विक्षनरी:प्रबन्धन परिभाषा कोश

  • ABC Method or Analysis (=usage-value-analysis) -- ए.बी.सी. पद्धति या विश्लेषण (= प्रचलन-मूल्य विश्लेषण)
मदो की श्रेणी का विश्लेषण, उदाहरणार्थ, स्टाक स्तरों, उपभोक्ताओं, विक्रय क्षेत्रों इत्यादि के अन्दर तीन वर्ग बनाना; ए= अतिविशिष्ट, बी= विशिष्ट, सी=सीमांत उपयोगी। इसका उद्देश्य योगों को विभिन्न श्रेणियों/ वर्गीकरणो में छाँटना होता है, जिसे विभिन्न तरीकों से संभाला एवं नियंत्रित किया जा सके। उदाहरणार्थ उपभोक्ताओं के मामले में, ए श्रेणी के उपभोक्ता, विक्रय-प्रबंधक की। जिम्मेदारी है और उनका नियमित निरीक्षण आवश्यक है। जब कि ‘सी’ श्रेणी के उपभोक्ताओं, जिनका पण्यावर्त नगण्य है, का नियमित निरीक्षण अपेक्षित नहीं है। यह दृष्टिकोण पेरेटो और अस्सी-बीस नियम से मिलता – जुलता हैं।
  • above par -- अधिमूल्य पर
जब किसी प्रतिभूति, बंधपत्र आदि का बाज़ार-मूल्य उसके अंकित मूल्य से अधिक हो तो वह प्रतिभूति ‘अधिमूल्य पर’ कही जाएगी।
समानo at a premium
तुल देo at par, below par.
  • absenteeism -- अनुपस्थितता
कर्मचारी की काम पर नियमित रूप से उपस्थित न होने की प्रवृत्ति। प्रायः इसे कार्य-दिवस अथवा कार्य-पारी में नियुक्त प्रति 100 कर्मचारियों के पीछे अनुपस्थित कर्मचारियों की संख्या के रूप में भी व्यक्त किया जाता है। कार्मिक प्रबंधन की यह एक समस्या है जो इस प्रकार की लगातार गैर-हाजरियों के कारण उत्पन्न होती हैं।
  • absentee ownership -- दूरवासी स्वामित्व
औद्योगिक स्वामित्व का वह रूप जिसमें धनोत्पादक परिसंपत्तियों पर उनका स्वामित्व होता है, जो न तो उन पर कार्य करते हैं और न ही उनका प्रबंध। ये स्थानीय लोगों के हितों की उपेक्षा कर अपने लाभ का ही ध्यान रखते हैं।
  • absolute sale -- अशर्त बिक्री, निरपेक्ष विक्रय
बिक्री का वह रूप जिसमें क्रेता या विक्रेता की ओर से कोई शर्त नहीं लगाई जाती।
  • absorption costing -- अवशोषण लागत निर्धारण
लागत-आकलन की परंपरागत पद्धति जिसके अंतर्गत अपरिवर्ती और परिवर्ती लागतों को उत्पादित माल के ऊपर फैला दिया जाता है।
  • acceptance bank -- स्वीकर्ता बैंक
वह बैकिंग प्रतिष्ठान जो विशेष रूप से विनियम-पत्रों के निपटान का कार्य करता हैं।
  • acceptance sampling -- स्वीकरण प्रतिचयन
सांख्यिकीय गुण नियंत्रण के अंतर्गत इस बात की जाँच के लिए कि वस्तु की खेप स्वीकार्य होगी या नहीं, उस वस्तु या माल का एक अंश परीक्षणार्थ निकालना।
  • acceptance theory of authority -- प्राधिकार का स्वीकृति सिद्धांत
प्राधिकार का वह सिद्धांत जिसके अंतर्गत प्राधिकार का अंतिम स्रोत यह है कि अदीनस्थ को अपने उच्चाधिकारी का आदेश मानना लाजमी होता हैं।
  • accountability -- उत्तरदायित्व, जवाबदेही
1. सौपे गए काम को पूरा करने के लिए प्रदत्त शक्तियों का किस प्रकार इस्तेमाल किया गया, इस बारे में अपने सक्षम अधिकारी को आश्वस्त करने और स्पष्टीकरण देने की अधीनस्थ व्यक्ति की जिम्मेदारी।

2. सुप्रबंध एवं संतोषजनक कार्य-निष्पादन के प्रमाण प्रस्तुत करने का कर्तव्य-भार।

  • accounting practice -- लेखा-कर्म
प्रमाणीकृत या चार्टरित लेखाकार द्वारा किया जाने वाला व्यावसायिक कार्य।
  • accounts receivable financing -- लेनदारी लेखा वित्तीयन
कार्यशील पूँजी प्राप्त करने के लिए व्यावसायिक प्रतिष्ठान द्वारा अपने लेनदारी लेखाओं के आधार पर बैंकों तथा अन्य सहयोगी प्रतिष्ठानों से वित्त प्राप्त करने का ढंग।
  • accrual accounting -- उपचय लेखाकरण
एक विशिष्ट अवधि से संबंधित आय तथा व्यय की मदों को उसी अवधि से संबंधित खातों में लिखा जाता हैं, चाहे उसकी प्राप्ति या भुगतान उस अवधि में हुआ है या नहीं। यह नकदी लेखाकरण पद्धति के विपरीत हैं।
  • accrued expenses -- उपचित व्यय
वह व्यय जो एक लेखावधि में हुआ हो किन्तु उसका भुगतान आगामी अवधि में किया जाए, जैसे मजदूरी, कर, लगान, इत्यादि।
  • accumulated income/profit -- संचित आय/लाभ
कंपनी आय का वह विशुद्ध भाग, जिसे हिस्सेदारों या अंशधारियों में वितरित नहीं किया गया हो।
  • acid test ratio -- तत्काल अनुपात
प्रतिष्ठान की साख का अनुमान लगाने के लिए वित्त विशेषज्ञ प्रायः उसकी चालू परिसंपत्तियों में से नक़दी, प्राप्य धनराशियों तथा बिक्री योग्य प्रतिभूतियों के मूल्यों का चालू देयताओं के साथ अनुपात निकालते हैं जो तत्काल अनुपात कहलाता है।
  • across-the-board increase -- सपाट वृद्धि
संस्था के सभी या अधिकांश कर्मचारियों की मजदूरी या वेतन में समान रूप से की गई वृद्धि जिसे सामान्य वृद्धि भी कहा जाता है।
  • activity chart -- कार्य चार्ट
ऐसा आरेख (चार्ट) जिसमें एक समय-मान के साथ किसी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को चिह्नित करके दर्शाया गया हो।
  • activity ratio -- लक्ष्य-पूर्ति अनुपात
उत्पादन अथवा संक्रिया का लक्ष्य किस सीमा तक प्राप्त किया जा सका हैं, इसका बोध कराने वाला प्रबंधकीय अनुपात। इसका सूत्र है :-
वास्तविक उत्पादन के मानक घंटे
——————————————- x100
लक्षित उत्पादन के मानक घंटे
  • activity sampling -- क्रिया प्रतिचयन
कार्य-अध्ययन की प्रक्रिया में नमूना लेने की एक विधि जिसके अंतर्गत मशीनों, प्रक्रमों या श्रमिकों के समूहों के एक निश्चित अवधि के दौरान, काफी बड़ी संख्या में तात्कालिक प्रेक्षण किए जाते हैं। प्रेक्षण के समय क्या काम हो रहा था, यह नोट कर लिया जाता है और उस निश्चित अवधि में जितने प्रेक्षण किए गए हैं उनके प्रतिशत को उस दौरान वस्तुतः किए गए कार्य अथवा विलंब का परिचायक माना जाता हैं।
  • added value -- वर्धित मूल्य
उत्पादित अथवा विनिर्मित वस्तु के मूल्य में होने वाली वह बढ़ोतरी जो उस वस्तु के बिक्री मूल्य में से उसमें लगे कच्चे माल, ईंधन आदि की लागत घटाने पर बचती है। ”वर्धित मूल्य” में से ही मज़दूरी, किराया, रायल्टी आदि की अदायगी तथा मूल्यह्लास की व्यवस्था की जाती हैं। इसी में संस्था का लाभ भी समाहित रहता हैं।
  • additions and improvements/betterments -- परिवर्धन और सुधार
पूँजीगत परिसंपत्ति के मूल्य में होने वाला वह सुधार जोकि रख-रखाव से भिन्न किए जाने वाले पूँजीगत व्यय के परिणामस्वरूप होता है।
  • administration -- प्रशासन
प्रबंध का वह अंग जिस पर नीति की व्याख्या करने और उसे कार्य रूप में परिणत कराने की जिम्मेदारी होती हैं।
  • administration cost -- प्रशासन लागत
संस्था के निदेशन तथा नियंत्रण से संबंधित वे सभी खर्चे जिसका सीधा संबंध अनुसंधान, उत्पादन, वितरण और बिक्री आदि क्रियाओं से नहीं हैं।
  • administrative discretion -- प्रशासनिक विवेक
प्रशासक द्वारा स्वयं लिए गए वे निर्णय जो उसके अधिकार क्षेत्र एवं लोकहित में हों।
  • administrative expenses -- प्रशासनिक व्यय
प्रबंध एवं नीति-निर्माण कार्यों पर होने वाला व्यय।
  • administrative procedure -- प्रशासनिक प्रक्रिया
संगठन की वे आधारभूत विधियाँ जिनके द्वारा विभिन्न संक्रियाओं को समन्वित एवं नियमित किया जाता हैं।
  • administrative service -- प्रशासनिक सेवा
प्रबंध को समुचित सूचना सही ढंग से उपलब्ध कराने के लिए एक केन्द्रीकृत सूचना-श्रृंखला जो प्रबंध को निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होती हैं।
  • ADOMOS -- एडमोस
स्वचालित यंत्रीकृत प्रक्रिया जिसका प्रयोग एकीकृत गोदामों में किया जाता है। यह यंत्र-समूह माल की प्राप्यता की जानकारी रखता है, हर वस्तु के सही दाम का चयन करता है, स्टाक और सामान की कमी पर नड़र रखता है और कन्वेयर तंत्र के सहयोग से तैयार माल को पैकिंग तथा प्रेषण विभाग में भेजता है।
  • adoption process -- स्वीकरण प्रक्रिया
देo diffusion process.
  • advance order -- अग्रिम आदेश
किसी व्यवसायी या कंपनी द्वारा वस्तुओं को वास्तविक आवश्यकता से पूर्व ही प्राप्त करने के लिए भेजा गया आदेश। प्रायः ऐसे आदेश वस्तु की अल्पपूर्ति होने पर या विक्रेता द्वारा कोई आकर्षक प्रस्ताव आदि दिए जाने पर भेजे जाते हैं।
  • advertisement copy -- विज्ञापन प्रति
विज्ञापन, संदेश पत्र और अन्य संपादकीय सामग्री की अंतर्वस्तु जिसमें आवश्यकतानुसार लिपिबद्ध सामग्री, चित्र व उदाहरण इत्यादि सम्मिलित किए जाते हैं।
  • advertising agency -- विज्ञापन अभिकरण, विज्ञापन एजेन्सी
वह व्यावसायिक संस्थान जो अपने ग्राहकों हेतु विज्ञापन की सुविधा उपलब्ध कराता है और इस सेवा के बदले में अपना शुल्क ग्राहकों से प्राप्त करता हैं।
  • advertising appropriation -- विज्ञापन विनियोजन
विपणन बजट में विज्ञापन के लिए नियत धनराशि।
  • advertising compaign -- विज्ञापन अभियान
एक उत्पाद या सेवा की बिक्री में बढ़ोत्तरी करने के लिए या किसी विचार या वस्तु की मांग बनाने हेतु नियोजित ढंग से विभिन्न प्रचार माध्यमों और विज्ञापन प्रणालियों को प्रयोग में लाना।
  • advertising media -- विज्ञापन माध्यम
वे साधन जिनके द्वारा विज्ञापन संदेश लक्षित समूह तक पहुँचाया जाता है। विज्ञापन के प्रमुख माध्यमों के अंतर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, आकाशवाणी, दूरदर्शन और सीधे डाक विज्ञापन आते हैं। विज्ञापन पर होने वाले व्यय का अधिकांश भाग उपभोक्ता विज्ञापन से ही संबंधित होता हैं।
  • affiliate -- संबद्ध
वह कंपनी जो अन्य कंपनी के साथ संयुक्त रूप से कार्य करती हैं पर स्टाकों पर अल्प-स्वामित्व होने के कारण अन्य कंपनी की सहायक होती हैं।
  • affirmative action -- सकारात्मक कार्य
नियोक्ता एवं मजदूर संघ द्वारा किया जाने वाला वह कार्य जिससे रोजगार के क्षेत्र में व्याप्त विभेदकारी प्रवृत्तियों में कमी आए।
  • agency -- अभिकरण, एजेन्सी
संविदा-विधि के अधीन स्थापित एक संबंध जिसके द्वारा एक पक्ष (मालिक) दूसरे पक्ष (एजेन्ट) को इस बात के लिए प्राधिकृत कर देता है कि वह किसी तीसरे के साथ प्रथम पक्ष की ओर से सौदा, व्यापार अथवा व्यवहार कर सकता हैं।
  • agency agreement -- अभिकरण करार
लिखित शर्तों के अधीन कंपनी और एजेन्सी के पारस्परिक हित में किया गया अनुबंध।
  • agenda -- कार्यसूची
किसी बैठक में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रस्तावों अथवा विचारार्थ विषयों की पूर्व नियोजित सूची।
  • agent -- अभिकर्ता, एजेन्ट
वह व्यक्ति जिसे किसी अन्य व्यक्ति (मालिक) ने अपनी ओर से तृतीय पक्षों के साथ सौदे या लेनदेन करने के लिए प्राधिकृत कर दिया हैं।
agent के प्रमुख प्रकारों के लिए देo authorised agent, commission agent, del credere agent, forwarding agent, sole agent.
  • aging (schedule) -- काल गणना
किसी भी वस्तु को समयानुसार वर्गीकृत करने का कार्य। जैसे विभागीय भंडार में सामान की कालसूची बनाई जाती है कि कौन-सी वस्तु वहाँ कितने समय से हैं।
  • agricultural cooperative -- कृषि सहकारी समिति
कृषकों का वह सहकारी संगठन जिसके द्वारा कृषक खाद, बीज एवं कृषि उपकरण आदि क्रय करते हैं और अपने उत्पादित माल का विक्रय करते हैं।
  • AIDA -- सफल बिक्री / ए.आई.डी.ए.
बिक्रीकारों के प्रशिक्षण में व्यवहृत एक स्मरणीय संक्षिप्ति जिसका अभिप्राय है कि ग्राहक से संपर्क करने पर विक्रय वस्तु के प्रति पहले उसका ध्यान आकृष्ट करें, फिर रूचि पैदा करें, उसके बाद ग्राहक में चीज खरीदने की इच्छा जगाएँ और अंत में उसकी खरीद का आदेश लें।
  • aidcas process -- ऐडकैस प्रक्रिया
देo diffusion process.
  • algorithm -- अल्गोरिथ्म
किसी समस्या विशेष के समाधान के लिए निर्दिष्ट अनुदेशों (या नियमों) का व्यवस्थित अनुक्रम।
  • allowed time -- अनुमत समय
कार्य के एक अंश अथवा प्रक्रिया विशेष को पूरा करने के लिए दिया गया कुल समय जिसमें औज़ार बदलने, समुचित आराम, अपरिहार्य विलंब और श्रमिक की निजी जरूरतों को पूरा करने का समय भी सम्मिलित होता है।
  • alpha numeric codes -- अक्षरांक कोड
ऐसे कंप्यूटर कोड जिनमें अक्षरों और अंकों दोनों का प्रयोग होता हैं।
  • altered cheque -- परिवर्तित चेक
ऐसा चैक जिसके जारी होने के पश्चात् उसकी प्रविष्टियों में परिवर्तन किया गया हो।
  • alternative budgets -- वैकल्पिक बजट
बजट निर्माण की वह प्रक्रिया जिसमें संक्रियाओं के विविध स्तरों को आधार बनाकर बजट तैयार किया जाता है।
  • amalgamation --

समामेलन

दो या अधिक प्रतिष्ठानों का मिलकर एक हो जाना। इसके लिए संबंधित प्रतिष्ठानों को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अपनी-अपनी देयताओं और परिसंपत्तियों को समेकित करना होता हैं।
  • amortization schedule -- परिशोधन अनुसूची
परिसंपत्ति के क्रमिक रूप से क्षय अथवा निरसन को प्रकट करने वाली गणितीय सारणी।
  • analogue computer -- अनुरूप कंप्यूटर
अंकीय कंप्यूटर से भिन्न ऐसा कंप्यूटर जिसमें चरों के भौतिक अनुरूपों का प्रयोग होता हैं।
  • analogue representation -- अनुरूप प्रस्तुतीकरण
किसी चर को भौतिक मात्रा के माध्यम से व्यक्त करना। इसमें मात्रा को चर के अनुपात के रूप में प्रस्तुत किया जाता हैं।
  • analysis of performance -- निष्पादन विश्लेषण
प्रतिष्ठान के सदस्य एवं उप-व्यवस्थाएँ निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पारस्परिक क्रिया द्वारा एक इकाई के रूप में किस प्रकार कार्य करती हैं, इसके संबंध में प्रबंधक का मूल्यांकन।
  • analysis of variance -- प्रसरण विश्लेषण
किसी भी नियोजित और वास्तविक परिणामों के अंतर की सकारण व्याख्या करने की क्रिया।
  • analytical estimating -- विश्लेषणात्मक प्राक्कलन
किसी उत्पादन अथवा निर्माण-कार्य की अनुमानित लागत निकालने की एक विधि जिसके अंतर्गत उस कार्य के विभिन्न चरणों पर श्रम, कच्चा माल आदि पर आने वाली लागत, विगत अनुभव के आधार पर निर्धारित की जाती है। इस विधि का उपयोग प्रायः भवन-निर्माण उद्योग में किया जाता हैं।
  • analytic job evaluation -- विश्लेषी कार्य मूल्यांकन
कार्य मूल्यांकन की एक तकनीक जिसमें कई कार्यों के सामान्य लक्षणों की बारी-बारी से तुलना की जाती हैं।
  • ancillary industry -- आनुषंगिक उद्योग
किसी प्रमुख उद्योग द्वारा उत्पादित माल अथवा मशीनों के विभिन्न कल-पुर्जों की अथवा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले छोटे-छोटे उद्योग।
  • angle of incidence -- आपतन कोण
संतुलन स्तर चार्ट पर वह कोण जहाँ बिक्री राजस्व रेखा, कुल लागत रेखा को काटती है। सामान्यतया प्रबंधक की यह रणनीति होती है कि वह जितना संभव हो इस आपतन कोण को बड़े से बड़ा करे क्योंकि संतुलन बिंदु के बाद यह कोण जितना बड़ा होता है उतना ही लाभ अधिक होगा। संतुलन बिंदु के नीचे कुल लागत रेखा और बिक्री राजस्व रेखा के मध्य का भाग कीलक हानियाँ कहलाता है और संतुलन बिंदु के ऊपर कुल लागत रेखा और बिक्री राजस्व रेखा के मध्य का भाग कीलक लाभ कहलाता हैं। कीलक लाभ का परिमाण मुख्यतया आपतन कोण के परिमाण से निर्धारित होता हैं।
  • annual audit -- वार्षिक लेखा परीक्षा
लेखा पुस्तकों एवं अभिलेखों की वार्षिक सम्यक् जाँच। पब्लिक लिमिटेड कंपनियों में यह जाँच बाहर के सनदी लेखाकारों द्वारा कराई जाती हैं।
  • annual report -- वार्षिक रिपोर्ट, वार्षिक प्रतिवेदन
निदेशक मंडल द्वारा शेयरधारियों एवं अन्य संबंधित पक्षों के लिए प्रस्तुत किया जाने वाला प्रचालन परिणामों का एक वार्षिक औपचारिक प्रतिवेदन जिसमें वर्ष के अंत की वित्तीय स्थिति, लाक्ष-हानि विवरण, लेखा परीक्षक का प्रतिवेदन, अन्य वित्तीय सामग्री एवं प्रबंधकीय टिप्पणी होती हैं।
  • anticipatory breach -- पूर्वापेक्षित भंग
संविदा के अन्य पक्षों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वाह करने से पहले ही किसी एक पक्ष द्वारा अपने दिवालिया हो जाने या संविदा की शर्तों को पूरा न करने की इच्छा के कारण संविदा का भंग हो जाना।
  • antidumping tariff -- प्रतिपाटन प्रशुल्क, प्रतिपाटन टैरिफ
किसी देश द्वारा ऐसी वस्तुओं पर लगाया गया सीमाशुल्क जिन्हें नियतिक देश बाजार पाटने के विचार से अपने यहाँ की क़ीमतों से कम क़ीमत पर लाकर बेचना चाहते हैं। ऐसा सीमाशुल्क लगा देने से वस्तुएँ मंहगी हो जाती हैं जिसके फलस्वरूप बाजार पाटना संभव नहीं हो पाता।
  • appraisal -- आँकना, अंकन
किसी परियोजना की अर्थकारिता, उत्तरदायित्व के निर्वाह अथवा कार्य के निष्पादन की प्रगति को आँकना।
  • appraisal -- मूल्यांकन

1. किसी स्थावर या वैयक्तिक संपत्ति का मूल्य निर्धारित करने की विधि। 2. किसी कार्मिक की पदोन्नति अथवा वेतन वृद्धि के लिए उसके कार्य निष्पादन या योग्यता के आधार पर किया गया मूल्यांकन।

  • appraisal interview -- समीक्षा साक्षात्कार
गत निष्पादन और भविष्य के संभाव्य का मूल्यांकन करने की तकनीक जो वेतन समीक्षा या प्रबंध विकास के लिए अपनाई जाती है।
  • apprentice -- शिक्षु
ऐसा व्यक्ति जो कार्य में निपुणता हासिल करने हेतु एक निश्चित अवधि के लिए किसी प्रतिष्ठान में काम करता है। सामान्यतः यह व्यक्ति अनुबंधित या करारबद्ध होता है औरकार्य के लिए उसे कुछ पारिश्रमिक भी दिया जाता हैं।
  • approach phase -- उपागम चरण
प्रतिष्ठान एवं उत्पाद के प्रति रूचि के लिए विक्रय प्रस्तुतीकरण का वह भाग जिसमें विक्रेता की उद्घोषण और शीघ्र विक्रय कार्य सम्मिलित होते हैं।
  • appropriation for advertising -- विज्ञापनार्थ विनियोजन
किसी प्रतिष्ठान के बजट में वह प्रस्तावित राशि जो भावी विज्ञापन व्यय के लिए रखी जाती है। सामान्यतया विज्ञापनार्थ विनियोजन को निर्धारित करने की तीन प्रणालियाँ हैं – (1) विक्रय प्रतिशत प्रणाली, (2) विक्रय इकाई प्रणाली, (3) बाजार सर्वेक्षण प्रणाली। व्यवसाय विशेष के लिए प्रत्येक प्रणाली में गुण-दोष है। आसान होने के कारण पहली दो प्रणालियाँ अधिक प्रचलित हैं। तीसरी अपेक्षाकृत कठिन किंतु पूर्ण हैं। बाजार सर्वेक्षण प्रणाली का प्रयोग अब बढ़ रहा हैं।
  • approval -- अनुमोदन
किसी प्रस्ताव, योजना अथवा निर्णय की सक्षम अधिकारी द्वारा अधिकारिक स्वीकृति या अनुसमर्थन।
  • aptitude test -- अभिक्षमता परीक्षा
कार्य विशेष को करने या विशेष कौशल को ग्रहण करने की व्यक्तिगत क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए तैयार किया गया परीक्षण। कार्मिक के चयन के लिए विभिन्न प्रकार के अभिक्षमता परीक्षण उपयोग में लाए जाते हैं जैसे शाब्दिक अभिक्षमता, संख्यात्मक अभिक्षमता, स्थानिक अभिक्षमता, यांत्रिक अभिक्षमता तथा लिपिकीय अभिक्षमता परीक्षण आदि।
  • area sampling -- क्षेत्र नमूना चयन
सांख्यिकी में प्रयुक्त तकनीक जिसके द्वारा संपूर्ण क्षेत्र के विभिन्न चयनित समुदायों के सभी निवासियों की सूचना एकत्र करके संपूर्ण क्षेत्र की सांख्यिकीय सूचना ज्ञात कर ली जाती है। यह तकनीक गुच्छ प्रतिचयन के नाम से भी जानी जाती है।
  • arithmetic mean -- समांतर माध्य
औसत निकालने की एक सांख्यिकीय विधि जिसमें मदों के जोड़ को मदों की संख्या से भाग दिया जाता हैं। इसके भजनफल को ”समांतर माध्य” कहते हैं।
  • arithmetic progression -- समांतर आरोहण
संख्याओं तथा राशियों का वह अनुक्रम जिसमें किसी संख्या और उसके ठीक पहले आने वाली संख्या का अंतर सदैव समान रहता हैं।
  • array -- सरणी
मूल्यों का परिमाणानुसार व्यवस्थित क्रम जिसमें प्रायः लघुत्तम परिमाण से शुरू करके महत्तम परिमाण तक जाते हैं।
  • arrears -- बकाया
भुगतान योग्य वह राशि जो नियत तिथि को अदा न होने के कारण अदाकर्ता द्वारा देय हैं।
  • arrival draft -- पहुँच ड्राफ्ट
जहाज़ से मंगाई वस्तुओं का बिल। पोत लदानकर्ता वसूली बैंक को बिल एवं जहाज़ी प्रमाणपत्रों को भेज देता है जो वहाँ माल पहुँचने से पहले ही आ जाते हैं। जब पोतलदान आ जाता है तो बिल का भुगतान करना पड़ता है। तभी वसूली बैंक माल प्राप्तकर्ता को जहाज़ी प्रमाणपत्रों की सुपुर्दगी करता हैं। इस प्रकार बिल के भुगतान होने पर ही लदान की प्राप्ति हो पाती हैं।
  • asking price -- माँगी क़ीमत
किसी वस्तु को बेचने के लिए विक्रेता द्वारा माँगी गई क़ीमत। प्रायः स्थावर सम्पत्तियों एवं प्रतिभूतियों के सौदों में व्यवहृत इस अभिव्यक्ति का आशय यह है कि विक्रेता इस क़ीमत के आसपास सौदा करने के लिए तैयार हो जाएगा।
  • assemblage -- संयोजन
किसी पाठ के मुख्य उद्देश्य के अतिरिक्त प्रसंगवश अन्य सामग्री का सीखना।
  • assembly line -- क्रमिक संयोजन विन्यास, असेम्बली लाइन
मशीनों, उपस्करों और श्रमिकों को इस क्रम से लगाना कि उत्पादन की विभिन्न उप-प्रक्रियाएँ, बिना व्यर्थ समय नष्ट किए एक के बाद एक संपन्न होती रहें और अंतिम चरण में वस्तु पूरी तरह बनकर तैयार हो जाए। इस प्रकार उत्पाद का निर्माण एक श्रृंखला में संपन्न होता है।
  • assembly line production -- समनुक्रम-उत्पादन
उत्पादन की ऐसी व्यवस्था जिसमें निर्माणाधीन वस्तु कन्वेयर बैल्ट के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाती है और कारीगर विभिन्न चरणों में उस पर काम करते जाते हैं। अंत में, वह पूरी तरह तैयार हो कर फैक्टरी से बाहर निकलती है। इस प्रकार, प्रारंभ से लेकर पूर्ण निर्माण की अवस्था तक वस्तु पर श्रृंखलाबद्ध रूप से काम होता रहता है।
  • assessed value -- निर्धारित मूल्य
संपदा शुल्क की गणना के लिए स्थावर एवं निजी संपत्ति का सरकार द्वारा किया गया मूल्यांकन।
  • asset approach -- परिसंपत्ति दृष्टिकोण
पूर्व दत्त खर्चे के लेखाकरण की एक प्रणाली जिसके अंतर्गत आरंभ में इन व्ययों को परिसंपत्ति खाते के नामे डाल दिया जाता है। वर्ष के अंत में समायोजन के लिए उस परिसंपत्ति खाते की जमा की तरफ वह राशि डाल दी जाती है जिसका उपभोग वर्तमान लेखावधि में किया जा चुका है। साथ ही इसी राशि को एक खर्च खाता खोल कर नामे डाल दिया जाता है ताकि वह लाभहानि लेखे में खर्च की मद के रूप में दिखाई जा सके।
  • asset stripping -- परिसंपत्ति निचोड़ना
किसी कंपनी का अधिग्रहण करके उसकी मूल्यवान परिसंपत्तियों और प्रक्रियाओं को बेचकर तत्काल लाभार्जन करना। यह अधिग्रहण कंपनी के विकास अथवा विस्तार के उद्देश्य से नहीं किया जाता और न ही इसमें कर्मचारियों की रोजगार सुरक्षा अथवा उपभोक्ताओं की आवश्यकता का विचार सामने रखा जाता हैं।
  • asset structure -- परिसंपत्ति संरचना
कंपनी के अधिकार में संपत्तियों का निश्चित मिश्रण। इसे चालू परिसंपत्ति और स्थायी परिसंपत्ति में बाँटा जा सकता है। गत्यात्मक कंपनी में यह मिश्रण परिवर्तित होता रहतै है। इस मिश्रण का इच्छित संयोग बनाए रखना वित्तीय प्रबंधक का कार्य है।
  • assumed liability -- अभिगृहीत देयता
दूसरे से ली गई देयता जैसे कंपनी विलय के समय एक कंपनी अवाप्त कंपनी की परिसंपत्ति के साथ-साथ उसकी देयता को भी धारण कर लेती है।
  • at a discount -- बट्टे पर, अवमूल्य पर
देo below par.
  • at a premium -- प्रीमियम पर, अधिमूल्य पर
देo above par.
  • at best (=at the best order) -- अनुकूलतम क़ीमत आदेश
व्यापारी द्वारा बाज़ार-स्थित अपने दलाल अथवा आढ़तिया को दिया गया निर्देश जिसके अनुसार उसे बाज़ार के रूख को देखकर सबसे लाभकर क़ीमत पर सौदा कर लेने की अनुमति दे दी जाती हैं।
  • at par -- सममूल्य पर
किसी प्रतिभूति, बंधपत्र आदि के अंकित मूल्य और बाजार मूल्य में समता होना। प्रतिभूति जब बाज़ार में अंकित मूल्य पर बिकती है तो उसे ” सममूल्य पर” बिक्री कहा जाता हैं।
तुलo देo above par/ below par.
  • attachment -- कुर्की
न्यायालय के आदेश द्वारा वादी की पहल पर प्रतिवादी की संपत्ति को जब्त कर लेना या वादी के दावे के फैसले तक उसे सुरक्षित रखना ताकि वह उस संपत्ति से अपने दावों की पूर्ति कर सके।
  • attitude (s) -- रूख, अभिवृत्ति
व्यक्ति के निश्चित ढंग से व्यवहार करने की पूर्व वृत्ति।
  • attitude survey -- अभिवृत्ति सर्वेक्षण
प्रतिष्ठान के उत्पादनों, नीतियों, काम की परिस्थितियों और मालिक मज़दूर संबंधों के विविध पहलुओं के बारे में कर्मचारियों, उपभोक्तओं, निवेशकर्ताओं आदि के दृष्टिकोण का अध्ययन करना।
  • attribute -- गुण विशेषता
वे विशेषताएँ जिनके योग से मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण होता हैं। सांख्यिकीय, गणितीय अथवा लेखाशास्रीय विश्लेषण के लिए इन विशेषताओं को आंकड़ों में व्यक्त करना।
  • audit standards -- लेखा परीक्षा मानदंड
लेखा परीक्षकों के व्यावसायिक संगठनों द्वारा निर्धारित मानक जिनके आधार पर लेखा परीक्षा की जाती है और जो न्यायिक संस्थाओं को मान्य होती हैं।
  • authorised agent -- प्राधिकृत अभिकर्ता, प्राधीकृत एजेन्ट
कंपनी, प्रतिष्ठान, फर्म अथवा व्यक्ति द्वारा नियुक्त अभिकर्ता। इस प्रकार के अभिकर्ता को निर्दिष्ट क्षेत्र में मालिक की ओर से कार्य करने के पूर्ण अधिकार प्राप्त होते हैं।
  • authorised capital -- प्राधिकृत पूंजी, अधिकृत पूंजी
किसी नई कंपनी के गठन तथा उसके भारतीय कंपनी अधिनियम के अधीन पंजीकृत होते समय कंपनी के प्रवर्तकों द्वारा प्रस्तावित और सरकार द्वारा अनुमोदित पूंजी-राशि। कंपनी को ‘अधिकृत पूंजी’ की सीमा में रहते हुए ही शेयर जारी करने का अधिकार होता है। इसमें संशोधन के जरिए वृद्धि कराई जा सकती है। इसे ”पंजीकृत पूंजी” (registered capital) भी कहते हैं।
तुलo देo issued capital.
  • authoritarian management -- सत्तावादी प्रबंध, प्राधिकारवादी प्रबंध
एक प्रकार की प्रबंध शैली जिसमें यह विश्वास किया जाता है कि लोग आवश्यक रूप से आलसी, आत्म-केंद्रित और असहयोगी होते हैं और अनुशासन के लिए कड़े निर्देशन और नियंत्रण की आवश्यकता होती हैं।
  • authoritarian theory -- सत्तावादी सिद्धांत
यह सिद्धांत मानता है कि मानवीय संबंधों के विचार व्यवसाय में असंगत होते हैं और अधिकांश व्यक्ति स्वभावतः दूसरे पर निर्भर, निष्क्रिय, स्वार्थी और असहयोगी होते हैं। इसलिए निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ती एवं अनुशासन बनाए रखने के लिए उन पर प्रबल निर्देश एवं कठोर नियंत्रण की जरूरत है।
  • authority -- प्राधिकार
किसी पदधारी या कार्मिक को प्राप्त शक्ति जिसका प्रयोग वह अपने कर्त्तव्यों के निर्वाह के दौरान निर्णय लेते समय करता है।
  • authority of knowledge -- ज्ञान प्राधिकार
किसी विषय का सर्वाधिक ज्ञान रखने वाले व्यक्ति का उस विषय में प्राधिकारी की भूमिका निभाने का अर्जित अधिकार।
  • authority of purchase -- क्रय प्राधिकार
सुदूर पूर्व के देशों में वाणिज्यिक साख पत्र के स्थान पर प्रयुक्त स्थानापत्र यह पत्र जिस बैंक के लिए लिखा जाता है उसे अधिकार देता है कि वह किसी आयातक पर आहरित ड्राफ्टों को खरीद ले।
  • authority of situation -- स्थितिजन्य प्राधिकार
किसी व्यक्ति के पास तात्कालिक कार्य के लिए जरूरत के आधार पर नियंत्रण का अधिकार। जैसे किसी गंभीर संकट की परिस्थिति में समूह में से कोई भी व्यक्ति नेतृत्व ग्रहण कर समूह का मार्गदर्शन करता है।
  • authorization -- प्राधिकरण
बीमाकर्ता संरक्षित राशि के दिए हुए वर्ग, किसी श्रेणी विशेष या विशिष्ट संपत्ति की जोखिम को स्वीकार करता है। इसकी सूचना अभिकर्ताओं को मार्गदर्शन के लिए या उनकी माँग पर प्रदान की जाती हैं।
  • authorization card -- प्राधिकार पत्र
सेवारत श्रमिक द्वारा नियोक्ता को दिया गया हस्ताक्षरित प्रलेख जिसमें वह निर्दिष्ट श्रमिक संगठन को अपने लिए सामूहिक सौदेकारी करने का प्राधिकार देता है।
  • authorized dealer -- प्राधीकृत व्यापारी
विनिर्माता द्वारा नियुक्त व्यापारी जो विनिर्माता के किसी उत्पाद या उत्पादों के लिए एकमात्र या अनैकांतिक अभिकर्ता के रूप में कार्य करेगा।
  • autocratic control -- एकतंत्रीय नियंत्रण
अध्यक्ष या प्रबंधक का किसी कंपनी या विभाग पर दृढ़ व्यक्तिगत नियंत्रण। यह सीजर प्रबंध के नाम से भी जाना जाता है।
  • auto-financing (=self-financing) -- स्ववित्तीयन
प्रतिष्ठान के संचालन व्ययों, करों तथा लाभांशों की अदायगी के पश्चात् उपलब्ध बिक्री आय के अंश का पूंजीगत मदों के लिए उपयोग।
  • automatic data processing (ADP) -- स्वचालित डाटा प्रक्रमण (ए.डी.पी.)
कंप्यूटर पर आधारित इलैक्ट्रोनिक उपस्करों की सहायता से आँकड़े दर्ज करने की तकनीक जिसके अंतर्गत सूचनां को एकत्र किया जाता है, उनका निर्वचन और संचरण किया जाता है। इसमें आंकिक अभिलेख से लेकर अंतिम विवरण तैयार होने तक की सभी प्रक्रियाएँ मशीनी होती हैं। इसका उपयोग प्रबंधकीय निर्णय लेने हेतु तत्काल आँकड़े उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है।
  • automatic programming -- स्वचल प्रोग्रामन
कंप्यूटर प्रोग्रामन से प्रत्यक्षतः संबंधित कार्य के कुछ चरणों को पूरा करने के लिए स्वचल दत्त (सामग्री) प्रक्रमण की प्रणाली का प्रयोग करना।
  • automatic scheduling with time integrated resource allocation (ASTRA) -- एस्ट्रा (आटोमेटिक शिड्यूलिंग विद् टाइम इन्टीग्रेटेड रिसोर्स एलोकेशन )
अमरीका की जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी द्वारा विकसित जालरूप विश्लेषण तकनीक जिसकी सहायता से साधनों के आबंटन की समस्या सुलझाई जाती है और कार्य के पूरा होने की तारीखों का व्यावहारिक अनुमान तैयार करने के लिए क्रियाकलापों की कालक्रमानुसार योजना बनाई जाती है।
  • automation -- स्वचलन
मानव श्रम के स्थान पर मशीनों का प्रयोग जिससे प्रक्रियाएँ स्वयमेव होती जाती हैं।
  • automistic competition -- स्वचालित प्रतिस्पर्धा
विशुद्ध और प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए प्रयुक्त शब्द जिसमें सरकार एवं अन्य किसी का भी बाज़ार संचलन में हस्तक्षेप नहीं होता।
  • auxiliary activity -- सहायक कार्यकलाप
किसी मुख्य संक्रिया के निष्पादन में सुविधा पहुँचाने की दृष्टि से प्रदान की गई सेवाएँ अथवा सहायक कार्यकलाप।
  • auxiliary agency -- सहायक एजेन्सी
किसी प्रतिष्ठान का वह समन्वयकारी तकनीकी विभाग जो सभी कार्यरत इकाइयों की जरूरतों की देखभाल करता है और उन पर नियंत्रण रखता है।
  • average balance -- औसत शेष
बैंक सेवा का उपयोग करने वाले व्यक्ति द्वारा किसी बैंक में रखी जाने वाली जमा राशि की मात्रा जो उस व्यक्ति को दी जाने वाली साख के प्रतिशत में व्यक्त की जाती है। उदाहरणार्थ 5000/- रूपये के अदत्त ऋण पर यदि उसी अवधि के लिए 1000/- रूo जमा राशि के रूप में रखे जाते हैं तो 20 प्रतिशत औसत शेष होगा।
  • average collection period -- औसत वसूली अवधि
वित्तीय प्रबंध का एक दक्षता अनुपात। एक प्रतिष्ठान अपनी उधारी की औसतन कितनी समयावधि में वसूली करता है वह उसकी औसत वसूली अवधि कहलाती है। इसे निकालने का सूत्र इस प्रकार है :
देनदार x महीने (दिन)
______________
साख विक्री
  • average life -- सामान्य जीवन
ह्रासमान परिसंपत्तियों के उपयोगिता-काल का आकलन करने की एक विधि जिसमें उन परिसंपत्तियों की अलग-अलग मूल लागत के अनुसार उन्हें भारित करके उनका काल निर्धारित किया जाता हैं।
  • average outgoing quality level (AOQL) -- औसत निर्गामी गुण-स्तर
विनिर्मित माल की केपों की गुणवत्ता को जाँचने वाले निरीक्षण तंत्र द्वारा अनुमत खराब नगों (नुक्स वाले माल) की अधिकतम संख्या जो प्रायः प्रतिशत के रूप में निर्दिष्ट की जाती हैं।
  • average rate of return (ARR) -- प्रतिफल की औसत दर
यह औसत शुद्ध आय का औसत विनियोग पर अनुपात है, जिसका प्रयोग पूंजी बजट बनाने में किया जाता हैं। इसे प्रतिफल की लेखाकरण दर भी कहते हैं।
  • backdoor selling -- प्रच्छन्न बिक्री
बिक्री की एक लोकप्रिय तकनीक जिसमें कंपनी द्वारा नामजद व्यक्तियों की उपेक्षा करके उपभोक्ताओं को सीधी बिक्री की जाती है। इसे क्रेता एवं विक्रेता कंपनियों द्वारा हतोसाहित किया जाता है।
  • backlog -- पिछला संग्रह
कोई अतिरेक या संचय या उपभोक्ताओं के अपूरित आदेश।
  • backraking -- वरिष्ठता अनुक्रम से छंटनी
कामबन्दी की अवस्था में वरिष्ठता अधिकारों का प्रयोग करते हुए अवर कर्मचारियों को हटाना।
  • bad delivery -- दोषपूर्ण अंतरण

1. शेयर बाज़ार के अंतर्गत बिक्रीत शेयरों का अंतरण जो नियमानुसार न हुआ हो। इस अंतरण को पूर्ण करने के लिए संबंधित दोष का निदान आवश्यक है। 2. सामान्यतः वस्तुओं का वह अंतरण जो संविदा की मौलिक शर्तों के अनुसार न हो।

