प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वसीका संज्ञा पुं॰ [अ॰ वसीक़ह्]

१. मुसलमानी धर्मशास्त्र के अनुसार वह धन जो विधर्मी या काफिर से नगद रूपए के मुनाफे के तौर पर लिया जाय ।

२. वह घन जो इस उद्देश्य से सरकारी खजाने में जमा किया जाय कि उसका सूद जमा करनेवाले के संबंधियों को मिला करे अथवा किसी धर्मकार्य, मकान की मरम्मत आदि में लगाया जाय । उ॰—आपको पाँच सौ रूपए महीने का वसीका सरकार से मिलता है ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ८४ ।

३. ऐसे धन से आया हुआ सूद । वृत्ति ।

४. वक्फ का इकरारनामा ।