विक्षनरी:पाश्चात्य संगीत परिभाषा कोश
Absolute music - निरपेक्ष संगीत
- ऐसा संगीत जो प्रत्यक्षतः अपने से अलग किसी बाह्य संदर्भ से जुड़ा न हो। पदरहित संगीत, व्याख्यारहित अथवा वर्णनात्मकतारहित संगीत इसी कोटि का है।
Absolute pitch - निरपेक्ष तारता
- नाद की स्वतः सिद्ध तारता जो अन्य किसी नाद के संदर्भ में न हो।
- (टि.:यह शब्द नादात्मक तारता के उस सहज बोध के लिए प्रयुक्त होता है जिससे संगीतज्ञ किसी नाद को पहचान लेता है।)
Accelerando - लयवर्धन (निर्देश)
- लय को क्रमशः बढ़ाने का निर्देश।
Accent - आघात
- लयात्मक बलाघात जो सामान्यतया तालखंड की पहली मात्रा पर होता है।
Accidental - आकस्मिक
- पश्चिमी संगीत पद्धति में सामान्य स्वरग्राम के साथ-साथ कोई अन्य स्वर जिसका प्रयोग अल्प समय के लिए, ग्राम परिवर्तन किए बिना, सौंदर्य वृद्धि के उद्देश्य से किया जाता है।
Accompaniment - संगत, संगति
- मुख्य संगीत के साथ सहायक रूप से प्रस्तुत संगीत।
Adagio - अदाजिओ, विलंबित
- लय की वह गति जिसमें प्रति मिनट 66 से 76 तक मात्राएं होती हैं।
Ad libitum (ad lib) - यथेच्छ
- अपनी इच्छानुसार प्रयोग करने का निर्देश।
Aeolian harp - एओलिअन हार्प
- विभिन्न मोटाइयों की तांत की तंत्रियों का एक प्राचीन मुक्ततन्त्री वाद्य जिसका नामकरण एओलस देवता के नाम पर हुआ।
Affettuoso - एफ़ेतुओसी, सुकुमार
- सुकुमार भावयुक्त।
Affrettando - त्वरण (निर्देश)
- द्रुत या उत्तेजनापूर्ण संगीत प्रदर्शन में लय के किंचित् त्वरण का निर्देश।
Agitato - उत्तेजन
- पूरे जोश और दबाव से गाने-बजाने का निर्देश।
Agogic accent (=dynamic accent) - कालाघात
- स्वरसमूह के किसी अंश को प्रबल अथवा दीर्घ करके उस पर दिया गया बल जिसका चिह्न है —
Air - धुन
- गाने अथवा बजाने के लिए स्वर संदर्भयुक्त सरल रचना।
Allargando - लयमंदन (निर्देश)
- लय को क्रमशः मंद या विलंबित करने का निर्देश।
Allegro - मध्यद्रुत
- मध्य और द्रुत लय के बीच की थोड़ी तेज लय जो प्रदीप्त व उल्लासपूर्ण गति की द्योतक है। इसमें प्रति मिनट 120 से 168 तक मात्राएं होती हैं।
Al rovescio - प्रतिलोमीकरण
- आरोहात्मक स्वरसंदर्भ के क्रम को उलट कर अवरोहात्मक करना अथवा अवरोहात्मक को आरोहात्मक करना।
Al segno - देo segno
Alto - स्त्रीमंद्रक
- स्त्रियों की नीची आवाज या वयस्क पुरुषों की ऊँची आवाज जिसकी परास हारमोनियम के पाँचवे सफेद से सोलहवें सफेद तक है।
Andante - मध्य विलंबित
- मनुष्य की स्वाभाविक गति वाली लय जो मध्य (moderato) और विलंबित (adagio) लय के बीच की होती है। इसमें प्रति मिनट 76 से 108 तक मात्राएं होती है।
Anglican chant - आंग्ल गिरजा गीत
- इंग्लैंड में गाया जाने वाला सुस्वरतायुक्त एक सरल गान जो आजकल प्रायः अंग्रेजीभाषी अन्य प्रोटेस्टैंट गिरिजाघरों में भी गाया जाता है।
Animato - ऊर्जस्वित, जोशीला
- उत्तेजनापूर्ण, उत्साहपूर्ण, प्रबल, चेतन, जीवन्त।
Answer - जवाब
- ऐसा संगीत स्वर-समदाय जिसका प्रयोग अन्य स्वर समुदाय के प्रत्युत्तर में किया जाए।
- (टि.:यह विशेषकर ‘फ्यूग’ नामक संगीत रचना में व्यवहृत होता है।)
Anthem - वन्दना
- पवित्र व गम्भीर धार्मिक भावों से परिपूर्ण प्रार्थना या स्तुतिगान जिसे विशेषकर समूह-गान के रूप में गाया जाता है।
Anticipation - प्रत्याशा
- किसी मधुर संवादयुक्त स्वर संघात के तुरन्त बाद प्रयोग में आने वाले दूसरे स्वर संघात तथा स्वरों का पूर्वानुमान।
Antiphon - प्रतिगान, एंटिफ़ोन
- रोमन कैथोलिक और ग्रीक परम्परागत गिरिजाघरों में गाए जाने वाले धार्मिक भजन (psalm) जो कई खण्डों में एकल ही या समूह में अथवा दो विभिन्न समूहों के बीच बारी-बारी से गाए जाते हैं।
Arco - गज से (निर्देश)
- धनुर्वाद्यों को थोड़ी देर तक अंगुलि से बजाने के बाद पुनः गज से बजाने का निर्देश।
Aria - आरिया
- आपेरा तथा वृन्दगान में पाठ (recitative) के साथ व्यवहृत एकल मधुर व गम्भीर गीत।
Arietta - आरियेटा
- लघु, सरल व हल्के ढंग का ‘आरिया’ गीत।
Arpaggios - विस्तृत स्वर-संघात
- वह स्वर-संघात जिसके स्वर एक साथ बजाए जाने की बजाय एक दूसरे के फौरन बाद क्रमशः बजाए जाते हैं, जैसे कि हार्प में।
Assai - अति, असाई
- बहुत, अधिक, अत्यधिक (द्रुत आदि)।
A tempo - लय वापिसी
- मूल लय में लौटा आने की प्रक्रिया या निर्देश।
Atonal - आधार स्वरहीन
- जिसका कोई आधार स्वर न हो अथवा जो आधार स्वरत्व सिद्धान्त से हीन हो।
- (टि. आधार स्वरहीन संगीत में परम्परागत आधार स्वरत्व सिद्धान्त की उपेक्षा होने से आधार स्वर का विकेन्द्रीकरण हो जाता है)।
Attacca - निरन्तरता संकेत
- आगे प्रयुक्त होने वाले खण्ड को बिना रुके ग्रहण करके प्रदशित करने का संकेत।
Aubade - प्रभाती
- प्रातः काल गाया जाने वाला गीत।
Augmentation - संवर्धन (काल)
- संगीत के स्वरों के कालमान का बढ़ाया जाना।
Augmentated interval - वर्धित अन्तराल
- स्वरनाम और स्वरों के संख्यासूचक अन्तराल के परिवर्तन के बिना ही किन्हीं स्वरों के आपसी अन्तराल का आधा स्वर बढ़ाया जाना। उदाहरणार्थ, सा से म के सामान्य चतुर्थ अन्तराल का दीर्घ चतुर्थ अन्तराल स से म तीव्र होगा। सा ध तीव्र (भारतीय पद्धति से नी कोमल) वधित षष्ठ (augmented vi) कहलाएगा। यह स्वर लिपि को सरल बनाने और स्वरसंघात के अनुपात को कायम रखने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
Authentic modes - आदि मेल
- पाश्चात्य संगीत की पुरानी मेल-पद्धति में चार प्रमुख मेल जो भारतीय संगीत के चार मेल काफ़ी, भैरवी, यमन, खमाज के तुल्य हैं।
Auxiliary note - सहवर्ती स्वर
- किसी स्वर के बाद आने वाला वह स्वर जिसके बाद पुनः वही पहला मुख्य स्वर आए।
Bag pipe - मशकबीन
- चमड़े की मशक में छिद्रयुक्त पोली नलिकाओं को लगाकर बनाया गया सुषिर वाद्य जो मुंह से फूंकने पर मशक में हवा के भर जाने और नलिकाओं से वायु के बाहर निकलने से बजता है।
Ballad - गाथा
- (1) प्राचीन लोक कथाओं आदि पर आधारित लोकप्रचलित, छोटे आकार का (प्रायः रूमानी) गीतात्मक आख्यान।
- (2) गाथा संगीत से प्रेरित वाद्य रचना।
Ballad opera - गाथा संगीति का
- प्राचीन कथायुक्त संगीतप्रधान नाट्य।
Ballet - नृत्यरूपक, बले
- नृत्याभिनयप्रधान नाटक।
Band - बैंड
- सुषिर व अवनद्ध वाद्य वादकों का वृन्द।
Banjo - बैंजो
- अंगुलियों या जब्बे के प्रहार द्वारा बजाया जाने वाला, पाँच या अधिक तंत्रियों का सारिकायुक्त वाद्य विशेष।
Bar - लयखण्ड
- किसी स्वर लिपि में दो, तीन या चार मात्राओं के खण्ड या इकाइयाँ।
Bar line - लयखण्ड, पाई
- स्वरलिपि में लयखण्ड प्रदर्शित करने वाली खड़ी रेखा।
Baritone - (1) पुंमध्यक (परास) :पुरुष कंठ से उत्पन्न मंद्रमध्यस्थानीय स्वर तथा उसका क्षेत्र विशेष।
- (2) बैरीटोन :मंद्रमध्यस्थानीय स्वरों में बजने वाला (वाद्य आदि) यथा बैरोटोन सेक्सोफोन।
Bass - (1) पुंमंद्रक :पुरुष कंठ से उत्पन्न अति मंद्रस्थानीय ध्वनि तथा उसका क्षेत्र विशेष।
- (2) बास :गंभीर व अति मंद्र स्वरों में बजने वाला (वाद्य विशेष) यथा, बास क्लेरिओनेट, डबल बास आदि।
Bass baritone - पुंमंद्रमध्यक, बास बैरीटोन
- स्वाभाविक पुरुष-कंठ से उद्भूत, मध्य व मंद्र ध्वनि के बीच की ध्वनि; ऐसी आवाज जिसमें पुंमध्यक के कंठत्व और पुंमंद्रक के नाभि-उद्भूत गांभीर्यगुण, दोनों का सामंजस्य व मध्यस्थता प्रकट हो।
Bass clarionet - बास क्लेरिओनेट
- काष्ठ से बना, रीडों वाला सुषिर वाद्य विशेष जिसकी ध्वनि प्रायः पुंमद्रक होती है। यह सामान्य क्लेरिओनेट से एक सप्तक मंद्र होता है किन्तु इसका निचला भाग घंटे के आकार का होता है।
Bass clef - मंद्र परास चिह्न
- पाश्चात्य स्वरलिपि में पुंमंद्रस्थानीय स्वरों की स्थिति को दिखाने के लिए प्रयुक्त चिह्न विशेष जो स्वरलिपि पंक्ति के आरम्भ में लगता है।
Bass note - निम्नतम स्वर
- सुस्वरसमूह अथवा एक साथ बजाए या गाए जाने वाले दो या अधिक स्वरों में सबसे निचला स्वर।
Bassoon - बसून
- काठ का बना रीडों वाला सुषिर वाद्य विशेष जिसकी ध्वनि पुंमंद्रक होती है। इसका व्यवहार प्रायः वृन्दवादन, सैनिक वाद्यवृन्द, चैम्बर संगीत तथा कभी-कभी एकल वादन में भी होता है।
Basso ostinato (=obstinate bass, ground bass) - वारंवारक
- पुंमंद्रक ध्वनि में व्यवहृत, स्वर संदर्भयुक्त लयप्रधान सांगीतिक प्रकरण जिसे रचना के अंश विशेष में पृष्ठभूमि के रूप में बार-बार दोहराया जाता है।
Beat - (1) कालखण्ड :प्रत्येक तालखण्ड में काल की सबसे छोटी इकाई, मात्रा।
- (2) दोल (डोल) :विशिष्ट परिस्थितियों में दो निकटतम स्वर-संयोग के बीच होने वाला दोलायमान कंप।
- (3) घात :मात्रा या ताल के अनुसार हाथ से दी जाने वाली ताली अथवा संगीत प्रदर्शन में लय, मात्रा व ताल के अनुसार हाथ या छड़ी से संगीत संचालन।
Bell - घंटा
- पीतल, कांसे आदि धातु से बना, उल्टे प्याले की आकृति का एक स्वर वाला घनवाद्य।
Bellow - धौंकनी