  • bad faith -- दुर्भाव
सामान्यतया संविदा के संबंध में धोखा देने या कपट करने का आशय। परन्तु इसमें निश्छल भूल या साधारण लापरवाही को छोड़कर विचारपूर्वक संविदा भंग करने का निश्चय समाहित है।
  • bad title -- दोषपूर्ण स्वत्व
दोषयुक्त या ऋणग्रस्त स्वत्व जो अंतरित न किया जा सकने की स्थिति में हो।
  • bait and switch -- प्रलोभन युक्ति
बिक्री की एक अनैतिक और अवैधानिक तकनीक जिसमें विक्रेता असाधारण रूप से कम दामों पर किसी वस्तु की बिक्री का विज्ञापन देता है। स्वाभाविक है कि ग्राहक आकर्षित होकर उसकी दुकान पर जाते हैं। ग्राहकों के आने पर वह विक्रेता विज्ञापित वस्तु के संबंध में बहाने बनाता है कि वह तो बिक चुकी है या माल की खेप अभी आकर पहुँची नहीं है और ग्राहकों को वह महँगी वस्तुएँ दिखाने लगता है। परिणामस्वरूप फँसा हुआ ग्राहक वहाँ से कुछ न कुछ क्रय कर ही लेता हैं।
  • balanced budget -- संतुलित बजट
किसी अवधि विशेष (सामान्यतः एक वर्ष) के लिए बनाया गया ऐसा बजट जिसमें प्रत्याशित आय और व्यय समतुल्य हो अथवा जिसमें उन्हें समतुल्य बनाने का प्रयास परिलक्षित होता हो।
  • balanced growth -- संतुलित संवृद्धि
देश की अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रकों का ऐसा समन्वित विकास कि किसी क्षेत्रक में अवरोध अथवा गतिरोध की स्थिति पैदा न होने पाए। अधिकतर विकासशील देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं की “संतुलित संवृद्धि” के लिए निवेश तथा उत्पादन का ऐसा कार्यक्रम तैयार करते हैं जिससे परस्पर संबद्ध क्षेत्रकों का साथ-साथ विकास हो। उदाहरण के लिए, वस्त्रोद्योग के विकास का कार्यक्रम तैयार करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लिया जाता है कि कपास का उत्पादन बढ़े, रंजक द्रव्यों का उद्योग विकसित हो, परिवहन सुविधाओं में वृद्धि हो और कपड़े की खपत बढ़े।
  • balance of payments -- भुगतान-संतुलन, अदायगी-संतुलन
किसी देश द्वारा, एक अवधि विशेष में, विदेशों से प्राप्त राशियाँ और उनको किए गए भुगतानों के मूल्य का अंतर। इसके परिकलन में दृश्य, अदृश्य और अन्य सभी प्रकार की मदें शामिल की जाती हैं।
तुलo देo balance of trade.
  • balance of trade -- व्यापार-शेष
किसी देश द्वारा, एक अवधि विशेष में, आयातित और निर्यातित वस्तुओं के मूल्य का अंतर। जब निर्यात-राशि आयात-राशि से अधिक हो तो “व्यापारशेष” अनुकूल और आयात-राशि निर्यात-राशि से अधिक हो तो “व्यापार-शेष” प्रतिकूल कहलाता है। “व्यापार-शेष” केवल दृश्य मदों को शामिल करके परिकलित किया जाता हैं।
तुलo देo balance of payments.
  • balance sheet budget -- तुलन पत्र बजट
इसमें भविष्य के विशिष्ट समयों पर परिसंपत्तियों, देनदारियों और पूंजी लेखा की स्थितियों का पूर्वानुमान किया जाता हैं।
  • balance sheet ratios -- तुलन पत्र अनुपात
तुलन पत्र के मदों से निकाले गए उपयुक्त चयनित अनुपात जिनसे प्रबंध और/या कंपनी की कुशलता को मापा जाता है। ये अनुपात लाभ और नियोजित पूंजी, लाभ और बिक्री, देनदारियों और चालू परिसंपत्तियों इत्यादि के बीच हो सकते हैं। विस्तृत तुलन पत्र में मोटे तौर पर तरलता अनुपात, लाभकारिता अनुपात और निवेश अनुपात दिए जाते हैं।
  • balance ticket -- बैलेन्स टिकट
ऐसी स्थिति में जबकि शेयरधारी अपने प्रमाणपत्र में उल्लिखित शेयरों का एक अंश ही किसी दूसरे को अंतरित करता है तो कंपनी मूल शेयरधारी को शेष शेयरों के स्वामित्व के प्रमाणस्वरूप जो प्रलेख देती है वह शेष या बैलन्स टिकट कहलाता हैं।
  • balloon payment -- स्फुलित भुगतान
छोटी-छोटी राशियों के भुगतान के पश्चात् ऋण की परिपक्वता पर किया जाने वाला बहुत बड़ी राशि का भुगतान।
  • band chart -- पट्टी चार्ट, बेण्ड चार्ट
स्तरों (परतों) के रूप में जानकारी प्रस्तुत करने वाला चार्ट।
  • banking power -- निवेश शक्ति
किसी बैंक की रूपया लगाने की क्षमता जो उसके बेशी रिजर्व से निर्धारित होती हैं।
  • bank of deposit -- जमा बैंक
वे बैंक जो अपने ग्राहकों से जमा प्राप्त करके उन्हें चैक द्वारा आहरण सुविधा प्रदान करते हैं।
  • bar chart -- दंड चार्ट, बार चार्ट
शलाकाओं के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत करने वाला चार्ट। इसमें शलाकाओं की लम्बाई को घटा-बढ़ा कर आँकड़ो का न्यूनाधिक्य दर्शाया जाता है।
  • bargain basement -- रियायती सौदा तलघर
किसी प्रतिष्ठान का वह भाग जहाँ पर घटाई हुई क़ीमतों पर वस्तु की बिक्री की जाती है। प्रायः यह बिक्री उस प्रतिष्ठान के तलघर में की जाती है, इसलिए इसे यह नाम दिया गया है।
  • bargain counter -- रियायती सौदा पटल
1. प्रतिभूतियाँ : वह बाजार जहाँ प्रतिभूतियों को उनके मूल्य से कम मूल्य पर बिक्री के लिए प्रस्तुत किया गया हो।
2. खुदरा व्यापार : वह स्थान जहाँ घटाई हुई/रियायती क़ीमतों पर व्यापारिक वस्तुओं का विक्रय होता हैं।
  • bargain hunter -- रियायतोन्मुखी क्रेता
1. वह क्रेता जो प्रतिभूति बाज़ार में रियायती प्रतिभूतियों की फिराक में रहता कि कब क़ीमत कम हो और वह विचारी हुई क़ीमत पर उन्हें खरीद सके। यह प्रायः शेयर बाज़ार में मंदी के समय संभव होता है।
2. वह व्यक्ति जो किसी भी प्रकार के बाज़ार में रियायती सौदेबाजी की फिराक में रहता हो।
  • base pay rate -- मूल वेतन दर
संविदा या कानून द्वारा निश्चित घंटों के लिए कर्मचारी की घंटेवार मजदूरी दर। किन्तू यदि वह इन नियत घंटों के बाद भी काम करेगा तो मूल वेतन दर से भिन्न घंटेवार दर से अदायगी की जाएगी।
  • base period -- आधार अवधि
वह अवधि जिसके आधार पर सूचकांक, व्यावसायिक परिवर्तनों या संवृद्धि दर की गणना की जाती है। इस आधार अवधि (जो सामान्यतः एक कलैंडर वर्ष होती है) को 100 मान लिया जाता है और उसके आधार पर लक्षित अवधि की तपलना की जाती है।
  • base salary -- आधार वेतन
वह वेतन जो प्रत्यक्ष प्रतिपूर्ति योजना का एक भाग हो जैसे एक योजना जिसमें कमीशन और बोनस भी सम्मिलित हो।
  • base stock method -- मूल स्टाक पद्धति
स्टाक मूल्यांकन की एक पद्धति जिसमें स्टाक के एक भाग का मूल्य एक निश्चित अनुमानित दीर्घकालीन क़ीमतों पर निर्धारित किया जाता है और रिकार्ड में अंकित किया जाता है तथा शेष स्टाक का किसी अन्य क़ीमतों पर। सतत स्फीति के समय सामान्यतया यह सोचा जाता है कि चालू स्टाक की क़ीमत कम करके ही बताई जाए।
  • base year -- आधार वर्ष
विभिन्न वर्षों से संबंधित आँकड़ों की परस्पर तुलना को सुगम बनाने के लिए अपनाया गया कोई सामान्य वर्ष जिसके आँकड़े का मूल्य प्रायः 100 मान लिया जाता है। उदाहरण के लिए 1960 को आधार वर्ष रखकर उसके उपभोक्ता क़ीमत सूचकांक को 100 मान लें तो अन्य वर्षों के क़ीमत सूचकांकों में होने वाली कमी या बढ़ोत्तरी को इसी की तुलना में दर्शाने की विधि यह होगी कि 1963 में यदि क़ीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है तो उसके सूचकांक को 110 कहेंगे।
  • basic motion time (BMT) -- आधारिक गति समय, बीoएमoटीo
वह विशिष्ट पूर्व निर्धारित गति समय प्रणाली जिसका विकास प्रेसग्रेव और बेली ने कनाडा में 1950 में किया था। इसके अंतर्गत शरीर के किसी अंग के एक संपूर्ण संचालन को आधारिक गति की संज्ञा दी जाती है और किसी उत्पादक कार्य (अथवा सेवा) के निष्पादन में जितनी इस प्रकार की गतियाँ होती हैं उन सबके लिए क्रमशः मानक निष्पादन समय निर्धारित कर दिया जाता है। प्रत्येक आधारिक गति के लिए समय निर्धारित करते वक्त शरीर के अंग विशेष को कितनी दूरी तय करनी है, नज़र का इस्तेमाल कितना है, शारीरिक शक्ति कितनी लगेगी, मानसीक जागरूकता कितनी चाहिए आदि सभी संबद्ध बातों का ध्यान रखा जाता हैं।
  • basic work data -- आधारिक कार्य दत्त सामग्री
अनावर्ती काम के लिए आईo सीo आईo लिमिटेड द्वारा विकसित कार्यमापन तकनीक।
  • batch -- खेप
प्रक्रमण या बिक्री के लिए चुनी गई माल की मात्रा की एक इकाई।
  • batch costing -- खेप-लागत निर्धारण
लागत निर्धारण की एक विधि जिसमें प्रत्येक खेप के उत्पादन में होने वाले खर्च को अलग से निकालकर खेप की लागत निर्धारित की जाती हैं।
  • batch production -- खेप उत्पादन
पुंज उत्पादन से भिन्न एक उत्पादन विधि जिसमें माल का सतत उत्पादन नहीं होता बल्कि पूर्व निर्धारित इकाइयों में किया जाता हैं।
  • Bedaux (point) system -- बवो (बिंदु) पद्धति
एक प्रेरणात्मक मज़दूरी प्रणाली, जिसके जन्मदाता फ्रांसीसी उद्योगपति बवो थे। इस प्रणाली के अंतर्गत एक मजदूर एक मजदूर एक मिनिट में सामान्यतः जितना काम कर लेता है, उसके उस प्रयास को एक अंक मान लिया जाता है। इस प्रकार एक श्रमिक का प्रति घंटा उत्पादन 60 अंक हुआ। श्रमिक उससे ऊपर जितने अंक उत्पादित करता है, उसके 75 प्रतिशत अंकों का पारिश्रमिक उसकी मजदूरी में बढ़ोतरी के रूप में जोड़ दिया जाता हैं।
  • behavioural decision theory -- व्यवहारात्मक निर्णय सिद्धांत
निर्णय लेने में व्यक्ति, समूह और संगठनात्मक कारकों के प्रभाव की जाँच करने वाला निर्णय माँडल।
  • behavioural school -- व्यवहारवादी संप्रदाय
प्रबंधविज्ञान का एक आधुनिक संप्रदाय जिसके द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों में प्रबंध को एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रम माना गया है। इस संप्रदाय के समर्थक आवश्यकताओं, अभियानों, अभिप्रेरण, नेतृत्व, व्यवहार, कार्यसमूह और परिवर्तन के प्रबंध पर विशेष बल देते हैं।
  • behaviour modification -- व्यवहार परिष्करण
वांछनीय व्यवहार को प्रोत्साहित करने की तथा अवांछनीय व्यवहार में कमी करने की प्रक्रिया। इस उद्देश्य से पारितोषिक प्रदान करना, दंड देना, प्रशिक्षण प्रदान करना आदि विधियाँ प्रयुक्त की जाती हैं।
  • behaviour study -- व्यवहार अध्ययन
किसी बाज़ार में व्यक्तियों के स्वरूप और अवसरों के मूल्यांकनार्थ बाज़ार अनुसंधान में प्रयुक्त एक सांख्यिकीय तकनीक।
  • below par -- अवमूल्य पर
जब किसी प्रतिभूति, बंधपत्र आदि को अंकित मूल्य से कम पर खरीदा या बेचा जाता है तो यह ‘अवमूल्य पर’ किया गया सौदा कहलाता है।
समानo at a discount.
तुलo देo above par, at par.
  • benchmark -- निदेश चिह्न
ऐसा स्तर अथवा बिंदु जिसके हवाले से किसी निष्पादित कार्य का मूल्यांकन किया जाता है। इससे कार्य-श्रेणीकरण और विभिन्न स्तरों के वेतन निर्धारण में सहायता ली जा सकती हैं।
  • beneficiary interest -- हिताधिकारी लाभ
किसी बीमा पालिसी, वसीयत या संविदा से प्राप्त होने वाले लाभों का अदिकार।
  • benefit cost analysis -- लाभ लागत विश्लेषण
सरकार द्वारा किए जाने वाले खर्च अथवा योजनाओं की लाभदायकता का मूल्यांकन करने की एक विधि। इसके अनुसार वही परिव्यय उचित होता है जिससे लागत की तुलना में लाभ अधिक हो। इसका उद्देश्य यथासंभव अधिक से अधिक मूर्त तथा अमूर्त लाभों और लागतों की पता करके उनको मात्रात्मक स्वरूप प्रदान करना होता हैं।
  • bid -- बोली;बोली लगाना
1. किसी विशिष्ट क़ीमत पर तत्काल क्रय या विक्रय करने का प्रस्ताव।
2. प्रतिभूति बाज़ार में किसी विशिष्ट क़ीमत पर क्रय करने का प्रस्ताव जो विक्रेता को स्वीकार्य होने पर पक्का सौदा बन जाता है।
3. ठेकेदार अथवा निविदादाता द्वारा किसी काम के लिए प्रस्तावित दर।
  • bidding theory -- बोली प्रमेय
अन्य प्रतिष्ठानों को खरीदने के प्रयत्न में लगी कंपनियों के दृष्टिकोण, प्रवृत्तियों और साधनों के विश्लेषणात्मक अध्ययन की सहायता से प्रतियोगितात्मक व्यूह रचना की प्रयुक्ति।
  • bill board -- विज्ञापन पट्ट
बाह्य विज्ञापन में इश्तहार का ऐसा पट्ट जो सामान्यतः आने-जाने वालों का ध्यान आकर्षित करने के लिए लगाया जाता हैं।
  • bill book -- बिल बुक, विपत्र बही
वह बही जिसमें विनिमय पत्रों की प्राप्ति एवं भुगतान का लेखा-जोखा रखा जाता है। सामान्यतया ये दो बहियाँ होती हैं जिनमें से एक प्रतिष्ठान के प्राप्य बिलों के लिए एवं दूसरी देय बिलों के लिए होती हैं।
  • billing machine -- बिल निर्माण मशीन
वह व्यावसायिक मशीन जो बिल बनाने एवं संबंधित प्रलेखों को तैयार करने का कार्य करती हैं।
  • bill of lading -- लदान पत्र, लदान बिल
विदेश-व्यापार में प्रयुक्त एक दस्तावेज जो वाहक द्वारा नौभार-परेषक को एक रसीद और संविदापत्र के रूप में दिया जाता है और जिसके अनुसार माल का नौवहन तथा सुपुर्दगी की जाती है। इसमें जहाज का नाम तथा माल के बारे में विवरण होता है। इसकी एक प्रति निर्यातक, दूसरी जहाज के कप्तान तथा तीसरी आयातक को दी जाती है। यह स्वामित्व प्रदान करने वाला दस्तावेज है जिससे इनका धारक उल्लिखित माल का कब्जा लेता है।
  • bill of materials -- सामग्री सूची
उत्पादन की एक निश्चित मात्रा के निर्माण के लिए अनुमत प्रत्यक्ष सामग्रियों की मात्रा की विशिष्टियाँ।
  • bin card -- बिन कार्ड
स्टाक का अभिलेख रखने का एक कार्ड जो स्टोर में किसी शेल्फ अथवा अन्य स्थान पर रखा जाता है, जिसमें मौजूदा मात्रा का लेखा-जोखा भी रहता है। बिन कार्ड में माल की प्राप्ति, निर्गभ, अधिकतम और न्यूनतम भंडार्य राशि आदि का ब्यौरा भी रखा जा सकता है। इसे स्टाक रिकार्ड कार्ड भी कहते हैं।
  • black list -- वर्ज्य सूची
व्यवहार के मान्य स्तर का स्पष्ट उल्लंघन करने वाले पक्षों अथवा व्यक्तियों की सूची जिनसे सूची बनाने वाला पक्ष भविष्य में व्यवहार करना नहीं चाहता।
  • black marketing -- कालाबाजारी, चोरबाज़ारी
क़ीमत-नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन करके दुर्लभ या नियंत्रित वस्तुओं को चोरी-छिपे निर्धारित क़ीमत से अधिक भाव पर बेचने का कार्य।
  • black money -- काला धन
गैर क़ानूनी व्यवसाय, धंधों या साधनों से कमाया गया धन। इस तरह की कमाई को कर योग्य आमदनी में नहीं दर्शाया जाता।
  • blanket agreement -- व्यापक करार
राष्ट्रिय या उद्योगव्यापी सौदाकारी के परिणामस्वरूप उत्पन्न सामूहिक सहमति।
  • blanket insurance policy -- व्यापक बीमा पालिसी
बहु बीमा पालिसी जिसमें एक वस्तु के बजाए वस्तुओं के समूह का बीमा किया जाता हो जैसे, भवन और उसमें मौजूद सभी सामान का एक साथ बीमा।
  • blanket mortage -- व्यापक बंधक
एक से अधिक संपत्तियों को बंधक रखकर प्राप्त किया गया ऋण जिसमें सारी संपत्ति बंधक हो जाती है। यदि बंधककर्ता किसी संपत्ति को बंधक मुक्त कराना चाहता है तो उसे पूर्ण ऋण लौटाना पड़ता है।
  • blanket order -- खुला क्रयादेश
वह क्रयादेश जो संभावी क्रेताओं की माँग को ध्यान में रखकर दिया जाता हैं।
  • blanket rate -- बहुव्यापी दर
परिवहन के संदर्भ में किसी भौगोलिक क्षेत्र में सभी वस्तुओं पर ली जाने वाली ढुलाई दर जो एक स्थान से किसी भी दूसरे स्थान तक एक समान होती है और इसमें दूरी का कोई विचार नहीं किया जाता।
  • blank transfer -- अनामी अंतरण
एक अंतरण विलेख जिसमें अंतरिती के नाम की जगह खाली छोड़ दी जाती है। यह अंतरण बैंक, बैंकरों या अन्य किसी को स्टाक और शेयरों को आड़ रखकर उधार दी गई राशि की अधिक सुरक्षा हेतु दिया जाता हैं।
  • blind entry -- विवरणहीन प्रविष्टि
लेखाकरण रिकार्ड में की गई वह प्रविष्टि जिसमें राशि के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की सूचना दर्ज न की गई हो।
  • block diagram -- समावेशी रेखाचित्र
किसी तंत्र/प्रणाली के समष्टिगत दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने वाला आरेख जो इसकी उप-प्रणालियों के संपूर्ण संबंध को दर्शाता है।
  • blocked exchange -- निरूद्ध विनिमय
ऐसी शासकीय नीति जिसके अंतर्गत विशिष्ट प्रकार के विदेशी विनिमय में ही लेन-देन की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
  • blue chip -- उत्कृष्ट शेयर, ब्लू चिप
शेयर बाज़ार की भाषा में उन कंपनियों के शेयरों के लिए प्रयुक्त पद जो अच्छे लाभांश, निवेश की सुरक्षा, कुशल प्रबंध एवं अच्छे विकास की संभावनाओं का द्योतक है।
  • board of directors -- निदेशक मंडल
शेयरधारियों द्वारा चयनित वे व्यक्ति जो उद्यम का प्रबंध करते हैं।
  • board room -- परिषद्/मंडल-कक्ष
प्रबंध मंडल के निदेशकों की बैठक के लिए निश्चित कक्ष।
  • body language -- देह भाषा
अशाब्दिक संप्रेषण का वह तरीका जिसमें शब्दों का प्रयोग किए बिना ही शरीर के अंगों द्वारा अपने विचारों को प्रकट करना। जैसे भवें तन जाना, कंधे उचकाना इत्यादि।
  • book debts -- खाता ऋण
व्यापारी की बहियों में उल्लिखित अदत्त लेखे जो भुगतान की प्रत्याशनुसार शोध्य, संदिग्ध और अशोध्य के रूप में वर्गीकृत किए जाते हैं।
  • book value -- अंकित मूल्य, खाता मूल्य
किसी परिसंपत्ति का लेखे में प्रदर्शित निवल मूल्य जो उसके वास्तविक वा बाजार मूल्य से भिन्न भी हो सकता हैं।
  • book value per share -- प्रतिशेयर खातामूल्य
बुद्ध मालियत को निर्गमित शेयरों की संख्या से भाग देने पर प्राप्त लब्धि प्रति शेयर का खाता मूल्य होती है।
  • boom and bust -- तेजी और मंदी
व्यापार चक्र की अनियंत्रित संक्रियाओं का वर्णन करने वाली स्थिति। जैसे 1920 की तेजी/समृद्धि के पश्चात् आई 1930 की भयंकर मंदी।
  • bottleneck -- गतिरोध
संगठनात्मक संचार, संकार्यों, गतिविधियों और प्रक्रिया के सामान्य प्रवाह को रोकने वाले तत्व।
  • brainstorming -- विचारावेश
एक प्रकार की समूह-चर्चा जिसमें भाग लेने वाले सदस्यों को थोड़े-से समय में ही अधिक से अधिक सृजनात्मक एवं कल्पनाशील विचार उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन्हें रिकार्ड कर लिया जाता है और बाद में समूह के नेता अथवा प्रबंधक वर्ग द्वारा इनका मूल्यांकन और समीक्षा की जाती है। इसे सृजनात्मक चिन्तन कहा जाता है।
  • brand consciousness -- ब्रांड चेतना
क्रय निर्णय में उपभोक्ता द्वारा किसी ब्रांड विशेष के प्रति दिखाई गई जागरूकता।
  • brand development index -- ब्रांड विकास सूचकांक
देo market opportunity index.
  • branded merchandise -- ब्रांडशुदा माल
वह माल जो विनिर्माता या विक्रेता के व्यापारिक नाम से पहचाना जाता है।
  • brand form market -- ब्रांड रूप बाज़ार
देo market partitioning theory.
  • brand image -- ब्रांड इमेज
किसी उत्पाद के मौजूदा अथवा संभावित ग्राहकों के मन में ब्रांड विशेष के प्रति बैठी हुई धारणा।
  • brand loyalty -- ब्रांड निष्ठा
किसी विशेष ब्रांड के प्रति खरीदार की इस सीमा तक पसन्द कि वह उस ब्रांड की स्थानापन्न वस्तु खरीदने से इंकार कर दे। ब्रांड निष्ठा पैदा हो जाने पर न केवल उस वस्तु के बारबार आर्डर प्राप्त होते हैं, बल्कि उसी कंपनी द्वारा निर्मित अन्य उत्पादों की माँग भी बढ़ जाया करती हैं।
  • brand recognition -- ब्रांड पहचान
किसी वस्तु के उपलब्ध अनेक ब्रांडों के बीच एक ब्रांड विशेष के प्रति क्रेताओं का पूर्ण परिचय का भाव।
  • breach of warranty -- आश्वस्ति भंग
विक्रेता द्वारा वस्तु के विषय में दिया गया आश्वासन जब झूठा सिद्ध हो जाता है तो उसे आश्वस्ति भंग कहते हैं।
  • breakeven analysis -- संतुलन स्तर विश्लेषण
बिक्री-आय, बंधी लागतों और परिवर्ती लागतों के परस्पर संबंध की जाँच की विधि जिसका उद्देश्य उस न्यूनतम उत्पादन-स्तर का निर्धारण करना होता है जिस पर प्रतिष्ठान को न लाभ है, न हानि। इस विश्लेषण से यह मालूम किया जा सकता है कि उत्पादन-स्तर में कोई परिवर्तन करने से लागतों और लाभ की मात्रा पर क्या प्रभाव पड़ेगा। यह विश्लेषण प्रबंधकीय नीति निर्धारण में सहायक होता हैं।
  • breakeven budget -- संतुलन स्तर बजेट
बजट की वह मुद्रा राशि जिस पर प्रतिष्ठान की आंतरिक सृजित ईक्विटी समाप्त हो गई है और बाह्य सृजित ईक्विटी का प्रयोग प्रारंभ हो गया है।
  • breakeven chart -- संतुलन स्तर चार्ट
ऐसा चार्ट जो विभिन्न उत्पादन स्तरों पर प्रतिष्ठान की लाभ मात्रा को दर्शाता है। इससे उत्पादन और बिक्री के विभिन्न स्तरों पर कुल आय तथा कुल लागत का परस्पर संबंध स्पष्ट होता है। चार्ट का उपयोग बदलती हुई आर्थिक परिस्थितियों में कुल बिक्री और लाभों के स्तर के संबंध का पूर्वानुमान लगाने के लिए किया जाता हैं। इसे “लाभ चित्र” भी कहते हैं।
  • breakeven performance -- संतुलन स्तर निष्पादन
निष्पादन का वह स्तर आगे बोनस वेतन की अदायगी आरंभ होती है।
  • break-even point -- संतुलन-स्तर बिंदु, लाभ-अलाभ स्थिति
संतुलन-स्तर चार्ट में बने दोनों वक्र जहाँ एक दूसरे को काटते हैं, उसे ‘संतुलन-स्तर’ बिंदु कहा जाता है। इस बिंदु पर प्रदर्शित मात्रा बनाने या बेचने पर उत्पादक को न लाभ होता है, न हानि।
  • broad market -- व्यापक बाजार, सक्रिय बाजार, व्यापक सौदा स्थिति
व्यापक बाज़ार, सक्रिय बाज़ार : यदि किसी वस्तु का व्यापक क्षेत्र में एक ही भाव चल रहा है और उस भाव पर वह बहुतायत से खरीदी-बेची जा रही है तो ऐसी स्थिति को उस वस्तु के ‘व्यापक बाज़ार’ की संज्ञा दी जाएगी;
क्षेत्र की दृष्टि से विस्तृत बाज़ार अर्थात् ऐसा बाज़ार जिसकी भौगोलिक सीमाएँ पर्याप्त विस्तृत हों;
वह बाज़ार जिसमें बहुत प्रकार की वस्तुओं का काफ़ी मात्रा में क्रय-विक्रय होता हैं।
व्यापक सौदा स्थिति : प्रतिभूति-बाज़ार की वह अवस्था जिसमें विभिन्न प्रकार के शेयरों आदि का जोरदार क्रय-विक्रय होता है।
  • broken lot -- खंडित राशि
व्यापारिक सौदों की पारंपारिक इकाई से कम मात्रा।
  • broker dealer -- दलाल व्यापारी
वे प्रतिभूति व्यापारी जो अपने लेखाओं के मार्फत सौदे करने के साथ-साथ अपने ग्राहकों के लिए भी व्यवसाय संपादित करते हैं।
  • broker’s contract note -- दलाल का संविदा नोट
दलाल द्वारा अपने मालिक को इस बात की पुष्टि के लिए भेजी गई लिखित सूचना कि उसके निर्देशानुसार सौदा कर दिया गया है।
  • broker’s loan -- दलाल-ऋण
प्रतिभूति दलाल या व्यापारी को प्रतिभूतियों के वित्तीयन के लिए बैंक द्वारा दिया गया ऋण।
  • broker’s order -- दलाल आदेश
जहाजी दलाल द्वारा अभिग्राही नोट पर किया गया आधिकारिक पृष्ठांकन जिसमें उल्लिखित वस्तुओं को जहाज पर परिवहन के लिए स्वीकार किया जाता हैं।
  • broker’s returns -- दलाल की विवरणी
जहाजी दलाल को प्रतिदिन जहाज़ पर माल लदान के समय या जहाज द्वारा लदान बन्द करने के तुरन्त बाद भेजी गई मालसूची जो जहाज पर लादी गई वस्तुओं को दर्शाती है।
  • bubble -- बुलबुला
विवेकहीन निवेश जिसमें क़ीमत का परिसंपत्तियों के मूल्य से नाममात्र का संबंध होता हैं।
  • budget allocation -- बजट आबंटन
बजट में समाविष्ट विभिन्न मदों के बीच आय और व्यय की राशियों का बंटवारा।
  • budgetary control -- बजटीय नियंत्रण
प्रतिष्ठान के प्रत्येक कार्यकलाप के स्तर का पूर्वानुमान करके उसका मौद्रिक मूल्य आकलित करना और फिर समय-समय पर इस पूर्वनिर्धारित बजट के आँकड़ों के अनुरूप उस क्रियाकलाप के वास्तविक स्तर की यथार्य़ लागत और आय पर नियंत्रण रखना।
  • budgetary variance -- बजटीय अंतर
बजटीय अनुमान और वास्तविक आय तथा व्यय के बीच अंतर की मात्रा।
  • budgeting -- बजटन, बजट बनाना
पूर्व निश्चित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपलब्ध संसाधनों के समुचित बँटवारे की प्रक्रिया। व्यावसायिक संगठनों में प्रबंधक वर्ग अपने संगठन के लिए औपचारिक प्राक्कलनों का निर्धारण करता है और कंपनीव्यापी पूर्वानुमान घोषित करता है, इस प्रक्रिया को बजट बनाना भी कहा जाता हैं।
  • budget period -- बजट अवधि
वह अवधि जिसके लिए बजट तैयार किया जाता है। परिस्थिति अनुसार वह दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक हो सकती है।
  • buffer stock -- बफर स्टाक
सामान्य से अधिक उत्पादन या प्राप्ति की अवधि में संचित अतिरिक्त स्टाक जो आगे की कमी वाली अवधी में उपयोग क लिए रखा जाता है।
  • bulge -- उभार
प्रतिभूति बाज़ार में प्रतिभूतियों के सामान्य क़ीमत स्तर में अपेक्षाकृत अल्प समय के लिए होने वाली अप्रत्याशित वृद्धि।
  • business activity -- व्यावसायिक कार्यकलाप
किसी अर्थव्यवस्था में व्यावसायिक लेन-देन का सामान्य स्तर।
  • business combination -- व्यावसायिक संयुति
किन्ही दो या दो से अधिक व्यवसायों का एक में मिल जाना। यह समामेलन, विलय या पुनर्निर्माण के रूप में हो सकता है।
  • business environment -- व्यावसायिक परिवेश
सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक घटकों का मिश्रण जो व्यवसाय की संचालन क्षमता को प्रभावित करता हैं।
  • business ethics -- व्यावसायिक नैतिकता
नैतिकता और ईमानदारी के स्वीकृत सामाजिक नियमों को व्यवसाय के क्षेत्र में भी लागू किया जाता है। व्यावसायिक नैतिकता के ये नियम सामाजिक नैतिकता के ये नियम सामाजिक नैतिकता से अभिन्न होते है और उनका पालन भी उतना ही आवश्यक होता हैं।
  • business failure -- व्यवसाय भंग
अपनी देयताओं का निर्वाह करने में असमर्थ होने के कारण किसी प्रतिष्ठान या कारोबार का बंद हो जाना। यह स्वैच्छिक भी हो सकता है अथवा अनैच्छिक भी।
  • business firm -- व्यावसायिक प्रतिष्ठान
कोई संगठन जो लाभ के लिए कारोबार करता है। ये प्रायः तीन प्रकार के होते हैः निगम, भगीदारी फर्म और व्यक्तिगत स्वामित्व।
  • business forecasting -- व्यावसायिक पूर्वानुमान
भविष्य की व्यवसायिक धारणाओं एवं घटनाओं की विभिन्न वैश्लेषिक उपागमों एवं साधनों के द्वारा भविष्यवाणी। पूर्वानुमान में सांख्यिकीय तकनीकों, गणितीय पद्धतियों और कंप्यूटर विश्लेषण के प्रयोग की प्रधानता रहती है।
  • business indicator -- व्यवसाय सूचक
सांख्यिकीय सामग्री जो व्यावसायिक गतिविधि के कारकों के स्तर पर प्रभाव डालती हैं।
  • business insurance -- व्यवसाय बीमा
किसी व्यावसायिक कारोबार को पूंजी की क्षति से सुरक्षा प्रदान करने वाली बीमा संविदा।
  • business logistics -- व्यावसायिक सुप्रचालन तंत्र
माल और आदमियों के एक जगह से दूसरी जगह ले जाने तथा माँग और पूर्ति के बीच तालमेल स्थापित करने वाले संगठनों या प्रतिष्ठानों के क्रियाकलापों में सांख्यिकीय विधियों की प्रयुक्ति जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जब जिस चीज या आदमी की जहाँ जरूरत पड़ेगी वह उस समय अपेक्षित मात्रा या संख्या में उपलब्ध होगी।
  • business name -- व्यावसायिक नाम
वह नाम जिसके अधीन कोई व्यक्ति, प्रतिष्ठान या संगठन व्यापारिक कार्यकलाप संपन्न करता है। अक्सर इस नाम को पंजीकृत भी कराना होता है। इसमें व्यापार चिह्न (ट्रेड मार्क) को भी शामिल किया जा सकता है।
  • business risk -- व्यावसायिक जोखिम
साख एवं निवेश उद्देश्यों के लिए प्रबंध वर्ग की दक्षताओं और उनके निष्पादन, सापेक्षिक क़ीमतों और प्रतियोगिता स्तर के आधार पर बाज़ार स्थान-घटकों और कुल मिलाकर व्यावसायिक प्रक्रियाओं तथा संभावनोओं का अनुमान लगाना।
  • buyers over -- क्रेताधिक्य
वह स्थिति जिसमें क्रेता विक्रेताओं से अधिक होते हैं।
  • buying on margin -- पड़ते पर क्रय
प्रतिभूतियों का क्रय जिसमें तत्काल पूरी क़ीमत अदा नहीं की जाती।
  • buyout -- पूर्णक्रय
1. व्यावसायिक संगठन में नियंत्रक स्वामित्व का क्रय।

2. किसी चालू प्रतिष्ठान की सभी परिसंपत्तियों, माल आदि को खरीद लेना। 3. मजदूरी में वृद्धि हो जाने के कारण किसी प्रतिष्ठान के नुकसान में चले जाने की वजह से कर्मचारियों द्वारा उस प्रतिष्ठान को अक्सर कम क़ीमत पर खरीद लेना और अपने नियंत्रण में उसे चलाना।

  • callable bond -- प्रतिदेय बंधपत्र
एक कंपनी द्वारा निर्गमित वह बंधपत्र जिसका परिपक्वता अवधि पूरी होने से पहले ही निर्गम करने वाली कंपनी भुगतान कर देती हैं।
  • call loan -- अल्पावधि ऋण, माँग कर्ज
वह ऋण जो माँगने पर देय हो। सामान्यतया ऐसे ऋण व्यापार में दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दिए और लिए जाते हैं। इनके लिए औपचारिक लिखत-पड़त की आवश्यकता नहीं होती।
  • call option -- वैकल्पिक विक्रय-अधिकार
यदि सटोरिए को किसी कंपनी के शेयरों के भाव में सुर्खी आने की उम्मीद होती है तो वह शेयरधारी से निर्धारित अवधि में एक निश्चित भाव पर (जो वर्तमान भाव से प्रायः ऊँचा ही होगा) उन शेयरों को बेच देने का अधिकार खरीद लेता है। यह अधिकार वैकल्पिक होता है अर्थात् यदि भाव आशानुकूल चढ़ जाते हैं तो सटोरिया शेयरों को बेचकर लाभ कमा लेता है और यदि नहीं चढ़ते तो विक्रय-अधिकार प्राप्त करने की एवज़ उसने जो रकम शेयरधारी को दी थी, वह खो बैठता है। यह ‘वैकल्पिक विक्रय अधिकार’ कहलाता है।
  • capacity -- क्षमता
विनिर्माण के संदर्भ में उपलब्ध उपस्कर एवं संयंत्र की सहायता से एक निश्चित अवधि में वस्तुओं अथवा सेवाओं की एक निश्चित मात्रा उत्पादित करने की योग्यता।
  • capacity utilization ratio -- क्षमता-उपयोग अनुपात
क्षमता का सैद्धांतिक और व्यावहारिक संबंध जिसे अनुपात के रूप में व्यक्त किया जाता है। उदाहरणतः यदि किसी उद्योग की कुल क्षमता 100 इकाई उत्पादन करने की है किन्तु वास्तव में वह 75 इकाई उत्पादित कर रहा है तो उसका क्षमता-उपयोग अनुपात 75 प्रतिशय होगा।
  • capacity usage ratio (=capacity utilization ratio) -- क्षमता-उपयोग अनुपात
बजट-अवधि में संभावित अधिकतम कार्य घंटों तथा लक्षित कार्य घंटों के बीच का अनुपात।
  • capital budget -- पूंजी बजट
(अ) सरकार के बजट का वह भाग जिसमें उसके पूंजीगत व्यवहारों का विवरण होता हैं।

(आ) किसी प्रतिष्ठान द्वारा एक निर्धारित अवधि के दौरान किए जाने वाले योजनाबद्ध व्ययों तथा वित्तीय साधनों के अनुमानों का पत्रक।

  • capital coefficient -- पूंजी गुणांक
उत्पादन क्षमता में एक अतिरिक्त इकाई बढ़ाने के लिए आवश्यक नए पूंजी निवेश की राशि को पूंजी गुणांक कहा जाता है। यह गुणांक विभिन्न उद्यमों और उद्योगों में अलग-अलग हो सकता है। इसे पूंजी निर्गत अनुपात भी कहते हैं।
देo capital output ratio.
  • capital consumption -- पूंजी उपभोग
किसी प्रतिष्ठान के पूंजी निवेश का वह भाग जो उत्पादन की प्रक्रिया में आंशिक या पूर्ण रूप से खप जाता हैं।
  • capital employed -- प्रयुक्त पूंजी
किसी प्रतिष्ठान अथवा उद्यम में लगाई गई पूंजी। यह निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त की जा सकती हैं :
1. कुल प्रयुक्त पूंजी : स्थायी तथा चालू परिसंपत्तियों में विनियोजित समस्त घनराशि।
2. निवल प्रयुक्त पूंजी : स्थायी तथा चालू परिसंपत्तियों के योग में से चालू देयताओं के घटाने के बाद का शेष।

3. स्वामियों अथवा शेयरधारियों की निवल प्रयुक्त पूंजी : अर्थात् उनके द्वारा कुल प्रदत्त पूंजी और प्रतिष्ठान की आरक्षित निधियों का योग।

  • capital expenditure -- पूंजीगत खर्च, पूंजीगत व्यय
किसी परिसंपत्ति के अर्जन. संवर्धन अथवा विस्तार के लिए किया गया निवेश। इसका लाभ आने वाले कई वर्षों तक मिलता रहता हैं।
  • capital formation -- पूंजी निर्माण
किसी देश के स्टाक में वास्तविक पूंजी की वृद्धि। यह वृद्धि किसी अर्थव्यवस्था में सकल पूंजी निवेश में से मूल्यह्रास की राशि घटाकर ज्ञात की जाती हैं। किसी अर्थव्यवस्था का दीर्घकालीन स्वास्थ्य और उसकी आर्थिक प्रगति इसी पूंजी निर्माण दर पर निर्भर करती हैं।
  • capital investment -- पूंजी निवेश
स्थायी परिसंपत्तियों पर लगाई गई धनराशि। पूंजी निवेश के अंतर्गत उन सब निधियों का निवेश सम्मिलित होता है, जिनकी वापसी सामान्यतः एक वित्तीय वर्ष में होने की संभावना नहीं होती हैं।
  • capital loss -- पूंजीगत हानि
पूंजीगत परिसंपत्तियों की एक वर्ष की अवधि से अधिक रखे रहने के पश्चात् जब नुकसान से बेचा जाता है तो उस हानि को पूंजीगत हानि कहा जाता हैं।
  • capital outlay -- पूंजी परिव्यय
स्थायी परिसंपत्तियों पर लगाई गई रकम जिसमें आरंभिक निवेश के अलावा प्रतिस्थापना और विस्तार पर किया गया व्यय भी सम्मिलित होता है।
  • capital output ratio -- पूंजी-निर्गत अनुपात
मूल्यह्रास घटाने के बाद प्रतिष्ठान के संयंत्र और उपस्कर के खाता मूल्य तथा प्रतिष्ठान के उत्पाद के सकल मूल्य का अनुपात। यह पूंजी निवेश की मात्रा के निर्धारण तथा निविष्ट पूंजी की उत्पादिता के मापन के संदर्भ में प्रयुक्त होता हैं।
  • capital rating -- हैसियत निर्धारण
व्यापारिक संगठन द्वारा किसी फर्म की शुद्ध मालियत का मूल्यांकन करके उसकी हैसियत का निर्धारण करने की प्रक्रिया।
  • capital reserve -- पूंजी रिजर्व
इसमें वे राशियाँ सम्मिलित होती है जिन्हें लाभ-हानि खाते के जरिए नक़द लाभांश के रूप में नहीं बाँटा जा सकता। इसका प्रयोग बोनस शेयर जारी करने में किया जा सकता है। पूंजी रिजर्व के उदाहरण है : शेयर प्रीमियम के रूप में प्राप्त राशि, प्रतिधारित अर्जन तथा स्थायी परिसंपत्तियों के पुनर्मल्यन से उदभूत अधिशेष।
  • capital structure -- पूंजी संरचना
कुल पूंजी में ऋण और इक्विटी पूंजी के मिश्रण का ढाँचा।
  • captive market -- आबद्ध बाज़ार
ऐसा बाज़ार जहाँ क्रेता के पास विक्रेता को चुनने का कोई विकल्प ही न हो। जैसे खेल के मैदान में दर्शकों को खाने-पीने की चीज़ उसी ठेकेदार से खरीदनी होगी जिसे उस मैदान का ठेका मिला हुआ हैं।
  • carrot and stick approach -- दाम दंड उपागम
प्रबंध का एक सिद्धांत जिसके अनुसार निश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए परिस्थिति-अनुसार बहुधा नरम या कठोर रूख एक साथ अपनाए जाते हैं।
  • carrying costs -- रखाव लागत
नियत समय के पश्चात् वस्तुओं की रखाई पर आने वाली लागत, जिसमें गोदाम भाड़ा, बीमा, निविष्ट धन पर ब्याज और पुरानेपन के कारण मूल्यह्रास शामिल होते हैं।
  • case method -- केस पद्धति
शिक्षण या प्रशिक्षण में वस्तुस्थिति के अध्ययनों एवं व्यवहार के अनुभवों के माध्यम से सिखाना जो शिक्षार्थी को अपने अभ्यास का विकास, विश्लेषण के कौशल, स्पष्ट विवेचन, कल्पना के प्रयोग और बेहतर निर्णय में मदद करे। यह पारंपरिक व्याख्यान प्रणाली का विकल्प है।
  • case study -- केस अध्ययन
औद्योगिक या वाणिज्यिक परिवेश की किसी तकनीकी समस्या अथवा मानवीय संबंधों की परिस्थिति विशेष का वास्तविक या कल्पित आँकड़ों और तथ्यों सहित विवरण जो अध्ययन-अध्यापन के प्रयोजन से संकलित किया जाता है।
  • cash budget -- नक़दी बजट
किसी आगामी अवधि में होने वाली नक़द प्राप्तियों, किए जाने वाले भुगतानों तथा अवधि के अंत में संभावित रोकड़ बाकी का अनुमान।
  • cash flow -- नक़दी प्रवाह
एक अवधि विशेष के दौरान नक़दी आय और नक़दी व्यय के परिणामस्वरूप कंपनी की नक़दी-स्थिति में होने वाला परिवर्तन। सकल नक़दी प्रवाह में कुल लाभ तथा मूल्यह्रास शामिल होते है और निवल नक़दी प्रवाह में प्रतिधारित लाभ (अर्थात् कर तथा लाभांश देने के बाद बचा लाभ) तथा मूल्यह्रास शामिल होते हैं।
  • cash forecast -- नक़द पूर्वानुमान
व्यापारिक व्यवहार अथवा सौदों की एक पूर्वनिर्धारित योजना के कार्यान्वयन से प्राप्त होने वाली एवं देय राशियों से होने वाली नक़द राशि का अंदाजा।
  • category development index -- श्रेणी विकास सूचकांक
देo market opportunity index.
  • caveat emptor -- क्रेता सावधान, देखकर खरीदो
सामान्य विधि का एक सिद्धांत जो इस बात की अपेक्षा करता है कि ग्राहक को वस्तु या सेवा का क्रय सावधानीपूर्वक करना चाहिए और वस्तु के क्रय से पूर्व उसकी उपयुक्तता की जाँच कर लेनी चाहिए। यदि इसके पश्चात् वह कोई हानि का दावो करे तो क़ानून उसकी मदद नहीं करता हैं।
  • caveat venditor -- विक्रेता सावधान, देख कर बेचो
सामान्य विधि का एक सिद्धांत जो इस बात की अपेक्षा करता है कि विक्रेता बेची जाने वाली वस्तु या सेवा के बारे में पूरी ईमानदारी के साथ सभी जानकारी क्रेता को देगा, अन्यथा उसे अभियोजन का भागी होना पड़ेगा।
  • C-chart -- सीo चार्ट
वस्तु की गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से बनाया गया एक आरेख जिसमें नमूने में पाए गए दोषों का गुणानुसार चिह्नन किया जाता है।
  • centralization -- केन्द्रीयकरण
अधिकारों. कार्यों अथवा सेवाओं का किसी एक स्थान अथवा व्यक्ति विशेष में निहित करने की क्रिया।
  • centralization of authority -- प्राधिकार केन्द्रीयकरण
किसी संगठन में निर्णय-निर्माण के प्राधिकार को शीर्षस्थ प्रबंधक वर्ग में सीमित रखने की प्रवृत्ति। ऐसी स्थिति में निर्णय लेने का प्राधिकार या तो प्रत्यायोजित किया ही नहीं जाता या नाममात्र को ही किया जाता हैं।
  • centralized planning -- केन्द्रीकृत आयोजना
एक पूर्ण नियोजित अर्थव्यवस्था में सभी प्रमुख आर्थिक क्रियाओं पर सरकार द्वारा राज्य की किसी एजेंसी के माध्यम से नियंत्रण करना। मिश्रित अर्थव्यवस्था में कुछ प्रमुख आर्थिक क्रियाओं पर केंद्रीय सरकार नियंत्रण रखती है और शेष को निजी क्षेत्रक के लिए छोड़ देती हैं।
  • certificate of incorporation -- निगमन प्रमाण-पत्र
पंजीयक को अपेक्षित कागज़ात एवं आवश्यक शुल्क की अदायगी करने पर यदि पंजीयक कंपनी के बारे में सन्तुष्ट हो जाता है तो वह नई कंपनी को अपने रजिस्टर में दर्ज करके अपने हस्ताक्षर से युक्त पंजीयन के प्रमाणस्वरूप एक प्रमाण-पत्र जारी करता है जिसे निगमन प्रमाण-पत्र कहते हैं। तब वह कंपनी अपने सदस्यों से भिन्न एक वैधानिक व्यक्ति का स्वरूप ग्रहण कर लेती हैं।
  • certificate of origin -- उद्गम प्रमाण-पत्र
वह प्रमाण-पत्र जिसमें यह घोषित किया जाता है कि विदेशी राष्ट्र से क्रय की गई वस्तुएँ उसी राष्ट्र में उत्पादित की गई हैं किसी अन्य में नहीं।
  • chain of command -- समादेश श्रृंखला
देo line of command.
  • change process -- परिवर्तन प्रक्रिया
संगठन में बदलाव लाने की प्रक्रिया जिसमें पुराने तरीकों के शिकंजे को ढीला करना तथा नवीन व्यवहारों को बढ़ावा देना शामिल होता है। लेविन के अनुसार इसके तीन चरण हैं (1) यथास्थिति को उद्वेलित करना, (2) नवीन स्तर की ओर बढ़ना, और (3) नए संतुलनों को स्थापित करना।
  • check list -- जाँच सूची
समीक्षा, मूल्यांकन अथवा विश्लेषण को सुगत बनाने के लिए तैयार की गई प्रश्नावली जिसमें संबंधित कार्य-स्थिति अथवा विषय के विभिन्न पहलुओं की ओर ध्यान आकर्षित करने वाले प्रश्न एक श्रृंखला के रूप में दिए जाते हैं।
  • check off -- चंदा कटौती
नियोजक द्वारा कर्मचारियों के वेतन में से मजदूर संघ का सदस्यता शुल्क काटकर उसे संघ को इकट्ठा अदा कर देना।
  • chief executive -- मुख्य कार्यपालक
निदेशक मंडल तथा कंपनी नियमावली में नीति को कार्यरूप देने और प्रतिष्ठान के क्रियाकलाप को समन्वित करने वाला शीर्षस्थ पदाधिकारी।
  • class action -- वर्गीय कार्रवाई
एक ऐसी कानूनी कार्रवाई जिसके अंतर्गत समानहितार्थी व्यक्ति या व्यक्ति समूह अपने हितों की रक्षा के लिए किसी संगठन के विरूद्ध सामूहिक रूप से कार्रवाई करते या कदम उठाते हैं जैसे उपभोक्ता अथवा शेयरधारियों का वर्गसमूह।
  • classification of risks -- जोखिम वर्गीकरण
इसका प्रयोग बीमा व्यवसाय में होता हैं। जोखिम की गंभीरता के आधार पर ही बीमा-प्रीमियम की मात्रा तय की जाती है। इसी आधार पर अत्यधिक जोखिम वाले धंधों की प्रीमियम-दरें भी ज्यादा रखी जाती हैं।
  • classified advertising -- वर्गीकृत विज्ञापन
विभिन्न समाचारपत्रों में प्रकाशित किए जाने वाले छोटे-छोटे विज्ञापन जो उस पत्र-पत्रिका के एक विशेष समूह वर्ग के अंतर्गत छापे जाते हैं। ये विज्ञापन अक्सर “रिक्त स्थान”, “नौकरी चाहिए”, “बिक्री के लिए”, आदि स्तंभों में विज्ञापित किए जाते हैं। इनकी विज्ञापन दरें भी अक्सर शब्दों की संख्या तथा स्थान के आधार पर तय की जाती हैं।
  • clock card -- समय कार्ड
वह कार्ड जिसमें कर्मचारियों के आने-जाने का समय रिकार्ड किया जाता है एवं प्रक्रिया अथवा जाँच को शुरू करने तथा समाप्त करने का समय भी दर्ज होता हैं।
  • closed shop -- संघ पाबंद प्रतिष्ठान, संघ पाबंद कर्मशाला
ऐसा प्रतिष्ठान जहाँ उन्हीं लोगों को रोज़गार दिया जाता है जो मान्यताप्राप्त मज़दूर संघ के सदस्य हैं।
  • closely held company -- संवृत निगम, एकाधिकारवत् कंपनी
ऐसी कंपनी जो थोड़े से व्यक्तियों के स्वामित्व में होती है और जो उस कंपनी का सारा कार्य व्यापार अपने होथों में संभाले रखते हैं। इस प्रकार की कंपनी के अधिकांश शेयर इन्हीं व्यक्तियों के पास होते हैं और बाहरी व्यक्तियों के पास या तो ना के बराबर या बिल्कुल नहीं होते।
  • code of conduct -- आचरण संहिता
किसी प्रतिष्ठान के कर्मचारियों के लिए व्यवहार तथा वर्तन के नियमों का संग्रह।
  • cognitive dissonance theory -- संज्ञानात्मक विसंगति सिद्धांत
एक क्रेता किसी वस्तु का क्रय करने से पूर्व अनेक विकल्पों पर विचार करता है और इन सबके संबंध में उसकी कुछ पूर्व धारणाएँ होती हैं। क्रय निर्णय उन वस्तुओं के लिए होता है जो उसकी पूर्व धारणाओं से मेल खाती हैं। इसके विपरीत जिन विकल्पों का वह त्याग कर देता है उनका ऐसी पूर्व धारणाओं से सामंजस्य नहीं होता। सामंजस्य का यह अभाव ही संज्ञानात्मक विसंगति सिद्धांत है।
  • collection cost -- वसूली लागत
साख या उधार स्वीकृत करने, लेनदारी लेखे के प्रबंध करने तथा कर्ज वसूल करने में निहित लिपिकीय और प्रशासनिक खर्च।
  • collection cycle -- वसूली चक्र
वह गतिविधि जो उधार देने तथा उसे वसूल करने के बीच होती हैं।
  • collective bargaining -- सामूहिक सौदाकारी
ऐसी प्रणाली जिसके अंतर्गत औद्योगिक प्रतिष्ठान के कर्मचारी और नियोक्ता परस्पर विचार-विमर्श के द्वारा कर्मचारियों के लिए परिश्रमिक की दरें, कार्य घंटे तथा काम की अन्य शर्तें तय करते हैं। इसमें कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व उनका संघ करता हैं।
  • commercial law -- वाणिज्यिक विधि, व्यापारिक कानून
विधि या क़ानून की वह शाखा जिसका संबंध व्यावसायिक उद्यमों तथा व्यापारिक कार्यकलाप से होता है, इनमें संविदाएँ परक्राम्य लिखत, संपदाएँ व न्यास, बिक्री, लेनदार तथा देनदार व्यवहार, कंपनी, संपत्ति तथा प्रतिभूतियाँ आदि से संबंधित कानून शामिल होते हैं।
  • commission agent -- आढ़तिया, कमीशन एजेन्ट
ऐसा व्यक्ति या प्रतिष्ठान जो किसी वायापारी या उत्पादक (जिसे इस संदर्भ में “मालिक” कहा जाता है) की ओर से माल की बिक्री करता है और इस सेवा के बदले पूर्व-निर्धारित दर से पारिश्रमिक लेता है।
  • communication -- संचार, संप्रेषण
दो या दो से अधिक लोगों के मध्य सूचनाओं, विचारों, धारणाओं, अनुभूतियों आदि का सार्थक आदान-प्रदान।
  • communication channel -- संप्रेषण सरणी
वह व्यवस्था जिसके माध्यम से प्रेषक और प्राप्तकर्ता के बीच संदेशों में निहित अर्थों के प्रतीकों का आदान-प्रदान होता है। इनका प्रवाह ऊर्ध्वगामी, अधोगामी अथवा समस्तरीय हो सकता है।
  • communication overload -- संचार का अतिभार
वह स्थिति जिसमें कर्मचारी को जरूरत से ज्यादा या उसकी संसाधन क्षमता से अधिक संदेश मिलें।
  • communication theory -- संचार सिद्धांत
किसी निश्चित क्रिया अथवा परिवेश से संबद्ध व्यक्तियों के बीच विचारों के आदान प्रदान अथवा परामर्श के अध्ययन के संबंध में किए जाने वाले अनुसंधान की आधारभूत प्राक्कल्पनाओं के लिए प्रयुक्त अभिव्यक्ति।
  • company -- कंपनी
लाभार्जन के लिए स्थापित ऐसा स्वैच्छिक संगठन :

