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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वलय संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मंडल ।

२. कंकण ।

३. चूड़ी ।

४. वेष्ठन ।

५. अठारह प्रकार के गलगंड रोगों में से एक । विशेष—इसमें कफ के कारण गले के अंदर उस नली में जिसमें से होकर अन्न जल पेट में जाता है, एक गाँठ उत्पन्न हो जाती है । यह गाँठ ऊँची और बड़ी होती है और अन्न जल के जाने का मार्ग रोक देती है । वैद्य लोग इसे असाध्य मानते हैं ।

६. दंड व्यूह का एक भेद । सैनिकों की दो दो पंक्तियों में स्थिति । (कौटिल्य अर्थसास्त्र) ।

८. कुंडल । बाला (को॰) ।

९. कटिबंध । मेखला । कमरपेटी (को॰) ।

१०. प्राकार । चहारदीवारी (को॰) ।

११. शाखा । डाली (को॰) ।

१२. शरीर की गोल हड्डियाँ ।

१३. प्राचुर्य । विविधता । आधिक्य (को॰) ।