- हारमोनियम, आर्गेन आदि सुषिर वाद्यों में हाथ या पैरों से धौंकने वाला भाग जिससे वाद्य में वायु संचित होकर रीडों में प्रवाहित होती है।
Belly - तबली
- ततवाद्यों का काठ या चमड़े का बना ऊपर का भाग जिस पर तारों की घुड़च स्थित होती है।
Berceuse - लोरी
- पालने में झूलते शिशु को सुलाने के लिए गाया गया गीत अथवा वाद्य में बजाई गई उसकी धुन।
Binary form - द्वि-अंगी रूप
- दो विभागों वाली संगीत रचना जिसमें पहले भाग का अन्त अपूर्ण मुक्ताय (अर्ध मुक्ताय) पर और दूसरे भाग का पूर्ण मुक्ताय पर होता है।
Bitonality - द्वि-आधार स्वरता
- संगीत का वह विशिष्ट प्रभाव जो साथ-साथ गाए या बजाए जाए जाने वाले दो वस्तुतः विभिन्न आधार स्वर वाले भागों के सम्मिश्रण से उत्पन्न होता है।
Bolero - बोलेरो
- तिस्रजातीय ताल में किया जाने वाला एक स्पेनी नृत्य विशेष जिसमें एक या अधिक जोड़े भाग लेते हैं।
Bow - गज, धनु
- रगड़ से बजने वाले ततवाद्यों की तंत्रियों को बजाने वाली काठ, सींग, हाथीदांत इत्यादि से बनी छड़ी या धनुष के आकार की वस्तु जिसमें प्रायः घोड़े की पूंछ के बाल लगे होते हैं। इसको तन्त्री से रगड़ने पर ध्वनि उत्पन्न होती है।
Bowing - गज चलाना, धनु चलाना
- तंत्रियों को बजाने के लिए गज का प्रयोग करना।
Brace - बंधनी
- पाश्चात्य संगीत में (प्रायः पियानो वादन में) दो विभिन्न स्वरांकनों को एक साथ बजाए जाने के लिए प्रयुक्त चिह्न जो धनुषाकार कोष्ठक के रूप में होता है।
Brass - तूर्य, तुरही (वाद्य वर्ग)
- फूककर बजाए जाने वाले, प्रधानतः पीतल या अन्य धातु से बने विभिन्न सुषिर वाद्य।
Brass band - तूर्यवृन्द
- फूंककर बजाए जाने वाले, धातु से बने सुषिर वाद्यों का समूह।
Breve - द्विमात्रिक
- दो मात्राओं वाला कालखंड। पाश्चात्य स्वरांकन पद्धति में गुरुतम मात्रा का निशान।
Bridge - उत्तर मेरु, घुड़च, घोड़ी
- ततवाद्यों में तबली के ऊपर लगी हुई लकड़ी, सींग, हाथी दांत, हड्डी या धातु की टेक जिस पर बजने वाली तंत्रियाँ स्थित रहती हैं। घुड़च के निकट ही तंत्रियों पर घर्षण या प्रहार द्वारा वाद्य बजाया जाता है और उसी के द्वारा तंत्रियों की गुंजनपरकता में अभिवृद्धि होती है।
Bridge passage - संयोजक-अंश
- किसी संगीत रचना के अलग अलग आधार वाले दो पाठों को कलात्मक ढंग से जोड़ने वाला संगीत का टुकड़ा जो उस रचना के दौरान आधार स्वर को बदलने की प्रक्रिया को सरल बना देता है।
Bugle - बिगुल
- किसी एक ही स्वर अथवा विशिष्ट सुस्वर समूह में बजने वाली छोटी तुरही जो प्रायः सेना में व्यवहृत होती है।
Cadence (close) - मुक्ताय (उपांतक)
- मुक्ताय (उपांतक) किसी संगीतिक रचना के समाप्त होने या उसमें किसी अन्य छोटी या बड़ी रचना के जुड़ने से पूर्व प्रयुक्त स्वर-संघात। यह पाँच प्रकार का होता है।
- (1) perfect cadence (पूर्ण मुक्ताय) मुकताय का एक रूप जिसमें पंचमक स्वर-संघात के बाद प्रथमक स्वर-संघात प्रयुक्त होता है। (2) imperfect cadence (अपूर्ण मुक्ताय, अर्धमुक्ताय) – मुक्ताय का एक रूप जिसमें किसी भी स्वर-संघात के बाद पंचमक स्वर-संघात व्यवहृत होता है। (3) interrupted cadence (सबाध मुक्ताय) – मुक्ताय का एक रूप जिसमें ऐसा आभास होता है जैसे कि रचना समाप्त हो गई हो किन्तु तुरन्त ही वह फिर शुरू हो जाती है। (4) plagal cadence (विस्तृत मुक्ताय) – मुक्ताय का एक रूप जिसमें चतुर्थक स्वर-संघात के बाद प्रथमक स्वर-संघात व्यवहृत होता है। (5) mixed cadence (मिश्र मुक्ताय) – मुक्ताय का एक रूप जिसमें चतुर्थक स्वर-संघात के बाद पंचमक स्वर-संघात व्यवहृत होता है।
Cadenza - स्वैच्छिका
- संगीत रचना का वह अंश जो प्रायः एकल स्वेच्छ गायन या वादन के लिए निश्चित होता है।
Calando - अवमंदन (संकेत)
- प्रबलता तथा लय को क्रमशः कम करने का संकेत।
Canon - स्थाय (phrase) अनुसरण
- पाश्चात्य संगीत की सहचलन शैली में प्रस्तुतियों का एक साथ आरम्भ न होकर एक दूसरे के बाद आरम्भ होना।
Cantabile - मृदु
- ऐसा गायन-वादन जो मृदु, सुकुमार हो।
Cantata - गान, गेय रचना
- गाने के लिए बनाई गई रचना। यह शब्द प्रायः विशेषण रूप में प्रयुक्त होता है जैसे cantata da chiesa=चर्चगान। (तुo सोनाटा)।
Canto fermo (=cantus fermus) - आधार धुन, मूल धुन
- संगीत रचना की वह प्रधान धुन जिसकी सजावट के लिए सहचलन इत्यादि में गौण धुनों का प्रयोग किया जाता है।
Carol - (ईसाई) पर्वगीत, कैरोल
- विशिष्ट पर्व पर गाया जाने वाला (ईसाइयों का) धार्मिक गीत।
Castanets - कैस्टानेट्स
- हाथों से बजाया जाने वाला, लकड़ी का बना तातवाद्य विशेष।
Cello (=violin cello) - चलो
- वायलिन के आकार का किन्तु उससे बड़ा तंत्री वाद्य जिसे घुटनों में रखकर बजाया जाता है। (देo violin family)
Chamber music - चैंबर संगीत
- गिरजाघरों के प्रार्थनागार अथवा छोटे कक्षों में प्रस्तुत किया जाने वाला संगीत जिसमें सामान्यतया वायलिन परिवार के वाद्य प्रयुक्त होते हैं।
Change ringing - सक्रम घंटिकावादन
- किसी विशिष्ट स्वर-क्रम की ध्वनियों में मिलाई गई घंटियों का क्रमानुसार वादन।
Chant - धार्मिक गीत
- उपासना के रूप में गाए जाने वाले ईसाई गीत।
Chest voice - मंद्रभरित ध्वनि
- कंठ ध्वनि का मंद्र गम्भीर नाद जिसके उच्चारण में वक्षस्थल पर डोर पड़ता है।
Chime bells - घंटिकावली
- मधुर व विभिन्न स्वरों में मिलाई गई घंटियाँ।
Choir - गायकवृन्द
- सामूहिक रूप में गाने वाले गायकों का समूह।
Chord - स्वर-संघात
- एक साथ गाए या बजाए जाने वाले स्वरों (तीन या उससे अधिक) का समूह।
Chorus - (1) गायकवृन्द :आपेरा आदि के सहगायन वाले अशों के गाने वाले गायकों का समूह।
- (2) वृन्दगान :संगीत-रचना का वह भाग जिसे गायक मिल कर गाते हैं।
Chromatic scale - द्वादश स्वरग्राम
- संगीत में प्रयुक्त होने वाले सप्त स्वरों के (क्रमानुसार) शुद्ध, कोमल, तीव्र आदि 12 रूपों से युक्त स्वरग्राम। इसमें प्रत्येक स्वर के बाद अर्ध स्वर का अन्तराल होता है।
Charionet - क्लेरिओनेट
- लकड़ी, बैकोलाइट या धातु का बना चाबियों वाला सुषिर वाद्य।
Classical music - शास्त्रीय संगीत, क्लासिकी संगीत
- (1) (रूमानी तथा सामान्यतः लोकप्रचलित संगीत की तुलना में) वह संगीत जिसे परिष्कृत रुचि वाले पारखी श्रोता अथवा संगीतज्ञ स्वीकार करते हैं; कला के प्रतिष्ठापित तथा विशद रूप के अनुरूप संगीत, जैसे फ्यूग या सोनाटा आदि।
- (2) संगीतज्ञों के उस वर्ग के द्वारा निर्मित संगीत-रचना, जिसकी कृति लक्षणों की दृष्टि से श्रेण्यता, आभिजात्य अथवा शास्त्रीयता से युक्त होती है।
Clef - पराससूचक (चिह्न)
- पाश्चात्य स्वरांकन पद्धति में किसी संगीत रचना को लिखते समय प्रारम्भ में प्रयुक्त चिह्न जो स्टाफ (रेखाओं) की सीमाओं का परिचायक है।
Close (d) harmony - संकुचित सहस्वरता
- पियानो-पाठ में सहस्वरता के चारों पाठों के स्वरों का ऐसा विन्यास जिसमें अनुलंब दृष्टि से संघातों के किन्हीं दो स्वरों के बीच अन्य स्वरों के प्रवेश की गुंजाइश न हो।
Coda - समापक (चिह्न)
- (1) किसी संगीत रचना के अंत में जोड़ा जाने वाला टुकड़ा जो रचना की समाप्ति का द्योतक हो।
- (2) संगीतांश की समाप्ति का द्योतक चिह्न।
Colla - के साथ, से (निर्देश)
- टि. यह शब्द किसी अन्य शब्द के पहले निर्देश के रूप में जुड़ा रहता है जैसे colla arco=गज से।
Coloratura (=figurata) - द्रूतालंकार
- प्रवाहपूर्ण तथा अलंकृत शैलीयुंक्त द्रुत संगीत।
Combination pedals (=composition pedals) - संयुक्त पदिक
- आर्गेन वाद्य में विभिन्न ध्वनि बिम्बों अथवा ध्वनि रूपों के शीघ्र और सुविधाजनक परिवर्तन के लिए प्रयुक्त काष्ठ पट्टिकाएं जिन्हें पैर से दबाया जाता है।
Comma - अल्प विराम (चिह्न)
- रचना के दौरान किसी टुकड़े या स्थान के बाद थोढ़ा विराम दिए जाने का चिह्न।
Common chord - सामान्य स्वर-संघात
- किसी विशिष्ट स्वर के साथ उसके तीसरे और पाँचवें स्वरों के संयोग से निर्मित स्वर-संघात।
Common time - चतुरस्र कालमान
- चतुर्मात्रिक काल खण्डों से युक्त ताल अर्थात् जिसमें एक काल खड के अंतर्गत चार चतुर्थांश मात्रिक का प्रयोग हो।
Comodo - सुगम
- सरल प्रवाह वाला, सहज गति वाला।
Compass - ध्वनि परास
- कंठ या वाद्य के मंद्रतम स्वर से तारतम स्वर तक ध्वनि विस्तार।
Composition - प्रबंध, बंदिश
- स्वरतालबद्ध पदरहित या पदसहित (गेय या गत आदि) संगीत रचना।
Compound interval - सप्तकाधिक स्वरांतराल
- किसी स्वर तथा उससे एक सप्तक से अधिक ऊँचे स्वर के बीच का अंतराल, जैसे मध्य सप्तक के सा से तार सप्तक के रे गम . . . . . के बीच का अंतराल।
Compound time (=compound measure) - त्रिकाल ताल, त्र्यस्र जातीय
- ऐसा कालमान जिसमें दो या दो से अधिक सरल कालमान हों। इस कालमान के संकेत का गुणक 5/4 तथा 7/4 को छोड़ कर अन्य सभी स्थानों पर दो अथवा तीन का गुणक होता है।
Concert - संगीत सभा
- श्रोताओं के सम्मुख की जाने वाली वादन या गायन गोष्ठी।
Concerto - एकलप्रधान प्रस्तुति
- ऐसी वाद्यवृन्द संगीत रचना जिसमें प्रधान वाद्य के अतिरिक्त अन्य वाद्य सहायक के रूप में प्रयुक्त हों।