(i) जिसकी पूंजी अंतरमीय शेयरों में विभाजित हो; (ii) जिसके सदस्यों की देयता सीमित हो; (iii) जो निगमित निकाय हो; और (iv) जिसकी अपनी एक मोहर हो।

company के प्रमुख प्रकारों के लिए देo closely held company, holding company, parent holding company, private company, public company, subsidiary company.
  • company law board -- कंपनी विधि मंडल कंपनी क़ानून बोर्ड
कंपनी क़ानून के प्रशासन के लिए उत्तरदायी मंडल। इसको प्रशासनिक और न्यायिक दोनों प्रकार की शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
  • comparative advantage -- तुलनात्मक सुलाभ
किसी देश अथवा आर्थिक इकाई की अन्य देश या अन्य आर्थिक इकाई की अपेक्षा कम लागत पर वस्तु उत्पादित करने की क्षमता। उदाहरणतः यदि जापान का इलैक्ट्रोनिकी उद्योग अमरीकी इलैक्ट्रोनिकी उद्योग की तुलना में सस्ता माल बना सकता है तो जापानी उद्योग को तुलना में सस्ता माल बना सकता है तो जापानी उद्योग को तुलनात्मक सुलाभ प्राप्त होगा।
  • comparative balance sheet -- तुलनात्मक तुलन-पत्र
वह तुलन-पत्र जिसमें वर्तमान वर्ष के अंत में समानांतर कोष्ठकों में पूर्व वर्ष या वर्षों की राशि को भी दिखाया जाता है। इससे दो या दो से अधिक वर्षों की तुलना करने में सुविधा होती है।
  • comparative income statement -- तुलनात्मक आय-विवरण
वर्तमान वर्ष के लिए तैयार किया गया ऐसा लाभ-हानि विवरण (आय विवरण) जिसके समानांतर कोष्ठकों में पूर्व वर्ष के आय विवरणों की प्रविष्टियाँ भी होती हैं। इससे विभिन्न वर्षों के आँकड़ों की तुलना करने में सुविधा होती हैं।
  • comparative positioning -- प्रतिस्पर्धी स्थानन
यह विपणन कार्यनीति प्रक्रिया का वह कदम होता है, जिसके अधीन एक फर्म यह निर्धारण करती है कि प्रतियोगियों द्वारा लक्ष्य बाज़ार में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दिए गए प्रस्तावों के प्रति जवाबी प्रस्ताव क्या होने चाहिए। उदाहरण के लिए किसी भी वस्तु के मूल्य अथवा उसकी क़ीमत या गुणवत्ता से संबंधित निम्नलिखित प्रतिस्पर्धी स्थानन कार्यनीतियाँ हो सकती हैं –
(1) प्रीमियम कार्यनीति,
(2) तीव्र प्रवेश कार्यनीति,
(3) अति सौदाकारी कार्यनीति,
(4) अति-मूल्यन कार्यनीति,
(5) औसत गुणवता कार्यनीति,
(6) सौदाकारी कार्यनीति,
(7) मारो और भागो कार्यनीति,
(8) घटिया वस्तुओं से संबंधित कार्यनीति, और
(9) सस्ती वस्तुओं से संबंधित कार्यनीति।
  • competence theory of authority -- प्राधिकार का सामर्थ्य सिद्धांत
एक सिद्धांत जो इस विश्वास पर आधारित है कि प्राधिकार व्यक्तिगत तकनीकी सामर्थ्य के गुणों से उत्पन्न होता है। तकनीकी दृष्टि से समर्थ प्राधिकारी दूसरों के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के बीच भी अपने सही परामर्शों एवं विशिष्ट व्यक्तित्व के कारण ऐसा स्थान बना लेता है कि उसका परामर्श आदेश तुल्य माना जाता है।
  • competition in organisation -- संगठन-प्रतिस्पर्धा
प्रतिष्ठान के विभिन्न विभागों, प्रभागों और इकाइयों के बीच प्रतिस्पर्धी को प्रोत्साहित करना। इससे इनके बीच तुलना करने एवं उन पर प्रभावी नियंत्रण रखने में सहायता मिलती है। उदाहरणार्थ बहुराष्ट्रीय कंपनी में दक्षता के ये ही मानदंड घरेलू और विदेशी विभागों पर लागू किए जा सकते हैं। कंपनी का अध्यक्ष विक्रय लागत, सकल लाभ और विक्रय प्रयास के तुलनात्मक विश्लेषण से विभिन्न प्रतिस्पर्धी विभागों में सेवारत प्रबंधकों की दक्षता की तुलना कर लेता है।
  • competitive marketing strategy -- प्रतिस्पर्धी विपणन रणनीति
विपणन रणनीति युक्तियुक्त और व्यवहार्य सिद्धांतों का एक ऐसा समूह है जिसे अपनाकर कंपनी अपने ग्राहक एवं लाभ संबंधी उद्देश्यों को दीर्घकाल में एक विशिष्ट प्रतिस्पर्धी वातावरण में प्राप्त करने का प्रयास करती हैं।
  • competitive positioning -- प्रतिस्पर्धी स्थितीयन
प्रतिस्पर्धी स्थितीयन वह अवस्था होती है जिसमें कंपनियाँ यह जानने का सतत प्रयास करती हैं कि प्रतियोगी अपने ग्राहकों को किसी विशिष्ट बाज़ार में क्या दे रहे हैं और ग्राहक वास्तव में क्या चाहते हैं। इसमें यह अपेक्षा होती है कि फर्म इस बात का एक सामान्य अनुमान लगाए कि वह अपने लक्ष्य बाज़ार में प्रतियोगियों के मुकाबले कैसे पदार्थ, सेवाएँ और तत्संबंधी सुविधाएँ प्रदान कर सकती है।
  • competitive strategy -- प्रतियोगितार्थ रणनीति
किसी प्रतिष्ठान द्वारा उत्पादित वस्तु अथवा सेवा के विपणन की तुलनात्मक संभावनाओं का उपभोक्ता-सर्वेक्षण अथवा संक्रिया-अनुसंधान के माध्यम से पता लगाकर उसे अपेक्षित स्तर तक ले जाने के लिए तय किए गए व्यावसायिक लक्ष्य एवं नीतियाँ।
  • concentration banking -- संकेंद्रित बैंकिंग
नक़दी उगाही को अधिक प्रभावशाली बनाने का उपाय जिसके अंतर्गत बहुत-से उगाही केंद्रों से नक़दी प्राप्त करने वाले जमा बैंक होते हैं। जब इन बैंकों में एक निर्धारित राशि से अधिक जमा हो जाती है तो उसे ये प्रतिष्ठान के प्रमुख या संकेद्रित बैंक को अंतरित कर देते हैं।
  • concentration ratio -- संकेंद्रण अनुपात
किसी उद्योग में कुल उत्पादन का वह भाग जो सर्वाधिक बड़ी कुछ फर्मो के अधीन होता है। इस अनुपात को पता करने का उद्देश्य उद्योग में स्वामित्व के संकेद्रण या एकाधिकार के परिमाण को मापना होता है।
  • concentric diversification -- संकेंद्रिक विविधीकरण
कंपनी द्वारा प्रौद्योगिकी या विपणन के लाभों को अधिकतम करने के लिए अपनी वर्तमान उत्पाद श्रृंखला में नए पदार्थ इस उद्देश्य से जोड़ना कि वह नए ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल हो जाएगी, संकेंद्रिक विविधीकरण कहलाता हैं।
  • conciliation -- समाधान, सुलह, समझौता
दो या दो से अधिक पक्षों के बीच विवादों का समाधान कराने के लिए तीसरे पक्ष द्वारा सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया। इसके अंतर्गत तीसरा पक्ष विवादग्रस्त पक्षों के बीच बातचीत चालू रखने और समझौते के कारगर उपाय खोजकर उनके बीच समझौता कराने की चेष्टा करता है। सौमूहिक सौदाकारी के क्षेत्र में इस उपाय का अधिकतर उपयोग किया जाता है और सरकार इसमें तीसरा पक्ष होती है। इसे मध्यस्थता भी कहा जाता है।
  • condition -- शर्त
संविदा के मुख्य उद्देश्य से संबद्ध आवश्यक बातें जिनकी पूर्ति न किए जाने पर आर्त पक्ष संविदा को भंग मान सकता है।
शर्त व्यक्त हो सकती है अथवा निहित।
तुलo देo warranty.
  • conference method -- सम्मेलन प्रणाली
सामान्य हितों पर विचार करने और समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित व्यक्तियों के बीच विचार-विमर्श की प्रक्रिया।
  • confrontation strategy -- प्रतिरोध रणनीति
अपूर्ण प्रतियोगिता वाले बाज़ारों में प्रबल तथा प्रबल होने की आकांक्षा रखने वाली फर्मों के मध्य एक सतत युद्ध चलता रहता है। प्रबल फर्म अपनी स्थिति खोना नहीं चाहती और अपने विपर्णी अंश को किसी भी दशा में कम नहीं होने देना चाहती। इसके लिए वह नवागंतुक आकांक्षी फर्मों के विरूद्ध अपनी स्थिति का लाभ उठाते हुए बहुत से उपाय करती है। जैसे वह अपने प्रवर्तन व्ययों में इतनी वृद्धि कर देती है कि चुनौती देने वाली फर्में उसका मुकाबला नहीं कर पाती और यह वृद्धि वह अपने विक्रेता व्यापारियों को लाभों और प्रोत्साहनों के रूप में इस प्रकार देती है कि वे उसके माल का अधिक विक्रय तथा उसके ब्रांड का उत्तरोत्तर प्रवर्तन करते जाएँ। प्रबल फर्म एक क़ीमत युद्ध का भी सूत्रपात कर सकती है परन्तु इसमें उसे यह सावधानी बरतनी होती है कि वह अन्य फर्मों की निगाह में लुटेरी फर्म के रूप में कुख्यात न हो जाए। प्रबल फर्म सूचना माध्यमों से यह खबर फैला देती है कि वह कीमतों में कमी करने जा रही है। यह सूचना जब बाज़ार में फैलती है तो संभाव्य प्रतियोगी भयाक्रांत होकर बाज़ार छोड़ जाते हैं और प्रबल फर्म अपनी स्थिति को और सुदृढ़ कर लेती है। ऐसे उपायों को प्रतिरोध रणनीति कहते हैं।
देo protecting market leadership-
  • conglomerate diversification -- संगुटिक विविधीकरण
किसी कंपनी द्वारा नए ग्राहकों के लिए अपनी उत्पाद श्रृंखला में नए उत्पाद जोड़ने का प्रयास ताकि कोई विद्यमान कमी दूर हो जाए या उसकी सहायता से कंपनी को कोई नए पर्यावरणात्मक अवसर उपलब्ध हो जाएँ। इसके लिए यह आवश्यक है कि नए उत्पादों का फर्म की विद्यमान तकनीकी, विद्यमान पदार्थों तथा विद्यमान बाज़ारों से कोई संबंध न हो। विविधीकरण का यह प्रयास ऐसी फर्मों द्वारा विशेषतः किया जाता है जिन्हें मौसमी तथा व्यापार चक्र जनित उतार-चढ़ावों का सामना करना होता है और जिसके फलस्वरूप जनशक्ति तथा माल धारण संबंधी लागतों और रोकड प्रवाह की प्रबंध संबंधी कठिन समस्याओं का जन्म होता है।
  • conglomerate merger -- संगुटिक विलय
बृहत् आर्थिक आधार पर, ठोस प्रबंध और अधिक संभावी लाभ प्राप्त करने के लिए उन संगठनों को एक साथ मिलाना जो विभिन्न वस्तुओं या सेवाओं का उत्पादन करते हैं।
  • conscious parallelism -- सविचार समांतरता
जिन उद्योगों में पूंजी निवेश गहन होता है और जिनके उत्पाद एक समान होते हैं जैसे इस्पात, उर्वरक और रसायन आदि, वहाँ सविचार समांतरता की प्रवृत्तियाँ पाई जाती हैं। क्योंकि इन उद्योगों में उत्पाद तथा छवि विभेद कम होता है, सेवा की गुणवत्ता एक जैसी होती है और मूल्य अत्यधिक संवेदनशील होते है, किसी भी क्षण क़ीमत युद्ध छिड़ने का भय रहता है, फलस्वरूप इन उद्योगों में स्थापित फर्में विपणी-अंश छीनने और बढ़ाने के अल्पकालिक उद्देश्य की ओर बहुधा प्रवृत नहीं होतीं क्योंकि वे जानती हैं कि ऐसा करने पर जवाबी कार्यवाही होगी। अधिकांश फर्में एक दूसरे के ग्राहकों को तोड़ने का प्रयत्न नहीं करतीं। इसके स्थान पर वे क्रेताओं को ऐसी ही सुविधाएं और आकर्षण प्रदान करती हैं जोकि उद्योग की अग्रणी फर्ण करती हैं। सविचार समांतरता में विपणी-अंश अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में स्थायी रहते हैं।
  • consensus management -- मतैक्य प्रबंध
वह प्रबंध शैली जिसमें मुख्य कार्यकारी अपने संगठन स्तर के निर्णयों के लिए समितियों, समूहों और कृतिक दलों की सामूहिक सहमति का सहारा लेते हैं।
  • consolidation -- समेकन
दो या दो से अधिक संगठनों का एक नए संगठन में संयुक्त हो जाना। इस संयोजन के बाद पूर्ववर्ती संगठनों का कोई स्वतंत्र अस्तितिव नहीं रह जाता।
  • consultant -- परामर्शदाता
वह व्यक्ति अथवा संस्था जिसे संगठन की किसी भी समस्या के संदर्भ में विशेषज्ञ सेवा प्रदान करने अथवा तत्संबंधी सलाह देने के लिए नियुक्त किया जाता है।
  • consultative management -- परामर्शी प्रबंध
एक प्रकार की प्रबंध शैली, जिसमें निर्णयों के संबंध में अधीनस्थों से भी विचार विमर्श किया जाता है परन्तु यह आवश्यक नहीं होता कि अंतिम निर्णय उनके विचारों के अनुरूप ही हों।
  • consumer durables -- टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएँ
उपभोक्ता के जीवन की दीर्धकालीन उपयोगिता से संबंधित उपभोज्य वस्तुएँ जैसे मोटरकार, रेफ्रीजरेटर आदि।
  • consumer finance company -- उपभोक्ता वित्त कंपनी
देo finance company.
  • consumerism -- उपभोक्तावाद
1. उपभोक्ताओं के बीच एक सामूहिक आधार पर चेतना जागृत करने का प्रयास, जिससे वे एक सबल उपभोक्ता वर्ग के रूप में उभरकर अपने हितों का संरक्षण कर सकें।

2. विज्ञापन के विभिन्न माध्यमों के जरिए उपभोक्ताओं में उपभोक्ता वस्तुओं प्रति लालसा उत्पन्न करना।

  • consumer research -- उपभोक्ता अनुसंधान
विपणन-अनुसंधान की एक शाखा जो वर्तमान तथा भावी क्रेताओं की प्रवृत्तियों, प्रतिक्रियाओं और रूचियों का विश्लेषण करती है जिसके आधार पर प्रतिष्ठान के उत्पादन तथा विक्रय का भावी कार्यक्रम निश्चित किया जाता हैं।
  • contingency model -- प्रासंगिकता मॉडल
फिडलर द्वारा प्रतिपादित प्रबंध का एक सिद्धांत जिसके अनुसार व्यक्तियों के किसी भी समूह की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उन्हें क्या काम दिया गया है, उसका परिणाम क्या है तथा उनको नेतृत्व प्रदान करने वाला व्यक्ति किस सीमा तक अपना नियंत्रण स्थापित कर पाता हैं। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नेता की बहुधा अपनी कार्य शैली परिस्थिति के अनुसार ढालनी पड़ेगी। शैली समायोजन का यह प्रयास नेता सामंजस्य उपागम (leader match approach) के नाम से भी जाना जाता है।
  • contingency planning -- आकस्मिकता आयोजना
भविष्य में ऐसी परिस्थितियों के लिए योजना बनाना जो प्रत्याशित तो नहीं है परन्तु फिर भी घट सकती हैं और उद्यम के लाभार्जन पर प्रभाव डाल सकती हैं।
  • continuous and intermittant system -- अविराम एवं सविराम तंत्र
यह उत्पादन-मालसूची तंत्रों के वर्गीकरण के अनेक आधारों में से एक हैं। कारखाने के भौगोलिक विन्यास तथा उसकी क्रियाओं के सविस्तार समय-सूचीयन में यह आधार बड़ा उपयोगी सिद्ध होता है। अविराम उत्पादन तंत्र में कच्चे माल का भौतिक प्रवाह या तो सतत या लगभग सतत होता है। इसके विपरीत सविराम उत्पादन तंत्रों में उत्पादन की भौतिक सुविधाओं में इतना लचीलापन होता है कि वे अनेक प्रकार के उत्पादों और आकारों की व्यवस्था प्रदान करते हैं और जहाँ उत्पाद डिजाइन समय-समय पर बदलने वाला हो वहाँ ऐसी क्रियाओं को सुगमता से उत्पादन आधार प्रदाऩ कर देते हैं।
  • continuous billing -- अविराम बिल बनाना
ऐसी प्रणाली जिसके अंतर्गत किसी उपभोक्ता समूह को उसके द्वारा ली गई वस्तुओं अथवा सेवाओं के बिल इकट्ठे न देकर पूरी लेखा-अवधि के बीच फैलाकर दिए जाते हैं।
  • control -- नियंत्रण
1. प्रबंध विज्ञान के अनुसार “नियंत्रण” का यह उद्देश्य है कि किसी भी वस्तु अथवा क्रिया को उसकी निर्दिष्ट दिशा में अग्रसर होने में सहायता करना। पूर्वनिर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न क्रियाओं, प्रकार्यों तथा प्रचालनों पर नियंत्रण रखा जाए और समय-समय पर आवश्यकतानुसार ऐसे उपाय किए जाएँ जिससे लक्ष्यों की पूर्ति निश्चित समय में तथा न्यूनतम लागत पर हो।

2. नियंत्रण प्रायः निश्चित अवधि में प्रमाणित कार्य को पूरा कराने के लिए निर्देश देकर संचालित करना ही नहीं प्रत्युत उत्पाद की जाँच करते हुए मशीन एवं व्यक्तियों पर रोक लगाना भी है ताकि भूतकालिक एवं वर्तमान कार्यविश्लेषण तथा सत्यापन से भविष्य के लिए विधागत मानक का नियोजन भी किया जा सके। कारण यह है कि पुनरीक्षण के दौरान पूर्व निर्धारित लक्ष्यों की तुलना में वास्तविक निष्पादित लक्ष्य का अनुमान लगाना संभव हो जाता है।

  • control chart -- नियंत्रण चार्ट
उत्पादों और प्रक्रियाओं के यादृच्छिक एवं अयादृच्छिक विचरणों में भेद करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला सांख्यिकीय गुणता नियंत्रण का रेखाचित्र, जिससे अयादृच्छिक विचरणों के स्रोत का पता लगाया जा सके और उन्हें नियंत्रित किया जा सके।
  • control group -- यथास्थ समूह
किसी सांख्यिकीय अनुसंधान या प्रयोग के समष्टि को प्रायः दो समूहों में विभाजित कर लिया जाता है जिनमें एक यथास्थ समूह और दूसरा प्रयोगगत समूह कहा जाता है। यथास्थ समूह वह समूह है जिसे कोई विशेष बर्ताव नहीं दिया जाता, उसका उपयोग प्रयोगगत समूह के परिणामों के साथ तुलना करने के लिए किया जाता है। यह तुलना दोनों समूहों के बीच सांख्यिकीय दृष्टि से महत्वपूर्ण विचरणों को ज्ञात करने के लिए की जाती हैं।
  • controlled economy -- नियंत्रित अर्थव्यवस्था
सरकार द्वारा पूर्णरूपेण नियंत्रित अर्थव्यवस्था। इसमें यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक आर्थिक कार्यकलाप को सरकार अपने ही हाथ में ले ले बल्कि वह अनेक प्रकार के सरकारी नियंत्रणों के जरिए उत्पादन, विदेश व्यापार, श्रमिकों के नियोजन आदि पर अंकुश रखती है ताकि अभीष्ट लक्ष्य प्राप्त किए जा सकें।
  • controller -- नियंत्रक
प्रतिष्ठान की आंतरिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार वरिष्ठ कार्यपालक। इसके अतिरिक्त उसे संक्रियाओं को नियंत्रित करने और योजनाओं के अनुसार निष्पादन का स्तर मापने के लिए मानक निर्धारण करने, बजट बनाने और पूर्वानुमान तैयार करने का काम भी सौंपा जा सकता हैं।
  • controlling interest -- नियंत्रक हित
कंपनी के सामान्य शेयरों के स्वामित्व का वह प्रतिशत जो एक या अधिक शेयरधारियों को कंपनी के संकार्यों पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त कराता है। नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रतिशत एकाधिकारवत् कंपनी में 51 प्रतिशत और दीर्घकाय अथवा प्रकीर्ण स्वामित्व वाली कंपनियों में 5 प्रतिशत या इससे भी कम हो सकता है।
  • conversion cost -- परिवर्तन लागत
कच्चे माल को तैयार माल में बदलने का खर्च। इसमें कच्चे माल की छीजनकारी का मूल्य भी शामिल होता है।
  • conversion value -- परिवर्तन मूल्य
“परिवर्तन लागत” और उत्पाद से होने वाले लाभ का योग।
  • convertible security -- परिवर्तनीय प्रतिभूति
एक परिवर्तनीय बांड या अधिमान्य शेयर जो धारक को पूर्व निर्धारित समयावधि में एक नियत अनुपात के अनुसार सामान्य शेयर में परिवर्तित करने का विकल्प प्रदान करता है।
  • coordination by committees -- समितियों द्वारा समन्वय
आधुनिक प्रतिष्ठानों की जटिलता और कार्यकलापों की विविधता और विषमता के कारण किसी एक प्रबंधक द्वारा ही समन्वय का कार्य कर पाना कठिन हो जाता है। अतः इस कार्य के लिए संबंधित व्यक्तियों की समिति गठित की जाती है जो पर्तिष्ठान की विविध गतिविधियों में समन्वय कार्य को संपादित करती है।
  • core management -- आभ्यंतरिक प्रबंध
किसी संस्थान के निर्णय लेने वाले वास्तविक कार्यकारी।
  • corporate objectives -- निगम उद्देश्य
किसी फर्म, कंपनी अथवा निगम के दीर्घकालीन और अल्पकालीन लक्ष्य जिन्हें प्राप्त करना उनका उद्देश्य होता है, जिनमें प्रबंध शैली तथा व्यापारिक, वित्तीय. कार्मिक, प्रौद्योगिकीय, जनसंपर्क तथा निगम की योजना संबंधी सभी उद्देश्य शामिल होते हैं।
  • corporate planning -- कंपनी आयोजना
कंपनी अथवा प्रतिष्ठान के उद्देश्यों के अनुरूप योजना बनाना और उनकी पूर्ति के लिए कार्यनीति तैयार करना।
  • cost basis -- लागत आधार
लेखाकरण में परिसंपत्तियों के मूल्यांकन का एक ढंग जिसके अनुसार परिसंपत्तियों की मूल लागत में से मूल्य ह्रास घटाकर उनकी लागत निकाली जाती है। इसमें ख्याति, पुरातनता आदि जैसे अदृश्य घटकों को विचाराधीन नहीं किया जाता।
  • cost benefit analysis -- लागत-लाभ विश्लेषण
किसी सेवा अथवा कार्यकलाप को चलाने के खर्च और उससे मिलने वाले वित्तीय तथा/अथवा सामाजिक लाभ की तुलना। इसकी यथार्थता के लिए आवश्यक है कि सेवा/कार्यकलाप से मिलने वाले सभी छोटे-बड़े लाभों पर विचार किया जाए और जहाँ तक हो सके, उसका सही-सही मौद्रिक मूल्य निरूपण किया जाए।
  • cost centre -- लागत केंद्र
लागत लेखाकरण के क्षेत्र में किसी फर्म का एक ऐसा विभाग, प्रक्रिया, मशीन या अन्य कोई तत्व जिसके लिए लागत रिकार्ड रखे जाते हैं और जिनके लिए प्रत्यक्ष श्रम तथा सामग्री लागत समेत स्थिर लागतें नियत कर दी जाती हैं। कुल लागत लेकाकारों के अनुसार ये केंद्र दो प्रकार के होते हैं — एक उत्पादक या प्रत्यक्ष लागत केंद्र और दूसरा अनुत्पादक या अप्रत्यक्ष लागत केंद्र।
  • cost control -- लागत नियंत्रण
ऐसी प्रबंध तकनीकें जो वस्तु या सेवा के वर्तमान गुण तथा मात्रा के प्रमाणों को कायम रखते हुए लागतों में कमी लाने के उद्देश्य से अपनाई जाती हैं।
  • cost effectiveness -- लागत प्रभाविता
निर्दिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संभावित विभिन्न उपायों की लागतों एवं उनसे होने वाले लाभों की व्यावहारिक एवं सूक्ष्म जाँच जिससे कि प्रबंधक उनमें से सबसे कम लागत-लाभ अनुपात वाले विकल्प को चुन सकें।
  • cost of capital -- पूंजी लागत
पूंजी निवेशकर्ता किसी व्यावहारिक प्रतिष्ठान में पूंजी निवेश करने के बदले जो न्यूनतम प्रतिफल की अपेक्षा करता है वह पूंजी लागत कहलाती है। इसीलिए कोई उद्यम जब किसी परियोजना में पूंजी निविष्ट करता है तो उसे उस परियोजना में पूंजी निविष्ट करता है तो उसे उस परियोजना से वह न्यूनतम प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए।
कंपनी को सामान्यतः तीन स्रोतों से पूंजी प्राप्त होती है यथा, शेयरों के खरीदारों से, प्रतिधारित उपार्जनों से तथा ऋणदाताओं से। इन तीनों प्रकार की पूंजी की लागत प्रायः भारित माध्य के जरिए निकाली जाती है।
  • cost of goods sold -- विक्रीत माल लागत
एक अवधि विशेष में बेचे गए माल की खरीद क़ीमत, इसमें परिवहन लागत भी शामिल की जाती है।
  • cost of reproduction -- पुनरूत्पादन लागत
किसी परिसंपत्ति को चालू लागतों पर हूबहू खड़ा करने की क़ीमत का अनुमान।
  • cost of sales -- विक्रय लागत
लेखा-अवधि के अंतर्गत मापित वह सकल व्यय जो वस्तु की बिक्री से संबंधित कार्य पर खर्च किया जाता है।
  • cost or market value whichever is lower -- बाज़ार मूल्य या लागत मूल्य में जो कम हो
अंतिम स्टाक के मूल्यांकन की एक पद्धति जिसके अनुसार यह मूल्यांकन लागत क़ीमत या बाज़ार क़ीमत में से जो भी कम हो के आधार पर किया जाता है। स्पष्ट है इस पद्धति में माल सूची की मदों की बाज़ार क़ीमतों में गिरावट को ध्यान में रखा जाता है।
  • cost plus pricing -- लगतोपरि क़ीमत निर्धारण
वस्तुओं तथा सेवाओं की क़ीमत निर्धारण करने की एक पद्धति जिसके अनुसार वस्तु या सेवा की उत्पादन लागत पर कुछ निश्चित राशि या प्रतिशत लाभ के रूप में जोड़कर क़ीमत निश्चित की जाती है।
  • cost standard -- लागत मानक
लागत नियंत्रण प्रणाली के अंतर्गत पूर्व निर्धारित कार्य-स्तरों के आधार पर आकलित की गई प्रत्याशित अथवा अनुमत लागत की राशि। वास्तविक लागत से तुलना करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  • cost variance -- लागत अंतर
मानक लागत और वास्तविक लागत का अंतर।
  • cost volume profit analysis -- लागत-परिमाण लाभ विश्लेषण
किसी प्रतिष्ठान के विभिन्न प्रमुख लाभ पहलुओं यथा उत्पाद की बिक्री क़ीमत, उत्पाद के निर्माण और विक्रय की परिवर्तनीय लागत, बिक्रीत उत्पाद इकाइयों की मात्रा, बहु उत्पाद वाली कंपनी के बिक्री मिश्र और कुल स्थिर लागत के मध्य फलनात्मक संबंधों की व्याख्या करने तथा संगठन के लाभ ढाँचे को स्पष्ट करने की तकनीक।
  • counter marketing -- प्रति-विपणन
किसी भी वस्तु की माँग को नष्ट करने का प्रयास प्रति-विपणन अथवा अविक्रय कहलाता है। ऐसे बहुत से पदार्थ और सेवाएँ होती है जिनकी माँग उपभोक्ता, पूर्तिकार और जन साधारण की दृष्टि से अहितकर मानी जाती है। जब किसी पदार्थ या सेवा में निहित दुर्गुणों के कारण उसकी माँग अत्यधिक समझी जाए तो उसे अहितकर माँग कहा जाता है। समाज के सर्वाधिक कल्याण की दृष्टि में ऐसी माँग को कम करने के लिए जो प्रयास किए जाते हैं उन्हें प्रति-विपणन कहते हैं।
  • cover -- कवर, आवरण
सिमित देयता कंपनी के निवेश-विश्लेषण में प्रयुक्त शब्द जिसका अर्थ कंपनी द्वारा उपार्जित लाभों तथा वास्तविक रूप से घोषित लाभांशों के बीच अनुपात से होता है।
  • coverage analysis -- आड़ विश्लेषण
स्टाक की किसी मद की वार्षिक खपत और वर्ष के दौरान उसकी औसत भंडारगत मात्रा का अनुपात। इसके आधार पर यह तय किया जाता है कि उस मद की कितनी मात्रा का आर्डर दिया जाए ताकि कम-से-कम कार्यशील पूंजी का उपयोग करते हुए कार्य को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
  • C.P.M. -- सीoपीoएमo
देo PERT.
  • credit rating -- साख निर्धारण
वित्तीय स्थिति और ऋण-शोधन क्षमता के आधार पर वर्तमान ग्राहकों और भावी ग्राहकों की पात्रता का मूल्यांकन।
  • critical path analysis (CPA) -- क्रांतिक पथ विश्लेषण
प्रायः जटिल परियोजना के अपनी निर्धारित तिथि तक पूरा होने के लिए अनिवार्य संक्रियाओं की सतत श्रृंखला को दर्शाने के लिए अपनाया गया विशिष्ट जालक विश्लेषण। इससे परियोजना के मितव्ययितापूर्ण एवं समयबद्ध आयोजना में सहायता मिलती है।
  • cross-impact analysis -- प्रति-प्रभाव विश्लेषण
मूलभूत प्रवृत्तियों के परस्पर श्रृंखलाबद्ध आधार पर दीर्घकालीन पूर्वानुमान लगाने की पद्धति को प्रति-प्रभाव विश्लेषण कहते हैं।
  • crosswise-communication -- आड़ा-तिरछा संचार
उद्यम इस बात पर बल देते हैं कि संपूर्ण स्तरों पर संदेश आड़े-तिरछे या समस्तरीय माध्यम से प्रदान किए जाने किए जाने चाहिए जिससे सूचना गतिशील बन सके और उसे ठीक तरह से समझने में सुविधा हो। आड़ा-तिरछा संचार संबंध एक विभाग के कार्मिकों और दूसरे विभागों के समान या नीचे के स्तर के या उच्च पदों पर आसीन कार्मिकों के बीच होता है।
संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में समन्वय स्थापित करने के लिए इस तरह का संचार महत्वपूर्ण होता हैं।
  • cumulative learning model -- संचयी अधिगम मॉडल
किसी नए ब्रांड का चुनाव करते समय उसके पुराने ब्रांडों की अनुभूत विशेषताओं का पुनर्वलन प्रभाव संचयी अधिगम मॉडल का आधार बनता है। उत्पाद के पिछले ब्रांड के स्वीकृत गुणों का समावेश करते हुए नए ब्रांड का सृजन संचयी अधिगम मॉडल कहलाता है।
  • current ratio -- चालू अनुपात
कुल चालू परिसंपत्तियों और चालू देयताओं का अनुपात। यह कंपनी की तरलता का माप है और अल्पकालीन देयताओं को चुकाने की सामर्थ्य का द्योतक होता है।
  • data base management -- आँकड़ा संचय प्रबंध
प्रबंधकों द्वारा कंप्यूटरित आँकड़ा संचय के प्रभावी संकलन, भंडारण और उपयोजन का प्रबंध।
  • dead stock -- बेकार माल
ऐसा पण्य या माल जिसकी बिक्री अत्यंत शिथिल या शून्य है अथवा जो अन्य किसी कारणवश बिक नहीं पा रहा और इकट्ठा होता जा रहा है या हो गया है।
  • debenture bond -- डिबेंचर बंधपत्र
सरकार और निगमों द्वारा जारी असुरक्षित ऋण दायित्व जो केवल उनके भुगतान के वायदे पर ही निर्भर होते हैं। ये प्रतिभूतियाँ अमरीका पूंजी बाज़ार की विशेषता के रूप में मान्य हैं।
  • decentralization -- विकेंद्रीकरण
निर्णय लेने तथा कार्यपालन के अधिकार को एक सत्ता के पास न रखकर अनेक सत्ताओं के बीच बाँटना। उदाहरण के लिए,
1. एक कंपनी जिसका एक कार्यचालक अधिकारी है और जो प्रभागों में विभक्त नहीं है, उसे अनेक कार्यचालक प्रभागों में बाँटा जा सकता है। ऐसे प्रत्येक प्रभाग का एक कार्यचालक अध्यक्ष बनाया जा सकता है और इन सभी प्रभागों के अध्यक्षों को एक प्रमुख कार्यकारी परिषद् के प्रति उत्तरदायी जा सकता है।

2. किसी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा अपनी इकाइयों को शक्ति-हस्तांतरण करने की प्रक्रिया।

  • decision making process -- निर्णयकारी प्रक्रिया
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा विकल्पों का प्रत्यक्षण, विकास, विश्लेषण एवं चयन किया जाता है।
  • decision point -- निर्णय बिंदु
निर्णय बिंदु
निर्णय-वृक्ष का वह बिंदु जिस पर निर्णय संपूर्ण होता है।
देo decision tree.
  • decision rule -- निर्णय नियम
किसी भी समस्या के अनेक विकल्पों में से एक विकल्प का चयन करने के निमित्त पूर्व निर्धारित निकष।
  • decision tree -- निर्णय वृक्ष
एक प्रकार का प्रवाह चार्ट जो किसी समस्या से संबद्ध विविधि विकल्पों की सांख्यिकीय प्रायिकताओं का क्रमिक प्रस्तुतीकरण होता है। इस चार्ट का प्रवाह प्रायः बाई ओर से दाहिनी ओर होता है, और इसमें रेखाओं तथा तीरों के माध्यम से वृत्तों एवं आयतों को जोड़ा जाता है। इसमें वृत्त निर्णय बिंदु और आयत विकल्प बिंदुओं के प्रतीक होते हैं।
  • deferred delivery contract -- आस्थगित सुपुर्दगी संविदा
वस्तु बिक्री अधिनियम के अंतर्गत एक विक्रय संविदा जिसके अनुसार विक्रेता पक्ष माल का भुगतान तो प्राप्त कर लेता है किन्तु क्रेता पक्ष को माल की सुपुर्दगी किसी भावी तिथि तक के लिए स्थगित कर दी जाती हैं।
  • deferred revenue -- आस्थगित राजस्व
अग्रिम आय प्राप्ति जिसका लेखा वर्ष के दौरान अर्जन नहीं किया गया हो और इसी लिए लेखाकरण के प्रयोजन हेतु उसे अर्जन लेखा वर्ष तक के लिए देयता के रूप में रखा जाता है।
  • del credere agent -- आश्वासी अबिकर्ता, आश्वासी एजेन्ट
वह अभिकर्ता जो अपनी जिम्मेदारी पर उधार माल बचता है। इसमें उगाही की जोखिम मालिक पर न होकर स्वयं उसी पर होती है।
  • delegation of authority -- प्राधिकार प्रत्यायोजन
उद्यम के निदेशक मंडल द्वारा विभिन्न स्तरों के प्रबंधकों को वित्तीय, प्रशासनिक एवं कार्य विधिक प्राधिकारों का पदवार आबंटन करना, ताकि वे प्रबंधक उन प्राधिकारों का उपयोग करते हुए विहित सीमा तक स्वयं ही अंतिम निर्णय ले सकें। प्रबंधन की दक्षता सुचारू प्राधिकार प्रत्यायोजन पर निर्भर करती है।
  • delivery schedule -- सुपुर्दगी कार्यक्रम
विपणन करार की एक अत्यावश्यक शर्त जिसके अनुसार क्रेता अनुसार क्रेता और विक्रेता के बीच माल की सुपुदगी की अवधि और उस अवधि के बीच में समय-समय पर भेजे जाने वाली माल की मात्रा तय हो जाती है।
  • delphi technique -- डेल्फी तकनीक
एक पूर्वानुमान उपागम जिसके द्वारा समय-समय पर संगठन के विशेषज्ञ दीर्घकालीन तकनीकों और बाड़ार संबंधी परिवर्तनों की भविष्यवाणी करते हैं। यह भविष्यवाणी विशेषज्ञों के अभिमतों के आदान-प्रदान के फलस्वरूप उद्भूत मतैक्य पर आदारित होती हैं।
  • demarketing -- निर्विपणन
जब किसी उत्पाद की माँग उस सीमा तक बढ़ जाती है कि विपणनकर्त्ता उसे पूरा करने में न तो समर्थ होता है और न यथेष्ठ रूप से प्रोत्साहित होता है तो ऐसी अतिपूर्ण माँग को कम करने के लिए निर्विपणन प्रयास किए जाते हैं। इन प्रयासों द्वारा सामान्य ग्राहकों को या किसी विशेष श्रेणी के ग्राहकों को स्थायी या अस्थायी रूप में संबंधित उत्पाद को खरीदने से हतोत्साहित किया जाता है। निर्विपणन के लिए उत्पाद की गुणवत्ता, विक्रयोत्तर सेवा, प्रवर्तन व्यय तथा ग्राहक सुविधाओं को कम किया जा सकता हैं।
  • departmentalization -- विभागीकरण
एक संगठन को संरचनात्मक रूप से बाँटने की प्रक्रिया। यह बँटवारा व्यवसायानुसार, क्षेत्रानुसार, उत्पादनानुसार, उपभोक्तानुसार, कार्यानुसार हो सकता है।
  • depreciable cost -- मूल्यह्रासयोग्य लागत
वह आधार जिसके द्वारा परिसंपत्तियों का मूल्य ह्रास आँका जाता है। यह प्रायः मल लागत और अवशिष्ट मूल्य (scrap value) का अंतर होता है।
  • depreciation -- मूल्यह्रास
जीर्णता, अप्रचलन, निरंतर प्रयोग या समय बीतने के साथ-साथ किसी स्थिर या गोचर परिसंपत्ति के मूल्य में लेने वाली कमी।
  • deregulation -- अविनियमन
निजी गतिविधियों का शासकीय विनियमन से मुक्त हो जाना, जैसे किसी उत्पाद पर लागू सरकारी क़ीमत नियंत्रण की समाप्ति।
  • devaluation -- अवमूल्यन
सरकार द्वारा विदेशी मुद्रा की तुलना में अपने देश की मुद्रा की विनिमय-दर में कमी करना। यह नीति भुगतान-शेष के संतुलित करने के उद्देश्य से आयात में कमी और निर्यात में वृद्धि करने के लिए अपनाई जाती हैं।
  • development of alternatives -- विकल्पों का विकास
ज्ञात उद्देश्यों और आयोजन के स्पष्ट आधारों को सामने रखकर निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्पों का सृजन।
  • differential costs -- विभेदक लागतें
प्रस्तावित और वास्तविक स्थिति की लागतों के बीच अंतर।
  • differentiated marketing -- विभेदित विपणन
अलग-अलग ग्राहक वर्गों को आवश्यकताओं और वरीयताओं के आधार पर किसी विशिष्ट विपणन-मिश्र का विकास विभेदित विपणन कहलाता है।
  • diffusion process -- विसरण प्रक्रिया
वास्तविक पदार्थ और सेवाओं से संबंधित नए विचार जिस प्रकार अपने उद्भव से अंतिम प्रयोक्ताओं तक फैलते हैं उसे विसरण प्रक्रिया कहा जाता है। यह प्रायः एक मानसिक क्रिया होती है जोकि किसी अनुसंधान की प्रथम जानकारी के साथ प्रकट होती है और उसकी स्वीकृति के साथ समाप्त हो जाती हैं।
  • direct costing -- प्रत्यक्ष लागत
देo marginal cost pricing.
  • direct expense -- प्रत्यक्ष व्यय
वह प्रत्यक्ष लागत जो किसी प्रविष्टि खर्च के मद में आती हो।
  • direct investment -- प्रत्यक्ष निवेश
दूसरी कंपनियों में सक्रिय रूप से नियंत्रण अथवा यथेष्ट अल्पमत प्राप्त करने के लिए खरीदे गए स्वामित्व हित। वे उन शेयरक्रयों से भिन्न होते हैं जो दूसरी कंपनियों में केवल निष्क्रिय निवेश के लिए खरीदे जाते हैं।
  • direct marketing -- प्रत्यक्ष विपणन
बिना किसी मध्यस्थ, विक्रय संगठन या खुदरा प्रतिष्ठान के उपभोक्ताओं को सीधे वस्तु या सेवाओं का विक्रय।
  • direct material -- प्रत्यक्ष सामग्री
वे सब कच्चे पदार्थ जोकी तैयार माल के अभिन्न अंग होते हैं और जिनका इस रूप में स्पष्ट पता लगाया जा सकता है कि एक विशेष इकाई में प्रयुक्त होने की मात्रा कितनी है। उदाहरणतः एक टाइप मशीन में प्रयुक्त इस्पात।
  • disciplinary action -- अनुशासनिक कार्रवाई
नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के विरूद्ध की जाने वाली दंडात्मक कार्रवाई जिसमें वेतन हानि, रोज़गार से निलंबन, पदावनति आदि शामिल होते हैं किन्तु तत्काल पदमुक्ति शामिल नहीं होती।
  • discounted cash flow -- बट्टागत नक़द प्रवाह
पूंजी निवेश निर्णयों के लिए प्रयोग में लाया जानेवाला एक उपाय। इसके अंतर्गत किसी भी पूंजी निवेश के जीवन काल में प्राप्य अनुमानित भावी नक़द प्रवाहों को एक पूर्व निश्चित ब्याज की दर से बट्टा लगाकर वर्तमान मूल्यों में परिणित कर लिया जाता है। यदि भावी नक़द प्रवाहों का यह वर्तमान मूल्य खरीदी जाने वाली पूंजी परिसंपत्ति के बाज़ार मूल्य से अधिक होता है तो परिसंपत्ति की खरीद का निर्णय ले लिया जाता हैं।
  • discriminant analysis -- विभेदी विश्लेषण
यह एक ऐसी अप्राचलिक सांख्यिकीय पद्धति है जिसके द्वारा गुणात्मक पैमाने पर मापे जाने वाले आँकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। आँकड़े जिन वर्ग समूहों से संबंधित होते हैं उन्हें गुणों के आधार पर पृथक् कर दिया जाता है और अनेक स्वतंत्र चरों की उनके आश्रित चर पर पड़ने वाले प्रभाव की जाँच की जा सकती है। इसके अतिरिक्त स्वतंत्र चरों के परस्पर योगदान का भी अनुमान लगाया जा सकता है और इसके लिए आँकड़ों को दो वर्गों में विभक्त कर उनके प्राप्त अंकों के कुल अंतर को आधार बनाया जाता है।
  • distribution channel -- वितरण माध्यम
माल या सेवा का निर्माता से अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचने का पथ या माध्यम। उदाहरण के लिए एक उपभोग वस्तु क्रमशः निर्माता से वितरक, वितरक से थोक व्यापारी, थोक व्यापारी से फुटकर व्यापारी, और अंत में उपभोक्ता तक पहुँच सकती है। यह आवश्यक नहीं कि वस्तुओं और सेवाओं के वितरण में इन सभी माध्यमों का प्रयोग किया जाए। इस क्षेत्र में एक समकालीन प्रवृत्ति यह है कि निर्माता से सीधे अंतिम उपभोक्ता को वितरण किया जा रहा है और इस प्रक्रिया में विपणन लागतों को न्यूनतम किया जा रहा है।
  • distribution matrix -- वितरण मेट्रिक्स
उत्पादन प्रबंध के क्षेत्र में वितरण व्यवस्थाओं को आयोजित करने के लिए रैखिक प्रोग्रामन की विधियों का प्रयोग किया जाता है। माल और वस्तुओं को गोदाम से भिन्न-भिन्न उपयोगी विभागों तक पहुँचाने की क्रियाओं पर विशेष नज़र रखी जाती है ताकि उनके यातायात में कम से कम समय लगे। यातायात मॉडलों के विभिन्न प्रकार के प्रयोगों के द्वारा इस उद्देश्य को प्राप्त किया जाता है। प्रायः एक मेट्रिक्स तैयार की जाती है जिसमें उद्गम और गंतव्य विभागों को दर्शाया जाता है। ऐसी मेट्रिक्स वितरण मेट्रिक्स के नाम से जानी जाती है। उदाहरण के लिए एक कारखाना जिसके तीन विभाग ‘अ’, ‘ब’, ‘स’ ऐसे हैं जिनके पास माल ढोने के डिब्बे उनकी आवश्यकताओं से अधिक हैं। इसी कारखाने के चार और विभाग ‘क’, ‘ख’, ‘ग’, ‘घ’ ऐसे हैं जिन्हें ऐसे डिब्बों की आवश्यकता है। अब यह ध्यान में रखते हुए कि एक समय में अधिक दो डिब्बे रेल मार्ग पर चलाए जा सकते हैं, एक ऐसी तालिका बनाई जा सकती हैं जो डिब्बों के लदानों की संख्या, डिब्बों की उपलब्धि एवं आवश्यकता के आधार पर, प्रकट कर दे। यह तालिका निम्न है :-
वितरण मेट्रिक्स :- डिब्बों की उपलब्धि, आवश्यकता और विभागों में चक्र लगाने के समय का संक्षेप :
  • divestiture -- स्वत्वमोचन
किसी कंपनी की सहायक कंपनी या उसके किसी प्रभाग का विक्रय अथवा परिसमापन जो किसी संविदा, न्यायालयी आदेश अथवा एकाधिकार निरोधी क़ानून के अधीन किया गया हो।
  • dividend payout ratio -- लाभांश भुगतान अनुपात
प्रति ईक्विटी शेयर आय तथा प्रति शेयर, लाभांश का अनुपात।
  • dividend policy -- लाभांश नीति
लाभांश की मात्रा एवं आवधिकता आदि विषयों पर शीर्ष प्रबंध द्वारा लिए गए निर्णय जो कंपनी की रोकड़ स्थिति, सरकार की कर नीति, पूंजी बाजार की स्थिति, निवेशकर्ताओं की प्रत्याशाओं, कंपनी के ऋण ढाँचे, कंपनी के विस्तार-निवेश की आवश्यकताओं आदि पर निर्भर करते हैं।
  • dividend warrant -- लाभांश अधिपत्र
शेयरधारक को जारी किया गया वह अदिश या प्राधिकार जिसमें बैंकर को लाभांश की उल्लिखित राशि के भुगतान के लिए कहा गया हो।
  • dividend yield -- लाभांश आय
किसी प्रतिष्ठान में निवेशकों के लाभांश का माप। ईक्विटी शेयर की वर्तमान बाजार क़ीमत को प्रति शेयर लाभांश का भाग देकर इसकी गणना की जाती है।
  • Dow Jones averages -- डॉ जोन्स औसत
शेयरों के बंद भावों का वह औसत जिसकी गणना न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध 30 प्रतिनिधि औद्योगिक शेयरों, 15 लोकोपयोगी शेयरों, 20 परिवहन शेयरों के किसी व्यापारिक दिवस पर उपलब्ध उद्धरणों के आधार पर की जाती हैं।
  • dual pricing -- विभेदी क़ीमतें
एक ही प्रकार की वस्तुओं या सेवाओं के लिए निर्धारित दो ऐसे मूल्य जो एक-दूसरे से अत्यधिक भिन्न हों।
  • duress -- दबाव, बलप्रयोग
1. व्यक्तिगत : शारीरिक हानि, दांडिक अभियोजन या कारावास की धमकी। ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति अपने किसी भी प्रकार के वैधानिक दायित्व का स्वतंत्रतापूर्वक निर्वाह नहीं कर पाता है।

2. संपत्ति : बलात् कब्जा या किसी व्यक्ति द्वारा वस्तुओं को रोके रखना जिसे रोकने का उसे अधिकार न हो और उसके द्वारा उन वस्तुओं को छोड़ने के लिए की जाने वाली माँग।

  • duty free -- शुल्क मुक्त
वे आयात जो सीमाशुल्क भुगतान की देयताओं से मुक्त हों।
  • earning per share -- प्रति शेयर आय
किसी कंपनी के शेयर की विशुद्ध आय। इसे करों और अधिमान्य शेयरों के लाभांशों को घटाने के बाद निकाला जाता हैं।
  • earning-price ratio (EPR) -- अर्जन-क्रीमत अनुपात (ईoपीoआरo)
देo price-earning ratio.
  • economic growth -- आर्थिक संवृद्धि
राष्ट्रिय आय में वृद्धि की दर अथवा राष्ट्र में उत्पादित होने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कुल मात्रा में वृद्धि की दर। किसी राष्ट्र की ‘आर्थिक संवृद्धि’ का माप उसके सकल राष्ट्रीय उत्पाद की वृद्धि-दर से होता है पर इससे भी श्रेष्ठ मापक है, प्रति व्यक्ति वास्तविक राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि की दर। कुछ अल्प विकसित देशों में उत्पादन-वृद्धि की अपेक्षा जनसंख्या-वृद्धि की दर अधिक होने के कारण प्रतिव्यक्ति आर्थिक संवृद्धि-दर ऋणात्मक हो जाती है और औसत व्यक्ति का जीवन-स्तर गिर जाता है।
  • economic order quantity (EOQ) -- आर्थिक आदेश मात्रा (इoओoक्यूo)
वस्तुओं या सामग्रियों की इष्ट मात्रा जिसका निर्धारण सामग्री की लागत, उसके प्रयोग की अनुमानित दर, भंडारण एवं भंडारण सामग्री की लागत क़ीमत, सामग्री के आदेश व्यय तथा उपरिव्ययों की लागतों के आधार पर किया जाता हैं।
  • economic planning -- आर्थिक आयोजन
निर्दिष्ट समय के भीतर निश्चित ध्येयों की प्राप्ति के लिए आर्थिक शक्तियों का युक्तिपूर्ण कार्यान्वयन। इसका अर्थ है सीमित आर्थिक साधनों के वैकल्पिक उपयोगों की इस प्रकार व्यवस्था करना कि उनके द्वारा संतुष्टि अधिकतम बनी रहे। आर्थिक आयोजन के अंतर्गत किसी पूर्वनिश्चित ध्येय की प्राप्ति के लिए सीमित साधनों के संबंध में चुनाव करना पड़ता है। व्यक्ति, व्यापारिक फर्म और उद्योग भी अपने आर्थिक साधनों पर नियंत्रण रख सकते हैं परंतु इस प्रकार के नियंत्रण को मात्र व्यवसाय-प्रबंध या युक्तीकरण कहा जा सकता है। आधुनिक काल में आर्थिक आयोजन राज्य द्वारा किए गए आयोजन को ही कहा जाता है। राज्य इस प्रकार का नियंत्रण अर्थव्यवस्था के किसी एक अंग पर करे या समस्त अर्थव्यवस्था पर, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। आंशिक आर्थिक आयोजन प्रणाली का आश्रय प्रायः पूंजीवादी और मिश्रित अर्थव्यवस्थावाले देशों में लिया जाता है। पूंजीवादी देश मंदी और आर्थिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए कुछ विशेष प्रकार की आर्थिक नीतियाँ अपनाते है और मिश्रित अर्थव्यवस्था वाले देश अर्थव्यवस्था की आधारिक संरचना पर नियंत्रण रखते है। इससे विपरीत स्थिति साम्यवादी देशों की है। वहाँ सरकार संपूर्ण अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण रखती है। इस प्रणाली को पूण आर्थिक आयोजन कहा जाता हैं।
  • effective demand -- प्रभावी माँग
किसी वस्तु के बाज़ार में निर्बाध रूप से और उचित क़ीमत पर उपलब्ध होने की स्थिति में, उस वस्तु की कुल माँग। प्रभावी माँग के पूरी होने पर किसी नए उद्यमी के बाज़ार में सफल होने की संभावना कम हो जाती है।
  • ego state -- अहम् अवस्था
देo transactional analysis.
  • electronic data processing (EDP) -- इलैक्ट्रोनिक डेटा प्रक्रमण
देo automatic data processing.
  • electronic funds transfer system (s) (E.F.T.S.) -- इलैक्ट्रोनिक द्रव्य हस्तांतरण प्रणाली (इo एफo टीo एसo)
वह कंप्यूटरित प्रणाली जो वित्तीय लेन-देनों का प्रक्रमण करती है तथा उससे संबंधित सूचनाओं का संचरण एवं दो पक्षों के बीच मूल्यों के विनिमय को संपादित करती हैं।
  • endowment fund -- धर्मस्व निधि
धर्मस्व से प्राप्त आय से निर्मित निधि। इस प्रकार की निधि विभिन्न प्रयोजनों के लिए बनाई जा सकती है। इसमें या तो दानदाता किसी प्रयोजन-विशेष के लिए इकमुश्त राशि दान कर देता है और फिर उसमें से नियमित रूप से खर्च होता रहता है या विभिन्न दानदाता नियमित रूप से दान करते रहते हैं।
  • entity -- सत्ता
कोई व्यक्ति या संगठन जिसका इपने आप में एक स्वतंत्र अस्तित्व हो।
  • entrepreneur -- उद्यमी
वह व्यक्ति जो नए उद्यम की अवधारणा और उसके विकास की प्रक्रिया का प्रारंभ करता है। ऐसा व्यक्ति प्रस्तावित उपक्रम की वित्तीयन से लेकर उत्पाद-वितरण तक सभी समस्याओं के समाधान का दायित्व ग्रहण करता है और उपक्रम की संपूर्ण जोखिम उठाता है।
  • environmental scanning -- पर्यावरण परिलोकन
व्यापारिक फर्में एक पर्यावरण के अंतर्गत कार्य करती हैं और इस पर्यावरण को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ प्रायः बड़ी प्रबल होती हैं। फर्म के शीर्ष प्रबंधक बाह्य पर्यावरण का, और अन्य तलों के प्रबंधक उसके आंतरिक पर्यावरण का निरंतर अवलोकन करते रहते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इन प्रबल प्रबावी शक्तियों को स्वीकार करना, या उनकी उपेक्षा करना प्रबंधकों का अपना विवेकाधिकार होता है परन्तु वस्तुस्थिति यह है कि रणनीतियों का निर्धारण प्रबंधकों द्वारा किए जाने वाले पर्यावरण के प्रत्यक्षण पर निर्भर करेगा। पर्यावरण को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ आर्थिक, सामाजिक, प्रौद्योगिकीय और राजनैतिक हो सकती हैं और ये अत्यधिक परिवर्तनशील होती हैं। पर्यावरण प्रत्यक्षण का प्रमुख उद्देश्य यही होता है कि इन परिवर्तनों के पथ पर नज़र रखी जाए और उसे कंपनी की नीतियों और रणनीतियों में उतारा जाए ताकि फर्म के उद्देश्यों की पूर्ति हो सके। जहाँ ऐसे परिवर्तन, प्रबंधकों की राय में, फर्म पर प्रभाव नहीं डाल पाएँगे वहाँ वे उनकी उपेक्षा कर देते हैं।
  • equity -- ईक्विटी
किसी कंपनी के सामान्य शेयर या शेयरधारियों के प्रति देयताओं को छोड़कर अन्य देयताओं को निकालने के बाद बची परिसंपत्तियों का मूल्य। लाभ के वितरण में ऋण पत्रों तथा अधिमान्य शेयरों को ही तरजीह दी जाती हैं।
  • equity capital -- ईक्विटी पूंजी
किसी कंपनी द्वारा ईक्विटी बेचकर एकत्र की गई पूंजी। इसे कबी-कभी जोखिम पूंजी या साहस पूंजी भी कहा जाता है।
  • equity share capital -- ईक्विटी शेयर पूंजी
किसी कंपनी के स्वामित्व अंशधारियों द्वारा प्रदत्त पूंजी का अंकित मूल्य अर्तात् कंपनी के कुल शेयरों का अंकित मूल्य।
  • ergonomics -- श्रमदक्षता शास्त्र
ऐसी विधा जिसके अंतर्गत मशीन और लोगों के संबंधों का अध्ययन किया जाता है। इसे मानव अभियांत्रिकी भी कहा जाता है। प्रायः इस अध्ययन का उद्देश्य उत्पादन का विस्तार, उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा की वृद्धि , प्रशिक्षण में कमी, कार्य स्थितियों में सुधार और श्रम संघ एवं प्रबंध के संबंधों में सुधार करना होता हैं।
  • escalation clause -- वृद्धिखंड
वह संविदात्मक व्यवस्था जो घटनाओं के घटने पर संविदा के अंतर्गत आने वाली मदों पर लागत वृद्धि की स्वीकृति या आदेश प्रदान करती हैं।
  • euro currency -- यूरो-मुद्रा
अन्य देश की दृढ़ मुद्राएँ जो यूरोपीय बैंकों में जमा होती हैं और जिनका अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय साधनों के रूप में यूरोप के वित्त बाज़ार में लेन-देन होता हैं।
  • excess profit tax -- अति लाभ कर
जब कंपनियों के लाभ असाधरण रूप से अधिक हो जाते हैं तो उनके ऊपर लगाया जाने वाला विशेष कर जो सामान्य निगम करों के अतिरिक्त होता है। इसे सुपरटेक्स या सरटेक्स भी कहा जाता हैं।
  • excise -- उत्पाद-शुल्क
विनिर्मित माल पर लगाया गया कर जो माल के फैक्टरी मूल्य पर निर्धारित किया जाता है।
  • ex-dividend -- लाभांश रहित
लाभांश के हक के बिना शेयर बेचते समय विक्रेता यह शर्त लगाता है कि उस पर मिलने वाला लाभांश, जो घोषित हो चुका है, वह स्वयं लेगा, क्रेता नहीं।
  • ex-dividend date -- लाभांश रहित तिथि
वह तिथि जिसके पश्चात् शेयरों की खरीद करने वाले को उन पर घोषित लाभांश प्राप्त करने का अधिकार नहीं मिलता है। ऐसी तिथि की घोषणा कंपनियाँ कंपनी विधान के अधीन प्रायः अपने लाभांश की घोषणा साथ कर देती हैं।
  • executive -- कार्यकारी
वह व्यक्ति जो निर्णयन कार्य करता हो और जिसके अधीन कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वाह करते हों।
  • executive committee -- कार्यकारी समिति
अधिकारियों का वह औपचारिक समह जो किसी संगठन के प्रत्यक्ष संचालन और प्रबंध के लिए उत्तरदायी हो।
  • executive trainee -- कार्यकारी प्रशिक्षणार्थी
वह व्यक्ति जो कार्यकारी बनने से पूर्व किसी व्यवसाय के परिचालन एवं प्रबंध के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय के अंतर्गत कार्य करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त करता हैं।
  • exemplary damages -- निवारक क्षति
किसी न्यायालय द्वारा घोषित ऐसा जुर्माना या अर्थदंड जो दोषकर्ताओं को सबक सिखाने एवं अन्य लोगों को वैसा ही दोष करने से रोकने के लिए किया जाता है।
  • exit interview -- बहिर्गमन साक्षात्कार
विलग हो रहे कर्मचारी के साथ प्रबंधक प्रतिनिधियों की बैठक जिसमें प्रबंधक उससे अपने लिए उपयोगी सूचना प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
  • expansion demand -- विस्तारार्थ माँग
विपणन के क्षेत्र में ऐसी माँग जिसका संबंध उन पूर्णतया नए उपभोक्ताओं या उपभाक्ताओं से होता है जो एक उत्पाद विशेष को खरीदने के लिए बाज़ार में प्रवेश कर रहे हैं। यह माँग दो प्रकार की हो सकती है – एक प्रतिस्थापन माँग जो उपभोक्ता टिकाउ वस्तुओं तथा औद्योगिक पूंजीगत माल से संबंधित होती है और दूसरी पुनरावृत्ति माँग जो उपभोज्य वस्तुओं की होती हैं।
  • expected return -- प्रत्याशित प्रतिफल
निवेशकों द्वारा अपने निवेश पर अपेक्षित प्रतिफल का अनुमान जो प्रायः उठाई जाने वाली जोखिम द्वारा प्रभावित होता है।
  • expediter -- गतिरोध निवारक
वह कर्मचारी जो कारखाने में कच्चा माल, मशीन, कार्मिक शक्ति, ईधन आदि से संबंधित व्यवधानों को दूर कर कार्य की गति को तेजी से बढ़ाने का निरंतर प्रयास करता रहता हैं।
  • exponential smoothening -- चरधातांकी समकारी
बिक्री पूर्वानुमान की ऐसी परिणात्मक तकनीक जो विक्रय पूर्वानुमानों की संगणना करने के लिए भूतकालीन बिक्री के आँकड़े एवं भूतकालीन विक्रय पूर्वानुमानों का प्रयोग करती हैं।
  • export -- निर्यात
देश के नियमों तथा नियंत्रणों के अधीन दूसरे देशों को बेचा गया माल एवं सेवाएँ।
  • export house (=export merchant house) -- निर्यात-गृह (निर्यात व्यापारिक-गृह
निम्नलिखित में से एक या एक से अधिक रूप में निर्यात व्यवस्था करने वाला प्रतिष्ठानः (क) निर्यात व्यापारी के रूप में कार्य करते हुए, विनिर्माता से सीधे वस्तुएँ क्रय करके उनका विक्रय ; (ख) विनिर्माता के निर्यात विभाग या अभिकर्ता के रूप में कार्य करते हुए निर्यात बिक्री प्रबंधन और विदेशी क्रेता का साख जोखिम, भौतिक और लिपिकीय कार्य, वस्तुओं का स्वदेश या विदेश में स्टाक रखना तया निर्यात औपचारिकताएँ और बिक्री पश्चात् सेवाओं का दायित्व लेना ; (ग) विदेशी क्रेता के लिए माल लदान, बीमा, आदेश की प्रेषण और प्रोत्साहन तथा क्रेता की ओर से वित्तीय संविदा आदि करना।
  • express warranty -- व्यक्त आश्वस्ति
विक्रेता द्वारा अपनी वस्तु की बिक्री के लिए किसी उपभोक्ता को यह विश्वास दिलाना कि उसकी वस्तु उत्तम, लाभदायक या उचित मूल्य की है ताकि वह व्यक्ति उसे क्रय कर सके। उपभोक्ता विक्रेता से यह अपेक्षा करेगा कि विक्रेता अपनी अभिव्यक्त आश्वस्ति का अनुपालन करेगा अन्यथा उपभोक्ता क्षतिपूर्ति का अधिकारी होगा।
  • ex-rights -- अधिकार रहित
नवीन शेयर पूंजी के निर्गमन की दशा में शेयरधारी जब अपने पुराने शेयरों का विक्रय कंपनी द्वारा घोषित एक तिथि के पश्चात् करेंगे तो ऐसे शेयरों के क्रेता को कंपनी की नवीन अंश पूंजी में क्रय किए गए शेयरों के आधार पर अधिमान्य शेयरों के आवंटन कराने का अधिकार नहीं होता है।
  • external audit -- बाह्य लेखा परीक्षा
संगठन द्वारा नियोजित आंतरिक लेखापरीक्षा से भिन्न वाहरी लेखा परीक्षकों द्वारा की गई स्वतंत्र लेखापरीक्षा।
  • facilities management -- सुविधा प्रबंध
विनिर्माण की प्रक्रिया को सुकर करने और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से भौतिक साधनों जैसे संयंत्रों, कार्मिक, सामग्री, शक्ति और ईंधन की समुचित व्यवस्था करना।
  • factoring -- लेनदारी-लेखा-क्रय
1. खाता ऋणों को वसूली सेवाकर्ताओं को साँप देने की व्यवस्था। यह वसूलीकर्ता सामान्यतः ऋण देय तिथि पर भुगतान करने की गारंटी करता है, साथ ही वह साखपात्रता और ऋण वसूली सेवा भी प्रदान करता हैं।

