वर्ण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनवर्ण पु † ^१ संज्ञा पुं॰ [देश॰] धनुष । उ॰—वण छेद सुजेह, कबाण वणी । फब ईस धकै फिर सेस फणी ।—रा॰ रू॰, पृ॰३४ ।
वर्ण ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] शव्द । ध़्वनि । शोर [को॰] ।
वर्ण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. पदार्थों के लाल, पीले आदि भेदों का नाम । रंग । विशेष दे॰ 'रंग' ।
२. जनसमुदाय के चार विभाग ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र जो प्राचीन आर्यों ने किए थे । जाति । विशेष—इस शब्द का प्राचीन प्रयोग ऋग्वेद में है । वहाँ यह जनता के दो वर्गों आर्यों और दस्युओं को सूचित करने के लिये हुआ है । यह विभाग पहले रंग के आधार पर था; क्योंकि आर्यं गोरे थे और दस्यु या अनार्य काले । पर पीछे यह विभाग व्यवसाय के आधार पर हुआ और चार वर्ण माने गए । पुरुष- सूक्त में चारों वर्णों की उत्पत्ति का आलंकारिक रूप से इस प्रकार वर्णन है कि ब्राह्मण ईश्वर के मुख से, क्षत्रिय बाहु से, वैश्य जंघे से और शूद्र पैर से उत्पन्न हुए । इस व्यवस्था के अनुसार 'वर्ण' शब्द की व्युत्पत्ति 'वृ' धातु से बताई जाती है, जिसका अर्थ है 'चुनना' । अतः 'वर्ण' शब्द का अर्थ हुआ व्यव- साय । स्मृतियों में भिन्न भिन्न वर्णों के धर्म निरूपित हैं । जैसे, ब्राह्मण का धर्म—अध्ययन, अध्यापन, यजन, याजन, दान और प्रतिग्रह; क्षत्रिय का धर्म—प्रजारक्षा, दान, यज्ञानुष्ठान और अध्ययन; वैश्य का धर्म—पशुपालन, कृषि, दान, यज्ञ और अध्ययन; शूद्र का धर्म—तीनों वर्णों की सेवा । व्यवसायभेद और सब देशों में भी चला आ रहा है, पर भारतीय आयों की लोकव्यवस्था में वह व्यवसायों के विचार से जातिगत या जन्मना माना गया है । इसी 'वर्ण' और 'आश्रम' की व्यवस्था को भारतीय आर्य अपना विशेष लक्षण मानते थे और अपने धर्म को 'वर्णाश्रम धर्म कहते थे' ।
३. भेद । प्रकार । किस्म ।
४. आकारादि शब्दों के चिह्न या संकेत अक्षर ।
५. गुण ।
६. यश । कीर्ति ।
७. स्तुति । बड़ाई ।
८. स्वर्ण । सोना ।
९. मृदंग का एक ताल जो चार प्रकार का होता है—पाट,विधि पाट, कूट पाट और खंड पाट ।
१०. रूप ।
११. अंगराग । विलेपन ।
१२. कुंकुम । केसर ।
१३. चित्र । तसवीर ।
१४. रग । रोगन (को॰) ।
१५. रंग ढंग । आकृति । बाह्म रूप (को॰) ।
१६. पोशाक । वेशभूषा (को॰) ।
१७. एक प्रकार का ढीला ढाला अँगरखा । लबादा (को॰) ।
१८. ढक्कन । आवरण (को॰) ।
१९. हाथी की झूल (को॰) ।
२०. उपवास । व्रत (को॰) ।
२१. अज्ञात राशि (को॰) ।
२२. एक की संख्या (को॰) ।
२३. एक माप (को॰) ।
२४. एक गंध- द्रव्य (को॰) ।
वर्ण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक नदी का नाम । बन्नू । आदित्या ।
२. बन्नू नामक देश ।
३. सूर्य ।