Conard - कर्णप्रियता
- स्वर संघातों का कर्णप्रिय होना।
Conducting - निर्देशन
- वाद्यवृन्द अथवा सामूहिक गान इत्यादि के संचालन की कला।
Conjunct motion - क्रमिक संचार
- किसी धुन के आरोह-अवरोह का क्रमिक प्रवाह जिसमें कोई स्वर छूटा न हो।
Consecutive 5th, 8th - क्रमागत पंचम, अष्टम
- पाश्चात्य संगीत में सहचलन अथवा सहस्वस्ता के बास और स्प्रेनों अंशों की समदिशा के स्वरों में लगातार एक से अधिक बार 5-8 स्वरों का अंतराल होना।
- (इसे रचना का दोष माना जाता है)।
Consonance - संवादिता, अनुरूपता, सहमधुरता
- किन्हीं दो या दो से अधिक स्वरों को साथ-साथ गाए या बजाए जाने पर कान को प्रिय लगने वाला प्रभाव।
Con sordino - मंदीकारक से (निर्देश)
- वाद्य-ध्वनि को मृदुतर करने के लिए मंदीकारक उपकरण का प्रयोग करने का निर्देश।
Contra bass (=double bass) - कांट्रा बास
- वायलिन परिवार का आकार में सब में बड़ा और तारता में सब से नीचा तंत्री वाद्य। (violin family भी देखिए)।
Contralto - स्त्रीमंद्रक, कंट्राल्टो
- (1) नारी कंठ से उत्पन्न नीची या मोटी आवाज तथा उसका क्षेत्र विशेष।
- (2) ऐसी ध्वनि वाली गायिका।
Contrary motion - विमुख संचार
- किसी धुन-अंश के दो ऐसे भागों का सहचलन जिनमें से एक आरोह क्रम और दूसरा अवरोह क्रम में हो जैसे ग म प के साथ-साथ ग रे स का प्रयोग।
Counterpoint - सहचलन
- एक या अधिक धुनों का किसी एक मुख्य धुन के साथ साथ गाया या बजाया जाना।
Crescendo - ध्वनिवर्धन (संकेत)
- ध्वनि के आयाम को क्रमशः बढ़ाने का संकेत। इसका रूप cres. . .या निम्न प्रकार का होता है :-
Crotchet (=quarter) - पादमात्रिक, चतुर्थांशमात्रिक
- पाश्चात्य संगीत में चतुर्थांश मात्राकाल को अभिव्यक्त करने के लिए प्रयुक्त चिह्र जिसका स्वरूप b होता है। आधुनिक हिंदुस्तानी संगीत में यह एक मात्रा के बराबर है।
Cymbals - झांझ
- चमड़े के हैंडिल वाली पीतल की दो गोलाकार प्लेटें जिन्हें आपस में टकरा कर आवाज पैदा की जाती है। इन्हें हाथों के अलावा पैर से लीवर दबाकर या छड़ी आदि किसी अन्य विधि से बजाया जा सकता है।
Da capo - आदितः आवृत्ति (संकेत)
- लिखित संगीत रचना के गायन-वादन के दौरान किसी विशेष स्थान से (जहां D. C. लिखा हो) रचना को आरम्भ से दोहराने का संकेत।
Dal segno - देo segno
Damper - अवमंदक
- पियानों की पट्टिकाओं को दबाकर छोड़ देने से उसके अंदर बजने वाली तंत्री की ध्वनि को रोकने के लिए प्रयुक्त नमदे का टुकड़ा।
Damper pedal - अवमंदक पदिक
- पियानो में लगी एक युक्ति जिसे पैर से दबा कर पियानो की ध्वनि के आयाम को कम किया जाता है।
Decrescendo (=diminuendo) - ध्वनिमंदक संकेत
- ध्वनि के आयाम को क्रमशः कम करने का संकेत। इसका रूप decres . . . . या निम्न प्रकार का होता हैः
Degree - स्थिति
- सरगम में स्वर-विशेष की क्रम संख्या।
Demisemiquaver - बत्तीसवाँ अंश
- एकमात्रिक (semibreve) काल-मान का 32 वाँ अंश।
Descant - डेस्कांट
- किसी मुख्य धुन में प्रयुक्त अतिरिक्त संगीत जो प्रायः आशु कल्पना-प्रसूत होता है।
Detache - अबद्ध (निर्देश)
- धनुवदियों में दक्षिणचालन अथवा वामचालन द्वारा स्वरों को अलग-अलग बजाने का निर्देश।
Diatonic scale - डायाटोनिक ग्राम
- संगीत में प्रयुक्त होने वाले सात स्वरों का ग्राम जिसमें दो निकटवर्ती स्वरों के अंतराल एक से नहीं होते। दूसरे शब्दों में, जिसमें दो पूर्ण स्वरांतराल के बाद एक अर्ध स्वरांतराल होता है।
Differential tone - अवकल अनुनाद
- दो प्रबल निनादित स्वरों के सह-अनुनादस्वरूप सुनाई देने वाला सूक्ष्म नाद जो दोनों मुल स्वरों में होने वाले आंदोलनों के बीच अनुरूपता स्थापित करता है।
Diminished interval - ह्रासित स्वरांतराल
- स्वर-संज्ञा या स्वर-संख्या का परिवर्तन किए बिना, किसी स्वरांतराल के दूसरे स्वर में अर्ध स्वर की कमी वाला अंतराल।
Diminuendo - ध्वनिमंदन संकेत
- ध्वनि को क्रमशः हल्का व सुकुमार करने का संकेत। (देo decrescendo)
Diminution - ह्रासन
- किसी रचना में स्वरों का कालमान कम करने की प्रक्रिया।
Discord - कर्णकटुता
- स्वरसंघातों का कर्णकटु होना।
Disjunct motion - अपक्रमिक संचार
- स्वरों का ऐसा आरोह-अवरोह जो क्रमिक न होकर लंघनयुक्त होता है जैसे ग प म।
Divisi - विभाजन (संकेत)
- वृंदवादन में वादकों को अपने लिए निश्चित पाठों को अलग-अलग बजाने का संकेत।
Do (doh) - सा, षड्ज
- सप्तक का प्रथम स्वर।
Dolce - मृदुता (संकेत)
- मधुर या सुकुमार ढंग से गायन-वादन संकेत।
Dolorose - करुणा (संकेत)
- किसी सांगीतिक अंश में दुःख, विषाद या करुणा प्रदर्शित करने का संकेत।
Dominant - पंचमक
- सप्तक का पाँचवाँ स्वर।
Dominant chord - देo cadence, perfect
Dot - बिंदु
- पाश्चात्य स्वरलिपि में प्रयुक्त चिह्न विशेष (.) जो दो प्रकार से व्यवहृत होता है :-
- (1) किसी स्वर के ऊपर लगाने पर उस स्वर का कालमान कम हो जाता है और इस प्रकार वह आगे प्रयुक्त होने वाले स्वर से थोढ़ा असंबद्ध हो जाता है।
- (2) किसी स्वर के दायी ओर लगाने पर उस स्वर का कालमान 1 1/2 गुणा हो जाता है।
Dotted note - सार्धकालिक स्वर
- ऐसा स्वर जिसकी काल मात्रा को 1 1/2 गुणा करने के लिए उसकी दाहिनी तरफ बिन्दु लगाया गया हो।
Double bar - द्विरेखा
- (1) किसी सांगीतिक रचना या उसमें प्रमुख भाग की समाप्ति की सूचक दोहरी खड़ी रेखाएँ।
- (2) रचना के बीच किसी भाग में लगाई गई दो रेखाएँ जो आगामी किसी विशेष स्थिति के लिए सावधान होने की सूचना देती है।
Double flat - द्विशः कोमल
- दो बार आधा स्वर कम करके लिखा गया स्वर। इसका चिह्र है :–
Double sharp - द्विशः तीव्र
- दो बार आधा स्वर बढ़ा कर लिखा गया स्वर।
- इसका चिह्र है :–
Double tonguing - द्वि तुत्कार
- सुषिर वाद्य के मुखरंध्र पर वादक द्वारा जिह्वाग्र से किया जाने वाला कलात्मक दोहरा आघात जिससे वाद्य में तुक-तुक की दोहरी ध्वनि से युक्त दोहरे स्वर बजते हैं।
Down beat - प्रघात
- ताल खंड की प्रबल मात्रा का संकेत। यह संकेत संगीत निर्देशक हाथ या छड़ो को नीचे की ओर ले जाकर करता है।
Down bow - दक्षिण चालन (संकेत)
- गज से बजाए जाने वाले वाद्य की तंत्री पर दाहिने हाथ की तरफ गज चलाने का संकेत।
Drone - पृष्ठनाद
- (1) आधार स्वर का निरन्तर गुंजार।
- (2) वह वाद्य जो इसके लिए काम में लाया जाए।
Drum - (1) ढोल :चमड़े से मढ़ा तालप्रधान वाद्य विशेष।
- (2) अवनद्ध वाद्य :चमड़े से मढ़े तालप्रधान वाद्यों की कोटि।
Duet (=duo) - युगलबंदी
- दो गायकों या दो वादकों द्वारा प्रस्तुत सहसंगति।
Duplets - द्विबंध
- त्रिगुण स्वर वाले टुकड़े को दो मात्राओं में बाँधने का चिह्र।
Elegy - शोक गीति
- मृत्यु आदि के अवसर पर गाया जाने वाला शोकपूर्ण गीत।
Encore - पुनः पुनः
- किसी संगीत प्रस्तुति को दोहराने की फरमाइश।
Ending - अंत्यांश
- संगीत रचना का अन्तिम भाग।
Enharmonic interval - नाम भेद-अन्तराल
- दो भिन्न नाम वाले स्वरों जैसे तीव्र D (रे) और कोमल E (ग) के बीच का अन्तराल जो ग्राम में विद्यमान होते दुए भी कुंजीपटल पर नहीं पाया जाता।
Ensemble - समूह
- गायक-वादक समूह।
Entracte - अंकांतर संगीत
- नाटक या संगीत नाटिका के अंकों के बीच बजाया जाने वाला संगीत।
Entrée - अवतरणिका संगीत
- नाटकों में पात्र के रंगमंच पर अवतरण के लिए प्रस्तुत किया जाने वाला संगीत।
Episode - योजक अंश
- दो सांगीतिक अंशों को जोड़ने वाला टुकड़ा।
Equal temperament - देo temperament
Essential note - अनिवार्य स्वर
- पाश्चात्य संगीत में स्वरसंघात (कॉर्ड) में प्रयुक्त आवश्यक स्वर।
Etude - अभ्यास कृति
- वाद्य संगीत में प्रायः एकल रूप में बजाई जाने वाली विशिष्ट रचना जो मूलतः अभ्यास के लिए होते हुए भावपूर्ण भी होती है।
Exposition - प्रतिपादन
- (1) पाश्चात्य संगीत की सोनाटा या फ्यूग विधा का वह भाग जिसमें विस्तार के पूर्व विषयवस्तु का निरूपण हो।
- (2) उपरोक्त भाग में होने वाली निरूपण प्रक्रिया।
Extemporization (=improvisation) - उपज
- संगीत, काव्य आदि कलाओं में किसी तैयारी के बगैर तत्काल रचना करना, सद्यःस्फूर्त रचना, आशु रचना।
Fa (fah) - म, मध्यम
- सप्तक का चौथा स्वर।
Falsetto - कृत्रिम स्वरण
- व्यस्क पुरुषों द्वारा अपने गायन में अपनी स्वाभाविक कंठध्वनि की अपेक्षा बनावटी आवाज निकालना। कंठध्वनि का यह विशिष्ट प्रयोग अन्य कंठध्वनियों के अनुकरण के लिए (प्रायः हास्यादि का प्रभाव उत्पन्न करने के लिए) किया जाता है जैसे स्त्रियों की कंठध्वनियों का पुरुषों द्वारा अनुकरण।
Fanfare - तूर्य घोष
- कार्यारम्भ का सूचक संगीत।
Fantasia - स्वेच्छा रचना, फेंटेसिया
- संगीत की ऐसी रचना जिसमें कल्पना की मुक्त उड़ान हो।
Fermata - देखिए pause
Fiddle - फिडल
- वायलिन का पुराना नाम।
Fife - छोटी बांसुरी
- परम्परागत अर्थ में, ऊँचे स्वर में बजाने वाली छोटी बांसुरी; अब सेना के तूर्यवृन्द में बजाई जाने वाली बांसुरी।