2. बैंकिंग के क्षेत्र में किसी बैंक के किश्त-ऋण विभाग सामान्यतथा अपनाई जाने वाली वह प्रणाली जिसमें 12 माह के ऋण की परिपक्वता से पूर्व लौटाए या जमा किए जाने वाले ब्याज की मात्रा की गणना की जाती है। 3. निर्धारित तिथि से पूर्व फर्म द्वारा प्रायः बट्टे पर लेनदारी खातों की बिक्री।

  • factoring company -- आढ़तिया कंपनी
1. वह फर्म या कंपनी जो स्वयं विनिर्माण कार्य नहीं करती अपितु विनिर्माता के थोक विक्रेता या अभिकर्ता के रूप में कार्य करती है।

2. ऐसा वित्त-गृह जो फर्मों से लेनदारी लेखे खरीद लेता है और साख नियंत्रण बिक्री लेखाकरण तथा ऋण वसूली की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेता हैं।

  • factor rating -- कारक क्रम-निर्धारण
निष्पादन मूल्यांकन तथा कार्य मूल्यांकन की तकनीक जिसके अनुसार प्रबंधकों का कुछ ऐसे कारकों में क्रम-निर्धारण किया जाता है जिनका उनमें होना वांछनीय है और हो भी कि उन्होंने इन कारकों में किस सीमा तक सफलता हासिल कर ली हैं।
  • fair trade -- सद्व्यापार
वह धारणा जिसके अंतर्गत उत्पादक, वितरक एवं खुदरा व्यापारी अपनी वस्तुओं की उचित क़ीमत, गुणवत्ता तथा वस्तु की यथेष्ट पूर्ति को सुनिश्चित करते हैं।
  • farmout -- बाह्य विनिर्माण
विनिर्माताओं द्वारा अपने उत्पाद के किसी अंश को अन्य विनिर्माताओं से तैयार करवाना। यह व्यवस्था प्रायः बड़े विनिर्माताओं द्वारा छोटे और आनुषंगिक उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए की जाती हैं।
  • feasibility study -- शक्यता अध्ययन
प्रस्तावित परियोजना के सभी पहलुओं का औपचारिक अनुसंधान जिसमें लागतों और व्यावहारिक उपलब्धि की संभावनाओं का विश्लेषण किया जाता है।
  • feather bedding -- अधिनियोजन
श्रमिक संध के सदस्यों को अनावश्यक कार्य पर नियोजित करने के लिए श्रमिक संघ का दबाव। इसके अंतर्गत प्रायः उन सेवाओं को बनाए रखने की माँग की जाती है जोकि तकनीकी परिवर्तन के कारण बेकार हो गई हैं।
  • fictitions assets -- कल्पित परिसंपत्ति
वे मज जो लेखीय कारणों से तुलन-पत्र में प्रदर्शित होते हैं, वद्यपि इनका कोई मूल्य नहीं होता और इनसे कोई प्राप्ति भी नहीं होती। व्यापारिक हानियाँ या प्रवर्तन व्यय इसके अच्छे उदाहरण हैं।
  • fidelity guarantee -- विश्ववस्तता गारंटी
वह गारंटी जो जमानती द्वारा किसी नियोजित व्यक्ति की ईमानदारी के बारे में दी गई हो। यह गारंटी तब तक रहती है जब तक कि कार्य की प्रकृति एवं सेवा शर्तें पूर्ववत् बनी रहें।
  • fiduciary -- न्यासीय
कोई व्यक्ति अथवा संस्था जिसका न्यास के साथ संबंध है अथवा जिसके पास विशिष्ट तथा क़ानूनी रूप से न्यासी होने का अधिकार है। यह न्यासी किसी संपत्ति अथवा संस्था का निष्पादक या प्रशासक भी हो सकता है और बैंकर, वकील या कंपनी रोकड़िया जैसी स्थिति वाला भी हो सकता हैं।
  • finance company -- वित्त कंपनी
बैंक को छोड़कर वह संस्था जो वित्त बाज़ार में व्यक्तियों और व्यावसायिक संगठनों के साथ लेन-देन करती है।
  • financial accounting -- वित्तीय लेखाकरण
लेखा शास्र की वह शाखा जिसका संबंध व्यवसाय के वित्तीय पक्ष अर्थात् उसके आय, व्यय, परिसंपत्ति तथा देयताओं से संबंधित मामलों से होता हैं।
  • financial controls -- वित्तीय नियंत्रण
प्रबंध-वर्ग द्वारा उद्यम पर नियंत्रण रखने की प्रक्रिया के वित्तीय अवयव, जैसे बजट, वित्तीय विश्लेषण, संतुलन स्तर विश्लेषण, आदि।
  • financial forecasting -- वित्तीय पूर्वानुमान
भविष्य की आय और लागतों का प्रक्षेपण।
  • financial leverage -- वित्तीय उत्तोलन
वित्तीय साधनों में ऋण के समावेश अथवा उसकी मात्रा की वृद्धि से शुद्ध आय तथा प्रति शेयर आय पर पड़ने वाले प्रभाव का मापन वित्तीय उत्तोलन की अवधारणा के द्वारा किया जाता है। क्योंकि ऋण की लागत अन्य वित्तीय साधनों से कम होती है, इसलिए पूंजी संरचना में इसकी उपस्थिति एक उत्तोलक का कार्य करती है जिसके फलस्वरूप प्रति शेयर आय बढ़ जाती हैं।
  • financial management -- वित्तीय प्रबंध
प्रबंध विज्ञान का वह कार्यात्मक क्षेत्र जिसके अधीन निवेश, वित्तीयन कार्यशील पूंजी व्यवस्था, आय निर्धारण, विलय और उपक्रम विक्रय जैसी वित्तीय समस्याओं के निर्णय लिए जाते हैं।
  • financial planning -- वित्तीय आयोजन
इसके अंतर्गत किसी व्यवसाय की अल्प और दीर्घकालीन योजनाओं और कार्यक्रमों की रचना एवं उनकी पूरा करने के लिए अपेक्षित धन राशि की व्यवस्था तथा उसका इष्टतम उपयोग और किए गए व्यय से प्राप्त परिणामों के मूल्यांकन को सम्मिलित किया जाता है।
  • financial position -- वित्तीय स्थिति
किसी कंपनी की परिसंपत्तियों और देनदारियों को एक साथ रखकर दर्शाने वाला विवरण जैसे तुलनपत्र।
  • financial ratios -- वित्तीय अनुपात
किसी प्रतिष्ठान की आर्थिक सामर्थ्य या दुर्बलता को प्रदर्शित करने वाले वे अनुपात जिनकी गणना तुलन-पत्र और आय-विवरणों के मदों के आधार पर की जाती हैं।
  • financial risk -- वित्तीय जोखिम
किसी भी उपक्रम की शुद्ध आय (व्याज, भाड़ा, कर और सभी खर्चे निकालने के बाद) की विवरणशीलता जिसे मानक विचलन के द्वारा मापा जाता है। किसी भी पूंजी कलेवर में जैसे-जैसे ऋण की मात्रा बढ़ती है वैसे-वैसे जोखिम की मात्रा भी बढ़ती जाती है।
  • financial statements -- वित्तीय विवरण
किसी व्यक्ति, स्वामित्व फर्म, निगम, कंपनी, संगठन या संघ द्वारा वैधानिक सत्व की वित्तीय स्थिति के बारे में दिए गए दो विवरण अर्थात् तुलन-पत्र एवं आय-विवरण।
  • financial structure -- वित्तीय संरचना
किसी प्रतिष्ठान के ईक्विटी, अदिमान्य शेयर और अल्प और दीर्ध कालीन देनदारियों का विशिष्ट संयोजन।
  • financing -- वित्तीयन
किसी उपक्रम या परियोजना के लिए विभिन्न साधनों से वित्त की व्यवस्था करना।
  • fire insurance -- अग्नि बीमा
किसी संपत्ति की अग्नि से उत्पन्न क्षति के लिए संरक्षण प्रदान करने का बीमा जिसकी प्रतिपूर्ती संविदा में उल्लिखित राशि या वास्तविक हानि जो भी कम हो, तक सीमित होती है।
  • first-in-first-out (FIFO) -- क्रय क्रम मूल्यन विधि, प्रथम आवक प्रथम जावक मूल्यन विधि, फिफो विधि
माल के मूल्यन की एक विधि जिसके अंतर्गत यह माना जाता है कि जो माल पहले खरीदा गया है सबसे पहले वही बिका है। अतः शेष माल का मूल्यांकन उससे बाद की खेपों के खरीद मल्य पर आधारित होता है।
  • firstline supervisor -- प्रथमी पर्यवेक्षक
वह पर्यवेक्षक जिस पर कारखाने के श्रमिकों के प्रबंध और उनके कार्य का प्रत्यक्ष और निकटस्थ उत्तरदायित्व हो। प्रायः यह फोरमेन का पर्याय है किन्तु कभी-कभी इस स्तर से थोड़े ऊपर के व्यक्तियों को भी इसमें सम्मिलित किया जाता हैं।
  • first mortgage -- प्रथम बंधक
वह बंधक जो अन्य बंधकों में वरिष्ठ हो। ऐसे बंधक का संपत्ति पर प्रथम प्रभार होता है तथा संपत्ति के बेचे जाने की स्थिति में सर्वप्रथम इसी बंधक के ऋण को चुकाया जाता है।
  • fixed charges -- नियत प्रभार
आवधिक और निरंतर पड़ने वाले वित्तीय उपरि प्रभार जिनका भुगतान होना चाहिए किन्तु इनका व्यावसायिक गतिविधियों से प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता। इसमें किराया, ब्याज और मूल्यह्रास जैसे प्रभारों को सम्मिलित किया जाता हैं।
  • fixed costs -- स्थिर लागत
ऐसी लागत जो एक सीमा तक परिमाण में परिवर्तन होने के बावजद घटती-बढ़ती नहीं हैं, किन्तु इस लागत की प्रति इकाई लागत परिमाण में वृद्धि के साथ कम होती जाती है।
  • flexible budget -- लचीला बजट
वह बजट जो एक क्रियास्तर पर नहीं अपितु विभिन्न क्रियास्तरों पर लागत अनुमान दर्शाता है। कभी-कभी प्रत्यक्ष कच्चे माल और श्रम को भी लचीले बजट में शामिल कर लिया जाता है। ऐसा बजट उस स्थिति में बनाया जाता है जहाँ अनिश्चित व्यावसायिक परिस्थितियों की वजह से बिक्री का सही अनुमान लगाना कठिन होता है।
  • float -- तिरना
(i) प्रतिभूतियाँ :- नई प्रतिभूतियों का वह भाग जिसका जनता ने अभी क्रय नहीं किया है।

(ii) बैंकिंग :- उन चेकों की राशि जिन्हें अभी सकारा नहीं गया है। (iii) लेखाकरण :- तिजोरी या खदरा रोकड़ में रखी गई राशि।

  • floatation costs -- प्रवर्तन लागत
नवीन प्रतिभूतियों को जारी करने एवं उनकी बिक्री में होने-वाले खर्च। इनके अंतर्गत बीमाकर्ता का कमीशन, पंजीकरण शुल्क, छपाई-व्यय, वैधानिक शुल्क और परामर्शदाता शुल्क को सम्मिलित किया जाता है। ये विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों के साथ बदलते रहते हैं।
  • floating charge -- अस्थायी प्रभार
ऐसा व्यावसायिक ऋण जो किसी मद विशेष द्वारा नहीं अपितु परिसंपत्तियों द्वारा सुरक्षित होता है। इसमें उधारदाता को प्रतिष्ठान के दिवालिया या परिसमापन की स्थिति में परिसंपत्तियों की मिली-जुली निधि से भुगतान में प्राथमिकता दी जाती हैं।
  • floating exchange rate -- अस्थायी विनिमय दर
सरकारी हस्तक्षेप के बिना एक देश की मुद्रा को दूसरे देशों की मुद्राओं के साथ अपनी विनिमय दर स्थापित करने देना। ऐसी स्थिति में विश्व मुद्रा बाज़ार में ये विनिमय दरें बाज़ार शक्तियों के अनुरूप घटती-बढ़ती रहती हैं।
  • fluctuations -- उच्चावचन, घटत-बढ़त
वस्तु या प्रतिभूति बाज़ार में क़ीमतों की घट-बढ़।
  • foreign aid -- विदेशी सहायता
वह आर्थिक या तकनीकी सहायता जो किसी अन्य राष्ट्र से देश के विकासार्थ प्राप्त की जाती है। यह बद्ध, अबद्ध, परियोजना निष्ठ, ईक्विटी अभिदान अथवा मात्र तकनीकी परामर्श इत्यादि के रूप में प्राप्त की जाती हैं।
  • foreign exchange reserves -- विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि
किसी देश द्वारा अर्जित और संचित विदेशी मुद्रा और वित्तीय-प्रपत्रों की राशि।
  • formal organization -- औपचारिक संगठन
निश्चित लक्ष्य और उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विधिवत् स्थापित संरचना को औपचारिक संगठन कहा जाता है।
  • fortification strategy -- किलाबंदी रणनीति
किसी फर्म द्वारा बाज़ार में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने का एक सकारात्मक प्रयास। इसके अनुसार अग्रणी फर्म अपनी क़ीमतों को यथोचित बनाए रखने का प्रयास करती है और यह प्रतियोगियों द्वारा किए गए प्रस्तावों तथा अग्रणी फर्म द्वारा प्रस्तावित क़ीमतों के प्रत्यक्ष मूल्य, दोनों की ही तुलना में वाजिब होती है। फर्म अपने ब्रांड को अनेक आकारों व स्वरूप में निर्मित करती है ताकि बाज़ार के विचरणीय अधिमानों को संतुष्ट कर सके और अपने प्रतियोगियों को पैर जमाने से रोक सके।
देo protecting market leadership.
  • forwarding agent (=forwarder) -- अग्रेषण-अभिकर्ता, अग्रेषण एजेन्ट
वह व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठान जो माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने और उससे संबद्ध सेवाएँ जैसे भंडारण, पैकिंग आदि प्रदान करने का काम करता हैं।
  • fringe benefits -- अनुषंगी हितलाभ
नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को वेतन के अतिरिक्त दिया जाने वाला लाभ। इसके अंतर्गत पेन्शन, अवकाश, चिकित्सा अवकाश, अनुशिक्षण सहायता, बीमा, भविष्य निधि में योगदान, लाभ-सहभाजन, अवकाश यात्रा रियायत (एलoटीoसीo) इत्यादि को सम्मिलित किया जाता है।
  • full cost pricing -- संपूर्ण लागत क़ीमत निर्धारण
पदार्थों पर लागतों का विनिधान करने की एक ऐसी विधि जिसके अनुसार प्रत्येक उत्पाद उसके निर्माण में लगी सभी लागतों का एक न्यायपूर्ण अंश वहन करेगा और उसके आधार पर ही क़ीमत का निर्धारण किया जाएगा। किसी भी अवधि के अंत में लगाई गई सभी लागतों को उस अवधि में निर्मित सभी उत्पादों पर बाँटा जाएगा। फलस्वरूप मालसूची में किसी भी प्रकार की लागतें विचाराधीन नहीं की जाएँगी।
  • full line forcing -- पूर्ण-श्रृंखला आरोपण
बहुत-से विनिर्माता अपने विक्रेता व्यापारियों को विवश करते हैं कि वे उनके सभी उत्पादों का स्टाक कर उनके विक्रय का उत्तरदायित्व स्वीकार करें, भले ही ये सबी उत्पाद द्रुत विक्रेय न हों। ऐसा प्रायः कम चलने वाले और अप्रचलित उत्पादों के स्टाक को निकालने के लिए किया जाता हैं। लोकनीति की दृष्टि से इन क्रियाओं को अवांछनीय समझा जाता है क्योंकि ये मुक्त व्यापार का निरोध करती हैं। भारतीय एकाधिकार तथा अवरोधक व्यापारिक व्यवहार अधिनियम के अधीन इसे अवरोधक व्यापारिक व्यवहार घोषित किया गया है।
  • functional layout -- कार्यात्मक अभिन्यास
ऐसे अभिन्यास में उन मशीनों और उपस्करों को एक साथ रखा जाता है जो एक ही प्रकार का कार्य संपादित करते हैं। जैसे कारखाने की सारी लेथ मशीनें एक स्थान पर, इसकी सारी मिलिंग मशीनें एक दूसरे स्थान पर, उसकी निरीक्षण क्रियाएँ एक तीसरे स्थान पर तथा उसकी संयोजन लाइन एक अन्य स्थान पर अधिष्ठापित कर दी जाएँ। विनिर्माण में प्रयोग होने वाले निर्मित पदार्थ एक संक्रिया से दूसरी संक्रिया की ओर उपयुक्त खेपों में आगे बढ़ाए जाते हैं और प्रत्येक कार्यस्थल पर उनकी अस्थायी भंडारण की व्यवस्था होती है ताकि संबंधित मशीनों में लगे हुए माल की निकासी होती रहे तथा प्रतीक्षारत माल अपनी बारी आने तक रखा रहे। संक्रिया अभिन्यास अथवा कार्यात्मक अभिन्यास एक सविराम उत्पादन व्यवस्था का स्वरूप भी होता है।
  • fundamentalist -- मूलतत्ववादी
शेयर मूल्यों और उनकी भावी क़ीमतों के बारे में पूर्वानुमान करने वालों का एक संप्रदाय। इनकी मान्यता है कि शेयर मूल्यों में परिवर्तन कुछ आधारभूत घटकों जैसे कंपनी की अर्जन शक्ति, उसकी लाभांश घोषण शक्ति, विकास दर, इत्यादि के द्वारा होता है।
  • funds flow analysis -- निधि-प्रवाह विश्लेषण
किसी अवधि के दौरान विभिन्न व्यावसायिक व्यवहारों के फलस्वरूप होने वाले द्रव्य के आवागमन को प्रदर्शित करने की एक लेखा-प्रणाली। यह प्रतिष्ठान की कार्यशील पूंजी में हुए निवल परिवर्तनों को दर्शाता है।
  • futures contract -- वायदा संविदा
प्रतिभूतियों या जिसों के ऐसे सौदे जिनके अंतर्गत एक निश्चित भावी तिथि पर खरीदने या बेचने का वायदा किया जाता है।
  • Gantt chart -- गेन्ट चार्ट
एचo एलo गेन्ट द्वारा प्रतिपादित एक माध्य जिससे वास्तविक और प्रत्याशित उत्पादन रेकार्ड के बीच के संबंध को रेखाचित्र द्वारा मापा जाता है।
  • gentlemen’s agreement -- भद्र करार, सौजन्य सहमति
विश्वास पर आधारित और अहस्ताक्षरित समझौता जिसके निष्पादन की संबंधित पक्षों से अपेक्षा की जाती है।
  • gilt adged securities -- श्रेष्ठ प्रतिभूतियाँ
ऐसी प्रतिभूतियाँ जिनमें निवेश करने में सबसे कम जोखिम होती है और जिनमें समय पर प्रतिफल मिल जाने की पूरी संभावना होती है। इसीलिए इन्हें सर्वोत्तम वर्ग की प्रतिभूतियाँ कहते हैं।
  • goal congruence -- लक्ष्यान्विति
शीर्ष प्रबंधकों और उनके अधीनस्थों द्वारा प्रतिष्ठान के उद्देश्यों को समान दृष्टि से देखना।
  • going concern -- सुनाम प्रतिष्ठान
वह व्यवसाय जो चालू हो और जिसके भविष्य में भी चालू रहने की संभावना हो।
  • golden handshake -- स्वर्णिम विदाई
प्रतिष्ठान के उच्च कार्य अधिकारियों को उनकी नियुक्ति संविदा खत्म होने या सेवा संविदा को खत्म करने के समय प्रबंधकों द्वारा दिए जाने वाला पृथक्करण वेतन तथा अतिरिक्त धनराशि।
  • goods in process -- प्रक्रियागत वस्तुएँ
वह सामग्री और उत्पाद जो उत्पादन प्रणाली में आने के पश्चात् और उत्पादन पूर्ण होने तक उत्पादन प्रक्रिया के किसी चरण में रहते हैं।
  • goodwill -- सुनाम
किसी व्यवसाय अथवा फर्म को अपनी लाभक्षमता, प्रबंधपटुता, ईमानदारी, अनुकूल अवस्थिति आदि से मिलने वाले फायदों में व्यक्त मूल्य। ‘सुनाम’ का मूल्य निरूपण प्रायः तभी किया जाता है जबकि प्रतिष्ठान के संघटन में कोई परिवर्तन हो रहा हो। आकलन का आधार प्रायः प्रतिष्ठान के गत वर्षों के अधिलाभ की राशियाँ होती हैं।
  • gray market -- अलम्भ वस्तु बाज़ार
पूर्ति का वह स्रोत जहाँ से अलभ्य वस्तुओं का क्रय और तुरंत प्राप्ति, बाज़ार क़ीमत से ऊँची बढ़ौती देकर प्राप्त की जाती है। जो लोग इस गतिविधि में लगे होते हैं वे भावी माँगों के आधार पर सट्टेबाजी करते हैं।
  • grievance procedure -- शिकायत कार्यविधि
उद्यम के कार्मिकों की सेवा संबंधी शिकायतों को दूर करने और उनका निराकरण करने के लिए निश्चित कार्यविधि, जो आमतौर पर प्रबंध वर्ग और श्रमिक प्रतिनिधियों की आपसी बातचीत द्वारा तय की जाती है। इससे कार्मिकों की संतुष्टि होती है और परिणामस्वरूप उनकी दक्षता में वृद्धि होती हैं।
  • gross margin -- कुल पड़ता
(i) बिक्री — शुद्ध बिक्री में से बिक्रीत वस्तुओं की लागत घटाने के पश्चात् शेष शुद्ध आय जिसमें संचालन और वित्तीय व्यय सम्मिलित होते हैं। यह सकल लाभ का पर्याय भी है। वस्तुओं की लागत को निकालते समय संचालन और वित्तीय व्यय नहीं घटाए जाते हैं।

(ii) खुदरा व्यापार — निश्चित समयावधि के दौरान वस्तुओं की शुद्ध बिक्री और निवल लागत में विद्यमान अंतर। कुल पड़ता प्रतिशत की गणना शुद्ध बिक्री में इस संख्या का भाग देने पर प्राप्त होती है।

  • group appraisal -- सामूहिक मूल्यांकन
किसी कार्मिक के कार्यनिष्पादन का तीन या अधिक वरिष्ठों द्वारा सामूहिक रूप से मूल्यांकन।
  • group bonus -- समूह बोनस
किसी कार्यदल के कार्य निष्पादन के आधार पर, मजदूरी भुगतान का एक तरीका। सामान्य कार्य से अधिक कार्य करने के लिए बोनस देना एक प्रेरक-शक्ति होती हैं।
  • group dynamics -- समूह गतिकी
वह तरीका जिसके द्वारा लोग स्वयं में और समूह में आगे बढ़ने, एक दूसरे को प्रभावित करने और संबंधों के प्रतिमानों का विकास करते हैं। इसका विशिष्ट महत्व उनके लिए है जो नेतृत्व करते हैं या सफलतापूर्वक व्यावसायिक संगठन में भाग लेना चाहते हैं और जो व्यक्तियों की मात्र समष्टि के बजाए सामूहिक संचरण में आस्था रखते हैं।
  • group interview -- सामूहिक साक्षात्कार
साक्षात्कार का एक प्रकार जिसमें दो या अधिक उम्मीदवारों का किसी पद के लिए एक साथ साक्षात्कार किया जाता है। साधारणतया यह अनौपचारिक बातचीत का रूप धारण कर लेता है।
  • growth fund -- संवृद्धि निधि
वे वित्त कंपनियाँ जो अपने सदस्यों से संग्रहीत धन राशि ऐसी कंपनियों की ईक्विटी में लगाती है जिनके त्वरित विकास की संभावनाएँ हैं।
  • growth stock -- संवर्द्धी शेयर
वे शेयर जिनकी तेजी से मूल्य वृद्धि हो रही हैं।
  • harassment strategy -- उत्पीड़न रणनीति
प्रबल फर्म नई और उभरती हुई फर्मों को अनेक प्रकार से डरा धमका कर उनके अविर्भाव को रोकने का प्रयत्न करती है। इस आक्रमक रवैये का उद्देश्य प्रायः प्रतियोगी फर्म को समाप्त करना या उसे पूरी तरह अधिशासित करना होता है। प्रबल फर्म द्वारा किया जाने वाला ऐसा उत्पीड़न अनेक रूप ग्रहण कर सकता है जिसमें अवरोधक व्यापारिक व्यवहारों के अतिरिक्त प्रतियोगी फर्म के योग्य और कुशल प्रबंधकों को प्रलोक्षित कर अपनी तरफ तोड़ लेना अथवा येन-केन प्रकारेण विक्रेता तथा वितरकों पर ऐसा जोर दबाव डालना जिससे वह प्रतियोगी के पदार्थों का वितरण ही न करे, सम्मिलित हीता है।
देo protecting market leadership
  • Hawthorne studies -- हाथ्रोन अध्ययन
वैस्टन इलोक्ट्रिक के शिकागो हाय्रोन प्लांट में सन् 1924 से 1933 के बीच आयोजित निष्पादन अध्ययनों में यह दर्शाया गया कि किसी संगठन में सामाजिक व्यवस्था का बहुत महत्व है। इसीलिए सामाजिक व्यवस्था मानवीय संबंधों के सिद्धांत का एक आधार बन गई। इस अध्ययन द्वारा यह स्थापना की गई कि यदि व्यक्ति पर नज़र रखी जाएगी तो वह उस स्थिति से भिन्न रूप में प्रतिक्रिया करेगा जबकि उस पर नड़र नहीं रखी जा रही हैं।
  • hedging -- प्रतिरक्षा, पेशबंदी
(1) किसी भी प्रकार की हानि को कम करने के लिए किया गया रक्षात्मक पर्यास।

(2) वायदा बाज़ार में संभावित हानि से बचने और उसकी भरपाई करने का एक उपाय जिसके अंतर्गत व्यापारी विपरीत वायदा सौदे करके क़ीमतों में आने वाले उतार-चढ़ावों से उत्पन्न हानि से अपनी रक्षा करता है।

  • hedging approach -- प्रतिरक्षा उपागम
कार्यशील पूंजी के वित्तीयन के संदर्भ में प्रतिरक्षा उपागम का अर्थ यह होता है कि वर्तमान परिसंपत्तियों के घट-बढ़ वाले भाग का वित्तीयन वर्तमान देयताओं से तथा स्थिर भाग का वित्तीयन द्वारा किया जाता हैं।
  • heuristic programming -- स्वानुभविक प्रोग्रामन
शोध की एक ऐसी प्रणाली जो किसी भी चर के विकल्पों को एक साथ विचाराधीन न करके क्रमिक रूप में एक-एक करके मूल्यांकन कर उनका प्रयोग करती है। यह प्रणाली निर्णयन के क्षेत्र में जन माध्यमों के चुनाव हेतु बहुतायत से प्रयोग में लाई जाती है।
  • hierarchy -- सोपान
पद और अधिकार के क्रमिक आधार पर संगठित कार्यसमूह।
  • “hierarchy of effects” model -- “प्रभाव-सोपान” मॉडल
विपणनकर्ता अपने लक्षित ग्राहक समूहों से संज्ञानात्मक, सार्थक अथवा व्यवहारात्मक प्रतिउत्तरों की अपेक्षा करता है। जिसका उद्देश्य उपभोक्ता की मनःस्थिति को प्रभावित कर उसके दृष्टिकोण को बदलने अथवा उसे किसी विशेष कदम को उठाने के लिए प्रेरित करना होता है। इस मॉडल के क्रमिक-सोपान क्रेता को अनेक अवस्थाओं से गुजरता हुआ मानते हैं जैसे जानकारी, ज्ञान, पसंद, अधिमान, विश्वास तथा क्रय।
  • hierarchy of needs -- आवश्यकता सोपान
अब्राहम मेज्लो नामक मनोवैज्ञानिक द्वारा प्रतिपादित बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं की अनिवार्यताओं के क्रम से बनाई गई सूची।
  • high finance -- अधि-वित्तीयन
वित्तीयन के कार्य में लगे व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा किसी दूसरे पक्ष की धन राशि को बहुत जोखिमी निवेशों में लगा देना अथवा बैंक आदि के द्वारा प्रदत्त उधार सीमा का बेहिचक उपयोग करना या अत्यंत जटिल प्रकार के वित्तीय व्यवहार करना।
  • high flyer -- उच्च शेयर
वह शेयर जिसका मूल्य शेयरों की अपेक्षा बहुत तेजी से बढ़ रहा हो।
  • holding company -- नियंत्रक कंपनी
ऐसी कंपनी जिसका –

1. किसी अन्य कंपनी (अर्थात् नियंत्रित कंपनी) के निदेशक-मंडल के गठन पर नियंत्रण हो; या 2. उसकी (नियंत्रित कंपनी की) कुल मतदान-शक्ति के आधे से अधिक पर नियंत्रण हो और जिसमें 1 अप्रैल, 1956 से पूर्व जारी किए गए अधिमान शेयरों के धारकों के मताधिकार ईक्विटी शेयरधारकों के ही समान हों; या 3. नियंत्रित कंपनी की ईक्विटी शेयर पूंजी के अंकित मूल्य के आधे से अधिक पर स्वामित्व हो (यह प्रावधान उन मामलों में लागू होता है जहाँ कि नियंत्रित कंपनी स्वयं किसी अन्य कंपनी का नियंत्रण करती हो)।

  • holding subsidiary pyramiding -- नियंत्रण-सहायक पनी पिरामिडीकरण
नियंत्रण-सहायक कंपनियों की श्रृंखला अनेक तलों के साथ बन सकती है जैसे एक नियंत्रण कंपनी और एक उसकी सहायक कंपनी (द्वितलीय), अथवा एक नियंत्रण, एक उसकी सहायक तथा एक सहायक की सहायक कंपनी (तृतलीय) आदि। व्यापारिक इकाइयों के क़ानून द्वारा स्वामित्व तथा नियंत्रण की पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुसार इस प्रकार तल सहित आविर्भाव भी पिरामिडीकरण के नाम से जाना जाता हैं।
  • horizontal expansion ( =horizontal integration) -- समस्तर विस्तार ( =समस्तर एकीकरण)
एक क्षेत्र में अलग-अलग काम कर रहीं विभिन्न कंपनियों का पुनर्गठन, अधिग्रहण या समामेलन।
तुo देo vertical integration.
  • horizontal integration -- समस्तर एकीकरण
देo horizontal expansion.
  • hot money -- उत्प्रवाही द्रव्य (मुद्रा)
अधिक ब्याज की दर के आकर्षण या सुरक्षा की दृष्टि से जब मुद्रा का प्रवाह एक देश से अन्य देश की ओर होता है तो इस तरह के अल्पकालिक मुद्रा प्रवाह को उत्प्रवाही मुद्रा कहा जाता हैं।
  • hot stove rule -- गरम तवा नियम
संगठनों में अनुशासन संबंधी एक नियम जिसकी तुलना एक गरम तवे से की जाती है। गरम तवा यह चेतावनी देता है कि इसको छूने पर हानि हो सकती हैं, यदि काई उसको छू ले तो कष्ट तत्काल होगा तथा सभी छूने वालों पर समान रूप से असर होगा। यही तत्व अनुशासन के नियमों में होने चाहिए अर्थात् नियम चेतावनी देने वाले होने चाहिए तथा उनमें दोषी व्यक्तियों को बिना भेदभाव किए समान दोष के लिए समान दंड देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • human asset accounting -- मानव परिसम्पत्ति लेखाकरण
व्यवसाय एवं वाणिज्य में मानवीय घटक के मूल्य मापन द्वारा यह पता लगाना कि कंपनी की आर्थिक एवं सामाजिक नीतियों का कर्मचारी वर्ग पर प्रभाव पड़ता है और फिर कंपनी पर कर्मचारियों का क्या प्रभाव होता है। यह दृष्टिकोण ब्रिटेन के कार्मिक प्रबंध संस्थान एवं लागत और लेखा प्रबंधकों ने सामूहिक रूप से प्रतिपादित किया। इसका उद्देश्य है कि जन-शक्ति ससाधनों को लागत ही नहीं अपितु परिसंपत्ति भी माना जाए, जिससे कंपनी के संसाधनों का नियोजन एवं बजट बनाते समय कंपनी की जनशक्ति का समुचित लेखाकरण हो सके।
  • human engineering -- मानव अभियांत्रिकी
देo ergonomics.
  • human relations -- मानवीय संबंध
व्यवसाय में कार्यरत कार्मिकों के परस्पर व्यवहार का प्रबंध विकास के लिए अध्ययन। व्यावहारिक रूप से, प्रतिष्ठान के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कार्मिकों के बीच अच्छे संबंधों की स्थापना करना इसका उद्देश्य होता हैं।
  • human resource accounting -- मानव संसाधन लेखाकरण
नियमित लेखांकन पद्धति में मानवीय कारक को मौद्रिक मूल्य में परिवर्तित करने का साधन। इसका मूल उद्देश्य प्रबंधकों को मानवीय संसाधनों के महत्व का बाध कराना है और प्रबंधकों को इन संसाधनों के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाना है। इसे मानव परिसंपत्ति लेखाकरण (human asset accounting) भी कहा जाता हैं।
  • human resource development -- मानव संसाधन विकास
कार्मिकों की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी करने और उद्यम की भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से, उनकी उचित, सतत एवं सुनियोजित प्रशिक्षण की व्यवस्था करना, ताकि उद्यम की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार पर्याप्त संख्या में कुशल कार्मिक उपलब्ध हो सकें।
  • human resource management -- मानव संसाधन प्रबंध
प्रबंध तंत्र का एक पक्ष जिसका संबंध कार्मिकों को चुनने, भर्ती करने तथा उनको प्रशिक्षण देने से होता है। इसमें कार्मिकों के कार्य निष्पादन का मूल्यांकन करना भी शामिल हो सकता हैं।
  • hyper markets -- महाबाज़ार
जहाँ एक ही छत के नीचे बड़े पैमाने पर अनेक वस्तुओं का सामान्य और रियायती दरों पर विक्रय होता है उसे महाबाज़ार कहते हैं।
  • hypothecation -- बंधक
किसी ऋण के लिए वस्तु को कब्जे में रखते हुए गिरवी रखना। इसमें माल पर भौतिक कब्जा ऋणी के पास ही रहता है।
  • idle capacity -- निष्क्रिय क्षमता, अप्रयुक्त क्षमता
उत्पादन सुविधा का वह भाग जो उत्पादन क्षमता होते हुए भी सामान्य उत्पादन के लिए प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है।
  • illegal strike -- अवैध हड़ताल
औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 में निर्दिष्ट हड़ताल के भौतिक नियमों की अवमानता करके की जाने वाली हड़ताल।
  • image -- छवी
किसी प्रतिष्ठान की ‘कथनी और करनी’ के आधार पर लोगों के मन में उसके बारे में बनने वाले विश्वास एवं धारणाओं को छवि के नाम से जाना जाता है। किसी भी कंपनी को जो कुछ वह होना चाहती है, उसके योग्य बनकर उभरना होता है और वह जो कुछ करना चाहती है, उसके योग्य बनकर उभरना होता है और वह जो कुछ करना चाहती है और कर रही है, उसका पूर्ण संप्रेषण करना होता है।
  • impulsive buying -- आवेगी क्रय
खरीदार द्वारा किया गया अनियोजित क्रय। प्रायः इस प्रकार की खरीद बाज़ार में वस्तु से आकर्षित होकर उसी समय निर्णय लेकर की जाती है। उदाहरण के लिए, चलते-चलते पत्रिका की खरीद अथवा महिला द्वारा कोई वस्त्र अनायास पसंद आ जाने पर उसे खरीद लेना।
  • imputed income -- आरोपित आय
प्रदत्त सेवाओं के एवज में प्राप्त भौतिक प्रतिफलों का मुद्रा में व्यक्त मूल्य। जैसे किसी घरेलू उद्योग में कार्यरत परिवार के सदस्यों को उनके कार्य के उपलक्ष्य में प्राप्त होने वाली भोजन, कपड़े एवं आवास सुविधाओं का नक़दी में व्यक्त मूल्य।
  • incentive -- प्रोत्साहन
बढ़िया कार्य निष्पादन प्राप्त करने के लिए, कार्मिकों को दिया जाने वाला वित्तीय प्रोत्साहन।
  • incentive plan -- प्रोत्साहन योजना
वित्तीय प्रोत्साहन की एक योजना जिसमें कार्य निष्पादन के अनुसार के अनुसार अदायगी की व्यवस्था होती है, जैसे बिक्री वर्धन पर प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त अदायगी।
  • indexing -- सूचकांकन
पारस्परिक निधि या व्यक्तिगत निवेश सूची की एक निवेश तकनीक जिसमें इसकी धारित सामग्रियों को संगठित एवं तोलने का प्रयास किया जाता है जिससे यह शेयर बाजार के अन्य प्रमाणित सूचकांकों से भी अच्छी निष्पत्ति प्रदान कर सके।
  • industrial development bank of india (IDBI) -- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (भाoऔoविoबैंo)
भारत में उद्योगों की स्थापना, विकास और वित्तीयन करने वाली प्रधान संस्था भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के नाम से जानी जाती है। इसकी स्थापना 1964 में हुई थी। भाoऔoविo बैंक ने बहुत-सी योजनाओं का वित्तीयन किया है। इनमें प्रत्यक्ष सहायता, सुलभ कर्ज, तकनीकी विकास निधि, औद्योगिक ऋणों का पुनर्वित्तीयन, बिलों का बट्टा करना, निर्यात वित्त एवं गारंटी, मूलभूत पूंजी के लिए सहायता, वित्तीय संस्थाओं के शेयरों और बांडों की खरीद शामिल है।
  • industrial hygiene -- औद्योगिक स्वास्थ्य सेवा
प्रतिष्ठान में कार्यरत लोगों की स्वास्थ्य रक्षा और कल्याण के लिए कार्य करने वाली स्वास्थ्य सेवा।
  • industrial relations -- औद्योगिक संबंध
नियोक्ता, कर्मचारी और सरकार द्वारा किया जाने वाला कोई भी कार्य जिसके परिणामस्वरूप एक दूसरे के संबंध प्रमाणित हों। अधिकांशतः इसका अभिप्राय प्रबंध और श्रमिक संघों के मध्य संबंधों से है।
  • industry-wide bargaining -- उद्योगव्यापी सौदाकारी
किसी उद्योग विशेष के श्रमिक संघों और नियोक्ता समूह, जो संपूर्ण या अधिकांश का प्रतिनिधित्व करते हैं, के द्वारा वेतन, काम की परिस्थितियों आदि के बारे में की गई सामूहिक सौदेबाजी। जैसे बैकिंग उद्योग में की गई सामूहिक सौदाकारी।
  • inflationary spiral -- स्फीति की सर्पिल गति
महँगाई की वह स्थिति जिसमें क़ीमत वृद्धि के कारण श्रमिक व कर्मचारी अधिक वेतन की माँग करते हैं जिसके पूरी हो जाने पर उत्पादन लागत में और वृद्धि होती है, तथा इसके परिणामस्वरूप विक्रेता एवं उत्पादक और भी अधिक क़ीमत की माँग करते हैं। इस प्रकार महँगाई उर्ध्वगामी गति से बढ़ती जाती है।
  • informal organisation -- अनौपचारिक संगठन
संगठन में व्यक्तिगत तथा सामाजिक संबंधों का ऐसा अन्योन्याश्रित रूप जो विधिवत स्थापित नहीं किया गया हो अपितु व्यक्तियों के परस्पर संबंधों के फलस्वरूप बन गया हो।
  • informal organisation structure -- अनौपचारिक संगठन संरचना
संगठन चार्ट द्वारा प्रदर्शित औपचारिक संरचना से भिन्न व्यवहारगत अनौपचारिक संरचना।
  • information -- सूचना, जानकारी
1. सामान्य – आधार सामग्री से प्रयोगकर्ता प्राप्त तथ्य।

2. कंप्यूटर – आधार सामग्री, अंकों, वर्णों, इत्यादि का संकलन जो कंप्यूटर द्वारा किसी विशिष्ट कार्य के लिए प्रक्रमित या उत्पादित किया गया हो।

  • information science -- सूचना विज्ञान
अंकीय प्रक्रमण उपस्कर द्वारा आदार सामग्री के प्रक्रमण एवं संप्रेषण की तकनीक का अध्ययन।
  • innovation -- नवप्रवर्तन
वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, विपणन, इत्यादि क्षेत्रों में नए विचारों और प्रक्रियाओं के प्रयोग की अवधारणा। इस अवधारणा का सर्वप्रथम प्रयोग जोसेफ शुम्पीटर द्वारा उद्यमियों के प्रमुख कार्य के रूप में किया गया था।
  • innovation strategy -- नवप्रवर्तन कार्यनीति
किसी अग्रणी फर्म द्वारा नायकत्व की रक्षा के लिए अपनाई जाने वाली एक कार्यनीति। इसके अधीन अग्रणी फर्म उद्योग को एक नया नेतृत्व प्रदान करती है जिसके फलस्वरूप नव पदार्थ, विचार, ग्राहक सेवाओं, वितरणों के माध्यम और लागत में कमी करने के नए-नए आयाम और रूप प्रकट होते हैं। वस्तुतः यह कार्यनीति सेना के “आक्रमक सिद्धांत” से प्रेरित होती है। इसके अनुसार सेनानायक पहल करता है, गति देता है और शत्रु की दुर्बलताओं का लाभ उठाता है। इसका अंतर्निहित सिद्धांत होता है – “अच्छा आक्रमण सर्वश्रेष्ठ प्रतिरक्षा”।
नवप्रवर्तन कार्यनीति समाज व फर्म दोनों के लिए अत्यधिक रचनात्मक सिद्ध होती है।
देo protecting market leadership
  • instalment sale -- किश्त पर बिक्री
बिक्री की एक लिखित संविदा जिसमें क्रेता को वर्णित नियमित अंतरालों पर समान राशि की किश्तों का भुगतान करना होता है।
  • institutional advertising -- संस्थानिक विज्ञापन, संस्थागत विज्ञापन
किसी संस्था के अपने विशिष्ट उत्पादों के प्रत्यक्ष विज्ञापन से भिन्न ऐसे विज्ञापन जिनका उद्देश्य सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वाह में प्रतिष्ठान की भूमिका पर प्रकाश डालना एवं उसकी छवि को सुस्थापित करना होता है।
  • institutional buying -- संस्थागत क्रय
स्कूल, अस्पताल, जेल जैसी संस्थाओं द्वारा की गई विविध सामग्रियों की खरीद जिसका उद्देश्य अपने विद्यार्थियों, मरीजों, बन्दियों, इत्यादि की आवश्यकता की वस्तुओं का कम से कम क़ीमत पर किन्तु साथ ही एक निश्चित गुणवत्ता बनाए रखकर खरीदना होता है।
  • institutional investor -- संस्थानिक निवेशकर्ता
वह कंपनी जो अपनी निधियों का उल्लेखनीय अंश प्रतिभूतियों में लगाती हैं।
  • insurable interest -- बीमा हित
बीमा का एक आवश्यक तत्व जिसके अनुसार बीमादार उसी वस्तु का अथवा व्यक्ति के जीवन का बीमा करा सकता है जिसके नष्ट होने अथवा दिवंगत हो जाने से उसे आर्थिक क्षात होती है। बीमा हित के अभाव में संपन्न बीमा संविदाए निरर्थक और शून्य होती हैं।
  • integrated marketing -- एकीकृत विपणन
एकीकृत विपणन वह अवधारणा है जिसके अधीन ग्राहक की आवश्यकताओं को फर्म के विपणन प्रयोसों से एकीकृत किया जाता है ताकि इसके द्वारा जिस ग्राहक-संतोष का संचार होगा वह संगठन के उद्देश्यों की प्राप्ति का एक प्रमुख आधार बनेगा।
  • intelligence quotient (IQ) -- बुद्धि लब्धि
किसी व्यक्ति की मानसिक योग्यता का माप जो बुद्धि परीक्षण के द्वारा उसकी मानसिक आयु और वास्तविक आयु के अनुपात से प्राप्त होता है। मानसिक आयु में वास्तविक आयु का भाग देकर 100 से गुणा कर दिया जाता है :-
मानसिक आयु
_________ x 100 = बुद्धि लब्धि
वास्तविक आयु
16 वर्ष से अधिक के व्यक्ति की आयु को 16 वर्ष ही मान लिया जाता हैं।
  • intensive growth matrix (product-market expansion matrix) -- सधन संवृद्धि मेट्रिक्स (उत्पाद-बाजार विस्तार मेट्रिक्स)
संवृद्धि की इच्छुक कंपनियाँ यह जानने की चेष्टा करती है कि उनकी परिस्थितियों को देखते हुए कौन-सा संवृद्धि पथ उनके लिए अधिक उपयुक्त रहेगा। इसके लिए वे अपनी समूची विपणन व्यवस्था का एक मानचित्र तैयार करती हैं और संवृद्धि पथों के प्रमुख तीन प्रकार के विश्लेषणों में से किसी एक को अपनी आवश्यकतानुसार चुन लेती हैं। सधन संवृद्धि इन्हीं तीन पथों में से एक होता है। अन्य दो पथ समेकित संवृद्धि तथा विविधीकरण संवृद्धि होते हैं।
सधन संवृद्धि उसी समयसार्थक बनती है जबकि कंपनी में अपने वर्तमान पदार्थों और बाज़ारों में निहित अवसरों का पूरा-पूरा विदोहन नहीं किया होता। सधन संवृद्धि अवसरों को जब एक चार्ट के रूप में प्रदर्शित किया जाता है तो वह एक मेट्रिक्स का रूपधारण कर सकती है। सधन संवृद्धि के अवसर तीन प्रमुख प्रकार से उत्प्न हो सकते हैं — बाज़ार भेदन, बाज़ार विकास और उत्पाद विकास। इस आधार पर बनी मेट्रिक्स निम्न रूप धारण कर सकती है

