प्रकाशितकोशों से अर्थ
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वसुमती संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. पृथ्वी ।
२. छह वर्णों का एक वृत्त; जिसके प्रत्येक चरण में तगण और सगण होते हैं । उ॰—तासों परिहरो जो है । हितु खरो । रारी जड़मती । धारी वसुमती ।
३. धनी या संपत्र स्त्री (को॰) ।
४. देश । राज्य । प्रदेश (को॰)