Fifth (interval) - पंचम (अन्तराल)
- किसी स्वर तथा उससे ऊँची ध्वनि वाले पाँचवे स्वर के बीच का अन्तराल जैसे, रे से ध के बीच का अन्तराल।
Final - न्यास
- प्राचीन ग्रीक संगीत में व्यवहृत मेलों का अन्तिम स्वर।
Finale - अंतिमांश
- (1) किसी कृति का अन्तिम अंश।
- (2) संगीत नाट्य के किसी अंक के अन्त का सूचक अंश।
Fine - अंत
- (1) किसी संगीत रचना की परिसमाप्ति।
- (2) संगीत रचना के मध्य उस स्थान पर लगाया जाने वाला संकेत विशेष जिस स्थान तक रचना की पुनरावृत्ति होने के बाद उसका समापन होता है।
Finger board - दांड, दांडी, अंगुलिपटल
- ततवाद्यों का वह लम्बा भाग जिसके एक छोर से दूसरे छोर तक लगी तंत्रियों को अंगुलियों से दबा कर बजाया जाता है।
Fingering - अंगुलिचालन
- वादन में विभिन्न सुरों को निकालने के लिए हाथ की अंगुलियों का प्रयोग अथवा उनके प्रयोग के लिए लिखित निर्देश।
Fipple flute - सीटी वाली बांसुरी
- ऐसी बांसुरी जिसके मुखरंध्र में काष्ठ का छोटा टुकड़ा लगा हो।
Flageolet - फ्लेज्योलेट
- एक सुषिर वाद्य विशेष।
Flageolet-note - अनुगुणित स्वर
- किसी ततवाद्य का गुणित स्वर जिसकी ध्वनि इतनी पतली हो कि उससे बांसुरी की ध्वनि का आभास होता हो।
Flat - फ्लैट, कोमल, मृदु
- शुद्धावस्था से आधा स्वर नीचा करके विकृत किया हुआ (स्वर)। इसका चिह्र पाश्चात्य संगीत में इस प्रकर है :–
Florid counterpoint - प्रवाही सहचलन
- समवेत गायन-वादन में पारम्परिक पूरक सहप्रयोग की एक संकीर्ण विधा जिसमें स्वरों का प्रयोग समान, अर्ध, तृतीयांश व चतुर्थांश मात्रिक लयकारियों के संयुक्त रूप में अथवा अष्टमांश मात्रिक लयकारी के रूप में किया जाता है।
Flute - वेणु, बांसुरी, बंशी
- बांस, काठ, या धातु का बना, नलिका के आकार का छिद्रयुक्त सुषिर वाद्य।
Folia - फोलिया
- मूलतः एक विशेष पुर्तगाली नृत्य का नाम। बाद में नृत्य के लिए व्यवहृत एक विशेष धुन।
Folk dance - लोक नृत्य
- किसी देश या क्षेत्र विशेष के जनसमुदाय का परम्परागत विशिष्ट नृत्य जिसका उद्गम उनके अनुष्ठानों अथवा उनकी संस्कृति के अन्य तत्वों में देखा जा सकता है।
Folk song - लोकगीत
- किसी देश या क्षेत्र विशेष के जनसमुदाय के परम्परागत वे गीत जो उनकी विशिष्ट संस्कृति के अंग होते हैं। धुन की सरलता, स्थायी का समवेत गायन तथा गेय पद लोकगीत की विशिष्टताएं हैं।
Form - रूप
- संगीत-रचना के विभिन्न अंशों और तत्वों का एक विशिष्ट विन्यास जिससे उसके प्रभाव, अभिरचना और अभिकल्पना में अन्विति तथा सममिति आ जाती है।
Forte - सबल (संकेत)
- जोरदार तथा ऊँची आवाज निकालने का संकेत।
Fourth (interval) - चतुर्थ अन्तराल
- किसी स्वर तथा उससे ऊँची ध्वनि वाले चौथे स्वर के बीच का अन्तराल जैसे स से म के बीच का अन्तराल।
French horn - फ्रेंच हॉर्न
- मुख फूत्कार से बजने वाला, धातु का बना एक सुषिर वाद्य।
Frequency - आन्दोलन संख्या
- किसी स्वर में प्रति मिनट होने वाले दोलनों की संख्या।
Fret - सारिका, सुन्दरी, परदा
- ततवाद्यों की डांड पर स्थापित, स्वरस्थिति दर्शाने वाली, धातु की बनी पट्टिकाएं जिन पर (बांए हाथ की अंगुलियों से) वाद्य तंत्री को दबा कर विभिन्न स्वर निकाले जाते हैं।
Fugue - फ़्यूग
- सहचलन वाली एक संगीत-रचना जिसमें दो धुनें दोहराई जाती हैं अथवा अनुकृत की जाती हैं।
Fuguetta - फ़्युगेटा
- फ़्यूग नामक संगीत-रचना का लघु स्वरूप।
Full score - विस्तृत पाठ
- गायन या वादन रचना का वह समवेत पाठ-लेखन जिसमें प्रत्येक गायक या वादक का पाठ अलग-अलग रेखाओं पर लिखा हो।
Galop - गैलप
- 19वीं शताब्दी का बाल रूम नृत्य विशेष जो साधारणतया ड्यूपल-काल (2/4) के अनुसार घूम-घूम कर किया जाता था तथा जिसमें प्रत्येक खंड की अंतिम मात्रा पर पद परिवर्तन हो जाता था।
Gamba - गैम्बा
- (1) वायोला-दा-गैम्बा नाम का संक्षिप्त रूप।
- (2) उपरोक्त वाद्य की ध्वनि का आभास देने वाली ध्वनि उत्पन्न करने के लिए आर्गेन वाद्य में प्रयुक्त की जाने वाली चाबी (ORGAN STOP)।
Gamut - स्वर परिसर
- (1) कंठ या वाद्य की ध्वनि के विस्तार का क्षेत्र।
- (2) सप्तक।
Geige/geigen - गाइगन
- (1) गज से बजने वाला कोर्ड भी वाद्य। आजकल केवल वायलिन के अर्थ में प्रयुक्त।
- (2) आर्गेंन वाद्य में वायलिन नाद के समान ध्वनि उत्पन्न करने के लिए प्रयुक्त विशेष अवरोधक चाबी (stop)।
Gemshorn - गेमशोर्न
- आर्गेन में सुकुमार ध्वनि के लिए प्रयुक्त की जाने वाली अवरोधक चाबी (stop)।
Gittern - गिटर्न
- गिटार परिवार का एक वाद्य।
Ginsto - धीर (लय)
- मंद गति वाली नियंत्रित लय।
Glissando - मोड़, सूत
- बीच के सभी नादों को छूते अर्थात् ध्वनित करते हुए एक स्वर से दूसरे स्वर तक पहुंचने की विधि।
Glockenspiel - धातुपट्टतरंग
- धातुपट्टिकाओं वाला लयप्रधान वाद्य।
Gong - घड़ियाल
- काँसा, पीतल, तांबे आदि का बना थाली के आकार का घनवाद्य।
Grace-note - कण स्वर, कन
- किसी मुख्य स्वर के तुरन्त पहले प्रयुक्त होने वाला कोई अन्य आलंकरिक स्वर जिसका लेखन चिह्र पाश्चात्य स्वर लिपि में इस प्रकार है :–
Grave - अतीव विलंबित
- अत्यन्त मंदगति वाली लय।
Gregorian chant - ग्रेगरीय संगीत
- यूरोप के ईसाई धर्मगुरु पोप ग्रेगरी प्रथम से सम्बद्ध धार्मिक सरलगीत जिसका व्यवहार अब भी रोमन कैथोलिक चर्च में होता है।
Gregorian tones - ग्रेगरीय स्वरक
- ग्रेररीय संगीत की आठ प्रमुख धुनें जिनमें प्रत्येक धुन मध्यकालीन पाश्चात्य संगीत की अलग मेलों (modes) से सम्बद्ध है।
Ground bass - देo basso ostinato
Half close (=half cadence) - अपूर्ण मुक्ताय
- देo cadence, imperfect
Hand bells - कर घंटिकावली
- विभिन्न आकार व स्वरों की घंटिकाओं का समूह जिन्हें हाथों से हिलाकर बजाने पर विभिन्न स्वरावलियाँ उत्पन्न होती हैं।
Harmonica - हारमोनिका
- मुख से बजाया जाने वाला सुषिर वाद्य विशेष जिसे माउथ आर्गेन भी कहा जाता है।
Harmonics - गुणित स्वर
- ततवाद्य की तन्त्री पर आघात या घर्णण द्वारा नाद से उत्पन्न उपनाद।
- टि. :सूक्ष्म ध्वनिग्राही कानों वाले विदग्ध सुसंगीतज्ञों को मुख्य नाद के साथ ही साथ हल्की ध्वनि के रूप में उपनाद भी सुनाई पढ़ते है। उच्च आंशिक स्वर (upper partial) को harmonic शब्द का पर्याय मानना सर्वथा युक्तिसंगत नहीं है। उदाहरणार्थ, स्वरित्र द्विभुज (tuning fork) तथा घंटी से इस प्रकार के उच्च अंश स्वर उत्पन्न होते हैं जो गुणित स्वर श्रेणी के अनुरूप (संवादी) नहीं होते। इस प्रकार ऐसे स्वरों को inharmonic upper partials कहा जाता है। अतः सभी harmonic स्वर उच्च अंश स्वर होते हैं लेकिन सभी उच्च स्वर उच्च अंश स्वर होते हैं लेकिन सभी उच्च स्वर अंश harmonics नहीं होते।
Harmonic scale - देo minor scale
Harmonic series - गुणित स्वर श्रेणी
- किसी आधार स्वर के सभी गुणित स्वरों का क्रम।
Harmonium - हारमोनियम
- पेटी की आकृति वाला सुषिर वाद्य विशेष जिसे एक हाथ से धौंकनी को धौंकते हुए दूसरे हाथ की अंगुलियों से चाबियों को दबाकर बजाया जाता है।
Harmony - सहस्वरता
- त्रिविम संगीत में ऐसी ध्वनियों का एक साथ प्रयुक्त होना जिनका अनुपात व संवाद, सांगीतिक दृष्टि से कर्णमधुर व सार्थक हो। इसके स्वरांकन में बाएं से दाएं के साथ-साथ ऊपर से नीचे लिखे हुए समस्त अंशों में पारस्परिक ध्वनि संवाद स्थापित होना आवश्यक है।
Harp - हार्प
- एक पाश्चात्य ततवाद्य जिसमें तीनों सप्तकों के विभिन्न स्वरों के लिए अलग अलग तंत्रियाँ होती हैं।
Harplute - हार्पल्यूट
- गिटार परिवार का एक ततवाद्य। 19बीं शताब्दी के प्रथम चरण में प्रचलित।
Harpsichord - हार्पसीकार्ड
- पट्टिकाओं को अंगुलियों से दबा कर बजाया जाने वाला ततवाद्य। इसमें ध्वनि उत्पन्न होने की प्रक्रिया पियानो से भिन्न है।
Hexachord - षाड़व ग्राम
- छः स्वरों की श्रृंखला जिसमें तीसरा और चौथा स्वर सदैव अर्ध स्वरांतर से और शेष स्वर पूर्ण स्वरांतर से पृथक होते हैं।
Horn (=French horn) - हार्न (फेंच हॉर्न)
- मुख से बजाया जाने वाला धातु से बना एक सुषिर वाद्य।
Hymn - स्तोत्रगान
- चर्च में सामूहिक रूप से गाई जाने वाली ईश्वर स्तुति।
Idyll - ग्राम्यगीत
- चरवाहों के शांत ग्रामीण जीवन से सम्बद्ध संक्षिप्त संगीतमय रचना।
Imperfect cadence - देo cadence
Impromptu - आशु प्रबन्ध
- संगीतज्ञ की प्रत्युत्पन्नमति द्वारा सद्यःस्फूर्त आशु संगीत रचना।
Improvization (=extemporization) - देo extemporization
Incidental music - प्रासंगिक संगीत
- नाटक के अभिनय के दौरान प्रस्तुत प्रयाण गीत, नृत्य-गीत, प्रेमगीत आदि।
Instrument - वाद्य, बाजा
- संगीत में स्वर या ताल की अभिव्यक्ति के लिए बजाया जाने वाला यन्त्र।
Interlude - अन्तःसंगीत, मध्यवर्ती संगीत
- (1) नाटक के किन्हीं दो अंकों के बीच की अवधि में प्रयुक्त संगीत।
- (2) गीत की पंक्तियों अथवा उसके स्थाई और अन्तरा के बीच का वाद्य संगीत।
Interrupted cadence - देo cadence
Intonation - सुरीलापन