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विद्यमान उत्पाद नए उत्पाद

—————————————————————————— विद्यमान बाज़ार 1. बाज़ार भेदन 3. उत्पाद विकास नए बाज़ार 2. बाज़ार विकास 4. विविधीकरण ——————————————————————————

  • inter-corporate investments -- अंतर्निगम निवेश
एक कंपनी द्वारा किसी अन्य कंपनी के शेयरों में अपने धन का निवेश करना।
  • interface -- अंतरापृष्ठ
दो या दो से अधिक व्यक्ति, व्यवस्था अथवा तंत्रों का स्पर्श स्थल। यद्यपि व्यवसाय के अंतर्गत मूल रूप में इस शब्द का प्रयोग कंप्यूटर के अंतर्गत होता था परन्तु अब इसका प्रयोग विस्तृत अर्थ में होता है। उदाहरणस्वरूप शासन-व्यवसाय शासन-व्यवसाय का मिलन स्थल अथवा सेना-वैज्ञानिक अन्वेषण का मिलन स्थल, इत्यादि। इसके द्वारा नवीन विचारधाराओं तथा नवीन समस्याओं का उदय भी होता हैं।
  • interim dividend -- अंतरिम लाभांश
वितरण योग्य संपूर्ण लाभ के निश्चित होने से पूर्व किया जाने वाला अंतरकालीन लाभांश वितरण।
  • interlocking directorates -- अंतर्ग्रथित निदेशालय
वह स्थिति जिसमें एक व्यापारिक संस्था के निदेशक मेंडल के एक या एक से अधिक सदस्य किसी दूसरी कंपनी के निदेशक मंडल के भी सदस्य हों।
  • inernal audit (=operational audit) -- आंतरिक लेखापरीक्षा, प्रचालन लेखापरीक्षा
किसी कंपनी या संगठन में प्रबंध नियंत्रण पद्धति की कुशलता का आंतरिक लेखा परीक्षक या लेखापरीक्षा इकाई द्वारा किया गया निरंतर मूल्यांकन। आंतरिक लेखा परीक्षक सीधे ही शीर्षस्थ प्रबंधक वर्ग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • internal check -- आंतरिक जाँच
किसी संगठन की परिसंपत्तियों की सुरक्षा और आधार सामग्री की परिशुद्धता तथा संगति पर निगाह रखने के लिए अपनाई गई समन्वित क्रियाएँ।
  • internal controls -- आंतरिक नियंत्रण
किसी संगठन में कार्यकुशलता को बढ़ाने, प्रबंधकीय क्रियाविधियों और नीतियों के प्रति स्वीकृति की भावना को पृष्ट करने, प्रबंधकीय आधार सामग्री की संगति पर निगाह रखने और परिसंपत्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अपनाए गए तरीके और उपाय।
  • internal motivation -- आंतरिक अभिप्रेरणा
व्यक्ति के अन्दर की अपनी आवश्यकताएँ, इच्छाएँ, महत्वाकांत्राएँ आदि जिनसे प्रेरित होकर वह स्वयं ही कार्य करने में अग्रसर होता है। यह अभिप्रेरणा उसके कार्य निष्पादन पर बड़ा प्रभाव डालती है।
  • internal rate of returns (IRR) -- प्रतिफल की आंतरिक दर (आईoआरoआरo)
बट्टागत नक़द प्रवाह पूंजी बजटिंग तकनीक। आंतरिक प्रतिफल की दर वह बट्टागत दर है जो प्रारंभिक निवेश के साथ भावी नक़दी अंतःप्रवाह को वर्तमान मूल्य के बराबर करती है। इसकी गणना प्रयत्न-त्रुटि पद्धति का प्रयोग करके की जाती है। इसे विनियोजन दर, निवेशकर्ता आय दर तथा पूंजी की सीमांत दक्षता दर भी कहा जाता है।
  • internal training programme -- आंतरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम
उद्यम के भीतर ही आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम जिनका उद्देश्य उद्यम और कार्मिकों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण देना होता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों की एक कमी यह है कि कार्मिक अन्य उद्यमों के कार्मिकों से आधान-प्रदान द्वारा नई बातें नहीं सीख पाते हैं।
  • International Labour Organisation (I.L.O.) -- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (अoश्रoसंo)
एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन जिसकी स्थापना 1919 में बरसाई संधि के अधीन राष्ट्र संघ की एक स्वायत्त संस्था के रूप में हुई। 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्ध हो गया। यह एक वि-पक्षीय अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसमें सदस्य राष्ट्रों की सरकारें, नियोक्ता एवं श्रमिक संघों के प्रतिनिधि, श्रमिकों के लिए न्यूनतम अंतर्राष्ट्रीय मानक तय करते हैं. जिनको अभिसमय (conventions) कहते हैं। इनका स्वीकरण सदस्य राष्ट्रों द्वारा अनुसमर्थन के पश्चात् किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों के श्रमिकों के हितों की रक्षा करना और विशेष रूप से श्रमिकों के काम करने की परिस्थितियों में सुधार लाना और सामाजिक सुरक्षा का संवर्धन करना है। यह विकासशील देशों को विशेषतः प्रशिक्षण के क्षेत्र में तकनीकी सहायता भी प्रदान करता है। इसका मुख्यालय जेनेवा में है।
  • international marketing -- अंतर्राष्ट्रीय विपणन
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वस्तु तथा सेवाओं का विपणन करना। इस प्रकार के विपणन में फर्म को देशीय विपणन की अपेक्षा कहीं अधिक विशेष ध्यान देना होता है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार की विशालता फर्म को अनेक नए अवसर प्रदान करती है परन्तु इसके साथ ही वह फर्म की जोखिम और उसकी अनिश्चितता को भी बढ़ा देता है। ऐसा इसलिए होता है कि फर्म को अन्य देशों की आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक स्थिति के बारे में उतनी अच्छी जानकारी नहीं होती।
  • international Monetary Fund (I.M.F.) -- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (अo मुo कोo)
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् व्यवस्थित विनिमय व्यवहार के लिए जिस संस्था का प्रादुर्भाव हुआ उसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के नाम से जाना जाता है। इसने एक मार्च, 1947 से कार्यारंभ किया। इसके सदस्य राष्ट्र निश्चित शर्तों के अंतर्गत इससे विदेशी विनिमय उधार ले सकते हैं। इसकी सदस्यता ग्रहण किए बिना भी राष्ट्र विश्व बैंक का सदस्य नहीं बन सकता हैं।
  • interview -- साक्षात्कार
किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य जैसे रोज़गार प्राप्ति, बाज़ार अनुसंधान, समाचार संग्रह और आधार सामग्री, संकलन के लिए आमने-सामने बैठकर या किसी संचार माध्यम को अपनाकर की गई प्रश्नकर्ता तथा उत्तरदाता के बीच सीधी चर्चा।
  • intrinsic value -- यथार्थ मूल्य
किसी वस्तु में प्रयुक्त सामग्री का बाज़ार मूल्य। जैसे सिक्के में प्रयुक्त धातु का मूल्य।
  • inventory management -- माल प्रबंध
माल का ऐसा प्रबंध जिसमें उत्पादन को सुचारू रूप से चलाने के लिए न्यूनतम लागत पर माल की आवश्यक मात्रा हर समय उपलब्ध रखी जाए। इसमें अन्य सभी उत्पादन सामग्रियों की न्यूनतम मात्रा की उपलब्धि को सुनिश्चित करते हुए उन चीजों की बहुमात्रा खरीद भी सम्मिलित है जो फसल आने पर या साल के किसी खास मौसम में सस्ते भाव में मिलती हैं।
  • inventory recorder costs -- माल पुनरादेश लागतें
जब मालसूची का प्रतिस्थापन किया जाता है तो उस पर होने वाली लागत को माल पुनरादेश लागत कहते है। इसके अंतर्गत संसाधन लागतें, टेलीफोन, टेकण, आदेश प्राप्ति, डाक, स्टेशनरी और बीजक लागत को सम्मिलित किया जाता हैं।
  • inventory stockout cost -- माल समाप्ति लागत
माल के चुक जाने पर ग्राहकों के लौटने के कारण संगठन को होने वाली प्रत्याशित लाभ की हानि का आरोपित मूल्य।
  • inventory turnover -- माल का पण्यावर्त
एक दक्षता अनुपात जो बिक्री की गति का सूचक है तथा यह प्रदर्शित करता है कि माल का कितनी कुशलता से प्रबंध किया गया है। इसका सूत्र निम्न प्रकार है :-
विशुद्ध बिक्री
————-
शेष माल
  • inventory valuation -- मालसूची मूल्यांकन
निश्चित समय पर मालसूची के मूल्य को निर्धारित करने की प्रक्रिया। इसके लिए लीफो (अंतिम आवक प्रथम जावक), फीफो (प्रथम आवक प्रथम जावक) इत्यादि कई विधियाँ है। अपनाई गई प्रत्येक विधि द्वारा किया गया शेष माल का मूल्यांकन भी भिन्न हो सकता हैं।
  • investing and pyramiding -- निवेश और पिरामिडीकरण
निवेश और पिरामिडीकरण वित्तीय निवेश के क्षेत्र में एक ऐसी परिपाटी होती है जिसके अनुसार किसी पड़ते खाते की पुस्तक लाभों का बिना अतिरिक्त रोकड़ रकम लगाए हुए अतिरिक्त अंशों की खरीद में प्रयोग किया जाता है। ऐसा बहुधा उस समय होता है जबकि पड़ता (margin) की अपेक्षाएँ बहुत नीची होती है। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति दस-दस रूपसे के 200 अंश 50 प्रतिशत रोकड़ पड़ता रखते हुए खरीदता है। यदि अंशों का मूल्य बढ़कर 15 रूपये हो जाता है तो ऐसे व्यक्ति का पड़ते खाते पर दायित्व तो एक हजार रूपये पर ही रहता है पर वह अंश 1500 रूपये अर्थात् 50 प्रतिशत अधिक उपलब्ध कर लेता है, और इसके लिए उसे कोई अतिरिक्त रोकड़ी रकम नहीं देनी पड़ती।
  • investment company -- निवेश कंपनी
एक ऐसी कंपनी जिसका उद्देश्य शेयर बेचकर अथवा अन्य निधियों द्वारा धन एकत्र कर दूसरी कंपनियों में लाभार्जन हेतु निवेश करना है। निवेश कंपनी अपने निवेश को यदि आवश्यकता हो तो बेच भी सकती हैं।
  • issued capital -- निर्गमित पूंजी, जारी पूंजी
अपनी अघिकृत पूंजी का वह भाग जिसे कंपनी ने निवेशकर्ताओं के समक्ष खरीदे जाने के लिए प्रस्तुत किया है।
तुलo देo authorised capital/subscribed capital.
  • JIT (just in time) -- जिट (बिल्कुल ठीक समय पर)
जापानी फर्मों में यह ऐसी बहु प्रचलित व्यवस्था है जिसके अधीन किसी उत्पाद के निर्माण में अपेक्षित सामग्री ठीक उसी समय उपलब्ध हो जाती है जब उसकी कारखाने में आवश्यकता होती है। इसका परिणाम यह होता है कि फर्मों को ऐसी सामग्री पहले से बड़ी मात्रा में खरीद कर रखने की आवश्यकता नहीं होती और भंडारण स्थान घिरते नहीं है और सामग्री को बनाए रखने की लागत तथा तत्संबंधी ब्याज भाड़े की रकम में भी भारी कमी होती जाती है। यह व्यवस्था दो तंत्रों पर आधारित होती है अर्थात् उत्पादन विधियाँ और कैन बैन (can ban) के नाम से जाने वाले सूचना तंत्र। दोनों ही अवधारणाएँ उस उद्देश्य को पूरा करने में सहायता करती है जिसके द्वारा पुर्जों और भागों की उचित संख्या उचित स्थान पर उचित समय पर उपलब्ध हो। कैन बैन तंत्र एक ऐसा जापानी सूचना तंत्र है जोकि सजातीयता के साथ हर प्रक्रिया में उत्पादन परिणामों का नियंत्रण करता हैं।
  • job analysis -- कार्य विश्लेषण
कार्य का वह विस्तृत अध्ययन जो स्पष्ट करता है कि किसी कार्य विशेष की क्या परिस्थिति है तथा उस कार्य के लिए किन-किन कार्मिक गुणों तथा अनुभवों की आवश्यकता है।
  • job costing -- कार्य लागत निर्धारण
ऐसी लागत निर्धारण पद्धति जिसके अंतर्गत लागत लेके संविदागत कार्यों या उत्पादन की मदों के अनुसार अलग-अलग रखे जाते हैं।
  • job description -- पद विवरण
किसी कार्य या पद के संबंध में ऐसा विवरण जिसमें पदनाम, वेतन, आवश्यक एवं वांछनीय योग्यताएँ और अनुभव, कार्य का स्वरूप एवं सन्निहित दायित्व, उन्नति की संभावनाएँ इत्यादि होते हैं।
  • job enlargement -- कार्यवर्धन
वह प्रक्रिया जिससे कर्मचारी की सन्तुष्टि के लिए उसके कार्य के क्षेत्र एवं दायित्वों में समस्तरीय वृद्धि की जाए।
  • job enrichment -- कार्य संवर्धन
वह प्रक्रिया जिसमें कर्मचारी को उच्चतर दायित्व सौंपे जाएँ और कार्य पर्यवेक्षण में ढील दे दी जाए ताकि वह अपने को अधिक कुशल एवं विश्वसनीय महसूस करे। कार्यवर्धन की तुलना में कार्य संवर्धन के परिणामस्वरूप कर्मचारी के कार्य क्षेत्र और दायित्वों में उर्ध्व स्तरीय वृद्धि होती हैं।
  • job evaluation -- कार्य मूल्यांकन
कार्यों के तुलनात्मक महत्वों को ठीक-ठीक आँकने के लिए दक्षता, दायित्व, अनुभव इत्यादि कारकों के आधार पर उनका विश्लेषण और निर्धारण। इसका उद्देश्य संगठन में एक संतुलित वेतन ढाँचे को स्वरूप प्रदान करना है।
  • job rotation -- कार्य आवर्तन
कार्मिक का एक कार्य से उसी उद्यम के उसी स्तर के किसी अन्य कार्य पर स्थानांतरण ताकि पदोन्नति से पूर्व वह कार्मिक उद्यम के ज्यादा से ज्यादा कार्यकलापों का अनुभव प्राप्त कर सके।
  • job satisfaction -- कार्य संतुष्टि
कार्मिक को दिए कार्य की प्रकृति और परिवेश से मिलने वाली संतुष्टि। इसमें कार्य की परिस्थितियाँ और उसकी अपनी आवश्यकताओं, इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति आदि तत्व शामिल होते हैं।
  • job security -- नौकरी सुरक्षा
किसी कार्मिक की अपनी नौकरी से न हटाए जाने के बारे में आश्वस्त होने की भावना।
  • joint cost -- संयुक्त लागत
अनिवार्य रूप से एक साथ विनिर्मित होने वाली दो या दो से अधिक मदों या वस्तुओं की लागत।
  • keyed advertising -- कुंजी विज्ञापन
किसी विशिष्ट विज्ञापन माध्यम की प्रभाविता ज्ञात करने के विचार से उस विज्ञापन के साथ दिए गए कूपन आदि पर संकेत (कोड) शब्द दे देना ताकि संगठन के पास आने वाले कूपनों की संख्या से यह मालूम हो सके कि कितने लोग उक्त विज्ञापन से आकर्षित हुए हैं।
  • kite flying -- निभाव हुंडी करना
किसी पक्ष द्वारा अपने जरूरतमंद मित्र की आर्थिक सहायता करने के उद्देश्य से उसे अपने ऊपर हुंडी करने की अनुमति देना, जिसे वह बाद में भुनाकर धन प्राप्त कर लेता है। यह पारस्परिक भी हो सकता है।
  • last in first out (LIFO) -- क्रय-उत्क्रम मूल्यन विधि, अंतिम आवक प्रथम जावक मूल्य विधि, लिफो विधि
माल के मूल्यन की एक विधि जिसके अंतर्गत यह माना जाता है कि जो माल आखिर में खरीदा गया है, सबसे पहले वही बिका है। अतः शेष माल का मूल्यांकन उससे पहले की खेपों के खरीद मल्य पर आधारित होता है।
  • lateral combination -- पार्श्विक सम्मिलन
कंपनियों का ऐसा संयोजन जिसके अंतर्गत विभिन्न उद्योगों में कार्यरत कंपनियाँ एक साथ मिल जाती हैं। जैसे सिगरेट कंपनी, पेय-पदार्थ कंपनी तथा जहाजी कंपनी का एक साथ मिलना।
  • lateral communication -- पार्श्विक संप्रेषण
विभाग की गतिविधियों के संबंध में अन्य विभागों को सीधे ही जानकारी का संप्रेषण।
  • lay off -- जबरी छुट्टी, काम बंदी
नियोक्ता की सामर्थ्य से बाहर के कारणों से उत्पन्न कार्याभाव की स्थिति जिसमें वह अपने कर्मचारियों को कार्य प्रदान करने में असमर्थ हो। यह काम बंदी अस्थायी होती है और इसमें औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अधीन कर्मचारियों को मुआवजे देने की व्यवस्था भी है।
  • leader match approach -- नेतानुकूल उपागम
देo contingency model.
  • lead time -- अग्रता अवधि
किसी निर्णय और उस निर्णय के क्रियान्वयन पर कार्य के पूरा हो जाने के बीच की आवश्यक अवधि, जैसे इस्पात कारखाना स्थापित करने के निर्णय और इस्पात कारखाने के बन कर तैयार हो जाने के बीच का आवश्यक अंतराल।
  • learning curve -- अधिगम वक्र
अधिगम वक्र का सिद्धांत इस ज्ञान पर आधारित होता है कि जैसे-जैसे श्रमिक अपने काम में अनुभवि होता जाता है उसके द्वारा किसी भी कार्य विशेष पर लगाया जाने वाला समय कम होता जाता है। इसकी सहायता से बढ़ते हुए उत्पादन और इकाई लागत की कमी के संबंध का पूर्वानुमान, कम से कम प्रारंभिक कुछ समयावधि में तो लगाया जा सकता है। अन्य प्रयोजनों के साथ-साथ इस तकनीक का प्रयोग क्रय प्रबंध तथा विक्रेता मूल्यांकन के क्षेत्रों में किया जाता हैं।
  • lease -- पट्टा
वह संविदा जिसमें भूमि, स्थान, संरचना या उपस्कर का स्वामी एक आवधिक पट्टा राशि लेकर उस संपत्ति के उपयोग का अधिकार पट्टेदार के हक में हस्तांतरित कर देता है। इस प्रकार के पट्टे अल्पकाल के भी होते हैं और दीर्घकाल के भी हैं।
  • let the buyer beware -- क्रेता सावधान, देख के खरीदो
देo caveat emptor.
  • let the seller beware -- विक्रेता सावधान, देखकर बेचो
देo caveat venditor.
  • leverage -- उत्तोलन
जब किसी कंपनी की पूंजी संरचना का बड़ा भाग ऋण पत्रों, दीर्घावधि ऋणों अथवा अधिमान्य अंशों के रूप में हो तो इसका प्रति ईक्विटी शेयर की आमदनी पर जो प्रभाव पड़ता है उसे उत्तोलन की प्रक्रिया कहते हैं। जब ऋण पर देय ब्याज की तुलना में आय अधिक हो तो यह अनुकूल होता है और विपरीत अवस्था में प्रतिकूल होता है।
  • liabilities -- देयता, दायित्व
1. (सामान्य) किसी वायदा पूर्ति के लिए बंधा होने की स्थिति अर्थात् ऐसा वायदा जिसे पूरा करना लाजमी है।

2. (लेखाविधि) किसी व्यक्ति, प्रतिष्ठान अथवा कंपनी की अपने लेनदारों और पूर्तिकर्त्ताओं के प्रति देनदारी।

  • licence -- अनुज्ञप्ति, लाइसेंस
1. सरकार अथवा अन्य सक्षम प्राधिकरण द्वारा किसी व्यक्ति, फर्म अथवा प्रतिष्ठान को कोई ऐसा व्यापार, व्यवसाय अथवा उद्योग स्थापित करने के लिए दिया गया अनुमति-पत्र जो किसी क़ानून द्वारा प्रतिबंधित है या जिसका किसी क़ानून से नियमन किया जाता है। यह अनुमति-पत्र अहस्तांतरणीय होता हैं।

2. पेटेंट के स्वामी द्वारा अपनी वस्तु, प्रक्रिया या डिजाइन आदि को प्रयोग में लाने, बनाने अथवा बेचने के लिए कुछ शर्तों अथवा प्रतिबंधों के साथ किसी अन्य व्यक्ति अथवा फर्म को दिया गया अधिकार।

  • life style -- जीवन शैली
संपूर्ण समाज अथवा उसके वर्ग विशेष की ऐसी विशेषताएँ जैसे रहन-सहन, खानपान आदि जो उसे अन्य वर्ग से पृथक करती हैं, उसकी जीवन शैली कहलाती हैं।
  • LIFO -- लिफो
देo last in first out.
  • line and staff organisation -- रेखीय निर्णेंता और सलाहकार संगठन
वह संगठन जिसके आकार के बड़े होने के कारण या कार्यों अथवा उद्देश्यों की विषमता के कारण रेखीय निर्णताओं के अतिरिक्त परामर्श देने वाले कर्मचारी भी होते हैं।
  • line function -- रेखीय निर्णेता कार्य
संगठनात्मक पदस्थितियों में प्राधिकार का वह संबंध जिसमें प्रबंधक अधीनस्थों से अपने आदेश का अनुपालन करवाते हैं और इनकी गतिविधियों के प्रति उत्तरदायी होते हैं। ये संगठन की उन प्रमुख गतिविधियों का प्रबंध करते है जिनके लिए संगठन की स्थापना की गई है।
  • line of command -- समादेश पथ
संगठन में उन स्तरों का अनुक्रम जिसमें से होकर मुख्य कार्यकारी की हिदायतें नीचे किसी विशेष कार्मिक तक पहुँचती हैं।
  • line of credit -- साख रेखा
बैंक और ग्राहक के बीच एक अनुबंध जिसके अधीन बैंक उसे निर्धारित राशि तक किसी निश्चित समय के लिए उधार देने को राजी हो जाता है। यदि उस समयावधि में उधार लेने वाले व्यक्ति की वित्तीय स्थिति में परिवर्तन हो जाए या वह अनुबंध में वर्णित उद्देश्य के लिए साख रेखा का उपयोग करने में असफल हो तो बैंक उधार देने से मना कर सकता है। ग्राहक को स्वीकृत सीमा तक आवश्यकतानुसार उधार लेने की स्वतंत्रता होती है और उसे ब्याज उसी राशि पर देना पड़ता है जो उधार ली गई हैं।
  • liquid asset -- तरल परिसंपत्ति
प्रतिष्ठान के पास मौजूद नक़दी, बैंक-शेष और सरलता से नक़दी में बदली जा सकने योग्य परिसंपत्तियाँ, जैसे, प्रतिभूतियाँ, प्राप्य बिल आदि। इसमें माल का मूल्य शामिल नहीं किया जाता। इस प्रकार, चालू परिसंपत्ति के मूल्य में से माल का मूल्य घटा दें तो प्रतिष्ठान की तरल परिसंपत्तियों का मूल्य निकल आता हैं।
  • liquidating dividend -- परिसमापन प्राप्तांश
किसी प्रतिष्ठान के बंद होने पर घोषित वह दर जिसके अनुसार परिसंपत्तियों को बेचने और दायित्वों के चुकता करने के बाद अवशिष्ट राशि को शेयर धारकों में वितरित किया जाता हैं।
  • liquidity -- तरलता
नक़दी या उससे मिलती-जुलती परिसंपत्तियों की सहायता से देयताओं का भुगतान करने का सामर्थ्य।
  • long-range marketing planning -- दीर्घावधि विपणन आयोजना
दीर्धावधि विपणन आयोजना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी सहायता से कंपनी के भावी कार्यक्रमों और विपणन क्रियाओं के संबंध में सुनिश्चित परिमाप परिलक्षित किए जाते है। ये परिमाप कंपनी की आत्मछवि, उसके उद्देश्यों की उपलब्धि के निमित्त बनाए गए विपणन कार्यक्रम और वे विधियाँ जिनके द्वारा आयोजना प्रयास की सफलता की सीमा का मापन किया जा सके, हो सकते हैं। ये प्रयास दीर्घावधि के लिए इसलिए किए जाते है क्योंकि कंपनी के शीर्ष प्रबंधकर्त्ता इस बात को भलीभाँति जानते है कि कंपनी की वार्षिक योजनाएँ तब तक सार्थक नहीं होंगी जब तक कि वे एक दीर्घावधि आयोजना के संदर्भ में न बनाई जाएँ। तर्क सम्मत तो यह है कि दीर्घावधि आयोजना की रचना पहले होनी चाहिए और वार्षिक योजना ऐसी दीर्घावधि योजना के प्रथम वर्ष का विस्तृत ब्यौरा हो।
  • long term loan (debt) -- दीर्घकालीन ऋण
वह ऋण जिसका भुगतान साधारणतया एक वर्ष से अधिक समय में करना हो।
  • loss leader -- हानि अग्रक
विक्रेय वस्तुओं में से किसी एक वस्तु को हानि पर बेचने की घोषणा करना जिससे आकर्षित होकर ग्राहक उस वस्तु के साथ-साथ प्रायः अन्य वस्तुएँ भी खरीदते हैं जिनमें लाभ की इतनी गुंजाइश रखी जाती है कि प्रतिष्ठान को शुद्ध विक्रय लाभ होता हैं।
  • M-1 -- मुद्रा-1
प्राथमिक और सीमित अर्थ में परिभाषित राष्ट्रीय मुद्रा पूर्ति जिसके अंतर्गत सकल मुद्रा और सकल माँग-जमा का योग होता हैं।
  • M-2 -- मुद्रा-2
मुद्रा-1 से कुछ अधिक विस्तृत अर्थ में परिभाषित राष्ट्रीय मुद्रा पूर्ति जिसमें मुद्रा, माँग जमाओं और व्यापारिक बैंकों की मियादी जमाओं का योग होता हैं।
  • M-3 -- मुद्रा-3
मुद्रा-1 या मुद्रा-2 से अधिक विस्तृत अर्थ में परिभाषित राष्ट्रीय मुद्रा पूर्ति जिसके अंतर्गत मुद्रा, माँग जमाओं, व्यापारिक बैंकों की मियादी जमाओं और सब प्रकार की बचत संस्थाओं के पास जमा बचतों का योग होता हैं।
  • management -- 1. प्रबंध

2. प्रबंधक वर्ग

1. पूंजी, संयंत्र, सामग्री और श्रम जैसे संसाधऩों का प्रभावी उपयोग एवं समन्वय ताकि अधिकतम दक्षता के साथ निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके।

