्थित संदूक में जमा हो जाता है । वाल्व या मुंह वाली चक्कियों में मिश्रण को बल पूर्वक उच्च वेग से मुंह में डालते हैं जो भंजक वलय से टकराता है । इस तरह अपरूपण और कर्तन से विघटन हो जाता है ।
- colloidal electrolyte -- कोलॉइडी-विद्युत् अपघट्य
- कोई यौगिक जिसकी लंबी हाइड्रोकार्बन श्रृंखला के अंत में एक ऐसा समूह होता ह जिसका आयनन हो सकता है । कोलॉइडी विद्युत् अपघट्यों के कुछ गुणधर्म विद्युत् अनपघट्यों के और अन्य विद्युत् - अपघट्यों के समान है । उदाहरणार्थ, वास - अम्लों को क्षारीय लवण में विद्युत् अनपघट्य में पाया जाने वाला परासरण गुणधर्म होता है किन्तु साथ ही वह दुर्बल विद्युत् अपघट्यों की भाँति विद्युत् - चालकता तथा अन्य गुणधर्मों को भी प्रदर्शित करता है । साबुन का घोल भी एक कोलॉइडी विद्युत् - अपघट्य है ।
- colloidal solution -- कोलॉइडी विलयन
- मोटे तौर पर कोलॉइडों को दो वर्गों में बांटा गया है
- (1) प्राकृतिक कोलॉइड, जो द्रवरागी होते हैं, जैसे प्रोटीन आदि । ये परिक्षेपी माध्यम में मिलाने पर अथवा उसे गर्म करने पर आसानी से प्राप्त किए जाते हैं ।
- (2) कृत्रिम कोलॉइड, जो सामान्यतः द्रवभीत होते हैं । ये विशेष विधियों से बनाए जाते हैं । ये विधियाँ दो प्रकार की होती हैं ।
- (क) परिक्षेपण या पेप्टीभवन प्रक्रमों ममें कमों या स्थूल परिमाणों को यांत्रिक विधियों (जैसे कोलॉइडी चक्की), वैद्युत विघटन विधियों और पराश्रव्य तरंगों द्वारा तोड़कर कोलॉइडी परिमाण का बनाया जाता है ।
- (ख) संघनन और अवक्षेपण प्रक्रम में आयनों, परमाणुओं और अणुओं के संपुंजन से कोलॉइड - कण बनाए जाते हैं । इनमें निम्नलिखित चरण होते हैं
- (1) अतिसंतृप्त विलयन बनना
- (2) अतिसंतृप्त विलयन में केन्द्रकों का बनना
- (3) केन्द्रकों की वृद्धि से बड़े कमों का बनना तब तक वे कोलॉइड - कणों के साइज के न हो जाएँ ।
- colloidal state -- कोलॉइडी अवस्था
- किसी पदार्थ के उपविभाजन की वह अवस्था जिसमें कण का साइज वास्तविक आणविक - विलयन के कणों के साइज तथा स्थूल निलम्बनों (coarse suspensions) के बीच का होता है । साधारणतया कोलॉइडी अवस्था में कणों का साइज 2 x105 से.मी. से लेकर 5 x 10-7 से.मी. तक होता है । ये कण विद्युत् आवेशित होते हैं तथा समविभव बिंदु (isoelectric point) पर छोड़कर धनकण संचलन (cataphoresis) की घटना प्रदर्शित करते हैं ।
- cologarithm -- कोलॉगेरिथ्
- किसी संख्या के व्युत्क्रम का लघुगुणक जिसके अपूर्णांश को ऋणात्मक से घनात्मक में परिवर्तित करके लिखा जाता हैजैसे
- colog 3 = log (Formula) = 0-.4771 = 1.5229
- 1. वह संवेदना जिसका अनुभव सामान्यतः उस समय होता है जब दृष्टि - पटल (retina) पर ऐसा यथेष्ट तीव्र प्रकाश पड़ता है जिसके स्पेक्ट्रम में ऊर्जा वितरण श्वेत प्रकाश के स्पेकट्रम के ऊर्जा वितरण से भिन्न हो । यह संवेदना तीव्रता की संवेदना से भिन्न होती है ।
- 2. प्रकाश का वह गुण जिसके द्वारा उपरोक्त संवेदना उत्पन्न होती है । चमकीलेपन (brilliance) के अतिरिक्त रंग (colour) में वर्ण आभा (hue) और संतृप्ति (satuation) के गुण भी पाए जाते हैं । वर्ण आभा निर्धारण प्रकाश तरंगों की आवृत्तियों द्वारा होता है । शुद्ध संतत स्पेक्ट्रम संतृप्त वर्ण आभाओं का निरंतर परिवर्तन प्रदर्शित करता है । जब किसी वर्ण आभा को श्वेत प्रकाश मिलाकर हल्का कर दिया जाता है तो वह आभा (tint) कहलाता है । रंग की छाया (shade) उसकी ज्योतीय तीव्रता द्वारा निर्धारित होती है ।
- colour burst -- वर्ण-प्रस्फोट
- किसी रंगीन दूरदर्शन में मिश्र वर्ण-सिग्नल का कुछ अंश जो वर्णकत्व - संकेत के विमाडुलन के लिए एक संदर्भ निर्धारण के काम आता है ।
- इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में काम आने वाला एक प्रकार का वर्णतंत्र जिसका उपयोग प्रतिरोधक, संधारित्र और लघु ट्रासफार्मर जैसे घटकों की सहनता (tolerence) और अनुतमांक आदि दर्शाने के लिए किया जाता है ।
- colour coder -- वर्ण कोडित्र
- रंगीन दूरदर्शन में काम आने वाला एक उपकरण जो कैमरा, सिग्नल और वर्णकता उपवाहक का संयोजन करके प्रेषण के लिए रंगीन चित्र सिग्नल बनाता है ।
- colour decoder -- वर्ण-विकोडित्र
- रंगीन दूरदर्शन में काम आने वाला एक उपकरण जो वर्ण प्रदर्शित करने वाली युक्ति के लिए वर्ण सिग्नल और प्रस्फोट में से सिग्नल ग्रहम कर एक उपर्युक्त परिणामी सिग्नल प्रदान करता है ।
- colour gate -- वर्ण - द्वार
- रंगीन दूरदर्शन में काम आने वाला एक परिपथ जो इलेक्ट्रॉन गन पर उस समय केवल एक ही प्राथमिक वर्ण सिग्नल को आने देता है जबकि इलेक्ट्रॉन किरणपुंज नलिका के पर्दे पर उसी वर्ण के फ़ास्फ़र को उत्तेजित कर रहा हो ।
- colour photography -- रंगीन फ़ोटोग्राफी
- रंगीन फोटोग्राफ बनाने का प्रक्रम जिसका आधार हेमहोल्टज का वर्ण - दर्शन सिद्धांत है । ये प्रक्रम दो प्रकार के होते हैं ।
- 1. योज्य प्रक्रम (addition process)
- 2. वियोज्य प्रक्रम (subtraction process) इन सभी प्रक्रमों में लाल, नीले और हरे रंगीन फ़िल्टर लगाकर फ़ोटोग्राफ लिए जाते हैं । योग्य प्रक्रमों में एक मोजेक पर्दे का उपयोग किया जाता है जि कि लाल, नीले और हरे अवयवों का एक छोटा - सा संयोजन होता है । इन प्रक्रामों मेंमूल वर्ण मुद्रित होते हैं । वियोज्य प्रक्रमों में जो आजकल अधिक प्रचलित हैएक समेकित त्रिस्तर का उपयोग किया जाता है जिसमें एक दूसरे के ऊपर पायस के तीन स्तरों का लेप होता है । ये स्तर क्रमशः नीले, हरे और लाल प्कारश के प्रति सुग्राही होते हैं । इन प्रक्रमों में पूरक वर्ण मुद्रित होते हैं ।
- colour picture tube (tricolour picture tube) -- वर्ण नलिका / त्रिवर्ण नलिका
- एक विशिष्ट प्रकार की कैथोड-किरण-नलिका जिसमें संदीपकों के तीन विभिन्न वर्ण होते हैं । रंगीन दूरदर्शन में इनका ठीक प्रकार से क्रमवीक्षण एवं उत्तेजन करने पर एक रंगीन चित्र प्राप्त होता है । इसे रंगीन दूरदर्शन - चित्रनलिका भी कहते हैं ।
- colour picture tube (tricolour picture tube) -- वर्ण-चित्र नलिका/ त्रिवर्ण नलिका
- एक विशिष्ट प्रकार की कैथोड-किरण नलिका जिसमें संदीपकों के तीन विभिन्न वर्ण होते हैं । रंगीन टेलीविजन में इनका ठीक प्रकार से क्रमवीक्षण एवं उत्तेजन करने पर एक रंगीन चित्र प्राप्त होता है । इसे रंगीन टेलीविजन चित्र नलिका भी कहते हैं ।
- colour television -- रंगीन दूरदर्शन
- रंगीनचित्र-संचार का एक तंत्र इस प्रकार के सभी तंत्र इस तथ्य पर आधारित हैं कि कोई भी इष्ट वर्ण प्राथमिक वर्ण लाल - हरे, और नीले के उपयुक्त मिश्रण से बनाया जा सकता है । इस प्रकार दूरदर्शन तंत्र दूरदर्शित किए जाने वाले दृश्य केलाल हरे और नीले घटकों का चयन करके प्रेषण कर देता है और दूरदर्शन अभिग्राही इन तीन वर्णों के प्रतिबिंबों का निर्माण एवं संयोजन करके मूलवर्ण चित्र प्रदान करता है।
- colour triangle -- वर्ण त्रिभुज, रंग त्रिभुज
- वर्णकता आरेख पर खींचा गया त्रिभुज, जो निर्धारित तीन प्राथमिक रंगों (लाल, हरा और नीला) के संयोजन से प्राप्त होने वाले मिश्रित रंगों का संपूर्ण परिसर दर्शाता है ।
- किसी आव्यूह, सारणिक आदि में ऊर्ध्वाधर अवयवों का कोई समुच्चय जैसे आव्यूह
- (Formula)
- column matrix -- स्तंभ आव्यूह
- कोई आव्यूह जिसकी प्रत्येक पंक्ति में एक ही अवयव होता है, अर्थात् एक ही स्तंभ में विन्यस्त अवयवों का आव्यूह जैसे
- a1
- a2
- .
- .
- .
- an
- वह होरा-वृत्त जो खगोलीय ध्रुवों और विषुवों से होकर अथवा खगोलीय ध्रुवों और अयनांतों से होकर जाता है ।
- वस्तुओं के किसी समूह का दो या दो से अधिक परस्पर अपवर्जी समुच्चय में बाँटना । द्विपद - गुणांक (Formula) या (Formula), वस्तुओं सेk वस्तुओं को चुनने की विधियों की संख्या अथवा संचय - संख्या है ।
- combining weight -- संयोजी भार
- मूल पदार्थों का गुणधर्म जो यौगिकों में भार की दृष्टि से उनके अनुपातों को निर्धारित करता है । संयोजी भार का संख्यात्मक मान ज्ञात करने के लिए तत्व के परमाणु भार को उस संयोजकता से भाग करते हैं जिसे वह तत्व उस यौगिक में प्रदर्शित करता है । इसे तुल्यांकी भार भी कहते ह।
- comet -- धूमकेतु, पुच्छल तारा
- सौर परिवतार का वह विचित्र सदस्य जो आकार, कक्षा, संरचना आदि मे ग्रहों से भिन्न हैं और जो यदा - कदा ही पृथ्वी से दिखाई देते हैं । धूमकेतू का केंद्र - भाग अधिक ठोस और संघनित होता है और इस भाग के चारों ओर एक धुंधला आवरण है । एक लंबी और मोटी गैसमय पूँछ इसकी सबसे बड़ी विशेषता है । यह पूँछ सूर्य की दिशआ से विपरीत दिशा में फैली हुई होती है । धूमकेतुओं की कक्षाएँ प्रायः परवलयिक होती हैं और परिक्रमण - काल अनेक वर्षों का होता है । ऐसे भी धूमकेतू हैं जो प्रायः वृत्तीय कक्षा में घूमते हैऔर तीन चार साल में ही एक परिक्रमा पूरी करते हैं ।
- 1. कम्प्यूटर में काम आने वाला सिग्नल जो अनुदेश के अनुसार पूर्व निर्धारित प्रचालन को चालू करता है ।
- 2. इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलों द्वारा वायुवाहित निर्देशित अस्त्र अथवा बिना पायलट के चलने वाले वायुयान का नियंत्रण ।
- 3. पुनर्भरण नियंत्रण तंत्र में एक स्वतन्त्र सिग्नल जिससे आश्रित सिग्नलों का पूर्व निर्धारित तरीके से नियंत्रण किया जाता है ।
- 4. ऐसा सिग्नल जो सिग्नल प्राप्त करने वाली युक्ति में किसी क्रिया कोप्रारंभ कर देता है ।
- command guidance -- आदेशी निर्देशन
- निर्देशित मिसाइल (प्रक्षेपास्त्र) या वायुयान निर्देशन का एक इलेक्ट्रॉनीय तंत्र जिसमें मिसाइल के बाहर स्थित किसी स्थल से मिसाइल के ले उड़ान की दिशा की सूचना भेजी जाती है ताकि यह अंतरिक्ष में एक निर्दिष्ट पथ पर चल सके । मिसाइल के कार्य - निष्पादन संबंधी सूचना दूर - मिति, भूस्थित रेडार, प्रकाशीय अनुवर्तन या अन्य साधनों द्वारा प्राप्त की जा सकती है और मिसाइल को रेडियो, रेडार अथवा अन्य साधनों द्वारा आदेश भेजा जा सकता है ।
- command signal -- आदेश सिग्नल
- कंप्यूटर में अनुदेश के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले अनेक अनुदेशों के सेट का एक सिग्नल ।
- common base connection -- उभयनिष्ठ बेस-संबंधन
- ट्रांजिस्टर प्रचालन की एक विधि जिसमें सिग्नल उत्सर्जक और आधार के बीच में लगाया जाता है, निर्गत संग्राहक और आधार के बीच से प्राप्त होता है और आधार को भूसंपर्कन कर दिया जाता है । इसे भूसंपर्कित आधार - संबंधन भी कहते हैं ।
- common collector connection -- उभयनिष्ठ संग्राहक-संबंधन
- ट्रांजिस्टर प्रचालन की एक विधि जिसमें सिग्नल आधार और संग्राहक के बीच में लगाया जाता है, निर्गत उत्सर्जक और संग्राहक के बीच से प्राप्त होता है और संग्राहक का भूमि से संपर्क किया जाता है । इसे प्रायः उत्सर्जक अनुगामी और भू - संपर्कित संग्राहक - संबंधन भी कहा जाता है ।
- common difference -- सार्व अंतर
- समांतर श्रेणी में किसी पद और उसके पूर्ववर्ती पद के बीच का अंतर जो श्रेणी में सर्वत्र बराबर रहता है ।
- common emitter connector -- उभयनिष्ठ उत्सर्जक संग्राहक
- ट्रांजिस्टर-प्रचालन की एक विधि जिसमें सिग्नल आधार और उत्सर्जक के बीच में लगाया जाता है । निर्गत संग्राहक और उत्सर्जक के बीच से प्राप्त होता है और उत्सर्जक का भूमि से संपर्क काय जाता है । इसे भूसंपर्कित उत्सर्जक संबंधन भी कहते हैं ।
- common factor -- सार्व गुणन खंड, समापवर्तक
- वह राशि जो दो या दो से अधिक राशियों में से प्रत्येक का गुणनखंड होती है ।
- common hydrometer -- उत्प्लव घनत्वमापी, सामान्य
- परिवर्ती निमज्जन (variable immersion) किस्म का हाइड्रोमीटर, जिसकी नलिका पर अंशांकित पाठ्यांक को 1000 से भाग देने पर द्रव का आपेक्षिक घनत्व प्राप्त होता है ।
- common logarithm -- साधारण लघुगणक
- किसी संख्या का लघुगुणांक जिसके लिए आधार 10 है ।
- common ratio -- सार्व अनुपात
- गुणोत्त्र श्रेणी में किसी पद और उसके पूर्वर्ती पद का अनुपात जो श्रेणी में सर्वत्र बराबर रहता है ।
- common tangent -- उभयनिष्ठ स्पर्श रेखा, सर्वनिष्ठ स्पर्शरेखा
- वह रेखा जो दो या दो से अधिक वृत्तों में से प्रत्येक को स्पर्श करता हो ।
- communication satellite -- संचार उपग्रह
- पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में चक्कर लगाने वाला एक कृत्रिम उपग्रह जो पृथ्वी पर हजारों मील दूर स्थित केन्द्रों के बीच रेडियो, टेलीविजन एवं दूसरे सिग्नल रिले करता है ।
- commutative law -- क्रमविनिमय नियम
- किसी गणितीय संक्रिया का वह नियम जिसके अनुसार दो गणितीय अवयवों पर की गई संक्रिया द्वारा प्राप्त फल इन अवयवों को उलटे क्रम में लेकर उसी संक्रिया को लागू करने पर नहीं बदलता । जैसे, वास्तविक संख्याओं का गुणन - नियम ।
- comparator -- तुलनित्र / कम्पेरेटर
- 1. एक. इलेक्ट्रॉनिक परिपथ जो दो सिग्नलों की तुलना करके उनकी समानता अथवा असमानता दर्शाता है ।
- 2. एक इलेक्ट्रॉनीक उपकरण जो किसी राशि को माप कर परिशुद्ध मानक से इसकी तुलना करता है ।
- compass -- कुतुबनुमा, दिक्सूचक, कम्पास
- वह यंत्र जिसमें दिशाओं अथवा दिक्मानों को निर्धारित करने के ले एक निर्देश - रेखा होती है । यह रेखा प्रायः एक धुरी पर मुक्त रूप से घूमने वाली और सदा पृथ्वी के चुंबकीय अक्ष के समांतर रहने वाली एक सुई की दिशा में होती है ।
- compass needle (magnetic) -- दिक्सूची (चुंबकीय) (कुतुबनुमा की सुई)
- पृथ्वी तल पर दिशा बताने का यंत्र । इसमें एक चुंबकीय सूची तीक्ष्ण कील पर स्वतंत्रतापूर्वक क्षैतिज तल में घूम सकती है । इस सूची की लंबाई सदा चुंबकीय उत्त्र - दक्षिण दिशा में रहती है । यह दिशआ भौगोलिक उत्तर - दक्षिण दिआश से भिन्न होता है और दोनों के बीच में एक छोटा कोण होता है जिसे दिक्पात कोण कहते हैं ।
- 1. रंगीन दूरदर्शन तंत्र का एक गुणधर्म जिससे एक वर्ण अभिग्राही में किसी भी प्रकार का परिवर्तन किए बिना ही इसके द्वारा प्रेषित सिग्नल मे से सामान्य एकवर्णी चित्र का ग्रहण हो जाता है ।
- 2. स्टीरियो में काम आने वाला एक तंत्र जिसे किसी एक ध्वनि - प्रोग्राम-स्रोत या ऐसे स्टीरियो - प्रोग्राम के साथ काम में लाया जा सकता है जिसका किसी ध्वनितंत्र में एक ध्वनि - रूप से पुनरूत्पादन किया जा सकता है ।
- compensated pendulum -- लोलक प्रतिकारित
- ऐसा लोलक जिसके आवर्त्त काल पर ताप के परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता । घड़ी (clock) तेज या सुस्त न चले इसके लिए आवश्यक है कि लोलक की लंबाई न बदले । यदि गोलक (bob) को लटकाने के लिए किसी धातु की छड़ का उपयोग किया जाए तो ताप के परिवर्तन से लोलक की लंबाई घटे - बढ़ेगी । प्रभावी लम्बाई को स्थिर रखने के लिए प्रतिकारित लोलक का उपयोग किया जाता है । इनमें निलम्बन बिन्दु और लोलक के गुरूत्व केन्द्र के बीच की दूरी पर ताप - पविर्तन का प्रभाव नहीं पड़ता ।
- (1) हैरिसन काः- गोलक को दो भिन्न धातुओं से बनी कई छड़ों से निलंबति किया जाता है जो इस प्रकार व्यवस्थित होती हैं कि एकधातु की छड़ों का प्रसार ऊपर की ओर होता है और दूसरे का नीचे की ओर । इनकी लम्बाइयाँ धातुओं के रैखिक प्रसार गुणांकों के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं ।
- (2) ग्राहम काः- इसमें धातु की लम्बी छड़ के निचले सिरे पर पारे से भरा एक पात्र लगा होता है । छड़ के प्रसार से लोलक का गुरूत्व केन्द्र नीचा हो जाता है परन्तु पारे के प्रसार से वह ऊपर की ओर जाता है, यदि पारा उपयुक्त मात्रा में हो तो ताप के परिवर्तन से लोलक के गुरूत्व केन्द्र में कोई परिवर्तन नहीं होता। अतः अवलम्बन् बिन्दु से लोलक के गुरूत्व केन्द्र की दूरी न्यूनाधिक नहीं होती और लोलक के आवृर्त्त काल पर ताप के परिवर्तन का प्रभाव नहीं पड़ता ।
- compensated wheel -- प्रतिकारित पहिया
- घड़ियों तथा क्रोनोमीटरों (chronometers) की चाल, बाल - कमानी से प्रभावित एक संतुलन पहिए (balance wheel) के दोलानी से नियंत्रित होती है । यह दोलन बालकमानी की अपरूपण प्रत्यास्था पर तथा संतुलन पहिए के जड़त्व आघूर्ण पर निर्भर होता है । ताप बढ़ने पर बालकमानी का अपरूपण गुणांक घटता है और पहिए का व्यास बढ़ता है । दोनों की कारमों से दोलन काल बढ़ता है । इसका प्रतिकार करने के लिए पहिए की प्रधि (rim) एक द्वि - धातुक पट्टी से बनाई जाती है जिसमें अधिक प्रसरणशील धातु (पीतल) बाहर की ओर तथा कम प्रसरणशील धातु (इस्पात) अन्दर की ओर होती है । इसे कम से कम दो खण्डों में बनाते हैं । जब ताप में वृद्धि होती है तो प्रत्येक खंड के सिरे अन्द्र की ओर मुड़ जाते हैं जिससे जड़त्व आघूर्ण इतना कम हो जाता है कि वह बालकमानी की प्रत्यावस्था कम होने के प्रभाव का प्रतिकार कर देता है और दोलन काल परिवर्तित नहीं होता ।
- compensator -- प्रतिकारित्र
- 1. दिशा-निर्धारक का वह भाग जो स्वतः दिशा - संसूचनों में विचलन शुद्धि का संपूर्ण अथवा एक अंश जोड़ देता है ।
- 2. किसी अवांछित प्रभाव का संतुलन करने में काम आने वाली एक युक्ति ।
- 3. दूरदर्शन में वीडियो - प्रवर्धक के ग्रिड और ऐनोड - परिपथों में काम आने वाली प्रेरक कुंडलियाँ जो क्षीणन से उत्पन्न होने वाली उच्च् आवृत्ति की क्षतिपूर्ति करती हैं ।
- complementary (colour) -- पूरक (रंग)
- प्रकाश के दो ऐसे वर्ण जिनको उचित मात्रा में मिलने पर श्वेत रंग का प्रकाश प्राप्त हो जाता है ।
- complementary angles -- पूरक कोण
