वल्लभ का अर्थ होता है प्रिय।

उदाहरण

मूल

  • वल्लभ संस्कृत मूल का शब्द है।

अन्य अर्थ

  • प्यारा

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

वल्लभ ^१ वि॰ [सं॰]

१. अत्यंत प्रिय । प्रियतम । प्यारा ।

२. सर्व श्रेष्ठ । सर्वप्रधान (को॰) ।

वल्लभ ^२ संज्ञा पुं॰

१. अत्यंत प्यारा व्यक्ति । प्रिय मित्र । नायक ।

२. पति । स्वामी । जैसे,—राधावल्लभ ।

३. अध्यक्ष । मालिक ।

४. सुंदर लक्षणों से युक्त घोड़ा ।

५. एक प्रकार की सेम ।

६. वैष्णव संप्रदाय के प्रवर्तक एक प्रसिद्ध आचार्य जिनका संप्रदाय वल्लभ संप्रदाय कहलाता है । विशेष—इनके माता पिता का पता नहीं । लक्ष्मण भट्ट नामक एक दाक्षणी ब्राह्मण ने चुनारवढ़ के पास एक बालक पड़ा पाया; और उसे अपने घर लाकर पुत्र के समान पाला । फिर वही बालक प्रसिद्ध वल्लभाचार्य हुआ । जबतक लक्ष्मण भट्ट जीते रहे, तबतक वल्लभ उन्हीं के पास अध्ययन करते थे । उनके मरने पर वे विष्णुस्वामी के मंदिर में जाकर शिष्य हुए और काशी में आकर संन्यास लिया । संन्यास छोड़कर ये फिर गृहस्थ हो गए थे । इनके कई पुत्र हुए, जो गद्दियों के मालिक गोस्वामी हुए । इन्होंने राधाकृष्ण की बड़ी आडंबरपूर्ण उपासना चलाई और अपना वेदांत संबंधी एक स्वतत्र सिद्धांत भी स्थापित किया जो 'विशुद्धाद्धैतवाद' के नाम से प्रसिद्ध है । इस कारण ये वेदांत के चार मुख्य आचार्यों में माने जाते हैं । इनका जन्म सन् १४७९ ई॰ और मृत्यु १५३१ ई॰ में हुई । सूरदास आदि अष्टछाप के कवि इन्हीं के शिष्य थे ।