प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वर्णविपर्यय संज्ञा पुं॰ [सं॰] निरुक्त के अनुसार शब्दों में वर्णों का उलटफेर हो जाना । जैसे, 'हिंस' शब्द से बने 'सिंह' शब्द में हुआ है ।