- वे दो कोण जिनका जोड़ एक लंबकोण के बराबर होता है । किसी समकोण त्रिभुज के न्यून कोण सदा ही पूरक कोण होते हैं ।
- complementary colour -- पूरक रंग
- दो शुद्ध स्पेक्ट्रमीय वर्ण जो उपर्युक्त अनुपात मे परस्पर मिलाये जाने पर श्वेत वर्ण उत्पन्न करते हैं । रंगीन फ़ोटोग्राफी मे किसी दृश्य का नेगेटिव उसके मूल वर्णों के पूरक वर्णों में होता है। निम्न सारणी में कुछ वर्णों के पूरक ग दिये गये हैः
- हरा-पीला5636
- पीला 5671
- पीला5853
- सुनहरी वर्ण /10-10m
- नारंगी 6077
- लाल 3562
- बैंगनी 4330
- जामुनी-नीला 4645
- नीला 4854
- संपूरक /10-10m
- नीला 4897
- हरा-नीला 4921
- हरे रंग के लिए कोई संपूरक स्पेक्ट्रमी रंग नहीं है ।
- complete integral -- पूर्ण समाकल
- प्रथम कोटि के आंशिक अवकल समीकरण का एक हल जिसमें स्वतंत्र चरों की संख्या के बराबर ही स्वेच्छ अचर होते हैं ।
- complex function -- संमिश्र फलन
- कोई फलन जिसके प्रांत या परिसर या दोनों के सदस्य संमिश्र संख्याएँ होते हैं ।
- complex number -- संमिश्र संख्या
- a +ib के रूप की कोई संख्या अथवा व्यंजक जहाँ a और b वास्तविक संख्याएँ हैं और I = (Formula)
- complex variable -- संमिश्र चर
- x + iy के रूप का कोई व्यंजक जहाँ
- I = (Formula )
- और x तथा y चर हैं ।
- complex vector space -- संमिश्र सदिश समष्टि
- कोई सदिश समष्टि जिसका क्षेत्र संमिश्र संख्याओं का क्षेत्र हो ।
- composite colour signal -- मिश्र वर्ण संकेत
- रंगीन दूरदर्शन में सर्व लोपन और तुल्यकालन सहित रंगीन चित्र सिग्लन । इस प्रकार मिश्र वर्ण - सिग्नल के ज्योति - सिग्नल, जो वर्णकता - सिग्नल ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज तुल्यकालन स्पंद और ऊर्ध्वाधर एवं क्षैतिज लोपन स्पंद और वर्ण - प्रस्फोट - सिग्नल सम्मिलित होते हैं ।
- composite function -- संयुक्त फलन
- वह फलन जिसका गुणनखंडन किया जा सके, अर्थात् जिसे दो या दो से अधिक फलनों के गुणनफल के रूप में लिखा जा सकता हो । उदाहरणार्थ x2-y2, x2-1
- composite number -- भाज्य संख्या
- वह संख्या जिसके दो या दो से अधिक अभाज्य गुणनखंड हों ।
- composition of vectors -- सदिश-संयोजन
- उस दिशा और परिमाण को ज्ञात करना जो दिए हुए सदिशों द्वारा निरूपित बलों, वेगों, त्वरणों के परिणामी को निरूपित करता है ।
- compound microscope -- सूक्ष्मदर्शी यौगिक
- यह सरल सूक्ष्मदर्शी की अपेक्षा अधिक आवर्धन करता है । यह दो अभिसारी लेन्स तंत्रों का ब ना होता है जो एक नली के दोनों सिरों पर लगेहोते हैं । इनमें से एक को जिसके सामने सूक्ष्म वस्तु रखी जाती है, अभइदृश्यक कहते हैं और दूसेर को, जिससे अभिदृश्यक द्वारा बना प्रतिबिंब देखा जाता है, नेत्रका कहते हैं । इन दोनों लेन्स तंत्रों की फ़ोकस दूरी कम होती है किन्तु अभिदृश्यक की फ़ोकस -ज दूरी बहुत की कम होती है जिस वस्तु को देखना होता है उसको अभिदृश्य के फ़ोकस सेकुछ दूर रखा जाता है । अभिदृश्यक उसका वास्तविक और आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है । नेत्रका इस प्रतिबिंब कोऔर भी आवर्धित करके दिखआती है । अंतिम प्रतिबिंब आभासी होता है । कुल आवर्धन अभिदृश्यक और नेत्रिका दोनों के आवर्धनों के गुणनफल के बराबर होता है ।
- compound modulation -- मिश्र माडुलन
- दूर संचार में काम आने वाली एक प्रकार की माडुलन - श्रृंखला जिसमें एक या अधिक सिग्नल क्रमशः अपने उपवाहकों का माडुलन करने के लिए काम आते हैं और ये उपवाहक फिर वाहक का माडुलन करते हैं । इस प्रकार एक की माडुलित तरंग दूसरे की माडुलक तरंग बना जाती है ।
- compound nucleus -- संयुक्त नाभिक, संलयज नाभिक
- नाभिकीय अभिक्रिया में घटक न्यूक्लिआनों के बीच उत्तेजक ऊर्जा के अवशोषण से बना एक उत्तेजत नाभिक । दीर्घ आयु इसकी विशएषता है जो नाभिकीय कणों द्वारा नाभिक को पार करने में लगने वाले सामान्य समय (लगभग 10-22) से कहीं अधिक होती है ।
- compound pendulum -- लोलक पिंड
- कोई दृढ़ वस्तु जो अपने द्रव्यमान केन्द्र के अतिरिक्त अन्य बिंदु से गुजरने वाले क्षैदिज अक्ष (साधारणतया क्षुरधार) के गिर्द ऊर्ध्वाधर तल में दोलन करे । यदि दोलन का आयाम छोटा हो ता,
- T = 2π (Formula)
- जहाँT = आवृर्त्त काल
- k = परिभ्रमण - त्रिज्या
- g = गुरूत्वीय त्वरण
- h द्रव्यमान केन्द्र और दोलन - अक्ष के बीच की दूरी ।
- compressibility -- संपीड्यता
- आयतन विकृति (volume strain) और संबंधित प्रतिबल (दाब की वृद्धि) का अनुपात । संपीड्यता आयतन प्रत्यावस्था - गुणांक की व्युत्करण (reciprocal) राशि होती है ।
- compressible flow -- संपीड्य प्रवाह
- किसी तरल का ऐसा प्रवाह जिसमें तरल के आयतन को बाह्य परिस्थितियों और लगाई गई ऊर्जा के द्वारा घटाया बढ़ाया जा सकता है । जैसे किसी ऐसे सिलिंडर मे गैस का प्रवाह जिसमें पिस्टन चल रहा हो ।
- (1) किसी पदार्थ के आयतन में दाब द्वारा कमी ।
- (2)प्रत्यास्थ माध्यम मे अनुदैर्ध्य (longitudinal) तरंग के संचरण के कारम होने वाली घनत्व की स्थानीय वृद्धि । इसे संघनन भी कहते हैं ।
- 1. एक प्रकार का प्रक्रम जिसमें किसी सिग्नल पर लगी प्रभावी लब्धि सिग्नल के परिमाण के फलन के रूप में बदलती है । यह प्रभावी लब्धि बड़े सिग्नलों की अपेक्षा छोटे सिग्नलों की अधिक होती है । इस प्रक्रिया से सिग्नल का प्रबलता - परिसर घट जाता है । दुर्बल सिग्नल - घटकों को प्रबलतर बनाया जाता है ताकि वे पृष्ठ भूमि रव में लुप्त न हो जाएँ और प्रबल सिग्नलों की प्रबलता घटाई जाती है ताकि वे तंत्र के किसी भाग पर भी अधिक बार न डाल सके ।
- 2. इलेक्ट्रॉनिकी में किसी युक्ति की लघु सिग्नल शक्ति लब्धि का किसी उच्च्र शक्ति - स्तर पर शक्ति - लब्धिg1के साथ अनुपात । इसे निम्नलिखित समीकरण द्वारा डेसीबेलों में अभिव्यक्त किया जाता हैः- संपीडन 10 log10 (Formula)
- 3. दूरदर्शन में चित्र सिग्नल के एक स्तर पर प्राप्त होने वाली उपलब्धि की उसी सिग्नल के अन्य स्तर पर प्राप्त होने वाली लब्धि के सापेक्ष उत्पन्न होने वाली कमी ।
- 4. प्रतिकृति संचरण में तंत्र के दो स्थलों के बीच श्वेतत - कृष्ण आयाम परिसर या आवृत्ति दोलन में आने वाली कमी ।
- compression pump -- संपीडन पंप
- यह पंप हवा को किसी पात्र में दबा कर भरने के काम में आता है । इस प्रकार के पंप का मुख्य भाग एक बैरल होता है जिसमें एक वायुरोधी पिस्टन ऊपर - नीचे चलता है । पंप मे दो वाल्व होते हैं एक वाल्व बैरल की तली मे एवं दूसरा वाल्व पिस्टन के नीचे के छोर पर लगा होता है । दोनों ही वाल्व नीचे की ओर खुलते हं । वह पात्र जिसमें हवा भरनी होती है बैरल के पेंदे से एक नली द्वारा जुड़ा रहता है । जब पिस्टन को ऊपर उठाते हैं तो इसके नीचे के भाग मे हवा का दबाव कम हो जाता है । बाह्य हवा का दाब अधिक होने से पिस्टन में लगा वाल्व खुल जाता है और बाहर से हवा बैरल में पिस्टन के नीचे प्रवेश करती है । पिस्टन को ऊपर उठाते समय बैरल की तली में लगा वाल्व बन्द रहता है और पात्र में से हवा बैरल में वापिस नहीं आ पाती । पिस्टन को अब नीचे की ओर चलाया जाता है । बैरल में बंद हवा का दबबाव बढ़ाने के कारम पिस्टन में लगा वाल्व बंद हो जाता है और बैरल मे लगे वाल्व के खुल जाने से, जैसे - जैसे पिस्टन नीचे उतरता है, हवा बैरल मे से पात्र में चली जाती है । इस प्रकार पिस्टन को ऊपर - नीचे करने से इस पंप के द्वारा किसी भी पात्र में हवा भरी जा सकती है और उसका दाब बढ़ाया जा सकता है ।
- Compton effect -- कॉम्पटन प्रभाव
- इलेक्ट्रॉनों द्वारा फोटॉनों का प्रत्यास्थ प्रकीर्णन । चूंकि संघट्टनों में संपूर्ण ऊर्जा एवं संम्पूर्ण संवेग का संरक्षण होता है । अतः प्रकीर्णित विकिरण के तरंग दैर्ध्य में होने वाला परिवर्तन की मात्रा प्रकीर्णन कोण पर निर्भर करती है । इस प्रक्रम मे फ़ोटॉन ऊर्जा का कुछ अंश इलेक्ट्रॉन को प्राप्त हो जाता है ।
- Compton electron -- कॉम्पटन इलेक्ट्रॉन, प्रतिक्षित इलेक्ट्रॉन
- कॉम्पटन प्रभाव में फ़ोटान के साथ अन्योन्य क्रिया होने पर परिमित वेग से प्रतिक्षिप्त होने वाला इलेक्ट्रॉन । कॉम्पटन प्रभाव से फ़ोटॉन की आवृत्ति कम हो जाती हैजिससे फ़ोटॉन की ऊर्जा - हानि होती है । यह ऊर्जा इलेक्ट्रॉन को प्राप्त हो जाती है । इसे प्रतिक्षिप्त इलेक्ट्रॉन भी क हते हैं ।
- Compton wavelength -- कॉम्पटन तरंग-दैर्ध्य
- किसी निश्चित विरामद्रव्यमान वाले कण का अभिलक्षणिक तरंग - दैर्ध्य जो निम्न समीकरण से प्राप्त होता है ।
- λ0 = (Formula)
- जिसमें λ0 कॉम्पटन तरंग - दैर्ध्य है,
- h प्लांक नियतांक
- m0कम का विराम - द्रव्यमान,
- c प्रकाश का वेग ।
- इलेक्ट्रॉन लिए इसका मान 2.42621 x 10-22m और प्रोटॉन के लिए 1.32140 x10-15 उ है ।
- कोई भी ऐसी युक्ति जो सूचना को स्वीकार करके इसकी तुलना, योग, व्यवकलन, गुणन, विभाजन, समाकलन आदि प्रक्राय द्वरा परिणाम को एक इष्ट रूप में प्रदान करती है । कंप्यूटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैः-
- 1. अंकीय - जो अंकों सेकाम करते हैं ।
- 2. सादृश्य-जिनमें किसी समस्या के वास्तविक चरों को दर्शाने के लिए वोल्टता आदि जैसी सुविधाजनक राशियों का उपयोग किया जाता है । प्रथम प्रकार के अवैद्युत और सरल कंप्यूटर का उदाहरण डेस्क - कलित्र (Desk calculator) है । जबकि दूसरे प्रकार का एक उदाहरण स्लाइड रूप (Slide Rule) है । दोनों प्रकार के आधुनिक बड़े कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनीय परिपथ एवं युक्तियों पर आधारित होते हैं ।
- वह उपकरण जिसमें सूचना को ग्रहण करने, सूचना में निर्धारित प्रक्रमों को लागू करने और इन प्रक्रमों के परिणामों को प्रस्तुत करने की योग्यता हो । प्रायः इसमें निवेश एवं निर्गम उपकरण, संचयक, अंक - क्रिया एवं तर्क संगत एकक तथा एक नियंत्रण एकक होता है ।
- computer programme -- अभिकलित्र प्रोग्राम
- किसी कम्प्यूटर द्वारा समस्या को हल करने अथवा सूचना संसाधन संक्रिया को पूरा करने के लिए नेमका ।
- computer programme -- अभिकलित्र प्रोग्राम
- अभिकलित्र की सहायता से किसी प्रश्न का हल मालूम करने के लिए प्रयुक्त कोई निर्देश - समुच्चय, योजना अथवा नित्यक्रम ।
- बीच में दबा हुआ वक्र पृष्ठ ।
- concave - convex lens -- अवतलोत्त्ल लेन्स
- वह उत्तल लेन्स जिसका एक पृष्ठ अवतल तथा दूसरा उत्तल होता है और जो मध्य मे मोटा होता है ।
- concave lens -- अवतल लेन्स
- इस प्रकार के लेन्स मध्य में पतले होते हैं और किरणों का अपसरण करते हैं ।
- concave mirror -- दर्पण, अवतल
- साधारणतया किसी गोल का ऐसा भाग जिसाक भीतरी पृष्ठ पालिश करके परावर्तक बनाया जाता है । यह प्रकाश किरणों को अभिसारित करता है और वास्तविक प्रतिबिंब भी बना सकता है ।
- concave mirror -- अवतल दर्पण
- साधारणयता किसी गोले का ऐसा भाग जिसका भीतरी पृष्ठ पालिश करके परवर्तक बनाया जाता है । यह प्रकाश किरणों को अभिसारित करता है और वास्तविक प्रतिबिंब भी बना सकता है ।
- concentration -- सांद्रण, सांद्रता
- (1) विलायक का उद्वाष्पन करके अथवा और अधिक पदार्थ डालकर विलीन पदार्थ की मात्रा बढ़ाना । जल - धारा या अन्य किसी विधि द्वारा अपद्रव्यों को दूर करके अयस्क का परिष्करण करना ।
- (2) इकाई आयतन में विद्यमान किसी द्रव्य या किसी अन्य सत्ता की मात्रा जैसे किसी विलयन की प्रबलता जो विलयन के इकाई आयतन में विलेय का द्रव्यमान अथवा इकाई आयतन में इकाई द्रव्यमान में ग्राम अणुओं या हाइड्रोजन आयनों आदि की संख्या होती है ।
- (3) ऊष्मा, प्रकाश, विद्युत् अथवा न्य किसी प्रकारी की ऊर्जा का एकत्रीकरम ।
- concentration cell -- सांद्रता सेल
- एक प्रकार का गैल्वेनी सेल जिसमें विद्युत्वाहक बल या तो एक ही विद्युत् - अपघट्य में डूबे समान रासायनिक प्रकृति के दो इलेक्ट्रोडों की सक्रियताओं में अंतर से अथवा एक ही विद्युत् - अपघट्य की सक्रियताओं में अंतर से उत्पन्न होता है जबकि समान इलेक्ट्रोडों को दो भिन्न सक्रियताओं किन्तु समान रासायनिक प्रकृति वाले विलयनों में डुबाया जाता है ।
- concentration cell -- सेल, सांद्रण
- सेल जिसमें एक ही धातु को दो इलेक्ट्रोड एक ही धातु के लवण के विभिन्न सांद्रणों के विलयनों में डूबे होते हैं । विलयनों को किसी सरंध्र विभाजक द्वारा अलग - अलग रखा जाता है । धातु कम सांद्रण के विलयन में धुलती है और अधिक सांद्रण के विलयन में निक्षिप्त (deposit) होती है वि.वा.ब. धातु और सांद्रण पर निर्भर करता है । यह एक वोल्ट के सौवें हिस्से के लगभग होता है ।
- जिनका केन्द्र एक ही हो, जैसे एक दूसरे के अन्दर स्थित वृत्त या गोले ।
- concentric circles -- संकेंद्र वृत्त
- एक समतल में स्थित वे वृत्त जिनका केंद्र एक ही हो ।
- एक ही वृत्त पर स्थित होने वाले, जैसे बिन्दुओं का कोई तंत्र ।
- condensation -- (1) द्रवण (2) संघनन
- (1) गैसीय अथवा वाष्पीय अवस्था से द्रव- अवस्था में परिवर्तन
- (2) वह अभिक्रिया जिसमें दो या अधिक अणुओं के अनिवार्य संरचनात्मक तत्वों को बनाने वाले सबसे बड़े भाग संयुक्त होकर नया अणु बनाते हैं । साथ ही इसमें पानी आदि साधारण अवयव भी पृथक होते हैं ।
- (3) कार्बनिक-रसायन में संघनन वह अभिक्रिया है जिसमें कार्बन परमाणु परस्पर संयुक्त होते हैं ।
- (4) सामान्य अर्थ में घनत्व में वृद्धि
- (5) विद्युत् - आवेश का संचय जैसे किया संधारित्र में इलेक्ट्रॉनों का एकत्रित होना ।
- (1) घनत्व बढ़ने की क्रिया
- (2) किसी अनुदैर्ध्य तरंग (यता ध्वनि तरंग) में माध्यम के घनत्व की स्थानीय वृद्धि या उसका स्थान । मात्रात्मक रूप से (Formula)
- इसमें S संघनन है, तात्क्षणिक स्थानीय घनता और उस बिंदु पर स्थिर माध्य घनत्व है ।
- condensation point -- संघनन-बिन्दु
- किसी समुच्च्य S का कोई ऐसा बिंदु P जिसके किसी भी प्रतिवेश में Sके सदस्यों की संख्या अगणनीय है ।
- condensation reaction -- संघनन अभिक्रिया
- दो या दो से अदिक अणुओं के बीच होने वाली अभिक्रिया जिसमें H2O, HX, ROH आदि कोई सरल अणु पृथक हो जाता है और
- condenser -- द्रवणित्र (= संघनित्र)
- किसी वाष्प को ठंडा करके द्रव रूप में परिणत करने का उपकरण ।
- condenser (=capacitor) -- संधारित्र
- विद्युत् आवेश (charge) को संगृहीत या संचित करने का उपकरण । इसमें दो चालक पट्टिकाएँ होती है । जिनके बीच में एख अचालक पट्टिका होती है । दोनों चालकों में विभवांतर होता है । दूसरे चालक की उपस्थिति के कारण पहले चालक की विद्युत् - धारिता बढ़ जाती है अर्थात् इसके विभव में एख वोल्ट की वृद्धि करने के लिए अधिक चार्ज की आवश्यकता होती है ।
- कोई गणितीय प्रस्ताव अथवा परिकल्पना जिसका किसी अन्य प्रस्ताव या परिकल्पना से इस प्रकार का संबंध है कि या दो पहले प्रस्ताव का मान्य हात ही दूसरे की मान्यता के लिए पर्याप्त है या पहले का मान्य होना दूसरे की मान्यता के लिए जरूरी है ।
- conditonally convergent series -- सापेक्ष अभिसारी श्रेणी
- कोई अनंत श्रेणी जिसका अभिसरण इस पर निर्भर है कि श्रेणी के पद किसी क्रम में विन्यस्त हैं । वह श्रेणी जिसका अभिसरण निरपेक्ष नहीं है । उदाहरणार्थ, श्रेणी
- (Formula)
- वैद्युत प्रतिरोध का व्युतक्रम । इसका मात्रक व्युत्क्रम ओम अर्थात् (ओम )-1 होता है और उसका नाम म्हो () है ।
- (i) (ऊष्मा का) दो स्थानों में ताप का अंतर होने पर किसी माध्यम के अणुओं द्वारा ऊष्मा को इस प्रकार स्थानांतरित करना कि स्वयं माध्यम का कोई भी भाग स्थानांतरित नहो । यह संवहन (convection) तथा विकिरण (radiation) से भिन्न होता है । संवहन में स्वयं माध्यम ही स्थानांतरित होकर ऊष्मा को अपने साथ ले जाता है और विकिरण में ऊष्मा ईथर की तरंग के रूप में स्थानांतरित होती है । क्वांटम सिद्धांत के अनुसार यह विकिरण ऊर्जा के क्वांटमों के रूप में प्रकाश के वेग से स्थानांतरित होता है ।
- (ii) (विद्युत् का) दो स्थानों के विभवांतर के कारण ठोस, द्रव या गैस में मुक्त इलेक्ट्रॉनों या आयनों के द्वारा विद्युत् का स्थानांतरण । दूसरे शब्दों में स्थिर दाब पर गैस का आयतन परम ताप का समानुपाती होता है । इस नियम का पालन पूर्णतः केवल आदर्श गैस द्वारा ही होता है ।
- conduction band -- चालन बैन्ड
- ठोस पदार्थों में इलेक्ट्रॉनों की उच्चतम अनुमत ऊर्जाओं का एक बैंड । चालकों में यह बैंड आंशिक रूप से भरा हुआ होता है, अर्धचालकों में परम शून्य ताप पर यह बैंड रिक्त होता है परन्तु ताप - वृद्धि के साथ इसमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती जाती है जिससे इन पदार्थों की चालकता बढ़ती जाती है । विद्युतरोधियों में यहबैंड सामान्य तापों पर भी पूर्णतया रिक्त होता है जिसके कारण इन पदार्थों में विद्युत चालन नहींहोता ।
- ऊष्मा और विद्युत् को चालक द्वारा स्थानांतरित करने के गुण या क्षमता को क्रमशः ऊष्मा - चालकता तथा विद्युत् - चालकता कहते हैं ।
- conductometry -- चालकत्वमिति
- किसी मिश्रण में विद्यमान तत्व, लवण आदि पदार्थ की मात्रा का निर्धारण करना । यह मिश्रण की वैद्युत चालकता पर घटकों के प्रभाव को माप कर किया जाता है ।
- ऐसा पदार्थ या वस्तु जिसमें विद्युत् या ऊष्मा को चालन द्वारा स्थानांतरित करने की क्षमता हो जासे रजत, ताम्र आदि ।
- 1. कोई ठोस पिंड जिसका एक परिबंध एक समतल क्षेत्र (आधार) होता है और दूसरा परिबंध एक ऐसा पृष्ठ होता है जो आधार के परिसीमा - बिंदुओं को किसी नियत बिंदु से ऋजु रेखाओं द्वारा मिलाने से बनता है ।
