वषट् अव्य॰ [सं॰] एक शब्द जिसका उच्चारण अग्नि में आहुति देते समय यज्ञों में होता है । अंगन्यास और करन्यास में शिखा और मध्यमा के साथ इसका व्यवहार होता है ।
वषट् कृत्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] होम ।