प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वन्या संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. मुदगपर्णी ।

२. गोपाल ककड़ी ।

३. गुंजा ।

४. भद्रमुस्ता ।

५. अश्वगंध । असगंध ।

६. सघन जंगल । वनसमूह । ७ बाढ़ । जलप्लावन ।

९. अप्रकेत जलराशि ।

१०. लता । उ॰—परंतु मेरा तो निज का कोई स्वार्थ नहीं, हृदय के एक एक कोने को छान डाला—कहीं भी कामना की वन्या—नहीं । स्कंद॰, पृ॰ ९३ ।