- 2. कोई रेखज पृष्ठ जिसकी जनक रेखाएँ एक नियत बिंदु से गुजरती हैं और एक नियत वक्र को काटती हैं ।
- cone of friction -- घर्षण शंकु
- किसी पृष्ठ पर फिसलने वाले किसी पिंड के संदर्भ में वह शंकु जिसका शीर्ष पिंड और पृष्ठ का स्पर्शबिंदु है और जिसका अर्ध शीर्ष कोण उस कोण के बराबर है जो परिणामी घर्षण बल की दिशा स्पर्श - बिंदु पर पृष्ठ के अभिलंब के साथ बनाती है ।
- confocal conics -- संनामि शांकव
- वे शांकव जिनकी नाभियाँ संपाती हों । उदाहरणार्थ निम्नलिखित समीकरण द्वारा निरूपित दीर्घवृत्त एवं अतिपरवलय
- (Formula)
- जहाँ b2 <a2, k2 # b2 और k के वे सभी वास्तविक मान हो सकते हैं जिनके लिए
- किसी विशेष अणु - आकृति में तत्वों का आकाशीय विन्यास, उदाहरणार्थ किसी अणु में परमाणुओं का आकाशीय विन्यास । इस प्रकार संरचना में डेक्सट्रोस और लेबुलोस भिन्न हैं । किंतु तीन असममित कार्बन परमाणुओं के संदर्भ में, विन्यास की दृष्टि से अनुरूप होते हैं । d - और शर्करायें संरचना में अनुरूप होती हैं किन्तु उनका विन्यास भिन्न होता है ।
- congruence -- 1. सर्वागसमता 2. समशेषता
- 1. सर्वागसमताः दो आकृतियों का वह गुणधर्म जिसके अनुसार एक के ऊपर दूसरे को इस प्रकार रखा जा सकता है कि एक का प्रत्येक भाग दूसरे के संगत भाग से संपाती हो जाए । यूक्लि द्वारा दी गई इस परिभाषा में पिंडों को दृढ़ रखते हुए उनकी इधर - उधर हटाने आदि की समस्याएँ आती हैं और इस कारण से इस परिभाषा को आधुनिक ज्यामिति में अस्पष्ट माना गया है ।
- 2. समशेषताः मान लीजिए कि एक नियत धन पूर्णांक है और a,b कोई दो पूर्णांक हैं । यदि a-b पूर्णांक p से विभाज्य है तो a को p के सापेक्ष b के साथ समशेष कहा जाता हैऔर इस संबंध को ab = mod p लिखा जाता है । इसको पूर्णांको का समशेषता - संबंध कहते हैं । व्यापक रूप से यदि G एक समूह हो और H उसकाएक उपसमूह हो तो प्रत्येक a,b є Gके लिए यदि ab-1 є Hहो तो a को H के सापेक्ष b के साथ समशेष कहा जाता है और इस संबंध ab = mod H को लिखा जाता है ।
- congruent melting point -- सर्वांगसम गलनांक
- प्रावस्था-आरेख में वह ताप जिस पर किसी यौगिक की समान संघटन वाली द्रव और ठोस, दोनों प्रावस्थायें साथ-साथ पाई जाती हैं ।
- किसी ऐसे बिंदु का बिंदु-पथ जो इस प्रकार चलता है कि किसी स्थिर बिंदु से इसकी दूरी और किसी स्थिर रेखा से इसकी दूरी का अनुपात अचर होता है । इस अनुपात को शांकव की उत्केंद्रता कहते हैं ।
- conic section -- शंकु काट, शँकु परिच्छेद
- किसी लंब वृत्तीय शंकु - पृष्ठ का कोई समतल परिच्छेद कोई शांकव ।
- दीर्घवृत्तज, अतिपरवलयज अथवा परवलयज का व्यापक नाम ।
- conjugate (point, focus or plane) -- संयुगग्मी (बिन्दु, फ़ोकस या समतल)
- कोई गोलीय दर्पण या लेन्स आदि किसी बिन्दु पर रखे हुए बिम्ब का प्रतिबिंब बिंदु पर बनाता है तो वह बिन्दु पर रखे हुए बिम्ब का प्रतिबिंब पर बनाता है । अतः और संयुग्मी बिंदु कहलाते हैं । इनको संयुग्मी फ़ोकस भी कहते हैं । वे समतल जो कि इन बिंदुओं से होकर जाते हैं और मुख्य अक्ष से समकोणिक होते हैं संयुग्मी समतल कहलाते हैं ।
- conjugate arms -- संयुग्मी भुजाएँ
- व्हीटस्टोन के परिपथ जाल की ऐसी दो भुजाएँ जिनमें से किसी एक में कोई सेल रख देने से या अन्य किसी प्रकार कोई विभवांतर उत्पन्न करने से दूसरी में विद्युत् - धारा का परिवर्तन नहीं होता ।
- conjugate axis -- संयुग्मी अक्ष
- वह रेखा जो किसी दीर्घवृत्त अथवा किसी अतिपरवलय के केंद्र से होकर जाती है तथा जो दो नाभिकयों को मिलाने वाली रेखा पर लंब होती है ।
- conjugate complex numbers -- संयुग्मी संमिश्र संख्याएँ
- और के प्रकार की दो संमिश्र संख्याएँ जहाँऔर वास्तविक संख्याएँ हैं ।
- connected space -- संबंद्ध समष्टि
- ऐसी सांस्थितिक समष्टि जो किसी भी दो अरिक्त एवं असंयुपक्त विवृत समुच्चयों के सम्मिलन के रूप में निरूपित किया जा सके । उदाहरणतः कोई भी युक्लिडीय समष्टि ।
- connex (=connected set) -- संबद्ध समुच्चय
- किसी सांस्थितिक समष्टि का ऐसा समुच्च्य जो संस्थिति के सापेक्ष एक संबद्ध समष्टि हो । उदाहरणतः वास्तविक रेखा क कोई अंतराल ।
- consequent poles -- उपध्रुव
- विशेष परिस्थितियों में चुंबक के दोनों सिरों पर जो ध्रुव होते हैं, उनके अतिरिक उसमें अन्यि स्थानों पर भी चुंबकीय ध्रुव होते हैं । इन्हें उपध्रुव कहते हैं । वस्तुतः ऐसे स्थानों पर बहुत ही पास - पास उत्त्र और दक्षिण दोनों प्रकार के ध्रुव होते हैं ।
- conservation of energy -- ऊर्जा संरक्षण
- वह सिद्धांत जिसके अनुसार यदि कोई द्रव्यतंत्र अन्य द्रव्यतंत्रों से विलगित हो अर्थात् उसमें बाहर से ऊर्जा का आवागमन संभव न हो तो उस द्रव्यतंत्र में किसी प्रकार का आंतरिक परिवर्तन होने पर भी उसकी ऊर्जा की कुल मात्रा अपरिवर्तित रहती है ।
- conservation of energy -- ऊर्जा-संरक्षण
- किसी बंद-तंत्र में ऊर्जा का रूप और प्राप्यता बदल सकते हैं किन्तु कुल ऊर्जा स्थिर रहती है । किसी पृथक यांत्रिक - तंत्र में ऊर्जा - संरक्षण आदर्श होता है । घर्षण और अन्य क्षयकारी बल और क्रियायें नगण्य मान ली जाती है ताकि स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा का योग स्थिर रहे । अक्षयकारी यांत्रिक - तंत्र के लिए तंत्र पर किया गया काम, तंत्र मे यांत्रिक ऊर्जा - वृद्धि के बराबर होता है । विशिष्ट आपेक्षिकता - सिद्धांत के अनुसार ऊर्जा और द्रव्यमान परस्पर परिवर्त्य हैं । इस दृष्टि से इस नियम को द्रव्यमान - ऊर्जा संरक्षण की विशेष स्थिति मानना चाहिए । यह केवल तब लागू होता है जब द्रव्यमान का ऊर्जा में और ऊर्जा का द्रव्यमान में परिवर्तन नहीं होता है अथवा जब यह माना जाता है कि तंत्र की समस्त द्रव्यमान - ऊर्जा इकाइयों में बदल दी गई हो ।
- conservation of energy -- ऊर्जा-संरक्षण
- किसी संवृत तंत्र में ऊर्जा की वह अवस्था जिसके रूप एवं उपलभ्यता में परिवर्तन तो हो सकता है लिकिन उसकी संपूर्ण ऊर्जा अचर बनी रहती है ।
- conservation of mass -- संहति-संरक्षण
- इस नियम के अनुसार न तो द्रव्य को बनाया जा सकता है ओर न नष्ट काय जा सकता है । अधिक यथार्थ शब्दों में, किसी तंत्र का कुल द्रव्यमान सभी रूपांतरमों के बाद भी स्थिररहता है । देखिए - conservation of energy
- conservative system -- संरक्षी तंत्र
- ऐसा द्रव्य तंत्र जिसके समस्त कणों की गतिज और स्थितिज ऊर्जाओं का योग अपरिवर्तित रहता है ।
- जब दो या दो से अधिक सांगीतिक स्वरक (musical tones) साथ - साथ बजाए जाने पर श्रोताओं में रूचिकर प्रभाव उत्पन्न करें, तो कहा जाता है कि ये संवाद की स्थिति में हैं । स्वरक प्रायः संवादी तभी होते हैं जब उनकी आवृत्तियाँ छोटी पूर्ण संख्याओं के अनुपात मेहोती हैं ।
- जो स्वरक संवाद की स्थिति में हों, वे संवादी कहलाते हैं । ऐसे स्वरकों का अंतराल अर्थात् उनकी आवृत्तियों का आवृत्तियों का अनुपात भी संवादी अंतराल कहलाता है ।
- constant -- नियतांक (स्थिरांक)
- (1) किसी राशि को मापने के यंत्र के पाठ्यांक को उस राशि की मात्रा में परिवर्तित करने के लिए निश्चित मान का गुणक । यथा धारामापी का नियतांक ।
- (2) ऐसी संख्यात्मक राशि जिसकी सहायता से किसी भौतिक नियम को एक निश्चित समीकरण के रूप में प्रकट किया जा सके, यथा गुरूत्व का नियतांक या गुरूत्वांक ।
- (3) वस्तु के किसी विशेष गुण या दशा को प्रकट करने वाला संख्यात्मक राशि, जैसे अपवर्तनांक ।
- constant of gravity -- गुरूत्वांक
- एकक दूरी पर स्थित दो एकक पिंडों का गुरूत्वाकर्षण बल । सेंटीमीटर ग्राम सेकंड पद्धति मे यह 6.670 10-8 के बराबर होता है ।
- constant of integration -- समाकलन-अचर
- वह स्वेच्छ अचर जिसे समाकलन से उत्पन्न फलन में जोड दिया जाता है जिससे कि सभी प्रत्यवकलज प्राप्त हो जाएँ ।
- constant pressure gas thermometer -- तापमापी, अचर दाब गैस
- थर्मामीटर जिसमें स्थिर दाब पर गैस की निश्चित मात्रा के आयतन में होने वाले परिवर्तन द्वारा ताप मापा जाता है । यदि 00C, 1000C तथाtp0Cपर इस तापमापी की गैस के आयतन क्रमशःV0, V100 तथाVt होंतो
- constellation -- तारा-मंडल
- खगोल में तारों के उन 88 विन्यासों में कोई एक विन्यास जिनको प्राचीन खगोलज्ञों ने कुछ स्वेचछ नाम दिए हैं और जो आकाश में एक समूह के रूप में दिखाई देते हैं । प्रत्येक समूह के अंतर्गत क्षेत्र के अर्थ में बी इस शब्द का प्रयोग होता है । तारा - मंडलों के नामकरण किसी वस्तु या जीव के आकृति - साम्य पर आधारित है या किसी पौराणिक कथा पर ।
- constitution (chemical) -- रचना, संघटन
- (1) किसी अणु में परमाणुओं की व्यवस्था ।
- (2) दो विभाओं में परमाणुओं और समूहों की आपेक्षिक स्थिति को प्रदर्शित करने वाला आरेख । त्रिविम संबंधों को प्रदर्शित करने के लिए जब व्यवस्था को तीन विभाओं में प्रदर्शित किया जाता है तो उसे विन्यास कहते हैं ।
- constrained motion -- व्यवरूद्ध गति
- किसी कण की वह गति जिसमें कण किसी वक्र अथवा पृष्ठ के सहारे चलने के लिए प्रतिबंधित हो, जैसे किसी गोले के अंदर या बाहर किसी कण की गति या किसी डोरी पर किसी मनके की गति ।
- contact microphone -- संस्पर्श माइक्रोफोन
- एक प्रकार का माइक्रोफोन जो ध्वनि स्रोतों से सीधे ही यांत्रिक, कंपनों को ग्रहम करके उन्हें संगत वैद्युत धारा अथा वोल्टताओं में बदल देता है ।
- continued fraction -- वितत भिन्न
- कोई संख्या और एक ऐसे भिन्न का जोड़ जिसका हर, एक संख्या तथा एक भिन्न का जोड़ होता है, और यह भिन्न भी एक संख्या और एक भिन्न का जोड़ होता है,
- (Formula) ........आदि ।
- continued product -- वितत गुणनफल
- किसी क्रम में रखे हुए अनंत गुणनखंडों का गुणनफल जिसे
- (Formula)
- के रूप में लिखा जाता है । जैसे
- (Formula)
- (Formula)
- continuity of state -- अवस्था-सातत्य
- जैसे-जैसे ताप क्रांतिक बिंदु की ओर बढ़ाया जाता है, द्रवों और वाष्प के गुणधर्म समान होते जाते हैं और अंततः क्रांतिक बिंदु पर पहुँचते - पहुँचते वे समान हो जाते हैं । यद्यपि सामान्यतया, इस ताप पर द्रव से वाष्प में अथवा वाष्प से द्रव में परिवर्तन नहीं होता किन्तु मंद संक्रमण संभव है । इस प्रकार यदि आरंभ में एक ऐट्मॉस्फियर दाब और 200 ताप पर स्थित कार्बन डाइऑक्साइड को समतापतः 100 ऐट्मॉस्फियर दाब तक संपीडित किया जाय तो द्रव का प्रकट होना और वाष्प का लुप्त होना स्पष्ट होता है अर्थात् वाष्प से द्रव में परिवर्तन असतत होता है । परंतु यदि उपर्युक्त आरंभिक अवस्थाओं में कार्बन डाइऑक्साइड को पहले 400 तक गर्म किया जाए और फिर समतापतः 100 ऐट्मॉस्फियर दाब तक संपीडित कर 200 तक ठंडा किया जाए तो पहले की भाँति ही द्रव अवस्था प्राप्त होती है किन्तु असतता नहीं दिखाई देती है ।
- continuous function -- संतत फलन
- कोई फलन f जिसके प्रांत X और Y परिसर सांस्थितिक समष्टियाँ हैं, बिंदु x पर तब संतत माना जाता है जबकि Y में f(x) के किसी प्रतिवेश W के लिए X में x का एक ऐसा प्रतिवेश U होता है कि U के सभी सदस्यों u के लिए f(u) ⊂ W। यदि f(x) प्रांत Xके प्रत्येक बिन्दु पर संतत है तो उसे X पर संतत कहा जाता है ।
- continuous spectrum -- संतत स्पेक्ट्रम
- 1. विद्युत चुम्बकीय विकिरण के प्रसंग में रेखा या बैंड स्पेक्ट्रम से भिन्न प्रकार का एक स्पेक्ट्रम जिसमें एक सिरे से दूसरे सिरे तक विकिरण के सभी तरंग-दैर्ध्य संतत रूप से वितरित होते हैं ।
- 2. कणों के प्रसंग में एक ऐसा स्पेक्ट्रम जो ऊर्जा - संवेग का संतत परिवर्तन दर्शाता है ।
- 3. तापदीप्त ठोस द्रव्य का और उच्च दाब की गैसों का उत्सर्जन (emission) स्पेक्ट्रम, जिसमें एक सिरे से दूसरे सिरे तक के सभी वर्ण परस्पर सटे दिखाई पड़ते हैं और कहीं भी कोई विच्छेद नहीं होता ।
- continuous wave (c.w.) -- संतत तरंग
- एक प्रकर की रेडियो या रेडार-तरंग जिसमें आयाम और आवृत्ति अपरिवर्ती बने रहते हैं ।
- contour integration -- कन्टूर समाकलन, परिरेखीय समाकलन
- संमिश्र समतल में किसी (संवृत्त) साधारण चापकलनीय वक्र पर किया गया समाकल ।
- किसी वस्तु के अवयवों का परस्पर अधिक समीप आ जाना, जिससे लम्बाई, क्षेत्रफल या आयतन मे कमी हो जाए सिकुड़ना, जैसे ठंडा होने पर लोहे का ।
- सिकुड़ने या आंकुचित होने की क्रिया ।
- contravariant tensor -- प्रतिपरिवर्ती प्रदिश
- कोई प्रदिश जिसके केवल प्रतिपरिवर्ती सूचक होते हैं और सहपरिवर्ती सूचक नहीं होते । दे. Tensor
- control grid -- नियंत्रक ग्रिड
- 1. इलेक्ट्रॉन-नलिका में काम आने वाली एक ग्रिड जो प्रायः कैथोड और ऐनोड के बीच स्थित होती है और नियंत्रक इलेक्ट्रॉड के रूप में काम आती है ।
- 2. क्लाइस्ट्रान की इलेक्ट्रान गन में स्थित इलेक्ट्रोड जो इलेक्ट्रॉन किरणपुंज धारा का नियंत्रण करता है ।
- control rod -- नियंत्रण दंड
- किसी नाभिकीय रिऐक्टर की अभिक्रिया के नियंत्रण में काम आने वाला दंड । यह स्वयं ईंधन-दंड हो सकता है अथवा विमंदक का एक भाग भी । तापीय रिऐक्टर में आमतौर पर यह न्यूट्रॉन अवशोषक होता है ।
- किसी पदार्थ में ऊष्मा, विद्युत आदि का ऐसा स्थानांतरण जिसमें उस पदार्थ के कण भी स्थानांतरित होते हैं । यह क्रिया चालन से भिन्न होती है ।
- convection current -- संवहन धारा
- संवहन द्वारा ऊष्मा, विद्युत् आदि का प्रवाह ।
- प्रकाश की किरणों की एक ही बिन्दु की ओर जाकर फ़ोकस होने की प्रवृत्ति ।
- प्रकाश की किरणों की एक ही बिन्दु की ओर जाकर फोकस होने की प्रवृत्ति ।
- convergent beam -- अभिसारी किरण पुंज
- जिस किरणपुंज की किरणों में पास-पास आने की अथवा एक बिन्दु या फ़ोकस पर मिलने की प्रवृत्त हो ।
- convergent lens -- अभिसारी लेन्स
- वह लेन्स जो किसी किरणपुंज की किरणों को पास-पास लाकर किसी एक बिन्दु या फ़ोकस की ओर प्रवृत्त करता है । कोई भी उत्तल लन्स अभिसारी लेन्स होता है ।
- convergent series -- अभिसारी श्रेणी
- कोई ऐसी अनंत श्रेणी जिसके प्रथम पदों के योग को निरूपित करने वाला अनुक्रम
- (Formula) अभिसारी हो । इस अनुक्रम की सीमा को श्रेणी का योग कहते हैं ।
- किसी प्रमेय की परिकल्पना और निष्कर्ष को परस्पर बदलने से बनने वाला प्रमेय ।
- conversion efficiency -- रूपांतरण-दक्षता
- 1. इलेक्ट्रॉन-नलिका में a.c. निर्गत विद्युत् शक्ति का इलेक्ट्रोडों पर लगाई गई d.c . विद्युत् शक्ति के साथ अनुपात ।
- 2. आवृत्ति-परिवर्तक की किसी एक आवृत्ति पर निर्गत वोल्टता का किसी दूसरी आवृत्ति पर लगाई गई निवेश वोल्टता के साथ अनुपात ।
- 3. दिष्टकारी में d.c निर्गत विद्युत् शक्ति का a.c. निवेश विद्यत् शक्ति के साथ अनुपात ।
- conversion gain -- रूपांतरण-लब्धि
- 1. सुपर हेटरोडाइन अभिग्राही में माध्यमिक आवृत्ति निर्गत वोल्टता का प्रथम संसूचक पर लगाई गई निवेश वोल्टता के साथ अनुपात ।
- 2. आवृत्ति परिवर्तक या मिश्रक की प्राप्य माध्यमिक आवृत्ति पर निर्गत शक्ति का प्राप्य रेडियो - आवृत्ति पर निवेश - शक्ति के साथ अनुपात ।
- converter (convertor) -- परिवर्तक
- 1. सुपर हेटरोडाइन रेडोयो अभिग्राही का वह भाग जो इष्ट आगंतुक सिग्नल को सिग्नल में बदलता है । इस भाग में दोलित्र और मिश्रित - प्रथम संसूचक सम्मिलित होते हैं ।
- 2. दूरदर्शन या रेडियो अभिग्राही में काम आने वाला एक प्रकार का सहायक एकक जिसके द्वारा इनसे उस चैनल और आवृतियों का भी अभिग्रहण हो जाता है जिनके लिए प्रारंभ में मूल रूप से इसका डिजाइन नहीं किया गया था ।
- 3. प्रतिकृति तंत्र में काम आने वाली एक युगक्ति जो क्रमवीक्षक द्वारा प्रदान किए गए माडुलन के प्राकर को बदल देती है ।
- 4. एक प्रकार का कंप्रयूटर एकक जो संख्यात्मक सूचना को एक रूप से दूसरे रूप में उदाहरण के लिए दशमलव से दो अंकीय या इसका विलोम, स्थिर बिंदु से प्लव बिंदु निर्देशन या छिद्रित कार्ड से चुंबकीय फीते आदि में बदल देता है ।
- बीच में उठा हुआ वक्र पृष्ठ ।
- convex lens -- उत्तल लेन्स
- इस प्रकार के लेन्स बीच में मोट होते हैं । ये अभिसारी होते हैं । जिस लेन्स का द्वितीय फ़ोकस वास्तविक हो अर्थात् जिस पर अक्ष के समांतर आपतित होने वाली किरणें वास्तिक फ़ोकस पर मिलें ।
- convex lens -- लेन्स, उत्तल
- इस प्रकार के लेन्स बीच में मोटे होते हैं । ये अभिसारी होते हैं अर्थात् जिस पर अक्ष के समांतर आपतित होने वाली किरमें पास - पास आकर वास्तविक फ़ोकस पर मिल जाती हैं ।
- convex mirror -- उत्तल दर्पण
- किसी गोले का भाग जिसका बाहरी पृष्ठ पॉलिश करके चमकदार बनाया गया हो और जो परावर्तक का काम देता है । इस प्रकार का दर्पण प्रकाश किरमों को अपसारित करात है और आभासी प्रतिबिंब बनाता है ।
- convexoconcave lens -- उत्तलावतल लेन्स
- वह अवतल लेन्स जिसका एक पृष्ठ (convex) और दूसरा अवतल (concave) होता है ।
- coolling curves -- शीतलन वक्र
- किसी पदार्थ के ताप को समय के सापेक्ष आलेखित करने पर प्राप्त आलेख । उदाहरणार्थ किसी पिघले मिश्रातु को उसके संपिडन - ताप तक ठंडा करने पर अथवा अन्य ताप - परासों तक ठंडा करने पर प्राप्त आलेख । इन वक्रों की सहायता से प्रावस्था आरेख खींचे जाते हैं ।
- वह संख्या-समुच्चय जो आकाश में किसी बिंदु की स्थिति निर्धारित करता है । यदि बिंदु किसी दी हुई रेखा पर हो तो केवल एक निर्देशांक की आवश्यकता होती है, यदि बिंदु समतल में हों, तो दो निर्देशांक की ओर यदि बिंदु आकाश में हो तो तीन निर्देशांकों की आवश्यकता होती है । दे.
