वल्ल
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनवल्ल संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. लीलावती के अनुसार एक मान जो तीन गुंजा य़ा रत्ती के बराबर तौल में होता है । विशेष—वैद्यक में दो गुंजा का एक 'वल्ल' माना गया है और राजनिघंटु सार्ध एक घुँघची का ही वल्ल मानता है ।
२. खलिहान में भूसा अलग करना । वरसाना । ओसाना ।
३. निषेध ।
४. आवरण ।
५. सलई का पेड़ ।
६. बौंरा ।
७. एक माशा चाँदी (को॰) ।
८. एक किस्म का गेहूँ (को॰) ।