वारण संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. किसी बात को न करने का संकेत या आज्ञा । निषेध । मनाही । उ॰—हठपूर्वक मुझको भरत करें यदि वारण ।—साकेत, पृ॰ २२० ।