प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वसीला संज्ञा पुं॰ [अ॰ वसीलह्]

१. संबंध ।

२. आश्रय । सहायता । उ॰—बिना वसीला संत नाम से भेंट न होई ।— पलटू॰, पृ॰ ७ ।

३. किसी कार्य की सिद्धि का मार्ग । जरिया । द्वार । जैसे,—(क) किस वसीले से वह यहाँ आया । (ख) नौकरी के लिये जाता हूँ, कोई वसीला निकल ही आवेगा । मुहा—वसोला पैदा करना=(१) किसी कार्य की सिद्धि का मार्ग निकालना । सहारा पैदा करना । (२) आमदनी आदि का रास्ता निकालना । वसीला रखना=(१) संवंध रखना । (२) आसरा रखना ।