2. वे व्यक्ति जो किसी संगठन के निर्देशन और संचालन के लिए उत्तरदायी हों।

  • management accounting -- प्रबंध लेखाकरण
योजना बनाने, नियंत्रण करने और निर्णय लेने हेतु किसी उद्यम के संबंध में आर्थिक सूचना एकत्र और प्रस्तुत करने की प्रणाली को प्रबंध लेखाकरण कहते हैं।
  • management audit -- प्रबंध लेखापरीक्षा
वह प्रक्रिया जिसके माध्यम से प्रबंध के संपूर्ण निष्पादन का परीक्षण, विश्लेषण और मूल्यांकन किया जाता है। इस प्रकार की लेखापरीक्षा में सामान्यतः इन कार्य क्षेत्रों की जाँच की जाती हैः आर्थिक कार्य, निगम संरचना, उपार्जन पर्याप्तता, शेयर धारियों को सेवा, अनुसंधान और विकास, निदेशालय विश्लेषण वित्तीय नीतियाँ, उत्पादन दक्षता, बिक्री प्राबल्य और कार्यकारियों की दक्षता का मूल्यांकन।
  • management by crises -- संकटमुखी प्रबंध
प्रबंधन की वह विचारधारा जिसमें यह माना जाता है कि संकट की स्थिति के चरम सीमा पर पहुँचने पर ही संगठन के अंतर्गत सशक्त परिवर्तन संभव हो सकते हैं। दीर्धकाल में यह व्यवस्था संगठन के लिए अनुपयुक्त सिद्ध होती है।
  • management by exception -- अपवादमुखी प्रबंध
एक प्रबंध तकनीक जिसमें सर्वाधिक ध्यान विचलनों पर दिया जाता है। यह मान कर कि यदि योजनाएँ पूर्व निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप हैं तो उन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। प्रबंधक को विशेष ध्यान योजनाओं तथा वास्तविक प्राप्ति के अंतर पर देना चाहिए।
  • management by objectives (MBO) -- उद्देश्यमुखी प्रबंध, एमoबीoओo
किसी संगठन अथवा इसके किसी भाग में स्वीकृत लक्ष्यों की स्थापना करना और उनकी प्राप्ति के लिए प्रबंध के विभिन्न स्तरों को प्रोत्साहन देने की व्यवस्था करना लक्ष्याधारित प्रबंध कहलाता है। लक्ष्यों की प्राप्ति के मार्ग में बाधक कारकों का पता लगाया जा सकता हैं ताकि उन पर काबू पाने के लिए कार्यवाही की जा सके। समय-समय पर परिणामों का मूल्यांकन किया जाता है और जहाँ आवश्यक होता है वहाँ नए लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं।
  • management consultant -- प्रबंध परामर्शदाता
प्रबंध के उद्देश्यों की प्राप्ति तथा उसके कारगर तरीकों के बारे में परामर्श प्रदान करने वाला विशेषज्ञ।
  • management development -- प्रबंध विकास
मध्य और उच्च-स्तरीय कार्यकारियों को और आगे अनुभव और प्रशिक्षण प्रदान करना जिससे उनकी नेतृत्व संबंधी दक्षताओं के स्तर का उन्नयन हो।
  • management information system (MIS) -- प्रबंध सूचना प्रणाली (एमoआईoएसo)
वे पद्धतियाँ जिनके माध्यम से किसी व्यवसाय के संपूर्ण या प्रमुख कार्य अथवा संक्रियाओं की स्थिति के बारे में सूचना एकत्रित की जाती है और संक्षेप में प्रबंध के समक्ष प्रस्तुत की जाती है जिससे बेहतर निर्णय लेने में सुविधा होती हैं।
  • management science -- प्रबंध विज्ञान
प्रबंधकीय समस्याओं और व्यवहारों के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली पात्रात्मक तकनीकों का विज्ञान।
  • managerial grid -- प्रबंधकीय ग्रिड
ब्लेक और मोटन द्वारा नेतृत्व शैलिओं की प्रभाविता के विश्लेषण के लिए विकसित एक तकनीक जिसके अनुसार नेतृत्व प्रदान करने वालों का वर्गीकरण एक ग्रिड के रूप में किया जाता है जिसके दो आयाम हैं — व्यक्तियों के प्रति दृष्टिकोण और उत्पादन के प्रति दृष्टिकोण।
  • managerial revolution -- प्रबंधकीय क्रांति
जेम्स वर्नहम की धारणा जिसके अनुसार भविष्य में पूंजीवादी समाज का स्थान प्रबंधकीय समाज ले लेगा।
  • Manpower planning -- जनशक्ति योजना
कालांतर में उद्यम की जनशक्ति आवश्यकताओं की पूर्ति करने, संप्रति जनशक्ति का इष्टतम उपयोग करने, उसको उचित प्रशिक्षण देने, नए लोगों को उसमें शामिल करने और काँट-छाँट करने की योजना तैयार करना।
  • M.A.P.I. capital returns formula -- एमoएoपीoआईo पूंजी प्रतिफल सूत्र
मशीनरी और एलाइड प्राडक्ट्स इन्स्टीट्यूट (एमoएoपीoआईo) का सूत्र जो नवीन मशीनरियों में निवेश के परिणामस्वरूप प्राप्त होने वाले प्रतिफल को प्रक्षेपित करता है। इस सूत्र में निवेश द्वारा प्रत्याशित लाभों जैसे उत्पादन वृद्धि या नक़द बचत को निवेश के शतमक प्रतिफल के रूप में व्यक्त किया जाता हैं।
  • Marginal costing -- सीमांत लागत-निर्धारण
यह वह विधि है जिसमें केवल परिवर्तनीय लागत को उत्पादन-लागत के रूप में समझा जाता है और स्थायी लागत को सीमांत अंशदान द्वारा अवशोषित होने के लिए छोड़ दिया जाता है।
  • Marginal cost pricing -- सीमांत लागत क़ीमत निर्धारण
क़ीमत निर्धारण की वह विधि जिसके अंतर्गत कुल लागतों में केवल उत्पाद के कारण हुई अतिरिक्त लागतों को ही सम्मिलित किया जाता है। अतिरिक्त लागत के प्रमुख घटक सामान्यतः कच्चा माल और श्रम होते है और इनमें स्थिर लागतें सम्मिलित नहीं की जातीं। इसका प्रभाव यह होता है कि किसी उत्पाद विशेष पर होने वाले प्रत्यक्ष व्यय ही उसके मूल्य में सम्मिलित किए जाते हैं ताकि गिरते हुए बाज़ार में किसी प्रतिष्ठान के गिरते हुए बाज़ार-अंश की दशा में बिक्री को प्रोत्साहित किया जा सके। यही मूल्य नीति उस समय भी अपनाई जाती है जब फर्मे नए और अपरिचित उत्पाद बाज़ार में लाती हैं। इसको प्रत्येक्ष लागत क़ीमत निर्धारण के नाम से भी पुकारा जाता हैं।
  • Marine insurance -- समुद्री बीमा
बीमा का एक स्वरूप जो जलयान, नौभार या यात्रियों को गहरे समुद्र से ले जाने के दौरान किसी क्षति की संक्षावना के प्रति सुरक्षा प्रदान करता है। सामान्यतया समुद्र की जिन जोखिमों का बीमा करवाया जाता है वे तूफान, टक्कर, आग और कप्तान या कर्मीदल के कार्यों से उत्पन्न हानि के रूप में जानी जाती हैं।
  • Marketable securities -- बिक्री योग्य प्रतिभूतियाँ
अल्पकालीन निवेश जिसे सुस्थापित बाज़ार में किसी भी समय बेचा जा सके।
  • Market basket price -- बाज़ार बास्केट क़ीमत
क़ीमत तय करने की एक ऐसी प्रणाली जो उस स्थिति में लागू होती हैं, जबकि किसी एक उत्पाद का विक्रय किसी दूसरे उत्पाद के विक्रय का संवर्धन करता हो। विभागीय भंडारों, सुपर बाज़ारों तथा संयंत्र और रोकथाम की संविदाओं के संदर्भ में यह मूल्य प्रणाली बहुत प्रयोग में लाई जाती है। बन्धित विक्रयों के लिए भी उत्पाद क़ीमत इसी प्रकार से निश्चित की जाती है किन्तु बन्धित विक्रय प्रायः क़ानून द्वारा वर्जित होते हैं।
  • Market development -- बाज़ार विकास
किसी फर्म द्वारा अपने वर्तमान उत्पादों को नए बाज़ारों में ले जाकर बिक्री बढ़ाने का प्रयास। यह मपख्यतः दो प्रकार से संभव है :-
(1) क्षेत्रीय, राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय विस्तार द्वारा अतिरिक्त भौगोलिक बाज़ारों की खोज, तथा
(2) उपयुक्त पदार्थ भेदों, वितरण सारणियों तथा अन्य विज्ञापन माध्यमों से नवीन बाड़ार खंडों को आकर्षित करने का प्रयास।
  • Market expansion matrix -- बाज़ार विस्तार मेट्रिक्स
इस मेट्रिक्स की सहायता से गहन संवृद्धि अवसरों का बड़ा उपयोगी वर्गीकरण संभव हो जाता है। जिन फर्मों ने अपने चालू पदार्थो और बाज़ारों के अंतर्निहित अवसरों का पूरी तरह दोहन नहीं किया है, उनके लिए गहन संवृद्धि और ये मेट्रिक्स बड़े सार्थक होंगे। मेट्रिक्स बड़े सार्थक होंगे। मेट्रिक्स की यह अवधारणा एन्सोफ द्वारा प्रतिपादित की गई है। निम्न उदाहरण इसका निरूपण करता है —
विद्यमान उत्पाद नए उत्पाद
—————————————————
विद्यमान बाज़ार 1. बाज़ार भेदन 3. उत्पाद विकास
नए बाज़ार —————————————————-
2. बाज़ार विकास 4. विविधीकरण
—————————————————–
  • Market fragmentation -- बाज़ार विखंडन
बाज़ार में अपना स्थान बनाने के प्रयास में प्रत्येक नई कंपनी या तो अपने प्रतियोगी के बाज़ार खंड में या किसी नए बाज़ार खंड में प्रवेश करती है। इस सरगर्मी में एक ऐसी अवस्था आ जाती है कि नए-पुराने सभी प्रतियोगी सभी प्रमुख बाज़ार खंडों तक पहुँच लेते है और एक दूसरे के खंडों पर आक्रमण करना प्रारंभ कर देते है। इसका परिणाम यह होता है कि प्रत्येक फर्म के लाभ-तल गिर जाते हैं और बाड़ार बहुत छोटे-छोटे अंशों में बँट जाता है। इस स्थिति को बाज़ार विखंडन कहते हैं।
  • Marketing -- विपणन, क्रय-विक्रय
वस्तुओं और सेवाओं को मूल उत्पादक से अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचने के सिलसिले में किए जाने वाले क्रय-क्रय, विज्ञापन, पैकिंग, भंडारण, परिवहन, बाज़ार-अनुसंधान आदि कार्यकलाप।
उपर्युक्त कार्यकलापों का अध्ययन करने वाला शास्र।
  • Marketing audit -- विपणन लेखापरीक्षा
किसी व्यापारिक इकाई के विपणन पर्यावरण, उसके उद्देश्य तथा उसकी रणनीतियों और क्रियाओं की संपूर्ण व्यवस्थित एवं स्वतंत्र सावधि जाँच पड़ताल को विपणन लेखापरीक्षा कहते हैं। इसका उद्देश्य समस्या के क्षेत्रों तथा फर्म को उपलब्ध अवसरों का निर्धारण करना होता है। विपणन लेखापरीक्षा द्वारा कंपनी एक ऐसी कार्य योजना तैयार करने में समर्थ हो जाती है जिस पर चलने से उसके विपणन निष्पादन में सुधार हो जाता हैं।
  • Marketing concept -- विपणन संकल्पना
वह धारणा जिसके अंतर्गत प्रतिष्ठान का प्रमुख कार्य लक्ष्याधीन बाज़ारों की इच्छाओं और ज़रूरतों का पता लगाना है और तद्नुसार ऐसी विपणन नीति निर्धारण करना है जिससे अन्य प्रतियोगियों के मुकाबले अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से ग्राहक वर्ग को अभिष्ट संतुष्टि प्रदान की जा सके।
  • Marketing effectiveness rating review -- विपणन प्रभाविता मापन समीक्षा
किसी कंपनी या उसके प्रभाग की विपणन क्रियाओं की प्रभाविता इस पर निर्भर करती है कि वह विपणन की इष्ट दिशा में किस सीमा तक अग्र सर हो पाई है। यह विपणन अभिविन्यास के पाँच प्रमुख गुणों द्वारा परिलक्षित होती है जो इस प्रकार हैं – ग्राहक दर्शन, समेकित विपणन संगठन, विपणन सूचना की पर्याप्तता, रणनीति संबंधी अभिविन्यास तथा संक्रियात्मक कुशलता। इनमें से प्रत्येक गुण का मापन किया जाता है और यह ज्ञात करने का प्रयत्न किया जाता है कि कंपनी या संबंधित प्रभाग ने किस सीमा तक इन गुणों को अपने विपणन कार्यक्रम में उतार लिया है। उपलब्धि की प्राप्ति के विभिन्न तत्वों को एक वर्ग क्रम में उतार दिया जाता है और इसे विपणन प्रभाविता मापन समीक्षा कहा जाता हैं।
  • Marketing growth strategy -- विपणन संवृद्धि रणनीति
अधिकांश कंपनियाँ विक्रय और लाभों की निरंतर संवृद्धि को अपना उद्देश्य बना कर चलती हैं। संवृद्धि के अभाव में कंपनी के सामने नई चुनौतियाँ उभर कर नहीं आतीं। उसके उपक्रमी प्रबंधक कंपनी छोड़ कर चले जाते हैं तथा उसके सामने तकनीकी दृष्टि से पुराने पड़ जाने का खतरा पैदा हो जाता है। संवृद्धि की चाह रखने वाली कंपनियाँ उसके लिए एक कार्यनीति का गठन करती हैं और निवेश की अनेक वैकल्पिक दिशाओं में से उपयुक्त दिशाओं का चुनाव करती हैं। ऐसे निवेशों के माध्यम से ही संवृद्धि का उद्देश्य पूरा किया जाता है। कंपनियों की वैकल्पिक कार्यनीतियाँ विपणन प्रणाली की रूपरेखा तथा एक त्रिस्तरीय विश्लेषण के द्वारा सृजित की जाती हैं। पहले स्तर के विश्लेषण द्वारा कंपनी के उन अवसरों की पहचान की जाती है जो उसकी संक्रियाओं के चालू दायरे में पाए जाते हैं। इन्हें गहन संवृद्धि अवसर कहा जाता है। विश्लेषण के दूसरे स्तर पर उन अवसरों की पहचान की जाती है ज्योंकि विपणन प्रणाली के अन्य भागों के साथ एकीकृत होने पर प्रकट होते हैं। इन्हें एकीकरणात्मक संवृद्धि अवसर कहा जाता है। तीसरे स्तर पर किया गया विश्लेषण उन अवसरों की पहचान करता है जो कि वर्तमान विपणन प्रणाली से सर्वथा बाहर होते हैं। इन्हें विविधीकरण संवृद्धि अवसर कहा जाता हैं।
  • Marketing intelligence system -- विपणन आसूचना व्यवस्था
किसी भी कंपनी के विपणन पर्यावरण में समय-समय पर अनेक परिवर्तन होते रहते हैं और इसके साथ ही कंपनी के कार्य पर्यावरण में भी तबदीलियाँ आती हैं। ऐसे परिवर्तनों से संबंधित सूचना व्यवस्थित रूप में एकत्रित करके कंपनी के विपणन कार्यपालकों तक शीघ्रातिशीघ्र पहुँचाना अत्यंत आवश्यक होता है ताकि वे परिवर्तनों से पूर्णतः अवगत रहें। इस कार्यवाही में अनिदेशित प्रेक्षण, अनौपचारिक खोज और औपचारिक खोज जैसा प्रमुख विधियों के आधार पर पर्यावरण की जाँच की जाती हैं।
  • Marketing mix -- विपणन मिश्रण
नैल बोर्देन की वह अवधारणा जिसके अनुसार एकीकृत विपणन योजना में बाज़ार रणनीति-उत्पाद, क़ीमत, प्रवर्तन और मार्गों पर आधारित होती है। विपणन मिश्रण का क्षेत्र अब और अधिक व्यापक हो गया है। उसमें कोटलर ने एक पाँचवाँ तत्व जन-संपर्क भी जोड़ा है।
  • Marketing research -- विपणन अनुसंधान
वस्तुओं और सेवाओं के विक्रय एवं वितरण से संबंधित ऐसा व्यवस्थित अध्ययन जो प्रमुख सांख्यिकीय विधियों के प्रयोग से एकत्र तथ्यों और सूचनाओं पर आधारित होता है। अनुसंधानकर्ता प्रायः सर्वेक्षणों के माध्यम से ये निष्कर्ष निकालने का प्रयास करते है कि किसी पदार्थ या सेवा विशेष की कितनी माँग होगी ? उसकी विशेषताओं में संशोधन करने के बाद ऐसी माँग का कितना विस्तार होगा और कितने ग्राहक संभवतः ऐसे पदार्थ या सेवा का प्रयोग करेंगे तथा विज्ञापन और वितरण के कौन से रूप ऐसे पदार्थ अथवा सेवा की माँग को सर्वाधिक प्रोत्साहित करेंगे।
अधिकांश कंपनियों के या तो स्वयं अपने विपणन अनुसंधान विभाग होते हैं या वे अनुसंधान की मुख्य क्रियाओं की विपणन परामर्शदाताओं को सौंप देती हैं।
  • Marketing strategy -- विपणन रणनीती
विपणन रणनीति संगत, उपयुक्त एवं संभाव्य सिद्धांतों का ऐसा समूह है जिसकी सहायता से एक कंपनी अपने ग्राहकों तथा लाभ संबंधी दीर्धकालीन उद्देश्यों को किसी दिए हुए प्रतिस्पर्धी पर्यावरण में प्राप्त कर सके। इनमें से कुछक आवश्यक कारकों को विचाराधीन रखा जाता हैं, जैसे – बाज़ार में कंपनी की स्थिति तथा उसका प्रतिस्पर्धी आकार, कंपनी के संसाधन, उसके उद्देश्य तथा उसकी नीतियाँ, प्रतियोगी की प्रतिस्पर्धी रणनीतियाँ, लक्ष्य-बाज़ार का क्रय व्यवहार, उत्पाद जीवन चक्र की अवस्था, अर्थव्यवस्था का स्वरूप आदि।
  • Marketing system -- विपणन प्रणाली
लक्ष्य बाज़ार तथा प्रतिस्पर्धी स्थानन को सुनिश्चित करने के पश्चात् एक फर्म अपनी विपणन प्रणालियों का विकास करने की स्थिति में आ जाती हैं। इन प्रणालियों में विपणन संगठन, सूचना प्रणाली, आयोजना प्रणाली तथा नियंत्रण प्रणाली को सम्मिलित किया जाता है। इनकी सहायता से लक्ष्य बाज़ार में कंपनी के उद्देश्यों की सक्षम रूप से पूर्ति हो सकती हैं।
  • Market leader -- बाज़ार अग्रणी
किसी भी उद्योग में प्रायः एक ऐसी फर्म होती है जिसे अग्रणी के रूप में स्वीकरा किया जाता है। ऐसी फर्म का अपने बाज़ार के सबसे बड़े हिस्से पर अधिकार होता है। यह फर्म मूल्य परिवर्तनों में, नए पदार्थों की शुरूआत करने में तथा पदार्थों के प्रवर्तन की गहनता में अग्रणी का काम करती है। अग्रणी के रूप में ऐसी फर्म को भले ही आदर या प्रशंसा की दृष्टि से न देखा जाए पर उसके आधिपत्य को स्वीकारा जाता हैं।
  • Market opportunity index -- विपणन अवसर सूचकांक
उपभोक्ता वस्तुओं में व्यापार करने वाली कंपनियाँ अपने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों की संभाव्यताओं का अनुमान लगाती रहती हैं। ऐसी कंपनियों के ग्राहकों की सूची इतनी लंबी होती है कि मात्र उसका प्रयोग करके वह उपर्युक्त संभाव्यताओं का एक मोटा अनुमान तक भी नहीं लगा पातीं। अतः वे इस समस्या का निराकरण एक सूचकांक विधि की सहायता से करती हैं। विपणन अवसर सूचकांक इसी दिशा में किया गया एक सांख्यिकीय प्रयास होता हैं। इसके अधीन कंपनी निम्न गणनाएँ करती हैं :-
1. प्रत्येक भौगोलिक क्षेत्र की जनसंख्या को समूचे देश की जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
2. किसी पदार्थ वर्ग के कुल विक्रय के अनुपात के रूप में उस भौगोलिक क्षेत्र के विक्रय को व्यक्त किया जाता है।
3. संबंधित भौगोलिक क्षेत्र के विक्रय को किसी ब्रांड की बिक्री के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता हैं।
4. क्रम संख्या 2 में क्रम संख्या 1 का भाग देने पर जो अनुपात मिलने हैं उन्हें श्रेणी विकास सूचकांक नाम से संबोधित किया जाता हैं।
5. क्रम संख्या 3 को क्रम संख्या 1 से विभाजित करने पर जो अनुपात मिलते हैं उन्हें ब्रांड विकास सूचकांक कहा जाता हैं।
6. क्रम संख्या 4 को क्रम संख्या 5 से विभाजित करने पर, अर्थात् श्रेणी विकास सूचकांक को ब्रांड विकास सूचकांक से विभाजित करने पर जो अनुपात मिलते हैं, उन्हें विपणन अवसर सूचकांक कहा जाता हैं।
  • Market partitioning theory -- बाज़ार विभक्तीकरण सिद्धांत
इस सिद्धांत के प्रयोग के द्वारा एक फर्म अपने बाज़ार का अनेक क्रमिक गुणों के आधार पर विखंडन करती है। इस संबंध में यह प्रश्न प्रायः एक जटिल रूप में खड़ा होता है कि विखंडी गुणों को बाज़ार के संदर्भ में किस क्रम में प्रयुक्त किया जाए। इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए फर्में उपभोक्ताओं के एक प्रतिदर्श से साक्षात्कार करके यह ज्ञात करती हैं कि संबंधित उपभोक्ता अपने क्रय निर्णय में इन गुणों का किस क्रमता में प्रयोग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए एक कार निर्माता अपने बाज़ार का कुछ इस प्रकार विभक्तीकरण का प्रयास करेगा।
मान लिया जाए कि उसने ग्राहकों को दो प्रतिदर्श ‘अ’ और ‘ब’ साक्षात्कार के लिए चुने हैं। प्रतिदर्श ‘अ’ का एक चुना हुआ ग्राहक अपने अधिमान इस प्रकार व्यक्त करता है कि पहले वह मारूति, तदोपरांत फिएट और उसके पश्चात एम्बेसडर गाड़ी खरीदने का अधिमान रखेगा। इस प्रतिदर्श के अधिकांश क्रेता इसी क्रम में अपनी खरीद करते हैं तो इसे ब्रांड रूप बाज़ार कहा जाएगा। इसके विपरीत प्रतिदर्श ‘ब’ के ग्राहक सर्वप्रथम उच्च निष्पादन की गाड़ी तदोपरांत मध्यम आकार की गाड़ी तथा उसके पश्चात् दो द्वारों की गाड़ी और अंत में कौंटेसा गाड़ी खरीदने के अधिमान व्यक्त करते हैं। यह मानते हुए कि अधिकांश क्रेता इसी प्रकार और इसी क्रम में अपनी गाड़ी खरीदने के निर्णय को लेंगे तो बाज़ार का विभक्तीकरण आवश्यकता, आकार, स्वरूप और ब्रांड बाज़ार के नाम से जाना जाएगा। इस प्रकार के बाज़ार में ब्रांडों में परस्पर प्रतियोगिता नहीं होती क्योंकि प्रतियोगी ब्रांड केवल वही होते हैं जो आवश्यकता, आकार और स्वरूप की पूर्व आवश्यकताओं को संतुष्ट करते हैं। यदि एक कंपनी इस प्रकार एक सफल ब्रांड पूर्वानुमान व्यवस्था कायम कर पाती है तो उसकी बाज़ार विखंडीकरण रणनीति की अधिक प्रभावी होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
  • Market penetration -- बाज़ार भेदन
एक फर्म का वर्तमान बाज़ारों में अपने विद्यमान उत्पादों का विक्रय बढ़ाने का आक्रामक विपणन प्रयास। यह निम्न प्रकार से संभव बनाया जा सकता हैं :-
1. फर्म अपने मौजूदा ग्राहकों को उनके क्रय की चालू दर को बढ़ाने के लिए उत्तेजित करे। इसके लिए यह देखना होगा कि ग्राहक अपने क्रय की बारंबारता तथा मात्रा दोनों ही बढ़ाएँ।
2. प्रतियोगियों के ग्राहकों को आकर्षित करने के प्रयास किए जाएँ। अधिक आकर्षक पैकिंग, अधिक उत्कृष्ट उत्पाद, अधिक आकर्षक मूल्य, अधिक सबल विज्ञापन तथा अधिक व्यापक वितरण द्वारा ऐसा संभव होगा।
3. अपने वर्तमान बाज़ार क्षेत्रों में अप्रयोक्ताओं को आकर्षित करने के प्रयास किए जाएँ।
  • Market penetration strategy -- बाज़ार भेदन रणनीति
यह वह नीति होती है जिसके द्वारा एक कंपनी अपने चालू उत्पादों का अपने चालू बाज़ारों में विक्रय बढ़ाने के लिए एक आक्रामक विपणन प्रयास का सूत्रपात करती हैं। इसकी तीन संभावनाएँ हो सकती हैं :-
1. कंपनी अपने वर्तमान ग्राहकों को उनकी क्रय की चालू दर को बढ़ाने के लिए उत्प्रेरित करे।
2. कंपनी अपने प्रतियोगियों के ग्राहकों को आकृष्ट करने का प्रयत्न करे।
3. कंपनी अपने वर्तमान विपणन क्षेत्रों में उन व्यक्तियों को आकृष्ट करने का प्रयास करे जो अब तक उस उत्पाद का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। कंपनियों की प्रारंभिक विपणन रणनीतियाँ निम्नलिखित चार्ट द्वारा प्रकट की जा सकती हैं :-
प्रवर्तन
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उच्च निम्न
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क़ीमत उच्च द्रुत-दोहन रणनीति धीमा-दोहन रणनीति
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निम्न द्रुत-भेदन रणनीति धीमा-भेदन रणनीति
——————————————————————-
उक्त चार्ट चारों रणनीतियों को दो प्रमुख वर्गों में विभक्त करता हैं –
1. दोहन रणनीति, 2. भेदन रणनीति।
रणनीतियों का यह वर्गीकरण क़ीमत के आधार पर किया गया है। जब घटक उच्च क़ीमत होता है तो प्रवर्तन व्यय की विभिन्न मात्राओं के साथ जो रणनीति बनती है वह दोहन रणनीति (skimming strategy) कहलाती है। इसके विपरीत निम्न क़ीमतों के घटक के साथ प्रवर्तन व्यय की विभिन्न मात्राएँ मिलकर जो रणनीति प्रस्तुत करती हैं वह भेदन रणनीति प्रस्तुत करती हैं वह भेदन रणनीति कहलाती हैं। चार्ट में प्रदर्शित रणनीतियों को एक अन्य रूप में भी देखा जा सकता है। इसके अनुसार मुख्य घटक प्रवर्तन व्यय होता है। वे रणनीतियाँ जहाँ प्रवर्तन व्यय उच्च तल का होता है द्रुतगामी रणनीतियाँ कहलाती हैं और जब प्रवर्तन व्यय कम होता है तो रणनीतियाँ धीमी गति वाली कहलाती हैं।
  • Market potential -- विक्रय संभाव्यता, बाज़ार संभाव्यता
एक विशिष्ट बाज़ार खंड में, एक निश्चित क़ीमत पर, उत्पाद या सेवा की वर्तमान और भविष्य में बिक्री की संभावना।
  • Market rollout -- बाज़ार फैलाव
यह एक ऐसी भौगोलिक आधार पर संरचित रणनीति होती है जिसके अधीन एक कंपनी अपने बाज़ार की परिधि का निर्धारण क्रमिक रूप से करती है। प्रायः फर्मे पहले उन भौगोलिक क्षेत्रों में अपने पदार्थ उतारती है जो बहुत आकर्षक होते हैं और उसके पश्चात् ज्यों-ज्यों वे अधिक समर्थ होती चली जाती हैं, कम आकर्षक और दूरस्थ बाज़ारों तक पहुँचती जाती हैं। अनेक फर्में प्रारंभ में पूंजी और क्षमता कम होने के कारण आकर्षक और बड़े बाज़ारों से अपनी विपणन क्रियाओं का प्रारंभ नहीं कर पातीं। ऐसी फर्में अपना बाज़ार फैलाव छोटे बाज़ारों से प्रारंभ करके क्रमशः बड़े बाज़ारों तक पहुँचती हैं।
  • Market segmentation -- बाज़ार का विभाजीकरण
बाज़ार का समान अपेक्षाओं वाले उपभोक्ताओं के अनुसार विभाजन। इसका उपयोग व्यापारिक प्रतिष्ठान अपना बाज़ार क्षेत्र बढ़ाने के लिए करते हैं। साधारण तौर पर बाज़ार विभाजीकरण के आधार भौगोलिक, जनांककीय, उत्पाद के उपयोग एवं उपभोक्ता की पसंद प्रवृत्ति आदि होते हैं।
  • Market share -- बाज़ार हिस्सा
एक बाज़ार विशेष में, एक अवधि के दौरान सभी फर्मों द्वारा निर्मित उत्पाद विशेष की बिक्री में एक फर्म विशेष के उत्पाद की बिक्री का प्रतिशत।
  • Market skimming -- बाज़ार-दोहन
कुछ व्यापारिक फर्में इस स्थिति में होती हैं कि वे अपने नए उत्पाद बाज़ार में ऊँची क़ीमतों पर उतारने में समर्थ होती हैं। ये फर्में ऊँची क़ीमतों के बावजूद इतना विक्रय आगम प्राप्त कर लेती हैं कि उनके निवेश की भरपाई शीघ्रातिशीघ्र हो जाती है। निवेश की तुरंत भरपाई को उद्देश्य बनाकर ऊँची क़ीमतों पर आधारित बाजार रणनीति को दोहन रणनीति कहते हैं।
देo market penetration strategy.
  • Market testing -- बाज़ार परीक्षण
जिन पदार्थों में किसी फर्म के द्वारा भारी निवेश किया जाता है उनके विपणन में छोटी-सी भी त्रुटि फर्म की विफलता का कारण बन सकती है। ऐसी जोखिम को कम से कम करने के लिए बाज़ार परीक्षण किया जाता है। इसके माध्यम से फर्म अपने उत्पाद तथा विपणन कार्यक्रम को अधिक नियंत्रणीय उपभोक्ता परिवेशों में उतारती हैं ताकि उसे उत्पाद की भावी सफलता का पर्याप्त विश्वसनीय अनुमान प्राप्त हो सके। यदि उपभोक्ताओं से प्राप्त प्रतिपुष्टि सकारात्मक होती है तो उत्पाद अभीष्ट पैमाने पर बाज़ार में उतार दिया जाता है और कंपनी अपनी परियोजना को पूर्णतः कार्यान्व्ति करती है।
  • Market value -- बाज़ार मूल्य
अस्थायी जिन्सों की बाज़ार क़ीमत प्रायः विक्रेताओं द्वारा निर्धारित की जाती है और इसमें परिवर्तन बहुत कम देखने में आते हैं। अन्य जिनसों की क़ीमत क्रेताओं तथा विक्रेताओं के मध्य मोलतोल के आधार पर उभरती है और इसकी जानकारी उसी समय होती है जबकि एक वास्तविक सौदा हो लेता है। अस्थायी इस्तेमाल शुदा कुछ जिन्सों का बाज़ार मूल्य प्रायः नीलामी द्वारा निर्धारित होता है। आर्थिक विश्लेषण में बाज़ार क़ीमत और बाज़ार मूल्य, माँग और पूर्ति के संतुलन बिंदु के रूप में विश्लेषित किया जाता हैं।
  • Markov process -- मार्कोव प्रक्रम
प्रसंभाव्य स्थितियों में प्रयुक्त सांख्यिकीय पूर्वानुमान का वह प्रकार जो यादृच्छिक चर को आधार के रूप में प्रयुक्त करता है। इसकी यह प्रमुख मान्यता होती है कि यादृच्छिक घटना की गणना वर्तमान आधार सामग्री से ही की जा सकती है और इसके लिए ऐतिहासिक आँकड़ो की आवश्यकता नहीं होती।
  • Mass marketing -- व्यापक विपणन
उपभोक्ताओं के विशाल वर्ग को अपील करने के लिए विज्ञापन, सम्वेषण मूल्यन तथा अन्य प्रवर्तनात्मक क्रियाओं को व्यापक में सम्मिलित किया जाता है। इससे प्रायः आशा की जाती है कि विक्रय में संलग्न कर्मचारियों के अतिरिक्त योगदान के बिना ही उपभोक्ता खुदरा विक्रेताओं से माल की खरीद करना प्रारंभ कर देंगे। रियायती बाज़ार और सुपर बाज़ार और सुपर बाज़ार प्रायः व्यापक विपणन की नीति का अनुसरण करते हैं।
  • Mass media -- जन माध्यम
व्यापारिक विज्ञापनों के निमित्त प्रयोग में लाए जाने वाले वे माध्यम जो सन्निहित संदेश विशाल जनसमूह तक ले जाते हों। इसमें रेडियो, टेलीविजन, लोकप्रिय समाचारपत्र आदि शामिल होते हैं।
  • Matrix organisation -- मेट्रिक्स (आधामी) संगठन
वह संगठनात्मक संरचना जिसमें संगठन के सदस्य अपने नियत कार्य एवं अपने विभाग के प्रति समान निष्ठा रखते हैं, साथ ही कर्मचारी को निर्देशित करने की दोहरी आदेश श्रृंखला भी होती हैं।
  • Maximax -- मेक्सीमेक्स
प्रबंध निर्णय विज्ञान में निर्णयन के लिए कुछ एक कसौटियाँ पूर्व निश्चित की जाती हैं। इनका संबंध किसी भी परियोजना अथवा समस्या के प्रत्याय (pay off) से होता है। इनमें से एक कसौटी वह होती है जो पूर्वानुमानित अधिकतम प्रत्याय को ही अधिक बनाती है और मेक्सीमेक्स निकष के नाम से जानी जाती है। इसका निर्धारण एक पे आफ मेट्रिक्स बनाकर किया जाता है।
  • Maximin -- मेक्सीमिन
निर्णयन की वह कसौटी जिसमें किसी परियोजना या समस्या के न्यूनतम पूर्वानुमानित प्रत्याय को अधिकतम किया जाता है। इसका निर्धारण भी पे आफ मेट्रिक्स के आधार पर किया जाता है।
  • M.B.O. -- एमoबीoओo
देo management by objectives.
  • Merchant banking -- मर्चेंट बैकिंग
वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में कार्यकलापों का एक ऐसा समूह जिसका संबंध निवेश बैकिंग, पोर्टफोलियो प्रबंध, बीमा, विदेशी बिलों की स्वीकृति, शेयर निर्गमन प्रबंध तथा विदेशी मुद्रा बीमा आदि से होता हैं।
  • Merger -- विलयन
जब दो या दो से अधिक अंशपूंजी वाली कंपनियाँ स्वामित्व अथवा नियंत्रण हित के हस्तांतरण के आधार पर एकीकृत हो जाती हैं तो उस क्रिया को विलयन के रूप में जाना जाता है। विलयन अनेक रूप ग्रहण कर सकता है जिनमें प्रमुख ये हैं –
जब एक कंपनी अपनी किसी प्रतियोगी कंपनी के समूचे अथवा नियंत्रक अंश खरीदती है तो उसे समस्तरीय (horizontal) विलयन कहा जा सकता है। इसके विपरीत जब विलयन ऐसी दो या दो से अधिक कंपनियों में हो जिनके मध्य प्रदाता अथवा ग्राहक के संबंध हों तो उसे उदग्र (vertical) विलयन के नाम से पुकारा जाता है। जब कंपनियों के पदार्थों के मध्य किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं होता तो उसे वृत्तुल विलयन कहते हैं।
  • merit rating -- गुणांकन
व्यक्तिगत कर्मचारियों के निष्पादन स्तरों का मूल्यांकन करने की एक औपचारिक व्यवस्था। गुणांकन पद्धतियों में किसी न किसी प्रकार की एक निर्धारण मापनी प्रयोग में लाई जाती है। कार्मिक प्रशासन के क्षेत्र में यह मापनी एक बिंदु पद्धति होती है जिसमें प्रत्येक कार्य की निष्पादन विशेषताओं को पृथक् किया जाता है और प्रत्येक को एक अधिकतम बिंदु मूल्य प्रदान किया जाता है। उदाहरण के लिए, कर्मचारी द्वारा किए गए उत्पाद की मात्रा और उसका गुण, उनकी सहयोगी वृत्तियाँ, उनकी पहल करने की प्रवृत्तियाँ, उनका पद संबंधी ज्ञान तथा कार्य के प्रति उनके दृष्टिबिंदु आदि को बिंदु मूल्य प्रदान किए जा सकते हैं। इस मूल्यांकन का उद्देश्य व्यक्तियों की पदोन्नति, वेतन वृद्धि और कभी-कभी कर्मचारियों के मध्य प्रतियोगिता की भावना जागृत करना होता है। कार्य मूल्यांकन के साथ मिलाकर इसका प्रयोग जन शक्ति आयोजन के लिए भी किया जाता है।
  • Methods-time-measurement (M T M ) -- कार्यविधि समय मापन (एमoटीoएमo)
यह एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा किसी भी पद से संबंधित विभिन्न कार्यों के समय मानदंड स्थापित किए जाते हैं। इसके अधीन किसी भी कार्य में सन्निहित आधारभूत मानवीय गतियों को सूचीबद्ध किया जाता है तथा प्रत्येक गति को एक समय मूल्य प्रदान किया जाता हैं।
  • Micro motion analysis -- सूक्ष्म गति विश्लेषण
समय-गति अध्ययन की एक विधि जिससे निष्पादित कार्य के चल-चित्रों का परीक्षण उनकी गति रोककर या धीमा करके किया जाता है। इसका उपयोग कार्य करने के अधिक कुशल, द्रुत और लाभदायक तरीकों की खोज के लिए किया जाता हैं।
  • Middle management -- मध्यम प्रबंध स्तर
शीर्ष प्रबंध और प्रथम पंक्ति पर्यवेक्षकों के बीच के पदों पर कार्य करने वाले प्रबंधक। उल्लेखनीय है कि यह स्तर विभाजन केवल सुविधा की दृष्टि से किया जाता है अथवा कार्य के घटक की प्रकृति के अनुसार। कई बार प्रथम पंक्ति पर्यवेक्षक मध्यम प्रबंध स्तर के अंग के रूप में ही देखे-माने जाते हैं। इसी प्रकार मध्यम स्तर के प्रबंधक कई बार शीर्ष प्रबंध समितियों के सदस्य होते हैं।
  • Minimax -- मिनिमेक्स
निर्णयन की वह कसौटी जो किसी परियोजना की पूर्वानुमानित हानि पर आधारित होती है। इसके तहत निर्धारित निकष के अनुसार अधिकतम पूर्वानुमानित हानि को न्यूनतम करने का प्रयास किया जाता है। इसकी गणना एक मेट्रिक्स के द्वारा की जाती हैं।
  • Minimum subscription -- न्यूनतम अभिदान
एक सार्वजनिक अंशपूंजी वाली कंपनी के विवरण पत्र में वर्णित वह न्यूनतम राशि जो उसे व्यापार प्रारंभ करने के पूर्व जनता को शेयर बेच कर उगाहनी अनिवार्य होती हैं। कंपनी अधिनियम की इस आवश्यकता को संतुष्ट न कर पाने की दशा में कंपनी के लिए यह अनिवार्य होता है कि वह आवेदन कर्ताओं को आवेदन राशि ब्याज सहित वापस कर दे।
  • M I S -- एमoआईoएसo
देo management information system.
  • Modvat (=modified value added tax) -- मोडवैट (संशोधित अतिरिक्त मूल्य कर)
कर क़ानूनों के अंतर्गत आगत और निर्गत दोनों पर ही उत्पाद-कर की व्यवस्थाएँ हुआ करती हैं। अतिरिक्त मूल्य की गणना में ऐसी अवस्थाएँ दोहरी गणना की जोखिम पैदा कर देती हैं। इनका निराकरण करने के लिए अतिरिक्त मूल्य कर प्रणाली में संशोधन किए जाते हैं ताकि उत्पादन शुल्क एक ही बिंदु पर लगे अर्थात् यदि उत्पाद कर अन्तिम निर्मित माल पर लगाया जा रहा है तो उसके विनिर्माण में प्रयुक्त माल पर लगे उत्पाद शुल्क की छूट दे दी जाती है। इसे संशोधित अतिरिक्त मूल्य कर के नाम (मोडवैट) से जाना जाता हैं।
  • Money market -- द्रव्य बाज़ार
किसी भी देश की वित्त व्यवस्था का वह तंत्र जिसमें एक वर्ष से कम अवधि के ऋणों, प्रतिभूतियों और परक्राम्य पत्रों का लेन-देन होता हैं।
  • Motivational research -- अभिप्रेरणात्मक अनुसंधान
एक ऐसी तकनीक जिसके द्वारा व्यवहार आवश्यकताओं, भावनाओं और इच्छाओं का उपभोक्ता कार्यकलापों से सहसंबंध स्थापित किया जाता हैं।
  • Motivator hygiene theory (=two factor theory) -- अभिप्रेरण अनुरक्षण सिद्धांत (=द्विकारक सिद्धांत)
फ्रेड्रिक हर्जबर्ग द्वारा प्रतिपादित अभिप्रेरण का वह सिद्धांत जिसके अनुसार यह माना जाता है कि कार्य से संबंधित दशाएँ दो प्रकार की होती हैं :-
(अ) वे दशाएं जिनकी अनुपस्थिति से कार्मिकों को असंतोष होता है परन्तु जिनके विद्यमान होने से कोई प्रोत्साहन नहीं होता। जैसे वेतन व कार्य सुरक्षा। इन दशाओं को अनुरक्षक दशाएँ कहते हैं।
(आ) वे दशाएँ जिनके होने से कार्मिकों को विशेष संतोष होता है तथा अधिक प्रोत्साहन भी मिलता है परन्तु जिनके न होने से उत्साह पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है। यथा प्रोन्नति तथा सम्मान की दशाओं को अभिप्रेरक कहा गया है।
  • Multinational company -- बहुराष्ट्रीय कंपनी
एक ऐसी कंपनी कार्यकलाप एवं व्यापारिक व्यवहार दो या दो से अधिक राष्ट्रों में फैले हों। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की अनेक भौगोलिक इकाइयाँ हो सकती हैं जिनका निर्माण सहायक कंपनियों, प्रशाखाओं अथवा संयुक्त कंपनियों के रूप में किया जाता है। विशाल आकार की इस कंपनी व्यवस्था को पराराष्ट्रीय कंपनी की संज्ञा भी दी जाती है। इसकी विशेषता यह होती है कि समस्त प्रमुख कंपनी-नीतियों को एक ही केंद्रीय प्रमुख कार्यालय से निर्देशित किया जाता है।
  • Multivariate analysis -- बहुचर विश्लेषण
वह प्रणाली जो अनेक चरों की अन्तःक्रिया का प्रभाव दिखाने या पहचानने के लिए प्रयुक्त की जाती हैं।
  • Murphy’s law -- मर्फी सिद्धांत
आम बोलचाल की भाषा में वह उक्ति कि यदि कोई चीज गलत हो सकती है, तो वह गलत होगी, मर्फी का नियम कहलाती हैं। इस नियम के व्यापार प्रबंध के क्षेत्र में अनेक प्रयोग देखे जाते हैं, उनमें से एक यह है कि यदि किसी एक संयंत्र को गलत तरीके से जोड़ा जा सकता है या उसको मरम्मत की जा सकती है तो ऐसा कभी भी कोई व्यक्ति और कहीं भी अवश्य कर बैठेगा। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि संयंत्र त्रुटि विहीन हो।
  • Muster-roll -- हाज़री रजिस्टर, उपस्थिति नामावली
किसी कार्यालय या प्रतिष्ठान में रखा गया रजिस्टर जिसमें विभिन्न कर्मचारियों के नाम एवं पदों के साथ उनकी उपस्थिति, अनुपस्थिति एवं अवकाश का ब्यौरा रखा जाता है।
  • Need-size-form-brand market -- आवश्यकता-आकार-स्वरूप और ब्रांड बाज़ार
देo market partitioning theory.
  • Negative cash flow -- ऋणात्मक नक़दी प्रवाह
किसी कंपनी अथवा उद्यम में, एक अवधि विशेष के दौरान नक़दी के आने की अपेक्षा नक़दी का बाहर ज्यादा जाना।
  • Net capital formation -- निवल पूंजी निर्माण
स्थायी परिसंपत्तियों में किया गया निवल निवेश। इसमें मूल्यह्रास, मरम्मत और रख-रखाव पर किए गए व्यय सम्मिलित नहीं होते।
  • Net present value -- निवल वर्तमान मूल्य
निवेश निर्णयों के संदर्भ में प्रयोग किया जाने वाला एक निकष। इसके अनुसार निवेश के वर्तमान मूल्य को उससे प्राप्य भावी रोकड़ प्रवाह के बट्टाकृत मूल्यों में से घटाया जाता हैं। बट्टे की दर प्रायः संबंधित प्रतिष्ठान की पूंजी की लागत होती है। अंतरफल शुद्ध मूल्य के नाम से जाना जाता हैं। जिन रोकड़ प्रवाहों का शुद्ध वर्तमान मूल्य घनात्मक होता है उनसे संबंधित निवेश प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया जाता है। निर्णय की यह विधि परंपरागत विधियों से इस रूप में भिन्न है कि इसमें धन के समय मूल्य को विचाराधीन किया जाता है जो परंपरागत विधियों में नहीं किया जाता।
  • Net working capital -- निवल कार्यशील पूंजी
चालू परिसंपत्तियों का चालू दायित्वों पर अधिक्य ही शुद्ध कार्यशील पूंजी कहलाता है। किसी भी प्रतिष्ठान के पूंजी अनुमानों का यह एक महत्वपूर्ण घटक होता है क्योंकि इसका सीधा संबंध प्रतिष्ठान के दैनिक कार्यकलापों से होता हैं। यह एक फर्म की मालियत का हिस्सा होता हैं।
  • Non-current liabilities -- अप्रचलित देयताएँ
किसी भी प्रतिष्ठान की वे देनदारियाँ जो एक से अधिक वर्ष के पश्चात देय हों। ऐसी देनदारियाँ प्रायः परिसंपत्तियों पर स्वीकार किए गए बंधकों के फलस्वरूप अस्तित्व में आती हैं।
  • Non-operating revenue -- प्रचालनेतर आय
ब्याज, भाड़ा और लाभांश जैसे स्रोतों से प्राप्त होने वाली आय, जो फर्म के प्रमुख व्यवसाय से सीधा संबंध नहीं रखती, प्रचालनेतर आय कहलाती हैं।
  • Null hypothesis -- निराकरणीय परिकल्पना
निराकरणीय परिकल्पना यह करती है कि समष्टि के किसी माने हुए प्राचलों तथा समष्टि से उद्धृत यादृच्छिक प्रतिदर्श के अभिकलित अनुमान में कोई अंतर नहीं है। वस्तुतः निराकरणीय परिकल्पना एक प्रकार की जाँच है जिसका प्रयोग इसलिए किया जाता है कि आकार विशाल होने के कारण समष्टि की सीधी जाँच नहीं हो सकती। यदि निराकरणीय परिकल्पना के अनुसार प्रतिदर्श और समष्टि में कोई अंतर पाया जाता है तो ऐसे अंतर के आकार का मूल्यांकन करना होगा। इस अंतर की सार्थकता का निर्धारण करने के लिए सांख्यिकीय विधियाँ उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, एक निराकरणीय परिकल्पना यह हो सकती है कि कुल टेलिविजन सेटों को कम से कम 20 प्रतिशत एक विशेष कार्यक्रम पर लगाया गया था। जाँचकर्ता टेलिविजन सेटों की पूरी समष्टि में से 1000 सेटों का यादृच्छिक प्रतिदर्श लेता है और वह पाता है कि 205 सेट वास्तव में उस कार्यक्रम पर लगाए गए थे। यदि जाँचकर्ता इसके आधार पर निराकरणीय परिकल्पना को स्वीकार कर लेता है तो वह एक गलत परिकल्पना को स्वीकार करने की जोखिम उठा सकता है। जैसे यदि समष्टि का केवल 19 प्रतिशत ही वास्तव में उस कार्यक्रम को लगाता था तो प्रतिदर्श की उपरोक्त जाँच एक गलत परिकल्पना को परिपुष्ट कर देगी और जाँचकर्ता की यह त्रिटि बीटा त्रुटि के नाम से कही जाएगी। इसके विपरीत यदि प्रतिदर्श में केवल 150 सेट ऐसे पाए जाते हैं जो उस कार्यक्रम पर लगाए गए थे जबकि वास्तव में समष्टि के 20 प्रतिशत सेट कार्यक्रम में लगाए गए थे तो जाँचकर्ता परिकल्पना का निराकरण कर देगा और ऐसी सूरत में वो एल्फा नाम की त्रुटि करता हुआ कहा जाएगा अर्थात् एक सही परिकल्पना को अस्वीकार कर देगा।
  • Occupational structure -- व्यावसायिक संरचना
विभिन्न प्रकार के उत्पादक कार्यों का ऐसा वर्गीकरण जो नौकरियों की मात्रा तथा उनका कार्य स्थलों, कंपनियों, उद्योगों, प्रदेशों तथा समूची अर्थव्यवस्था के आधार पर वितरण प्रस्तुत करता हैं।
  • Office management -- कार्यालय प्रबंध
किसी भी प्रतिष्ठान में कार्यालय प्रबंध एक सेवा प्रकार्य होता है। इसके अंतर्गत सब प्रकार के लिपिकीय कार्यों तथा तत्संबंधी कार्मिकों का पर्यवेक्षण, टेलीफोन, डाक तार वितरण, आशुलिपिकों और मिसिलों का पर्यवेक्षण, कार्यालय संयंत्र सज्जा का निश्चितीकरण तथा भौतिक अभिन्यास, विद्युतीकरण एवं उपस्कर व्यवस्था आदि का नियंत्रण सम्मिलित है।
  • Office personnel -- कार्यालय कार्मिक
कार्यालय संबंधी सब प्रकार की क्रियाओं को सम्पन्न करने वाले कर्मचारी कार्यालय कार्मिक की श्रेणी में रखे जाते है। उत्पादन और विक्रय कार्मिकों की अपेक्षा इनका पर्यवेक्षण थोड़ा भिन्न होता है क्योंकि इन्हें समय-गति अध्ययन जैसे पर्यवेक्षणीय उपायों के अधीन सुगमता से नहीं लाया जा सकता। साथ ही साथ ऐसे कार्मिकों की भर्ती, नियुक्ति, प्रशिक्षण इत्यादि की मूल प्रक्रियाएँ सामान्य प्रशासन का ही अभिन्न अंग होती हैं।
  • Operating budget -- प्रचालन बजट
चालू आय तथा व्ययों के किसी निर्धारित भावी अवधि से संबंधित अनुमान दर्शाने वाला विवरण प्रचालन बजट कहलाता है। यह अल्पकालिक वित्तीय आयोजन का आधार होता है। इसे कभी-कभी दैनिक कार्यकलापों के परिणामात्मक स्वरूप में भी प्रस्तुत किया जाता है और तब इस विवरण के माध्यम से प्रतिष्ठान की भौतिक क्षमताओं तथा भौतिक आगत और उत्पादों का एक निश्चित कार्यकाल के लिए विवरण तैयार किया जाता है। ऐसा बजट प्रतिष्ठान की अल्पकालीन कार्ययोजना का रूप ग्रहण करता है।
  • Operating company -- प्रचालन कंपनी
वह कंपनी जो एक या एक से अधिक प्रकार के व्यापारिक कार्यों का निष्पादन करती है। यह उन कंपनियों से भिन्न होती है जिन्होंने अपनी परिसंपत्तियों को वित्तीय निवेशों तथा पट्टों में परिवर्तित कर लिया है और जिनके सभी कार्यकलाप वित्तीय व्यवहार ही होते है।
  • Operating cost -- प्रचालन-लागत, प्रचालन-व्यय
(अ) (लागत लेखा) – ऐसे खर्चे जो किसी उद्योग अथवा व्यवसाय के मुख्य कार्यकलापों को चलाने के लिए करने आवश्यक है। अतः इसमें न केवल वस्तुओं अथवा सेवाओं के उत्पादन पर होने वाले खर्चे शामिल होते है अपितु अन्य व्यावसायिक उपरिव्यय भी शामिल किए जाते हैं।
(आ) (परिवहन) – यानों को चलाने का खर्च।
  • Operating leverage -- प्रचालन उत्तोलक
कर और ब्याज पूर्व आय की विक्रय के साथ व्यक्त अनुपात में परिवर्तित होने की प्रवृत्ति। जैसे-जैसे स्थिर लागतों का कुल लागतों के साथ अनुपात बढ़ता चला जाता है वैसे-वैसे प्रचालन उत्तोलक भी बढ़ता चला जाता है क्योंकि ऐसी दशा में विक्रय में परिवर्तन निवल आय में अधिक भारी परिवर्तन उत्पन्न करते हैं। प्रचालन उत्तोलक ऊँचे प्रचालन वाले प्रतिष्ठान तथा गठन पूंजी निवेश वाले प्रतिष्ठान भी होते हैं।
  • Operating profit/ (loss) -- प्रचालन लाभ/ (हानि)
किसी भी प्रतिष्ठान के सकल लाभ तथा परिचालन लागतों का अंतर। ऐसे अंतर को परिचालन आगम भी कहा जाता है और इसका स्रोत नियमित व्यापारिक कार्यकलाप हुआ करते हैं। इस रूप में परिचालन लाभ में अन्य व्यापार में किए निवेशों पर अर्जित लाभ, प्रदत्त ऋणों पर कमाया गया ब्याज, प्रतिष्ठान की परिसंपत्तियों के अन्य पक्षकारों द्वारा प्रयोग पर अर्जित भाड़ों आदि को सम्मिलित नहीं किया जाता।
  • Operating ratio -- प्रचालन अनुपात
वित्तीय विश्लेषण के क्षेत्र में प्रयोग किया जाने वाला एक ऐसा सामान्य अनुपात जोकि किसी प्रतिष्ठान के आय विवरण के विभिन्न मदों को विक्रय के आधार पर मापता है। इसका उद्देश्य कंपनी की सफलता का मूल्यांकन करना होता है। उल्लेखनीय है कि कभी-कभी इस उद्देश्य की प्राप्ति प्रति अंश आय और बहुत से अन्य प्रकारों से भी की जाती हैं। इन अनुपातों की गणना कंपनियों में धन निवेश करने वाले निवेशकर्ताओं/ विनियोजकों द्वारा की जाती हैं।
  • Operational audit (=internal audit) -- प्रचालन लेखापरीक्षा, आंतरिक लेखापरीक्षा
देo internal audit.
  • Operations research -- संक्रिया विज्ञान, संक्रियात्मक प्रविधि
किसी भी व्यापारिक, सरकारी, अथवा अन्य प्रकार के प्रतिष्ठानों के संबंध में आने वाली समस्याओं का परिमाणात्मक हल प्रस्तुत करने वाली प्रविधि। इसके द्वारा निर्णयकर्त्ता एक विवेकपूर्ण विधि से अनेक उपलब्ध विकल्पों में से इष्टतम विकल्प चुनता है। इस निर्णयन प्रक्रिया के साथ अनेक गणितीय तथा इंजीनियरी तकनीकें जुड़ी हुई हैं जैसे बेसियन प्रमेय सिद्धांत, गेम सिद्धांत, आगत-निर्गत विश्लेषण, रेखिक तथा गणितीय प्रोग्रामिंग, पंक्ति सिद्धांत, तर्ट तथा मोटे काले अनुरूपण इत्यादि। इसका प्रयोग पद्धति विश्लेषण के संदर्भ में भी किया जाता हैं।
  • Opinion leaders -- अभिमत अग्रणी
ये वे व्यक्ति होते है जो किसी दी स्थिति में अपने एक जाने पहचाने समूह पर व्यक्तिगत प्रभाव रखते हैं। किसी व्यापारिक प्रतिष्ठान का जब ऐसे समूह को उत्पाद का विक्रय करने का प्रश्न उत्पन्न होता है तो वे अभिमत अग्रणियों की खोज प्रारंभ कर देती है। प्रायः ऐसे व्यक्तियों की राय समूचे समूह की राय होती है और फर्म को अपने प्रवर्तन समूह के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने की आवश्यकता नहीं रहती। ऐसा विशेषत उस समय किया जाता है जबकि फर्म एक पूर्व निर्धारित समय पर पदार्थ को बाज़ार में उतारना चाहती है और उसके पूर्व वह पदार्थ की स्वीकृति के संबंध में आश्वस्त होना चाहती है। यद्यपि अभिमत अग्रणी फर्म की दृष्टि से एक बहुत लाभकारी भूमिका निभाते हैं इन्हें ढूँढना और इनकी पहचान करना प्रायः कठिन कार्य होता हैं।
  • Optimum firm -- इष्टतम प्रतिष्ठान
वह फर्म जिसका उत्पादन उस सीमा तक पहुँच गया है कि प्रति इकाई उत्पादन लागत निम्नतम है। वह फर्म केवल लागत के आधार पर न तो उत्पादन बढ़ाना चाहेगी और न ही घटाना क्योंकि इन दोनों ही स्थितियों में उत्पादन लागत बढ़ जाएगी। ऐसी फर्म का मात्र सैद्धांतिक महत्व हैं।
  • Ordinal utility -- क्रमसूचक उपयोगिता
उपभोग से प्राप्त उपयोगिता दो प्रकार की इकाईयों में मापी जा सकती है। ऐसे मापन का एक रूप विशिष्ट संख्याएँ जैसे 1, 2, 3, 4, 10 … और दूसरा प्रकार किसी श्रृंखला में विशिष्ट स्थिति जैसे प्रथम, द्वितीय … हो सकता हैं। उपयोगिता को मापने की यह दूसरी विधि क्रमसूचक मापनी पर की जाती है और माप की इन इकाइयों के आधार पर जो उपयोगिता की मात्रा उपलब्ध होती है उसे क्रमसूचक उपयोगिता कहते हैं।
  • Organizational goal -- संगठनात्मक उद्देश्य
वह लक्ष्य या स्थिति जिस तक पहुँचने का संगठन प्रयास करता है। किसी भी प्रतिष्ठान के आयोजन प्रयासों में ऐसे उद्देश्यों को निश्चित रूप से व्यक्त किया जाना नियंत्रण एवं मूल्यांकन के लिए अनिवार्य होता हैं।
  • Organization and methods (O & M) -- संगठन और पद्धतियाँ (ओo एंड एमo)
किसी कंपनी या अन्य प्रकार के संगठन के परिचालन की विधियों का व्यवस्थित विश्लेषण। ऐसे विश्लेषणों का क्षेत्र प्रायः व्यापक होता है और लिपिकीय पद्धतियों से लेकर प्रबंध संरचना तक के पहलुओं को समाविष्ट करता हैं। व्यवहार में ओo एंड एमo (संगठन और पद्धतियाँ) प्रायः पद्धति अध्ययन की एक प्रयुक्ति होती है। इसके अंतर्गत कार्यालय की क्रिया विधियों में कार्यमापन की तकनीकों का प्रयोग भी सम्मिलित होता है। आज यह प्रबंधीय विश्लेषण प्रचालन अनुसंधान के रूप में विकसित हो रहा है।
  • Organization chart -- संगठन चार्ट, व्यवस्था चार्ट