- सुर में गाए या बजाए जाने की विशेषता।
Introduction - प्रास्ताविक संगीत
- किसी सांगीतिक रचना का प्रारम्भिक अंश जो उस रचना की प्रस्तुत करते समय प्रायः मंदगति में गाया या बजाया जाता है। इसका प्रयोग विशेष कर पाश्चात्य संगीत की सिंफनी और सोनाटा आदि संगीत विधाओं के प्रारम्भ में होता है।
Inversion - विलोमन
- पाश्चात्य स्वरांकन पद्धति में दो स्वरों में किसी एक स्वर की एक सप्तक नीचा या ऊँचा करना।
Jazz - जैज़
- विभिन्न वाद्यों द्वारा प्रस्तुत आशुकल्पनाप्रधान वाद्य-संगीत।
Key - (1) आधारक :
- पाश्चात्य संगीत में षड्ज संक्रमण पद्धति का केन्द्र स्वर।
- (2) परदा :
- आर्गेन, हारमोनियम व एकार्डियन आदि वाद्य यंत्रों में प्रयुक्त पट्टियाँ जिन्हें हाथ की अंगुलियों से दबाने पर स्वर उत्पन्न होते हैं।
Key-board - स्वरपटल
- पियानो, आगन, हारमोनियम व एकार्डियन आदि वाद्यों में क्रमानुसार स्थित पट्टिकाओं का समूह; उक्त वाद्यों का वह भाग जिस पर स्वर पट्टिकाएं क्रमानुसार स्थित रहती हैं।
Key note=tonic note - केन्द्र स्वर, आधार स्वर
- स्वरपटल के किसी भी ग्राम का वह प्रथम व आधार स्वर जिसके नाम से ही वह स्वरग्राम विशेष जाना जाता है।
Key-signature - आधार स्वर चिह्र
- केन्द्र स्वर व आधारक की तारता का द्योतक चिह्र। पाश्चात्य स्टाफ स्वरांकन पद्धति में लिखित संगीत रचना का प्रारम्भिक तीव्र या कोमल स्वर चिह्र उसके आधार स्वर का द्योतक होता है।
La-(=lah) - ध, धैवत
- सप्तक का छठा स्वर।
Lament - विलाप गीत, शोक गीत
- मृत्यु के अवसर पर बजाया जाने वाला विषादपूर्ण गीत। स्काटलैंड और आयरलैंड में ग्राम्य संगीत के रूप में प्रचलित। प्रायः यह मशकबीन (बैगपाइप) पर बजाया जाता है।
Larghetto - प्रविलंबित
- विलंबित और अतिविलंबित के बीच की 60 से 66 मात्रा प्रति मिनट वाली धीमी लय।
Largo - अतिविलंबित
- 40 से 60 मात्रा प्रति मिनट वाली बहुत धीमी लय।
Leading note - सप्तम स्वर
- संगीत में प्रयुक्त सप्तक का सातवाँ स्वर जिसकी प्रवृत्ति साधारणतया आधार स्वर की तरफ होती है। इसी कारण इसको leading note कहा जाता है।
Legato - सहबद्ध (चिह्र)
- ऐसा चिह्र जिसके बीच में आए हुए स्वर बिना व्याघात के बजाए जाएँ। गज वाले बाजों अर्थात् धनुर्वाद्यों में एक हो गज से बजाए गए स्वरों के उपर लगने वाला चिह्र जो इस प्रकार है :–
Legerlines - अतिरिक्त रेखाएँ
- पाश्चात्य स्टाफ स्वरांकन पद्धति में स्वर स्तम्भ के ऊपर अथवा नीचे अंकित लघुरेखाएँ जो स्तम्भ की परास से बाहर स्थित ऊँची तथा नीची तारता के स्वरों को प्रदर्शित करने के लिए प्रयुक्त होती है।
Libretto - गीत गुटका
- संगीत नाटिका के गीतों की संग्रह-पुस्तिका।
Lute - ल्यूट
- (1) एक पाश्चात्य ततवाद्य।
- (2) ततवाद्यों की एक कोटि जिसमें तुंबी और गरदन होती है तथा तारों को छेड़कर बजाया जाता है।
Lyre - लायर
- यूनान देश का एक प्राचीन मुक्ततन्त्री ततवाद्य।
Madrigal - मैड्रिगल
- पाश्चात्य ग्रामीण संगीत में सहगान के रूप में प्रयुक्त प्रादेशिक बोली में रचित व लौकिक जीवन से सम्बद्ध गीतरचना का वह प्रकार जो कुछ शताब्दियों पहले बिना वाद्य-संगीत के गाया जाता था।
Maestoso - भव्य
- गरिमामय (संगीत)।
Maestosamente - भव्यतया (निर्देश)
- गरिमामय प्रदर्शन का निर्देशक।
Major chord - गुरु संघात
- षड्ज, शुद्ध गांधार, पंचम और तार षड्ज स्वरों के अनुपात वाला स्वर संघात।
Major scale - गुरुमेल
- स-रे-ग-म-प-ध-नी-सां स्वरों की वह क्रमबद्ध श्रृंखला जिसमें तीसरे और चौथे अर्थात् ग और म तथा सातवें और आठवें अर्थात् नी और सां के बीच अर्ध स्वरांतराल होते हैं।
- (टि. हिन्दुस्तानी संगीत में यह वर्तमान बिलावल या शुद्ध ठाठ है)।
Mandolin - मैंडोलिन
- एक पाश्चात्य ततवाद्य विशेष।
Manual board - कर-पटल
- आर्गेन वाद्य का वह कुंजी पटल जो हाथ से नियन्त्रित किया जाता है।
Maracas - मराकस
- नारियल या बैकोलाइट के बने, हत्थेवाले दो गोले जिनके भीतर मनके आदि डालकर आवाज पैदा की जाती है।
Marcato - निर्दिष्ट, मारकाटो
- उल्लिखित स्वरसमूह को विशेष रूप से बलपूर्वक बजाने का निर्देश।
March - प्रयाण संगीत, मार्च
- सैनिक या सामूहिक परेड के साथ प्रयुक्त होने वाला संगीत।
Martele - सबल
- तंत्रीवाद्य के तारों पर झटके से प्रहार करते हुए गज चलाने की क्रिया।
Me - ग, गांधार
- सप्तक का तीसरा स्वर।
Measure - कालमान
- समय, तालखंड या ताल का परिमाण।
Mediant - तृतीयक स्वर
- किसी भी ग्राम का तृतीय स्वर जो उसके आरंभिक और पंचम स्वर के मध्य में हो।
Melodic scale - देo minor scale
Melody - धुन
- कर्णप्रिय तथा लयबद्ध संगीत।
Meno - न्यून
- लय, प्रबलता, जीवंतता आदि को कम करने के लिए प्रयुक्त निर्देश।
Metronome - गतिमापी, मेट्रोनोम
- लय-प्रदर्शक यंत्र विशेष जो (दीवाल घड़ी की भांति) दोलक की सहायता से लय और मात्रा को प्रदर्शित करता है।
Mezzo - अर्ध
- प्रबलता आदि को लगभग आधा करने के लिए प्रयुक्त निर्देश।
Microtones - श्रुति
- आधे स्वर से कम कोटि (डिग्री) के स्वर।
Minim - अर्धांशमात्रिक
- पाश्चात्य स्वरांकन पद्धति में आधी मात्रा का सूचक चिह्र जिसका परिमाण एकमात्रिक (सेमीब्रेव) का आधा होता है। इसका चिह्र इस प्रकार है :–
Minor chord - लघुसंघात
- षड्ज, कोमल गांधार, पंचम और तार षड्ज स्वरों के अनुपात वाला स्वर संघात।
Minor scale - लघुमेल
- कोमल गांधार वाला मेल जिसके दो प्रकार है :-
- (1) हारमोनिक लघुमेल-सा रे ग म प ध नी सां वाला मेल।
- (2) मैलोडिक लघुमेल – सा रे ग म प ध नी सं, सं नि ध प म ग रे सा वाला मेल।
Minuet - मिन्युएट
- (1) यूरोप का ग्रामीण नृत्य विशेष।
- (2) वर्तमान पाश्चात्य संगीत कृतियों का त्र्यस्र जातीय अंश विशेष।
Mixed cadence - देo cadence
Mixed voices - मिश्रित आवाजें
- स्त्री और पुरुष की स्वाभाविक चारों प्रकार की ध्वनियों का सम्मिश्रण।
Mode - मेल
- पाश्चात्य मध्ययुगीन संगीत के विशिष्ट सप्तस्वरों के अनुक्रम।
Moderato - मध्य लय
- मध्यम गति वाली लय जिसमें प्रतिमिनट 108 से 120 तक मात्राएं होती हैं।
Modulation - मूर्च्छना विधान
- किसी संगीत रचना में आधार-स्वर-परिवर्तन या षड्ज संक्रमण की वह प्रक्रिया जिसमें इच्छित स्वर समूह की प्राप्ति के लिए किसी विशिष्ट स्वर का विकृतीकरण अनिवार्य होता है।
Molto - अधिक, अति
- यह शब्द अधिकता के अर्थ में, प्रायः द्रुतत्व के लिए व्यवहृत होता है जैसे, moto allegro = अति द्रुतलय।
Monochord - एकतंत्री, मोनोकॉर्ड
- एक तारवाला उपकरण विशेष जिसमें घुड़च सरकाने की व्यवस्था होती है।
Mordent - सकण स्वर (चिह्र)
- एक विशेष प्रकार की मुरकी का सूचक चिह्र विशेष (~), जैसे नी (~) का आशय है नी सं नी या नी ध नी।
Morendo - क्रमिक उपशमन
- प्रबलता को धीरे-धीरे कम करते हुए समाप्त करने का संकेत।
Mosso - लयांतर (निर्देश)
- लय को द्रुत करते हुए पूर्व लय से भिन्न कर देने का निर्देश।
Motet - मोटेट
- चर्च के वृन्दगान की एक विशेष विधा जिसमें मुक्त सहचलन का प्रयोग होता है। यह प्रायः लैटिन भाषा में होती है।
Motif/motive - अभिप्राय
- संगीत रचना की आधारभूत कल्पना।
Motion - स्वर संचार
- संगीत रचना में स्वरों का संचलन।
- देo contrary motion, oblique motion, similar motion
Mouthpiece - मुखिका
- मुख से बजाए जाने वाले सुषिर वाद्यों का वह अंश जिसे होंठ और मुख से फूँका जाता है।
Movement - संभाग
- किसी बृहद संगीत रचना का स्वयं में परिपूर्ण एक भाग।
Musica figureta - अलंकृत संगीत
- (1) मुक्त सहचलन द्वारा सुसज्जित संगीत।
- (2) मध्यकालोन पाश्चात्य संगीत में विभिन्न स्वरालंकारों से सज्जित गीत की सहज रचना।
Musica mensurata - मित संगीत
- काल परिमाणबद्ध, नपा-तुला, सहचलनयुक्त संगीत।
Musicology - संगीतविज्ञान
- वह विज्ञान जिसमें संगीत की रचना, प्रयोग तथा सिद्धान्तों का विवेचन होता है।
Mute=sordino - मंदीकारक
- वाद्य यंत्रों की ध्वनि को कम करने की युक्ति।
Natural - (1) शुद्ध :वह स्वर जो विकृत न हो।
- (2) प्रतिवर्तक (चिह्र) :वह चिह्र जिसे स्वर के पूर्व लगाने से विकृत स्वर शुद्ध हो जाता है।
Neo-modal - नव-मेल युक्ति
- धुन एवं सहस्वरता का आधुनिक प्रचलित नवीनतम प्रकार।
Neumes - न्यूमस स्वरांकन पद्धति
- नवीं शताबदी में प्रचलित एक स्वरांकन पद्धति जो आधुनिक पाश्चात्य स्वरलिपि पद्धति का आधार है।
Nobile (noble) - निखरा
- निखारवाला।
Node - निस्पंद
- आन्दोलित तार का विश्रांति स्थान।
Nonet - नवक (प्रबंध)
- (1) नौ ध्वनियों अथवा नौ वाद्यों की रचना।
- (2) नौ कलाकारों का समूह।
Non troppo - अनतिशय (संकेत)
- किसी भी संकेत को अतिशय से पालन न करने का संकेत।
Nota cambiata - उल्लंघी स्वरावली
- चार स्वरों का समूह जिसमें क्रमशः दूसरा और तीसरा स्वर मूल संघात का विवादी होता है और जिनके बीच के स्वर का लंघन होता है।
Notation - (1) स्वरांकन–संगीत को लिपिबद्ध करने की पद्धति या प्रक्रिया।
- (2) स्वरलिपि :संगीत की अपनी विशिष्ट लिपि।