- coordinate axis -- निर्देशाक्ष
- एक रेखा जिसके अनुदिश अथवा जिसके समांतर कोई निर्देशांक मापा जाता है ।
- coordinate geometry -- निर्देशांक ज्यामिति
- वह ज्यामिति जिसमें स्थिति का निरूपण वैश्लेषिक रूप में अर्थात् निर्देशांकों द्वारा काय जाता है और जिसके अधिकांश भाग में बीजीय विधियों का प्रयोग किया जाता है ।
- coordination compound (semipolar compound) -- उपसहसंयोजी यौगिक, अर्धध्रुवी यौगिक
- सामान्यतः सरल अकार्बनिक अथवा कार्बनिक यौगिकों के संयोग से बने अनेक प्रकार के संकर यौगिकों में से कोई एक । मुख्य रूप से उपसहसंयोजी यौगिक वे यौगिक हैं जिनमें विद्युत् संयोजकता आबंधों या सामान्य सहसंयोजकता आबंधों के आधार पर संभावित संख्या से अधिक संख्या में परमाणु अथवा समूह संलग्न रहते हैं । प्रायः उपसहसंयोजित समूह, यौगिक के केंद्रीय परमाणु के साथ उपसहसंयोजी आबंधों द्वारा जुड़े रहते हैं जिसमें आबंध के दोनों इलेक्ट्रॉन उपसह - संयोजित समूह के संलग्न परमाणु द्वारा दिए जाते हैं । ऐम्मीन और संकर सायनाइड उपसहसंयोजी यौगिकों को प्ररूपी उदाहरण हैं ।
- Copernican system -- कोपर्निकस-निकाय
- ग्रह-गतियों के बारे में सन् 1543 ई. में कोपर्निकस द्वारा स्थापित वह संकल्पना जिसके अनुसार सूर्य ग्रह-कक्षाओं के केंद्र में स्थिति है और पृथ्वी तथा अन्य ग्रह स्वयं अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य की परिक्रमा करते हैं । यह सिद्धांत पहले भारत में आर्यभट्ट द्वारा प्रस्तावित किया गया था ।
- coplanar forces -- समतलीय बल
- वे बल जिनकी दिशाएँ एक नियत समतल पर हों ।
- coprime numbers -- असहभाज्य संख्याएँ
- दो संख्याएँ जो एक दूसरे के सापेक्ष अभाज्य हों, अर्थात् जिनका कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड न हों ।
- (1) परिणमित्र अर्थात् ट्रांसफार्मर या विद्युत्मोटर या जनित्र जैसे विद्युत् - चुंबकीय उपकरण का वह भाग जिस पर तार की कुंडली लपेटी जाती है । साधारणतः निम्न आवृत्ति की प्रत्यावर्ती विद्युत् धारा के लिए उपयोगी ट्रांसफ़र्मर का तथा मोटर या जनित्र का क्रोड नर्म लोहे का, लोहे के तारों या पत्तियों के समूह का बनाया जाता है ताकि लोहे की चुंबकशीलता के कारण उसमें चुंबकीय बल - रेखाओं की संख्या बहुत बढ़ जाए किंतु रेडियो में प्रयुक्त उच्च आवृत्ति ट्रांसफार्मरों में क्रोड वायु ही का रहता है ताकि कुंडली की प्रतिबाधा (impedance) बहुत अधिक न हो जाए ।
- (2) कार्बन आर्क के इलेक्ट्रोडों का अभ्यंतर भाग जिसमें बहुधा कोई रासायनिक द्रव्य भरा रहता है ।
- Coriolis force -- कोरिऑलिस बल
- पार्थिव कणों पर लगा हुआ वह बल जो पृथ्वी द्वारा अपने अक्ष क प्रति घूर्णन करते रहने के कारण उत्पन्न होता है । इसका परिमाण 2 muvहै, जहाँ u पृथ्वी के घूर्णन का कोणीय वेग है और v द्रव्यमान m वाले कण की पृथ्वी के सापेक्ष चाल है ।
- किसी प्रमेय की उपपत्ति से सीधे ही निकलने वाला कोई दूसरा प्रमेय जिसका उपपत्ति के ले कोई अलग तर्क देने की आवश्यकता नहीं होती।
- सूर्य के परिमंडल का सबसे बाहरी भाग जिसमें अत्यधिक आयनीकृत परमाणु सूर्य - पृष्ठ से लाखों मील दूर तक फैले रहते हैं। पूर्ण सूर्य - ग्रहण के समय मुक्ताभ प्रकाश के रूप में छिपे हुए सूर्य बिंब की चारोंओर दिखाई देता है ।
- परिमाणात्मक अथवा गुणात्मक आंकड़ों के दो समुच्चयों मे परस्पर निर्भरता । जैसे किसी विशेष जाति की गायों की उम्र और उनसे प्रतिदिन प्राप्त होने वाले दूध का परस्पर संबंध ।
- cosmic burst -- अंतरिक्ष किरणी प्रस्फोट
- अधिक संख्या में आयनकारी कणों (इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन आदि) का किसी बिंदु पर एक साथ उत्पन्न होना । ऐसा माना जाता है कि अंतरिक्ष किरणों के अधिक ऊर्जायुक्त कणों के संघट्ट से उत्पन्न परमाण्विक विस्फोट ही इसका कारण है ।
- cosmic dust -- अतरिक्ष धूलि
- अंतरातारकीय आकाश के किसी भाग में धूल की तरह दिखाई देने वाले और तारकीय प्रकाश को रोकने वाले सूक्ष्म कणों का बादल ।
- cosmic ray -- अंतरिक्ष किरण
- अत्यधिक वैधनशील विकिरण जो अंतरिक्ष से पृथ्वी पर प्रत्येक दिशा में आता मालूम पड़ता है । प्रयोगात्मक प्रेक्षणों से पता चलता है कि हमारे वायुमंडल में प्रवेश करने वाली अंतरिक्ष किरमें लगभग सम्पूर्णतः धनात्मक आवेश युक्त परमाणुविक नाभिकों से बनी हैं । इन तथाकथित प्राथमिक अंतरिक्ष किरणों का लगभग 91 प्रतिशत भाग प्रोटॉनों, 7.8 प्रतिशत ऐल्फ़ा कणों और शेष कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, लोहा आदि के गुरूतर नाभिकों के रूप में होता है । ये प्राथमिक किरणें हमारे वायुमंडल के परमाणुओं से टकरा कर और उनका विखंडन कर द्वितीयक अंतरिक्ष किरणें उत्पन्न करती हैं, जिनसे अक प्रकार के सूक्ष्म कण - न्यूट्रॉन (neutron), मेसॉन (meson), हाइपेरॉन (hyperon) उत्पन्न हो जाते हैं । अंतरिक्ष किरण वर्षण (cosmic ray shower) की घटना भी इन्हीं के कारण होती है । अंतरिक्ष किरमों के प्रभाव का आभास जल में और पृथ्वी तल में भी बहुत गहराई तक पाया जाता है ।
- cosmology -- ब्रह्मांडिकी, ब्रह्मांड-विज्ञान
- सैद्धांतिक खगोलिकी की वह शाखा जिसमें संपूर्ण विश्व तथा मंदाकिनियों, नीहारिकाओं आदि की संरचना, एवं परस्पर संबंध के बारे में अध्ययन किया जाता है ।
- cosmology -- ब्रह्मांड विज्ञान, ब्रह्मांडिकी
- विज्ञान की एक शाखा जिसमें एक संपूर्ण इकाई के रूप में विश्व का विकास, सामान्य संरचना और प्रकृति का अध्ययन किया जाता है ।
- वैद्युत आवेश का एक पूरक मात्रक । यह विद्युत की वह मात्रा है जो ऐम्पियर की धारा धारा 1 सेकंड में ले जायी जाती है । इसकी प्रतीक है ।
- coulometric analysis -- कूलॉममिति विश्लेषण
- चालकतामितीय विधि जिसमें किसी विद्युत् - अपघटित विलयन में से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के तीव्रता परिवर्तन का उपयोग अन्त्य बिंदु सूचक के रूप में अथवा विलयन के संघटन में परिवर्तन को ज्ञात करने के लिए होता है। कूलॉममितीय विश्लेषण वस्तुतः फैराडे के विद्युत् अपघटन नियमों का ही अनुप्रयोग हैजिसके अनुसार किसी इलेक्ट्रोड पर रासायनिक अभइक्रिया की मात्रा में इलेक्ट्रोड से होकर प्रवाहित होने वाली विद्युत की मात्रा के अनुक्रमानुपाती होतीहै । किसी इलेक्ट्ऱोड पर एक समतुल्य रासायनिक परिवर्तन के लिए एक फैराडे विद्युत् की आवश्यकता पड़ती है । इस प्रकार के विश्लेषण के लिए यह आवश्यक है कि निर्धारण में प्रयुक्त इलेक्ट्रोड - अभिक्रिया की दक्षता 100 प्रतिशतहो ।
- coulometric titration -- कूलॉममिति-अनुमापन
- अनुमापन की एक विधि जिसमें विलयन में अनुमापन - कर्मक विद्युत् अपघटन द्वारा उत्पन्न होता है और कर्मक की आवश्यक मात्रा उसे उत्पन्न करने के लिए आवश्यक कलॉमों की संख्या को ज्ञात कर निर्धारित की जाती है । अभिकर्मक को उत्पन्न करने के लिए स्थिर धारा विद्युत् अपघटन (constant current analysis) का प्रयोग किया जाता है । जिस पदार्थ का निर्दारण करना होता है उसके साथ यह अभिकर्मक रससमीकरणमितीयतः (strichiometrically) क्रिया करता है । प्रयुक्त पदार्थ की मात्रा फैराडे नियम के द्वारा परिकलित की जाती है । चूंकि विद्युत् की सूक्ष्म मात्रा भी सही - सही मापी जा सकती है अतः इस विधि की सुग्राहिता बहुत अधिक होता है । इस विधि में मानक विलयनों की आवश्यकता नहीं पड़ती । कूलॉम ही वस्तुतः प्राथमिक मानक है । ब्रोमी, क्लोरीन आर्जेन्टिक (Ag**) आयन आदि, स्थायी अभिकर्मकों के लिए भी इस विधि का प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि वे उत्पन्न होते ही क्रिया करतेहैं ।
- इस तकनीक में जिस पदार्थ की रासायनिक परिवर्तन हो राह हो उसकी मात्रा का परिकलन विद्युत की मात्रा (कूलॉमों की संख्या में) से किया जाता है, जिससे इस विधि को कूलॉममिति कहते हैं । कूलॉममितीय वश्लेषण फैराडे के नियमों पर आधारित है । वैद्युत् गुरूत्वमिति की तरह क लॉममिति का निर्धआरण या तो स्थिर विभव पर अथवा स्थिर धारा पर काय जाता है जो विलेय के संघटन पर निर्भर करता है । हाल में एक नई विधि का विकास किया गया है जिसे अप्रत्यक्ष अथवा द्वितीयक कूलॉममिति कहते हैं। इसमें अनुमापन - अभिकरमक सीधे विलयन के अंदर उत्पन्न होता है ।
- count -- 1. गिनती, गणना 2. गणनांक
- 1. गिनती, गणनाः गणना की क्रिया या पद्धति ।
- 2. गणनांकः गिनने से प्राप्त संख्या ।
- 1. एक उपकरण जिससे किसी अनुक्रम का संसूचन, आंकलन और गणन किया जा सकता है। यह उपकरण विद्युत् यांत्रिकीय, प्रकाश वैद्युत् या इलेक्ट्रॉनीय प्रकार का हो सकता है ।
- 2. घटनाओं विशेषकर आयनकारी कणों को गिनकर उनकी संख्या बताने वाला उपकरण ।
- 3. अभिकलित्र का एक तार्किक अवयव जिसमें किसी संख्या का संभरण किया जा सकता है, और उस संख्या में एक - एक की या किसी नियत संख्या की वृद्धि हर चरण में की जा सकती है ।
- किसी कोलॉइडी कण के पृष्ठ पर विद्यमान आवेश का प्रतिकार, उसके रीधे संपर्क में उपस्थित द्रव मे बराबर और विपरीत आयनी आवेश द्वारा होता है और इस तरह कुल मिलाकर पूरा तंत्र अनावेशित होता है । आवेशित कोलॉइडी कमों के चारों ओर विद्यामान प्रतिकारी आयनों को प्रति - आयन कहते हैं । प्रति - आयन, आवेशित विलय - कणों के चारों ओर दृढ़ पर्त नहीं बनाते बल्कि विसरित पर्त बनाते हैं, जिसमें अंतरापृषअठ से दूरी के साथ - साथ उनका घनत्व कम होता जाता है ।
- ऐसे बलों का युग्म जो समान परिमाण के और समांतर हों तथा विरोधी दिशाओं में कार्यकारी हों पर एक ही बिन्दु पर न लगे ह। इसकी प्रवृत्ति वस्तुओं में घूर्णन उत्पादन करने की होती है । इस प्रवृत्ति का नाप बलयुग्म के आघूर्ण (moment) द्वारा किया जाता है जो इनमें से प्रत्येक बल के मान तथा उनके बीच की लांबिक दूरी के गुणनफल का नाम है ।
- (क) तंत्रों की अथवा किसी एक ही तंत्र के विभिन्न गुणधर्मों की अन्योन्य क्रिया (nteraction) जिसके कारण एक में होने वाले किसी परिवर्तन का प्रभाव दूसरे पर भी पड़ता है । जब अन्योन्य क्रिया होती है तब युग्मन (coupling) ढीला या शिथिल (loose) कहलाता है और जब अन्योन्य क्रिया ज्यादा होती है तब युग्मन गाढ़ा या कड़ा कहलाता है ।
- (ख) दो दोली विद्युत् परिपथों की ऐसी व्यवस्था जिसके द्वारा एक परिपथ की ऊर्जा दूसरे में स्थानांतरित हो जोती है और उकसी आवृत्ति मे भी थोड़ा परिवर्तन हो जाता है । युग्मन मूलतः दो प्रकार के होते हैः-
- (1) प्रेरणिक युग्मन (inductive)
- (2) धारितीय युग्मन (capacitive) ।
- इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में दो या अधिक परिपथ या तंत्रों का इस प्रकार का पारस्परिक संबंध जिससे एक से दूसरे में विद्युत् शक्ति का स्थानांतरण हो सकता है । यह युग्मन प्रतिरोधक संधारित्र (R-C) और ट्रांसफार्मर या चोक के द्वारा प्रेरणिक या धारितीय हो सकता है ।
- coupling coefficient -- युग्मन गुणांक
- दो परिपथों अथवा तंत्रों के मध्य युग्मन की मात्रा । प्रतिरोधी, धारितीय और प्रेरक युग्मन मे यह गुणांक दोनों के मध्य अन्योन्य प्रतिबाधा और उनकी संपूर्ण स्वतः प्रतिबाधाओं के गुणनफल के वर्गमूल के बीच का अनुपात होता है जबकि सभी प्रतिबाधाएँ एक ही प्रकार की हों ।
- एक प्रकार का रासायनिक आबंध जिसमें इलेक्ट्रॉनों का सहभाजन युग्मों में होता है और प्रत्येक युग्म एक परंपरागत रासायनिक आबंध के तुल्य होता है दो युग्म एक द्वि - आबंध तथा तीन युग्म एक त्रि - आबंध बनाते हैं । इस संयोजन में प्रत्येक परमाणु के बाह्यतम पर्त मे आठ इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति होती है । अधिकांश उदाहरणों में, आबंध द्वारा जुड़ा प्रत्येक परमाणु एक इलेक्ट्रॉन देता है, जैसे -
- संहसंयोजकता, विद्युत् संयोजका से भिन्न है क्योंकि विद्युत् संयोजकता में इलेक्ट्रॉनों का, एक परमाणु के क्षेत्र से दूसरे परमाणु के क्षेत्र में वास्तविक स्थानांतरण होता है । इस कारण परमाणु अथवा मूलक, विद्युत् स्थैतिक बलों द्वारा जुड़े रहते हैं ।
- covariant tensor -- सहपरिवर्ती प्रदिश
- कोई प्रदिश जिसके केवल सहपरिवर्ती सूचक होते हैं । इसमें प्रतिपरिवर्ती सदिश नहीं होते । दे.
- दो विचरों के उनके माध्यमानों के सापेक्ष लिए गए प्रथम गुणन - आघूर्ण को सहप्रसरण कहा जाता है ।
- 1. सुपर हेटरोडाइन रेडियो अभिग्राही का वह भाग जो आने वाले वांछित सिग्नल को मान में बदल देता है । परिवर्तक खण्ड में दोलक एवं मिश्रक - प्रथम संसूचक होते हैं ।
- 2. टोलीविज़न एवं रेडियो अभिग्राही के साथ काम आने वाला अतिरिक्त एकक जिससे उन चैनलों और आवृत्तियों का अभिग्रहण भी संभव हो जाता है । जनके लिए अभिग्राही का मूल रूप से डिज़ाइन नहीं किया गया था ।
- 3. प्रतिकृति तंत्र में एक युक्ति जो क्रमवीक्षक द्वारा प्राप्त मॉडुलन के प्रकार को परिवर्तित कर देती है ।
- 4. वह कम्पयूटर जो अंकीय सूचना के एक रूप को दूसरे में परिवर्तित कर देती है, जैसे दशमिक को द्विआधारी में अथवा विलोमतः, निश्चित बिन्दु को चल - बिन्दु निरूपम में, अथवा छिद्रित कार्डों से चुम्बकीय टेप पर ।
- 5. वह नाभिकीय रिऐक्टर जो न्यूट्रॉन के प्रग्रहण द्वार उर्वक परमाणुओं को ईंधन में बदल देता है । य ह परिवर्तक स्वयं तो इस प्रकार के ईंधन का उपभोग करता है परन्तु अन्य प्रकार का ईंधन उत्पन्न करता है ।
- 6. एक मशीन या युक्ति जो प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में अथवा दिष्ट धारा को प्रय्यावर्ती धारा में बदल देती है ।
- crab nebula -- कर्क-नीहारिका
- हमारी गेलैक्सी की एक नीहारिका जो रोहिणी तारा से एक अंश उत्तर - पश्चिम में स्थित है और जिसे सन् 1054 ई. में देखे गए अधिनवतारा का अवशेष माना जाता है ।
- शुक्ल पक्ष के प्रथम पाद में या कृष्ण पक्ष के अंतिम पाद में दिखाई देने वाला चंद्रमा जिसके बिंब का आधे से अधिक भाग इसलिए अदीप्त है कि अधिकांश सूर्य प्रकाश चंद्रमा के उस तरफ पड़ता है जो पृथ्वी से दिखाई नहीं देता ।
- जल पृष्ठ पर चलने वाली अनुप्रस्थ तरंग का वह बिंदु जिस पर जल कणों का विस्थापन ऊपर की ओर महत्तम हो । अधिक व्यापक रूप से किसी अनुप्रस्थ तरंग का वह बिंदु जिस पर माध्यम के धनात्मक विस्थापन का मान महत्तम हो ।
- critical angle -- क्रांतिक कोण
- 1. वह अधिकतम कोण जिस पर ऐन्टेना द्वारा प्रेषित की गई कोई रेडियो तरंग आयनमंडल से परावर्तित होकर पृथ्वी पर वापस लौट आती है । इससे लघु कोणों पर प्रेषित रेडियो तरंगें आयन - मंडल से वापस नहीं आतीं ।
- 2. सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करने वाला प्रकाश अथवा अन्य विद्युत् चुम्बकीय विकिरण का वह न्यूनतम आपात कोण जिस पर अपवर्तन कोण का कामन 900 हो जाता है, इससे अधिक आपात कोण होने पर विकिरण का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन हो जाता है ।
- critical angle -- क्रांतिक कोण
- वह आपतन कोण जिस पर सघन से विरल माध्यम में जाने वाली प्रकाश किरण का पृष्ठ सर्पी (graging) अपवर्तन होता है अर्थात् अपवर्तन कोण 900 होता है । आपतन कोण इससे अधिक होने पर किरण दूसरे माध्यम मे प्रवेश कर ही नहीं सकती और वह पूर्णतः परावर्तित हो जाती है ।
- critical coupling -- क्रांतिक युग्मन
- युग्मन की एक कोटि जिसके द्वारा r.f अनुनादी परिपथ से दूसरे में अधिकतम सिग्नल ऊर्जा का स्थानांतरण होता है जबकि दोनों परिपथों का समस्वरण एक ही आवृत्ति पर होता है । इसे इष्टतम युग्मन भी कहते हैं ।
- critical mass -- क्रांतिक द्रव्यमान
- विशिष्ट आकृति वाले विखंडनीय पदार्थ का वह द्रव्यमान जो नाभिकीय क्रिया को जारी रखने के ले पर्याप्त होता है ।
- critical point -- क्रांतिक बिंदु
- (1) वह बिंदु जिस पर एक दूसरे के निकट आ रही दो प्रावस्थायों एक होकर केवल एक प्रावस्था बना लेती हैं । यदि कोई द्रव अपनी वाष्प के साथ साम्यावस्था में हो तो क्रांतिक बिंदु, ताप और दाब का ऐसा संयोजन होता है कि द्रव और उसके वाष्प के आपेक्षिक आयतन एक समान होते हैं और दोनों अवस्थाओं में कोई भेद नहीं रहता है ।
- (2) क्रांतिक - विलयन - बिंदु ताप और दाब का ऐसा संयोजन है कि दो आंशिक रूप से मिश्रणीय द्रव संविलेय (consolute) हो जाते हैं ।
- critical point -- क्रांतिक बिंदु
- 1. जिस ताप और दाब के संयोग पर किसी पदार्थ की दो भिन्न प्रावस्थाओं (phases) (यथा द्रव और गैस) का भेद मिटकर केवल एक ही प्रावस्था हो जाए ।
- 2. जो आंशतः मिश्रणीय द्रव साधारणतया दो अलग - अलग स्तरों में विद्यमान रहते हैं, वे जिस ताप और दाब के संयोग पर पूर्णतः मिश्रणीय हो जाएँ और अलग स्तरों में विभक्त न रहें ।
- critical reactor -- क्रांतिक रिऐक्टर
- एक नाभिकीय रिऐक्टर जिसमें मंदक एवं ईंधन का अनुपात अवक्रांतिक अथवा मात्र क्रांतिक होता है। इसका उपयोग तंत्र के गुणधर्मों का अध्ययन करने और क्रांतिक साइज निर्धारित करने के लिए किया जाता है ।
- critical solution temprature -- क्रांतिक विलयन ताप
- वह ताप जिस पर दो प्रावस्थों की पारस्परिक विलेयता बराबर हो जाती है । उदाहरणार्थ, फीनॉल और पानी को मिलाने पर दो पर्तें बन जाती हैं । पहली पर्त में फीनॉल का पानी में विलयन होता है । ताप के बढ़ने के साथ एक की दूसरे में विलेयता बढ़ती जाती है और क्रांतिक - विलयन - ताप पर दो पर्तें एकसमान हो जाती हैं और केवल एक प्रावस्था रह जाती है । इस ताप को संविलेय ताप (consolute temperature) भी कहते हैं ।
- critical temperature -- क्रांतिक टैम्प्रेचर ( = क्रांतिक ताप )
- जिस ताप से अधिक ताप पर कोई पदार्थ गैसीय अवस्था में ही रह सकता हैं तथा गैस को केवल दाब की वृद्धि से द्रवित नहीं किया जा सकता। यह ताप प्रत्येक पदार्थ के लिए विशेष मान का होता है ।
- cross coupling -- क्रॉस युग्मन
- संचार माध्यम में दो विभिन्न संचार चैनल अथवा इनके घटकों में होने वाला एक अवांछित युग्मन ।
- cross modulation -- क्रॉस माडुलन
- विद्युत्-सिग्नल-संचार के प्रसंग में एक प्रकार का व्यतिकरण जिसमें इष्ट सिग्नल के वाहक का किसी विभिन्न वाहक आवृत्ति पर उपस्थित किसी अवांछित सिग्नल के द्वारा माडुलन हो जाता है । इस स्थिति में इष्ट प्रोग्राम की पृष्ठभूमि में अवांछित स्टेशन का प्रोग्राम भी सुनाई देता है ।
- cross multiplication -- बज्र गुणन, वज्राम्यास
- दो भिन्नों के प्रसंग में एक भिन्न के अंश से दूसरे भिन्न के हर का गुणन । यदि दोनों भिन्न बराबर हैं तो इस प्रक्रिया से प्राप्त दो गुणनफल बराबर होंगे ।
- cross product -- सदिश गुणनफल
- दो सदिशों A और B का सदिश गुणनफल एक सदिश होता है जिसकी लंबाई A और B की लंबाइयों और इनके बीच के कोण के ज्या का गुणनफल होती है और जो दिए हुए सदिशों के समतल पर लंब होता है ।
- cross ratio -- वज्रानुपात