किसी भी प्रतिष्ठान की प्रकार्यात्मक संबंध श्रृंखलाओं की चार्ट के रूप में रेखात्मक अभिव्यक्ति। ऐसे चित्र संगठन के अधिकार एवं उत्तरदायित्वों के प्रवाह का विहंगम रूप प्रस्तुत करते हैं। प्रतिष्ठान के सभी प्रमुख विभागों, अधिकारियों तथा कार्यपालकों के परस्पर संबंधों को रेखाओं द्वारा जोड़ कर प्रदर्शित किया जाता हैं।
  • Organization development -- संगठन विकास
एक विषम शैक्षणिक कार्यनीति जिसका उद्देश्य संस्था के विश्वासों, प्रवृत्तियों, मूल्यों तथा संरचना को इस प्रकार बदलना है जिससे संगठन नई तकनीकों, बाज़ारों और चुनौतियों के अनुरूप अपने आप को ढाल सके।
  • Organization pyramiding -- संगठन पिरामिडीकरण
साधारण तौर पर संगठनों का विकास लंबवत् होता रहता है। जैसे एक उच्च प्रबंधक के अधीन दो या दो से अधिक सहायक प्रबंधक होते हैं और प्रत्येक सहायक प्रबंधक के अधीन भी दो या दो से अधिक सह-सहायक प्रबंधक होते हैं। इसी प्रकार संगठन में निचले तलों पर अनेक स्तर बनते रहते हैं जिनमें प्रत्येक स्तर पर अधिकाधिक व्यक्ति शामिल होते हैं।
  • Organized sector -- संगठित क्षेत्र
किसी भी देश के औद्योगिक क्षेत्रक का वह भाग जो संगठित संस्थाओं एवं सार्वजनिक स्वामित्व के आधार पर स्थापित होता है। प्रायः बड़ी मात्रा के कल-कारखाने जो जनसाधारण से पूंजी जुटाकर स्थापित किए जाते हैं। संगठित क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त करते हैं। इस क्षेत्र की वे संस्थाएँ जो इसे संगठित रूप प्रदान करती हैं व्यवस्थित श्रम संघ, कर्मचारी संघ, वाणिज्य संघ, वाणिज्य मंडल, निर्माता संघ इत्यादि होती हैं। क़ानून और प्रशासन भी एक नियमित तथा व्यवस्थित रूप से संघठित क्षेत्र को नियंत्रित करता हैं।
  • Outdoor advertising -- बाह्य विज्ञापन
प्रदर्शन विज्ञापन जो बाहरी स्थानों पर लगाए जाते हैं। जैसे विज्ञापन पट्ट, विद्युत एवं नियोन चित्र और प्रकार के सूचना पट्ट।
  • Overhead application rate -- उपरिव्यय प्रयोग दर
वह दर जिस पर अनुमानित उपरिव्यय लागतों को पदार्थों पर आबंटित किया जाता है। इस दर की गणना अनुमानित उपरिव्यय लागतों को एक उचित आबंटन आधार के द्वारा विभाजित करके की जाती है और ये आबंटन आधार प्रत्यक्ष श्रम घंटे, प्रत्यक्ष प्रयुक्त कच्चे माल का मूल्य अथवा प्रत्यक्ष श्रम लागतें हो सकती हैं।
  • Parent holding company -- मूल नियंत्रक कंपनी
एक अथवा एकाधिक सहायक या अधीनस्थ कंपनियों की स्थापना करके उन पर नियंत्रण रखने वाली कंपनी।
  • Parkinson’s law -- पार्किन्सन सिद्धांत
पार्किन्सन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत जिसके अनुसार कार्य सदा उपलब्ध समय के अनुसार प्रसरित हो जाता है। इसी प्रकार किसी भी प्रतिष्ठान के व्ययों की प्रवृत्ति उसकी आय तक पहुँचने की होती हैं।
  • Participative management -- सहभागी प्रबंधन
कार्मिकों द्वारा प्रबंध कार्य में भाग लेना। इसके परिणामस्वरूप संगठन-उपक्रम में कार्मिक विभिन्न स्तरों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने लगता हैं।
  • Patterned interview -- प्रतिमानित साक्षात्कार
ऐसा साक्षात्कार जिसके लिए कार्य विनिर्दिष्ट का विश्लेषण कर प्रश्नों की सूची तैयार की जाता है। ऐसी सूची अनुभवविहीन प्रश्नकर्ताओं के लिए उपयोगी होती है। अभ्यास और अनुभव वृद्धि के साथ-साथ प्रश्नकर्ता ऐसे विस्तृत प्रतिमानों की अपेक्षा नहीं करते हैं।
  • Pay back criterion -- निवेश वापसी कसौटी
निवेश निर्णयों के क्षेत्र में मूल्यांकन की एक परंपरागत विधि जिसके अधीन यह ज्ञात किया जाता है कि निवेशित राशि कितने समय में तथा कितनी शीघ्रता के साथ वापस मिलेगी। निवेश की राशि में किसी भी परियोजना से प्राप्त समान सावधिक रोकड़ प्रवाहों का भाग देने से जो भजनफल उपलब्ध होता है वह निवेश वापसी अवधि या कसौटी कहलाता हैं।
  • Payment by results -- निर्गतानुसार भुगतान
भुगतान की ऐसी योजना जो वस्तु या सेवा की उत्पादन मात्रा पर आधारित होती है। उत्पादन मात्रा वज़न, परिमाण, आयतन, संख्या, घंटों आदि के रूप में व्यक्त की जा सकती है। इन योजनाओं के अंतर्गत अतिरिक्त भुगतान की राशि का निर्धारण प्रमाणित इकाइयों के आधार पर किया जाता हैं।
  • Pay-roll -- वेतन-पत्रक
किसी भी प्रतिष्ठान में उसके कर्मचारियों को दिए गए वेतन का व्यौरेवार विवरण। वस्तुतः वेतन-पत्रक सभी कर्मचारियों की विभागानुसार बनाई गई एक सूची होती है जो प्रत्येक कर्मचारी को देय राशि को दर्शाती है। बड़े संगठनों में वेतन-पत्रक बहुसंख्यक लेखा रिकार्डों के रूप में बनाया जाता है जिसमें समय-पर्चियाँ, समय-कार्ड, मजदूरी व वेतन प्राधिकरण, व्यक्तिगत अर्जन रिकार्ड तथा मजदूरी भुगतान की प्राधीकृत पर्चियों को या वेतन आदेशों का निरस्तीकरण (यदि अपेक्षित हो या जहाँ भी लागू हो), सम्मिलित होते हैं।
  • Pay-roll accounting -- वेतन-पत्रक लेखाकरण
वे लेखे जो लेखाकरण विभाग द्वारा कार्मिक विभाग से प्राप्त वेतन-पत्रकों के आधार पर संकलित किए जाते हैं, वेतन-पत्रक लेखाकरण कहलाते हैं। इनका प्रमुख उद्देश्य किसी लेखाकरण अवधि में कर्मचारी लागत को ज्ञात करना होता है। आधुनिक युग में वेतन-पत्रक बड़ी विस्तृत व जटिल सूचनाओं से युक्त होते हैं जिसके कारण वेतन-पत्रक लेखाकरण की प्रक्रियाओं को कंप्यूटर द्वारा संपादित किया जाता हैं।
देo pay-roll.
  • Performance appraisal -- निष्पादन मूल्यांकन
किसी भी प्राधिकरण में उसके कर्मचारियों द्वारा निष्पादित कार्य के आधार पर उनका व्यक्तिगत मूल्यांकन। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत निष्पादनकर्ता की कार्यक्षमता तथा उसकी निहित शक्ति को आँकना होता है। संगठन को इस मूल्यांकन से सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि कार्य निष्पादन तथा कर्मचारी-पर्यवेक्षक संबंध सुधर जाते हैं तथा कर्मचारी को यह लाभ होता है कि उसे अपने निष्पादन के संबंध में पर्यवेक्षकों के विचार तथा परामर्श उपलब्ध होते रहते हैं और तद्नुसार वह अपने कार्य निष्पादन में सुधार कर सकता हैं।
  • Performance budgeting -- निष्पादन बजटन
कार्य निष्पादन के भौतिक लक्ष्यों पर आधारित बजट। इसमें कार्य की मात्रा और बजट प्रावधान के बीच संबंध स्थापित करने का प्रयास किया जाता है।
देo budgeting.
  • Performance guarantee -- कार्य निष्पादन गारंटी
बिक्री करार की शर्तों के अनुसार माल की सुपुर्दगी आदि की सुपुर्दगी आदि की यह गारंटी कि शर्तों के उल्लंघन पर विक्रेता द्वारा एक निश्चित प्रतिशत के रूप में क्रेता को मुआवजा दिया जाएगा।
  • Period cost -- अवधि लागत
समय के आधार पर नियत किया गया व्यय जैसे किराया, ब्याज, संपत्ति तथा आय-कर और सीधी रेखा प्रणाली के आधार पर निर्धारित ह्रास की राशि इत्यादि। यद्यपि ऐसी लागतें सेवा-प्राप्ति के आधार पर प्रायः नियत नहीं की जाती हैं, अवधि और सेवा-प्राप्ति के आधारों में बहुत-सी परिस्थितियों में भेद करना मुश्किल हो जाता है। एक अन्य अर्थ में अवधि लागत मूलतः समय आधार पर नियत की जाती है परन्तु इसे मालसूची की लागत के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है।
  • Perk -- परिलब्धि
प्रबंध अधिकारियों को वेतन के अतिरिक्त दिया जाने वाला अमौद्रिक लाभ। जैसे व्यक्तिगत सचिव की नियुक्ति, कंपनी की गाड़ी का निःशुल्क उपयोग, निःशुल्क आवास, निःशुल्क चिकित्सा, बच्चों की निःशुल्क शिक्षा, आमोद-प्रमोद क्लबों की सदस्यता, आदि। इस प्रकार के लाभों का प्रमुख उद्देश्य अधिकारियों को प्रोत्साहन प्रदान करना अथवा उनके लाभार्थ कर आयोजन करना होता है।
  • Perpetual inventory -- सतत माल सूची
फर्म में माल की वास्तविक स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए आवक और जावक का निरंतर रिकार्ड रखते रहना। इसके लिए आर्डर किए माल और प्राप्त हुए माल तथा माँगे गए और बिक्री के लिए भेजे माल के इंदराज किए जाते रहते हैं। इसका मिलान समय-समय पर भंडार में प्रत्यक्षतः उपलब्ध मात्रा से भी किया जाता है।
  • Personal selling -- व्यक्तिगत विक्रय
ऐसा सीधा विक्रय जिसमें व्यक्तिगत रूप से एक विक्रेता और एक क्रेता के मध्य संप्रेषण होता है। विक्रय की यह विधि आकाशवाणी, दूरदर्शन, विज्ञापन तथा डाक द्वारा विक्रय से भिन्न होती हैं क्योंकि इन सबके अंतर्गत सामूहिक संप्रेषण होता है। यद्यपि सीधा विक्रय एक क्रेता और एक विक्रेता की आमने सामने की वार्ता पर आधारित होता है, परन्तु इस पर व्यक्तिगत एवं सामाजिक संप्रेषण योग्यताओं का गहरा प्रभाव पड़ता हैं।
  • Personnel management -- कार्मिक प्रबंध
इसका संबंध मानवीय संसाधनों के आयोजन, संगठन, निर्देशन तथा नियंत्रण से होता है। वस्तुतः इसमें मानवीय संसाधनों की प्राप्ति, विकास, पारिश्रमिक व्यवस्थाएँ, लक्ष्यों का एकीकरण तथा रखरखाव के क्षेत्रों में प्रमुख प्रबंधीय कार्यों का प्रयोग करना होता है। इसके द्वारा व्यक्ति, संगठन तथा समाजनिष्ठ उद्देश्यों की संश्लिष्ट उपलब्धि की जाती हैं।
  • PERT -- पर्ट
एक बहुचलित प्रचालन शोध की तरनीक जिसका प्रयोग समय सारणियों को अथवा लागतों को नियंत्रित करने के लिए या परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए किया जाता है। निर्माण की परियोजनाओं के विलंब को न्यूनतम करने के लिए या परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए किया जाता है। निर्माण की परियोजनाओं के विलंब को न्यूनतम करने के लिए यह तकनीक विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होती हैं। इसका उद्गम अमरीकी नौ सेना के पोलरिस्ट नामक प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम के नियंत्रण के संबंध में हुआ था। इस तकनीक के अनुसार किसी परियोजना की सभी संभाव्य क्रियाओं को पृथक्-पृथक् कर लिया जाता है और साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाता है कि वह अन्य क्रियाएँ क्या है जिन्हें किसी क्रिया विशेष को प्रारंभ करने से पूर्व संपादित करना होगा। इसके उपरांत प्रत्येक क्रिया को पूर्ण करने के लिए अपेक्षित समय के तीन अनुमान लगाए जाते हैं। इनमें से एक आशावादी, दूसरा व्यावहारिक तथा तीसरा निराशावादी अनुमान होता है। परियोजना की संपूर्ति का संभाव्य समय निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात किया जाता हैं :-
संभाव्य समय =
सर्वाधिक आशावादी समय + 4 सर्वाधिक संभाव्य समय + सर्वाधिक निराशावादी समय
———————————————————————
6
प्रत्येक क्रिया के संभाव्य समय की गणना के पश्चात् एक पर्ट नेटवर्क (जाल) की रचना की जाती है। ये गणनाएँ परियोजना को पूरा करने का संभाव्य सरल समय ही प्रदान नहीं करेंगी अपितु क्रियाओं के उस समूह को भी इंगित करेंगी जिन्हें क्रांतिक पथ (critical path) के नाम से जाना जाता है और जिनमें विलंब समूची परियोजना में व्यवधान प्रस्तुत कर देगा।
  • Peter’s principle -- पीटर का सिद्धांत
इस सिद्धांत की यह धारणा है कि प्रबंध अधिकारियों की पदोन्नति उनकी अक्षमताओं के तल पर बहुधा आधारित होती है। विशिष्टतः यदि एक प्रबंधक किसी स्थिति विशेष में सफल हो जाता है तो ऐसी सफलता ही उसकी पदोन्नति का यथेष्ट कारण स्वीकार कर ली जाती है, भले ऐसे व्यक्ति में वे योग्यताएँ पाई न जाती हों जो नए उच्च पद के लिए अपेक्षित मानी जाती हैं। फलतः पदोन्नति ऐसे अधिकारी के सर पर उस काम का बोझ लाद देगी जो उसके लिए संचालित करना संभव नहीं होगा। अतः इस सिद्धांत में एक अन्तर्निहित चेतावनी होती है कि पदोन्नति के कार्य को किसी भी संगठन को अगंभीर कार्य नहीं मानना चाहिए।
  • Placement -- स्थानन
नियुक्ति के पश्चात् किसी कर्मचारी को संगठन में काम पर लगाने की समूची प्रक्रिया को स्थानन कहते है। इसमें यह सावधानी हमेशा बरती जाती है कि प्रत्येक कर्मचारी को उसकी योग्यता के अनुसार ही एक यथेष्ट और उपयुक्त स्थान मिले। संगठन की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का निर्धारण भी स्थानन की अपेक्षाओं पर अवलंबित होता है।
  • Plant capacity -- संयंत्र क्षमता
किसी भी संयंत्र की अधिकतम निहित उत्पादन क्षमता। इसका मापन उत्पाद की इकाइयों, श्रम घंटों या संयंत्र की सुविधाओं के पूर्ण प्रयोग को जताने वाली अन्य इकाईयों के रूप में किया जा सकता हैं।
  • Plant layout -- संयंत्र अभिन्यास
एक निर्माणकारी प्रतिष्ठान में यंत्रों, उपकरणों और सुविधाओं का कारखाने के तल पर स्थान निर्धारण। संयंत्र अभिन्यास दर्शाता है कि सामग्री-प्रवाह, संग्रह-स्थान और कच्चे माल की प्राप्ति से लेकर तैयार माल के लदान तक की सभी सहायक गतिविधियों के लिए किस प्रकार स्थान निर्धारित किया जाए, जिससे कि उत्पादन लागत पर व्यापक नियंत्रण किया जा सके।
  • Pooling -- पूलन
व्यापार संयोगों का एक अपेक्षाकृत अनौपचारिक रूप जिसमें संबंधित प्रतिष्ठानों के बीच स्वामित्व हितों का क्रय-विक्रय या परस्पर हस्तांतरण नहीं होता है। इसकी स्थापना प्रायः विपणी शक्ति का संवर्धन करने के लिए की जाती हैं।
  • Portfolio -- निवेश सूची / पोर्टफोलियो
किसी भी व्यक्ति या प्रतिष्ठान द्वारा प्राप्त या खरीदी गई प्रतिभूतियों का समूह पोर्टफोलियों कहलाता हैं। इसमें सरकारी प्रतिभूतियाँ एवं ऋण-पत्र, कंपनियों के साधारण तथा अधिमान अंश तथा ऋण-पत्र एवं अर्धसरकारी संस्थाओं द्वारा निर्गमित बांड आदि सम्मिलित किए जा सकते हैं। विनियोजक प्रतिभूतियों को सामूहिक रूप से पोर्टफोलियों बनाकर इसलिए खरीदते हैं ताकि दीर्घकाल में उन्हें स्थायी प्रत्याय मिल सके और उनकी जोखिम न्यूनतम हो सके।
  • Positive cash flow -- धनात्मक नक़दी प्रवाह
किसी कंपनी अथवा उद्यम में, एक अवधि विशेष के दौरान नक़दी के बाहर जाने की अपेक्षा नक़दी का अंदर अधिक आना।
  • Precautionary motive -- पूर्वोपाय मंतव्य
एक तार्किक कारण जिसके अधीन प्रतिष्ठान और उपभोक्ता अपनी परिसंपत्ति का एक भाग रोकड़ के रूप में रखते हैं ताकि अप्रत्याशित माँगों की संतुष्टि सुगमता से और तत्क्षण हो सके। इस पद का प्रयोग व्यापारिक फर्म में रोकड़ प्रबंध के क्षेत्र में तथा अर्थशास्त्रियों द्वारा मौद्रिक विश्लेषण के क्षेत्र में किया जाता हैं।
  • Pre-emptive rights -- अग्रक्रयाधिकार
कंपनी विधान के अंतर्गत विद्यमान अंशधारियों को दिया गया एक पूर्वाधिकार जिसका प्रयोग वे कंपनी द्वारा जारी किए गए किसी भी नए शेयर निर्गमन पर कर सकते हैं। इस अधिकार के अधीन नए शेयरों को आनुपातिक रूप में सर्वप्रथम पुराने अंशधारियों को प्रस्तुत किया जाता है और अंशधारियों को यह स्वतंत्रता होती है कि वे ऐसे अधिकारों का प्रयोग करें अथवा परित्याग करें। प्रयोग अथवा परित्याग करने के पश्चात् जो शेयर बच जाते हैं वे सर्वसाधारण को आवेदन हेतु प्रदान कर दिए जाते हैं। अग्रक्रयाधिकार के अंतर्गत जारी किए गए शेयरों को अधिकार शेयर भी कहा जाता हैं।
  • Preventive maintenance -- निवारक अनुरक्षण
संपत्ति और उपकरणों को अच्छी मरम्मतशुदा हालत में रखना ताकि खर्चीली तथा बड़े पैमाने पर मजदूरों और प्रतिस्थापन की आवश्यकता कम से कम हो जाए। ऐसी रोकथाम के अंतर्गत सादा हाथ औज़ारों की सफाई और उनमें तेल डालने से लेकर कारखाने के उपकरणों के प्रचालन में व्यवधान को रोकने के लिए अपनाई गई प्रक्रियाएँ शामिल हैं।
  • Price discrimination -- क़ीमत विभेद
वस्तुओं और सेवाओं का क्रेताओं को ऐसी भिन्न-भिन्न क़ीमतों पर विक्रय करना जो लागत विभेदों पर आधारित नहीं होतीं। इसके अधीन ऐसे विक्रय भी सम्मिलित होंगे जहाँ माल की क़ीमत या लागतों में भारी भेद होने के बावजूद उन्हें एक समान बनाया जाता हैं।
  • Price-earning ratio (P/E ratio) -- क़ीमत-अर्जन अनुपात (पीoईoआरo)
किसी भी कंपनी के ईक्विटी अंश की वर्तमान बाज़ार क़ीमत को उसकी प्रति अंश आय से विभाजित करने पर उपलब्ध अनुपात। यह अनुपात निवेशकर्त्ताओं द्वारा संबंधित ईक्विटी अंशों के मूल्य मानदंड के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इस अनुपात का व्युत्क्रम अर्जन क़ीमत अनुपात कहलाता है और यह मोटे तौर पर एक ऐसी कंपनी की ईक्विटी पूंजी की लागत का माप प्रस्तुत करता है जो शून्य संवृद्धि पथ (वह कंपनी जो अपनी समूची आय को लाभांश के रूप में बाँट देती है) पर चल रही होती हैं।
  • Price leadership -- क़ीमत नेतृत्व
अपूर्ण प्रतियोगिता वाले बाज़ार में एक प्रधान फर्म क़ीमत परिवर्तन का ऐलान करती है जिसे प्रायः छोटी फर्में स्वीकार कर लेती हैं। इसके फलस्वरूप यह क़ीमत पूरे उद्योग की क़ीमत बन जाती है। इसके कारण अधिक लागत वाले प्रतिष्ठान भी जीवित बने रह जाते हैं और प्रतियोगिता का स्वरूप इस प्रकार बदल जाता है कि मूल क़ीमत तत्वों (जैसे लागतों) का कोई महत्व नहीं रह जाता।
  • Price pegging -- क़ीमत अधिकीलन
किसी प्रतिभूति, वस्तु अथवा मुद्रा आदि की क़ीमत को अधिकारिक रूप से स्थिर कर देना। इसके दो उपाय हैं। एक तो यह है कि सक्षम प्राधिकारी अपने आदेश से क़ीमत तय कर दे और उसमें किसी परिवर्तन की अनुमति न दे। दूसरे, एक क़ीमत की घोषणा कर दी जाए और खुले बाज़ार में जब भी उसमें घट-बढ़ हो तो सक्षम प्राधिकारी घोषित क़ीमत पर उसकी स्वयं खरीद-बेच आरंभ कर दे जिससे बाज़ार-भाव फिर उसी स्तर पर लौट आए।
  • Price variance -- क़ीमत प्रसरण
सामग्री और श्रम की मानक क़ीमतों तथा वास्तविक क़ीमतों में अंतर। यह मानक लागत-विश्लेषण के संदर्भ में प्रयुक्त किया जाता है।
  • Pricing methods -- क़ीमत निर्धारण विधियाँ
उत्पाद मूल्यों के निर्धारण हेतु अपनाए गए मूल्यन तत्वों के विभिन्न मिश्रण। इसकी प्रमुख विधियाँ ये हैं :-
1. full cost pricing संपूर्ण लागत क़ीमत निर्धारण
2. cost plus pricing लागतोपरि क़ीमत निर्धारण
3. marginal cost pricing सीमान्त लागत क़ीमत निर्धारण
  • Primary data -- प्राथमिक आँकड़े
अन्वेषण विषय को ध्यान में रखते हुए सीधे अन्वेषण-क्षेत्र से एकत्रित आँकड़े। स्पष्ट है कि ये आँकड़े पहली बार, विशिष्ट उद्देश्य से और अनुसंधानकर्त्ता या उसी उद्देश्य के लिए स्थापित संस्था द्वारा एकत्रित किए होते हैं। इसलिए प्राथमिक आँकड़े काफी विश्वसनीय होते हैं। इसके विपर्यास में गौण आँकड़े (secondary data) हैं।
  • Prime cost -- मूल लागत
यह किसी उत्पाद की वह लागत होती है जिसमें केवल कच्चे माल, इधन, बिजली, श्रम आदि पर आने वाले खर्च ही शामिल होते हैं। इसलिए यह उत्पादन की कुल मात्रा के घटने या बढ़ने के साथ-साथ घटती-बढ़ती रहती हैं।
  • Principle of action -- कार्य का सिद्धांत
यह सिद्धांत प्रबंध की इस मूलभूत आवश्यकता पर जोर देता है कि नियोजन, संगठन, स्टाफिंग, निदेशन और नियंत्रण आदि संक्रियाओं को जो प्रबंधक वर्ग समूचित ढंग से सम्हालने में अकुशल हो वह प्रभावी प्रबंध नहीं कर सकता हैं।
  • Principle of clarity -- स्पष्टता का सिद्धांत
वह सिद्धांत जिसके अनुसार संदेश की भाषा और रचना ऐसी हो जिससे संदेश ग्रहण करने वाला यथार्थ मन्तव्य समझ सके।
  • Principle of commitment -- वचनबद्धता सिद्धांत
वह सिद्धांत जिसके आधार पर वर्तमान निर्णय से उत्पन्न किसी दायित्व को समय पर पूर्ण करने लिए संगठन की योजना तैयार की जाती हैं।
  • Principle of continuing development -- सतत् विकास का सिद्धांत
इस सिद्धांत के अनुसार जो भी प्रतिष्ठान प्रबंधकीय क्षमता के प्रति जितना अधिक प्रतिबद्ध होता है, उसे निरंतर आत्म-विकास करने की उतनी ही अधिक आवश्यकता होगी।
  • Principle of contribution to objectives -- उद्देश्यों में योगदान का सिद्धांत
इस सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक योजना और उसकी व्युत्पन्न योजनाओं का अभीष्ट, प्रतिष्ठान के उद्देश्यों की प्राप्ति में योग देना हैं।
  • Principle of parity of authority and responsibility -- प्राधिकार तथा उत्तरदायित्व समता सिद्धांत
प्रबंध का एक प्रमुख सिद्धांत जिसके अनुसार कार्यों का उत्तरदायित्व, प्रत्यायोजित प्राधिकार से न अधिक हो सकता है और न ही कम होना चाहिए। विपरीत स्थिति उत्पन्न हो जाने पर इस सिद्धांत की सहायता से संबंधित व्यक्ति पर स्पष्ट दायित्व निर्धारण किया जा सकता हैं।
  • Principle of motion economy -- गति मिताचरण के सिद्धांत
प्रत्येक कारखाना यह चाहेगा कि उसके कार्मिक अपने काम का इस प्रकार आयोजन करें कि कम से कम थकावट और ऊर्जा व्यय के साथ इच्छित उत्पादन प्राप्त हो जाए। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए गति मिताचरण के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया है। इन सिद्धांतों का संबंध काम के विन्यास, हाथ और शरीर के प्रयोग, औजारों और उपस्करों से होता है। इन सिद्धांतों में एक सिद्धांत यह है कि दोनों हाथ अपनी गति को एक समय में साथ-साथ प्रारंभ करें और साथ-साथ समाप्त करें। एक अन्य सिद्धांत ये है कि सभी औजारों और कच्चे मालों के लिए एक निश्चित और सुविधाजनक स्थान होना चाहिए। एक तीसरा सिद्धांत यह प्रतिपादित करता है कि हाथों को ऐसे सब काम से मुक्त कर देना चाहिए जो एक अधिक कारगार ढंग में किसी जिग, जुड़नार अथवा अन्य किसी पद-चालित विधि से किया जा सकता हो।
  • Private company -- निजी कंपनी, प्राइवेट कंपनी
कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 3 के अनुसार ‘निजी कंपनी’ का आशय ऐसा कंपनी से है जिसने अपने अंतर्नियमों द्वारा
(1) अपने शेयरों के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाया हुआ है ;
(2) जिसके सदस्यों की संख्या 50 से अधिक नहीं हो सकती (इसमें वे सदस्य शामिल नहीं हैं जो कंपनी के भूतपूर्व या वर्तमान कर्मचारी हैं) ; तथा
(3) जो अपने शेयरों और डिबेंचरों को खरीदने के लिए जनता को आमंत्रित नहीं करती।
  • Private enterprise -- निजी उद्यम
वे व्यापारिक तथा सेवा संबंधी उपक्रम जिनका संपूर्ण या अधिकांश स्वामित्व निजी पूंजीपतियों के हाथ में हो, निजी उद्यम कहलाते हैं। ऐसे उद्यमों की मूल आर्थिक प्रेरणा व्यक्तिगत लाभार्जन होती हैं। किसी भी समाज या देश की लोक नीति के अंतर्गत इनकी न्यूनाधिक मात्रा में स्थापना की व्यवस्था होती है। ऐसे उद्यम अनेक प्रकार के स्वामित्व ढाँचों को लेकर निर्मित किए जाते हैं। जैसे एकाकी व्यापारी, साझेदारी, संयुक्त पूंजी कंपनी, सहकारी समिति तथा संयुक्त हिन्दू परिवार। प्रायः ऐसे उद्यमों पर सरकारी नियमन एवं नियंत्रण हुआ करता है ताकि लोकनीति के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके।
  • Private limited company -- निजी सीमित कंपनी
कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 3(1) (iii) के अनुसार “निजी कंपनी” से आशय ऐसी कंपनी से है जिसने अपने अंतर्नियमों द्वारा
(1) अपने शेयरों के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाया हुआ है ;
(2) जिसके सदस्यों की संख्या 50 से अधिक नहीं हो सकती (इसमें वे सदस्य शामिल नहीं हैं जो कंपनी के भूतपूर्व या वर्तमान कर्मचारी हैं ) ; तथा
(3) जो अपने शेयरों और डिबेंचरों को खरीदने के लिए जनता को आमंत्रित नहीं कर सकती।
प्रत्येक निजी कंपनी के नाम के अंत में ‘प्राइवेट लिमिटेड’ शब्दों का प्रयोग अनिवार्य हैं।
  • Private placement of securities -- प्रतिभूतियों की संस्थागत बिक्री
प्रतिभूतियों के नए निर्गमन की संस्थागत विनियोजनों को प्रत्यक्ष बिक्री। जैसे जीवन बीमा कंपनियाँ, बैंक तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं को प्रत्यक्ष बिक्री।
  • Probability theory -- प्रायिकता सिद्धांत
गणितीय सिद्धांत से संबंधित सामान्य पद जिससे अनुमान लगाया जाता है कि किसी विशेष घटना वा घटनाओं की श्रृंखला के घटित होने की क्या संभावना होगी। यह अनुमान और भावी कथन, भूतपूर्व अनुभव और उपलब्ध सामग्री पर आधारित होते हैं। प्रायिकता सिद्धांत व्यवसाय और अनेक आर्थिक क्षेत्रों में प्रयोग में लाया जाता हैं। जहाँ अनिश्चितता के तत्व विद्यमान होते हैं, वहाँ यह जानने की कोशिश करना कि ‘एक्स’ उत्पादन का कितनी ‘वाई’ उपज ‘जेड’ क़ीमत पर अगले वर्ष बेची जा सकती हैं।
  • Process costing -- प्रक्रिया लागत प्रणाली
यह वह लागत प्रणाली है जिसके अंतर्गत प्रत्येक प्रक्रिया की अलग-अलग लागत निकाली जाती है और तत्पश्चात् प्रति इकाई लागत के लिए उस विशिष्ट प्रक्रिया की कुल लागत को कुल उत्पादन की इकाइयों से भाग दिया जाता है। ये प्रक्रियाएँ एक के बाद दूसरी के क्रम में जब समाप्त होती हैं तब सभी प्रक्रियाओं की लागत अंतिम प्रक्रिया की लागत में प्रदर्शित होती है। पूर्व प्रक्रिया का तैयार माल बाद वाली प्रक्रिया का कच्चा माल बन जाता है। अतः इस प्रणाली का प्रधानतः वहाँ प्रयोग किया जाता है जहाँ प्रायः सतत् परिचालन से माल तैयार किया जाता है। जैसे कागज़ मिल, कपड़ा मिल, रसायन-कारखाने। यह कार्य लागत प्रणाली से भिन्न है।
  • Produce exchange -- वस्तु विपणी, मंडी
एक संगठित बाज़ार जहाँ व्यापारी किसी निश्चित माल के क्रय-विक्रय की संविदाएँ करते हैं। ये संविदाएँ माल की तत्काल या भाव सुपुर्दगी के संबंध में होती हैं। इनमें माल की क़ीमत, गुणवता और सुपुर्दगी की शर्तों आदि का उल्लेख किया जाता हैं। वस्तु विपणी की विशेषता यह है कि माल को प्रत्यक्ष रूप से विक्रय केन्द्र में नहीं रखा जाता।
  • Product development -- उत्पाद विकास
किसी फर्म द्वारा अपने वर्तमान बाज़ारों में नए तथा-सुधरे हुए उत्पादों का विकास कर विक्रय बढ़ाने का प्रयास। यह निम्न प्रकार से संभव है:–
(1) वर्तमान पदार्थों की विशेषताओं को समायोजित, संशोधित, प्रतिस्थापित, पुनर्व्यवस्थित, समेकित, विस्तृत करके विशेषताओं अथवा वस्तु के स्वरूप का विकास ;
(2) उत्पाद के विभिन्न गुण-भेदों का सृजन ; तथा
(3) वस्तुओं के नए मॉडलों एवं आकारों का विकास।
  • Product differentiation -- उत्पाद-विभेदन
एक ही प्रकार की वस्तुओं के बीच वास्तविक या काल्पनिक भेद का सर्जन। ऐसा प्रायः पैकिंग, डिब्बाबंदी, ब्रांड विभेद, किस्म विभेद, डिजाइन विभेद आदि विधियों को अपनाकर किया जाता है। उपभोक्ता-वस्तुओं के संबंध में यह अधिकतर देखने में आता है। अपनी वस्तु का एक निश्चित बाज़ार बनाने के लिए उत्पादक ऐसा करते हैं।
  • Product expansion matrix -- उत्पाद विस्तारमेट्रिक्स
देo market expansion matrix.
  • Product flow process chart -- उत्पाद प्रवाह प्रक्रिया चित्र
किसी भी उत्पाद को एक क्रमिक विनिर्माण प्रक्रिया से गुजरना होता है और रूपांतर के साथ माल एक प्रवाह के रूप में एक अवस्था से दूसरी अवस्था की ओर बढ़ता चला जाता है। उत्पाद की इस यात्रा में विभिन्न अवस्थाओं में प्रयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं को एक क्रमिक प्रवाह के रूप में दर्शाने वाले चित्र को सक्रिया प्रवाह चित्र कहते हैं। इस चित्र में जब यातायात और भंडारण की क्रियाएँ भी जोड़ दी जाती हैं तो चित्र का जो रूप उभर कर जाता है उसे उत्पाद प्रवाह प्रक्रिया चित्र कहते हैं। इस प्रकार संक्रिया प्रवाह चित्र केवल उत्पादन संबंधी क्रियाओं का दिग्दर्शन कराता है, उत्पाद प्रवाह प्रक्रिया चित्र में गैर-उत्पादक क्रियाओं का भी समावेश होता हैं।
  • Production capacity -- उत्पादन क्षमता
उपलब्ध संयंत्र, उपकरण, मशीनरी तथा कार्मिकों से संभावित उत्पादन, अर्थात् देय स्तर पर किसी संयंत्र की उत्पादन क्षमता। इस पद का प्रयोग लेखाकरण और औद्योगिक क्षेत्र में किया जाता हैं।
  • Production control -- उत्पादन नियंत्रण
व्यवसाय और उद्योगों से प्रयुक्त मशीनें, सामग्री तथा श्रमिकों की न्यूनतम निविष्टि से अधिकतम उत्पादन करने की नियोजित प्रक्रिया।
  • Production inventory system dynamics -- उत्पादन-मालसूची तंत्र गतिकी
उपभोक्ता माँग में होने वाले परिवर्तन विनिर्माता तक पहुँचने में समय लेते है और इन विलंबों के कारण फर्म को दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता है। उत्पादन-मालसूची तंत्र गतिकी ऐसे विलंबों और उत्पादन में किए जाने वाले संशोधनों में समुचित तालमेल बैठाने का एक रूप होता है। उदाहरण के लिए यदि माँग में दस प्रतिशत कमी हो जाए तो कमी की यह सूचना वितरकों तक उसी समय पहुँचेगी जब फुटकर व्यापारी अपने आदेशों में कमी कर देंगे। इसके पश्चात् वितरक कारखाने को दिए गए अपने आदेशों में उतनी ही कमी करेंगे और कारखाने के गोदाम में उक्त सूचना आते-जाते और फैक्टरी तक जाते-जाते कुछ समय लगेगा। मान लीजिए कि फुटकर व्यापारी उपभोक्ताओं की खरीद के आधार पर माँग का पहला पुनर्मूल्यांकन दस दिन में करते हैं, वितरकों तक उनके आदेश पहुँचते-पहुँचते दस दिन लेते हैं, वितरकों के आदेश कंपनी के गोदाम तक पहुँचने में दस दिन का अतिरिक्त विलंब करते हैं, और गोदाम इस सूचना का संवाहन करने में पाँच दिन का समय लगाता है तो उपभोक्ता माँग घटने की सूचना कुल मिला कर 35 दिन के विलंब से कारखाने में पहुँच पाएगी। परन्तु इन 35 दिनों में सूचना के अभाव में कारखाने में उत्पादन पूर्ववत् जारी रहेगा। इसका परिणाम यह होगा कि चालू उत्पादन अभीष्ट उत्पाद का 1.00 = 1.11 अर्थात् प्रतिदिन
———-
0.9
11 प्रतिशत अधिक होगा। ऐसी परिस्थिति में इस विलंब तिथि पर कारखाना उत्पादन को केवल 10 प्रतिशत काटे बिना ही चलाता रहेगा, जबकि उपभोक्ता माँग कम हुई है तो उसके समक्ष अति उत्पादन की समस्या निरंतर बनी रहेगी। इस प्रकार फर्म उत्पादन-मालसूची तंत्र गतिकी की सहायता लेकर उत्पादन और माँग के उतार चढ़ावों के बीच अभीष्ट संतुलन बनाए रख सकती है।
  • Production management -- उत्पादन प्रबंध
सामान्य प्रबंध की वह प्रशाखा जिसके अधीन मशीनों, जनशक्ति, कार्यशाला, कच्चा माल तथा विनिर्मित पदार्थों के प्रवाह का नियमन व नियंत्रण सम्मिलित होता है। इसके अधीन विशेषतः कारखाना विन्यास, पथ-निर्धारण, समय-सारणीयन, प्रेषण तथा अनुवर्तन को सम्मिलित किया जाता है। इसे उत्पादन योजना व नियंत्रण के नाम से भी जाना जाता है।
  • Productivity of capital -- पूंजी की उत्पादिता
पूंजी निवेश और उससे अर्जित उत्पाद के परस्पर अनुपात को पूंजी की उत्पादिता कहा जाता है। इस अनुपात के दोनों घटकों (अर्थात् अंश और हर) को द्रव्य रूप में अथवा भौतिक रूप में मापा जा सकता है। भौतिक रूप में मापन भी द्रव्य की इकाइयों के आधार पर ही होता है क्योंकि माप की इकाइयाँ भिन्न-भिन्न होती हैं, परन्तु अनुपात द्वारा लक्षित उत्पादिता को प्रभावित करने वाले कारण जैसे प्रौद्योगिकी, संगठन, प्रबंध कौशल तथा उत्पादन प्रक्रिया आदि का विश्लेषण भौतिक रूप में किया जाएगा। उत्पादिता का यह रूप आर्थिक विश्लेषण में प्रयुक्त किया जाता है। पंजी उत्पादिता का दूसरा स्वरूप वित्तीय विश्लेषण के क्षेत्र में किया जाता है। इस रूप में यह वित्तीय पूंजी निवेश तथा उससे उपार्जित निवल वित्तीय आय के मध्य अनुपात होता है। इसे निवेश प्रत्याय के रूप में भी व्यक्त किया जाता है। विस्तार के लिए देखिए return on investment (ROI).
  • Productivity of labour -- श्रम-उत्पादिता
पूंजी उत्पादिता की भाँति यह एक आगत-निर्गत अनुपात है। इसका मापन अनेक प्रकार से किया जाता है जिनमें से प्रमुख रूप ये हैं :-
(1) उत्पादन प्रति श्रम घंटा = कुल उत्पादन
————-
कुल श्रम घंटे
(2) प्रति उत्पादन इकाई में प्रयुक्त श्रम घंटे = कुल श्रम घंटे
————-
कुल उत्पादन
मापन की इस विधि का विशेष लाभ यह है कि यदि विभिन्न प्रकार के उत्पादनों को एक समान मापन की इकाई में व्यक्त किया जा सके तो इस अनुपात की सहायता से समग्र उत्पादिता मापी जा सकती है।
(3) प्रति इकाई श्रम लागत द्वारा परिवर्धित मूल्य =
उत्पादन का मूल्य -श्रम को छोड़कर शेष बाहर से खरीदे गए आगत
———————————————————————-
कुल श्रम लागत
  • Product life cycle -- उत्पाद जीवन-काल
बाज़ार द्वारा वस्तुओं को स्वीकार किए जाने की छह अवस्थाएँ जिनमें अग्र-गमन, संवृद्धि, परिपक्वता, संतृप्ति, ह्रास और परित्याग सम्मिलित हैं। किसी भी वस्तु के विक्रय परिमाण का प्रायः एक व्यापक रूप उभर कर आता है जिसके पीछे प्रतियोगिता तथा नए और उत्कृष्ट पदार्थों की बाज़ार में प्रवेश जैसी शक्तियाँ निहित होती हैं।
  • Product market expansion matrix -- उत्पाद बाज़ार विस्तार मट्रिक्स
देo Intensive growth matrix.
  • Product-market grid -- उत्पाद-बाज़ार ग्रिड
उत्पाद-बाज़ार ग्रिड एक ऐसी विधि है जिसको सहायता से विखंडन एक लाभकारी ढंग से किया जाता है। इसे कालम पंक्ति के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। ग्राहक आवश्यकताओं को दर्शाने वाले विभिन्न पदार्थों को पंक्तियों में तथा बाज़ार विखंडों (अर्थात् ग्राहक वर्गों) को कालमबद्ध किया जाता है। उदाहरण के लिए एक टायर बनाने वाली कंपनी अपना उत्पाद-बाज़ार ग्रिड इस प्रकार बना सकती हैं :-
बाज़ार
(ग्राहक समूह)
—————————————————-
स्कूटर निर्माता कार निर्माता वायुयान निर्माता
—————————————————-
उत्पाद
(ग्राहक आवश्यकताएँ)
लघु आकार
का टायर —————————————————-
मध्यम आकार
का टायर ………….. …………….
………….. …………….
—————————————————–
विशाल आकार
का टायर —————————————————–
उपरोक्त ग्रिड में बिंदुकित वर्ग एक कंपनी की विपणन शक्ति का दो चरों (अर्थात् पदार्थ एवं बाज़ार) के आधार पर बोध कराता है। यह कंपनी मध्यम आकार के टायर स्कूटर निर्माताओं को बेचने में विशेष पटुता रखती है। इस प्रकार वह अपने लक्षित बाज़ार तक पहुँच जाती है और साथ ही प्रतियोगियों की स्थिति को भी ग्रिड पर उतार कर प्रतियोगिता के ढाँचे का मूल्यांकन कर सकती हैं।
  • Product mix -- उत्पाद मिश्रण
किसी फर्म द्वारा विनिर्मित विभिन्न पदार्थों के मिश्रण। ये पदार्थ मिश्र संबद्ध और असंबंद्ध दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं। असंबद्ध पदार्थ मिश्रणों में रसायनिक खाद और इंजीनियरिंग सामान जैसे विषम पदार्थों का समावेश हो सकता है।
  • Product positioning -- उत्पाद स्थितीयन
उत्पाद स्थितीयन विपणनकर्ताओं द्वारा किया गया वह प्रयत्न है जिसकी सहायता से वे लक्षित बाज़ारों में अपने उत्पादों को प्रतियोगी के उत्पादों के मुकाबले में अधिक श्रेष्ठ जताकर उपभोक्ताओं से स्वीकृत कराते हैं। प्रतियोगी पदार्थों की अपेक्षा स्थितीयन करने वाली फर्म के उत्पाद या तो इस अर्थ में उत्कृष्ट हो सकते हैं कि वे किसी विशिष्ट माँग को पूरा करने का अधिक उत्तम माध्यम प्रस्तुत करते हैं अथवा इस अर्थ में उत्कृष्ट हो सकते हैं कि उनकी अपनी स्वयं की विशेषताएँ प्रतियोगी ब्रांडों की विशेषताओं से उत्तम होती हैं।
  • profit centre -- लाभ केंद्र
किसी भी फर्म का एक विभाग, प्रभाग या किसी अन्य प्रकार से परिभाषित परिचालन इकाई जिसे लाभ कमाने की दृष्टि से एक स्वतंत्र और पृथक् इकाई माना जाए। ऐसी इकाइयों के लिए शीर्ष प्रबंध द्वारा प्रायः लाभ-लक्ष्य पूर्व निर्धारित कर दिए जाते हैं। लाभ केंद्र छोटा या बड़ा हो सकता है और उसका मैनेजर सर्वोच्च प्रबंधकों द्वारा निर्धारित लाभ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तरदायी होता हैं।
  • profit margin -- पड़ता
इसकी गणना निवल विक्रय आय में से बिक्रीत वस्तुओं की कुल गणता घटाकर की जाती है। इस रूप में इसे सकल पड़ता कहा जा सकता है। निवल विक्रय आय में से सभी व्ययों के घटाने के पश्चात् जो राशि बचती है उसे निवल पड़ता कहा जाता है। निवल विक्रय आय में से केवल परिवर्तनशील लागतें घटाने पर जो शेष बचता है उसे योगदान पड़ता (contribution margin) के रूप में जाना जाता हैं।
  • Profit sharing -- लाभ-सहभाजन
वे योजनाएँ जिनके अधीन फर्म के लाभ का एक भाग कर्मचारियों के वितरित किया जाता है। ऐसी योजनाओं का उद्देश्य उत्पादिता वृद्धि के लिए कर्मचारियों को अभिप्रेरित करना होता है और इनका प्रबंध-कर्मचारी संबंधों पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
  • Programme evaluation and review technique (PERT) -- कार्यक्रम मूल्यांकन और पुनर्विलोकन तकनीक (पर्ट)
देo PERT.
  • Promoter contribution -- प्रवर्तक-अंशदान
एक संयुक्त पूंजी वाली कंपनी की कल्पना व उसका निर्माण करने वाला व्यक्ति प्रवर्तक कहलाता है। ऐसे प्रवर्तक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों द्वारा कंपनी में किया गया वित्तीय विनियोग उनका अंशदान कहलाता हैं। ऐसी कंपनी प्रायः जनता से धनराशि एकत्र करती है और उसके पूंजी कलेवर में वित्तीय संस्थाओं के दीर्घकालीन ऋण भी सम्मिलित होते हैं। निवेश करने वाली जनता और ऋणदाता वित्तीय संस्थाएँ अपेक्षा करती हैं कि प्रवर्तक का भी धन उसके उपक्रम में निविष्ट हो ताकि उपक्रम की सफलता में उसका दाब बना रहे। वित्तीय संस्थाएँ तो प्रायः ऐसे दाब को अपने द्वारा दिए गए ऋणों की एक आवश्यक शर्त के रूप में निर्धारित करती हैं।
  • Protecting market leadership -- बाजार नायक सुरक्षा
किसी नई और तेज़ी से उभरती हुई फर्म के कारण विद्यमान अग्रणी फर्म की स्थिति को पैदा होने वाले खतरे तथा उसके बाज़ार अंश में होने वाली संभाव्य गिरावट को सुरक्षित करने का प्रयास। ऐसे प्रयासों में अनेक कार्यनीतियों को सम्मिलित किया जा सकता है। इनका प्रमुख आधार चालाकी और चतुराई, हिंसा की कूटनीति, भीषण प्रतिशोध, सीमित संघर्ष तथा धमकी प्रणालियाँ हो सकते हैं। मोटे तौर पर ये कार्यनीतियाँ नव-प्रवर्तन, क़िलाबंदी, आमने-सामने मुकाबला करने तथा सताने से संबंधित होती हैं।
देo innovation strategy, fortification strategy, confrontation strategy.
  • Psychographic segmentation -- मनोवृत्तिपरक खंडीकरण
यह बाज़ार के विखंडीकरण की ऐसी रणनीति है जिसके अनुसार किसी भावनात्मक अपील पर एक जैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले या एक जैसे व्यवहार प्रतिमान रखने वाल सभी ग्राहकों को एक समजातीय खंड में रख दिया जाता है।
  • Public company -- सार्वजनिक कंपनी
सार्वजनिक कंपनी’ से आशय ऐसी कंपनी से है जो निजी कंपनी नहीं है और जिसके अंतर्नियमों के अनुसार उसकी सदस्यता जनता के लिए खुली है। सदस्यों की संख्या सात और अधिक से अधिक चाहे जितनी हो सकती है। सार्वजनिक कंपनी विवरण पत्रिका जारी करके जनता को अपने शेयर और डिबेंचर लेने के लिए आमंत्रित कर सकती हैं।
तुलo देo private company.
  • Public enterprise -- सरकारी उद्यम, लोक उद्यम
राज्य अथवा सरकारी, अर्धसरकारी या स्वशासी निकायों के स्वामित्व वाले उद्यम। सामायतः इसमें वे उद्योग भी शामिल किए जाते हैं जिनमें निजी पूंजी भी लगी हो, लेकिन सरकार की अंशपूंजी कुल अंशपूंजी की 50 प्रतिशत से अधिक हो।
  • Public relations -- जन-संपर्क
व्यापारिक फर्में विभिन्न हित-वर्गों जैसे-ग्राहक, माल विक्रेता, प्रतियोगी, कर्मचारी, पूंजीदाता, ऋणदाता, स्थानीय जन समुदाय तथा सरकार आदि को अपने बारे में अधिकाधिक जानकारी प्रदान करना चाहती हैं ताकि ऐसे हित वर्गों का संबंधित कंपनी में विश्वास बढ़ता रहे। जानकारी और विश्वास जागृति के इन उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए जिन नीतियों का कार्यान्वयन किया जाए उन्हें जन-संपर्क कार्यक्रम के अधीन सम्मिलित किया जाता हैं।
  • Purchasing power -- क्रय-शक्ति
द्रव्य द्वारा वस्तुओं तथा सेवाओं की खरीद पाने की क्षमता। द्रव्य अपने धारक की क्रय शक्ति प्रदान करता हैं, परन्तु वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों में परिवर्तनों के साथ इस शक्ति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। ऐसे उतार-चढ़ाव का मापन प्रायः अनेक वस्तुओं और सेवाओं के सम्मिलित मूल्य सूचकांक के संदर्भ में किया जाता है। यह मूल्य सूचकांक सामान्य मूल्य स्तर के रूप में जाना जाता है। जब मूल्य चढ़ते हैं तो धन की क्रय शक्ति घटती है और यह विलोम संबंध सामान्य मूल्य स्तर और धन की क्रय शक्ति के मध्य बराबर बना रहता है। क्रय-शक्ति के इन उतार-चढ़ावों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सरकारें अपनी मूल्य नीतियाँ, मुद्रा नीतियाँ तथा विनिमय-दर नीतियाँ निर्धारित है।
  • Put and call option -- मंदी व तेजी विकल्प
इसके अधीन एक निर्दिष्ट मूल्य पर किसी शेयर की एक निश्चित मात्रा खरीदने या बेचने का विकल्प प्राप्त किया जाता है। ऐसे विकल्प तेज़ी और मंदी दो प्रकार के हो सकते हैं। मंदी विकल्प के अनुसार जिस व्यक्ति द्वारा यह विकल्प खरीदा जाता हैं वह अंश के मूल्य में गिरावट की आशा करता है और इसलिए वह ऐसे अंशों को आज के चढ़े हुए मूल्यों पर भविष्य में बेचने का विकल्प प्राप्त करना चाहता हैं। मंदी विकल्प धारक को अंशों के बेचने का अधिकार प्रदान करता है, वह विकल्प संविदा के विक्रेता को ऐसे अंशों को खरीदने के लिए बाध्य करता है। यदि अंशों के मूल्य भविष्य में आशा के अनुसार न गिरे तो विकल्प संविदा के खरीदार को यह अधिकार रहेगा कि वह मंदी के विकल्प का प्रयोग न करे।
तेज़ी विकल्प मंदी विकल्प का ठीक विलोम होता हैं और इसके अधीन भावी मूल्य में बढ़ोत्तरी की आशा करते हुए विकल्पधारी निहित अंशों को आज के मूल्य पर (जो कम होते हैं ) खरीदने का विकल्प प्राप्त करता है। आशा फलित होने पर विकल्पधारी अंशों को खरीद लेता है और आशानुकूल मूल्य वृद्धि न होने पर विकल्प का प्रयोग नहीं करता है।
  • Pyramiding -- पिरामिडीकरण
संबद्ध इकाइयों तथा व्यापारिक व्यवहारों की श्रृंखलाओं का एक तलबद्ध रूप में फैलाव पिरामिडीकरण कहा जा सकता हैं। यह फैलाव ऊर्ध्वगामी अथवा अधोगामी हो सकता है। वित्त और व्यापार के क्षेत्र में इस अवधारणा का प्रकार से प्रयोग किया जाता है। इसके कुछ स्वरूप निम्न हैं :-
(1) निवेश औत पिरामिडीकरण investment and pyramiding.
(2) नियंत्रण-सहायक कंपनी पिरामिडीकरण holding-subsidiary pyramiding.
(3) संगठन पिरामिडीकरण organisation pyramiding.
  • Quality circle -- गुणता चक्र
उत्पादों की गुणवत्ता आज के उपभोक्ता संरक्षण आंदोलनों के मध्य एक क्रांतीक महत्व का घटक बन गया है। बड़ी-बड़ी फर्में इसके निमित्त कंप्यूटर और स्वचालित प्रणालियों की भी स्थापना करती हैं। ऐसे सभी प्रयास गुणता नियंत्रण में मानव की भूमिका की अपेक्षा करते हैं। इधर कुछ वर्षों से मानव भूमिका पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा है और इसी पृष्ठभूमि में गुणता चक्र आंदोलन का जन्म हुआ है। इसकी प्रमुख प्रेरणा यह है कि किसी कारखाने या कारखानों के समूह के कार्यकारी और प्रबंधक एक साथ मिल बैठकर सामूहिक रूप में नए-नए विचारों का संचार करें जो अन्य बातों के साथ उत्पाद और उसकी गुणता से संबंध रखते हों। फर्म के स्तर पर जब ऐसे नए विचारों को स्वीकृत किया जाता है तो पारितोषिकों और प्रोत्साहनों की व्यवस्था भी की जाती है। धीरे-धीरे प्रारंभ होने वाला यह आंदोलन आज उस ऊँचाई पर पहुँच गया है कि अब इसका उद्देश्य केवल उत्पाद की गुणवत्ता में सिमट कर नहीं रह गया है बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर जोर डालना भी हो गया ताकि किसी भी गुणता चक्र के सदस्य एक टीम-भावना से अपने जीवन का संचालन करें और उसे कारखाने के वातावरण में भी ले आएँ।
  • Quality control -- कोटि-नियंत्रण, गुणता-नियंत्रण
पूर्व-निर्धारित मानकों के आधार पर सांख्यिकीय तकनीकों एवं व्यवस्थित नमूना चयन की सहायता से वस्तु की गुणवत्ता को क़ायम रखने के उपाय।
  • Quick assets ratio -- तत्काल परिसंपत्ति अनुपात
तत्काल परिसंपत्ति या तरल परिसंपत्ति का चालू देयता से अनुपात। तत्काल परिसंपत्ति में उन्हीं संपत्तियों को जोड़ा जाता है जो या तो नक़द रूप में हों या जिनका नक़दी में सरलता से परिवर्तन हो सकता हो। इसे साख निर्धारण अनुपात भी कहा जाता हैं।
देo current ratio.
  • Rateable value -- कर-निर्धार्य मूल्य, करयोग्य मूल्य
स्थानीय शुल्क अथवा कर का निर्धारण करने के लिए संपत्ति आदि का कूता गया मूल्य। इसका आधार मकान, फैक्टरी अथवा दुकान से मिल सकने वाला किराया होता हैं।
  • Rated capacity -- निर्धारित क्षमता
विशेषज्ञों के द्वारा संयंत्र एवं मशीन की पूर्व निर्धारित उत्पादन क्षणता। ऐसी क्षमता परिचालन समय की क्षति और अन्य अवरोधों के न होने पर प्राप्त होती हैं।
  • Recession -- मंदी
अर्थव्यवस्था की एक अधोमुखी प्रवृत्ति जिसके प्रकट होने पर समस्त आर्थिक क्रियाओं में भारी और व्यापक कमी आ जाती है। कुछ अर्थशास्री मंदी को परिभाषित करने के लिए कतिपय मापदंड, यथा मंदी की अवधि, गहनता और प्रसार को निर्धारित करते हैं। ऐसे मापदंडों के उदाहरण निम्नलिखित हैं :-
(1) कृषि क्षेत्र के अलावा अन्य सभी क्षेत्रों में पिछले नौ या अधिक महीनों में आई कमी से उत्पन्न आर्थिक गिरावट।
(2) कम से कम विगत छह माह की अवधि में सकल राष्ट्रीय उत्पाद में हुई 1.5 प्रतिशत की न्यूनतम गिरावट और बेरोज़गारी की दर में 2 बिंदुओं से अधिक की वृद्धि।
(3) कम से कम 75 प्रतिशत औद्योगिक प्रतिष्ठानों में ऐसी रोज़गार की गिरावट जो कम से कम छह माह तक बनी रहे।
  • Regulation of business -- व्यवसाय नियमन
सभी व्यवसायों पर केंद्रीय तथा राज्य सरकारों का कुछ सीमा तक नियमन होता है। यह नियमन विभिन्न क़ानूनों के अधीन होता है जैसे औद्योगिक विकास एवं नियमव, अधिनियम, आदि। इन नियमों के प्रायः निम्न उद्देश्य होते हैं :-
(1) व्यक्ति या समूह के विशिष्ट कार्यों से होने वाली लोकहित की हानि को रोकना।
(2) व्यक्ति या फर्म द्वारा एक दूसरे के विरूद्ध किए गए कार्यों या उनके संयोग द्वारा किए गए लोक विरूद्ध कार्यों के दुष्परिणामों को समाप्त करना।
(3) नियोक्ता और कर्मचारियों के मध्य मतभेद से उत्पन्न दुष्परिणामों को रोकना।
  • Remarketing -- पुनर्विपणन