Note - स्वर
- (1) संगीत की निश्चित तारता वाली ध्वनि की इकाई।
- (2) इस निश्चित ध्वनि को दर्शाने वाला लिखित संकेत।
- (3) इस ध्वनि को उत्पन्न करने वाला बाजे का परदा।
Nut - तारदान
- तार वाले वाद्यों के अग्रभाग का उठा हुआ वह स्थान जिस पर तार टिके होते हैं और जो घुड़च की विपरीत दिशा में होता है।
Nut (of a bow) - नट
- तंत्री वाद्यों के गज में हाथी दांत या सख्त लकड़ी का बना वह हिस्सा जिसमें बाल फंसे होते हैं और जिसकी सहायता से बालों को कसा या ढीला किया जा सकता है।
Obbligato - अनिवार्यक
- वाद्यवृन्द का वह महत्वपूर्ण अंश-लेख जिसे सामान्यता वृंदवादन के समय छोड़ा नहीं जा सकता। इसका उद्देश्य रचना में सौष्ठव लाना होता है।
Oblique motion - तिर्यक संचार
- सहचलन में मूल धुन की तारता के अनुसार ऊँचे या नीचे होते हुए, सहगामी धुन का एक ही स्वर पर टिके रहना।
Oboe - ओबो
- लकड़ी का बना, चाबीदार, दोहरी पत्तीवाला सुषिर वाद्य।
Obstinate bass - देo basso ostinato
Octave - (1) सप्तक :सा रे ग म प ध नी–इन स्वरों का समूह।
- (2) द्विगुण स्वर :एक सप्तक ऊँचा स्वर जिसकी आन्दोलन संख्या दुगुनी हो।
Octave note - अष्टम स्वर
- किसी स्वर से आठवाँ ऊँचा या आठवाँ नीचा स्वर जैसे सा से सां या प से पं।
Octet - अष्टकी
- (1) आठ ध्वनियों अथवा वाद्यों के लिए निर्मित रचना।
- (2) आठ कलाकारों का समूह।
Off beat - विषम घात
- ताल में सामान्य से भिन्न स्थान पर बल देने की क्रिया।
Open harmony - विस्तृत सहस्वरता
- पियानो-पाठ में सहस्वरता के चारों पाठों के स्वरों का ऐसा विन्यास जिसमें अनुलम्ब दृष्टि से किन्हीं दो स्वरों के बीच में उसी संघात के अन्य स्वरों के प्रवेश की गुंजाइश हो।
Opennote - खुला स्वर
- मुक्त तंत्री से निकलता हुआ स्वर।
Opera - संगीतिका, आपेरा
- संगीतप्रधान नाट्य।
Operetta - लघु संगीतिका, आपरेटा
- संगीतप्रधान एकांकी।
Opus number - रचना संख्या
- संगीत रचयिता की रचना की क्रम संख्या।
Oratorio - संकीर्तन
- ऐसा संगीत जिसमें धार्मिक गाथाओं को बृन्दगान के रूप में गाया जाता है।
Orchestra - वाद्यवृन्द, आर्केस्ट्रा
- समवेत संगीत के प्रस्तुतीकरण के लिए विभिन्न वाद्यों का समूह (पाश्चात्य संगीत में सहस्वरता पर आधारित)।
Orchestration - वाद्यवृंदन
- वाद्यवृन्द द्वारा बनाई जाने वाली रचना को नियमानुसार सुयोजित करने की कला।
Organ - आगन
- हारमोनियम के आकार का एक बड़ा सुषिर वाद्य जिसमें धौंकनी से उत्पन्न वायु धातु-नलिकाओं में से निकल कर स्वर उत्पन्न करती है।
Organum - सरल सहचलन
- षड्ज मध्यम अथवा षड्ज पंचम भाव से एक साथ गाने की मध्यकालीन पद्धति।
Ornament - अलंकार
- गायक अथवा वादक द्वारा स्वरों की विशेष सज्जा तथा प्रयोग।
Ossia - विकल्पक
- सुगमता के उद्देश्य से मौलिक प्रबंध में रचनाकार द्वारा किया गया परिवर्तन।
Ostinato - निरन्तर (निर्देश)
- लगातार बजाते रहने का निर्देश।
Overblowing - अतिधमन
- सुषिरवाद्यों में तारता-परिवर्तन के लिए जोर से फूंक मारना।
Overlapping - उल्लंघन, अतिव्यापन
- सहस्वरता के चारों भागों में किसी एक पाठ के किसी स्वर का दूसरे पाठ के किसी स्वर की तारता को पार कर जाना (इसे रचना का दोष माना गया है)।
Overtones - गुणित स्वर, स्वयंभू स्वर
- प्रमुख स्वर के अतिरिक्त उसकी दुगनी तिगुनी आदि तारताओं के स्वर।
Overture - पूर्वरंग
- संगीतिका अथवा संगीत कार्यक्रम में मुख्य भाग के प्रस्तुतीकरण से पहले प्रस्तुत की जाने वाली रचना।
Pandean pipe (=panpipe) - पैन्डियम पाइप
- एक प्राचीन सुषिर वाद्य।
Pandora - पैन्डोरा
- प्राचीन ततवाद्य विशेष।
Parallel motion - समदिश संचार
- सहचलन में दो धुनों का तारता के अनुसार ऊँची या नीची होते हुए समान दिशा में चलना।
Parlando=parlante - वाचिक निर्देश
- गायन के बीच किसी अंश को बोलचाल के ढंग पर प्रस्तुत करने का निर्देश।
Partials - गुणित स्वर
- देखिए harmonics
Parts - अंश, अंशलेख
- विभिन्न वाद्यों और वादकों के लिए, सकल संगीत रचना के अलग-अलग लिखित भाग।
Part playing/part singing - अंश वादन/अंश गायन।
- अंश लेख का वादन या गायन।
Part song - (बहु) अंशगीत
- दो या दो से अधिक गायकों द्वारा गाया जाने वाला गीत।
Part writing - अंश लेखन
- सकल संगीत रचना के लिए, विभिन्न वाद्यों अथवा गायकों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले अलग-अलग भागों को अलग-अलग लिखने की कला।
Passing note - पारक स्वर
- किसी स्वरसमूह में तीन क्रमबद्ध स्वरों का मध्यवर्ती स्वर जो संघात के संदर्भ में कुसंघाती होता है।
Pausa (=rest) - विराम
- प्रस्तुतीकरण के बीच में लय को खंडित करते हुए कुछ देर के लिए रुकना।
Pause (fermata) - दीर्घकर (चिह्र)
- किसी स्वर या विराम स्थल को इच्छानुसार दीर्घ करने अथवा दीर्घ करके रुकने का संकेतक चिह्र।
Pedal - पादक
- किसी वाद्य की पैर से दबाई जाने वाली युक्ति।
Pedal board - पदपटल
- आर्गेन वाद्य की पैरों से बजाई जाने वाली स्वरपट्टिकाओं का पटल।
Pedal note (=pedal point) - पाद-स्वर
- आर्गेन में पैर के दबाने से उत्पन्न निरन्तर गुंजरित स्वर जो प्रायः धुन का आधार स्वर होता है और कुछ समय के लिए स्वर संघात बदल जाने पर भी गुंजरित रहता है।
Pentatonic scale - औडव ग्राम
- पाँच स्वरों का ग्राम।
Perfect cadence - देo cadence
Percussion - आघात वाद्य
- ऐसे वाद्य जिनमें हाथ अथवा लकड़ी से आघात करने पर ध्वनि निकलती है।
Pesantemente - दृढ़तापूर्वक (निर्देश)
- संगीतांश को दृढ़तापूर्वक बजाने का निर्देश।
Phrase - स्थाय
- धुन की सब से छोटी इकाई।
Phrasing - स्थायकरण
- धुन में छोटी इकाइयों का विन्यास।
Piacere (=pleasure) - यथेच्छ (निर्देश)
- वाद्यकार को अपनी वांछित लय में संगीतांश प्रस्तुत करने का निर्देश।
Piacevole (=agreeable) - स्वाभाविक (निर्देश)
- गाने-बजाने में सुविधा और मधुरता को ध्यान में रखने का निर्देश।
Planette (=pianino) - छोटा पियानो
- एक छोटे आकार का पियानो।
Piangendo (=weeping) - विलाप (निर्देश)
- करुणापूर्ण गायन या वादन का निर्देश।
Pianissimo - अतिमंद (संकेत)
- अतिमंद गायन या वादन का संकेत। इसका संकेत चिह्र PPP है।
Piano - (1) पियानो :एक पाश्चात्य प्रसिद्ध वाद्य।
- (2) मंद (संकेत) :धीमी आवाज में गायन या वादन का संकेत।
Piano accordion - पियानो एकार्डियन
- कंधे पर लटकाया जाने वाला एक वाद्य जिसे दाएं हाथ से उसकी हारमोनियम जैसी पट्टियों को दबाकर और बाएं हाथ से धौंकनी चला कर तथा स्वर संघात के बटनों को दबा कर बजाया जाता है।
Piano forte - देo piano (1)
Picollo - पिकोलो
- लकड़ी या चांदी की चाबीदार बहुत छोटी बांसुरी जिसका परास साधारण बांसुरी से एक सप्तक ऊँचा होता है।
Pitch - तारता
- स्वरों के ऊँचा व नीचा होने की स्थिति जो आवृति (आन्दोलन संख्या) पर निर्भर होती है।
Piu (=more) - आधिक्य (निर्देश)
- लय, प्रबलता, जीवंतता आदि को और अधिक सबल करने का निर्देश।
Pizzicato - अंगुली से (निर्देश)
- गज के स्थान पर अंगुली से बजाने का निर्देश।
Plagal cadence - देo cadence
Plagal modes - गौण मेल
- चारों आदि मेलों के पंचम से पंचम तक के मेल।
Plain song - सरल गीत
- प्राचीन चर्च संबंधी अथवा अनुष्ठान संबंधी वाद्यसंगीत विहीन, मुक्त लयवाला गान जिसमें सहस्वरता नहीं होती।
Plectrum - जव्वा; मिज़राब
- सींग, लकड़ी, हाथीदांत या किसी अन्य धातु का वह टुकड़ा या तार जिससे तंत्री को छेड़कर ध्वनि निकाली जाती है। इसे अंगुलियों में पकड़ा जा सकता है (जव्वा) अथवा अंगुलियों पर पहना जा सकता है (मिज़राब)
Poco a poco (little by little) - धीरे-धीरे (निर्देश)
- किसी संकेत के क्रियान्वयन को शनैः शनैः सम्पन्न करने का निर्देश।
Point - अग्रक, नोक
- गज की नोक।
Polyphony - बहुध्वनिकता
- दो या दो से अधिक धुनों का सहमिश्रण जिसमें धुनें एक साथ सहस्वरतापूर्ण होते हुए भी स्वतंत्र होती हैं और अलग अलग गायकों द्वारा प्रस्तुत की जाती हैं।
Polytonality - बहुआधार-स्वरता
- सहस्वरता वाले प्रबंध के अलग अलग भागों में अनेक आधार स्वरों का आभास।
Pomposo (=pompously) - वैभवपूर्ण (निर्देश)
- शानदार तरीके से प्रस्तुत करने का निर्देश।
Ponticello - घुड़च
- तंत्री वाद्य का उत्तर मेरु।
Portamento - मीड़, सूत
- एक स्वर से दूसरे स्वर तक, दोनों स्वरों के बीच की सारी ध्वनियों को छूते हुए पहुंचना।
Portative organ - छोटा आर्गेन, सुवाह्य आर्गेन
- छोटा आर्गेन जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से ले जाया जा सके।
Position - स्थिति
- वाद्यकार के हाथ की आगे या पीछे रहने या ले जाने की स्थिति जिससे वह यंत्र पर विभिन्न स्वर-समूहों को आसानी से बजा सकता है।
Positive organ - बड़ा आर्गेन
- दो स्वर-पटलों वाला बड़ा आर्गेन जिसे सुवाह्य आर्गेन की तरह आसानी से इधर-उधर नहीं ले जाया जा सकता।
Postlude - उपसंहार
- कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्रस्तुत किया जाने वाला संगीत।