- चार विभिन्न संरेख बिंदुओं A, B, C, Dके संदर्भ में उन दो अनुपातों का अनुपात जिनमे क्रमशः C और D रेखाखंड AB को विभाजित करते हैं । इसे (AB, CD) द्वारा निरूपित करते हैं । यदि चार बिंदुओं के भुजाक्ष (अथवा कोटियाँ)x1,x2, x3, x4हों तो वज़ानुपात
- (Formula) होता है ।
- cross section -- अनुप्रस्थ परिच्छेद
- वह परिच्छेद जो अक्ष पर लंब होता है ।
- cross section -- अनुप्रस्थ काट (= अनुप्रस्थ परिच्छेद)
- किसी वस्तु को उसकी लम्बाई अथवा अक्ष से समकोणिक दिशआ में काटने से प्राप्त समतल क्षेत्र या उसका क्षेत्रफल ।
- cross talk -- अप्रासंगिक सिग्नल
- समीपवर्ती संचार चैनलों के मध्य उत्पन्न होने वाला व्यतिकरम ।
- cross talk -- अप्रासंगिक सिग्नल
- समीपवर्ती संचार चैनलों के मध्य उत्पन्न होने वाला व्यतिकरम ।
- crossed nicols -- क्रॉसित निकल
- दो निकल प्रिज्म जो इस प्रकार समंजित हैंकि उनके मुख्य समतल परस्पर समकोणी हों । इस स्थिति मे पहले निकल से गुजरने वाली प्रकाश दूसरे निकल प्रिज्म में से गुजरने नीहं पाता क्योंकि प्रथम निकल प्रकाश को रेखा ध्रुवित कर देता है और उसके कम्पन पहले निकल के छोटे विकर्ण के समान या प्रमुख तल में ही होते हैं । ये कम्पन दूसेर निकल से छोटे विकर्ण या मुख्य समतल से समकोणिक होने के कारण उसमें से गुजरने नहीं पाते ।
- cryogenics -- निम्नतापिकी
- भौतिकी की एक शाखा जिसमें 80 K से नीचे लगभग परम शून्य तक निम्न तापों के उत्पादन और मापन संबंधी तकनीकों का अध्ययन किया जाता है ।
- cryohydric point -- हिमाक्रांतिक ताप, क्रायोहाइड्रिक बिंदु
- दो वक्रों का प्रतिच्छेद-बिंदु जो क्रमशः यह बतलाता है कि किसी पदार्थB को मिलाने का A के गलनांक पर तथा A को मिलाने का के गलनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है? चूंकि किसी बाहरी पदार्थ को मिलाने से गलनांक घट जाता है अतः हिमक्रांतिक ताप किसी भी शुद्ध घटक के गलनांक से कम होता है । हिमक्रांतिक ताप पर को गलनक्रांतिक बिंदु भी कहते हैं । हिमक्रांतिक ताप पर को गलनक्रांतिक बिंदु भी कहते हैं । हिमक्रांतिक ताप पर किसी गलित से पृथक् होने वाला ठोस पदार्थ कोई मिश्रण होता है जिसे क्राइयोहाइड्रेट या गलनक्रांतिक मिश्रण कहते हैं ।
- हिमांक अथवा पिंडनांक ज्ञात करने के लिए प्रयुक्त यंत्र । हॉर्टबेट हिमांकमापी का प्योग हिमांक-अवनमन द्वारा दूध में मिलाई गई पानी की मात्रा को ज्ञात करने के लिए होता है ।
- cryoscopic determination -- हिमांकमापी निर्धारण, हिमांकमितीय निर्धारण
- (1) किसी पदार्थ की निश्चित मात्रा को विलायक में घोलने से उत्पन्न हिमांक - अवनमन द्वारा अणु - भार ज्ञात करने की विधि
- (2) मिलावट को ज्ञात करने की एक विधि, उदाहरणार्थ दूध में पानी मिलाने से हिमांकअवनमन द्वारा पानी की मात्रा ज्ञात करना ।
- कंप्यूटर-परिपथ-जालों में स्मृति और स्विचन-युक्तियों में काम आने वाली एक अधिचालकीय चार टर्मिनल वाली युक्ति । सामान्यतः यह एक परिरोधक अवयव होता ह जिसे एक प्रबल चुंबकीय क्षेत्र में रखकर अधिचालकता की देहली पर बनाए रखा जा सकता है ।
- किसी ठोस पदार्थ का ऐसा स्वरूप जिसमें उसके पृष्ठ स्वभावतः समतल फलक होते हैं और उनकी आकृति में ज्यमितीय नियमितता तथा किसी न किसी प्रकार की सममिति होती है । इनके फलकों से तथा उनकी कोरों से बने कोण नियत मान के होते हैं । इस गुण का कारण यह है कि उनके परमाणु या अणु या आयन किसी विशेष नियम के अनुसार व्यवस्थित रहते हैं, अर्थात् वे सुनिश्चित रेखाओं पर तथा सुनिश्चित दूरियों पर और क्रमबद्ध सैनिकों के समान सुनिश्चित क्रम से, अवस्थित होते हैं और मेले की भीड़ के समान अव्यवस्थित नही रहते ।
- crystal counter -- क्रिस्टल गणित्र
- अवपरमाण्विक कणों का संसूचन और गणना करने वाला एक उपकरण जिसमें अनेक ऐसे क्रिस्टलों में से किसी एक का उपयोग किया जाता है, जो आयनन घटनाओं द्वारा क्षणभर के लिए चालक बन जाता है । क्रिस्टल के साथ उच्च ऊर्जा वाले कमों के उत्तरोत्तर संघट्ट से उत्पन्न होने वाले धारा स्पंद इलेक्ट्रॉनीय विधि से गिन लिए जाते हैं । इस प्रकार के क्रिस्टल का एक उदाहरण हीरा है ।
- crystal detector -- क्रिस्टल-संसूचक
- एक प्रकार का क्रिस्टल डायोड या इसके तुल्य क्रिस्टल -रोम - संयोजन जिसाक उपयोग r.f. सिग्नल के दिष्टकरण से सीधे ही श्रव्य या दृश्य सिग्नल प्राप्त करने के लिए किया जाता है । इस प्रकार के संसूचक में प्रवाहित ह ने वाली धारा के प्रति युक्ति का प्रतिरोध अग्र दिशआ की अपेक्षा पश्च दिशा में बहुत अधिक होता है । इसका उपयोग सूक्ष्म तरंग - अभिग्राहियों में भी किया जाता ह जिसमें आगंतुक r.f. सिग्नल को एक स्थानीय दोलित्र सिग्नल के साथ मिलाकर (i-f) सिग्नल उत्पन्न काय जाता है ।
- crystal lattice -- क्रिस्टल जालक
- किसी क्रिस्टल के परमाणुओं अणुओं अथवा आयनों का त्रिविम जालक के रूप में विन्यास ।
- crystal oscillator -- क्रिस्टल दोलित्र
- एक प्रकार का दोलित्र जिसमें a.c. निर्गत की आवृत्ति का निर्धारण किसी दाब वैद्युत - क्रिस्टल द्वारा किया जाता है । यह क्रिस्टल प्रायः क्वार्ट्स होता है और इसाक आवृत्ति स्थायित्व उच्चि कोटि का होता ह जिससे इसका उपयोग आवृत्ति मानक के रूप से किया जाता है ।
- crystal system -- क्रिस्टल-समुदाय
- क्रिस्टल के बाह्य रूप की सममित अथवा आन्तरिक संरचना के आधार पर सात संवर्गों में से एक है । ये समुदाय हैं, घनीय, द्विसमलबाक्ष, षट्कोणीय, त्रिसमनताक्ष, विषमलंबाक्ष, एकनताक्ष और त्रिनाताक्ष ।
- crystallogram -- क्रिस्टल चित्र, क्रिस्टलोग्राम
- क्रिस्टल का ऐक्स-किरण विवर्तन-चित्र (diffraction pattern) जिससे क्रिस्टल-संरचना प्राप्त की जा सकती है ।
- crystallography -- क्रिस्टलोग्राफी
- भौतिकी की एक शाखा जिसके अन्तर्गत क्रिस्टलों के आकार, सममिति, आन्तरिक संरचना, अपूर्णताओं और विभिन्न गुणधर्मों का अध्ययन किया जाता है । इस अध्ययन के फलस्वरूप सभी क्रिस्टलों को सात वर्गों के अन्दर विभाजित किया गयाऔर य ह सिद्ध हुआ है कि क्रिस्टलों के अन्दर परमाणु, अणु और आयनों का एक नियमित व्यूह होता है ।
- crystalloid -- क्रिस्टलाभ
- अंग्रेजी का यह शब्द क्रिस्टलीय पदार्थों को कोलॉइडी पदार्थों से पृथक करने के लिए ग्राह्य द्वारा प्रयुक्त किया गया था । क्रिस्टलीय पदार्थ पानी में विलेय हैं और उनका शीघ्र अपोहन हात है किंतु कोलॉइडी पदार्थों का अपोहन या तो बिल्कुल नहीं होता अथवा धीरे - धीरे होता है । इस भेद का अब कोई मौलिक अर्थ नहीं है । इसके अतिरिक्त प्रोटीन आदि कुछ ऐसे पदार्थ हैं जो क्रिस्टलित होते हैं किंतु अपोहित नहीं होते ।
- crystalloluminescence -- क्रिस्टल संदीप्ति
- क्रिस्टलीकरण के समय कुछ पदार्थों द्वारा प्रकाश का उत्सर्जन । उदाहरणार्थ, गरम ऐल्कोहॉल विलयन में से अवक्षेपित होते समय नमक, प्रकश उत्सर्जित करता है ।
- crytomter -- आवरिता मापी, क्रिप्टोमीटर
- किसी पेन्ट की प्रच्छादन क्षमता को निरपेक्ष मात्रकों में ज्ञात करने के लिए प्रुयक्त यंत्र ।
- छह वर्ग समतल फलकों से परिबद्ध एक बहुफलक ।
- किसी संख्या के संदर्भ में वह संख्या जिसका तृतीय घात दी हुई संख्या हो । जैसे 1 के घनमूल 1, ω ω2, हैं । जहाँ
- (Formula)
- cubical parabola -- त्रिघात परवलत
- समीकरण y=kx3 द्वारा निरूपित वक्र ।
- cubicx lattice -- घनाकृति जाल / घनीय जालक
- घनीय क्रिस्टल-समुदाय के क्रिस्टल का जालक । इसके सबी अक्ष बराबर और एक दूसरे पर अभिलम्ब होते हैं ।
- culmination -- याम्योत्तर गमन
- किसी खगोलीय पिंड की दैनिक गति में उसके द्वारा अपनी दैनिक कक्षा के सर्वोच्च बिंदु पर पहुँचना अर्थात् किसी प्रेक्षक के संदर्भ मे उसेक स्थान के याम्योत्तर पर पहुँचना ।
- cummulative dose -- संचयी डोज़
- बार-बार विकिरण पड़ने पर संपूर्ण शरीर अथवा किसी अंग द्वारा प्राप्त होने वाली कुछ विकिरण-मात्रा ।
- curie - point -- क्यूरी बिन्दु / क्यूरी तापांक / क्यूरी विचुम्बकतांक
- वह ताप जिससे ऊपर के तापों पर एक लोह चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय हो जाता है ।
- Curie point -- क्यूरी बिंदु, क्यूरी तापांक
- वह ताप जिससे अधिक ताप पर लोहे आदि पदार्थों के लोह - चुम्बकीय गुण - धर्म, अनुचुम्बकीय गुणधर्मों में परिवप्तित हो जाते हैं । लोह के लिए क्यूरी तापांक 10430 K है ।
- 1. मैडम मेरी क्यूरी (Curie) 1867-1934 के नाम पर सन् 1953 में अंतर्राष्ट्रीय सहमति से निश्चय किया गया था कि क्यूरी किसी रेडियो ऐक्टिव न्यूक्लाइड अर्थात् किसी एक ही प्रकार के संगठन वाले नाभिकों (न्यूक्लियसों) का वह द्रव्यमान है जिसमें 3.700 x 1010 नाभिकों का विघटन प्रति सेकंड होता है । सन् 1953 के पूर्व, क्यूरी रेडान (radon) का वह द्रव्यमान था जो एक ग्राम रेडियम के साथ साम्यावस्था में रह सकता है अर्थात् रेडान की वह मात्रा जिसमें प्रति सेकंड उतने ही विघटन होते हैं जितने एक ग्राम रेडियम में । दे. न्यूक्लाइड
- 2. रेडियोऐक्टिवता का एक मात्रक । 1953 में अन्त्रराष्ट्रीय समझौते के अनुसार यह मात्रक किसी रेडियोऐक्टिव न्यूक्लाइड की वह राशि है जिसके 3.700 x 1010 विघटन प्रति सेकंड हों ।
- तीसरे वर्ग का ऐक्टिनाइड रेडियोऐक्टिव तत्व । प्रतीक Cm, जिसका परमाणु क्रमांक 96 होता है । यह प्रकृति में नहीं पाया जाता है और इसके सभी समस्थानिक रेडियोऐक्टिव होते हैं । 238 से 259 तक द्रव्यमान वाले क्यूरियम के समस्थानिकों को 239 Pu पर ऐल्फ़ा - कणों की क्रिया से अथवा 232Th पर त्वरित कार्बन आयनों की क्रिया से बनाया जा सकता है । 242 Cm और 244 Cm का उपयोग रासायनिक अनुसंधान में किया जाता है किंतु यदि दीर्घ अर्थ - आयु के भारी समस्थानिक उपलब्ध हों तो वे इस काम के लिए अधिक उपयोगी हो सकते हैं । क्यूरियम को अन्य तत्वों से आयन - विनिमय या विलायक निष्कर्षण प्रक्रियाओं द्वारा पृथक् किया जाता है । धात्विक क्यूरियम को 12750 पर बेरियम द्वारा CF3 के अपचयन से बनाया जा सकता है । यह रजताभ, आघातवध्र्य धातु है जो सामान्य ताप पर भी शीघ्र संक्षारित हो जाता है । यह अत्यंत रेडियोऐक्टिव और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है । क्यूरियम धातु की षट्कोणीय सुसंकुलित (close packed) संरचना होती है । गलनांक 13400 ।
- इलेक्ट्रॉन संरचनाः
- 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 4f14 5s2 5p6 5d10 5f7 6s2 6p6 6d1 7s2
- x,y और z के सदिश फलन F के संदर्भ में F द्वारा निरूपित निम्नलिखित फलनः
- (Formula)
- जहाँ I,j,kघटक दिशाओं में एकक सदिश हैं ।
- संकारक
- (Formula) का प्रतीक है ।
- current density -- धारा घनत्व
- 1. किसी चालक के प्रति मात्रक अनुप्रस्थ परिच्छेद से गुजरने वाली धारा ।
- 2. किसी बिन्दु पर धारा-प्रवाह की स्य - दर को दर्शाने वाला सदिश जिसकी दशा धारा - प्रवाह की दिशा में होती है और परिमाण उस बिन्दु के ईर्द - गिर्द अति लघु क्षेत्रफल में से लम्बवत् बहती हुई धारा और क्षेत्रफल के अनुपात के बराबर होता है ।
- 3. वह सदिश जिसका नाभिकीय रिऐक्टर में किसी पृष्ठ के लम्बवत् घटक, मात्रक समय में पृष्ठ के पिरति मात्रक क्षेत्रफल को पार करते हुए कुल कणों की संख्या के बराबर ह ता है । आमतौर पर इसे धारा का नाम दिया गया है, जैसे कि न्यूट्रॉन - धारा ।
- 4. विद्युत् धारा के सादृश्य से किसी भी राशि के प्रवाह की समय - दर को दशैने वाला सदिश । यह राशि अभिगमन प्रक्रम में द्रव्यमान अथवा संवेग जैसी कोई राशि हो सकती है ।
- 1. वक्र होने की अवस्था ।
- 2. किसी वक्र रेखा की दशा के परिवर्तन की दर अर्थात् यदि इसके छोटे से चाप की लंबाई `S` हो और उसके दोनों सिरों की स्पर्श रेखाओं के बीच का कोण हो θतो वक्रता (Formula)। यदि इस छोटे चाप को किसी वृत्त का भाग समझा जाए और उसकी त्रिज्या pहो तो वक्रता (Formula)
- 3. किसी वक्र पृष्ठ के छोटे से भाग को यदि एक गोले का भाग समझा जाए और गोले की त्रिज्य हो तो उस पृष्ठ की वक्रता (Formula) ।
- किसी समतल वक्र y= f(x) के संदर्भ में किसी बिंदु पर वक्र को नति के परिवर्तन की चापदैर्ध्य - स पेक्ष पर । वक्रता
- (Formula)
- कार्तीय निर्देशांकों में (Formula)
- संमिश्र समतल में कोई चाप C किसी संतत प्रतिचित्रण के अधीन किसी संवृत परिमित अंतराल का प्रतिबिंब होता है । इस प्रकार यदि (Formula) हो तथा चर के संतत फलन हों (Formula) तो द्वारा परिभाषित बिंदु - समुच्चय C को एक चाप कहते हैं । यदि z1 का अस्तित्व हो और वह संतत हो तो चाप C को अवकलनीय चाप कहा जाता है, अर्थात् z(t) संतत अवकलनीय है । इसके अतिरिक्त यदि z` (t)=0 भी है तो C को नियमित चाप कहा जाता है ।
- curve tracing -- वक्र-अनुरेखण
- दिए गए समीकरण से वक्र के बिंदुओं को आलेखित करके वक्र खींचना । वक्र की सही आकृति को निर्धारित करने के लि उसकी सममिति, अंततस्पर्शियों की स्थिति, उत्तलता - अवतलता, स्तब्ध बिंदु का अन्वेषण भी इस अनुरेखण के अन्तर्गत आता है ।
- curvilinear coordinate -- वक्ररेखीय निर्देशांक
- आकाश में किसी बिंदु p के संदर्भ में वे तीन प्राचल जिनके द्वारा p से गुजरने वाले किसी त्रिलांबिक पृष्ठ - तंत्र के प्रत्येक पृष्ठ का निरूपण किया जा सकता है ।
- curvilinear regression -- वक्ररेखीय समाश्रयण
- कोई समाश्रयण जिसका समीकरण एकघात नहीं हो ।
- वह द्विक बिंदु जिस पर वक्र की दो स्पर्श रेखाएं संपाती हों ।
- 1. इलेक्ट्रॉनीय नलिका में अभिनत वोल्टता का वह अल्पतम मान जिसके द्वारा ऐनोड-धारा का प्रवाह बंद हो जाता है ।
- 2. वरणकारी परिपथ के प्रसंग में वह आवृत्ति जिसके ऊपर या नीचे इस परिपथ की अनुक्रिया नहीं होती ।
- 3. संचरण की वह आवृत्ति जिस पर हानि 1000 पर प्रेक्षित हानि से 10 डेसीबेल अधिक हो जाती है ।
- cut off bias -- छेदक / अंतक / बायस
- ऋण ग्रिड बायस का वह निम्नतम मान जिससे इलेक्टरॉन नलिका में ऐनोड धारा का प्रवाह रूप जाता है ।
- cut off frequency -- अंतक आवृत्तिं
- संचार तंत्र की वह आवृत्ति जिस पर तंत्र निम्न क्षीणन के आवृत्ति - परसिर से उच्च क्षीणन के आवृत्ति परिसर मे होकर गुजरता है । तरंग पथक के लिए प्रत्येक विधा की अंतक आवृत्ति होती है । निम्नतम अंतक आवृत्ति को परम अंतक आवृत्ति कहते हैं ।
- cybemetics -- साइबरनेटिक्स
- 1948 में अमरीकी गणितज्ञ नौरबर्ट बीनर द्वारा प्रतिपादित नियंत्रक तंत्रों का एक सिद्धांत । इसके अन्तर्गत मानव जैसे तंत्रिका तंत्रों और स्वतः नियंत्रण एवं संचार की उभयनिष्ठ समस्याओं का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है । इससे संचार तंत्रों, सूचना - हस्तक मशीन और पुनर्भरण नियंत्रण तंत्रों के विश्लेषण एवं इनकी दक्षता को बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है ।
- 1. किसी प्रत्यावर्ती राशि के मानों का एक संपूर्ण अनुक्रम जिसमें एक दिशा में इसके मान की अधिकतम तक वृद्धि, शून्य तक वापसी फिर दूसरी दिशा में अधिकतम तक वृद्धि और दुबारा शून्य तक वापसी सम्मिलित है । एक सेकंड में होने वाले चक्रों की संख्या आवृत्ति कहलाती है ।
- 2.कंप्यूटरों में काम आने वाला एक प्रचालन-सेट जिसको एक मात्रक के रूप में माना जा सकता है और मात्रक के रूप में ही जिसका पुनरावर्तन होता है ।
- 3. कंप्यूटर - गणित में काम आने वाला एक प्रक्रम जिसमें किसी शब्द के सिरे से संप्रतीक लेकर इन्हें प्रारंभ में यथार्थ अनुक्रम में लगाया जाता है ।
- 4. आवृत्ति का पूर्व प्रचलित एख मात्रक जिसके स्थान पर अब हट्र्स का प्रचलन होता है ।
- किसी नियम के अनुसार उत्तरोत्तर होने वाले परिवर्तनों के ऐसे क्रम को चक्र कहते हैं जिसके अन्त में प्रारंभिक अवस्था पुनः प्रकट हो जाए ।
- cycle criterion -- चक्र-संख्या-निकष
- कंप्यूटर-प्रोग्राम में किसी विशिष्ट चक्र के कार्य निष्पादन की आवृत्ति संख्या अथवा वह संचय - अवयव जिसमें यह संख्या रहती है ।
- cycle index -- चक्र-संख्या-सूचकांक
- 1. अंकीय कंप्यूटर प्रोग्राम में किसी चक्र के घटित होने की आवृत्ति - संख्या ।
- 2. किसी चक्र के घटित होने की और इसके इष्ट पुनरावर्तन की संख्याओं का अंतर ।
- 1. किसी प्रत्यावर्ती प्रक्रम-चक्रण की पूर्ण अवधि ।
- 2. चुंबकीय स्मृति में उत्तरोत्तर पठन लेखन चक्रों के प्रारंभ का अल्पतम समय अंतराल ।
- cycloid -- चक्रज, साइक्लॉइड
- एक सरल रेखा पर घूमने वाले पहिए की परिधि पर स्थिति बिंदु की गति द्वारा अनुरेखित समतल वक्र । यदि पहिया एक रेडियन प्रति मिनट की दर से घूमे तब चक्रज का समीकरण यह होता है ।
- x=a (t-sint), y=a (1-cost)
- जहां t एक प्राचल है और पहिए की त्रिज्या है।
- वायुमंडलीय विक्षोभ जिसमें वायु सर्पिलाकार चक्कर लगाती हुई किसी निम्न दाब के केन्द्र की ओर जाती है । इसका घूर्णन उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त होता है ।
- cyclotron -- साइक्लोट्रॉन
- आवेशित कणों को उच्च ऊर्जा प्रदान करने वाला एक त्वरक जिसमें आवेशित कण विशाल विद्युत चुम्बकों के चुम्बकीय क्षेत्र में सर्पिल पथ पर गति करते हैं और दो विशालनुमा अर्ध वर्तुलाकार इलेक्ट्रोडों के बीच एक रेडियो आवृत्ति दोलक से प्राप्त होने वाले वैद्युत् क्षेत्र द्वारा उत्तरोत्तर त्वरित होते हैं ।
- cyebematics -- साइबरनेटिक्स
- 1948 में अमरीकी गणितज्ञ नौरबर्ट बीनर द्वारा प्रतिपादित नियंत्रक तंत्रों का एक सिद्धांत । इसके अन्तर्गत मानव जैसे तंत्रिका तंत्रों और स्वतः नियंत्रण एवं संचार की उभयनिष्ठ समस्याओं का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है । इससे संचार तंत्रों, सूचना - हस्तक मशीन और पुनर्भरण नियंत्रण तंत्रों के विश्लेषण एवं इनकी दक्षता बढ़ाने में काफी सहायता मिलती है ।
- D- lines (=sodium lines) -- रेखाएं D (सोडियम रेखाएं)
- सोडिरूम लवणों के उत्सर्जन स्पेक्ट्रम में पायी जाने वाली दो निकटवर्ती पीत - रेखाएँ ।
- D -1 तथा के D-2 तरंग दैर्ध्य क्रमशः 5895.92 और 5889.95 (A.U) हैं । सूर्य के फ्रानहोफ्र स्पेक्ट्रम में बी ये काली अवशोषण रेखाओं के रूप में पाई जाती हैं ।
- d.c. amplifier -- d.c प्रवर्धक
- d.c. या मंद गति से बदलती हुई वोल्टताओं का प्रवर्धन करने वाली एक युक्ति । d.c. प्रवर्धकों के मूल रूप ये हैः-
- 1. सीध युग्मित प्रवर्धक जिसमें एक चरण का ऐनोड अनुगामी चरण भी ग्रिड से सीधा जोड़ दिया जाता है ।
- 2. वाहक-प्रवर्धक ।
- 3. सीधे युग्मित और वाहक-प्रवर्धकों का एक संयोजन ।
- d.c. dump -- d.c. निष्कास
- कंप्यूटर में इच्छापूर्वक, संयोगवश या प्रतिबंद सहित संपूर्ण वैद्युत शक्ति से हट जाने की घटना । कुछ प्रकार के संचय - तंत्रों में इस घटना से संचित सूचना का लोप हो जाता है ।
- d.c. erasing -- d.c. विलेखन
- दिष्ट धारा के उपयोग से एकदिशिक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करके चुंबकीय फीते पर अभिलेखित सिग्नल मिटाने का प्रक्रम ।