यह एक सुविदित तथ्य है कि सभी पदार्थों, सेवाओं, क्रियाओं और संगठनों आदि की माँग अंततः गिरती है। गिरावट की इस अवस्था को उस समय पहचाना जाता है जब आज की माँग बीते हुए कल की अपेक्षा कम हो और भविष्य में उसके लगातार इसी प्रकार गिरने की आशंका हो। इस गिरावट को रोकना परमावश्यक होता है और फर्म इस दिशा में अनेक उपाय करती है जैसे अपने लक्षित बाज़ार की पुनर्परिभाषा, प्रस्ताव की शर्तों में परिवर्तन, विपणन प्रयास का पुनरावर्तन आदि। पुनर्विपणन ऐसे ही प्यासों में एक है जिसके द्वारा माँग को पुनर्जीवित किया जाता है। इसके अधीन ऐसी नई प्रस्थापनाओं की खोज़ की जाती है जो फर्म द्वारा प्रदत्त विक्रय शर्तों को संभावित बाज़ारों की अपेक्षाओं के अधिक से अधिक निकट ले आए।
  • reorder point -- पुनःआदेश बिंदु
यह माल नियंत्रण के संदर्भ में प्रयोग में आता है। जब माल की सप्लाई इस बिंदु तक आ जाती है तो भंडारी को माल की नई खरीद की दिशा में पहल शुरू कर देनी चाहिए। यह बिंदु प्रायः माल के न्यूनतम और अधिकतम तलों के बीच में आता है और प्रायः न्यूनतम और इस बिंदु के तलों के बीच की माल की मात्रा उतनी भर होती है कि व्यापारिक क्रियाएँ तब तक चलती रहें जब तक कि नए माल की पूर्ति आनी प्रारंभ नहीं हो जाती। इस बिंदु का निर्धारण निम्न सूत्रों के द्वारा परिमाणात्मक रूप में भी किया जा सकता हैं :-
(1) पुनःआदेश स्तर या बिन्दु = न्यूनतम स्तर+नई पूर्ति की प्राप्ति के समय तक होने वाले माल की खपत, या
(2) ” ” =माल की अधिकतम खपत x अधिकतम पुनरादेश अवधि.
  • Replacement cost -- प्रतिस्थापन लागत
किसी भी परिसंपत्ति का चालू बाज़ार मूल्य जिस पर उसका प्रतिस्थापन किया जा सके। आधुनिक लागत के आधार पर गणना का प्रयास किया जाता है ताकि फर्म की परिसंपत्तियों और माल सूची को चालू बाज़ार मूल्य से प्रतिस्थापित करने का अनुमान प्राप्त हो सके।
  • Repositioning -- पुनर्स्थितीयन
अपने बाज़ार के संशोधन प्रयासों में किसी फर्म का उत्पाद प्रबंधक अपने उत्पाद के लिए नए ग्राहक ढूँढ निकालने के अवसरों की टोह में रहता है। प्रायः वह अपने ब्राँड का पुनर्स्थितीयन इसलिए करना चाहता है ताकि समूचे उद्योग के विक्रय को प्रभावित किए बिना उसके ब्राँड की बिक्री बढ़ जाए। उदाहरण के लिए एक पेय चाकलेट का निर्माता जो वृद्धजनों को अपने उत्पादन का एक भारी भाग बेचता है वह इस बात पर गंभीरता से विचार करेगा कि वह अपने चाकलेट की ब्राँड को युवा व्यक्तियों के समक्ष रखे क्योंकि युवजन बाज़ार खंड बहुत तेज़ी से विकसित हो रहा है। ऐसे सभी प्रयास पुनर्स्थितीयन कहलाते हैं।
  • Resale price maintenance -- पुनर्विक्रय क़ीमत अनुरक्षण
निर्माताओं द्वारा पूर्व निर्धारित बंधन जिसके अनुसार किसी भी वस्तु या सेवा का उपभोक्ताओं को पुनर्विक्रय एक पूर्व निर्धारित मूल्य से कम में नहीं किया जाएगा।
  • Research and development -- अनुसंधान और विकास
बुनियादी और व्यावहारिक शोध जिसके द्वारा वस्तु के उत्पादन के तरीकों में नई खोज, आविष्कार, डिज़ाइन या नई प्रक्रिया का विकास किया जा सके। यह कार्य निजी कंपनी, किसी समूचे उद्योग द्वारा, गैर लाभ संस्था या सरकार द्वारा किया जा सकता है। विकसित देश अपनी राष्ट्रीय आय का यथेष्ट भाग इस अनुसंधान क्रिया पर व्यय करते हैं। इसी प्रकार बड़ी और स्थापित कंपनियाँ अपनी विक्रय आय का एक खासा प्रतिशत भाग इस पर लगाती हैं।
  • Restrictive covenant -- प्रतिबंधात्मक प्रसंविदा
ऋण एवं संपत्ति व्यवहारों से संबंधित संविदाओं की एक ऐसी शर्त जिसके अधीन क्रेता ऋणी को कोई विशेष प्रतिज्ञा निभानी पड़ती है। जैसे एक ऋण संविदा में एक ऋणदाता ऋणी को एक निर्धारित प्रतिशत से अधिक अपने अंशों पर लाभांश देने पर प्रतिबंध लगा दे, अथवा एक पट्टा संविदा में भूमि या संपत्ति का स्वामी पट्टेदार को बिना स्वामी की अनुमति के ज़मीन पर निर्माण या भवन पर अतिरिक्त निर्माण करने से रोक दे।
  • Restrictive trade practice -- अवरोधक व्यापारिक व्यवहार
विनिर्माताओं एवं थोक और फुटकर व्यापारियों के मध्य ऐसे विभिन्न व्यापारिक व्यावहार जिनमें विनिर्माताओं की ओर से विभिन्न प्रकार की ज़ार-जबर्दस्तियाँ की जाती हैं। ऐसे व्यवहारों का उद्देश्य मुक्त व्यापारों का अवरोध करना है जिसे लोकनीति की दृष्टि से अवांछनीय समझा जाता है। पुनर्विक्रय क़ीमत अनुरक्षण, पूर्ण-श्रृंखला आरोपण आदि इस तरह के व्यवहारों के उदाहरण हैं। भारतीय एकाधिकार तथा अवरोधक व्यापारिक व्यवहार अधिनियम के तहत इनको अमान्य घोषित किया गया हैं।
  • Retailing -- खुदरा व्यापार
वह व्यापार जिसके अंतर्गत माल का विक्रय सीधा अंतिम उपभोक्ताओं को किया जाए। इन व्यापारिक व्यवहारों में क्रेता प्रायः व्यक्ति और परिवार हुआ करते हैं और इन तक माल पहुँचाने के माध्यम – डाक, व्यक्तिगत विक्रय, पंजीकृत विक्रय तथा अनेक प्रकार की खुदरा दुकानें होती हैं। बड़े शहरों में विभागीय भंडार, उपभोक्ता सहकारी भंडार और ऋंखला दुकानें भी इस व्यापारिक क्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लग गई हैं।
  • Retained earnings -- प्रतिधारित लाभ
कंपनी की वह आय जो कर और लाभांश अदा करने के बाद बच जाती है। फर्म के विस्तार के लिए प्रतिधारित लाभ पूंजी का मुख्य स्रोत बनता है, और कंपनी को दीर्धकालीन ऋण लेने की अथवा अतिरिक्त शेयर निर्गमित करके अपने स्वामित्व हित का क्षय करने की आवश्यकता नहीं रहती।
  • Return on investment -- निवेश प्रतिफल दर
किसी भी व्यापारिक संस्था द्वारा कमाए गए निवल लाभ का कुल निवेश के साथ अनुपात निवेश प्रतिफल दर कहलाता है। इसको प्रभावित करने वाले अनेक घटक होते हैं जिनमें से दो घटकों का ब्यौरा निम्न स्वरूप प्रदान कर सकता हैं :-
निवेश प्रतिफल दर : कुल विक्रय निवल-लाभ
—————– x —————
कुल परिसंपत्ति कुल विक्रय
  • Right share -- अधिकार अंश
देo pre-emptive rights.
  • Risk management -- जोखिम प्रबंध
प्रबंध की वह शाखा जिसके अंतर्गत जोखिम के आपात का अल्पीकरण सम्मिलित होता है। इसका मुख्य ध्येय एक व्यापारिक प्रतिष्ठान के समक्ष आने वाली सभी प्रकार की जोखिमों से होने वाली संभाव्य हानियों की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था करना होता हैं।
  • Role playing -- भूमिका-निर्वाह
प्रशिक्षण प्रक्रिया का एक ढंग जिसके लिए नाटकीय स्थितियाँ बनाई जाती हैं ताकि सहभागी भिन्न भूमिकाएँ निभाएँ और उन्हें समस्याओं को सुलझाने की प्रत्यक्ष अनुभूति हो सके। भूमिका-निर्वाह प्रक्रिया में यदि सहभागी को पर्याप्त पृष्ठभूमि और भूमिका संबंधी एक आरंभिक लेख प्रदान कर दिया जाए तो उसके इच्छित परिणाम प्राप्त होंगे।
  • Sales forecast -- बिक्री पूर्वानुमान
किसी भी कंपनी के बिक्री परिमाण का किसी निश्चित भावी समय के लिए लगाया गया अनुमान। अनुमान की यह अवधि साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक अथवा वार्षिक अल्पकाल में, और त्रैवार्षिक, पंचवर्षीय दीर्धकाल में हो सकती है। पूर्वानुमान विगत अनुभव ऐतिहासिक आँकड़े और अनेक प्रकार के बाह्य स्रोतों द्वारा एकत्र सामग्री के आधार पर बनाए जाते हैं। बिक्री पूर्वानुमान सरल माध्यों से लेकर पेचीदा बहुघटकीय प्रतिगमन समीकरणों जैसी सांख्यिकीय पद्दतियों पर आधारित किए जा सकते हैं। उद्योग स्तर पर ऐसे अनुमानों के लिए स्वतंत्र विपणी अनुंसधान संस्थाएँ नियमित रूप से काम करती रहती हैं।
  • Sales management -- विक्रय प्रबंध
विक्रय प्रबंध में बिक्री का पर्यवेक्षण, बिक्री क्रियाओं का संगठन और व्यवसाय की अन्य क्रियाओं से बिक्री समन्वय करना शामिल है। सामान्यतः विक्रय प्रबंध में निम्न गतिविधियाँ सम्मिलित होती हैं :-
(1) बाड़ारों, पदार्थों तथा वितरण विधियों का अनुसंधान ;
(2) बिक्री क्रियाएँ जिसमें विक्रेताओं की नियुक्ति, उनका संगठन और प्रशिक्षण तथा पर्यवेक्षण ;
(3) बिक्री नियंत्रण जिसमें विक्रय क्षेत्र, कोटा, पथ-निर्धारण तथा व्यय नियंत्रण करना शामिल है ; तथा
(4) बिक्री-संवर्धन।
  • Sales promotion -- विक्रय-संवर्धन
विज्ञापन के अलावा अन्य उपायों से उत्पाद की माँग बढ़ाना। जैसे, प्रदर्शनी आयोजित करना, मुफ्त नमूने बाँटना, क़ीमतों में कमी करना, विशेष उपहार देना तथा विक्रय प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
  • Salvage value -- निस्तारण मूल्य
अनुपयोगी सामग्री, कूड़ा-कबाड़ या अनप्रयुक्त स्थायी परिसंपत्ति के अवशेष की वास्तविक या प्रत्याशित विक्रय क़ीमत को निस्तारण मूल्य कहते हैं। सामान्यतः जो पदार्थ या वस्तुएँ सामान्य विक्रय द्वारा नहीं बेची जा सकती उनको निस्तारण मूल्य पर बेचा जाता हैं।
  • Sampling error -- प्रतिचयन त्रुटि
समष्टि मान (अर्थात् प्राचल मान) और प्रतिदर्श से प्राप्त आकल (अर्थात् प्रतिदर्शज) के अंतर का वह भाग जो इस कारण है कि प्रतिदर्श समष्टि का पूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं करता।
  • Scientific management -- वैज्ञानिक प्रबंध
वैज्ञानिक प्रबंध के सिद्धांतों का उद्गम कारखाना स्थल पर टेलर द्वारा किए गए समय और गति के अध्ययन के साथ हुआ है। इसका प्रमुख उद्देश्य उत्पादन और श्रमिक क्षमता में संवृद्धि करना है। इन सिद्धांतों का सामग्र दर्शन निम्न परिकल्पनाओं से मिलता है :-
(1) कर्मचारियों द्वारा की गई विभिन्न क्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन समय एवं गति मितव्ययताओं को जन्म देगा ;
(2) कामगारों की निपुणता निष्ठ नियुक्ति कार्यमूलक विशिष्टिकरण को प्रोत्साहन देगी ; तथा
(3) प्रबंधक और कर्मचारियों के मध्य समन्वय औद्योगिक सहकारिता को जन्म देगा।
  • Scrip -- प्रतिभूति-पत्र, स्क्रिप, पर्ची
(अ) कंपनी द्वारा शेयरधारी को शेयर-प्रमाणपत्र जारी किए जाने के पूर्व दिया गया ऐसा प्रमाणपत्र अथवा दस्तावेज जो उसके कंपनी में धन लगाने की सनद का काम करता है।
(आ) लाभांश शेयर जारी करने के प्रसंग में, यदि लाभांश की राशि इतनी नहीं है कि शेयरधारी को एक पूरा शेयर जारी किया जा सके तो कंपनी उतनी राशि की एक पर्ची काट देती है आगे के लाभांश जुड़कर जब राशि एक शेयर के मूल्य के बराबर हो जाती है तो शेयर जारी कर दिया जाता है।
(इ) शेयर बाज़ार में शेयरों के लिए प्रयोग में लाए जाने वाला वैकल्पिक नाम।
  • Seasonal demand -- मौसमी माँग
किन्हीं वस्तुओं की माँग में मौसम के अनुसार उतार-चढ़ाव, जैसे कि ग्रीष्म ऋतु में पेय जलों की माँग की बढ़ोत्तरी।
  • Secret reserve -- गुप्त आरक्षित निधि
गुप्त आरक्षित निधियों की रचना कंपनियाँ प्रायः अपनी वास्तविक आर्थिक सुदृढ़ता को छुपाने के लिए करती हैं। बैकिंग कंपनियाँ गुप्त आरक्षित निधियों का प्रायः व्यवस्थित रूप से निर्माण करती है ताकि डूबंत खातों से उत्पन्न हानि से उनकी आर्थिक स्थिति पर आँच न आने पाए। यह वह निधि होती है जो वित्तीय स्थिति विवरण में प्रकट नहीं होती है परन्तु जिसका एक अज्ञात अस्तित्व परिसंपत्तियों तथा देनदारियों के मूल्यांकन की प्रक्रिया के द्वारा ज्ञात किया जाता है। जैसे निवल मालियत को जानबूझ कर कम करके दिया जाता है और इस अधोमूल्यन की पृष्ठभूमि में एक गुप्त निधि पैदा हो जाती है। ऐसे ही प्रभाव उस समय होते हैं जब परिसंपत्तियाँ वित्तीय स्थिति विवरण में सम्मिलित नहीं की जातीं या उनका अधोमूल्यन किया जाता है अथवा देनदारियों का अतिमूल्यन कर दिया जाता है।
  • Securities markets -- प्रतिभूति बाज़ार
वह निवेश बाजार जहाँ दलालों और व्यापारियों द्वारा सरकारी और गैर-सरकारी सूचीबद्ध प्रतिभूतियों का पूर्व निश्चित नियमों के अधीन क्रय-विक्रय होता है। इन बाज़ारों का नियमन कानून द्वारा किया जाता है जिसका उद्देश्य मोटे तौर पर सट्टे की प्रवृत्ति को रोकना होता है। क़ानूनी तौर पर प्रतिभूतियों का व्यापार केवल मान्यता प्राप्त शेयर बाज़ारों में ही होता है। किन्तु व्यापार का परिमाण इतना अधिक होता है कि शेयरों के लेनदेन नियमित बाज़ारों से बाहर भी किए जाते हैं। इन्हें प्रायः कर्ब (kerb) नुक्कड़ बाज़ार के नाम से जाना जाता हैं।
  • Selecting From alternatives -- विकल्पों से चयन
प्रबंधक के लिए अनुभव, प्रयोग और अनुसंधान एवं विश्लेषण तीन ऐसे आधार हैं जिनकी मदद से वह विकल्पों में से सर्वोत्तम का चयन करता हैं।
  • Semi-variable cost -- अर्ध-परिवर्ती लागत
उत्पादन लागत का वह भाग जो उत्पादन की मात्रा के सीधे अनुपात में परिवर्तित नहीं हो या उसी दर से नहीं घटता-बढ़ता है जिस दर पर उत्पादन घटता-बढ़ता है। इस लागत में स्थिर और परिवर्तनशील दोनों ही लागतों के लक्षण विद्यमान होते हैं।
  • Sensitivity training -- संवेदना प्रशिक्षण
शिक्षा का वह तरीका जिसमें प्रशिक्षणार्थी समूह के आत्म विकास के लिए भावनात्मक गतिकी पर बल दिया जाता है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अवबोधन का विकास तथा स्वयं और दूसरों के व्यावहारिक प्रतिमानों के प्रति संवेदना जागृत करना हैं।
  • Sequential analysis -- आनुक्रमिक विश्लेषण
किसी परिकल्पना के परीक्षण का वह प्रक्रम जिसमें आगे बढ़ते हुए अनुक्रमिक चरणों में आँकड़ो का विश्लेषण किया जाता है। प्रत्येक अतिरिक्त प्रतिदर्श के विश्लेषण के बाद यह देखा जाता है कि विचाराधीन परिकल्पना को स्वीकृत किया जाए या उसे अस्वीकृत कर दिया जाए या निर्णय लेने के लिए और अधिक प्रतिदर्श लिए जाएँ।
  • Situation analysis -- स्थिति विश्लेषण
स्थिति विश्लेषण एक ऐसी निर्णयन विधि है जिसकी सहायता से किसी फर्म के विपणन कार्यक्रम में प्रकट होने वाली समस्याओं और अवसरों को प्रस्तुत किया जाता है और विविध प्रकार के रणनीति-विकल्पों का मूल्यांकन किया जाता है। इस दिशा में पहला कदम फर्म के हाल के विपणन निष्पादन का सारांश बनाना होता है। इसके पश्चात् प्रतियोगियों, ग्राहकों, प्रदायकों, वितरकों तथा अन्य पक्षकारों और समष्टि पर्यावरण से संबंधित प्रवृत्तियों, समस्याओं और प्रश्नों का निरूपण किया जाता है। इन सबको ध्यान में रखते हुए जो स्थितिनिष्ठ विपणन योजना तैयार की जाती है उसका आधार स्थिति विश्लेषण कहलाता हैं।
  • Slump -- गिरावट
किसी व्यवसाय या उद्योग विशेष के उत्पाद की माँग अथवा उसकी क़ीमत में अचानक भारी कमी। प्रायः यह स्थिति थोड़े समय तक ही क़ायम रहती हैं।
तुलo देo — Recession.
  • Small business -- लघु व्यवसाय
ऐसी व्यापारिक फर्म जो सामान्यतः छोटे पैमाने पर चलाई जाती है। भारत वर्ष में इस पैमाने की परिभाषा व्यवसाय में संयंत्र और मशीन आदि परिसंपत्तियों में किए गए निवेश के आधार पर की जाती हैं। ऐसे व्यवसाय प्रायः एकल स्वामित्व या साझेदारी के रूप में चलाए जाते हैं और कोई एक इकाई अपने उद्योग में प्रभावी एवं प्रधान स्थान ग्रहण नहीं कर पाती।
  • Social marketing -- सामाजिक विपणन
इसमें विपणन की ऐसी सभी क्रियाएँ सम्मिलित होती हैं जो सामाजिक विचारों और धारणाओं को लक्षित वर्ग समूहों द्वारा केवल स्वीकृत ही न कराएँ बल्कि उनके द्वारा लिए गए इच्छित वास्तविक कदमों को भी प्रोत्साहित करें। इसके द्वारा सरकारें और सार्वजनिक संस्थाएँ वर्तमान ज्ञान पर आधारित तथा समाज की दृष्टि से लाभकारी कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में समर्थ हो जाती हैं।
  • social responsibility -- सामाजिक उत्तरदायित्व
व्यापारिक संस्थानों से की जाने वाली अपेक्षा कि वे अपने लाभार्जन के मुख्य कार्य के अतिरिक्त सामाजिक और परिवेशात्मक समस्याओं के समाधान में अपना योगदान करेंगे। आजकल उद्यमों के इस प्रकार के उत्तरदायित्वों पर काफी ज़ोर दिया जा रहा है।
  • societal marketing -- समाजीय विपणन
यह किसी फर्म के प्रबंधकर्ताओं का एक अभिविन्यास है जो उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि उनके संगठन का प्रमुख कार्य लक्षित बाज़ार की आवश्यकताओं का निर्धारण करना और अपने संगठन को इस प्रकार समायोजित करना होता है कि वह उपभोक्ताओं की अधिक प्रभावशाली ढंग से और कुशलता के साथ संतुष्टि प्रदान करें ताकि उपभोक्ताओं और समाज का कल्याण अक्षत बना रहे अथवा उसमें वृद्धि हो और इस दौड़ में उसके प्रतियोगी पिछड़ जाएँ।
  • sole agent -- एकमात्र अभिकर्ता, एकमात्र एजेन्ट
विनिर्माता द्वारा अपने उत्पाद की बिक्री -व्यवस्था के बिक्री-व्यवस्था के लिए नियुक्त की गई एकल फर्म (अथवा व्यक्ति) जिसे क्षेत्रीय, राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय वितरण के अनन्य अधिकार दिए जाते हैं।
  • span of control -- नियंत्रण विस्तृति
नियंत्रण विस्तृति का आशय अधीनस्थ कर्मचारियों की उस संख्या से है जो किसी अधिकारी द्वारा प्रभावी रूप से नियंत्रित की जा सके। इस न्यूनतम संख्या का प्रदर्शन संगठन चार्टों में सहकर्मियों को एक ही तल पर स्थित करके दिखाया जाता है। प्रायः इस संख्या का परिसीमन किया जाता है ताकि उच्चाधिकारियों की ओर प्रतिवेदनों का प्रवाह शीघ्रता और सुगमता से चलता रहे।
  • Spam of management (= span of control) -- प्रबंध विस्तृति, नियंत्रण विस्तृति
देo span of control.
  • Standing order -- स्थायी क्रय आदेश
विशेष सामग्री की दीर्घवधि के क्रय के लिए दिया गया आदेश। ऐसा आदेश पूर्ति कर्त्ताओं को सामान्यतः एक वर्ष के लिए दिया जाता है। क्रेता के पास जब सामग्री कम होने लगती है तो वह पूर्तिकर्ता से स्थायी आदेश के अगले भाग को भेजने के लिए कहता है। स्थायी आदेशों का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि रोज़मर्रा काम में आने वाली छोटे मूल्य की सामग्री के लिए बार-बार आदेश देने की आवश्यकता नहीं रहती और उत्पादन कार्य मुचारू रूप से चलता रहता है। इसके फलस्वरूप कागज़ी कार्यवाही, समय और माल सूची की लागत में बचत होती है और सामग्री भी बहुधा कम क़ीमत पर प्राप्त कर ली जाती हैं, क्योंकि पूर्तिकर्ता को ज्ञात है कि एक वर्ष के अंदर एक निश्चित मात्रा क्रेता फर्म को बेची जानी अवश्यंभावी है।
  • Standing orders -- स्थायी आदेश
स्थायी आदेश विभिन्न श्रम संबंधी अधिनियमों को प्रभावी करने के उद्देश्य से समय-समय पर जारी किए जाते हैं। ये रोज़गार की शर्तों को बड़े शुद्ध रूप में परिभाषित करते हैं और नियोक्ताओं को इसके लिए उत्तरदायी बनाते है कि वे ऐसी शर्तों को कर्मचारियों को पूरी तरह संवाहित कर दें। ये आदेश कर्मचारियों की सेवामुक्ति, उनकी शिकायतें, उनके दुर्व्यवहार तथा उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाहियाँ जैसे विषयों को शासित करते हैं। ये आदेश एक प्रकार से नियोक्ता और कर्मचारियों के लिए विधि निषेध संहिता के रूप में होते हैं।
  • Statistical Quality control -- सांख्यिकीय गुणता नियंत्रण
निर्माता और उपभोक्ता दोनों के हित में सतत् निर्माण से प्राप्त वस्तुओं की गुणता को बनाए रखने की सांख्यिकीय तकनीके। गुणता नियंत्रण कार्यवाही के अंतर्गत क्रीत माल का निरीक्षण, उत्पादन प्रक्रिया और प्रणाली की जाँच, तैयार माल का निरीक्षण और विशेष निर्देशों में संभव परिशोधन की गुंजाइश के लिए पुनरावलोकन करना, इत्यादि शामिल हैं। इसमें सामग्री से लिए यादृच्छिक नमूने के आधार पर निरीक्षण और विश्लेषण किया जाता है और इसके परिणामों की सहायता से संपूर्ण उत्पाद को उसकी गुणता संतुष्टि के लिए प्रमाणित कर दिया जाता हैं।
  • Status Symbol -- प्रतिष्ठा प्रतीक
किसी संगठन में व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के अनेक परिचायक होते हैं। वेतन के अतिरिक्त इनके अधीन परिलब्धियाँ, विशेषाधिकार और परमाधिकार इत्यादि सम्मिलित होते हैं। प्रतिष्ठा प्रतीकों में किसी भी अधिकारी विशेष को दी जाने वाली पदनिष्ठ सुविधाएँ तथा अलंकरण आदि सम्मिलित किए जाते हैं। जैसे पदनाम, चालक सहित कंपनी की गाड़ी, टेलीफोन की सुविधा, विशिष्ट कार्यालय कक्ष, विशिष्ट फर्निचर तथा कक्ष की साज-सज्जा, व्यक्तिगत सचिव तथा गाड़ी रखने का विशेष स्थान, इत्यादि।
  • Stock market -- स्टाक बाज़ार
दे securities markets.
  • Strategic planning -- कार्यनीतिक आयोजना
उद्यम के दीर्धकालीन भविष्य के संबंध में शिखर प्रबंधन द्वारा योजना तैयार करना, जिसमें उस उद्यम के उद्देश्यों, कार्य दिशाओं, कार्य क्षेत्रों और विभिन्न संसाधनों के जुटाने की विधियों आदि के संबंध में योजना तैयार की जाती हैं।
  • Structured interview -- संरचित साक्षात्कार
देo patterned interview.
  • Subrogation -- अनुस्थापन, प्रस्थापन
(क) हानि पूर्ति या दावे के भुगतान के बाद अदाकर्ता को प्राप्त क़ानूनी अधिकार जिसके द्वारा वह स्वतः मूल दावेदार का स्थान ग्रहण कर लेता है ;
ऋण अनुबंधों में यह हैसियत जमानतदार को उस समय मिलती है जब वह मुख्य ऋणी की ओर से ऋणदाता को उसके ऋण की चुकोती कर देता हैं।
(ख) बीमा अनुबंधों में बीमा कंपनी द्वारा बीमित व्यक्ति को बीमा की राशि चुकाने के बाद तृतीय पक्ष के विरूद्ध हानिपूर्ति का दावा दायर कर सकने का अधिकार।
  • Subscribed capital -- अभिवत्त पूंजी
किसी कंपनी की निर्गमित पूंजी का वह भाग जिसे खरीदने के लिए निवेशकर्ताओं से आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
तुलo देo issued capital.
  • Subsidiary company -- नियंत्रित कंपनी
ऐसी कंपनी –
1. जिसके निदेशक-मंडल के गठन पर किसी अन्य कंपनी (नियंत्रक कंपनी) का नियंत्रण हो ; या
2. जिसकी कुल मतदान-शक्ति के आधे से अधिक पर किसी अन्य कंपनी (नियंत्रक कंपनी) का नियंत्रण हो और जिसमें 1 अप्रैल, 1956 से पूर्व जारी किए गए अधिमान शेयरों के धारकों के मताधिकार ईक्विटी शेयरधारकों के ही समान हों ;या
3. जिसकी ईक्विटी शेयर पूंजी के अंकित मूल्य के आधे से अधिक पर नियंत्रक कंपनी का स्वामित्व हो (यह प्रावधान उन मामलों में लागू होता है जहाँ कि नियंत्रित कंपनी स्वयं किसी कंपनी का नियंत्रण करती हो) ; या
4. जो स्वयं किसी ऐसी कंपनी के नियंत्रण में हो जिस पर नियंत्रक कंपनी का नियंत्रण है।
  • Super market -- सुपर बाज़ार, अपना बाज़ार
प्रायः सहकारिता के सिद्धांतों पर आधारित सरकारी सहायता से संगठित एक विशाल सामान्य भंडार सुपर बाज़ार और अपना बाज़ार कहलाते है। भारत वर्ष में इनकी स्थापना क़ीमत वृद्धि निरोध आन्दोलन के संदर्भ में हुई और आज ये उपभोक्ता संरक्षण का एक सशक्त माध्यम माने जाते हैं। पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय सुपर बाज़ार का कोई विशिष्ट सरकारी सूचीयन नहीं होता। किसी भी अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान की भाँति उसके स्वामित्व के अनुसार तत्संबंधी अधिनियमों के अधीन इनका प्रवर्तन, पंजीयन, आदि होता है। क्योंकि ये सहकारी संस्थाओं के रूप में प्रायः बनाए जाते हैं, इनका पंजीयन सहकारी समितियों को अधिशासित करने वाले अधिनियमों के तहत किया जाता हैं।
  • Swot analysis -- स्वाट विश्लेषण
किसी भी संगठन की क्षमताओं, दुर्बलताओं, अवसरों तथा आशंकाओं का विश्लेषण जिसका उपयोग प्रतिष्ठान की दीर्घावधि आयोजनाओं के उद्देश्य और लक्ष्यों के निर्घारण के लिए किया जाता है। इस विश्लेषण से संबद्ध केन्द्रीय विचार समूह परिचर्चा, परियोजना दल, विचारावेश या डेल्फी प्रस्ताव के माध्यम से उद्भूत होते हैं।
  • Symbiotic marketing -- सहजीवी विपणन
दो या अधिक फर्मों द्वारा किसी उभरते विपणन अवसर का सम्मिलित दोहन करने के लिए की गई संधि। ऐसा प्रायः तब होता है जब कोई एक फर्म अकेली ऐसे उपक्रम के लिए पूंजी, कौशल, विनिर्माण अथवा विपणन सुविधाएँ जुटाने में समर्थ नहीं होती या जब उपक्रम में भारी जोखिम होती है या जब प्रास्तावित मैत्री में यथेष्ट युति प्रभाव दृष्टिगोचर होते हैं। सहजीवी विपणन फर्मों द्वारा अस्थायी या स्थायी व्यवस्थाओं पर आधारित किया जा सकता है अथवा उसके लिए एक नई इकाई की स्थापना की जा सकती है जिसका स्वामित्व संयुक्त रूप से संधि करने वाली फर्मों के पास होगा।
  • Synergy -- सहक्रिया
सृजनात्मक या समस्या सुलझाने के कार्य में जब सामूहिक प्रयत्नों का प्रयोग किया जाता है और जिसका परिणाम व्यक्तिगत प्रयत्नों के समस्त परिणाम से अधिक होता है, तब उसे सहक्रिया हैं।
  • Systematic sampling -- क्रमबद्ध प्रतिचयन
सांख्यिकी में नमूना चयन की पद्धति जिसमें एक निश्चित प्रतिचयन अंतराल चुनकर नमूने की जाँच की जाती है तथा इसमें आहरित इकाई यादृच्छिक तौर पर नमूने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं।
  • Systems -- व्यवस्था
वस्तुओं, तत्वों, पद्धतियों, प्रणालियों आदि के समूहों का ऐसा अंतर-संबंधित तथा अन्योन्याश्रित स्वरूप जो मिलकर एक जटिल और एकीकृत इकाई बन जाए। ऐसा एकीकरण प्रायः एक विशिष्ट उद्देश्य या ध्येय की प्राप्ति के लिए किया जाता हैं। व्यवस्थाएँ जिन वस्तुओं के संदर्भ में उत्पन्न होती हैं वे (भौतिक जैसे एक तंत्र के विभिन्न भाग) या जैविक (जैसे अवभाग) या जैविक (जैसे मानव शरीर के विभिन्न अवयव) अथवा सैद्धांतिक (जैसे अवधारणाएँ) एवं तकनीक आदि हो सकती हैं। ब्रह्मांड को छोड़कर शेष सभी व्यवस्थाएँ अपने पर्यावरण के साथ अंतर-क्रियाशील रहती हैं। प्रबंध के क्षेत्र में ये व्यवस्थाएँ आयोजन, आयोजन व्यवस्थाओं, संगठनात्मक व्यवस्थाओं तथा नियंत्रण व्यवस्थाओं का रूप ग्रहण करती हैं और इनके अंतर्गत कुछ उप-व्यवस्थाएँ भी हो सकती हैं जैसे प्रत्यार्पण व्यवस्थाएँ, नेटवर्क आयोजन तथा बजट व्यवस्थाएँ आदि।
  • Systems analysis -- व्यवस्था-विश्लेषण
किसी व्यापक और जटिल समस्या का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन जिसके द्वारा किसी काम को करने के अनेक विकल्पों में से अधिमानित विकल्प चुना जाता हैं।
  • Systems approach -- व्यवस्था-उपागम
प्रबंध विज्ञान का वह अध्ययन जिसके अधीन समस्याओं तथा संक्रियाओं को ऐसे अंतर-संबंधित तत्वों के नेटवर्क के रूप में देखा जाए जिनका अपने आंतरिक और बाह्य पर्यावरण से निरंतर अंतर-क्रियाशीलन होता हो।
  • Take over bids -- अधिग्रहण बोली
किसी व्यक्ति, समूह या कंपनी द्वारा पर्याप्त वोट अधिकार अर्जित कर दूसरी कंपनी पर नियंत्रण करने का प्रयास। एक पब्लिक कंपनी, दूसरी पब्लिक कंपनी के ईक्विटी शेयरों को खरीदने के लिए जो बोली देती है वह सामान्यतया चालू शेयर बाज़ार के मूल्यांकन पर आधारित होती हैं।
  • Target marketing -- लक्ष्य विपणन
विपणन का वह प्रकार जिसमें विक्रेता एक या अधिक बाज़ार खंड चुन लेता है और अपने उत्पाद का विकास और विपणन कार्यक्रम उस बाज़ार खंड के अनुसार ढालता हैं।
  • Task force -- कृतिक बल
किसी संगठन का अस्थायी दल जो किसी विशेष लक्ष्य या कार्य करने हेतु गठित किया जाता हैं।
  • Tax planning -- कर नियोजन
देश के प्रचलित कर विधानों के अंतर्गत प्रदत्त छुटों और रियायतों का ऐसा वैध प्रयोग जिससे करदाता फर्म का कर दायित्व न्यूनतम किया जा सके। इसे कर परिहार भी कहा जाता है। इसके विपरीत जब करदाता फर्म अपने कर दायित्व को कम करने के प्रयास में आय-व्यय में अवैधानिक हेर-फेर करता है या आय और संपत्ति को छिपाता है तो ऐसे प्रयास कर-अपवंचन कहलाते हैं।
  • Tachno-economic appraisal -- तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन
किसी भी निवेश परियोजना के परिचालन तथा रोकड़ प्रवाह उत्पन्न करने की क्षमता और समग्र रूप से आर्थिक उपादेयता का एक व्यवस्थित विश्लेषण जो परियोजना की उपादेयता का अनुमान प्रस्तुत कर सके। ऐसा मूल्यांकन उन वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है जो परियोजना ऋण प्रदान करती हैं। वित्तीय संस्थाएँ तथा योजना आयोग ऐसा मूल्यांकन प्रायः करते रहते हैं। परियोजना के प्रवर्तक प्रायः उसका एक पूर्वाध्ययन तैयार करते हैं जो ऐसे मूल्यांकन का आधार बनता है और तकनीकी-आर्थिक साध्यता अध्ययन कहलाता है। यह अध्ययन बाज़ार, तकनीकी और वित्तीय पक्षों की विश्लेषणात्मक समीक्षा पर आधारित होता हैं।
  • Test marketing -- परीक्षा विपणन
जाँच के तौर पर नए पदार्थों को निश्चित बाज़ारों में रखना और सावधानी से नियंत्रित शर्तों के अधीन उन्हें बेचने का उपक्रम करना। परीक्षा विपणन बड़ा उपयोगी सिद्ध होता है क्योंकि यह फर्म के विक्रय पूर्वानुमानों के लिए आधार आँकड़े प्रस्तुत करता हैं। इसके अतिरिक्त यह विपणन नीति व कार्य विधि में सुधारों को भी संभव बनाता हैं।
  • Test of hypothesis -- परिकल्पना परीक्षण
किसी भी प्रारंभीक धारणा की वैधता की सांख्यिकीय आँकड़ों और प्रविधियों के प्रयोग द्वारा एक विशेष प्रकार की जाँच। चाँच के अनुकूल फल होने पर धारणा एक निश्चित निष्कर्ष का रूप धारण कर लेती हैं। ऐसा न होने पर धारणा को अस्वीकृत कर दिया जाता हैं।
  • Theory X -- एक्स’ सिद्धांत
डागलस मेक्ग्रेगर द्वारा प्रतिपादित वह सिद्धांत जिसके अनुसार यह माना जाता है कि औसत व्यक्ति कार्य करना पसंद नहीं करता और उससे जी चुराता है। इसलिए कंपनी के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कर्मचारियों को नियंत्रण, निर्देशन, नियमन द्वारा कार्य करने के लिए विवश किया जाता है। इस सिद्धांत की अन्य मान्यताएँ ये हैं कि औसत व्यक्ति को बताना पड़ता है कि उसे क्या करना है और कर्मचारी सामान्यतः दायित्व लेना पसंद नहीं करते हैं तथा वे पहले नौकरी की सुरक्षा चाहते हैं।
  • Theory Y -- वाई’ सिद्धांत
डागलस भेक्ग्रेगर द्वारा प्रतिपादित दूसरा सिद्धांत जिसके अनुसार यह माना जाता है कि औसत व्यक्ति स्वभाव से कार्य को नापसंद नहीं करता बल्कि उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आत्मप्रेरित होकर कार्य करता है। इस सिद्धांत के अनुसार यह भी माना जाता है कि औसत व्यक्ति केवल प्रदत्त उत्तरदायित्व को ही स्वीकार नहीं करता बल्कि नए-नए उत्तरदायित्वों को पहचान कर स्वयं ग्रहण करता हैं। सिद्धांत की एक और मान्यता यह है कि अधिकांश व्यक्ति कल्पना एवं सर्जनशीलता के लिए सक्षम होते हैं और अवसर आने पर वे समस्याओं के समाधान में उनका बखुबी प्रयोग भी कर सकते हैं। फलस्वरूप एक आदर्श कंपनी अपने कर्मचारियों को ऐसा अवसर प्रदान करती है और केवल एक निरंकुश पर्यावरण में उन्हें घुटने नहीं देती। इस सिद्धांत का एक अति महत्वपूर्ण आधार द्विवृत संप्रेषण होता है जिसके द्वारा पर्याप्त प्रतिपुष्टि एकत्र की जाती हैं। वरिष्ठ अधिकारी वस्तुतः एक प्रशिक्षक के रूप में काम करते हैं।
  • Theory Z -- जेड’ सिद्धांत
जापानी प्रबंध क्रांति का लगभग समूचे विश्व पर जो प्रभाव पड़ा है उसके संदर्भ में ‘जेड़’ सिद्धांत का जन्म हुआ है। जैड प्रकार के संगठन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि वह समूह-विचारविमर्शों के लिए अंतर वैयक्तिक योग्यताओं पर बहुत जोर देता है। यद्यपि निर्णय क्रिया सामूहिक होती हैं, उत्तरदायित्व व्यक्ति का ही बना रहता है। इसके अतिरिक्त विश्वास पर आधारित अनौपचारिक तथा लोकतांत्रिक संबंधों पर भी खासा बल दिया जाता हैं। विशेषता यह है कि इन सबके होते हुए भी संगठन का सोपानिक ढाँचा यथावत् बना रहता है और फर्म के कर्मचारियों का व्यवहार केवल लक्ष्यों से ही नहीं बल्कि सत्ता, नियम और अनुशासन के द्वारा शासित होता है। सहभागी प्रबंध सूचनाओं के मुक्त प्रवाह को सुगम बनाता है और समाधानों पर पहुँचने के लिए एकमत को जन्म देता है। औपचारिक आयोजन तथा उद्देश्य महत्वपूर्ण तो होते हैं परन्तु परिमाणात्मक मापों को अत्यधिक महत्व नहीं दिया जाता है। इसी प्रकार कर्मचारियों को संपूर्ण मानवों के रूप में देखा जाता है केवल उत्पादन के कारकों के रूप में नहीं।
  • Therblig -- थर्बलिग
हालाँकि वैज्ञानिक प्रबंध के विकास में गति अध्ययन का विस्तार से प्रयोग फ्रेड्रिक टेलर ने किया था, इसके जन्मदाता वास्तव में गिलब्रेथ दंपत्ति थे जिन्होंने सभी मानव शरीर गतियों को 17 प्रधान भागों में विभक्त किया। ये या तो विशेष गतियाँ थीं या विश्राम के प्रकार थे। इन गतियों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है — खोज, चुनाव, पकड़, परिवहन, लदाई, उतराई, स्थिति, पूर्व स्थिति, एकत्रण वितरित करना, प्रयोग भार मोचन, निरीक्षण, पकड़ना, अपरिहार्य विलंब, अपरिहार्य विलंब योजना और थकावट दूर करने के लिए विश्राम आदि को थर्बलिग दर्शाता है। यह पद इनके नाम के विपर्यय के रूप में प्रबंध में प्रचलित हुआ है।
  • Time and motion study -- समय-गति अध्ययन
किसी औद्योगिक परिचालन का विस्तृत विश्लेषण जिसके द्वारा कार्य और इसके विभिन्न तत्वों को पूर्ण करने में लगने वाले समय का निर्धारण किया जाता है। यह अध्ययन सामान्यतया औद्योगिक इंजीनियर द्वारा कार्य-मानक, मजदूरी दर, मशीन और कार्य पद्धति में सुधार तथा अन्य तरीकों से किया जाता है। इसका उद्देश्य न्यूनतम लागत से अधिकतम क्षमता प्राप्त करना होता है। इस अध्ययन के मुख्य सिद्धांत निम्नलिखित हैं :-
(1) कार्य करने के लिए सही पद्धति का चुनाव होना चाहिए। इसमें उपकरण एवं गतियों आदि को सम्मिलित किया जाएगा।
(2) सही पद्धति द्वारा उस समय का निर्धारण जो एक अनुभवी श्रमिक द्वारा सही विधि का प्रयोग करते हुए काम को पूरा करने में लगाया जाता है। यह समय कार्यमानक के रूप में प्रयुक्त किया जाएगा।
(3) श्रमिक को अतिरिक्त पारिश्रमिक उस समय दिया जाए जबकि वह मानक से अधिक कार्य करे।
  • Time value of money -- मुद्रा का समय मूल्य
मुद्रा की अर्जन शक्ति होती है और उसका आज का किया निवेश भविष्य में व्याज या अन्य प्रकार के प्रतिफल उत्पन्न करता हैं। इस मूल तथ्य के कारण सभी विवेकी व्यक्ति धन को भविष्य में प्राप्त करने की अपेक्षा वर्तमान में प्राप्त करना अधिक पसन्द करते हैं ताकि आज का मिला धन, भविष्य में प्रतिफल कमाकर अधिक बढ़ा हुआ धन हो जाए। इसी तर्क के कारण जो भी धन प्रवाह भविष्य में होने हैं और जिनका आज निर्णय लेने के लिए मूल्यांकन किया जाना है उन्हें वर्तमान मूल्यों पर लाने के लिए किसी बट्टे की दर का प्रयोग किया जाता है। यह बट्टे की दर प्रायः मुद्रा की अर्जन शक्ति की दर हुआ करती है। इस प्रकार धन प्रवाहों का ज्ञात किया हुआ वर्तमान मूल्य बट्टा गत मूल्य भी कहा जाता हैं। इस अवधारणा का व्यापक प्रयोग निवेश निर्णयों के संदर्भ में किया जाता हैं।
  • Trade credit -- व्यापारिक उधार
एक व्यापारी या उत्पादक द्वारा अपने ग्राहकों को उधार बिक्री की सुविधा जिसमें भुगतान माल के वास्तविक हस्तांतरण के कुछ समय बाद किया जाता है। इस सुविधा के लिए पूर्तिकार प्रायः कोई शुल्क या अधिकार नहीं लेता लेकिन शीध्र भुगतान के लिए प्रायः एक बट्टा दे दिया करता है।
  • Traditional budgeting -- पारंपरिक बजटन
पारंपरिक बजटन में यह मान लिया जाता हैं कि संस्था द्वारा जो कार्य किए जा रहे हैं वे बजट की आगामी अवधि में भी चलते रहेंगे। इसलिए संभावित मूल्य वृद्धि या कार्य की सुगमता के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति पर होने वाले खर्च के लिए गत वर्ष की अपेक्षा कुछ अतिरिक्त राशि का प्रावधान कर दिया जाता हैं।
देo. budgeting.
  • Transactional analysis -- संव्यवहार विश्लेषण
मानवीय व्यवहार को समझने व विश्लेषण की इस पद्धति को इरिक बर्न ने विकसित किया। उनके असार एक मानव व्यक्तित्व के तीन स्रोत होते हैं जो उसके व्यवहार को प्रोत्साहित, मानीटर और नियंत्रित करते हैं। इसी प्रकार सभी व्यक्तियों की तीन अहमे अवस्थाएँ होती है जिनहें प्रौढ़, वयस्क और बालक की अवस्था कहा जाता हैं। किसी विशेष समय में व्यक्ति का व्यवहार यह दर्शाता है कि तीनों अहम् अवस्था में से कौन-सी अवस्था उस समय सक्रिय है। सामान्यतः एक स्वस्थ मनुष्य तीनों अवस्थाओं के बीच सामंजस्य रखता हैं, यद्यपि अनेक व्यक्तियों में एक या दो अवस्थाएँ प्रबल हो सकती हैं।
  • Turnover -- कुल बिक्री, आवर्त, पण्यावर्त
कुल बिक्री : प्रतिष्ठान द्वारा किसी निर्दिष्ट अवधि में किया गया कुल कारोबार। आवर्त, पण्यावर्त : किसी कारोबार में, एक दी हुई अवधि में, पूंजी अथवा माल के प्रयोग की बारंबारता जो प्रायः एक अनुपात के रूप में आकलित की जाती हैं। उदाहरण के लिए –
कुल वार्षिक बिक्री कुल वार्षिक बिक्री
——————— अथवा ———————-
औसत आय औसत प्रयुक्त पूंजी
  • Type-I error -- प्रकार ‘एक’ अशुद्धि
देo null hypothesis.
  • Type-II error -- प्रकार ‘दो’ अशुद्धि
देo null hypothesis.
  • Unique selling proposition -- अनुपत विक्रय अवधारणा
विक्रय की वह धारणा जिसके अनुसार यह माना जाता है कि प्रभावी विक्रय के लिए उत्पाद में किसी विशिष्टता का होता आवश्यक हैं, उसी विशिष्टता को अनुपम विक्रय अवधारणा कहा गया हैं।
  • Unity of command -- समादेश एकलता
सामान्य प्रबंध का एक सिद्धांत जिसके अनुसार जहाँ तक संभव हो एक व्यक्ति एक ही पर्यवेक्षक या अधिकारी से आदेश प्राप्त करे और उसी के प्रति उत्तरदायी हो। इससे न केवल अनुदेशों के द्वंद्व से ही बचा जा सकता है बल्कि व्यक्ति अधिक उत्तरदायित्व महसूस करता हैं।
  • Unity of objective -- उद्देश्य एकलता
सामान्य प्रबंध का एक सिद्धांत जिसके अनुसार कोई उद्यम अथवा संगठन तभी प्रभावी और दक्ष हो सकता है जब उसके सारे सदस्य केवल एक ही उद्देश्य की पूर्ति में संलग्न हैं।
  • Usage value analysis -- प्रचलन मूल्य विश्लेषण
देo ABC method or analysis.
  • Value added tax (VAT) -- अतिरिक्त मूल्य कर (वैट)
ऐसा कर जो किसी व्यापार के प्रचालनों के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त मूल्य पर लगाया जाए। ऐसे अतिरिक्त मूल्य की गणना उत्पादन के मूल्य की गणना उत्पादन के मूल्य में से खरीदे गए माल के आगतों को घटाकर किया जाता हैं। वास्तव में यह अतिरिक्त मूल्य निवल लाभ, ब्याज, ह्रास तथा कुल श्रम लागतों के जोड़ के बराबर होता हैं।
  • Value analysis -- मूल्य विश्लेषण
किसी सामग्री या सेवा की लागत का ऐसा विश्लेषण जिसमें सामग्री एवं सेवा की कार्यात्मक गुणवता को बनाए रखते हुए उनके विभिन्न स्थानापन्नों में से न्यूनतम लागत वाले विकल्प का चयन किया जाता हैं। मूल्य विश्लेषण का उद्देश्य ऐसी विशिष्टियों का विकास करना है जिससे न्यूनतम लागत पर उत्पादन संभव हो सके।
  • Variable budget -- परिवर्तनशील बजट
वह बजट जो कार्यकलाप के वास्तविक स्तर के अनुरूप परिवर्तित होता हैं। इस तरह यह कार्यकलाप के विभिन्न स्तरों पर बजट लागतों को दर्शाता हैं।
  • Variable cash budget -- परिवर्तनशील नक़दी बजट
इस बजट का उद्देश्य यह है कि यदि अवधि के अंत में नक़दी की कमी होने की आशंका हो ता ओवरड्राफ्ट आदि की अग्रिम व्यवस्था की जा सके और यदि नक़दी के अधिशेष की स्थिति अनुमानित हो तो उसके लाभप्रद निवेश के उपाय किए जा सकें।
देo cash budget.
  • Variable cost -- परिवर्ती लागत, प्रचालन लागत
उत्पादन के परिमाण के साथ घटने-बढ़ने वाली लागत।
  • Variance -- प्रसरण
वास्तविक और मानक लागतों का अंतर प्रसरण कहलाता है। इसका उद्देश्य प्रत्यक्ष क्षम और सामग्री की क़ीमतों से होने वाले अनपेक्षित परिवर्तनों से उत्पादकता पर पड़ने वाले प्रभावों को रोकना है। प्रसरण के कई प्रकार हैं यथा — सामग्री प्रसरण, श्रम प्रसरण तथा उपरिव्यय प्रसरण इत्यादि। प्रसरण के कारणों का अनुमान लगाया जा सकता है और भविष्य में उनके उपचार के लिए आवश्यक उपाय किए जाते हैं।
  • Venn diagram -- वेन आरेख
समुच्चयों पर संक्रियाएँ निरूपित करने के लिए आरेख। प्रायिकता की समस्याओं को समझने में ये आरेख अत्यंत उपयोगी हैं। अधिकांशतः इनमें वृत्त, दीर्घवृत्त आदि संवृत वक्रों का उपयोग होता है। यह किसी क्षेत्र विशेष के भीतर विभिन्न परिस्थितियों की प्रायिकता को प्रस्तृत करता है। इसमें एक आयत के भीतर एक या अधिक वृत्त बनाए जाते हैं जो प्रायः एक दूसरे को काटते हैं। उदाहरण के लिए यदि आयत किसी परियोजना को पूरा करने की कर्मचारियों की क्षमता अथवा विशिष्टता को दर्शाता है तो उसके भीतर बने वृत्त वे विभिन्न परिस्थितियाँ दर्शाते हैं जिनके कारण परियोजना के समय से पूरी होने में बाधा आ सकती हैं। जैसे कि कर्मचारियों की हड़ताल या पर्याप्त बिजली उपलब्ध न होना इत्यादि।
  • Venture capital -- जोखिम पूंजी
भारी जोखिम वाले उद्यमों में निविष्ट पूंजी जिस पर उद्यम सफल होने की दशा में ऊँची दर से प्रतिफल मिलने की संभावना होती है। इस प्रकार की पूंजी प्रायः नए उद्योगों की स्थापना के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं।
  • Vertical expansion (= vertical integration) -- उर्ध्वस्तर विस्तार (= उर्ध्वस्तर एकीकरण)
व्यवसाय के विस्तार की वह विधि जिसमें वर्तमान उत्पाद की उत्पादन प्रक्रिया में उसके पूर्व की या उसके बाद की प्रक्रियाओं व अवस्थाओं को जोड़ दिया जाता है। यह प्रतिष्ठान के स्वयं विस्तार या अन्य प्रतिष्ठानों का अभिग्रहण करके किया जाता हैं। उदाहरण के लिए इस्पात का विनिर्माण करने वाली कंपनी कोयले, चूना, पत्थर आदि की खानों का अभिग्रहण कर सकती हैं। इसके दो भेद हैं — अग्र ऊर्ध्वस्तर विस्तार और पश्च ऊर्ध्वस्तर विस्तार।
उपभोक्ता के अधिक निकट ले जाने वाली प्रक्रिया का समारंभ या अभिग्रहण करने पर यह अग्र ऊर्ध्वसार विस्तार कहलाता है और वर्तमान क्रिया से पहले की किसी प्रक्रिया का समारंभ या अभिग्रहण करने पर पश्च ऊर्ध्वग्रहण करने पर पश्च ऊर्ध्वस्तर विस्तार कहलाता हैं।
तुo देo horizontal integration.
  • Vertical integration -- ऊर्ध्वस्तर एकीकरण
देo vertical expansion.
  • Vestibule training -- नवागत प्रशिक्षण
नियुक्ति के बाद और वास्तविक कार्य आरंभ करने से पूर्व नए कर्मचारियों के समूह को दिया गया प्रशिक्षण जो बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों में उनके कार्मिक विभागों द्वारा स्थापित प्रशिक्षण विद्यालयों के माध्यम से दिया जाता हैं।
  • Warranty -- आश्वस्ति, वारन्टी
(अ) वस्तु की क़िस्म, गुणवत्ता और उसके स्वामित्व आदि के बारे में व्यक्त अथवा निहित शर्तें जो संविदा की अनुषंगी हैं और जिनका पालन न होने पर आर्त पक्ष हर्जाने का दावा तो कर सकता है पर संविदा को शून्य करार नहीं दे सकता;
विनिर्माता द्वारा अपने माल की गुणवत्ता के बारे में खरीदार को दी गई लिखित गारन्टी जिसके अनुसार वह एक निश्चित समय तक माल में खराबी पाए जाने या उसके बिगड़ जाने पर दोषी हिस्से के बदलाव और मरम्मत का वचन देता हैं।
तुलo देo condition.
(आ) बीमा के संदर्भ में, बीमादार द्वारा जोखिम के स्वरूप के बारे में दिया गया वक्तव्य जिसके असत्य सिद्ध होने की सूरत में बीमा अनुबंध शून्य हो जाता है।
  • wild cat strike -- अनधिकृत हड़ताल
किसी श्रमिक संघ के सदस्यों द्वारा की गई हड़ताल जिसके पक्ष में उस संघ द्वारा कोई निर्णय न लिया गया हो या जो श्रम संघ और नियोक्ता के बीच हुए समझौते की धाराओं के खिलाफ हो। इस हड़ताल का उद्देश्य एकदम शक्ति प्रदर्शन करना होता है ताकि मिल-मालिक भयभित होकर मजदूरों की माँग को मान लें।
  • window dressing -- ऊपरी दिखावट
तुलन-पत्र अथवा वित्तीय विवरणों को इस रूप में प्रस्तुत करना जिससे कंपनी की माली हालत उसकी वास्तविक हालत से ज्यादा अच्छी दिखाई दे। इसके कई तरीके हैं यथा — सभी खर्चों का लेखाकरण न करना, बढ़ा-चढ़ा कर बिक्री दिखाना, देयता को छिपाना, प्रतिकूल सौदों को छिपाना, डूबी रकम को बट्टे खाते में नहीं दिखाना, मूल्य ह्रास को कम दिखाना, संपत्ति के बंधक या प्रतिज्ञा को छिपाना, इत्यादि।
  • Workaholic -- कर्मोन्मत्त
कार्य के प्रति अत्यधिक आसक्ति जिसके कारण व्यक्ति निरंतर कठोर परिश्रम करने के लिए अपने आपको बाध्य पाता है। ऐसा व्यक्ति अपने कार्य में इतना अधिक व्यस्त होता है कि इसका उसके स्वास्थ्य, व्यक्तिगत सुख, अंतर्वेयक्तिक संबंध और सामाजिक व्यवहार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं।
  • Working capital -- कार्यशील पूंजी
वह पूंजी-राशि जो प्रतिष्ठान का कारोबार चलाने के लिए प्रयोग में आ रही हैं। इसके दो प्रकार हैं – सकल और निवल कार्यशील पूंजी। प्रतिष्ठान की चालू परिसंपत्तियों में लगी समग्र पूंजी राशि सकल कार्यशील पूंजी कहलाती है और अगर उनमें से चालू देयताएँ घटा दी जाएँ तो निवल कार्यशील पूंजी निकल आती हैं।
  • Work in process -- प्रक्रियाधीन माल
किसी विनिर्माणकारी प्रतिष्ठान के लेखा संभरण के समय वह माल जो पूरी तरह तैयार नहीं है अपितु विनिर्माण के किसी चरण में है। लागत लेखाकार इस प्रकार के माल का मूल्यांकन करते समय उसमें सामग्री और प्रत्यक्ष श्रम की लागत तथा अप्रत्यक्ष लागत का कुछ भाग जोड़ता है; तथापि कुछ परिस्थितियों में प्रक्रियाधीन माल की कुल लागत या बाज़ार क़ीमत (जो भी कम हो) के अनुसार मूल्यांकन किया जाता है।
  • Work measurement -- कार्य-मापन
विशेष तकनीकों की सहायता से इस बात का मापन कि एक श्रमिक कोई निर्धारित कार्य एक विशिष्ट स्तर के अनुरूप कितने समय में कर सकता हैं।
देo time and motion study.
  • Workmen’s compensation -- कर्मकार क्षतिपूर्ति
कार्य के दौरान चोट या मृत्यु की दशा में श्रमिक या उसके परिवार को मिलने वाला भुगतान। इसकी अदायगी प्रायः कर्मकार प्रतिपूर्ति अधिनियम के अंतर्गत की जाती हैं।
  • Work to rule -- नियमनिष्ट कार्य
ऐसी स्थिति जिसमें कर्मचारी काम पर तो आते हैं पर नियम के पालन के बहाने काम को अनावश्यक या अनुचित रूप से टालते हैं या विलंब करते हैं। वस्तुतः यह एक प्रकार की आंशिक हड़ताल होती है जिससे उत्पादन में कमी आती है।
  • Yield -- (क) उपज, उत्पादन, पैदावार
(ख) आय प्राप्ति
(ग) प्रतिफल
(क) खेती से पैदा होने वाली चीज़ो का परिमाण।
(ख) कर, शुल्क आदि से मिलने वाली रकम।
(ग) निवेश के वर्तमान बाज़ार-मूल्य पर प्राप्त आमदनी की दर।
  • Zero-base budgeting -- शून्य-आधारित बजटन
इसके अंतर्गत बजट को प्रक्रिया शून्य प्रावधान से आरंभ की जाती हैं। संस्था को अपने प्रत्येक कार्यकलाप का औचित्य सिद्ध करना होता है। बजट प्रावधान के अंतिम निर्धारण से पूर्व यह भी ज्ञात करने का प्रयास किया जाता हैं कि यदि कार्यकलाप में एक निश्चित मात्रा में कमी करनी पड़ जाए तो उसका क्या प्रभाव पडेगा।
दे0 budgeting.
  • Zoning -- क्षेत्रन, क्षेत्र बनाना, क्षेत्रीकरण
उत्पाद की वसूली और वितरण-व्यवस्था को अधिक कुशल और सुचारू बनाने के लिए देश को विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों में बाँट देना।

इन्हें भी देखें

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