Potpourri - गीतगुच्छ, धुनगुच्छ
- कई गीतों/धुनों के अंशों को मिलाकर बनाई गई रचना।
Precentor - अग्र गायक, मुख्य गायक
- चर्च संगीत का प्रमुख गायक।
Prelude - आरंभिका
- मुख्य संगीत रचना के आरंभ अथवा आरंभिक चरण में प्रस्तुत किया जाने वाला संगीत।
Prestissimo - द्रुततम
- वह लयगति जिसमें प्रति मिनट 208 से अधिक मात्राएं होती हैं।
Presto (=fast) - द्रुततर
- वह लयगति जिसमें प्रति मिनट 168-208 तक मात्राएं होती हैं।
Prima (=primo) - प्रथम
- सबसे पहला, जैसे प्रथम प्रबंघांश, प्रथम गायक, प्रथम वायलिन वादक इत्यादि।
- Prima स्त्रीलिग शब्द से पहले तथा Primo पुल्लिंग शब्द से पहले प्रयुक्त होता है जैसे Prima donna, Primo violino
Programme music - वस्तु संगीत
- किसी कथा अथवा भाव रूप पर आधारित संगीत।
Progression - वर्धन
- रचना में स्वर, स्वरसंघात आदि का आगे बढ़ना।
Proportion - समानुपात
- स्वरों की आवृत्ति (आन्दोलन संख्या) का पारस्परिक अनुपात।
Psalmody - रखीटीय भजनशास्त्र
- ईसाई भजनों का शास्त्रीय अध्ययन।
Quality (=timbre=tone quality) - ध्वनिगुणता, काकु, ताम्बर
- ध्वनि का वह गुण जिससे अलग-अलग गायक/वाद्य की ध्वनि की तारता और प्रबलता के एक होते हुए भी प्रत्येक ध्वनि के स्रोत की पहचान हो सके।
Quarter note - पादमात्रिक, चतुर्थांश मात्रिक
- देo crotchet
Quarter tone - श्रुति
- देo microtones
Quarduplet - चौबन्ध
- चार स्वरों का ऐसा समूह जिस पर त्रिकाल के किसी खंड में एक मात्रा में बजाने के उद्देश्य से निम्न चिह्र लगाया गया हो। :–
Quartet - चतुष्क, चतुर्वृन्द
- चार गायकों अथवा वाद्यों का समूह या चार वाद्यों के लिए पाठ।
Quaver - अष्टमांश, अष्टांशमात्रिक
- पाश्चात्य संगीत में अष्टमांश मात्राकाल को अभिव्यक्त करने वाला चिह्र जिसका स्वरूप इस प्रकार होता है :–
Qu intet - पंचक, पंचवृन्द
- पाँच गायकों अथवा वाद्यों का समूह या पाँच वाद्यों के लिए पाठ।
Quallentando - क्रमिक विलंबन (निर्देश)
- लय को धीरे-धीरे धीमा करने का निर्देश।
Re (ray) - रे, ऋषभ
- सप्तक का दूसरा स्वर।
Recapitulation - पुनरावर्तन
- उपज और मूर्च्छना विधान आदि क्रियाओं के बाद मूल वस्तु पर वापिस आ जाना।
Recital - प्रस्तुतीकरण, अदायगी
- संगीत आदि प्रस्तुत करने की क्रिया।
Recitative - पाठात्मक
- सस्वर पाठवाला संगीत।
Recorder - रिकार्डर
- लकड़ों की बनी हुई बिना चाबीवाली मुरली जो आड़ी न रखकर सीधी बजाई जाती है।
Reed - पत्ती, रीड, कंपिका
- सुषिर वाद्यों में प्रयुक्त धातु या बांस से बनी पतली पट्टी जिसके कम्पन से ध्वनि निकलती है।
Register - स्वर-परास
- विशिष्ट प्रभाव के लिए तारताओं का वांछित परास।
Related keys - संबद्ध ग्राम
- किसी मौलिक शुद्ध मेल के आधार स्वर में तीन आधे स्वर कम करने से उत्पन्न लघुमेल अथवा लघुमेल के आधार स्वर को तीन अर्ध स्वर बढ़ाने पर उत्पन्न शुद्ध मेल जो एक ही आधार स्वर चिह्र के अन्तर्गत दर्शाए जाते हैं।
Relative pitch - सापेक्ष तारता
- आधार-स्वर के संदर्भ में स्वरों की तारता।
Resolution - समाधान
- कुसंघाती स्वरों के कारण उत्पन्न अधीर अवस्था से मुक्ति पाने के लिए नए संघात का अनिवार्य (तथा सहज) प्रयोग।
Resonance - अनुनाद
- किसी स्वर के उत्पन्न होने पर उसी आवृत्ति वाले अन्य तारों आदि का झंकृत स्वर।
Rest - विश्राम
- संगीत में किसी स्थल पर निश्चित मात्राओं के लिए निस्तब्ध विराम की अवधि।
Retardando (=rallentando) - देo rallentando
Rhapsody - रैप्सोडी
- ऐसी वाद्य रचना जिसका रूप काफी कुछ अनियमित होता है।
Rhythm - छंदगति
- संगीत का वह पक्ष जो कालतत्व को अभिव्यक्त करता है।
Romantic (period) - रूमानी (युग)
- पाश्चात्य संगीत में अठारहवीं शताब्दी के अन्त और उन्नीसवीं शताब्दी के आरम्भ का काल।
Rondo - रोन्डो
- संगीत रचना की शैली विशेष जिसमें एक प्रमुख विषय को सामने रखकर अन्य विषयों को प्रस्तुत करते हुए फिर उसी विषय को दोहराया जाता है।
Root note - मूल स्वर
- स्वर-संघात का आधार-स्वर।
Rubato - लय विलास (निर्देश)
- एकल प्रस्तुतकर्ता द्वारा, निर्दिष्ट लय के बन्धन से हटकर, निर्धारित कालावधि में स्वछन्द लयव्यवहार।
Sautille - झंप
- वायलिन आदि साज़ों पर गज को उछालकर बजाना।
Saxophone - सेक्सोफोन
- पीतल का बना सुषिर वाद्य।
Scale - मेल, ठाठ
- सप्तक के स्वरों का क्रमिक आरोह-अवरोह।
- देo major scale, minor scale, harmonic scale, melodic scale.
Scordature - अपस्वरण
- विशिष्ट प्रभाव उत्पन्न करने के लिए वाद्यों को बेसुरा या प्रचलित ढंग से अलग मिलाना।
Score - प्रबंध पाठ, प्रबंध लेख
- किसी लिखित रचना में अनेक अलग-अलग पाठांशों का समग्र संग्रह।
Scoring - प्रबंध लेखन
- (1) प्रबंध पाठ लेखन-कला।
- (2) विभिन्न पाठांशों को एक ही जगह लिखना।
Secondo - द्वितीय
- दूसरा, जैसे दूसरा प्रबंधांश, दूसरा गायक, दूसरा वायलिन या पियानो-वादक, इत्यादि।
Segno - पुनरावर्तक चिह्र
- पुनरावृत्ति का संकेतक चिह्र। रचना के जिस अंश की पुनरावृत्ति अपेक्षित हो उसके आरम्भ में आने पर इस चिह्र को dal segno और अन्त में आने पर al segno कहते हैं।
Segue - तत्पर (निर्देश)
- आगामी अंश को तुरत गाने या बजाने के लिए तैयार रहने का निर्देश।
Semibreve - एकमात्रिक
- आधुनिक समय में पाश्चात्य संगीत का सर्वाधिक लम्बा स्वर जो एक मात्रा के बराबर होता है। इसे रेखा स्वरलिपि में इस तरह लिखा जाता है :–
Semiquaver - षोडशांशमात्रिक
- एकमात्रिक का सोलहवाँ भाग। इसे रेखा स्वरलिपि में इस तरह लिखा जाता है :–
Semitone - अर्धस्वरक
- स्वरक का आधा भाग। यह पाश्चात्य संगीत के समायोजित ग्राम का सब से छोटा स्वरान्तराल है।
Semplice - सरल (निर्देश)
- अनावश्यक भावों का प्रयोग न करने का निर्देश।
Sempre - निरन्तर (निर्देश)
- स्वरलिपि में अंकित संकेत का पालन उस संकेत का निराकरण न होने तक करते रहने का निर्देश। यह निर्देश किसी संकेत के पूर्व लगाया जाता है।
Senza - वर्जन, बिना (निर्देश)
- किसी क्रिया को समाप्त करने अथवा किसी युक्ति को हटाने का निर्देश। यह शब्द (अर्थात् senza) उक्त क्रिया अथवा उक्त युक्ति के प्रयोग के निर्देशक शब्द के पहले लिखा जाता है।
Septet - सप्तवृन्द
- सात गायकों अथवा वाद्यों का समूह।
Sequence - अनुक्रम
- स्वर-समूहों या स्वर-संघातों की श्रृंखला का क्रमिक आरोहण या अवरोहण।
Sextet - षट्क, षड्वृन्द
- छह गायकों या वाद्यों का समूह।
Sextolet (=sextuplet) - षड्बंध
- छह स्वरों का ऐसा समूह जिस पर सरल काल की एक मात्रा में बजाने के उद्देश्य से चिह्र लगाया गया हो।
Sfogato - मृदुता (निर्देश)
- प्रस्तुतीकरण में कोमलता लाने का निर्देश।
Sforzando - सबलता (चिह्र)
- किसी एक स्वर या स्वर-संघात पर विशेष बल देने का संकेत जो निम्न प्रकार का होता है :–
Shake-trill - ज़मज़मा (चिह्र)
- किसी मुख्य स्वर में आगामी स्वर की निरन्तर कन देने की प्रक्रिया तथा इसका चिह्र।
Sharp - शार्प, तीव्र
- शुद्धावस्था से आधा स्वर चढ़ाकर विकृत किया गया स्वर। इसका चिह्र पाश्चात्य संगीत में इस प्रकार है :–
Short score (piano part) - संक्षिप्त पाठ, पियानो पाठ
- संगीत रचना का ऐसा एक साथ लिखा हुआ पाठ जिसमें स्वरलिपि रेखाओं के दो समूहों को बंधनी से आबद्ध किया जाता है।
Si=te - नि, निषाद
- सप्तक का सातवाँ स्वर।
Sight reading - लिपि-पठन
- रेखा स्वरलिपि पर अधिकार पाने के लिए अभ्यास करना।
Signature tune - पहचान धुन
- कार्यक्रम आरम्भ होने से पूर्व प्रस्तुत की जाने वाली वह विशिष्ट धुन जो कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले माध्यम (संस्था आदि) की परिचायक होती है।
Similar motion (=parallel motion) - समदिश संचार
- किसी धुन के दो ऐसे अंशों का सहचलन जिन दोनों का क्रम एक जैसा हो अर्थात् या तो दोनों आरोह क्रम में हों या अवरोही क्रम में।
Simile - यथापूर्व (निर्देश)
- किसी टुकड़े को पहले की तरह प्रस्तुत करने का निर्देश।
Simple time - सरल काल
- पाश्चात्य संगीत के वे कालमान जिनका हर खंड दो से विभाजित हो सके।
Sixth - षष्ठ
- स्वर संदर्भ या सहस्वरता में प्रयुक्त होने वाले किसी स्वर का व उससे ऊँची ध्वनि वाले छठे स्वर का पारस्परिक ध्वन्यंतराल।
Slide - स्लाइड
- (1) घसीट।
- (2) धातु के सुषिर वाद्यों का भाग विशेष जो नलिका की लम्बाई को घटा-बढ़ा कर विभिन्न स्वरों को निकालने के लिए प्रयुक्त होता है।
Slide trombone - स्लाइड ट्रोम्बान
- चाबी रहित सुषिर वाद्य विशेष।
Slur - समास चिह्र
- एक गज में बजाए जाने या एक सांस में गाए जाने वाले स्वर समूह के परास का द्योतक चिह्र जो इस प्रकार है :–
Soh (sol) - प, पंचम
- सप्तक का पाँचवाँ स्वर।
Solfeggio - सरगम अभ्यास
- (1) सरगम के स्वरों का अभ्यास।
- (2) किसी धुन को सरगम के माध्यम से व्यक्त करना।
Solmization - सरगम गान
- सरगम में गाने की क्रिया।
Solo - एकल
- (1) किसी एक गायक या वादक के लिए निर्धारित रचना या उसका कोई अंश।
