प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वाग्भट संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. अष्टांगहृदय सहिता नामक वैद्यक के ग्रंथ के रचयिता जिनके पिता का नाम सिंहगुप्त था । ग्रंथकार का वेद्यक के ग्रंथकतांओं में बड़ा संमान और प्रामाम्य है ।

२. पदार्थ- चंद्रिका, भावप्रकाश, रसरत्न समुच्चय, शास्त्रदर्पण आदि के रचयिता ।

३. वैद्यक निघंटु के रचयिता ।

४. एक जैन पंडित जिनके पिता का नाम नेमिकुमार था । इनके रचे अलंकारतिलक, वाग्भटालंकार और छंदानुशासन प्रसिद्ध ग्रंथ हैं ।