प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वबाल संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. बोझ । भार ।

२. आपत्ति । कठिनाई ।

३. घोर विपत्ति । आफत ।

४. ईश्वरीय कोप ।

५. पाप का फल । क्रि॰ प्र॰—होना । मुहा॰—किसी का वबाल पड़ना=किसी को दुःख पहुँचाने का फल मिलना । दूखिया की आह पड़ना । जैसे,—इसका वबाल तेरे ऊपर पड़ेगा ।