- D` Araonaval galvano meter -- गैल्वैनोमीटर, द आर - सोनवल
- चल कुंडलीगैल्वैनोमीटर जिसमें नाल चुंबक के आकार का स्थायी चुंबक होता है । चुंबक - ध्रुवों के बीच के प्रबल क्षेत्र में एक हल्की आयताकार कुंडली निलंबित अथवा कीलकित रहती है । विद्युत् दार इसी कुंडली में चलाई जाती है जिससे कुंडली घूम जाती है । चुंबकीय क्षेत्र को त्रिज्य बनाने के लिए चुंबक - ध्रुवों के पृष्ठ अवतल सिंलिंडराकरा बना दिए जाते हैं और लोहे का एक स्थिर क्रोड ध्रुवों के बीच में लगा दिया जाता है । कुंडली / इस क्रोड के चारों ओर धूमती है ।
- damped harmonic motion -- अवमंदित सरल आवर्त गति
- सरल आवर्त गति जिसका आयाम उत्तररोत्तर घटता जाता है इसमें ऊर्जा का क्षय होता रहता है । ऊर्जा क्षय साधारणतया घर्षण के तथा चारों ओर की वायु आदि की श्यानता के कारण होता है ।
- damped oscillation -- अवमंदित दोलन
- वह दोलन जिसमें किसी बल के प्रभाव से दोलन - आयाम घटता जाता है । यहबल प्रायः घर्षण - बल होता है और वेग - दिशा के विपरीत कार्य करता है । यदि वेग कम है तो इस बल को संतुलित - स्थिति से हुए विस्थापन के प्रथम घात से आनुपिक माना जा सकता है और गति - समीकरण यह होगा ।
- (Formula)
- जहां R घर्षण - गुणांक है ।
- damped wave -- अवमंदित तरंग
- वह तरंग जिसका आयाम माध्यम में ऊर्जा के अवशोषित होने के कारण बराबर घटता जाता है ।
- दोलायमान लोलक के समान किसी आवर्त गति के आयाम के क्रमशः कमी होने की क्रिया को अवमंदन कहते हैं, इमसें घर्षण, वायु के प्रतिरोध आदि कारमों से गति ऊर्जा क्रमशः घटती जाता है। क्रमागत दो आयामों के अनुपात को अवमंदन - गुणक कहते हैं और इसी के द्वारा अवमंदन का माप किया जाता है ।
- वैद्युत परिपथ में होने वाले वियुद्त् धारा के दोलनों में अवमंदन वैद्युत प्रतिरोध के कारण होता है ।
- daniell cell -- सेल, डैनियल
- वोल्टीय सेल जिसमें कापर सल्फेट के निर्ध्रुवक संतृप्त विलयन में डूबा हुआ ताम्र - छड़ या पट्ट से बना धनात्मक इलेक्ट्रोड होता ह । जिंक सल्फेट के विलयन (या अधिकतर तनु सल्फ्यूरिक - अम्ल) में डूबे हुए पारदित - यशद छड़ का ऋणात्मक इलेक्ट्रोड होता है । दोनों विलयन एक सरंध्र विभाजक द्वारा पृथक रखे जाते हैं । इस सेल का वि.वा.व. 1.1 बोल्ट होता है ।
- daniell`s hygrometer -- आर्द्रतामापी डैनियल
- इससे ओसांक मापा जाता है और उसके द्वारा आर्द्रता ज्ञात होती है । इसके कांच के दो बल्व कांच की एक ऐसी नलिका से जुड़े रहते हैं जिसमें से सारी वायु निकाल दी गई होती है । एक बल्व में कुछ द्रव ईथर (ehter) रखा होता है जिसके वाष्प से बाकी स्थान भरा होता है । दूसरे बल्व पर एक मलमल का टुकड़ा लपेटा होता ह जिस ईथर से भिगो दिया जाता है । इस ईथर के वाष्पीभवन से यह बल्ब ठण्डा हो जाता है और इसके अंदर स्थित वाष्प का कुछ अंश द्रवित हो जाता है । फलतः प्रथम बल्ब में वाष्पीभवन होने लगता है और धीरे - धीरे ठंडा होकर उसका ताप ओसांक तक पहुंच जाता है और इसके पृष्ठ पर ओस दिखाई देने लगती है । इस पताप को उस बल्व के द्रंव में डूबे हुए थर्मामीटर से नात लिया जाता है । वायु का ताप एक अन्य थर्मामीटर द्वारा नापा जाता है ।
- वे आंकड़े जो अनुसंधान या प्रयोगों द्वारा मालूम किए गए हों ।
- data handling capacity -- दत्त-प्रबंध-क्षमता
- 1. अभिकलन तंत्रों में सूचना बिटों की वह संख्या जो एक समय में संचित की जा सकती है और वह दर जिस पर ये बिट निवेश-संभरण कर सकते हैं ।
- data proceessing -- दत्त-संसाधन
- दत्त-सामग्री के रूप, अर्थ, आकार, स्थिति अथवा अन्य किसी अभिलक्षण का परिवर्तन करने का प्रक्रम । इस प्रक्रम में दत्त-सामग्री का दत्त-प्रबंध और दत्त-समानयन सम्मिलित हैं ।
- data proceessing -- न्यास संसाधन
- किसी समस्या को हल करने के उद्देश्य से स्वीकृत कोई संक्रिया अथवा संक्रियाओं की परंपरा जो किसी नियत क्रम में किन्हीं निर्दिष्ट अथवा अंतर्निहित नियमों के अनुसार लिए गे चरणों में संपन्न की जाती है । इन चरणों में अभिकलन, संयोजन, संग्रहण, निर्वचन, स्थानांतरण, निष्कर्षण, चयन, संभरण, अन्वेषण, छांटना, लिखना, पढ़ना, लिप्यांतरण, छिद्रण आदि आते हैं ।
- data reduction -- दत्त-समानयन
- प्रयोग से प्राप्त दत्त-सामग्री की राशि के समानयन अथवा पुनर्व्यवस्था का एक प्रक्रम ताकि अधिक शीघ्रतापूर्वक इससे परिणाम प्राप्त किये जा सकें ।
- data transcription -- दत्त-रूपांतरण
- निर्धारित रूप से दूसरे रूप में दत्त को बदलने का प्रक्रम जैसे कि चुंबकीय टेप से छिद्रित कार्ड में बदलना ।
- सामूहिक रूप में वे तथ्य जिनको आधार मानकर विवेचना की जाए और निष्कर्ष निकाला जाए । --
- daughther nucleus (daughter element) -- विघटनज नाभिक
- एक न्यूक्लाइड जिसका जन्म किसी रेडियो ऐक्टिव न्यूक्लाइड के रेडियोऐक्टिव विघटन से होता है । (Formula) U नाभिक का विघटनज नाभिक (Formula) Th है जो कि यूरेनियम के ऐल्फा क्षय से प्राप्त होता है-
- de broglile waves -- दे ब्राग्ली तरंगें
- सबसे प्रथम दे ब्राग्ली द्वारा प्रतिपादित वे तरंगें जो किसी गतिमान कण के साथ सम्बद्ध रहती हैं । दे ब्राग्ली तरंग-दैर्ध्य h/p के तुल्य होती है जहां h प्लांक का नियतांक है और कण का संवेग ।
- de moivre`s theorem -- द मायॅवर प्रमेय
- ध्रुवीय रूप में व्यक्त किसी संमिश्र संख्या का कोई घात मालूम करने का नियम, जो यह हैः संख्या के मापांक का दिया हुआ घात लेते हैं और कोणांक को दिये हुए घात से गुणा कर दिया जाता है ।
- उदाहरार्थ
- (Formula ) जैसे
- (Formula)
- dead time -- विश्रांति काल
- किसी तंत्र में सिग्लन या घटना द्वारा अनुक्रिया हो चुकने के बाद समय का वह अन्तराल जिसके दौरान किसी दूसरे सिग्नल अथवा घटना द्वारा तंत्र में अनुक्रिया नहीं होती ।
- 1. एक प्रकार की वास्तविक अथवा कृत्रिम संचरण - लाइन या अन्य कोई तुल्य युक्ति जो सिग्नल अथवा तरंग में पूर्व निर्धारित काल तक विलंब उत्पन्न कर देती है ।
- 2. वर्ण-अभिग्राही की ज्योति चैनल मे काम आने वाला एक विशेष प्रकार का बनाया गया केबल जो ज्योति सिग्नल का विलंब कर देता है ।
- 1. संसूचन एवं त्रुटि की संशुद्धि के लिए किसी उपस्कर, नेमका, प्रक्रम का परीक्षण या जांच ।
- 2. कंप्यूटर-प्रोग्राम से सभी त्रुटियों को पृथक् करके हटाने का प्रक्रम ।
- 3. गुप्त रूप से छिपाई हुई श्रवण-युक्तियों के संसूचन और हटाने का प्रक्रम ।
- क्लाइस्ट्रॉन जैसी वेग माडुलित नलिकाओं में परस्पर प्रतिकर्षण के कारण इलेक्ट्रॉन किरणपुंज में अनुदैर्ध्य और अनुप्रस्थ दोनों रूप से फैलने की अवांछनीय प्रवृत्ति ।
- दशमिक प्रणाली में द्रव्यमान का एक मात्रक जो 10 ग्राम या 0.3327 आउंस के बराबर होता है ।
- दशमिक प्रणाली में लंबाई का मात्रक जो 10 मीटर या 32.808 फुट के बराबर होता है ।
- वह ग्राफ़ जो किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ की सक्रियता में समय के साथ होने वाला परिवर्तन दर्शाता है । वैकल्पिक रूप से यह किसी भी क्षण रेडियोऐक्टिव पदार्थ की बची हुई मात्रा दर्शाता है ।
- ऋणात्मक त्वरण, अर्थात् वेग के घटने की दर, अर्थात् वेग में प्रति सेकंड होने वाली कमी ।
- बेल (bel) का दसवां भाग । व्यावहारिक कार्यों मे बेल के स्थान पर प्रायः इसका उपयोग किया जाता है । इसका प्रतीक है देखें -.
- दो ध्वनियों की तीव्रताओं के स्तरों के आपेक्षिक नाम का मात्रक बेल (Bel) कहलाता है । यह 10 प आधारित लॉगरिथ्मी मात्रक है और यदि दो ध्वनियों की तीव्रताएं 11 और 12 हों तो उनके तीव्रता - स्तरों का अन्तर = log10 11/12बेल होता है । यह अन्तर 1 बेल तब होता है जब (Formula) हो । अतः यह मात्रक बहुत बड़ा है और नका दसवां भाग डैसीबेल ही मात्रक के रूप में अधिक प्रचलित है और उपर्युक्त तीव्रता स्तरों का अंतर 10 x log 10 11/12 डेसीबल कहलाता है । एक डेसीबल के द्वारा तीव्रता में 26 प्रतिशत की वृद्धि व्यक्त होती है । यह लगभग वह न्यूनतम तीव्रता - परिवर्तन है जिसका पता कान को लग सकता है ।
- दशमिक प्रणाली में भार का माप जो 1/10 ग्राम या 1.5432 ग्रेन के बराबर होता है ।
- कुल बारंबारता को दस बराबर भागों में विभक्त करने वाले नौ विचारों में से कोई विचर ।
- 1. दस-दस के अंशों में लिया हुआ, जिसमें प्रत्येक एकक अगले छोटे एकक का दस गुना हो, जैसे दशमलव-लेखन ।
- 2. दशमलव-भिन्नः जैसे शुद्ध दशमलव, भिन्न दशमलव आदि समस्त शब्दों में ही यह अर्थ देखने में आता है ।
- 3. दशमलव-बिंदु ।
- decimal fraction -- दशमलव भिन्न
- दशमलव पद्धति पर लिखी हुई कोई उचित भिन्न ।
- decimal to binary conversion -- दशमिक-द्विआधारी रूपांतरण
- एक गणितीय प्रक्रम जिसमें 10 के पैमाने पर लिखे किसी अंक को 2 के पैमाने पर रूपान्तरित किया जाता है ।
- decimeter -- दशांशमीटर (डेसीमीटर)
- दशमिक प्रणाली में लांबाई का माप जो 1/10 मीटर या 8.937 इंच के बराबर होता है ।
- declination -- दिक्पात (चुंबकीय)
- चुंबकीय याम्योतर (magnetic meridian) और भौगोलिक याम्योतर (geographical meridian) के बीच का कोण ।
- declination -- क्रांति, अपक्रम, डिकिल्नेशन
- किसी खगोलीय पिंड की उस पिंड से गुजरने वाले होरा-वृत्त के अनुदिश उत्तर या दक्षिण की ओर मापी गई कोणीय दूरी जो 00 से 900 तक आती है ।
- declination circle (of a telescope) -- समक्रांतिक वृत्त
- दूरदर्शक में लगा हुआ एक अंशाकित वृत्त जिसकी सहायता से यंत्र का मुख ऐसी किसी भी तारे की ओर किया जा सकता है जिसकी क्रांति ज्ञात हो ।
- decoder -- कूटवाचक विकोडक
- 1. एक इलेक्ट्रॉनीय युक्ति जिसके द्वारा रेडार बीकन में स्पंदित सिग्नलों का कूट वाचन होता है ।
- 2. कंप्यूटरों में काम आने वाला एक परिपथ-जाल जिसमें अनेक निवेशी एक साथ उत्तेजित होकर एकल निर्गत उत्पन्न करते हैं । इसका उपयोग अंकीय सूचना को तुल्य रूप में बदलने के लिए किया जाता है ।
- 3. वह परिपथ जो किसी विशिष्ट सिग्नल के प्रति तो अनुक्रिया करता है परंतु अन्य सिग्नलों को अस्वीकार कर देता है ।
- decoder -- कूटवाचक / विकोडक
- 1. एक इलेक्ट्रानीय युक्ति जिसके द्वारा रेडार बीकन अथवा प्रश्दक में स्पंदित सिग्नलों का कूट वाचन होता है ।
- 2. कम्प्यूटरों में वह जाल जिसमें अनेक निवेशी एक साथ उत्तेजित होकर एकल निर्गत उत्पन्न करते हैं । इसका उपयोग अंकीय सूचना को तुल्भरूप में बदलने के लिए किया जाता है ।
- 3. वह परिपथ जो किसी विशिष्ट सिग्नल के प्रति तो अनुक्रिया करता है परन्तु दूसरे सिग्नलों को अस्वीकार कर देता है ।
- किसी कूटलिखित संदेश को कूट-लेखन के नियमों के अनुसार मूल संदेश में परिवर्तित करना । जैसे संप्रतीकों के किसी समूह को साधारण भाषा में व्यक्त करना ।
- decoupling network -- वियुग्मन जाल
- दो विद्युत-परिपथों के बीच अन्योन्य क्रिया रोकने के काम आने वाला एक परिपथ जाल । इसमें प्रायः प्रतिरोध धारिता या प्रेरकत्व - धारिता युक्त फिल्टर होते हैं । इनका सबसे अधिक उपयोग सर्व सामान्य विद्युत प्रदाय से संबद्ध नलिकाओं के बीच अवांछित युग्मन को रोकने के लिए किया जाता है ।
- decreasing function -- ह्रासमान फलन
- वह फलन जिसका मान स्वतंत्र चर के मान के बढ़ने पर निरंतर घटता चला जाए , जैसे y= (Formual) यहां ज्यों ज्यों x का मान बढ़ता है त्यों त्यों y का मान घटता है । वह फलन जिसका मान किसी विशिष्ट अंतराल में स्वतंत्र चर के मान के बढ़ने पर निरंतर घटता चला जाए । जैसे 00और 900 के बीच में ज्यो ज्यों x का मान बढ़ता जाता है त्यों त्यों y का मान घटता जाता है ।
- defect -- दोष / त्रुटि / क्षति / कमी
- 1. क्रिस्टलीय ठोसों में परमाणुओं और अणुओं के नियमित आवर्ती विन्यास में विचलन । ये दोष दो प्रकार के हो सकते हैः-
- (क) बिन्दु अपूर्णताएं, जैसे कि रिक्तिकाएं आदि ।
- (ख) अंतराकाशी परमाणु आदि ।
- definited integral -- निश्चित समाकल
- वह समाकल जिसकी दोनों सीमाएं निश्चित हों, जैसे (Formula)
- सीमाओं को बिना विचारे समाकल निकालने के बाद जो फल प्राप्त होता है । उसमें चर के स्थान पर उपरि सीमा तथा निम्न सीमा स्थापित करने से दो फल प्राप्त होते हैं । पहले फल में से दूसरे फल को घटाकर इष्ट समाकल प्राप्त होता है ।
- गैल्वैनोमीटर या किसी अन्य उपकरण के चल तंत्र (moving system) की स्वाभाविक विराम स्थिति (position of rest) तथा विस्थापित स्थिति के बीच का कोण ।
- deflection magnetometer -- चुंबकत्वमापी, विक्षेपी
- साधारणतया इस चुंबकत्वमापी में एक दिन् - सूचक बक्स होता है जिसमें एक छोटी चुंबकीय सूची अंशांकित वृत्त के तेंद्र पर कीलकित (अथवा निलम्बित) होती है । सूची विक्षेपण को अधिक शुद्ध पढ़ने के लिए इस चुंबकीय सूई के लंबवत् एक लंबा किंतु हल्का एल्यूमिनियम का संकेतक लगा होता है । इस दिक् - सूचक बक्स (compass box) को एक स्केल के मध्य में लगा देते हैं । इस स्केल पर दंड चुंबक इस प्रकार रखा जाता है कि दिक् - सूची पर उसका चुंबकीय बल पृथ्वी के चुंबकीय बल से समकोणिक दिशा में लगता है । फलतः सूची का विक्षेप हो जाता है । यदि इन बलों की तीव्रताएं क्रमशः F तथा H हों और विक्षेप कोण θ हो तो tan θ = f/H F का मान चुंबक के चुंबकीय आघूर्ण M पर तथा दिक् - सूची से चुंबक की दूरी पर तथा उसकी स्थिति d पर अवलंबित होता है । यदि चुंबक अक्षीय स्थिति में हो ओर उसकी लंबाई 21 हो तो
- deformation -- 1. विरूपण 2. विकृति
- 1. विरूपण किसी सांस्थितिक समष्टि के अवयवों के दो समुच्चयों के बीच एक विशेष प्रकार का रूपांतरण । यदि f1 (p) इस प्रकार के दो समुच्चयों और के बीच एक रूपांतरण हैf0 (p) सुच्चय का उसी में रूपांतरण है और t के सभी मानों0 θ≤t ≤1 के लिए और A तथा B के सभी अवयवों p के लिए t और p में संतत रूपांतरणों f1(p) को निर्धारित करना संभव है जो f1 (p) को A का B में विरूपण कहते हैं ।
- 2. विकृति किसी बाहरी अपरूपण-बल के प्रभाव के किसी पदार्थ में होने वाला रूप या आकार का परिवर्तन ।
- इलेक्ट्रॉन-नलिका के आंतरिक भागों में निहित गैसों के निष्कासन एवं विरेचन का प्रक्रम । सामान्य रूप से यह प्रक्रिया निर्वातन के दौरान तापन द्वारा की जाती है ।
- degaussing -- चुम्बकीय विक्षेत्रण
- 1. जहाज के चुम्बकन का निष्प्रभावन । ऐसा करने के लिए जहाज को धारायुक्त केबिलों द्वारा लपेट दिया जाता है जिससे चुम्बकन के ठीक बराबर किन्दु विपरीत क्षेत्र उत्पन्न होता है ।
- 2. रंगीन टेलीविजन में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को निष्प्रभावित करने के लिए कुंडलियों का एक तंत्र । इसके कारण प्रतिबिम्बों पर रंगीन फ्रिन्जों का बनना रूप जाता है ।
- 1. किसी अनुवादी युक्ति में वह स्थिति जिसमें दो अथवा अधिक विधाओं की समान आवृत्ति होती है ।
- 2. द्रव्य की वह अवस्था जबकि वह इतने उच्च ताप पद होता है कि परमाणुओं में से सभी इलेक्ट्रॉन निकल जाते हैं । इस अवस्था में पदार्थ परमाण्विक नाभिक एवं मुक्त इलेक्ट्रॉनों के रूप में होता है । यह अवस्था न्यूट्रॉन तारों में भी पायी जाती है ।
- 3. किसी परमाणु की उन अनेक अवस्थाओं में से एक अवस्था जिसमें इनके अनेक गुणधर्म भिन्न होते हुए भी किसी विशिषअट राशि का समान मान होता है । आमतौर पर यह राशि संपूर्ण ऊर्जा होती है ।
- degenerate gas -- अपभर्ष्ट गैस
- वह गैस जिसमें दाब और ताप की ऐसी स्थिति हो कि उस के कणों की ऊर्जा का वितरण मैक्सवेल-बोल्ट्समान नियम के अनुसार व्यक्त नहीं किया जा सके ।
- degree -- 1. डिग्री, अंश 2. घात
- 1. डिग्री अंश: कोण माने की षाष्ठिक पद्धति में प्रयुक्त एक मात्रक जो समकोण का 1/90 भाग होता है ।
- 2. घात: किसी पद के अवयवभूत चरों के घातांकों का योग जैसे xyz3 मैं का घातांक 1,y का घातां 1 और z का घातांक 3 है और इस पद का घात 5 है । एकचरीय पद का घात उस चर का घातांक होता ह । किसी बहुपद बीजीय समीकरण का घात उसके अधिकतम घात वाले पद के बराबर होता है । अवकल समीकरण में उच्चतम कोटि के अवकलज का घात समीकरण का घात होता है ।
- degree celcius -- डिग्री सेल्सियस
- ताप का एक पूरक मात्रक । सेल्सियस मापनी पर शून्य हिमांक (273.15) होता है । सेल्सियस और केल्विन तापांतराल की इकाइयां समरूप होती है ।
- degree of freedeom -- स्वतंत्रय - कोटि
- 1. किसी गतिशील निकाय में स्वतंत्र निर्देशांकों की वह संख्या जो इस निकाय को निर्धारित करने में आवश्यक हो ।
- 2. सांख्यिकी में किसी प्रतिदर्शज के स्वतंत्र चरों की संख्या । जैसे, किसी एक सरल सारणी में बारंबाताएं हैं और उनका एक नियम योग है, तो इस सारणी की स्वांतत्र्य - कोटि -1 होती है और यदि किसी सहसंबंध सारणी में स्तंभ और पंक्तियां हो और प्रत्येक स्तंभ और प्रत्येक पंक्ति का अपना नियत योग हो तो इस सारणी की स्वातंत्र्य - कोटि (n-1) x (p-1)के बराबर होती है ।
- 1. किसी भौतिक तंत्र में से संचरण होने के पश्चात सिग्नल प्राप्ति के काल में होने वाला विलंब ।
- 2. एक प्रकार का परिपथजो सिग्नल के निवेश और निर्गत टर्मिनलों में एक ज्ञात कालविलंब उत्पन्न करने के काम में आताहै ।
- delay distortion -- विलंब विकृति
- 1. संचरण के लिए आवश्यक आवृत्ति-परिसर में किसी विद्युत परिपथ अथवा तंत्र के कला - बिलंब में उत्पन्न होने वाला सपाटता से विचलन अथवा संचरित सिग्नल पर इस विचलन का प्रभाव । इसे कला - विलंब - विकृति कहते हैं ।
- 2. संचरण के लिए आवश्यक आवृत्ति - परिसरप में परिपथ अथवा तंत्र क अन्वालोप विलंब में उत्पन्न होने वाला सपाटता से विचलन अथवा संचरित सिग्नल पर इस विचलन का प्रभाव । इसे अन्वालोप विलंब - विकृति भी कहते हैं ।
- delay equilizer -- विलंब समतुल्यक
- 1. एक प्रकार को इलेक्ट्रॉनीय युक्ति जो परिपथ में विलंब - विकृति को कम करने के लिए किन्हीं आवृत्तियों पर विलंब का संयोजन पर देती है ।
- 2. एक संशोधित परिपथ-जाल जो किसी इष्ट आवृत्ति - परिसर मे परिपथ या तंत्र के काल - विलंब अथवा अन्वालोप विलंब को अपरिवर्त्ती बनाए रखता है ।
- delay generator -- विलंब जनित्र
- एक प्रकार की कला विस्थापक युक्ति जो कला विकृति उत्पन्न किए बिना ही सिग्नल का विलंब कर देती है । यह युक्ति प्रायः एक परिवर्ती विलंब - लाइन होती है ।
- delay line memory -- विलंब - लाइन - स्मृति
- कंप्यूटरों में काम आने वाली एक परिसंचारी स्मृति जिसमें परिसंचरण - पथ के एक मुख्य अवयव के रूप में बिलंब लाइन का उपयोग किया जाता है ।
- delayed neutron -- विलंबित न्यूट्रॉन
- विखंडन के काफी समय बाद बीटा विघटन के दौरान बनने वाले उत्तेजित नाभिकों से उत्सर्जित होने वाला न्यूट्रॉन ।
- delayed pulse generator -- विलंबी स्पंद-जनित्र
- एक प्रकार का स्पंद-जनित्र जिसमें किसी आंतरिक ट्रिगर के सापेक्ष मुख्य स्पंद का विलंब किया जा सकता हैअथवा मुख्य स्पंद के सापेक्ष द्वितीयक स्पंदक का विलंब किया जा सकता है ।