- (2) एक ही गायक या वादक द्वारा प्रस्तुति।
Solo recital - देo solo (2)
Sonata - सोनाटा
- वादन के निमित्त बनाई गई रचना विशेष।
So prano - उच्चतम परास
- नारी कंठ अथवा कुछ विशेष वाद्यों की ऊँची ध्वनि का परास।
Sordino - उपशामक
- देo mute
Sostenuto (=tenuto) - स्थिरीकरण (निर्देश)
- किसी स्वर को निर्दिष्ट समय तक जारी रखने का निर्देश।
Sotto - अतिमंदन (निर्देश)
- ध्वनि को अत्यधिक मंद करने का निर्देश।
Sound board - अनुनाद पटल
- पियानो, आर्गेन या हार्प जैसे यंत्रों का लकड़ी का वह तख्ता जिस पर तंत्रियाँ लगी रहती हैं।
Sound hole - ध्वनि विवर, ध्वनि विदर
- तंत्रवाद्यों की तबली पर (f) आकार का कटाव।
Sound post - ध्वनि स्तंभिका
- वायलिन प्रकार के वाद्यों की तबली तथा पीठ के मध्य में सीधा खड़ा एक बेलनाकार लकड़ी का टुकड़ा।
Space - रेखांतर
- रेखा स्वरलिपि में किन्हीं दो रेखाओं के बीच का अवकाश।
Spiccato - उच्छलित (संकेत)
- धनुर्वाद्यों को बजाते समय गज को इतनी तेजी से चलाने का संकेत कि वह उछलने लगे ताकि स्वरों में तीव्र गति से अबद्धता आ जाए।
Spinet - स्पिनेट
- हार्पसीकार्ड का आद्य रूप।
Spiritoso - सोत्साह (निर्देश)
- उत्साहसहित प्रस्तुत करने का निर्देश। spirito का अर्थ है उत्साह।
Staccato - खड़ा स्वर (चिह्र)
- स्वर को पूरी मात्रावधि तक न बजा कर चौथाई, आधी या तीन चौथाई अवधि तक बजाने का निर्देश। इस प्रकार बजाया गया स्वर अगले स्वर से अलग हो जाता है। इस निर्देश का चिह्र स्वरों के ऊपर लगाया जाता है।
Staff - देo stave
Staff notation - रेखा स्वरलिपि
- स्वरांकन की वह पद्धति जिसमें स्वर चिह्र रेखाओं और उनके अवकाशों (रेखांतरों) में कालावधि सहित दिखाए जाते हैं।
Stave (=staff) - स्वरलिपि रेखाएँ
- स्वरांकन के लिए प्रयुक्त पाँच समानान्तर रेखाएँ।
String - तंत्री
- वाद्यों में प्रयुक्त तांत, रेशम, या धातु के बने हुए तार जिनमें कम्पन पैदा करके ध्वनि उत्पन्न की जाती है।
Stringendo - उत्तेजन (निर्देश)
- लय व प्रबलता को क्रमशः बढ़ाने का निर्देश।
String orchestra - धनुर्वाद्यवृन्द
- समवेत संगीत के प्रस्तुतीकरण के लिए केवल गज से बजने वाले विभिन्न वाद्यों और वादकों का समूह।
Subdominant - चतुर्थक
- सप्तक का चौथा स्वर
Subdominant chord - देo cadence, mixed
Subject (=theme) - प्रधानांग
- संगीत रचना का वह प्रधान स्वरबिम्ब जिसका आगे विस्तार किया जाता है।
Submediant (=super dominant) - षष्ठक
- सप्तक का छठा स्वर।
Sul ponticello - घुड़च तक (निर्देश)
- गज को यथासंभव घुड़च के पास ले जाकर बजाने का निर्देश।
- देo bridge
- देo ponticello
Summational tone - संकलित (यौगिक) अनुनाद
- दो प्रबल निनादित स्वरों के सह-अनुनादस्वरूप सुनाई देने वाला सूक्ष्म नाद जो दोनों मूल स्वरों में होने वाले आन्दोलनों के योग के फलस्वरूप होता है।
Super dominant - देo submediant
Super tonic - द्वितीयक स्वर
- किसी मेल का द्वितीय स्वर।
Sympathetic - अनुकंपी
- अनुनाद के कारण उत्पन्न आन्दोलन, ध्वनि सहनाद आदि।
Symphony - सिंफनी
- एक विस्तृत गम्भीर वाद्यवृन्द रचना जिसके प्राय:तीन-चार भाग होते हैं। यह प्रायः सोनाटा रूप में होता है।
Syncopation - लय-वैषम्य
- रचना में लय का असमान रूप जिसके फलस्वरूप बलाघात का स्थल परिवर्तित हो जाता है।
Tacent - निष्क्रियता (निर्देश)
- गायक या वादक विषेश को निष्क्रिय रहने का निर्देश।
Tambourine - खंजरी
- एक प्रकार का तालवाद्य जो हल्के-फुल्के नृत्य के साथ प्रयोग में लाया जाता है।
Tango - टैंगो
- एक प्रकार का नृत्य संगीत।
Te=si - नि, निषाद
- सप्तक का सातवाँ स्वर।
Temperament - अन्तराल समायोजन, सामांतरालन
- पाश्चात्य संगीत में पियानो, आर्गेन आदि वाद्यों में सहस्वरता की दृष्टि से स्वर-स्थापन की वह विधि जिसमें स्वर अपने स्वाभाविक स्थान से थोड़ा हटाए जाते हैं।
Teneramente - कोमलतर (निर्देश)
- अधिक मृदुता के साथ गाने-बजाने का निर्देश।
Tenor - पुंमुच्च परास
- पुरुष-कंठ अथवा कुछ विशेष वाद्यों की ऊँची ध्वनि का परास।
Tenuto - देo sostenuto
Tetra schords - अर्ध-अष्टक
- किसी भी गुरु और लघुग्राम के स से म अथवा प से सं तक के भाग।
Tierce de picardie - गुरु अन्त
- लघुग्राम रचना की अधिक आकर्षक बनाने के लिए अंत में स ग प के स्थान में स ग प के स्वर-संघात का प्रयोग।
Timbre - देo tone
Tonality - आधार स्वरता
- किसी धुन के स्वरों और स्वर-संघातों का मूल स्वर से संबंध होने की स्थिति।
Tone - 1. स्वरक 2. स्वरांतराल 3. ध्वनिगुणता
- (1) संगीतमय ध्वनि।
- (2) दो स्वरों के बीच का अन्तर जैसे स से रे के बीच का अन्तराल।
- (3) अनुनाद :देo harmonics, overtones, summational tone.
Tonguing - तुत्कार
- सुषिर वाद्यों को जिह्वा के योग से इस तरह बजाना कि स्वरों में अबद्धता आ जाए।
Tonic - प्रथम स्वर
- किसी गुरु अथवा गुरु मेल का वह स्वर (स) जिसे आधार मानकर अन्य स्वरों की स्थापना की गई हो।
Touche - देo finger board
Tranquillo - सहज (निर्देश)
- रचना के किसी भाग को सहज-शांत भाव से प्रस्तुत करने का निर्देश।
Transition - संक्रमण
- अल्पकालिक मूर्च्छना के प्रयोग से मेल परिवर्तन की क्रिया।
Transposition - स्वर स्थानान्तरण
- किसी स्वर-गुच्छ को, आधार स्वर बदल कर, दोबारा लिखना, गाना, बजाना।
Tremolo - अतिद्रुत चालन
- एक स्वर को बहुत ही जल्दी-जल्दी दोहराना जिस से कम्प का आभास हो।
Triad - त्रिस्वर
- एक, तीन, पाँच क्रम से तीन स्वरों का समूह।
Triangle - ट्राएंगल
- त्रिकोण के आकार में मुड़ी हुई लोहे की छड़ जिसे एक छोटी लोहे की छड़ी से बजाया जाता है।
Trio - त्रिक, तिकड़ी
- तीन गायकों अथवा वाद्यों का समूह या उनके लिए पाठ।
Triplet - त्रिबंध (चिह्र)
- तीन स्वरों का ऐसा समूह जिस पर सरल काल की एक मात्रा में बजाने के लिए चिह्र लगाया गया हो।
Triple time - त्र्यस्र काल
- पाश्चात्य संगीत के वे कालमान जिनके हर खंड में तीन अर्धांशमात्रिक (minim) या तीन चतुर्थांशमात्रिक (crotchet) या तीन अष्टांशमात्रिक (quaver) इत्यादि हों।
Tritone - त्रिस्वरक
- तीन पूर्ण स्वरों का अन्तराल जो चौथे तक पहुंचे जैसे ग से ध या सा से म।
Troppo - अतिशय (संकेत)
- किसी भी संकेत को अतिशयता से पालन करने का संकेत। प्रायः इसका प्रयोग नकारात्मक रूप में होता है।
- देo non troppo
Trumpet - ट्रंपेट
- तीन कपाट (वाल्व) वाला धातुनिर्मित सुषिर वाद्य।
Tune - धुन
- स्वरों का प्रभावकारी अनुक्रम।
Tuning - समस्वरण
- स्वर मिलाना।
Tuning fork - स्वरित्र द्विभुज
- दो भुजाओं वाला एक धातुनिर्मित यंत्र जो एक निर्दिष्ट आन्दोलन संख्या के स्वरोत्पादन के लिए प्रयुक्त होता है।
Turn - खटका, बलि
- किसी स्वर का उससे ऊँचे और निचले स्वर के साथ प्रयुक्त कन जो इस प्रकार होता है :-
Tutti - सार्व (निर्देश)
- किसी संगीत रचना में एकल वादन इत्यादि को समवेत वादन का निर्देश।
Una corda - इकतारा
- एक ही तार वाला वाद्ययंत्र।
Unessential note - अनावश्यक स्वर
- वह स्वर जो आधारिक सुस्वरता का अंग न हो।
Unison - एकस्वरता
- एक ही तारता के दो स्वरों का एक साथ प्रयोग।
Up beat - अप्रघात
- किसी ताल-खंड की बलाघातहीन मात्रा।
Up bow - वामचालन (चिह्र)
- गज से बजाए जाने वाले वाद्य की तंत्री पर बांए हाथ की तरफ गज चलाने का संकेत।
Valse (=waltz) - वाल्ज़
- 19वीं शताब्दी की एक प्रसिद्ध नृत्य एवं वाद्य संगीत रचना जिसके एक खंड में तीन मात्राएं होती थीं।
Variation (s) - विस्तरण
- लय, स्वर विन्यास, सहस्वरता या आधार-स्वर में परिवर्तन अथवा अलंकरण करते हुए मूल धुन का दोहराव।
Verse - एकलांग
- वृन्दगान का वह भाग जो सहगान के लिए न होकर एकल गान के लिए हो।
Vibrato - प्रकंपन
- भाव-प्रस्तुतीकरण के लिए स्वर को विशेष ढंग से कँपाना।
Viola da gamba - वियोला-डा-गाम्बा
- एक वाद्य विशेष जो आकार में वायलिन से कुठ ही बड़ा होता है और तारता में पाँच स्वर नीचा मिलाया जाता है।
- (violin family भी देखिए)
Violin - वायलिन, बेला
- वायलिन परिवार का मुख्य वाद्य जो आकार में इस परिवार का सबसे छोटा वाद्य होता है।
- (देo violin family)
Violin family - बेला वाद्य पारेवार
- पश्चात्य धनुर्वाद्यों का एक वर्ग विशेष जिसमें वायलिन, वियोला, चैलो और डबलबास आते हैं। इन वाद्यों में चार तार होते हैं और इनकी आकृति एकसमान होती है, अन्तर केवल साइज और तारता में होता है।
Vivace - जीवंत (निर्देश)
- अत्यधिक जोश के साथ बजाने का निर्देश।
Voice - (1) कंठ :गायक की ध्वनि।
- (2) अंश (parts)।
Wind band - सुषिरवृन्द
- फूंक से बजने वाले वाद्यों का वृन्द।
Wolf - कटुस्वर (नोट)
- आन्दोलन संख्या की अनियमितता से उत्पन्न अप्रिय स्वर।
Xylophone - काष्ठतरंग, जाइलोफोन
- एक वाद्ययंत्र जिसकी लकड़ी की चपटी पट्टियों पर आघात करने से स्वर निकलते हैं।
स्रोत
सम्पादनयह परिभाषा कोश भारतवाणी से लिया गया है।