प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वात्स्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक ऋषि का नाम ।

३. एक गोत्र जिसमें ओर्व, च्ववन, भार्गव, जामदग्न्य और आप्रुवान नामक पाँच प्रवर होते हैं ।