- delta connection -- डेल्टा-संयोजन
- तीन अवयवों का ग्रीक वर्ण (डेल्टा) की तरह एक त्रिकोण के रूप में श्रेणीबद्ध संयोजन । इसका उपयोग त्रिकलीय तंत्रों में होता है । इसे जालीय संयोजन भी कहते हैं ।
- delta wave -- डेल्टा-तरंग
- एक प्रकार की मस्तिष्क-तरंग जिसकी आकृति से कम होती है ।
- demagnetisation -- विचुंबकन
- किसी चुंबकित वस्तु के चुंबकीय गुणधर्मों से रहित करना ।
- demagnetising filed -- विचुंबकन क्षेत्र
- लोह चुंबकीय पदार्थ को किसी चुंबकीय क्षेत्र के द्वारा चुंबकित क रते समय उसमें उत्पन्न मुक्त ध्रुवों के कारम चुंबकीय क्षेत्र । माध्यम में मुक्त ध्रुवो के बीच का यह चुंबकीय क्षेत्र, आरोपित क्षेत्र के विपरीत कार्य करता है, जिससे आरोपित क्षेत्र की सामर्थ्य कम हो जाती है । यदि आरोपित H क्षेत्र हो और पदार्थ के चुंबकन की तीव्रता हो I तो कार्यकर चुंबकीय क्षेत्र
- = H-N I
- जहां N एक नियतांक है जो पदार्थ की ज्यामितीय आकृति पर निर्भर करता है ।
- संचार या रेडार अभिग्राहियों में काम आने वाला एक प्रक्रम जिसके द्वारा माडुलित सिग्नल - तरंग से मूल सूचना को अलग किया जाता है । इस संसूचन भी कहते हैं ।
- denominate number -- अभिहित संख्या
- कोई संख्या जो माप के किसी मात्रक को निरूपित करने के लिए प्रयुक्त हो, जैसे 5 से.मी. 2 किलोग्राम, 3 लिटर आदि ।
- किसी भिन्न में भाग रेखा के नीचे की संख्या जैसे 3/4 में 4 हर है ।
- (क) किसी समांग वस्तु के द्रव्यमान का तथा उसके आयतन का अनुपात ।
- (ख) मात्रक आयतन में समाविष्ट द्रव्य, ऊर्जा, विद्युत आदि किसी राशि की मात्रा ।
- density modulation -- घनत्व माडुलन
- इलेक्ट्रॉन-किरणपुंज का एक प्रकार का माडुलन जिसमें समय के साथ किरणपूंज में इलेक्ट्रोनों की सघनता का परिवर्तन किया जाता है ।
- dependent varibale -- परतंत्र चर
- वह चर जिसका मान किसी दूसरे चर के मान पर आश्रित हो अर्थात् जैसे - जैसे दूसरा चर बदलता दाये वैसे वैसे उसके मान में भी अंतर पड़ता जाए । जैसेy=x2 में y परतंत्र चर है ।
- depletion layer -- हास स्तर
- अर्धचालक में एक ऐसा क्षेत्र जिसमें गतिशील आवेश वाहकों की साधनता दाता और ग्राहियों की नियत आवेश सघनता को निष्प्रभावित करने के लिए प्रार्याप्त नहीं होती । इसे प्राचीन - रूतर भी कहते हैं ।
- depletion layer capacit -- हासी स्तर-संधारिता
- अर्धचालक में हासी स्तर के आवेशों से बने कल्पित संधारित्र की धारिता । यह धारित व्युत्क्रम-वोल्टता का फलन होती है ।
- depolarisation -- निध्रुवण
- प्राथमिक विद्युत सेल में ध्रुवण दूर करने की क्रिया । इसके लिए ऐसा पदार्थों का उपयोग किया जाता हैजो हाइड्रोजन को रासायनिक क्रिया द्वारा धनात्मक ध्रुव पर पहुंचने नहीं देते ।
- depression -- अवनमन, ताप का
- ताप के नीचा होने की क्रिया और इस निम्नता का मान ।
- depression angle -- अवनमन कोण
- क्षैतिज तल के नीचे स्थित किसी वस्तु को देखने के लिए किसी प्रेक्षक को अपनी आंखों इस तल से जितनी झुकनी पड़ती हैं उसकी मात्रा ।
- deranged series -- अपविन्यस्त श्रेणी
- किसी श्रेणी के पदों का क्रम बदल देने से प्राप्त श्रेणी ।
- derating -- अनुमतांक निम्न
- किसी युक्ति अथवा घटक के अनुमतांक को कम करने की क्रिया । इस क्रिया का विशएष उपयोग उच्चतर तापों पर अधिकतम शक्ति क्षय अनुमतांक को कम करने के लिए किया जाता है ।
- स्वतंत्र चर के सापेक्ष किसी फलन के तत्कालिक परिवर्तन की दर । यदि y=f(x) हैतो y का x के सापेक्ष
- (Formula)
- अवकलज है ।इसको सांकेतिक भाषा में (Formula) लिखते हैं ।
- यहां f = फलन,
- h=x की अत्यणु, वृद्धि,
- y कोई परतंत्र चर,
- x कोई स्वतंत्र चर तथा
- (Formula )के सापेक्ष का अवकलज ।
- (Formula ) में 1,2,3 संख्या को अलक कलज की कोटि कहते हैं जो यह सूचित करती है कि अवकलन कितनी बार पुनरावृत्त हुआ है ।
- derived unit -- मात्रक, व्यूत्पन्न
- द्रव्यमान, लम्बाई तथा समय के मूल मात्रकों पर आधारित मात्रक जो क्षेत्रफल, वेग, बल, ऊर्जा आदि अन्य राशियों के नापने के लिए काम में आते हैं ।
- derived unit -- व्युत्पन्न मात्रक
- वह मात्रक जो साधारण मात्रकों पर आश्रित हो, जैसे क्षेत्रफल, आयतन अथवा आघूर्णों के मात्रक ।
- descending node of moon -- चंद्र का अबरोह पात, केतु
- चंद्र-कक्षा का वह पात जहां क्रांति-वृत्त को पार करते हैं चंद्रमा की गति उत्तर से दक्षिण की ओर होती है ।
- desending series -- अवरोही श्रेणी
- वह श्रेणी जिसके प्रत्येक पद का संख्यात्मक मान पिछले पद के संख्यात्मक मान से कम हो ।
- उदाहरण-(formula)
- design of experiment -- प्रयोग की अभिकल्पना
- सांख्यिकी की वह शाखा जिसमें विचरणशील आंकड़ों पर प्रयोगात्मक विधियों द्वारा अन्वेषण करके अधिक से अधिक सही निष्कर्षों को असंदिग्ध रूप से प्राप्त किया जाता है । प्रयोगों द्वारा आकलित मानों के विचरण को मानक त्रुटियों और विश्वास्यता - सीमाओं की सहायता से निर्धारित किया जाता है । इसके तीन मुख्य सिद्धांत हैं - पुनरावृत्ति, यादृच्छिकीकरम और स्थानीय नियंत्रण ।
- देखें - demodulation
- (1) कोई साधन जो किसी वस्तु, ऊर्जा, विद्युत धारा आदि की उपस्थिति को बिना उसके मात्रात्मक माप के सूचित करें ।
- (2) रेडियो की उच्च आवृत्ति के संकेतों को टेलीफोन आदि यंत्रों द्वारा सूचित हो सकने योग्य बनाने का साधन ।
- 1. संसूचन या विमाडुलन के प्रक्रम को प्रभावी बनाने वाली युक्ति।
- 2. सुपर हेटरोडाइन अभिग्राही में काम आने वाला मिश्रित्र अथवा परिवर्तक जिसे प्रायः हम प्रथम संसूचक कहते हैं ।
- determinant -- सारणिक, डिटर्मिनेन्ट
- राशियों की सारणियों का वर्गाकार व्यूह, जैसे
- (Formula)
- सारणिक का मान उन सभी गुणनफलों का बीजीय योग होता हैजो प्रत्येक पंक्ति के एक - एक अवयव को लेकर परस्पर गुणा करने से प्राप्त होता है । प्रत्येक गुणनफल का चिन्ह इसेक अनुसार धन या ऋण होता है कि इनको मूलक्रम में लाने के लिए अवयवों के जितने परस्पर विनियम आवश्यक हैं उनकी संख्या सम है या विषम । जैसे उपर्युक्त सारणी का मान ।
- (Formula)
- developable surface -- विकासनीय पृष्ठ
- वह पृष्ठ जिसे खांचे या दबाये बिना एक समतल के रूप में फैलाया जा सकता हो । जैसे बेलन ।
- developer -- डेवेलपर (व्याक्तकारी, विकासकारी )
- ऐसा रासायनिक विलयन जिसमें धुला हुआ अपचायक द्रव्य (evacuated) फोटो की प्लेटों या फिल्मों के प्रकाश - प्रभावित स्थानों पर रजत लवण में से रजत को निक्षेपित कर देता है जिससे वे स्थान काले दिखाई देने लगते हं । फोटों के कैमरा द्वारा फोकसित चित्र इस क्रिया के द्वारा प्लेट पर स्पष्ट दिखाई देने लगेत हैं ।
- किसी सांख्यिकीय विचर x और किसी गृहीत या वास्तविक माध्य के संदर्भ में चर राशि x-a
- कोई प्रकाश किरण किसी प्रकाशीय तंत्र (प्रिज्म, लेन्स आदि) को पार करने में अपनी मूल दिशा से जितनी मुड़ जाए । इसका मान आपतित और निर्गत किरणों के न्यून कोण के बराबर होता है ।
- dew point hygrometer -- आर्द्रतामापी, ओसांक
- वह उपकरण जो ओसांक नापकर वायु की आर्द्रता का माप करता है ।
- dewar flask -- डृयूअर फ्लास्क
- ऊष्मा के लिये अचालक पदार्थ (कांच) की दोहरी दीवार का फ्लास्क जिसकी दिवारों के बीच की जगह पूर्णतः निर्वात (evacuated) होती है जिससे फ्लास्क के अंदर रखी हुई वस्तु में ऊष्मा गैसीय संवहन के द्वारा बाहर से प्रवेश न कर सके और न उसमें से निकलकर बाहर आ सके । विकिरण द्वारा ऊष्मा का आना - जाना कम करने के लिए फ्लास्क की दोनों दिवारों पर दर की तरफ चांदी चढाकर उन्हें परावर्तक बना दिया जाता है । इस प्रकार फ्लास्क के अंदर की वस्तु तथा बाह्य वातावरण में ऊष्मा का विनिमय रूक जाता ह और पर्याप्त समय तक उसका ताप लगभग स्थिर रहता है । इसका बर्फ आदि ठंडी चीजों को - यहां तक कि द्रवित गैसों को भी - रखने के लिए किया जाता है ।
- dextrorstum curve -- दक्षिणावर्त वक्र
- वह आकाशीय वक्र जो दक्षिणावर्त अभिदिशा में ऐंटा हुआ हो । यह गुणधर्म वक्र के किसी बिंदु के सापेक्ष होता है । कोई वक्र एक बिंदु पर दक्षिणावर्त पर दूसरे बिंदु पर वामावर्त ऐंठा हुआ हो सकता है ।
- 1. वह रेखा जो किसी बहुभुज के असंलग्न शीर्ष बिंदुओं को मिलाए ।
- 2. वह रेखा जो किसी बहुफलक के दो असमीपस्थ शीर्ष बिंदुओं को मिलाए ।
- 3. सारणिक की आकृति वर्गात्मक होती है । अतएव उसके विकर्म पर स्थिति अवयावली को सारणिक का विकर्ण कहतेहैं ।
- diagonal matrix -- विकर्ण मैट्रिक्स, विकर्ण आव्यूह
- वह वर्ग मैट्रिक्स जिसके सभी शून्येतर अवयव मुख्य विकर्ण में हों ।
- diagonistic routine -- नैदानिक उपनेमका
- इलेक्ट्रॉनीय कंप्यूटर की एक नेमका जिससे कंप्यूटर की कुसंक्रिया, कूट लेखन की भूल अथवा दोनो का पता लगाया जाता है ।
- भार, समय, विद्युत-धारा आदि को मापने वाले यंत्रों में प्रयुक्त अंशांकित मंडलक, जिस पर संकेतक द्वारा माप पढ़ लिया जाता है ।
- कोई पट्टिका जिसके किनारे - किनारे रेडियो या टेलीफोल आदि द्वारा संबंध स्थापित करने में सहायक अक्षर, अंक या अन्य प्रतीक अंकित हों ।
- diamagnetic material -- प्रतिचुंबकीय पदार्थ
- एक पदार्थ जिसकी पारगम्यता निर्वात की पारगम्यता 1 से कम होती है । इसके उदाहरण बिस्मथ और ऐन्टीमनी हैं । तुलना करें (paramagnetic material)
- diamagnetic substance -- प्रतिचुंबकीय पदार्थ
- वे पदार्थ जिन की चुंबकीय प्रवृत्ति (magnetic susceptibility) ऋणात्मक और चुंबकशीलता (magenitic permeabilty) एक से कम होती है । अतः इस प्रकार के पदार्थों की प्रवृत्ति असमान चुंबकीय क्षेत्र में अधिक तीव्रता वाले स्थानों से कम तीव्रता वाले स्थानों की ओर जाने की होती है । एक समान चुंबकीय क्षएत्र में यह इस प्रकार स्थित होता है कि इसकी लम्बाई चुंबकीय बल की दिशा से समकोण बनाती है ।
- diamagnetism -- प्रतिचुंबकत्व
- प्रतिचुंबकीय पदार्थों में पाया जाने वाला चुंबकीय गुणधर्म ।
- किसी शांकव के किसी समांतर जीवा-कुल में प्रत्येक जीवा के मध्य बिंदुओं का बिंदु-पथ ।
- diametral plane -- व्यासीय समतल
- व्यास में से होकर जाने वाला समतल ।
- diaphragm -- डायाक्राम (तनुपट)
- 1. (प्रकाशिकी)- कोई अपारदर्शी आवरण जिसमें एख वृत्तीय द्वारक होता ह जो प्रकाशीय तंत्र के अक्ष पर केंद्रित और अभिलंबित होता ह । इसके द्वारा तंत्र मे प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है ।
- diathermancy -- ऊष्मापार्यता
- पदार्थ का वह गुण जिसके कारण ऊष्मा विकिरण उसके पार चला जाता है ओर पदार्थ में उसका अवशोषण नहीं होता ।
- dichotomous classification -- द्विधा वर्गीकरण
- वह वर्गीकरण जिसमें दिये हुए आंकड़ों को केवल दो वर्गों में विभाजित किया जाता है, जैसे किसी शहर के लोगों का ऐसा वर्गीकरण जिसमें वे ही दो वर्ग आते हैं जिनकी आय एक निश्चित रकम से या तो ज्यादा हो या कम हो ।
- dielectric -- डायइलेक्ट्रिक, परावैद्युत
- एक ऐसा पदार्थ जो विद्युतधारा के प्रवाह के प्रति तो अपेक्षाकृत अधिक प्रतिरोध प्रस्तुत करता है परंतु जिसके बीच मे से चुंबकीय या स्थिर - वैद्युत बल रेखाएं निकल सकती हैं । वायु, प्लेस्टिक, अभ्रक, कांच, सिरेमिक आदि डायइलेक्ट्रिक के उदाहरण हैं । पूर्ण निर्वात एक पूर्ण डायइलेक्टिरक है ।
- dielectric -- डाइइलैक्ट्रिक (परावैद्युत)
- ऐसा पदार्थ जिसमें प्रबल विद्युत विभवांतर के द्वारा भी विद्युत धारा का प्रवाह नही होता ।
- dielectric constant -- डाइइलैक्ट्रिक स्थिरांक (परावैद्युतांक)
- (1) यदि किसी परावैद्युत माध्यम में दो विद्युत आवेश तथा हों और उनके बीच की दूरी हो तो प्रत्येक पर लगने वाले वैद्युत बल का परिमाण कूलंब के निमानुसार होता है ।
- इस सूत्र में परावैद्युतांक कहलाता है । शून्यकाश के लिए होता है । वायु के लिए भी का मान लगभग होता है ।
- dielectric heating -- परावैद्युतीय तापन
- परावैद्युत पदार्थ को उच्च आवृत्ति के विद्युत क्षेत्र में रखकर गरम करना । यह ऊष्मा, परावैद्युत माध्यम में अणुओं के ध्रुवण के शीघ्र उत्क्रमण के दौरान विद्युत क्षेत्र ऊर्जा की आंतरिक हानियों से पैदा होती है । व्यापारिक रूप से इसका उपयोग प्लास्टिकों को गरम करने और विशेष प्रकार के भोजन बनाने के ले भी किया जाता है ।
- dielectric heating -- परावैद्युतीय तापन
- परावैद्युत पदार्थ को उच्च आवृत्ति के विद्युत क्षेत्र में रखकर गरम करना । यह ऊष्मा, परावैद्युत माध्यम में अणुओं के ध्रुवण के शीघ्र उत्क्रमण के दौरान विद्युत क्षेत्र ऊर्जा की आंतरिक हानियों से पैदा होती है । व्यापारिक रूप से इसका उपयोग प्लास्टिकों को गरम करने और विशेष प्रकार के भोजन बनाने के ले भी किया जाता है ।
- dielectric lens -- डायलेक्ट्रिक लेन्स
- सूक्ष्म-तरंग-ऐन्टेनाओं के साथ काम आने वाला एक लेंस जो डायइलेक्ट्रिक पदार्थ का बना होता है और रेडियो - तरंगों का उसी प्रकार अपवर्तन करता है जिस प्रकार एक प्रकाशीय लेंस प्रकाश - तरंगों का ।
- dielectric loss -- डायइलेक्ट्रिक हानि
- किसी डायइलेक्ट्रिक में परिवर्ती विद्युत क्षेत्र लगाने पर विद्युत ऊर्जा की ऊष्मा में परिवर्तन होने की काल-दर ।
- dielectric polarisation -- डायइलेक्ट्रिक ध्रुवण
- डायइलेक्ट्रिक के प्रति मात्रक आयतन में द्विध्रुवी आघूर्ण ।
- diesel cycle -- डीजल चक्र
- डीजल इंजन में कार्यकारी पदार्थ (वायु) पर होने वाली क्रियाओं का चक्र । पहले शुद्ध वायु को स्थिर - दाब पर एक सिलिंडर के अंदर खींचा जाता है और तब रूद्धोष्म संपीडन द्वारा उसका आयतन घटाकर लगभग सत्रहवाँ भाग (1/17) कर दिया जाता है । अब एक वाल्व को घोलकर तेल या उसके वाष्प को सिलिंडर में पंप द्वारा घुसा दिया जाता है । तेल तत्काल ही जलने लगता है क योंकि सिंलिडर में ताप लगभग 10000C होता है जो ईंधन के ज्वलनांक से अधिक होता है । ईंधन के अंदर भेजने की दर को इस प्रकार नियमित किया जाता है कि ईंधन जलते समय आयतन तो बढ़ता है किन्तु दाब स्थिर रहता है । जब ताप उच्चतम मान (लगभग)
- diesel cycle -- चक्र, डीजल
- डीजल इंजन में कार्यकारी पदार्थ (वायु) पर होने वाली क्रियाओं का चक्र । पहले शुद्ध वायु को स्थिर दाब पर एक सिलिंडर के अंदर खींचा जाता है और तब रूद्धोष्म संपीडन द्वारा उसका आयतन घटाकर सत्रह्वाँ भाग (1/17) कर दिया जाता है । अब एक वाल्व गो खोल कर तेल या उसके वाष्प को सिलिंजर में पम्प द्वरारा घुसा दिया जाता है । तेल तत्काल ही जलने लगता है क्योंकि सिलिंजल में ताप लगभग 10000C होता है जो ईंधन के ज्वालनांक से अधिक होता है । ईंधर के जलने से आयतन और ताप बढ़ते हैं किंतु जब ताप उच्चतम मान, लगभग 20000C पर बहुँच जाता है तब तेल का अंदर जाना रोक दिया जाता है । परंतु पिस्टन तब भी आगे बढ़ता जाता है जिससे वायु का रूद्धोष्म प्रसार होता है । इस प्रकार में पिस्टन उससे संलग्न मशीन को चलाता है । अब दूसरा वाल्व खोल दिया जाता है जिससे दाब घट जात है और अनुपयोगी गैस मिश्रण बाहर निकल जाता है जिससे दाब घट जाता है ओर अनुपयोगी गैस मिश्रण बाहर निकल जाता है । अब इंजन फिर नवीन चक्र के लिए तैयार हो जाता है । इस चक्र की विशेषता यह है कि इसमें ईंधन जलते समय दाब स्थिर रहता है । ऑटो इंजन दूसरे प्रकार का अंतर्दहन इंजन है जिसमें ईंधन जलते समय आयतन स्थिर रहता है । डीजल चक्र की दक्षमता (efficiency) 0.556 होती है, जबकि ऑटो चक्र (Otto cycle) को दक्षमता 0.46 केलगभग होती है। इसलिए जडीजल चक्र का उपयोग करने से ईंधन में ऑटो चक्र (Otto cycle) की अपेक्षा यथेष्ट मितव्ययिता होती है ।
- diesel engine -- डीजल इंजन
- एक प्रकार का अंतर्दहन इंजन (internal combustion engine) जिसमें कार्यकारी पदार्थ वायु तथा ईंधन कोई भारी खनिज तेल होता है । इसमें डीजल चक्र का उपयोग किया जाता है । डीजल इंजन को बहुत भारी बनाना पड़ता है जिससे वह सिलिंडर में अकस्मात् पैदा हुए उच्च दाब को सहसके । उच्च दाब पर ईंधन को अंदर पहुंचाने में भी कभी-कभी कठिनाई हो जाती है ।
- difference euqation -- अंतर-समीकरण
- कोई समीकरण जिसमें परिमित अंतर आते हों ।
- difference operator -- अंतर-संकारक
- परिमिति अंतरों पर आधारित कोई संकारक जिसकी सहायता से किसी फलन के दिये हुए मानों के बीच का कोई मान सन्निकट रूप से ज्ञात किया जा सके । जैसे पश्चांतर संकारक, केन्द्रीय अंतर संकारक आदि ।
- 1. किसी चर के संदर्भ में उसकी कोई अत्यणु वृद्धि जो स्वयं एक चर हैं ।
- 2. किसी एकमान अवकलनीय फलन के संदर्भ में से निरूपित गुणनफल को का अवकल कहते हैं । यहां फलन का प्रथम अवकलज और को स्वतंत्र चर मानते हैं ।
- 3. अनेक चरों के फलन का अवकल (या संपूर्ण अवकल) (Formula)
- differential amplifier -- विभेदी प्रवर्धक
- एक प्रकार का इलेक्ट्रानीय प्रवर्धक जिसमें दो स्वरूप निवेश परिपथ इस प्रकार संबंद्ध होते हैं कि प्रवर्दक का निर्गत इन पर लगी दो वोल्टता अथवा धाराओं के अंतर के बराबर होता है ।
- differential analyser -- अवकल विश्लेषक
- एक सादृश्य कंप्यूटर जो समाकलन और अवकल समीकरणों को हल करने में काम आता है ।
- differential calculus -- अवकल गणित
- किसी फलन के स्वतंत्र चरों के मानों में परिवर्तन करने के फलस्वरूप फलन में आये हुए विचरणों का अवकल - विधि द्वारा अध्ययन । इसमें विशेषतया वक्रों की प्रवणता, नैकसमान वेग एवं त्वरण, फलनों के सन्निकट मान और राशियों के उच्चिकष्ठ तथा निम्नष्ठ मानों का अध्ययन किया जाता है ।
- differential coefficient -- अवकलज
- अवकलन से प्राप्त फल ।
- differential discriminator -- अवकल विविक्तिकर
- एक प्रकार का विविक्तकारी परिपथ जो केवल उन्हीं स्पंदों को आगे जाने देता है जिनका आयाम पूर्व निर्धारित दो मानों के बीच होता है और जिनमें से कोई भी मान शून्य नहीं ह ता । इसका उपयोग स्पंद - तुंगता - विश्लेषकों में किया जाता है ।
- differential equation -- अवकल समीकरण
- वह समीकरण जो स्वतंत्र चरों में, आश्रित चरों में और स्वतंत्र चरों के सापेक्ष आश्रित चरों के किसी भी कोटि के अवकलजों में परस्पर संबंध दिखाता हो। यदि स्वतंत्र और आश्रित चर एक - एक ही हैं तो समीकरण साधारण होगा, अन्यथा आंशिक ।
- differential geometry -- अवकल ज्यामिति
- ज्यामिति की वह आधुनिक शाखा जिसमें वक्रों, पृष्ठों तथा बहुविम आकाश मे तदनुरूप आकृतियों का अध्ययन गणितीय विश्लेषण की सहायता से की जाती है और जिसमें किसी भी आकृति के किसी व्यापक बिंदु के गुणधर्मों के अन्वेषण द्वारा आकृति का अध्ययन किया जाता है ।
- differential steam calorimeter -- ऊष्मामापी, भेददर्शी भापीय
- एक प्रकार भापीय ऊष्मामापी जिसमें कम ऊष्मा - धारिता वाली वस्तु पर द्रवित भाप की मात्रा ठीक - ठीक मापी जा सकती है । भेददर्शी ऊष्मामापी मे तुला के दोनों पलड़ों के नीचे अन्य दो पलड़े बिल्कुल एक से तथा समान ऊष्मा - धारिता के एक ही बंद भाप - कोष्ठ में तार द्वारा लटके होते हैं । जिस पदार्थ का परीक्षण करना होता है उसे एक पलड़े पर रखते हैं और दूसरी ओर के ऊपर वाले पलड़े में बांट रख कर तुला का संतुलन कर लिया जाता है । तब भाप - कोष्ठ में भाप प्रविष्ट कराने पर दोनों पलड़ों पर द्रवित भाप के भआर का अंतर केवल उस पदार्थ की ऊष्मा धारिता के कारण ही होता है । इसका प्रोयोग मुख्यतः स्थिर आयतन पर गैसों की विशिष्ट ऊषअमा मापने के लिए काय जाता है । इसके लिए नीचे वाले पलड़ों की जगह तांबे के दो एक से खोखले गोलों को प्रयुक्त किया जाता है जिनके नीचे जल संग्राही पातर् भी लगे होते हैं ताकि जल की कोई बंदू नीचे न गिर पड़े । एक गोले मैं वांछित ताप पर सूखी प्रयोगाधीन गैस भार दी जाती है और दूसरा खाली (निर्धात) रखा जाता है । तुला को ऊपर वाले एक पलड़े में आवश्यक भार रखा कर संतुलित कर लिया जाता है । यही गैस के भार के बराबर होता है । अब कोष्ठ में भाप भेजी जाती है जो पलजडों पर द्रवित हो जाती है । अगल गैस पूरित गोले पर द्रवित भाप दूसरे पर द्रवित भाप से अधिक हो तो निन सूत्र से उसकी विशिष्ट ऊषअमा निकाली जा सकती है ।
- जहां 0201 कक्ष के प्रथम तथा अंतिम ताप हैं और
- भाप की गुप्त ऊष्मा ह।
- differential thermometer -- तापमापी, विभेदक (तापांतरमापी)
- विद्युत् थर्मामीटरों की ईजाद से पूर्व विकिरण के प्रयोगों में तापांतर मापने के लिए अधिकतर प्रयुक्त थर्मामीटर । ये सामान्यतः U आकृति की नली का बना होता है जिसके दोनों सिरों पर हवा से भरे दो बल्ब होते हैं। एक काला रंगा हुआ होता है और दूसरा स्वच्छ। नली में लगी एक टोंटी द्वारा बल्बों में आपस में संपर्क स्थापित किया जा सकता है। जब काले बल्ब पर विकिरण के पड़ने से उसका ताप दूसरे की अपेक्षा अधिक होता है तो उनके वायु दाबों के अंतर के कारण संकेतक की स्थिति बदल जाती है और बल्वों का तापांतर मापा जा सकता है।
- differential thermometer -- तापमापी, विभेदक (तापांतरमापी)
- विद्युत् थर्मामीटरों की ईजाद से पूर्व विकिरण के प्रयोगों में तापांतर मापने के लिए अधिकतर प्रयुक्त थर्मामीटर । ये सामान्यतः U आकृति की नली का बना होता है जिसके दोनों सिरों पर हवा से भरे दो बल्ब होते हैं। एक काला रंगा हुआ होता है और दूसरा स्वच्छ। नली में लगी एक टोंटी द्वारा बल्बों में आपस में संपर्क स्थापित किया जा सकता है। जब काले बल्ब पर विकिरण के पड़ने से उसका ताप दूसरे की अपेक्षा अधिक होता है तो उनके वायु दाबों के अंतर के कारण संकेतक की स्थिति बदल जाती है और बल्वों का तापांतर मापा जा सकता है।
- अवकलज निकालने का प्रक्रम अर्थात् किसी स्वतंत्र चर की अत्यणु वृद्धि के सापेक्ष आश्रित फलन की अत्यणु वृद्धि की दर का सीमांत मान निर्धारित करने का प्रक्रम ।
- differntial cross section -- अवकली परिक्षेत्र
- लघु घन कोण में विशिष्ट दिशा की ओर कणों अथवा फोटॉनों के प्रकीर्णन के लिए परिक्षेत्र । नाभिकीय प्रक्रम के लिए 00 से 1800 तक के सभी कोणों के लिए समाकलन करने से साधारण परिक्षेत्र प्राप्त हो जता है ।
- diffractometer -- विवर्तनामापी
- विवर्तन विश्लेषण में काम आने वाला एक उपकरण जो विभिन्न कोणों पर X - किरणों अथवा न्यूट्रॉनों के विवर्तित किरण पुंजों की तीव्रता मापता है । आमतौर पर इसमें आयनन कोष्ठ अथवा गणित्र का उपयोग किया जाता हैऔर विवर्तित होने वाला किरण - पुंज भी आमतौर पर एकवर्णी होता है ।
- diffrential operator -- अवकल संकारक
- संकारक D का कोई बहुपद जहां D संक्रिया (Formula) को निरूपित करता है और Dy का अर्था है उदाहरणार्थ D3+ 7x D2+D+ 5) y का अर्था है ।
- (Formula)
- diffuse junction transistor -- विसरण संधि ट्रांजिस्टर
- एक प्रकार का ट्रांजिस्टर जिसमें गर्म किये बिना ही अर्धचालक टिकली में अपद्रव्य के विसरण द्वारा उत्सर्जक एवं संग्राही इलेक्ट्रोड़ों का निर्माण हो जाता है ।
- diffused junction -- विसरण संधि
- एक अर्धचालक संधि जो अर्धचालक पदार्थ की अपद्रव्य गैस के वातावरण में गर्म करने पर बनती है । उपर्युक्त तापों पर कुछ परमाणु अर्धचालक के पृष्ठ पर निक्षेपित हो जाते हैं और फिर वे अर्धचालक की सांद्रण प्रवणता के कारण क्रिस्टन के बीतर विसरित होने लगते हैं जिससे इस प्रकार की संधि बन जाती है । इस प्रक्राय से विसरण संधि - डायोड तथा ट्रांजिस्टर ब नाए जाते हैं ।
- (i) कणों (परमाणुओं, अणुओं या अणु समूहों ) की गति के कारण दो या अधिक पदार्थों के कणों के एक दूसरे के साथ पूर्णतया मिल जाने का प्रक्रम अर्थात् एक पदार्थ के कणों का दूसरे पदार्थ के आयतन में व्याप्त हो जाने का प्रक्रम ।
- (ii) (प्रकाशिकी) खुरदुरे पृष्ठ पर पड़ने वाले प्रकाश का अनियमित रूप से सब दिशाओं में फैल जाने का प्रक्रम या पारभासक पदार्थ में से प्रकाश के पारगमन का प्रक्रम ।
- 1. ठोस, द्रव और गैस में तापीय गति के कारण अणुओं, परमाणुओं या आवेश वाहकों का स्थानांतरण जो सांद्रण - प्रवणता द्वारा उत्पन्न होता है ।सांद्रण - प्रवणता ताप, दाब, वैद्युत तथा रासायनिक विभव आदि की प्रवणता के कारण संभव होती है । उदाहरणार्थ उच्च ताप पर अर्धचालक में किसी अपद्रव्य धातु का विसरण, एक धातु के परमाणुओं या रिक्तिकाओं का दूसरी धातु में स्थानांतरण, अर्धचालकों में वाहकों, दाताओं या ग्राहियों की गति और नाभिकीय रिऐक्टर में न्यूट्रॉनों का विसरण ।
- 2. परावर्तन अथवा पारगमन के बाद प्रकाश के किरणपुंज का प्रकीर्णन। रूक्ष पृष्ठ के परावर्तित प्रकाश का किरणपुंज परावर्तन के नियमों का पालन नहीं करता बल्कि अनेक दिशाओं में प्रकीर्णित हो जाता है ।
- 3. अनुरणन - ध्वनि - क्षेत्र में तरंगों के संचण की दिशाओं में परिवर्तन की कोटि ।
- diffusion constant -- विसरण नियतांक
- समांगी अर्धचालक में विसरण-धारा-घनत्व और आवेश- वहक -सांद्रता की प्रवणता के बीच का अनुपात । यह शि अपवहन - वेग और वाहक के पिरति मात्रक आवेश की औसत ऊष्मीय ऊर्जचा के गुणनफल के बराबर होती है ।
- diffusion length -- विसरण-लंबाई
- समांगी अर्धचालक में वह औसत दूरी जहां तक अल्पांश वाहकों का जनन और पुनर्सयोजन के बीच की अवधि में विसरण होता है ।
- diffussion pump -- पंप, विसरण
- इस पंप का सिद्धांत वही है जो फिल्टर पंप का है किन्तु इस पंप की कार्य - क्षमता फिल्टर पंप की अपेक्षा कई गुणी अधिक होती है । इसके द्वारा बहुत उच्च निर्वात प्राप्त किया जा सकता है । 106 तक न्यूनतम दाब इस पंप से उत्पन्न किया जा सकता है । इसीलिए इस पंप का उपयोग बहुधा ऐक्स - किरण तथा इलेक्ट्रान नलिकाओं के उच्च निर्वात प्राप्त करे के लिए किया जाता है ।
- 1.0 से 9 तक की कोई भी संख्या । 2. कम्प्यूटर मे काम आने वाले द्विआधारी तंत्र में 0 या 1 से प्रदर्शित कोई संप्रतीक ।
- दशमलव संख्या-प्रणाली में प्रतीकों 0,1,2,3,4,5,6,7,8,9, में से कोई प्रतीक । संख्या 23 में 2 और 3 अंक हैं । द्वि - आधारी संख्या प्रणाली में केवल दो ही अंक आते हैं - 0 और 1
- digital computer -- अंकीय अभिकलित्र
- एक प्रकार का कंप्यूटर (अभिकलित्र) जो सूचना का संसाधन अंकीय रूप मे कर देता है । यह अनुरूप कंप्यूटर से भिन्न होता है जिसमें सूचना का संसाधन वोल्टता, प्रतिरोध आदि सीधी मापी जाने वाली राशइयं के रूप में ह ता है । अंकीय कंप्यूटरों में आमतौर पर द्विचर संकेत - पद्धति का उपयोग किया जाता है और समस्याओं का हल गणित के मूल कायदे जमा और घटा का बार - बार उपयोग करके किया जात है ।
- digital computer -- अंकीय अभिकलित्र
- एक प्रकार का कंप्यूटर जो सूचना का संसाधन अंकीय रूप मे कर देता है । यह अनुरूप कंप्यूटर से भिन्न होता है जिसमें सूचना का संसाधन वोल्टता, प्रतिरोध आदि सीधी मापी जाने वाली राशियों के रूप में होता है । अंकीय कंप्यूटरों में आमतौर पर द्विचर संकेत - पद्धति का उपयोग किया जाता है और समस्याओं का हल गणित के मूल कायदे जमा और घटा का बार - बार उपयोग करके किया जाता है ।
- digital computer -- अंकीय अभिकलित्र
- वह अभिकलित्र जिसमें समस्या की राशियों एवं चरों को व्यक्त करने के लिए संख्याओं का प्रयोग किया गया हो । इसमें चरों का निरूपण असंतत आंकड़ों के रूप में होता है जबकि अनुरूप अभिकलित्र में संतत आंकड़ों का प्रयोग होता है ।
- digital differential analyser -- अंकीय अवकल विश्लेषक
- एक अंकीय कंप्यूटर जिसमें समाकलन की गणितीय प्रक्रिया के लिए अंतनिर्मित समाकलित्रों का उपयोग किया जाता है ।
- dihedral angle -- द्वितल कोण
- दो समतलों के बीच का कोण । इसका मान इन समतलों की उभयनिष्ठ रेखा पर प्रत्येक तल में खीचे गए लंबों के बीच के कोण के बराबर है ।
- dilatation (dilation = volue expansion -- आयतन प्रसार
- ताप की वृद्धि के कारण आयतन की वृद्धि ।
- dilatometer -- आयतन प्रसामापी
- आयतन प्रसारमापी का उपयोग सरलता से द्रव का आभासी प्रसार गुणांक नापने के लिए किया जाता है । इसमें कांच का एक बल्ब होता ह जिसाक आयतन 00 पर ज्ञात होता है । बल्ब से जुडी हुई एक अंशांकित नली होती है, जिससे इसमें भरे द्रव का आयतन घन सेंटीमीटरों में नापा जा सकता है । प्रयोगाधीन द्वारा का एक निश्चित द्रव्यमान उपकरण में रख कर इसका आभासी आयतन दो भिन्न - भिन्न तापों पर नाप लिया जाता है । इन आयतनों का अन्तर ही उस द्रव का प्रसार है । इस प्रकार नापा हुआ प्रसार आभासी इसलिए होता है कि ताप की वृद्धि कारण बल्ब तथा नली का आयतन भी बढ़ जाता है । अतः इस आभासी गुणांक में कांच का प्रसार गुणांक जोड़ने से द्रव का वास्तविक परसार गुणांक ज्ञात होता है ।
- 1. किसी ज्यामितीय विन्यास में वास्तविक मान वाले प्राचलों की वह न्यूनतम संख्या जो कि विन्यास के बिन्दुओं के निर्धारण के लिए अपेक्षित होती हैं, जैसे आयतफलक को निर्धारित करने के लिए लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई के प्राचल अपेक्षित है और इस प्रकार इसकी विमा 3 है ।
- 2. किसी सदिशसमष्टि के सभी आमेल आधारों की गणनीयताएं बराबर होती हैं, इस गणनीयता को समष्टि की विमा कहते हैं । उदाहरण, यूक्लिड - समष्टि विमा होती है और वास्तविक रेखा पर, सभी वास्तविक फलनों की समष्टि की विमा अगणनीय होती है ।
- 3. कुछ सांस्थितिक समष्टियों की विमा भी परिभाषित की जाती है ।
- दो इलेक्ट्रोड वाली एक युक्ति (तापायनिक नलिका या क्रिस्टल डायोड ) जिसमें एक दिशीय विशिष्ट अभिलक्षण होते हैं ।
- दो इलेक्ट्रॉडों वाली निर्वात नलिका, जिसमें ऐनोड ठंडा तथा कैथोड तत्प - तार का होता है । कैथोड में से इलेक्ट्रॉन निकलकर ऐनोड की ओर तभी जा सकते हैं जब उसका विभव कैथोड से ऊंचा होता है । अतः इस पर प्रत्यावर्ती वोल्टता लगाने पर भी विद्युत्धारा केवल एक ही दिशा में प्रवाहित होती है अर्थात् डायोड (diode) प्रत्यावर्ती धारा के लिए दिष्टकारी (rectifier) का काम करता है ।
- diophantine equation -- डोयोफेंटस का समाकरण
- कोई ऐसा अनिर्धार्य समीकरण जिसमें गुणांकों के रूप में पूर्ण संख्याएं आती हों और जिसके हल के रूप में पूर्णसंख्याओं के समुच्चय ही स्वीकृत हों ।
- dioptre (=diopter) -- डोयोप्टर
- लेन्स की मीटरों में व्यक्त फोक्स दूरी का व्युक्त्रम (reciprocal) । इसके द्वारा लेन्स की क्षमता (power) व्यक्त की जाती है । अभिसारी लेन्स की क्षमताधनात्मक मानी जाती है । लेन्स की क्षमता फोक्स - दूरी (मीटरों में )
- dip (=angle of dip = incllination) -- नमन (=नति = नमन कोण ) यदि कोई चुंबकीय सूची चुंबकीय
- याम्योत्तर तल में ऊर्ध्वाधर घूमने के लिए स्वतंत्र हो तो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कारण साम्य अवस्था में उसका अक्ष क्षैतिज - तल से एक कोण बनाता है और उत्त्री गोलार्ध में इस सूची का उत्तिर - ध्रुव क्षैतिज से नीचे झुका रहता है । इस कोण को नमन कोण कहते हैं । पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों पर यह कोण 900 होता है । और चुंबकीय निरक्ष (euator) पर 00 होता है ।
- चुंबकीय सूची जिसे इस प्रकार निलंबित किया गया हो कि इसका उपयोग चुंबकीय नमन कोण मापने के लिए किया जा सके ।
- dip of the horizon -- क्षितिज नति
- किसी स्थान के वास्तविक खगोलीय क्षितिज से संवेद्य क्षितिज की नति । पृथ्वी की वक्रता और प्रेक्षक की ऊँचाई के कारण यह अंतर अनुभव होता है । वायुमंडल में प्रकाश के परावर्तन से भी यह नति प्रभावित है । समुद्र तल से किसी खगोलीय पिंड का उन्नतांश लेते समय इसका ध्यान रखनाहै ।
- नमन कोण मापने का उपकरण । इसका आवश्यक अवयव एक पतली चुंबकीय सूची होती है, जो अपने गुरूत्व - केंद्र पर इस प्रकार कीलकित होती है कि क्षैतिज अक्ष पर ऊर्ध्वाधर तल में निर्बाध घूम सके । क्षैतिज तल से इसाक चुंबकीय अक्ष जो कोण बनाता है वह अंशांकित ऊर्ध्वाधर वृत्त पर पढ़ा जाता है । नमन कोण का मान प्राप्त करने के लिए इस ऊर्ध्वाधर वृत्त को चुंबीकीय याम्योत्तर मे रखना प़ता है ।
- direct coupling -- दिष्ट युग्मन
- प्रेरकत्व, प्रतिरोधक, ताप अथवा इनके संयोजन द्वारा दो या अधिक विद्युत - परिपथों का परस्पर संबंधन जिससे दिष्ट और प्रत्यावर्ती दोनों ही धाराओं का युग्मन किया जा सकता है ।
- direct current -- दिष्टधारा
- एक ही दिशा में प्रवाहित होने वाली विद्युत्त धारा ।
- direct motion -- मार्गी गति
- किसी ग्रह की वह गति जो आकाश में स्थित तारों के सापेक्ष पश्चिम से पूर्व की ओर मालूम पड़ती है । अर्थात् जिसमें ग्रह का विषुवांश बढ़ता जाता हो और जो सूर्य के सापेक्ष ग्रह की वास्तविक गति की दिशा में हो ।
- direct sound wave -- सीधी आने वाली ध्वनि तरंग
- ध्वनि तरंग जो स्रोत से निकल कर, बीच में परावर्तित या अपवर्तित हुए बिना सीधे अभिग्रहण बिंदु (point of reception ) तक पहुँच जाती है ।
- direct vision prism -- समक्षदर्शी प्रिज्म
- विभिन्न प्रकार के कांच के प्रिज्मों से बना प्रिज्म - संयोजन जो, अवर्णक प्रिज्म संयोजन के विपरीत, विचलन के बिना ही वर्ण विक्षेपण करता है अर्थात् जिसके द्वारा स्पेक्ट्रम स्रोत की ही दिशी में दिखायी देता है । इस संयोजन में यदि क्राउन कांच के प्रिज्म का अपवर्तनांक और प्रिज्म कोण Ac हो तो फ्लिंट कांच के प्रिज्म का अपवर्तनांकऔर प्रिज्म कोण हो तो (Formula)
- एक प्रकार की रेडियो-तरंग जिसका संचरण प्रेषित्र से अभिग्राही तक आकाश में आयन मंडल से अपवर्तन के बिना ही सीधा होता है ।
- direction conines -- दिक्कोज्याएं
- उन तीनों कोणों की कोज्याएं जो कोई रेखा निर्देश - अक्षों के साथ बनाती हैं । यदि ये कोण α, β और γ हैं तो किसी भी रेखा के लिए cos2α + cos2β + cos2γ =1
- direction ratio -- दिक्-अनुपात
- कोई तीन संख्याएं जो किसी रेखा की दिक्कोज्या के अनुपात में हों और जिनमें तीनों शून्य के बराबर न हों । यदि (x1,y1,z1) ओर (x2,y2,z2,) रेखा के दो बिंदु हों तो x2-x1, y2 और z2-z1 रेखा के तीन दिक् - अनुपात हैं । पर्याय - दिक् संख्याएं ।
- directional coupler -- दिशिक युग्मक
- संचार-कार्य में काम आने वाली एक युग्मन युक्ति जो समाक्षीय संचरण-लाइन या तरंग-पथक में आपाती या परावर्ती तरंग का प्रतिचयन या उत्तेजन करती है ।
- directional selectivity -- दिशिक वरणकता
- किसी ऐन्टेना या माइक्रोफोन के प्रसंग में इन युक्तियों की किसी विशेष दिशाओं से आते हुए विकिरण के प्रति अपेक्षाकृत अधिक सुग्राहिता ।
- director circle -- नियामक वृत्त
- दीर्घवृत्त (अथवा अतिवरवलय) के परस्पर लंब स्पर्श रेखों के युग्मों के प्रतिच्छेद-बिंदु का बिंदु-पथ ।
- (1) किसी शांकव के संदर्भ में वह रेखा जिससे शांकव के किसी भी चर बिंदु की दूरी और उस बिंदु के शांकव की नाभि की दूरी का अनुपात अचर रहता है ।
- (2) किसी रेखज पृष्ठ के संदर्भ में वह वक्र जिससे होकर पृष्ठ की सभी जनक रेखाएं गुजरती हैं ।
- dirft velocity -- अपवाह - वेग
- विद्युत् चालक में अनुप्रयुक्त विद्युत् क्षेत्र की दिशआ में इलेक्ट्रॉनों अथवा गैस में आयनों या अर्धचालक में आवेश - वाहकों का औसत वेग ।
- dirichlet integral -- डिरिश्ले समाकल
- 1. समाकल
- (Formula)
- अथवा दो से अधिक चरों वाले फलन के तदनुरूप समाकल ।
- 2. किसी फूरिए श्रेणी के वें आंशिक योगको निरूपित करने वाली समाकल । (Formula)
- disc -- मंडलक (डिस्क ) (चिक्रिका)
- (1) कोई सपाट वृत्ताकार पट्टिका ।
- (2) ग्रोफोन का रेकार्ड ।
- 1. सामान्य रूप से विद्युत आवेश कम करना या हटाना ।
- 2. गैस-विसर्जन-नलिका में गैस से होकर विद्युतधारा का गमन ।
- 3. संधारित्र के प्रसंग में संधारित्र की संचित ऊर्जा का बाह्य परिपथ में विमोचन ।
- 4. बैटरी के प्रसंग में रासायनिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन ।
- किसी गैस या अन्य अचालक पदार्थ में स्थित दो इलेक्ट्रोडों के बीच में विद्युत् का प्रवाह । विभवांतर अधिक होने पर इसमें सामान्यतः प्रकाश और ध्वनि होते हैं ।
- किसी विद्युत् आवेश युक्त वस्तु से आवेश का पूर्णतया या अंशतः निकल कर अन्यत्र चला जाना जैसे किसी संधारित्र या बैटरी की निरावेशन ।
- discharge tube -- विसर्जन नलिता
- कांच की बंद नलिका जिसमें दो इलेक्ट्रोड लगे होते हैं तथा साधारणतया बहुत कम दाब प र कोई गैस भरी होती है । इलेक्ट्रोडों के बीच यथेष्ट विभवांतर करने पर इसमें से विद्युत का प्रवाह होता हैऔर प्रकाश भी निकलता है । आजकल ऐसी नलिकाएं सड़कों तथा मकानों में अच्छी रोशनी करने के लिए काम में आती हैं ।
- discontinuity -- असांतत्य
- 1. असंतत होने का गुणधर्म ।
- 2. किसी फलन के प्रांत में वह बिंदु जिस पर फलन संतत नहीं होता । जैसे फलन (y= 1/x) के लिए बिंदु x = 0 यदि किसी बिंदु पर कोई फलन असंतत है, पर दक्षिण और वाम से उसकी सीमाओं का अस्तित्व है और ये सीमाएं बराबर हैं तो असतांत्य अपनेय कहलाते हैं । अन्यथा अनपेनय ।
- discontinuous function -- असंतत फलन
- वह फलन जो सतत नहीं है ।
- discontinuous spectrum -- असंतत स्पेक्ट्रम
- ऐसा स्पेक्ट्रम जिसमें कुछ विशिष्ट तरंग-दैर्ध्यों ही की अलग - अलग रेखाएं होती हैं और उनके बीच का भाग अदीप्त रहता है । ये दो प्रकार के होते हैं । जब रेखाएं दूर - दूर होती हैं तब वह रेखिक स्पेक्ट्रम कहलाता है और जब उसमें अत्यन्त पास - पास स्थित रेखाओं के कई समूह (बैंड) अलद - अलग होता हैं तब वह बैंड स्पेक्ट्रक कहलाता है । विभेदन क्षमता कम होने पर प्रत्येक बैंड एक चौड़ी पट्टी के समान दिखाई देता है ।
- discordant -- विसंगत (विस्वर)
- ऐसे दो स्वर जिनकी ध्वनि एक साथ कान में पहुंचने से हमें अरूचिकर अथवा कर्णकदु प्रतीत होती है ।
- पहले ही वर्तमान अज्ञात तथा अदृष्ट किसी वस्तु को पहले - पहल ज्ञात करना या ढूंढ निकालना ।
- discrete variable -- असंतत चर
- वह